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Massage Girl in Ludhiana: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Ludhiana who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Ludhiana that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Ludhiana massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Ludhiana who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Ludhiana massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Ludhiana massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Ludhiana who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Ludhiana employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Ludhiana helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Ludhiana

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Ludhiana at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

अनिल उमा की गांड Antarvasna पर चुटकी काटते हुआ बोला- उमा जी, जरा तुम्हारी गांड मार ली जाय! बहुत सुंदर लग रही है और बहुत दिन से किसी लोंडिया की गांड भी नहीं मारी है! चलो रानी, जरा कुतिया बन जाओ!

उमा बोली- एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा!

अनिल ने हज़ार के 5 नोट उमा की तरफ बढ़ाये और बोला- ये लो रानी! लेकिन प्यार से गांड मरवाना!

उमा पलंग पर घोड़ी बन गई और बोली- हज़ूर, देर किस बात की! अब ठोक ही दो! पिछले 30-35 दिन से ठुकवाई भी नहीं है।

उमा अपने हाथ कोहिनी के सहारे पलंग पर रखकर घोड़ी बन गई। मेरा मुँह उमा के मुँह की तरफ था। राजू मेरे सर को अपनी गोदी में रखकर मेरे संतरों से खेल रहा था। अनिल अपना लौड़ा उमा की गांड के मुँह पर रख कर उसे घुसाने की कोशिश में लगा था। अनिल उमा से बोला- साला घुस ही नहीं रहा है! बड़ी कसी हुई है! पिछली बार तो आराम से घुस गया था!

उमा बोली- साइड में जेली क्रीम रखी है उसे लगा, तब घुसेगा।

राजू ने क्रीम निकाल कर अनिल को दे दी। उसने अपनी उंगली में ढेर सी क्रीम लगाई और उमा की गांड क्रीम से भर दी। राजू ने मुझे भी घोड़ी बना दिया और अपना लंड मेरी चूत में पीछे से घुसा दिया और धीरे धीरे मेरी चूत में धक्के मारने लगा। अब मेरा मुँह उमा की गांड की तरफ था। हम दोनों पलंग पर 90 डिग्री का कोण बना रहे थे।

अनिल बोला- थोड़ी क्रीम साली की गांड में भी लगा! इसकी गांड भी मारूंगा। साली लौड़ा नहीं चूसती है ना!

राजू ने लंड निकाल कर अपनी उंगली मेरी गांड में घुसा दी और मेरी गांड भी क्रीम से भर दी। कुछ देर उसने उंगली मेरी गांड में आगे पीछे की और दोबारा मेरी चूत में लंड घुसा कर मुझे चोदने लगा।

अनिल उमा की गांड में बड़े प्यार से उंगली घुसा कर उसकी गांड की मालिश कर रहा था। थोड़ी देर बाद उसने उमा की गांड पर अपना लंड रख दिया और एक झटका तेजी से मारा। उमा के जोर से चीखने की आवाज़ आई। उमा चीख सी रही थी- कुत्ते, छोड़! मर गई! मर गई! हरामी रंडी की औलाद लौड़ा निकाल! फट गई!

मैंने मुँह उठा कर देखा तो दंग रह गई। अनिल ने अपना आधा लंड उमा की गांड में घुसा दिया था और उसे अंदर घुसाने की कोशिश में लगा था। उमा बुरी तरह चीख रही थी। थोड़ी देर में उसका लंड पूरा उमा की गांड में फिट हो गया। अब राजू मेरी चूत और अनिल उमा की गांड पेल रहे थे। मुझे चुदने में अब बहुत मजा आ रहा था। थोड़ी देर में उमा भी मीठी मीठी सिसकारियाँ और चीखें मारने लगी। अनिल का लौड़ा उसकी गांड में आगे पीछे होते हुआ मैं बड़े आराम से देख रही थी।

अनिल मेरे बाल खींचते हुआ बोला- साली, तेरी भी अभी मारूंगा! देख ले और देख ले!

उमा गांड हिला हिला कर गांड मरवाने का मजा ले रही थी। कुछ देर बाद दोनों लोगों ने अपना लंड निकाल लिया। दोनों के लंड पूरे तने हुए खड़े थे, शायद गोली का असर था। मेरी चूत में मीठा दर्द हो रहा था। अनिल ने उमा की गांड से लंड निकाल लिया और मेरे मुँह के पास लंड रखकर बोला- राजू, तू उमा की गांड में घुसा! मैंने खोल दी है!

राजू ने मेरी चूत से लंड निकाल कर उमा की गांड में घुसा दिया। राजू का लंड अनिल से पतला था इसलिए उमा की फटी गांड में आराम से घुस गया। उमा बिस्तर पर लगभग लेट सी गई थी, राजू का लंड उमा की गांड में सरपट दौड़ने लगा।

अनिल ने कंडोम निकालकर फ़ेंक दिया था और मेरे मुँह पर अपना लौड़ा रखकर मेरी चूचियाँ कस के दोनों हाथों से मसल दीं और बोला- ले कुतिया लौड़ा चूस!

लेकिन मुझे लौड़ा चूसने से चिढ़ थी, मैंने अपना मुँह बंद रखा।

अनिल बोला- हरामिन साली! रंडी नखरे करती है, अभी मजा चखाता हूँ!

उसने मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया। अनिल का लंड अच्छा मोटा था उसने पूरी ताकत से एक झटके में मेरी चूत में लंड पेल दिया।

मैं जोर से चिल्ला उठी- उई मर गई!

अनिल मेरी चूची कस कस कर नोच रहा था, मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी थी- उई मर गई!

उमा भी हलकी हलकी सिसकारियाँ ले रही थी। अनिल का लंड मेरी चूत में तेजी से झटके खा रहा था। राजू का लंड झड़ चुका था, उमा चुदने के बाद बिस्तर पर एक घायल कुतिया की तरह लेट गई। अनिल ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर खींच लिया। उसका लंड अभी भी टनटना रहा था। अनिल अब मेरी मेरी गांड में अपनी उंगली घुसा रहा था और उसे गांड में अगूंठी की तरह घुमा के आगे पीछे कर रहा था, साथ ही साथ गुर्रा रहा था- रंडी साली! तेरे को तो मैं बताता हूँ! लौड़ा चूसने से मना करती है ना!

मेरी गांड में अजीब सी खुजली हो रही थी और मुझे समझ नहीं आ रहा था अब यह क्या करेगा!

उसने पास में रखी जेली ट्यूब पूरी मेरी गांड में पिचका दी, राजू से बोला- कुतिया तेरा लौड़ा चूसने से मना कर रही थी? अभी साली से चुसवाता हूँ! पूरे पचास हज़ार दिए हैं! सारे छेदों में डालूँगा हरामिनो के! साली शरीफ बनती हैं! इसके मुँह पर लौड़ा रख और कस कर इसकी चूचियाँ दोनों हाथों से पकड़!

राजू मेरी चूचियाँ पकड़ कर खड़ा हो गया और अपना लंड मेरे मुँह के आगे रख दिया। मैंने अपना मुँह नहीं खोला। अनिल ने चूत में से अपना लंड निकाल कर मेरी गांड के मुँह पर रख दिया और झटके से मेरी गांड में घुसा दिया। मैं एकदम से चिल्ला उठी- उई, मर गई! मर गई!

