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Massage Girl in Amritsar: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Amritsar who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Amritsar that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Amritsar massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Amritsar who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Amritsar massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Amritsar massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Amritsar who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Amritsar employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Amritsar helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Amritsar

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Amritsar at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Antarvasna

दोस्तो, मैं यहाँ पहली Antarvasna बार लिख रही हूँ और हिंदी में भी पहली बार ! अगर कोई गलती हो जाए तो माफ़ कर देना।

आज मैं आपको अपना पहला अनुभव बताना चाहती हूँ कि कैसे मैंने अपने बॉय-फ्रेंड के साथ दिन में सुहागरात ओहऽऽ सुहागदिन मनाया।

मैं और वो दोनों अलग अलग शहर में रहते हैं। उसका नाम माणिक है, दिखने में लम्बा, गेहुंआ रंग, मुस्कुराते होंठ, नशीली आँखें जिसमें कोई भी देखे तो डूब जाये ! बहुत ही गठीला बदन और बांहें ऐसी जिसमे कोई भी लड़की आकर मर जाये ! मुझे उसकी बहुत याद सताती थी जब मैं अपनी सहेलियों को उनके बॉय-फ्रेंड से मिलते और घूमते-फिरते देखती थी। मेरा भी बहुत मन करता था कि मैं भी अपने माणिक के साथ घूमूं और उसे बहुत प्यार करूँ। उसके स्पर्श को तरस जाती थी मैं ! पर क्या कर सकती थी, वो और मैं दोनों ही अपनी पढ़ाई में लगे थे तो ऐसे मिल भी नहीं सकते थे। वो रहता था मुम्बई में और मैं दिल्ली में। मैं कभी-कभी उस पर इस बात को लेकर नाराज़ हो जाया करती थी कि सब मिल सकते हैं और हम नहीं। तब एक बार उसने वादा किया कि वो मुझसे मिलने आएगा। मैं बहुत खुश हुई और इंतज़ार करने लगी उस दिन का जब मैं अपनी सैंय्या से मिलूंगी।

खैर एक दिन मैंने उससे कहा कि मेरे जन्मदिन पर मैं उससे मिलना चाहती हूँ क्यूँकि मैं अपना जन्मदिन उसके साथ मानना चाहती थी।

उसने कहा कि वो एक दिन बाद बताएगा आने का।

मैंने कहा कि नहीं उसे आना ही पड़ेगा, हर बार अपनी सहेलियों के साथ मानती थी और इस बार उसके साथ मानना चाहती हूँ।

आखिर काफी जिद करने के बाद वो मान गया और उसने आने का वादा भी किया। मेरी ख़ुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था, मैं दिन-रात बस उसके आने का इंतज़ार करने लगी।

एक दिन मैं टीवी पर पिक्चर देख रही थी ”मर्डर”। उसमें इमरान हाश्मी और मल्लिका शेरावत के गरम सीन देखकर मुझे भी कुछ होने लगा। मैं उन दोनों में खुद को और माणिक को देखने लगी। यह सोचकर ही मेरी चूत गरम हो गई और उसमें से पानी निकल गया। मैंने देखा तो कुछ सफ़ेद सफ़ेद सा पानी था। मैंने उसे चखा तो नमकीन सा था। मेरा भी माणिक के साथ चुदाई करने का मन हुआ और सोच लिया कि उसके साथ यह करके रहूंगी, लेकिन उसे यह बात नहीं कही।

आखिर वो दिन भी आ गया जब वो मुझसे मिलने आया, मैं तो उसे देखकर इतनी खुश हुई कि क्या बताऊँ। मैं उसे बस-स्टैंड पर लेने गई थी। उसे देखकर जाने क्या हुआ कि दिमाग पर रात का सीन छा गया और उसे वहीं चूम लिया सबके सामने !

वो सकपका गया और शरारती मुस्कान लाते हुआ बोला- सब देख रहे हैं !

उसके यह कहते ही मैंने आस-पास देखा और शरमा कर दूर हो गई।

उसने कहा- बहुत मीठा चुम्मा था !

यह सुनकर मैं और शरमा गई क्योंकि सब देख रहे थे। उसने पूछा कि मेरे रहने का क्या किया। वैसे तो मैंने उसके रहने का इंतजाम अपने एक फ्रेंड के यहाँ किया था पर तभी एक शरारत सूझी और मैंने उसे कहा कि मेरा फ्रेंड ज़रूरी काम से बाहर गया है और उसे होटल में रुकना होगा। मेरी आँखों की चमक को देखकर वो शरारत से मुस्काया और कहा- चलो !

मैं भी खुश हो गई अपना काम बनते देख और ”मर्डर” होने और करने का इंतज़ार करने लगी, लेकिन उसके सामने भोली ही बनी रही।

उसने कहा- चल सकोगी होटल मेरे साथ? और अगर किसी ने देखा तो क्या करोगी?

एक बार को तो मैंने भी सोचा कि अगर किसी ने देख लिया तो मैं तो गई काम से, लेकिन दिमाग में जो चल रहा था वो ज्यादा पागल कर रहा था। मैंने उसे कहा- कोई बात नहीं, हम यहीं मिल लेंगे !

फिर हम होटल में गए। वहाँ उसने एक कमरा लिया और फिर हम कमरे में चले गए। उसका साथ पाकर मैं तो पागल हुई जा रही थी।

कमरे में आते ही उसने मुझे चूम लिया और बाहों में ले लिया। मैं तो ख़ुशी से पागल हो रही थी उसकी बाहों में आकर। फिर उसने मुझे जन्मदिन की शुभकामनाएँ दी और मुझे एक गुलाब दिया। उसका प्यार देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा। फिर उसने कहा कि वो लम्बे सफ़र से थक गया है और दस मिनट में नहाकर आ रहा है। तब तक मैं टीवी देख लूँ।

मैंने कहा- ठीक है !

फिर वो नहाने चला गया लेकिन उसने बाथरूम का दरवाज़ा बंद नही किया। शॉवर की आवाज़ आने पर मुझे पता नहीं मुझे क्या सूझी, मैं चुपके से दरवाज़े के पास जाकर खड़ी हो गई और अन्दर देखने की कोशिश करने लगी। उसे बाथरूम में लगे दर्पण में नंगा नहाते देख मैं बहुत रोमांचित हो गई और मेरे हाथ पैर मचलने लगे उसे छूने को।

उसका लिंग मैंने पहली बार देखा उस दिन ! इतना लम्बा और मोटा ! यह देखकर मेरी चूत में खुजली होने लगी और मैं उसे लेने को तड़प उठी। पर यह सोचकर कि वो क्या सोचेगा कि कैसी लड़की है, मैं चुपचाप पलंग पर आकर टीवी देखने लगी। पर टीवी में मन कहाँ लग रहा था, मन कर रहा था कि बस जाकर चिपक जाऊँ उसके नंगे बदन से ! यह सोचकर फिर मेरी चूत गीली हो गई।

इतने में वो नहाकर आ गया, उसके गीले बदन को देख मेरे बदन में तो आग ही लग गई। मन किया बस टूट पडूं अपने शिकार पर ! उसके गीले बालों का पानी मुझ पर पड़ा तो ऐसा लगा जैसे जलते बदन में ठंडक पड़ गई। उसने बस तौलिया लपेट रखा था। फिर उसने पैंट पहनी और पलंग पर आ गया। उसके बाद उसने मुझे अपने पास खिसकाया और मुझे माथे पर चूमा और पूछा- कैसी हो?

मैंने कहा- अब तुम आ गए तो बहुत खुश हूँ और अब हम जन्मदिन साथ मना पाएँगे।

मेरे यह कहते ही उसमे मुझे प्यार से देखा और मेरे गुलाबी होठों को चूम लिया। मैं तो जैसे शर्म से मर ही गई।

उसने पूछा- क्या हुआ?

मैंने कहा- कुछ नहीं ! बस शर्म आ गई।

फिर उसने मेरा मुँह ऊपर उठाया और कहा- बाथरूम में मुझे नहाते देख मुझे शर्म नहीं आई?