लंड मेरी गांड में थोड़ा सा घुस चुका था और वो पूरा घुसाने की कोशिश कर रहा था। मैं चिला रही थी- उई मर गई! छोड़ कुत्ते छोड़! फट गई! फट गई!

मेरी आँखों से आंसू आ गए थे, मैं झटका दे रही थी कि मेरी चूत से लौड़ा निकल जाए लेकिन अनिल और राजू की पकड़ बड़ी मजबूत थी। अनिल बोला- कुतिया इतना क्यों चिल्ला रही है? अभी तो दो इंच भी अंदर नहीं घुसा है, साली कितनी कसी हुई गांड है तेरी? इतना दर्द हो रहा है तो चुपचाप लौड़ा चूस ले ना! नखरे क्यों करती है?

अनिल कस कर मेरी कमर पकड़े हुआ था और राजू मेरे दोनों संतरे दबाए हुए था, अनिल चिल्लाया- राजू कुतिया को छोड़ियो नहीं जब तक तेरा लौड़ा मुँह में न ले ले!

अनिल पूरी ताकत से लंड मेरी गांड में घुसाने की कोशिश कर रहा था, मैं दर्द के मारे मरी जा रही थी और रोते हुए चिल्ला रही थी।

उमा भी मुड़ कर मेरी तरफ देख रही थी, उमा बोली- अनिल जी, इसे छोड़ दो! इसने आज तक गांड नहीं मरवाई है! मर जायेगी!

अनिल बोला- साली हर कुतिया को एक न एक दिन तो खुलवानी ही पड़ती है! चूत भी तो साली की खुली होगी! आज कुतिया की गांड मैं खोल देता हूँ! हरामिन मेरे यार का लौड़ा चूसे तो इसे छोड़ सकता हूँ!

अनिल ने दम लगा के अपना लंड कुछ और अंदर तक तक मेरी गांड में ठोंक दिया था। राजू का लंड मेरे मुँह के आगे झूल रहा था। अनिल ने अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाला तो मुझे कुछ शांति सी लगी लेकिन अगले ही सेकंड एक तेज झटका मेरी गांड पे लगा लंड गांड में और अंदर तक घुस गया था। मेरी जोरों से चीख निकल गई।

अनिल चिल्लाया- तू साली हरामजादी लौड़ा नहीं चूसेगी तो तेरी तो गांड ही मारनी पड़ेगी।

अनिल ने लंड मेरी गांड में दौड़ाऩा शुरू कर दिया। मेरी जोरों से चीख निकल गई। .मेरा दर्द असहनीय हो रहा था, मैं बोली- छोड़ कुत्ते छोड़! ले मैं मुहं में लेती हूँ!

अनिल ने गांड से लंड निकाल लिया। मरती क्या न करती- मैंने राजू का मुरझाया हुआ लंड अपने मुंह में ले लिया। अनिल ने मेरे चूतड़ौ॑ पर हाथ मारा और बोला- शाबाश मेरी रंडी! पहले इसका चूस! फिर मेरा चूसियो!

अनिल ने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी गांड के मुँह में छुला रखा था जिसके कारण गांड के मुँह पर चुभन सी हो रही थी।

पहली बार मेरे मुँह में लंड घुसा था, मैं उसे चूसने लगी। मुझे पता था कि अगर मैंने लंड बाहर निकाला तो मेरी गांड फाड़ दी जायेगी।

थोड़ी देर में राजू का लंड दोबारा खड़ा होने लगा, लेकिन जैसे जैसे मैं लंड चूस रही थी मेरे बदन में मस्ती सी बढ़ती जा रही थी। सच, मुझे जबरदस्त मजा आ रहा था। अब मैं पूरी मस्त होकर लौड़ा चूस रही थी। मुझे पता चल गया था कि जब तक कोई चीज़ चखो नहीं, तब तक उसके मजे का पता नहीं चलता है।

राजू का लंड अब पूरा खड़ा हो गया था, उसे अब मैं बिल्कुल ब्लू फिल्म की हिरोइन की तरह चूसने लगी थी।

अनिल दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को दबाते हुए बोला- शाबाश मेरी जान! यह हुई न बात! और उसने अपना लंड मेरी चूत में फिट कर दिया।

मैं चिहुंक उठी लेकिन अगले ही क्षण पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया था और चूत में आगे पीछे दौड़ने लगा था। इस समय मुझे पता चल रहा था कि दो दो लंडों का मजा क्या होता है। मुझे मस्त मजा आने लगा था, अब मैं पूरी मस्त होकर लंड चूस रही थी, साथ ही साथ चूत भी मैंने ढीली छोड़ दी थी। मेरी चूत की चुदाई भी शुरू हो गई थी। दो लंडौं से पिलवाने का मजा क्या होता है, लिख कर नहीं बताया जा सकता। वाकई अब मैं असली कुतिया होने का मजा ले रही थी। सच! यह तो जन्नत का मजा था! मैंने सोच लिया था कि अगर अब अनिल गांड मारेगा तो कितना ही दर्द हो गांड भी एक बार मरवा लूंगी। पता तो चले गांड मरवाने में कितना मजा आता है!

थोड़ी देर बाद राजू ने मेरे मुँह में अपना नमकीन वीर्य छोड़ दिया। मैंने एक झटके में अपना मुहं खोल के सारा वीर्य बाहर थूक दिया।

अनिल बोला- रानी अमृत बाहर फेंकती हो? अभी मजा चखाता हूँ!

और उसने मेरी कमर कस के पकड़ कर पूरी ताकत से अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर मेरी गांड में ठोंक दिया। मेरी चीख निकल पड़ी। उसने झुककर मेरे संतरे कस कर दबा लिए थे और उन्हें मसलते हुए बोला- साली बड़ी टाइट है तेरी! 3-4 इंच से ज्यादा घुसता ही नहीं है! लेकिन आज तेरी अब फाड़ कर ही चोदूंगा!

मैं दर्द के मारे जोर जोर से चीख रही थी, उमा लेटे लेटे बोली- रीता, थोड़ी गांड ढीली छोड़ दे! जब तक इनका लंड पिचकेगा नहीं, यह नहीं मानेंगे!

अनिल बोला- साली की फटेगी नहीं तब तक नखरे करेगी। आज फट गई तो अगली बार अच्छी तरह से मरवाएगी।

और उसने मेरी गांड को गोदना जारी रखा। मैंने अपनी गांड ढीली छोड़ दी, मैं एक तरह से अब गांड मरवाने को तयार थी। अनिल का लंड लगभग पूरा गांड में घुस गया था और वो अब मेरी गांड मार रहा था। मैं जोर जोर से चीख भी रही थी लेकिन मुझे अब गांड मराने में मजा भी आ रहा था। उमा खेली खाई थी, वो समझ गई कि मुझे अब गांड फटवाने में मजा आ रहा है।

उमा मुस्कराती हुई बोली- रीता, मस्ती आ रही है? ले ले मजा! फिर पता नहीं कब मौका आएगा!

थोड़ी देर बाद अनिल झड़ गया और पस्त होकर लेट गया। अब हम चारों ही पस्त थे। मेरा पूरा बदन दुःख रहा था, मैं समझ गई थी कि चुदाई क्या होती है लेकिन साथ ही साथ मुझे पता चल गया था कि लंड चूसने में कितना मजा आता है। मुझे इस बात की भी ख़ुशी हो रही थी कि मैंने गांड मरवाने का मजा भी ले लिया।

सुबह दस बजे मेरी नींद खुली। उमा की नौकरानी चाय बना कर ले आई। हम चारों बिस्तर पर नंगे पड़े हुए थे। अनिल मेरे गले में हाथ डालकर बोला- रानी, कल रात के लिए गुस्सा तो नहीं हो? थोड़ी ज्यादा ही मार ली तुम्हारी!

राजू उमा के गले में हाथ डाले था। लंड दोनों के शांत थे। अनिल बोला- उमा जी, वाकई कमाल का हुस्न है आपकी सहेली का!

चाय पीने के बाद हम लोगों ने अपने कपड़े पहन लिए। अनिल बोला- रानी ना नहीं करना! एक बार लौड़ा और चूस लो!

उमा बोली- चूस ले! इतना नखरा भी क्या!

अनिल ने अपनी पैंट खोल कर मेरे मुँह पर लौड़ा रख दिया। अब मुझे लौड़ा चूसने में कोई हिचक नहीं थी। अगले मिनट मेरे मुँह में अनिल का और उमा के मुँह में राजू का लौड़ा था। हम दोनों ने दस मिनट लगातार उनके लौड़े चूसे और इस बार उनका लंड रस भी मैंने अपने मुँह में लिया। वीर्य शुरू में मुझे थोडा अच्छा नहीं लगा लेकिन उमा ने बताया कि दो तीन बार पीयेगी तो अमृत सा लगने लगेगा और रोज़ अपने पति का जबरदस्ती पीयेगी।

मैंने उमा की बात मानते हुए पूरा वीर्य अपने मुँहं में ले लिया। इसके बाद राजू ने भी मुझे अपना लौड़ा चुसवाया।

वाकई अब मैं लौड़ा चूसने की दीवानी हो गई थी। अनिल और राजू उसके बाद उमा के घर से चले गए।

उमा बोली- यार मुझे पता नहीं था कि ये लोग इतनी बुरी तरह चोदेंगे! तेरी भाभी को भी एक बार अनिल चोद चुका है लेकिन तब इसने बड़ी शराफत से चोदा था। माफ़ कर दे यार!

मैं बोली- उमा, तूने मुझे एक रात के लिए कॉलगर्ल बना दिया लेकिन मुझे पता चल गया कि लौड़ा चूसने में कितना मजा आता है! और अनिल ने मेरी गांड भी खोल दी जो शायद अगर मैं अपने पति के साथ रहती तो कभी नहीं खुलती! मैं तेरा धन्यवाद अदा करती हूँ लेकिन अब मैं अपने पति के साथ जाकर रहूंगी क्योंकि अब मैं बिना चुदे नहीं रह सकती।

मेरे होटों पर कटे के निशान थे, मैं दो दिन उमा के पास रुकी। उमा ने बताया कि उसके दूधवाले का लंड आठ इंच लम्बा और चार इन्च मोटा है। उमा के कहने पर मैंने उसके दूधवाले का लंड चूसा। सच जन्नत का मजा आया मुझे।

दो दिन बाद मैंने अपना सामान बांध लिया और उमा से बोली- उमा, जिन्दगी का असली मजा चुदने में ही है! अब मैं अपने पति से चुदूंगी क्योंकि उन्होंने हमेशा प्यार से लंड चूसने को कहा, मैंने नहीं चूसा। अब मुझे पता चल गया है कि लौड़ा चूसने में कितनी मस्ती आती है। तेरा धन्यवाद कि तूने मुझे एक रात रंडी बनाकर मुझे सेक्स के असली मज़े का ज्ञान कराया। मैं एक रात के लिए रंडी बन गई लेकिन इसका भी अपना मजा था।

उमा ने मेरे हिस्से के 25000 रुपए मुझे दे दिए जो मैंने रख लिए क्योंकि रंडी तो मैं बनी ही थी।

आपकी उषा रांड Antarvasna

Sex Stories

हाय दोस्तो, मैं अन्तरवासना का Sex Stories नियमित पाढ़क हूँ और मैं इस पर छपने वाली हर कहानी को बड़े ही मजे से पढ़ता हूँ।
तो चलो आते हैं मेरी कहानी पर।

मेरा नाम देव है और मैं दिखने में ठीक-ठाक और 20 साल का एक अच्छा लड़का हूँ। मैंने कभी भी किसी लड़की को गलत नजर से नहीं देखा था।

यह घटना लखनऊ की है और मेरे पापा की पोस्टिंग के बाद मैं बटिण्डा(पंजाब) चला गया। इस घटना के बाद मेरा लडकियों के प्रति नजरिया बदल गया।

बात उन दिनों की है जब मैं बारहवी कक्षा में पढ़ता था। चूँकि मैं सांइस विषय से था इसलिए मुझे लड़कियों के साथ पढ़ने का काफी मौका मिलता था। मैं और मेरी कुछ 2 या 3 लडकियाँ दोस्त अक्सर गेम्स के समय थोड़ा पढते थे और थोड़ा मौज-मस्ती किया करते थे।

यह बात मेरी ही क्लास के कुछ लड़के और लड़कियों को अच्छी नहीं लगती थी और वह मुझे कभी-कभार इस बात को लेकर मजाक भी किया करते थे।

मेरी ही क्लास में एक लड़की थी जिसका नाम पूजा था। वह दिखने में एकदम किसी फिल्म की हीरोइन की तरह लगती थी, उसकी आँखों में एक अजब सा नशा दिखाई पढ़ता था। वह अभी कच्ची उम्र यानि कि करीब 18 साल की रही होगी और वह देखने में गोरी और चिकनी थी। वह मुझसे जब भी मिलती तो मुस्कुरा देती और मुझसे शरारत भरे सवाल पूछती कि तुम उन लड़कियों के साथ क्या करते रहते हो? वगैरह-वगैरह और मैं कह देता था कि बस पढ़ता ही तो हूँ और क्या करता हूँ। उस समय मैं उसकी शरारत भरी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था और उसे अक्सर टाल जाता था।

ऐसे ही महीने बीतते गये और मेरे फाइनल पेपर के लिए कुछ महीने शेष रह गये। तब मुझे भी अन्य विद्यार्थीयों की तरह पेपर में अच्छे नंबर लाने के लिए एक कोचिंग सेन्टर में प्रवेश लेना पडा़। एक दिन मैं थोड़ा सा बिमार पड़ गया और मैं उस दिन कोंचिग क्लास नहीं ले पाया। मेरी आदत थी कि मैं कोचिंग शुरु होने से पहले ही वहाँ पहुँचकर अपने दोस्तों के साथ थोड़ी यहाँ-वहाँ की बातें करता था।

अगले दिन रोज की तरह मैं कोचिंग गया तो मेरे दोस्तो ने बताया कि कल ही तुम्हारे स्कूल की एक लड़की ने यहाँ ऐडमिशन लिया है और उसका नाम पूजा है। मेरी तो यह सुन कर सिटी-पिटी गुम हो गई। मैन सोचा कि अब वह मुझे यहाँ भी चिढ़ायेगी।

मैं उसकी शरारतों से बहुत ही डरता था। अभी कुछ ही देर हुई थी कि वह कोचिंग क्लास में आ गई। मैंने उसे वहाँ देखा तो देखते ही रह गया, वह पीले पटियाला सूट में एकदम पटाका लग रही थी। उसने मुझे देखते ही हाय किया और मैंने उसे अनदेखा करते हुए यहाँ-वहाँ देखने लगा। जब क्लास खत्म हो गई और मैं वहाँ से जाने लगा तो उसने मुझे पीछे से रोका और मुझे आवाज दी। मैं वहाँ ही रुक गया।

उसने कहा- तुम भी यहाँ पढ़ते हो?
तो मैंने कहा- हाँ!
उसने कहा- कबसे?
मैंने कहा- 10 दिन से।
उसने कहा- क्या हम साथ चल सकते हैं?