यह सुनकर मैं तो चौंक गई और शर्म से और लाल हो गई और कुछ कहते नहीं बना और उससे थोड़ा दूर हो गई। उसने फिर मुझे पास खींच लिया और लगा चूमने ! मेरी तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गई मानो। उसके सामने सीधी बनने का नाटक करती रही और मन में बुलबुले उठते रहे।

उसने मुझे कहाँ कहाँ नहीं चूमा- होंठ पर, कान पर, हाथ पर, वक्ष पर ! इतने में मैंने फिर उसे दूर कर दिया और उसे तड़पाने लगी।

उसने कहा- क्या तुम ये नहीं चाहती थी जो दूर जा रही हो?

और कहा कि वो आज तो मुझे बहुत प्यार करेगा क्यूंकि मेरा जन्मदिन जो है।

मैंने कहा- कोई ज़बरदस्ती है क्या?

तो बोला- मैं सब जानता हूँ कि तुम्हारे मन में क्या है !

यह सुनकर ऐसा लगा कि बोलूँ- आजा मेरे राजा, मैं भी यही चाहती हूँ जो तुम चाहते हो ! पर फिर चुप हो गई और उसके सामने शर्माने का ढोंग करने लगी।

वो मुझे पकड़ने की कोशिश करता रहा और मैं उससे दूर भागने की। उसने कहा कि चुपचाप उसके पास खुद आ जाऊँ वरना वो मुझे नंगा कर देगा। यह सुनकर मेरी आँखें चमक उठी और लगी उसे और परेशान करने। आखिर कुछ देर परेशान होने के बाद उसने मुझे पकड़ ही लिया और मुझे बेइंतहा चूमने लगा और मैं भी उसकी मस्ती में खोने लगी।

काफ़ी देर चूमने के बाद उसने मुझे कहा कि वो तभी समझ गया था जब मैंने उसे बीच बाज़ार चूम लिया था कि मैं क्या चाहती हूँ और जब उसने बाथरूम में चोरी छुपे देखते हुए मुझे देखा। मैंने कहा- बस आज बहुत प्यार करने को मन चाह रहा है और जब भी मैं दूसरी लड़कियों को उनके बॉय-फ्रेंड के साथ देखती हूँ तब मेरा भी मन करता है कि मैं भी उसके साथ घूमूँ और प्यार करूँ !

उसने कहा कि वो मेरी यह इच्छा ज़रूर पूरी करेगा और ऐसे करेगा कि मैं कभी अकेला नहीं महसूस करुँगी।

मैंने कहा- सच ! और मैं उससे लिपट गई। उसने मुझे कस के बाहों में भर लिया और मेरे होंठ चूसने लगा। फिर उसने मेरे बाल कान पर से हटाये और कानों के आस-पास चूसने लगा और उन्हें किस करता रहा। इससे मेरे बदन में एक अजीब सी खुमारी छा गई और मैं अपना आपा खोने लगी। वो मुझे चूमता रहा और मैं बेहोश सी होने लगी। मन करता रहा कि बस वो मुझे चूमता रहे और मैं जन्नत में चली जाऊँ।

फिर उसने धीरे से अपने हाथ मेरे वक्ष पर रखे और उन्हें दबाया…आआआआआह्ह्ह्ह्ह ऽऽ क्या स्पर्श था वो ! उसने फिर थोड़ा और जोर से दबाया और म्म्म्म्म्म्म्म्म्म बस पागल सी होने लगी मैं। फिर उसने दूसरे स्तन के साथ भी यही किया और अब तो मैं बस और खोना चाहती थी।

फिर उसने मुझे पलंग पर लेटाया, मेरे ऊपर आ गया, मेरी आँखों में देखने लगा और कहा- तुम्हारी आँखें इतनी सेक्सी क्यों हो रही हैं?

मैंने कहा- बस तुम्हारे प्यार का नशा चढ़ा हुआ है !

यह सुनते ही उसने मेरे होंठ फिर चूम लिए और दोनों दूध को दबा दिया- ऊऊऊऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्हह क्या बताऊँ कि कैसा लगा ! ऐसा लगा कि हाँ, बस आजा राजा और मार दे मुझे ! मैं इसी दिन के लिए तड़प रही थी। फिर वो मुझे चूमता रहा- चूमता रहा और धीरे धीरे नीचे जाने लगा। मैं तो बस रंगीन दुनिया में खोई हुई थी, उसने धीरे से मेरा कुरता उठाया और पेट पर चूम लिया….. हाय क्या बताऊँ – क्या हुआ- एक करंट सा दौड़ गया पूरे बदन में ४४० वाल्ट का !

फिर उसने मेरा कुरता ही उतार दिया और मैं आधी नंगी हो गई। उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और खड़े होकर मुझे देखने लगा। मैंने कहा- क्या कर रहे हो, ऐसे मत देखो ! शर्म आ रही है.. उसने कहा- मेरी जान, आज शर्म छोड़ दे और मेरा साथ दे !

मैंने कहा- दूंगी मेरे बच्चा…. बहुत साथ दूंगी !

उसने फिर मेरे दूध को जोर से दबाया और कहा- कितने मस्त हैं गोरे-गोरे और गोल-गोल ! मन कर रहा है कि नोच लूँ !

मैंने कहा- नोचने की क्या ज़रूरत, तुम्हारे लिए ही एक महीने से रोज़ मालिश कर रही हूँ कड़ा करने के लिए !

वो बोला- हाय मेरी जान, आज तूने दिल खुश कर दिया।

मैंने कहा- अब तुम मुझे मेरा उपहार दो मुझे खुश करके !

बस फिर क्या था, फिर जो नहीं होना था वो सब होने लगा। उसने झट से मेरे पजामे को उतार दिया और मेरी चड्डी भी फेंक दी। मैं अब पूरी नंगी थी उसके सामने। बहुत शर्म आ रही थी। मैंने दोनों हाथों से दूध छुपा लिए और पैरों को क्रॉस कर लिया।

उसने कहा कि अब क्यों शरमा रही है और मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए और मेरे ऊपर चढ़ गया और पैरों को भी खुद के पैरों से अलग कर लिया। फिर उसने मेरे दूध को चूसना शुरू किया और तब तक चूसता और खाता रहा जब तक वो लाल नहीं हो गए। बीच बीच में साले ने इतना काटा कि जान निकल गई पर मीठा सा एहसास भी हुआ मन को, लगा बस ऐसे ही ज़िन्दगी भर हम एक दूसरे के साथ रहें।

फिर उसने पैंट उतार दी और चड्डी भी और मुझे लण्ड चूसने को कहा। मैंने यह कभी नहीं किया था तो मुझे अजीब सा लगा और मैंने कहा- मैं नहीं कर पाऊँगी।

उसने कहा- एक बार कर तो, बहुत अच्छा लगेगा।

मैंने उसकी बात मान ली और उसके लण्ड को हाथ में ले लिया, वो ८ इंच का लण्ड पकड़ के ऐसा लगा जैसे लोहा हो। फिर उसे पहले चारों तरफ से जीभ से चाटा और लगी चूसने धीरे धीरे। कितना मीठा था वो। मन करा बस ऐसे ही इस आइसक्रीम को खाती रहूँ।

अचानक मैंने देखा कि वो बड़ा और मोटा हो गया है। मैं घबरा गई क्यूँकि मैंने इतना मोटा कभी नहीं देखा था।

उसने कहा- क्या हुआ?

मैंने कहा- यह इतना मोटा कैसे हो गया?

उसने कहा- यह चोदने को तैयार है बस !

मैं शरमा गई।

फिर उसने मेरी टाँगें फैलाई और मेरी चूत में ऊँगली डाल दी। उईईईईईईईइ ये क्या करा? मेरी जान निकल गई- मैंने कहा।

उसने कहा- क्या हुआ? अभी तो गिफ्ट भी नहीं मिला और पहले ही यह हाल ?

मैंने कहा- जालिम हो तुम, मैंने कभी किया नहीं है यह सब !

उसने कहा- तभी तो वो चोदना चाहता है क्यूँकि कुंवारी चूत का मज़ा अलग ही होता है।

और फिर वो मेरी चूत को खोलने लगा और उसे जीभ से चाटने लगा। उह्ह्ह्ह् आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह क्या कहूँ दोस्तो कि कितना अच्छा लगा। मैंने उसका सर पकड़ के चूत में गाड़ दिया। वो मुझे बहुत देर तक ऐसे ही मेरी चूत के अन्दर चूसता रहा और इस दौरान मेरा दो बार पानी भी निकल गया जिसे वो पी गया। फिर उसने अपने लौड़े को मेरी चूत के छेद पर रखा और अन्दर डालने लगा, लेकिन नहीं डाल पाया क्यूँकि मेरा छेद बहुत ज्यादा टाइट था। उसने फिर कोशिश पर फिर वही हाल।

मैंने कहा- मत करो न राजा ! बहुत दर्द होगा !

उसने कहा- अगर आज उपहार नहीं दिया तो जन्मदिन कैसे मनेगा?

मैं भी चाहती तो यही थी पर दर्द का सोचकर डर भी लग रहा था। उसने फिर क्रीम ली और मेरी चूत पर लगाई और फिर अन्दर धक्का देने लगा और इस बार तो वो आआ आआऽऽ आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् माँ ! थोड़ा सफल भी हो गया लेकिन मेरी नानी याद आ गई मुझे।

मैंने कहा- नहीं ! निकालो इसे ! मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाउंगी ! प्लीज़ !उसने कहा- नहीं अब वो नहीं रुकेगा ! और फिर एक धक्का दिया और पूरा का पूरा लण्ड अन्दर !

मैं तो जैसे जन्नत से नीचे गिर गई, मुझे रोना आ गया और मेरी चूत से खून भी आने लगा। उसने मुझे चुप कराया और कहा- कुछ नहीं होता जान ! ये सब होता है शुरू शुरू में ! और अब मज़ा आएगा।

और सच में कुछ देर के दर्द के बाद मैं फिर जन्नत में पहुंच गई। उसके बाद उसने मेरी गांड भी मारी और बहुत देर तक हम यही खेल खेलते रहे।

मुझे मेरा बर्थडे गिफ्ट भी मिल गया …।

इस तरह मना मेरा पहला सुहाग-दिन मेरे बॉय-फ्रेंड के साथ।

दो दिन ऐसे ही मिलने के बाद उसने मुझे फिर आने का वादा किया और मैं अब फिर उसका इंतज़ार कर रही हूँ जो शायद जल्दी ही ख़त्म हो जायेगा।

तो दोस्तो …. कैसी लगी आपको मेरी कहानी, ज़रूर बताना !

आपकी दोस्त Antarvasna

Hindi Sex Stories

मैं जब हॉस्टल में आई तो मैंने देखा वहाँ पर रूम बड़े अच्छे और सभी सामान के साथ थे. एम ए की पढाई करने वालों के लिए सिंगल रूम था. रूम देख कर मैं बहुत खुश थी. हॉस्टल में आते ही जो अनुभव मुझे हुआ वो मैं आपको बताती हूँ।

शाम को हॉस्टल में सभी नए और पुराने स्टुडेंट डिनर के लिए मेस में जा रहे थे. रूम के बाहर ही मुझे तीन सिनियर लड़कियां टकरा गयी. उन्होंने मुझे देखा. मैंने उन्हें गुड इवेनिंग कहा. वो आगे निकल गयी, उनमे से एक मुड़कर वापस आयी और कहा – “क्या नाम है…”

“अंजू शर्मा ..”

“डिनर के बाद 10 बजे रूम नम्बर 20 में मिलो…”

“कोई काम है दीदी ..”

“नई आयी हो… सभी को तुम्हारा स्वागत करना है ..”

“जी…अच्छा…”

वो मेस में चली गयी. मुझे पसीना छूटने लग गया. मैं समझ गयी थी की अब मेरी रागिंग होगी .

मेस में मुझसे खाना भी ठीक से खाया नही गया .जैसे तैसे मैंने खाना पूरा किया और अपने रूम में आ गयी. घबराहट में मुझे कुछ सूझ नही रहा था कि मैं क्या करूं। समय देखा तो रात के 10 बजने वाले थे. मन मजबूत करके 10 बजे में उठी और रूम नम्बर 20 के आगे जाकर खड़ी हो गयी. मैं दरवाजा खटखटाने ही वाली थी की वो सीनियर लड़की मेस से आती हुयी दिखायी दी. आते ही बोली- “आ गई… कामिनी…”

“जी हाँ…” मैंने सर झुकाए कहा .

“मेरा नाम सोनाली है…पर तुम मुझे दीदी कहोगी “उसने दरवाजा खोलते हुए कहा -“आ जाओ अन्दर ..”

मैं उसके कमरे में आ गयी. उसने मुझे बैठने को कहा .

“पहली बात सुनो…जब कोई सीनियर तुम्हे नज़र आए तो तुम उसे विश करोगी…”वो मुझे नियम समझती रही. फिर बोली- “अच्छा अब तुम स्वागत के लिए तैयार हो ..”

मैं चुप ही रही…पर पसीना आने लग गया था ..

“घबराओ मत… सिर्फ़ स्वागत ही है…”

“…जी. ..”

“खड़े हो जाओ…और अपना सीना आगे को उभारो ”

मैंने अपना हाथ पीछे करके अपना सीना आगे उभार दिया ..

“शाबाश… अच्छे है… अब अपना टॉप उतार दो ..”

“नही दीदी…शर्म आती है…”

“वोही तो दूर करना है ”

“कोई देख लेगा…दीदी… और सीनियर भी तो आने वाली है…”

“अब उतारती हो या मैं उतारूं ”

मैंने अपना टॉप उतार दिया. उसने ब्रा भी उतारने को कहा. थोड़ा झिझकते हुए मैंने ब्रा भी उतार दी .

“यहाँ पास आओ ”

मैं दीदी के पास गयी. सोनाली ने खड़े हो कर पहले मुझे पास से देखा. फिर मेरे स्तनों पर हाथ लगाते हुए कहा -“सुंदर है…” फिर मेरी छातियों को सहलाना शुरू कर दिया. मुझे सिरहन होने लगी. उसने मेरी चुन्चियों को हौले से दबा कर घुमाया .. मेरी सिसकारी निकल गयी. वो जो कुछ कर रही थी…मुझे डर तो लग रहा था… पर उसकी हरकतों से मजा भी आ रहा था. फिर वो पीछे गयी और मेरे चूतड़ों को निहारा. अपने हाथों से उसे सहलाने लगी और दबा दिया.

“किस करना आता है…”

मैंने कहा- “जी हाँ ..आता है ”

“मेरे होंट पर किस करो ..”

मैंने धीरे से किस कर दिया. वो बोली – “किस ऐसे नही करते हैं ”. उसने मेरे नरम होंट अपने होंट से भींच कर चूसना चालू कर दिया .बोली- “ऐसे समझी… अब अपनी स्लैक्स उतारो ”

” दीदी ऐसे तो मैं नंगी हो जाऊँगी…”

“वो तो स्वागत में सबको नंगी होना पड़ता है ..”

मैंने अपनी स्लेक्स उतार दी और सीधी खड़ी हो गयी ..”

सोनाली ने पास आकर मेरा बदन सहलाया ..और मेरी चूत पर हाथ फेरना चालू कर दिया. बीच बीच में वो मेरे चुतड़ भी सहलाती और दबाती जा रही थी…

“दीदी अब कपड़े पहन लूँ…दूसरे सीनियर्स आ जायेंगे ..”

“वो देर से आयेंगे… अब तुम मेरे कपड़े उतारो ” सोनाली थोड़ा मुस्कराते हुए बोली .

मैंने उसका कुरता उतार दिया. उसने ब्रा नही पहनी थी. उसके बूब्स उछल कर बाहर आ गए .

“…हाँ अब मेरा पजामा भी उतार दो…और मुझे अपने जैसी नंगी कर दो .”

मैंने सोनाली को पूरी नंगी कर दिया .

“अब तो खुश हो न… अब तुम्हे शर्म तो नही आ रही है…”

मैंने सर झुका कर मुस्करा कर कहा- “नही दीदी… अब तो आप भी ..”

” अच्छा अब बताओ…इसे क्या कहते हैं…”

“स्तन या बोबे ..”

“देसी भाषा में बताओ ..”

“जी…चूचियां…”

“गुड…अब बताओ नीचे इसे क्या कहते हैं…”

“जी…चूत…” मैं शरमा कर बोली .

“वाह तुम तो सब जानती हो…आओ गले लग जाओ ..”