तो मैंने बहाना बना दिया और वहाँ से चला गया। दरअसल उसका घर मेरे घर के रास्ते में ही पड़ता था।

ऐसे ही कुछ दिन बीत गये और एक दिन क्लास के समय पूजा की तबीयत अचानक खराब हो गई। सर ने पूछा- क्या हुआ?

तो उसने कहा- कुछ नहीं! बस सर दर्द हो रहा है! और वह एक तरफ सर झुका कर बैठ गई।

जब क्लास खत्म हो गई तो भी वह वैसे ही बैठी हुई थी। सर उसके पास गये और उसकी तबीयत देखकर कहा- क्या कोई इसके घर के पास रहता है?

तो उसकी सहेलियों में से एक ने मेरा नाम बताया।
सर ने मुझे कहा- अब तुम इसको घर तक पहुँचाओगे।

मैं भी क्या करता, मुझे भी हाँ करनी पड़ी। हम दोनों साइकिल से ही जाते थे तो रोज की तरह मैंने साइकिल उठाई और आज पूजा को साथ लेकर चलने लगा।

पहले तो मैंने उससे कुछ नहीं कहा, क्योंकि घर थोड़ी दूर था इस लिए उसने ही पहले शुरुआत करते हुए पढ़ाई कैसी चल रही है वगैरह-वगैरह के बारे में पूछा। रास्ते में बातें करते करते अब मैं उससे थोड़ा नजदीक आ गया था। उसने अपने घर के बारे में बताते हुए कहा कि उसको घर में रहना बहुत बेकार लगता है क्योंकि उसके मम्मी-पापा हमेशा लड़ते रहते थे। मेरी बातों ही बातों में उससे दोस्ती हो गई।

अब मैं जानने लगा कि वह इतनी भी दिल की बुरी नहीं है जितना कि मैं उसको समझता था। अब तो क्या था वह रोज मेरे साथ कोचिंग जाने और आने लगी। अब वह मेरे लिए दोस्त से बढ़कर थी। परीक्षा शुरु होने में अभी दो हफ्ते शेष रह गये थे और अब हम लोग घर में रहकर ही परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए थे।

एक दिन अचानक मुझे उसका फोन आया और उसने कहा कि उसके सर के दिए हुए कुछ नोटस खो गये हैं और मुझसे मेरे नोटस मँगवाये। मैं कुछ ही देर बात उसके घर पहुँच गया।

उसने मेरा स्वागत किया और कुछ चाय-बिस्किट वगैरह लाकर टेबल पर रख दी।
मैंने उससे पूछा- क्या घर पर कोई नहीं है?
तो उसने कहा- चाचा जी के लड़के की शादी है इसलिए सब कानपुर गये हुए हैं!

अब वह मुझे अपने कमरे में ले गई और उसने मेरे नोटस ले लिए और फिर हम दोनों कुछ बाते करने लगे। आज मैंने उसकी आँखों में कुछ अजीब से शरारत देखी।

बातें करते-2 उसने मुझे कहा- मैं तुमसे प्यार करती हूँ।

उसकी यह बात सुन कर मेरा दिल उछलने लगा क्योंकि दिल ही दिल में मैं भी उसको चाहने लगा था। उसकी यह बात सुनकर मैंने भी उसे अपने प्यार का इजहार कर दिया। उसी समय टीवी पर ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ आ रही था और उसमें पल-पल हर पल वाला गाना चल रहा था। आप लोग तो जानते ही होंगे कि वह कितना प्यारा रोमांटिक गाना है।

गाने को देखकर पूजा मुझसे लिपट गई और कहने लगी- देव मुझे इतना प्यार दो कि मैं आज तुम्हारे प्यार से भर जाऊँ।

उसने मेरे औंठों पर अपने गुलाबी औंठ रख दिया। इतना प्यार पाकर मेरे अन्दर का मर्द भी जाग गया और मैंने भी उसे जी भरकर चाटना-चूमना शुरु कर दिया। इतना प्यार पाकर हम दोनों काम वासना की ज्वलंत अग्नि में जलने लगे। हम दोनों का शरीर गर्मी से जला जा रहा था।

अब मैंने हिम्मत दिखाते हुए उसके कमीज को अलग कर दिया। वह थोड़ा शरमाने लगी। मैंने कहा- जान, अब क्यों शरमाती हो, मैं तो तुम्हारा ही हूँ। फ़िर सलवार निकालने के बाद तो उसके शरीर पर केवल ब्रा और पेन्टी ही शेष बाकी रह गये थे। उसके रसीले यौवनयुक्त शरीर को देखकर मैं पागल हुए जा रहा था।

उसने कहा कि मुझे ही नंगा किये जा रहे हो। अपने शरीर को भी तो दिखाओ?
मैंने कहा- अभी लो जान!

और मैं झट से नग्न अवस्था में उसके सामने खड़ा हो गया, उसने मेरे शरीर को ऊपर से नीचे तक निहारा और प्यार से मेरे छाती पर अपने औंठों का घुमाने लगी।

मेरा 6 इंच का लंड देखकर उसके मुँह खुला का खुला रह गया। मैं तो बस पागल ही हुए जा रहा था। अब मैं उसकी ब्रा को उठाने लगा तो उसने अपने हाथ आगे कर लिए। धीरे धीरे मैंने आगे बढ़ते हुए उसकी ब्रा को उसके कोमल से शरीर से अलग कर दिया। वह अब किसी परी की तरह लग रही थी। मैंने अब उसके स्तन चूसने प्रारंभ किये। हाय!! कितने सुख की अनुभूति मुझे हो रही थी मैं आपको बता नहीं सकता।

वह अब सिसकियाँ लेने लगी… हाय!! ऐसे ही! हाँ ऐसे ही!…हाय!!

यह सब उसके मुख से निकल रहा था। कुछ देर तक चूची का रस चूसने के बाद मैंने उस कच्ची कली की पैन्टी भी उतार दी।

अब उसके शरीर पर एक धागा तक शेष ना बचा था। उसके इस नग्न छरहरे कामुक बदन को देखकर तो शायद कामदेव भी शरमा जाए।

मैंने अब उसकी चूत को निहारा, बिल्कुल गुलाबी सा रंग, एक भी बाल न था उसकी चूत पर। अब तो सारा काम मुझे ही करना था।

मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत पर हाथ फिराना शुरु किया, पहले तो उसे कुछ गुदगुदी सी हुई फिर उसे मजा आने लगा, मैं अब एक अँगुली उसकी गुलाबी चूत के मुहाने पर रखकर अन्दर-बाहर करने लगा।

वह तो मानो पागल हो गई और कामवासना की आग में जलने लगी और कहने लगी- हाँ राजा!! ऐसे ही हाँ ऐसे ही!! ऊम… ऊमममम… ऊईईईईईई…

अब उसे बर्दाशत नहीं हो रहा था… थोड़ी देर बाद मैंने सोचा- अब बस बहुत खेल लिया अब इस लंड की प्यास भी बुझाई जाए और मैं अपने लंड को आगे लेकर उसकी चूत की ओर बढ़ा़।

उसने कहा- इतना बडा! मेरी चूत में कैसे जाएगा?