सोनाली ने मुझे गले लगा लिया… उसका हाथ मेरी चूतडों पर चला गया…और उन्हें मसलने लगा. अब मुझे लग रहा था कि रैगिंग तो बहाना था…वो मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी. सोनाली गरम होने लगी थी. उसने कहा-

“कामिनी…तुम भी ऐसे ही कुछ करो…”

मैंने उसके बूब्स सहलाने चालू कर दिए. उसके मुंह से सिस्कारियां निकलने लगी ..

“हाँ जोर से मसलो… चुचियों को खेंचो…”

मैं उसकी चुन्चियों को खीचने मसलने लगी. अचानक मैंने महसूस किया कि उसने एक उंगली मेरी चूत में घुसा दी है. मैं चिहुक उठी.

“हाय…दीदी… मैं मर गयी…”

“अच्छा लग रहा है ना…”

“हाँ दीदी…”

मैं भी उसकी चूत में अपनी उंगली और अन्दर घुमाने लगी…

“अब…बस…” कह कर सोनाली दूर हट गयी .”कपड़े पहन लो ..”

हम दोनों ने कपड़े पहन लिए… वो अलमारी में से मिठाई निकाल कर लाई… और मेरे मुंह में एक टुकडा डालते हुए कहा -“मुंह मीठा करो…तुम्हारा स्वागत पूरा हो गया… स्वागत से डर नही लगा ना…”

“नहीं दीदी…मुझे बहुत मजा आया…”

“धन्यवाद कामिनी… मजा मुझे भी आया .”

मैं अचानक सोनाली से लिपट गयी ..- “दीदी आज रात में तुम्हारे साथ रह जाऊँ ”

दीदी ने प्यार से मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा- “क्यों… क्या इरादा है…”

” दीदी अब मैं रात भर सो नहीं सकती… मुझे शांत कर दो. ..”

“तुम्हे जाने कौन देगा… मुझे भी तो पानी निकलना है…”

हम दोनों फिर से कपड़े उतार कर अब बिस्तर पर आ गये .

लेटे लेटे मैंने सोनाली से पूछा –“वो और सीनियर लड़कियां अभी आएँगी तो…”

“कोई नहीं आयेगा…”

“पर आप तो कह रही थी…कि सभी आएँगी ”

उसने मेरे मुंह पर उंगली रख दी.

“मैंने तुम्हे देखा था तो मुझे लगा था कि तुम्हें पटाया जा सकता है…इसलिए मैं वापिस आयी और तुम्हें बुलाया…उन लड़कियों को नहीं मालूम है .”

कहते हुए उसने अपनी नंगी जांघ मेरी कमर में डाल दी. और अपने होंट मेरे होटों पर रख दिए. धीरे से उसने मेरा एक बूब सहलाना चालू कर दिया। मैंने भी उत्तर में उसे अपने ऊपर खींच लिया. मेरी उत्तेजना बढ़ रही थी. उसके होंट मैंने अपने होटों में दबा लिए. वो मेरे ऊपर चढ़ कर मुझसे जोर से लिपट गयी. और मेरे होटों को चूसने लगी. मैं उसके स्तनों को दबाने, मसलने लगी. उसके मुंह से सिसकारी निकल पड़ी. हम दोनों मस्ती में डूब गए थे. उसने अब अपनी चूत मेरे चूत से मिला दी और लड़कों की तरह मेरी चूत पर अपनी चूत पटकने लगी .

“ हाय रे…कितना मज़ा आ रहा है ..” सोनाली सिसक के बोली .

“ हाँ दीदी बहुत मज़ा आ रहा है…मेरी चूत तो गीली हो गयी है ..” मैंने कहा

“मेरे चुतड पकड़ के दबा दे…हाय ..” अपनी चूत घिसती हुयी बोली. मैं उसकी गोलाईयां दोनों हाथो से दबाने लगी… उसका एक हाथ मेरी चूत पर पहुँच गया और सोनाली ने दो उंगलियाँ मेरी चूत में घुसा दी. मैं सिस्कारियां भरने लगी…

“दीदी और जोर से उंगली घुमाओ… ”हाय…मजा आ रहा है… दीदी लंड होता तो कितना मज़ा आता…”

“ हाँ… लंड तो लंड होता है… सुन मेरे पास है…तुझे उस से चोदुं ..”

मैं उस से लिपट गयी… “हाँ…हाँ सोनाली जल्दी से लाओ ..

सोनाली ने तकिये के नीचे से चुपचाप लंड निकाल लिया. मुझे पता ही नहीं चलने दिया कि उसके हाथ में लंड है ..

बोली – “अपनी टाँगे ऊपर कर लो… ”

“पहले लंड लाओ तो सही…”

“नहीं पहले टाँगे ऊपर उठा लो…मुझे तुम्हारी चूत देखनी है…”

मैंने अपनी दोनों टाँगे ऊपर कर ली. दीदी ने प्यार से चूत सहलाई और लंड को चूत पर रख दिया और धीरे से अन्दर घुसा दिया .

“हाय दीदी…ये क्या…लंड अन्दर कर दिया ..” मुझे मोटा लंड, अपनी चूत में घुसता महसूस हुआ. “दीदी अब देर नहीं करो… हाथ चलाओ… चोद दो दीदी ..”

सोनाली धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगी…

“हाय रे दीदी…मज़ा आ गया… लगा ..और लगा ..”

वो अपना हाथ तेजी से चलाने लगी. मैं भी आनंद के मारे इधर उधर लोटने लगी… करवटें बदलने लगी. पर सोनाली भी मेरी करवटों के साथ साथ कस कस के अन्दर बाहर लंड को चलने लगी. उसने चोदना चालू रखा. मैं जोश के मारे करवटें बदल कर उलटी हो गयी। पर सोनाली ने लंड नहीं निकलने दिया और अपने दूसरे हाथ का सहारा लेकर लंड को अन्दर बाहर करती रही. मैं आनंद के मारे घोडी बन गयी. अपने चूतडों को दीदी के सामने कर दिया. पर उसने लंड नहीं छोड़ा और हाथ चलता ही गया.

“हाय दीदी… मेरा निकाल जाएगा…अब लंड निकाल दो ..”

“झड़ने वाली है तो झड़ जा…अब निकल जाने दे…छोड़ दे अपना पानी…चल निकाल दे…”

“दीदी अभी तो इस से मुझे गांड भी चुदवानी है ना…फिर मज़ा नहीं आयेगा…”

“अच्छा तो ये ले…” उसने मेरी चूत से लंड निकाल दिया. और अब मेरी चूतडों की दोनों फाकें सहलाने लगी और उसे खींच कर फैला दी. मेरा गांड का छेद खुल गया. मेरी गांड के छेद में उसने थूक लगाया और फिर उस पर लंड रख दिया. सोनाली बोली – “अब चालू करें…”

“ हाँ दीदी… घुसा दो ..”

दीदी ने लंड को अन्दर ठेल दिया. फिर और अन्दर घुसाया. फिर हलके से बाहर निकाल कर अन्दर डाल दिया. मुझे मीठा मीठा सा मज़ा आने लगा। सोनाली की स्पीड बढती गयी. मुझे मज़ा आने लगा… उसी समय दीदी ने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी और अन्दर घुमाने लगी. चूत से पानी तो पहले ही निकल रहा था. अब दोनों तरफ़ से डबल मज़ा आने लगा. अब मेरे से सहन नहीं हो रहा था…

“दीदी क्या कर रही…आह्ह ह्ह्ह…मज़ा आ रहा आया है… दीदी… हाय रे… मुझे ये क्या हो रहा है…दीदी…मैं मर जाऊँगी…ऊओई एई…सी…सी… अरे…अरे…मैं गयी… निकला… निकला… दीदी…गयी मैं तो दीदी… हाय…हाय… ऊऊह ह्ह्छ…अआया आई ईई .”

कहते हुए मैं बिस्तर पर घोडी बनी हुयी एक तरफ़ लुढ़क गई. मैं हाँफ रही थी .

सोनाली कह रही थी – “कैसा लगा… मज़ा आया ना…”मैंने आँख बंद किए ही सर हाँ में हिलाया. फिर मैं उठी .

सोनाली ने कहा – “अब मेरी बारी है…हाथ चलते ही रहना मैं चाहे कितना ही करवटें बदलूं या उछल कूद मचाऊँ. लंड बाहर नहीं निकलना चाहिए…जैसे कि मैंने नहीं निकलने दिया था…ऐसे में पूरा मजा आता है .”