मैंने कहा- जानम! तुम बस देखती जाओ…!

उसने कहा- दर्द होगा?!
मैंने कहा- तुम्हें बिल्कुल भी दर्द न होने दूँगा।

यह सुनकर उसकी जान में जान आई। अब मैंने लंड को उसके योनि-द्वार पर रखा और हल्के से झटका मारा, लंड अभी थोड़ा सा ही अन्दर गया होगा कि उसकी चीख निकल पड़ी- हाय!!!! मर गईईईईई… आआआआ…

मैंने सोचा- लगता है गई भैंस पानी में। थोड़ी देर तक हम इसी अवस्था में रहे। उसकी कुंवारी चूत जानकर मैं पास ही पड़ी एक क्रीम उठाकर उसकी चूत के अन्दर बाहर लगाने लगा।

उसके कहा- यह क्या कर रहे हो?

तो मैंने कहा- जान घबराओं मत, इसको लगाने से तुम्हें दर्द की अनुभुति कम होगी और मेरा लंड आसानी से तुम्हारी इस प्यारी चूत में समा जायेगा।

उसने कहा- ठीक है!

उसकी तरफ से हरी झंडी मिलते ही मैंने फिर से एक बार चूत पर अपने लंड की दस्तक दी और मारा एक जोरदार शॉट, ऐसा करते ही उसकी चूत की सील फट गई और उसकी चूत का खून रिस-रिस कर चूत के छेद से बाहर बहने लगा और वह जोर से चिल्लाई-… हाय!! माँ मर गईईईई ईईईईईई…

हाय!!, मैंने सोचा कि यह क्या हो गया!!

मैंने जल्दी से नैपकिन लाकर उसकी चूत की सफाई करी। थोड़ी देर बात मैंने उससे कहा- क्या फिर से शुरु करें।

उस समय तक उसका दर्द कुछ कम हो गया था। मैंने उसे अपनी कसम दी तो वह मान गई।

मैंने अब फिर से एक बार डरते हुए लंड डाल दिया, वह अबकी बार थोड़ा कम चिल्लाई, मैंने अब हौले-हौले चुदाई शुरु कर दी।

थोड़ी देर बाद उसको भी मजा आने लगा और वह कहने लगी- हाँ राजा ऐसे ही ऐसे ही… उममम… आआआ… हाय…
अब मैंने भी अपने पूरे जोर से चोदना चालू रखा।
मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं स्वर्ग में हूँ।

लगभग 15 मिनट की तेज चुदाई के बाद में झड़ने लगा, उसने कहा- बस थोड़ी और देर! मैं भी झडने वाली हूँ।

मैंने कहा- ले! मैं गया! और मैं अपने पूरे तेज के साथ उसकी चूत में झड़ गया और वह भी मेरे साथ झड़ गई। हम दोनों का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा और हम लगभग आधे घन्टे तक एक दूसरे के ऊपर ही चिपकर लेटे रहे।
फिर आधे घन्टे बाद मैंने उसे उस दिन फिर दो बार चोदा वह भी अलग-2 स्टायल में।

दूसरे ही दिन पूजा के मम्मी-पापा शादी से आ गये। फिर पेपर के बाद मेरे पिताजी की पोस्टिंग आ गई और उसके बाद फिर मैं उससे कभी नहीं मिल पाया।

यह थी मेरे पहले सेक्स की सच्ची कथा अन्तर्वासना डॉट कॉम पर। आशा करता हूँ कि आपको पसंद आयेगी।
किसी भी प्रकार की गलती के लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ। Sex Stories

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मेरा नाम मोहित है और मैं प्रतिदिन Hindi Sex Stories अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ता हूँ! आज मैंने सोचा कि मैं आप लोगो के साथ अपना अनुभव बांटू.

पहले मैं आप को अपने बारे में बता दूं। मेरी उम्र 30 साल है। मेरी लम्बाई 6 फीट है और मैं दिखने में भी काफ़ी ठीकठाक हूँ। मैं बरोदा में रहता हूँ।

ये कहानी तब की है जब मैं इन्टरनेट पर बहुत ही चेटिंग करता था। तब मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई जो इंडियन है और अब अमेरिका में रहती है। उसका नाम रेशमा है और वो भी बरोदा से ही है। नेट पर हमारी रोज बातें होने लगी तभी एक दिन मुझे पता चला कि उसकी शादी हो चुकी थी और उसके पति ने उसे छोड़ दिया था.

फ़िर ये सिलसिला आगे बढ़ा और हम दोनों ने अपने अपने फोटोस एक्सचेंज किए। तभी मैं उसे देख कर दंग रह गया कि इतनी खूबसूरत और सेक्सी बीवी को कोई पागल ही छोड़ सकता है। उसकी लम्बाई करीबन 5.5 थी और उसका रंग भी एक दम गोरा था। सबसे अच्छे उसके बूब्स थे जो कि तरबूजों की तरह थे।

एक दिन उसने मुझे बताया कि वो इंडिया आ रही है तो मैं खुशी से पागल हो गया और मन ही मन उसकी चुदाई करने की सोचने लगा। अब जब वो इंडिया आ रही थी तो मैंने बिना राह देखे उस से बोल ही दिया कि मेरे दिमाग में क्या चल रहा है। वो खाली हंस कर नेट से चली गई।

जब वो इंडिया आई तो मैं उसे रिसीव करने एअरपोर्ट पर गया तब मैंने उसे देखा तो मुझे पता चला कि उसके बूब्स सही में बड़े और मजेदार थे और उसकी गांड की गोलाई भी बहुत मस्त थी। वो मुझसे गले मिली और फ़िर मिलने का कह कर अपने रिश्तेदारों के साथ उनके घर चली गई। उसके बूब्स और गांड देख कर अब मैंने नक्की कर लिया था कि मैं इसकी मस्त चुदाई करूँगा।

दूसरे दिन उसका फ़ोन आया और उसने मुझे कहा कि वो मुझे मिलने मेरे ऑफिस पर आ रही है। तब मैंने मेरे पूरे स्टाफ वालो को जल्दी ही घर भेज दिया। जब वो आई तो थोड़ी इधर उधर की बातें की। वो मेरे सामने कुर्सी पर बैठी थी। मैं उठ कर उसके पास वाली कुर्सी पर बैठ गया और फ़िर उसका हाथ पकड़ लिया। तो वो कुछ नही बोली मैं समझ गया कि लाइन क्लिअर है।

फ़िर मैंने उसे जम कर किस किया। अब हमारे होंठ एक दूसरे से चिपक गए थे और मैं उसकी जीभ चूस रहा था। फ़िर धीरे से मैंने अपना हाथ उस के बूब्स पर रख दिया और उनको मसलने लगा तो वो सिसकारे भरने लगी। उसने जींस और टॉप पहेना हुआ था। मैंने उसके टॉप के अन्दर हाथ डाल कर ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को मसलने लगा और उसकी निप्पल को खींचने लगा।