“दीदी तुम्हें तो बहुत अच्छा अनुभव हो गया है…इस लंड से चोदने का ..”

“अच्छा तो चालू हो जाओ…”

मैंने भी उसकी लंड से चुदाई चालू कर दी… वो भी तरह तरह से चुदवाती रही…फिर उसका भी पानी निकाल दिया. हम दोनों फिर दूर हो गयी और टांगे फैला कर नंगी ही लेट गयी. जाने कब धीरे से नींद ने आ घेरा और मैं गहरी नींद में सो गयी. सवेरे उठी तो देखा दीदी ने मुझे एक चादर ओढा दी थी. उसने मुझे मुस्करा कर देखा और झुक कर किस किया. और कहा – “कामिनी…थंक यू ..”

ये मेरा हॉस्टल का अनुभव है जो मैं आप तक पहुँचा रही हूँ. अपने कमेन्ट जरूर भेजे. Hindi Sex Stories

प्रेषक : रंजन Sex Stories

दोस्तो, सब कैसे हो !उम्मीद है Sex Stories सब ठीक ठाक होंगे। सभी पाठकों और सबसे पहले आदरणीय गुरूजी को प्रणाम !

आप सबका धन्यवाद जो आप सबने मेरी कहानी ( कैसे बन गया मैं एक चुद्दकड़ गांडू ) को पसंद किया। उसके बाद भी मैंने कुछ कहानिया भेजीं हैं। उम्मीद है कि आपको पंसद आई होंगी।

यह जो कहानी आज लिखने जा रहा हूँ यह आज से ठीक दो महीने पहले की बात है, पापा जी ने घर ऊपर वाला हिस्सा किराये पर देने का फैसला किया और एयरफोर्स में काम करने वाले मद्रास के रहने वाले एक युगल को दिया। बीवी एयरफोर्स स्कूल में टीचर है। बीवी पर तो नहीं मियां पर मेरी नज़र थी, ऊपर जाने के लिए सीढ़ियाँ अन्दर से ही निकलतीं थीं।

जैसे कि आप सब तो जानते ही हैं कि मुझे लौड़ों से कितनी चाहत है !

एक दिन दोपहर की बात है, मैं कॉलेज से घर आया। बहुत गर्मी थी, मैं बाथरूम में नहाने के लिए जाने लगा, दिमाग में आया कि तौलिया तो ऊपर तार पर ही सूख रहा होगा। मैं ऊपर गया, उनका कमरा बंद था, अन्दर से बहसने की आवाजें आ रही थी।

वो बोला- साली ना तेरे में गर्मी है, न सुन्दर ! ऊपर से नखरे हज़ार ! चल मुँह में लेकर इसको चूस !

वो नहीं मानी। मैं चला आया। शाम को ऊपर किसी काम से गया तो अंकल नहा रहे थे, पानी से उनका अंडरवियर चिपका हुआ था और फूले हुए भाग से मालूम हुआ कि लौड़ा मस्त है। मेरी नज़र वहाँ पड़ती देख अंकल ने अन्दर हाथ डाल साबुन लगाने के बहाने साइड से लौड़ा दिखा ही दिया।

क्या मस्त लौड़ा था !

आजकल उनकी रात की शिफ्ट थी, वो नहा कर तैयार होकर चले गए। सुबह वो आठ बजे आते थे और आंटी नौ बजे जातीं थी। घर में कोई नहीं था, मैं अकेला था, कॉलेज ११ बजे जाना था। आंटी चाभी देकर चली गई। अंकल आज लेट थे।

जैसे ही वो आये, झट से कपड़े उतार बाथरूम में घुस गए। उन्होंने आवाज़ दी- मैं नहा रहा हूँ, आया !

मैं भी सिर्फ अंडरवियर पहन बाहर आया। उनकी नज़र मेरे चिकने और लड़की जैसे जिस्म पर थी- वाह बेटा ! चिकने हो ! देखूँ छाती ! कोमल !

बोले- अकेला है ?

जी हाँ ! अकेला ही हूँ !

ऊपर आजा ! मैं भी अकेला हूँ, मिलकर नहाते हैं !

मैं उनके पास गया और एक हाथ से चाबी देते हुए नीचे से लौड़े को मसलते हुए कहा- आप नीचे क्यूँ नहीं आ जाते ! ए.सी में मजा भी आयेगा !

हाय मेरी जान अभी आया !

मेन गेट बंद करते हुए आना !

सोचा- अबे ओ सनी ! तेरी गांड को तो मौज लग जायेगी ! वो भी घर में ही !

मैं शावर के नीचे नहाने लगा, अंकल भी आ गए। मैं उनसे चिपक गया, वो मेरे होंठ चूसने लगे। मैं हाथ में लौड़ा लेकर सहलाने लगा। पानी में और भी आनंद मिलने लगा।वाह मेरे गांडू !

वो मेरे चूतडों को पकड़ कर मसलने लगे। बेटा ! कितनी गांड मरवाता है कितने मस्त चूतड़ हैं !

मार के देख लेना जान ! कितने मस्त हैं ! आपका लौड़ा रात को जबसे देखा है चूसने को दिल कर रहा है।

हाँ हाँ चूस न !

मुझे पता है आंटी नहीं चूसती !

भोसड़ी की बहुत हरामी है !

ऐसे ही है अंकल ! मैंने उनका कच्छा उतार दिया और नीचे झुक कर मुँह में डाल लिया। मुँह में जाते ही उनका खड़ा होने लगा, देखते ही तन कर खड़ा हो गया।

आह मेरे लाल ! चूसता जा !

६९ में होकर मेरी गांड चाटने लगे, साबुन गांड पर लगा ऊँगली डालते हुए मुझे पूरा मजा देने लगे।

आह अह अह ! अंकल आई लव योउर लौड़ा !

चूस बेटा ! अच्छा लगा, बहुत अच्छा !

आह आह ! बिस्तर में चले अंकल?

ज़रूर !

तौलिए से पोंछ कर उठा मेरे ही कमरे में मेरे ही बिस्तर पर डाल दिया। अंकल ने दिल खोल कर चुसवाया, मैंने भी दिल से चूसा ऐसा लौड़ा।

मुझे घोड़ी बना पीछे से लौड़ा गांड पर रख दिया, मैंने पकड़ ठिकाने पर लगा दिया। पहले धक्के से थोड़ा सा घुसा, दो चार धक्कों से पूरा अन्दर घुस गया।

आह अंकल ! अब गांड मारो !

आह ओह !मेरे बेटा ! बहुत मस्त निकला ! तेरी गांड रोज़ मारूँगा ! क्या माल है ! ऐसा मजा तो मेरी औरत ने नहीं दिया !

आह अंकल ! फाड़ डालो मेरी गांड !

उनका लौड़ा ज़बरदस्त तरीके से मेरी गांड के अंदर बाहर हो रहा था।

चल ऊपर बैठ जा ! देखूँ कैसे उछल उछल कर इस पर बैठेगा ! तुझे भी मजा आ जायेगा ! वैसे भी तेरी पोली पोली गांड जब जांघों से घिसेगी तो मजे का आलम छा जायेगा मेरी जान !

लो अंकल आ गया ऊपर !

चल इस पे बैठता जा साले, नाटक मत कर, बहनचोद, सब जाने तू !

संभालो अंकल ! मैं अपने तरीके से आराम से पूरा लौड़ा निगल गया।

औ अह मेरी जान ! उछल ! अह ओह अह ओह ! बेटा मजेदार माल है ! फाड़ दूंगा तेरी ! आज से तू मेरी औरत ! क्या मुझे रोज़ मरवाया करेगा?

ज़रूर अंकल ! बाहर मुँह मारने से अच्छा है यहीं मरवाया करूँगा बिना किसी डर से !

अंकल ने एकदम मुझे पलटा और मेरे ऊपर आ गए दोनों टांगें कन्धों पर रखवा कर बीच से मोर्चा फतह किया। अब वो झड़ने वाले थे, वो फाड़ देने पर उतर आये थे। यह अंदाज़ मुझे स्वर्ग दिखा रहा था।

ओह बेटा !

वह जोर जोर से झटके लगाने लगे। कुछ मुझे दर्द भी हुआ, लेकिन सब भूल कर मैं चुदवाता रहा। फ़िर अंकल एकदम मुझ पर गिर गए और सारा माल अन्दर डाल दिया।

दोस्तो, मेरी तो गांड को मौज लग गई। वो ड्यूटी से आते और मुझे चोदने के बाद ही कॉलेज जाने देते। वह पूरे मजे लूट रहे हैं।

अब तो आंटी का पेट बाहर आने लगा है, उनका भाई कुछ दिनों में उनको लेने आने वाला है ताकि बच्चे की और माँ की देख रेख किसी घर की सयानी की देख रेख में हो।

मैं और अंकल बहुत खुश हैं। बोलते हैं- अब से तू मेरी पत्नी है ! तू घबरा मत, तुझे मैं नए लौड़े दिलवाता रहूँगा। किसी दिन हम उसके एक दोस्त के घर जाकर चुदाई करेंगे, उसके बारे में जल्दी लिखूंगा। Sex Stories

Antarvasna Sex Stories

हम दोनों आमने सामने Antarvasna Sex Stories ही खड़ी थी, जिमी ने बीच में वह डंडा फंसा कर उसका एक भाग अपनी चूत पर लगा कर और दूसरा मेरी चूत से सटा दिया।

यह नज़ारा बहुत ही रोमांटिक था, हम दोनों ने अपनी अपनी पोजीशन संभाल ली और एक दूसरे की चूचियाँ मसलते हुए अपनी कमर आगे झटकी, डंडे के दोनों सिरे हमारी आँखों से ओझल हो गए, मेरी उत्तेजना का कोई ठिकाना नहीं था, बस इसी तरह हम धीरे धीरे आगे बढ़ते गए और डंडा लुप्त होता गया, कुछ देर में हम दोनों के शरीर आपस में भिड़ गए।

जिमी का अंदाजा सही था, ठीक 6-6 इंच ही हम दोनों के हिस्से आया था, एक अजीब सी मस्ती हम दोनों पर छा गई, हम एक दूसरे की चूची मसलते हुए होंठ चूमने लगी, तभी दरवाजे पर आहट हुई।

‘लगता है बाबूलाल आ गया!’ मैंने खुश होकर कहा।

‘हाँ आहट तो उसी कमीने की है!’ कहते हुए जिमी ने एक झटके के साथ मुझे अपने शरीर से जुदा कर दिया, डंडा फिसलता हुआ मेरी चूत से बाहर हो गया मगर जिमी की चूत मे आधा वैसे ही फंसा था, मेरी आंखे फटी रह गई क्योंकि वह डंडा जिमी के शरीर का ही अंग लग रहा था, जिमी उसी हालत में अपनी चुचियाँ हिलाती हुई दरवाजे की तरफ बढ़ी।

जैसे ही दरवाजा खुला बाबूलाल लड़खडाता हुआ अंदर आ गया, उसकी आँखें सीधी उस डंडे पर जा टिकी- ऐसा लग रहा है यह तुम्हारा ही सामान है मैडम!
उसकी बात सुन कर मुझे हंसी आ गई।

‘अब जमाना आ गया है जब औरतों को डंडे लगवाने पड़ेंगे और तुम मर्दों को झुक कर खाने पड़ेंगे।’ जिमी ने दरवाजा बंद करते हुए कहा।

‘छोड़ो मैडम, यह जमाना अभी बहुत दूर है, आओ पहले तो हमी तुमको अपना डंडा खिलाते हैं।’ उसने अपना पजामा उतार कर एक तरफ रखते हुए कहा।

‘मैं तो बहुत बार खा चुकी हूँ, आज इसे खिलाना है, बेचारी बहुत दिनों से परेशान है।’ जिमी ने मेरी तरफ इशारा करते हुए कहा।

वो जैसे ही मेरी तरफ घूमा मेरा दिल जोर से धड़क उठा, उस समय उसके लंड में हल्की-हल्की उत्तेजना थी लेकिन आकार वही था जो जिमी ने बताया था। यह आदमी है या गधा, मैं यह सोचने को मजबूर हो गई।

‘यह हर परेशानी की दवा है मैडम!’ उसने अपना लंड मुझे दिखाते हुए हिलाया- अब यह आ गया है, सारी चिंता खत्म!

‘हूँ… पहले ही काफी देर हो चुकी है, चलो काम पर लगो!’ जिमी ने उसे मेरी तरफ धकेलते हुए कहा।

बाबूलाल एक ही झटके में मेरे पैरों पे आ गिरा, जिमी भी हंसती हुई मेरे पास आ खड़ी हुई, बाबूलाल औंधे मुंह गिरा था, जैसे ही उसने नजर उपर उठाई उसकी नजर सीधी मेरे चूत पर पड़ी- अरे… बाप… रे… इसमें से तो भाप निकल रही है मैडम!’
बाबूलाल चिल्लाया।

‘क्या मतलब है तेरा?’ जिमी ने अपने पैर से उसका सिर ऊपर उठाते हुए कहा।

‘मतलब साफ है मैडम, इसकी गर्मी से तो मेरा लंड पिघल जाएगा।’ वह हाथ झाड़ता हुआ खड़ा हुआ।

उसकी बात सुन कर मैं दंग रह गई, मैंने झुक कर अपनी चूत देखी मुझे तो कहीं भाप नहीं दिखी।

‘क्या बक रहा है तू?’ जिमी को गुस्सा आ गया, उसने बाबूलाल का लंड पकड़ कर इतनी जोर से झटका मारा कि बेचारा बाबूलाल दर्द से तड़प उठा- मईया… रे मैं तो जा रहा हूँ!
कह कर वो अपने कपड़े उठाने लगा।

उसे जाता देख मैं तो तड़प उठी- हाय… क्यों झगड़ा कर रही हो जिमी? वो जा रहा है!

‘अरे… मैं नहीं वो साला खुद झगड़ा कर रहा है, अगर भाप निकल रही है तो इसमे डरने की क्या बात है?’

‘ज़रा ऊँगली डाल कर देखो, खुद पता चल जाएगा कि मैं क्यों डर रहा हूँ!’

‘ठीक है इसका फैसला अभी हो जाता है!’ जिमी ने बाबूलाल की तरफ देख कर दांत भींचे- अगर तू यहाँ से भागा तो तेरी मूंछे उखाड़ कर तेरे पीछे घुसेड़ दूंगी!’ कहते हुए वो उसी कमरे में गई जहाँ से वो डंडा उठा कर लाई थी जो अब तक उसकी चूत में आधा फंसा हुआ था।

जब वह लौटी तो उसके हाथ में थर्मामीटर था जिससे डॉक्टर बुखार देखते हैं, जिमी ने मुझे बैठा कर मेरी जांघें फैलाई और थर्मामीटर मेरी चूत में आधा फंसा दिया, बाबूलाल भी आँखे फाड़े हुए सामने खड़ा हो गया, तभी एक अजीब बात हो गई, थर्मामीटर मेरी चूत से बाहर उछला और उसके टुकड़े टुकड़े हो गए, हम तीनों की आंखें फटी रह गई।

‘देख… क्या हाल हुआ है थर्मामीटर का! यही हाल इसका होने वाला था!’ बाबूलाल ने अपनी मोटे लंड की तरफ इशारा किया।

‘ओह्ह्ह… अब मेरा क्या होगा जिमी, मैं तो आज बड़ी आशा लेकर यहाँ आई थी यार!’ मैंने तड़प कर कहा।

‘मैंने तुझसे पहले ही कहा था पायल, यह पागल कुतिया की तरह लार टपका रही है।’

‘अब मैं क्या करूँ? कुछ सोच यार, नहीं तो मैं रो पडूँगी!’

‘नहीं…’ वो मेरा कन्धा पकड़ते हुए बोली- आज तुझे नहीं इस पगली को रोना पड़ेगा, इसके आंसू निकलवाना बहुत जरुरी हो गया है।’

उसने बाबूलाल की तरफ देख कर कहा- क्या बोलता है तू?