उसकी सिसकारियां अब और भी बढ़ने लगी और वो मुझे ज़ोर ज़ोर से किस करने लगी। मैंने उसका टॉप उतार दिया और फ़िर उसकी ब्रा भी निकाल दी। तब तक उसका हाथ मेरे तने लण्ड पर था और वो उसे सहला रही थी। मेरा लण्ड अब तन गया था और चुदाई के लिए बेकरार था।

मैं उसे वहां से उठा कर बाहर पड़े सोफे पर ले कर गया और उसे वहां लिटा दिया। फ़िर उसके बूब्स को और उसकी निप्पल को चूसने लगा। फ़िर मैंने अपनी पैन्ट की जिप खोल कर मेरा लण्ड उसके हाथ में दे दिया वो उसे हिलाने लगी और मुठ मारने लगी।

फ़िर मैंने उसका जींस भी उतार दिया और पैंटी भी उतार दी और उसकी चूत में ऊँगली डाल दी। उसकी चूत गीली हो चुकी थी। मैं अपनी ऊँगली निकाल कर देर किए बिना उसे चाटने लगा तो वो तड़पने लगी और बोली कि मुझे भी चूसने का मज़ा लेने दो। फ़िर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए।

करीब 10 मिनट तक ये चला। वो झड़ चुकी थी मैंने उसका पूरा पानी पी लिया और फ़िर मैंने कहा- अब तुम भी जल्दी से मेरा सब पानी पी लो। तो उसने मेरा लण्ड जोर जोर से चूसना चालू कर दिया और थोड़ी देर में मैं भी झड़ गया और वो मेरा सब रस पी गई।

वो मेरा लण्ड चाट कर साफ़ कर रही थी तो मैंने बोला मेरी जान थोड़ा रस रहने दे तेरी गांड के होल पर लगा दे इस से आगे आसानी रहेगी। उसने ऐसा ही किया।

फ़िर मैंने उसे वहां से उठा कर बाजू वाले मेज़ पर लिटा दिया और उसकी दोनों टाँगे फ़ैला कर अपना लण्ड उसके चूत पर रख दिया। फ़िर धीरे से लण्ड के सुपारे को धक्का दिया तो वो अन्दर चला गया। गीली चूत होने के कारन लण्ड को अन्दर डालने में तकलीफ नहीं हुई। और फ़िर एक ज़ोर के धक्के से मैंने मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया… तो वो ज़ोर से चिल्लाई और बोली ज़रा धीरे से ! साले काफी टाइम से अन्दर कोई लण्ड नहीं गया है।

फ़िर मैंने धीरे से धक्के लगाने चालू कर दिए… और साथ में उसके निप्पल को चूसने लगा। वो उह्ह्ह्छ आःह्ह्छ करने लगी और बोलने लगी- फक्क मी फक्क मी हार्ड माय डार्लिंग फक्क मी वैरी हार्ड…

मुझे पूरा जोश आ गया और मेरे धक्के बढ़ने लगे… करीब 15 मिनट तक मैं उसे चोदता रहा…उसमें वो 2 बार झड़ चुकी थी और अब मैं भी झड़ने वाला था.. तो मैंने उससे पूछा की कहाँ डालू अपना पानी?

तो बोली अन्दर ही डाल दे मेरे राजा और फ़िर मैं झड़ गया…

थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और फ़िर वो मेरे लण्ड को सहलाने लगी… फ़िर खड़ी हो कर उसने मेरे लण्ड को फिर से चूसना चालू कर दिया। इस से मेरा शेर फ़िर से लड़ाई और चढाई के लिए तैयार हो गया और मैंने उसे पकड़ कर उल्टा ही मेज़ पर लेटा दिया अब उसकी गांड का छेद मेरे लण्ड के सामने था।

मैंने कभी किसी की गांड नहीं मारी थी तो मैं भी बेकरार था। फ़िर मैंने अपने हाथो से उसके दोनों चूतड़ अलग किए और मेरे लण्ड को छेद के पास रख दिया। फ़िर ज़ोर से धक्का दिया तो मेरे लण्ड का सुपारा अन्दर चला गया। अब वो जोर से चिल्लाई और बोली- बास्टर्ड इट हर्ट्स।

मैंने बोला- रानी थोड़ा सब्र करो।
फ़िर मैं उसके बूब्स को पीछे से पकड़ कर मसलने लगा और थोडी देर बाद फिर से जोर का धक्का दिया तो पूरा लण्ड उसकी गांड में चला गया।
फ़िर वो मज़े लेने लगी और चिल्लाने लगी- चोदो मुझे जोर से मेरे राजा पूरा डाल दे अन्दर आज या तेरा लण्ड नहीं या मेरी गांड नही..फाड़ दे मेरी गांड को आज..ये पूरी तेरी है.. दो हिस्सों में बाँट दे आज इसे।

अब मुझे भी जोश आ गया और मैं जोर जोर से धक्के देने लगा। 15 मिनट तक मैं उसकी गांड मारता रहा फ़िर मैं उसकी गांड में ही झड़ गया और उसकी गांड का पूरा छेद मेरे पानी से भर दिया। फ़िर थोडी देर के बाद हम दोनों ने खड़े हो कर कपड़े पहन लिए।

और फ़िर वो पूरे 3 महीने तक इंडिया में रही और हम दोनों ने जम कर चुदाई का आनंद लिया.. एक बार तो मैंने उसे वाटर पार्क में भी चोदा था वो किस्सा बाद में बताऊंगा। मगर अभी वो वापस चली गई है और मैं फ़िर से अकेला पड़ गया हूँ।

दोस्तों मेरी कहानी कैसी लगी… अपनी राय दें। Hindi Sex Stories

प्रेषक : सुनील दहिया Antarvasna

मेरा नाम रेशमी है, मैं २१ साल की हूँ Antarvasna और मेरी शादी अभी नहीं हुई है। मेरे घर पर मैं, अब्बू और अम्मी रहती हैं और मैं कॉलेज जाती हूँ। मैं बहुत ही सेक्सी और गर्म हूँ, मुझे बिना बुरका घर से निकलना मना था। मैं जब कॉलेज जाती तो सभी लड़के मुझे देखकर फब्तियां कसते, कोई कहता- जान अपना बना लो ! कोई कहता- अपना पर्दा तो उठा दो !

लड़के मेरी गांड और स्तनों के दीवाने थे। मुझे भी पता था कि जब मैं चलती तो मेरी गांड क़यामत ढाती थी। मैंने तब तक सेक्स नहीं किया था पर अब्बू अम्मी की चुदाई बहुत बार देखी, देखकर चूत में से पानी आ जाता। मेरी पैंटी भी भीगी रहती और मैं ऊँगली अपनी चूत में डाले रहती।

एक दिन जब कॉलेज की छुट्टी थी तब हम मेहमानदारी में अब्बू के दोस्त के यहाँ दावत में गए थे। उनके घर ३ आदमी थे उनकी उम्र २८, ३४ और २४ होगी। उनकी औरत बाज़ार खरीददारी करने गई थी। जब मैंने घर में अपना बुरका निकाला और बाथरूम गई तो पता नहीं अब्बू के दोस्त को पेशाब लगा था। बाथरूम भी एक था, मैं दरवाज़ा बंद करना भूल गई और अब्बू के दोस्त ने मुझे पेशाब करते देख लिया।

मैंने कहा- या अळ।ह ! आप चले जाईये !

वो कहाँ जाने वाला था जब कुंवारी चूत देख ली उसने ! उसने मुझे अन्दर बंद कर दिया और किस करने लगा। मैं चुप रही ताकि अब्बू को कुछ पता ना चले और अम्मी रसोई में थी।

उस आदमी ने मेरे कमीज़ के अन्दर के मेरे आमों को चूस लिया और मेरी चूत में ऊँगली डालकर चोदने लगा। मैं गरम हो गई थी, कुछ समझ में नहीं आ रहा था। जब उसने मुझे अपना लण्ड निकाल कर चूसने को कहा, मेरी चूत में पानी निकल गया और उसने पूरा पी लिया मेरी चूत का पानी !

या खुद। ! मुझे तो इतना अच्छा लगा बता नहीं सकती। जब उसने अपना लम्बा लण्ड मेरी कुंवारी चूत में डाला तो मैं चीख पड़ी मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ।

यह चीख मेरे अब्बू, अम्मी और उनके २ दोस्तों ने भी सुनी और जल्द बाथरूम की तरफ आ गए। जब दरवाज़ा खुला तो मेरी चूत से खून निकल रहा था और उसने अपना लण्ड मेरी चूत में डाल रखा था। अब्बू ने यह मंजर देखकर मुझे कहा बेटा तूने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा अब कौन तेरे से शादी करेगा?

उस २४ साल के लड़के ने शादी के लिए हाँ कर दी कि मैं आपकी लड़की से निकाह करूँगा ! पर मेरी एक शर्त है मेरी होने वाली रांड को आप सब मिलकर चोदेंगे तो मैं शादी करूँगा !

यह सुनकर अब्बू ने कहा- बेटा मुझे तो तेरी गांड मारनी है बस, मेरी कब से तेरी गांड पर नज़र है ! छिनाल आज तेरी गांड फाड़ दूंगा !

और अब्बू और उनके दोस्तों ने मुझे और अम्मी को चोद चोद के खलास कर दिया और उस दिन से मुझे चुदाई का खेल बहुत अच्छा लगता है ! मुझे और भी लड़कों से चुदवाना है ! कोई है जो मेरी प्यास बुझाए !

मेल करे मुझे !

गुरूजी प्लीज़ मेरी कहानी छाप दो प्लीज़ ! Antarvasna

Antarvasna

आज क्रांति का जन्म दिन था. वो काफ़ी Antarvasna उत्साहित थी. उसे पता था कि डैडी ने उसके जन्म दिन के लिए शाम को पार्टी रखी है. वो जल्दी जल्दी उठ कर फ्रेश हो कर हॉल में आ गई. जब वो हॉल में आई तो सिर्फ़ डैडी ही बैठे थे. उसने डैडी को पूछा कि मम्मी कहाँ गयी तो डैडी ने कहा कि वो तोहफ़ा लेने को मार्केट गयी है. तो क्रांति ने डैडी को पूछा कि अप मेरे लिए तोहफ़ा नहीं लेकर आए?

डैडी ने क्रांति को गौर से देखा. क्रांति को महसूस हो रहा था कि डैडी क्रांति की चूचियों को नाइटी के ऊपर से देख रहे है. पर उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की. डैडी ने कहा कि मेरा तोहफ़ा तो तुम को मम्मी की अनुपस्थिति में ही खोलना होगा.

क्रांति ने मासूमियत से कहा- चलेगा! आप दो तो सही!
डैडी ने कहा- ठीक है तुम मेरे पास आ कर बैठो और मैं तुम को एक सबसे अच्छा तोहफ़ा देता हूँ.
वो भोलेपन से अपने पापा के पास जाकर बैठी तो उस के पापा ने कहा कि तुम्हारी कमर कितनी है?
उसने कहा- 28 इंच.
तो पापा ने कहा- इतनी छोटी है! वाओ… टाइट है मतलब!

ये सुनकर क्रांति को अजीब लगा. उसके पापा ने कहा- तुम खड़ी हो जाओ, मैं तुम्हारी छाती मापता हूँ.

क्रांति इस बार भी बड़ी मासूमियत डैडी के सामने आ कर खड़ी हो गई. डैडी ने बड़ी ही बेशर्मी से क्रांति के चूचियों को हाथ लगाते हुए पेट पर रखा. इस तरह से हाथ घूमाते हुए डैडी को पता लगा कि क्रांति ने मॅक्सी के अंदर कुछ नहीं पहना.

डैडी ने कहा- पेट तो काफ़ी अंदर है पर तुम्हारे बूब्स काफ़ी बड़े हैं. क्रांति को ये बात सुन कर शरम सी आने लगी. उस ने कहा- डैडी ऐसे मत कहो ना. डैडी ने कहा- ठीक है मुझे ठीक से नाप लेने दो. ये कह कर डैडी एक दम से क्रांति की चूचियाँ दबाने लग़े. क्रांति के निपल गाउन के ऊपर से बटन की तरह दिखने लगे. क्रांति ने अपनी आंखें बंद कर ली और कहने लगी- इस तरह से किसी ने भी मेरा नाप नहीं लिया है.

डैडी हँसने लगे और कहने लगे- आगे आगे देखो अब क्या होता है.

फिर एक दम से क्रांति ने आँखें खोली और डैडी से दूर जाकर खड़ी हो गई. डैडी बने कहा- ओके! तुम्हारी कमर का नाप लेने दो और बोल कर उसके पीछे जा कर उस की कमर पर हाथ रखकर उस की गाण्ड के बीच में डाल कर बोले- उम्म! तुम तो तैयार आम हो.

मासूम क्रांति ने कहा- इस का क्या मतलब है?
तो डैडी ने कहा- तुम को मैं अपना तोहफ़ा देने के बाद बताऊँगा. फिर डैडी ने कहा कि तुम मेरे कमरे में आओ.

क्रांति को कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था. पर अब डैडी से क्या शरमाना! यह सोच कर वो डैडी के साथ कमरे में चली गयी.

कमरे में डैडी ने एक बैग निकाला और उसे कहा कि इस बैग को चेंजिंग रूम में जाकर खोलो और इसकी अंदर की चीज़ को पहन के आना.

क्रांति ने कहा कि ठीक है. वो बैग उठा कर बाथरूम में चली गयी. उस ने जब बाथरूम में जाकर बैग खोला तू उसने देखा कि उसके अंदर एक लाल रंग की ब्रा थी और एक थोंग थी. उसने डैडी को आवाज़ लगाई कि डैडी यह आपने मुझे क्या पहनने को दिया है?

डैडी ने कहा- वो ही जो तूने अभी नहीं पहना है और ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे. क्रांति कुछ समझ नहीं पाई और उसने वो लाल ब्रा पहनी और अपने आप को आईने में देखा तो उसने देखा कि वो काफ़ी जवान लड़की दिख रही है और उसके बूब्स सेक्सी औरत की तरह नेट वाली ब्रा से दिख रही हैं. फिर उसने अपनी मिली हुई तोहफ़े में से थोंग(चड्डी) पहनी.