‘एक गाँधी का नोट और लगेगा मैडम!’ बाबूलाल बोला।

जिमी को गुस्सा आ गया। वो कुछ करती उससे पहले मैंने जिमी से कहा- तुम पैसे दे दो।

‘ठीक है बेटा ले ले तू पैसे, आज मैं भी तुझसे एक एक पैसे का हिसाब लेकर ही रहूंगी।’ जिमी अपने पर्स से रूपए निकाल कर उसे देती हुई बोली।

‘ठीक है.. ठीक है!’ कहता हुआ वह मेरी जांघों के नीचे फर्श पर बैठता हुआ बोला। उसने एक बार कुत्ते की तरह मेरी चूत को सुंघा फ़िर लम्बी जीभ निकाल कर चाटने लगा, उसका स्पर्श बेहद उत्तेजक था। मैं बिन पानी की मछली की तरह छटपटाने लगी।

जिमी मेरे पास बैठ गई, मेरी चूची दबाने लगी और होंठ और गाल चूमने लगी। फिर तो मैं आकाश में उड़ने लगी, मेरा अंग अंग झनझना उठा, मेरी चूत तड़पने लगी, वह मेरी चूत को हाथों से फैला कर चाट रहा था, जिमी ने मेरी चूचियाँ रगड़ डाली, वह उन पर उभरे निप्पल एक बच्चे की तरह चूसने लगी।

मैं मस्ती की वादियों में ऐसा खोई कि मैं अपना नाम पता तक भूल गई। पूरे बदन में मीठी मीठी गुदगुदी उठ रही थी जिसका अहसास मुझे पागल बना रहा था।

मैंने भी कसमसा कर जिमी की छातियों को रगड़ डाला।
उसने तड़प कर मेरे होंठ छोड़ दिये और मस्ती में कसमसा कर एक हाथ से डंडा हिलाने लगी जो बहुत देर से उसकी चूत में फंसा था।
देखते ही देखते आधे से ज्यादा डंडा उसकी चूत में घुस गया था, वह फिर भी उस डंडे को बहुत जोर जोर से हिला रही थी।

‘सी… ई… ई… क्या कर रही है पागल, ऐसे तो ये डंडा टूट जाएगा यार!’ मैंने उसके हाथों को पकड़ते हुए कहा।

‘हूँ… हाँ… छोड़ दे पायल, आज मैं इस डंडे को तोड़ कर ही दम लूंगी!’ उसने मेरा हाथ झटक दिया।

वासना का नंगा नाच शुरू हो चुका था, बाबूलाल ने मेरी चूत चाट चाट कर बहुत सारा रस निकाल दिया था, अब मुझे वहाँ कुछ ठंडक सी महसूस हो रही थी।
अब मैं चूत चटवाने से ऊब गई थी और बाबूलाल को वहाँ से हटा दिया, जब वह खड़ा हुआ तो उसका चेहरा देखने लायक था, उसके होंठ चिपचिपा रहे थे, उसकी मूंछें चूत के रस से भीग कर अकड़ गई थी।

‘हाँ… जी.. अब जरा इसका भी खयाल कर लो!’ वह अपने होंठ चाटता हुआ और अपना विकराल लंड हिलाता हुआ बोला।

‘अरे… इसे कौन छोड़ने वाला है!’ यह कह कर जिमी बेड से कूद गई, उसने इशारे से मुझे भी बुला लिया, मेरे होंठ तो पहले ही फड़फड़ा रहे थे क्योंकि मैंने तीन साल बाद लंड के दर्शन किये थे, हम दोनों पास पास बैठ गई और बाबूलाल का लंड बारी बारी से चाटने लगी।
मैं तो उसे अपने होंठ में दबा कर यह भी भूल जाती कि उसे छोड़ना भी है। जिमी जबरदस्ती खींच कर मेरे मुंह से निकालती।

पुच्च… पुच्च… की आवाज पूरे कमरे में गूँज रही थी, बाबूलाल भी खुल कर मैदान में आ गया।
वह लंड चुसाई का भरपूर आनन्द उठा रहा था, 10 मिनट बाद वह बोला- बस करो मैडम, अब इसे छोड़ दो, इस पर रहम करो तो अच्छा है।’

मैं भी अब यही चाहती थी कि जल्द से जल्द चुदाई-लीला शुरु हो जानी चाहिए।

मैंने फर्श पर हथेलियाँ टिकाई और घुटने मोड़ कर एक पशु की तरह झुक गई, बाबूलाल मेरी गांड के पीछे आ खड़ा हुआ, वो अपने लंड के सुपाड़े को मेरी गांड और चूत पर रगड़ने लगा, हम दोनों की चुसाई के कारण उसका लंड एकदम चिकना हो रखा था, चूत पर लंड रगड़ने से मेरी चूत से भी चिकना रस निकलने लगा, तभी उसने एक झटका मारा कि उसका लंड मेरी चूत के छोटे से द्वार में आ फंसा, ऐसा झटका लगा कि मैं उछल पड़ी।

मैंने बाबूलाल से कहा- अरे… भैया, थोड़ा धीरे पेलो! यह जिमी की चालू मशीन नहीं है जिसमें रोज तेल जाता है, यह मशीन तीन साल से बन्द है, पहले इसे ढीला कर लो फिर जैसे मर्जी हो चलाना।
मैंने कराहते हुए कहा।

‘मैडम जी, आप की सहेली मुझे भैया कह रही है?’ बाबूलाल अपना लंड आगे पेलते हुए बोला।

‘तुझे भैया बोल रही है तो तू बन जा इसका सैयाँ! इसकी चूत में ऐसा लंड पेल कि हरामजादी चुदवाना भूल जाये, साली को बहुत खुजली होती है! मिटा दे सारी खुजली।’ जिमी ने उसे और जोश में लाने के लिए बोला।

अब तो बाबूलाल बंदर की तरह उछलने लगा, उसका लंड मेरी चूत की गहराई में उतर कर ऐसी तैसी कर रहा था, ऐसी तैसी तो कर रहा था लेकिन मजा इतना आ रहा था कि उसका बयाँ मैं यहाँ नहीं कर सकती, मेरे शरीर के साथ साथ मेरी चूचियाँ भी हवा में झूल रही थी, मेरे मुंह से ऐसे शब्द फुट रहे थे- हूँ… सा… आ… आ… ..बाश… बाबूलाल, सी… ई… सी… ई… बस ऊँ… आह… मुझे ऐसे ही झूले की तलाश थी रे…!’

बाबूलाल भी मेरी तरह पागल आदमी था, उसने तो मेरा एक एक पुर्जा खोल कर रख दिया, वह बुरी तरह हाँफता हुआ मुझे मस्ती का झूला झुला रहा था, बेचारी जिमी सामने बैठी अपनी चूत मे फंसा डंडा हिला रही थी, अचानक वह उठी और बाबूलाल के पीछे जा खड़ी हुई।

‘ठहर जा बेटा!’ उसने यह कह कर ढेर सारा थूक अपने डंडे पर लगाया और बाबूलाल की थिरकती गांड से सटा दिया- मैं भी अभी तेरी ऐसी तैसी करती हूँ साले…!’

‘आ… आई… मार… दिया बेचारे पापड़ वाले को साली!’

बाबूलाल की दर्द भरी चीख सुन कर मुझे पूरा अंदाजा हो गया कि जिमी ने बाबूलाल के साथ क्या हरकत की है। यह तमाशा सारी रात चलता रहा।

पता नहीं उस बुड्ढे में क्या जादू है। हर रात मैं उसके पास खिंची चली आती हूँ, जिमी भी हमारे साथ होती है, अब मेरी जिन्दगी बड़े आराम से चुदवाते हुए गुजर रही है। Antarvasna Sex Stories