उफ़्फ़ वो तो बस उम्म लग रही थी.…इसे बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.

वो सोच रही थी कि मैं यह पहन कर बाहर डैडी के सामने कैसे जाऊँ? कि उतने में उसके डैडी की आवाज़ आई और वो घबरा कर बाहर आ गई. बाहर डैडी उसके इंतजार में ही खड़े थे.

उसने जब अपनी बेटी को ब्रा और चड्डी में देखा तो उनकी आँखें खुली खुली रह गयी. क्रांति की चूची एक दूध की बोतल की तरह दिख रही थी और उसकी पेंटी कुछ ऐसी लग रही थी जैसे कि खज़ाना जिसमें काफ़ी सारा धन था.
उसके डैडी कुछ बोल ही नहीं पा रहे थे.

इतने में क्रांति बोली- डैडी कैसी लग रही हूँ?

डैडी ने कहा- तुम एक आइटम लौण्डिया लग रही हो.
क्रांति बोली- ये आइटम लौण्डिया क्या होती है?

तो डैडी क्रांति के पास गए और उसकी चूची को एक हाथ से पकड़ लिया और बोले जिसस लड़की के बूब्स इतने भारी और रसीले हो उससे आइटम कहते हैं और उसने एकाएक चूची को जोर से चूँटा, इतने ज़ोर से किया कि उसके चूचूक ब्रा में से बटन की तरह दिखने लगे.

डैडी को यह देख के कुछ हो गया. इतने में क्रांति बोली- ये लौण्डिया क्या होता है?

तो डैडी ने देखा कि क्रांति की आँखें चूँटने के दर्द से बंद सी हैं तो उन्होंने इस बात का फ़ायदा लिया और अपना हाथ क्रांति की पेंटी में डाल दिया और और क्रांति की चूत के उपर अपनी उंगली घिसने लगे और बोले कि जिसकी इतनी अच्छी चूत हो जिसमें लण्ड घुसा सकें उस लड़की को लौण्डिया कहते हैं.

इस सबका लौण्डिया क्रांति पर काफ़ी असर हुआ. उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी. उसे अपने डैडी का हाथ अपनी नंगी चूत पर अच्छा लग रहा था. डैडी ने अपना दूसरा हाथ अपनी बेटी की ब्रा पर रख दिया और उससे धीरे धीरे दबाने लगे. डैडी उसके निपल को ब्रा के ऊपर से टटोलने लगे. डैडी उसके बूब्स को ब्रा के कप में से बाहर निकालकर चूसने लगे.

एक मधुर सा मजा आने लगा. क्रांति भी मस्त हो गयी थी. उसकी चूत अब काफ़ी गीली हो गयी. अभी भी आँखें बंद थी उसकी. क्रांति को अपने हाथों में कुछ गरम सा डंडा महसूस होने लगा. उसने जब अपनी आँखें खोल कर देखा तो वो उसके पापा का लण्ड था. उसँके डैडी का लण्ड काफ़ी बड़ा था. वो इतना बड़ा लण्ड देखकर घबरा गयी. उसने अपने डैडी को कहा कि उनका लण्ड काफ़ी बड़ा है. तो उसके डैडी ने कहा कि इस लण्ड की वजह से तो वो इस दुनिया में आई. और हँस कर बोले- चल लौण्डिया अब अपना मुँह खोल कर इस लण्ड को चूस.

क्रांति को काफ़ी अजीब लगा कि लण्ड को चूसा कैसे जाता है. तो उस के डैडी ने लण्ड क्रांति के होंठों पे लगाया और क्रांति को मुँह खोलने को कहा. क्रांति ने जब मुँह खोला तो डैडी ने अपना लण्ड तुरंत ही क्रांति के मुँह में डाल दिया और कहा कि इसे अब चूस लौण्डिया.

क्रांति को भी जोश आ गया था, वो भी अपने डैडी का लण्ड चूसने लगी. डैडी को काफ़ी मजा आने लगा. डैडी का लण्ड काफ़ी कड़क हो गया था. डैडी ने मेज की दराज़ से एक कंडोम निकाला और अपने लण्ड के ऊपर लगाया.

क्रांति की चूत काफ़ी गीली हो गयी थी.. डैडी ने उस का लण्ड क्रांति की चूत पर रख कर क्रांति को कहा कि अब तू मेरी रानी बनेगी. क्रांति ये सुन कर काफ़ी खुश हो गयी.

डैडी ने लण्ड का एक झटका मारा तो उन का लण्ड सीधा क्रांति की चूत को चीर कर उस के अंदर चला गया. उम्म्ह… अहह… हय… याह… क्रांति को काफ़ी दर्द होने लगा. उस की चूत से खून निकलने लगा. वो दर्द से जैसे बेहोश ही हो गयी थी. लेकिन उसके डैडी ने कुछ भी रहम नहीं दिखाया. क्रांति की चूत का तो आज़ कचूमर ही बनाने वाले थे.

डैडी ने और एक झटका मारा और उन का लण्ड क्रांति की चूत में एक और इंच गया. क्रांति की चीख पूरे कमरे में गूंजने लगी. अब डैडी एक के बाद एक झटके मारने लगे. क्रांति को कुछ देर के बाद मजा आने लगा. क्रांति की चीखें अब आहों में बदलने लगी. क्रांति भी अपनी चुदाई का मजा ले रही थी.

डैडी ने कम से कम 15 मिनट की मेहनत की. डैडी को पता था कि वो अब झड़ने वाले हैं तो उसने चुपके से अपना कंडोम निकाला और फिर अपनी बेटी के चूत में डाल के अपने अंतिम झटके लगाने लगे. क्रांति बेटी को तो जैसे कुछ पता ही नहीं था कि क्या हो रहा है. वो तो कुछ अलग ही दुनिया में थी.

डैडी ने एक दम से एक ज़ोर का झटका दिया और वो अपनी बेटी की चूत में झड़ गये. क्रांति भी उसी वक़्त झड़ गयी. उसे काफ़ी सुकून लग रहा था. डैडी का पानी क्रांति की चूत से बाहर आ रहा था. डैडी को काफ़ी खुशी हो रही थी कि क्रांति की चूत में उसने अपना पानी गिरा ही दिया.

जब क्रांति ने अपनी आँखें खोली तो उसने अपनी चूत का भोंसड़ा ही देखा. डैडी ने क्रांति को जल्दी से बाथरूम जाकर अपनी चूत को साफ़ करने को कहा. क्रांति बाथरूम जाकर जब लौटी तो देखा कि डैडी अपनी टाँगें पसारे अपने लण्ड को हिला हिला कर टाइट कर रहे थे.

इस पर क्रांति बोली- डैडी, आपने यह अच्छा नहीं किया बिना कंडोम के ही मुझे चोदा. वादा करो अगली बार आप कंडोम के साथ ही मुझे चोदेंगे.

डैडी सोचते ही रह गए कि अगली बार मतलब क्रांति दोबारा उनसे चुदवाना चाहती है. डैडी ये सोच कर काफ़ी खुश हुए कि उन की बेटी अपनी माँ की सौतन बन गई.

अब तो घर पर काफ़ी चुदाई होती है. सब खुश हैं. क्रांति का कई बार गर्भ भी गिराया गया है. मतलब कई बार बिना कंडोम के चु… हहा…
डैडी नहीं सुधरेंगे! Antarvasna

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