हेलो दोस्तों मैं आपका दोस्त हाजिर हूँ अपनी एक और कहानी लेके "उर्मि की चुदाई" इससे पहले मेरी "बारिश में दारू पीकर एक्स गर्लफ्रेंड को चोदा" "जैसे को तैसा" "मेनका की दूसरी चुदाई" कहानी लिखी थी जिसे आप लोगो ने खूब सराहा था ! दोस्तों ये बात मेरी शादी से पहले की है मेरे साइबर कैफ़े में एक दिन एक 27-28 साल की लड़की आयी उसने बताया की उसके डाक्यूमेंट्स में कुछ करेक्शन करवाना है ! मैंने उसे चार्जेज बताये और उसका काम कर दिया वो ऑफिस का एक कार्ड लेके चली गयी 2 दिन बाद वो मुझसे पूछा की मैंने जो करवाया था वो हो गया क्या ?? मैंने चेक किया वो हो चूका था तो मैंने डाक्यूमेंट्स डाउनलोड करके दे दिया जिसपे उसने मुझसे पूछा की आपका नंबर व्हाट्सप्प पर नहीं है ? मैंने कहा मेम अगर ये नंबर व्हाट्सप्प पर दाल दिया तो लोग सोने नहीं देंगे तो उसने मुझसे मेरा व्हाट्सप्प वाला नंबर माँगा तो मैंने दे दिया ! उसी रात को 1 बजे मुझे किसी नए नंबर से मैसेज आया तो मैंने पूछा कोण उसने कहा मैं उर्मि तो हम बातें करने लगे कुछ दिन तक ऐसे ही बात करते करते एक दिन उसने मुझसे पूछा की आपकी कितनी गर्लफ्रेंड है ? तो मैंने हॅसते हुए कहा मुझ जेसो की कहा गर्लफ्रेंड होगी मैं सिंगल हूँ ! उससे अगले दिन उसने मुझे प्रपोज़ किया और मैंने भी तुरंत हां कर दी ! एक दिन बातों बातों उसने कहा की मुझे आपके क्लोज आना है ! मैं उसकी इस बात का मतलब नहीं समझा तो मैंने पूछा की कैसे क्लोज आना है ? उसने कहा तुम सच में लल्लू हो उसने मुझे अगले दिन ऑफिस से छुट्टी लेने को कहा मैं समझ गया की ये चुदना चाहती हैं ! मैंने अपने एक दोस्त से उसके रूम की चाभी पुरे दिन के लिए ले ली ! हम लोग 12 बजे मेरे दोस्त के रूम में पहुंच गए ! दोस्तों आज उर्मि पूरी पताका माल लग रही थी रेड लिपस्टिक टाइट जीन्स रेड टॉप उफ़ क्या बताऊ पूरी एमी जैक्सन ! फिर हम थोड़ी देर बात करने लगे उसने कहा मुझे गर्मी लग रही है मैंने एसी तेज़ करके 16 डिग्री पर कर दिया ! दोनों बैठ के बात करते-करते आइसक्रीम खा रहे थे। तब उसका चम्मच नीचे गिर गया। चम्मच गिरते ही मैं उठाने के लिये झुक गया, तभी वो भी चम्मच उठाने झुक गयी। झुकते ही उसके बूब्स मेरे कंधे पर टच हो गये। टच होते ही वो मुस्कुराने लगी और चेयर पे बैठ के खाने लगी। आइसक्रीम खाते-खाते मुझे धीरे-धीरे टच करने लगी। बहुत समय तक वो मेरे हाथ पे, कमर के पास, गाल पे हाथ घुमाने लगी, और मैं बहुत कंट्रोल में बैठा था। मैंने बहत समय तक कंट्रोल किया, फिर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ। फिर मैं भी उसको कस के पकड़ा, और ज़ोर से उसके होंठों पर किस करने लगा। किस करते ही वो भी मुझे कस के पकड़ ली और उसके बूब्स को मेरे सीने पे रगड़ने लगा। मैं धीरे-धीरे मेरे हाथ को उसके बूब्स की तरफ़ लिया, और धीरे-धीरे उसके बूब्स दबाने लगा। उसके छोटे-छोटे बूब्स दबाने में बहुत ही मज़ा आ रहा था। लेकिन उसे भी बहुत मज़ा आया, जब उसके छोटे-छोटे बूब्स के छोटे-छोटे निप्पलों को उंगली से दबाने लगा। फिर धीरे-धीरे उसकी टी-शर्ट के अंदर हाथ डाला, और बूब्स को दबाने लगा। वो भी उसके हाथ को धीरे-धीरे मेरी पैंट के अंदर डाल के मेरे लंड को हल्के हाथों से सहलाने लगी। फिर मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा। तब मुझसे और उससे कंट्रोल करना नहीं हो रहा था। वो रूम के बाहर ही मेरी पैंट निकाल रही थी। मैंने रूम के बाहर नहीं बोल के मना किया। मैं उसको उठा के उसके रूम पे लेके गया, और उसे बेड पे पटक दिया। फिर उसके ऊपर मैं लेट गया। धीरे-धीरे उसकी टी-शर्ट उतारी, और बूब्स को दबाने लगा। फिर उसके बूब्स के निप्पलों को चूसने लगा। निप्पल चूसते-चूसते उसकी जीन्स पेंट का बटन और चैन खोल दी। धीरे-धीरे हाथ को उसकी चड्डी के अंदर डाला, और चूत को धीरे-धीरे उंगली से सहलाने लगा। चूत को सहलाते-सहलाते मेरी बीच वाली उंगली को चूत के अंदर धीरे से डाली। वो कुंवारी लड़की थी, इसलिए उसकी चूत भी बहुत ही टाइट थी, और उंगली बहुत टाइट से अंदर गयी। फिर मैं उंगली को हल्के हाथों से अंदर-बाहर करने लगा। उसने एक हाथ से बेड की चादर को कस के पकड़ा और दूसरे हाथ से मेरे सर के बालों को पकड़ के ऊह… आहा… ऊह… आहा… आवाज़ें करने लगी। कुछ टाइम के बाद वो मुझे धक्का देके बेड पे लिटा दी, और धीरे-धीरे मेरे लंड के ऊपर हाथ को सहलाते हुए मेरी पैंट और चड्डी को निकाल के लंड को हिलाने लगी। हिलाते-हिलाते मेरे लंड को मुंह में लिया ओर चूसने लगा। जैसे ही वो मेरे लंड को मुंह में लेके चूसने लगी, तो मैं भी आवाज़ें करने लगा। थोड़ी देर तक वो मेरे लंड को अपने मुंह से चूसती रही। थोड़े समय के बाद मेरे लंड से गरम-गरम सफेद सफेद रस निकलने लगा। वो हस्ते-हस्ते मेरे लंड को जीभ से चाट-चाट के रस खाने लगी। जैसे ही मेरा रस निकला, धीरे-धीरे मेरा खड़ा हुआ टाइट लंड ढीला पड़ गया। मेरा लंड ढीला होने लगा था। लेकिन उसे मेरे बड़े लंड को अपनी चूत मे डाल के चुदवाने का शौंक था, और मेरा भी मन उसकी चूत में लंड डाल के चोदने का इंतज़ार कर रहा था। फिर वो मेरा लंड चाटना बंद करके, मुझे कस के पकड़ के, होंठों पे ज़ोर-ज़ोर से किस करने लगी, और हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी। वो जैसे ही मेरे लंड को फिर से हाथ से सहलाने लगी, मैंने भी एक हाथ से उसके बूब्स दबाये, और एक हाथ से धीरे-धीरे उसकी चूत को उंगली से सहलाने लगा। थोड़ी देर के बाद उसको गोद में उठा के बाजू में रखे हुए सोफा के ऊपर लिटा के उसको चूमने लगा। सोफे पे लिटा के उसकी चड्डी को खींच के निकाला। चड्डी निकालने के बाद जैसे उसकी चूत को देखा, तो उसकी चूत पे बाल ही नहीं थे। चूत पे थोड़े-थोड़े बाल आने चालू हुए थे, और चूत थोड़ी-थोड़ी गुलाबी दिख रही थी। देखते ही मैंने मन ही मन में सोचा उसकी चूत को चाट-चाट खा जाऊं। फिर अपने मुंह को फटाक से उसकी चूत में डाला, और जीभ को उसकी चूत के अंदर डाल के थोड़ी देर तक चाटने लगा। वो मेरे सर के बालों को खींच के मेरी मुंडी को चूत की तरफ दबाने लगी। थोड़ी देर चाटने के बाद मैं खड़ा हुआ टाइट लंड को चूत मैं डालने लगा। वो कुंवारी लड़की थी, और उसकी सील अभी तक टूटी नहीं थी। बहुत कोशिश करने के बाद भी मेरा लंड उसके चूत में नहीं घुसा। फिर मैं उसको पूछा- मैं: कुछ तेल या कुछ है क्या? तो वो बोली: शेल्फ में है लेलो। तभी बाजू की शेल्फ में रखा हुआ वेसलीन का डिब्बा उठाया, और मेरे लंड पे मसाज करने लगा। मसाज करने के बाद मेरा लंड और भी मोटा और लंबा होने लगा। फिर मैं उसकी चूत पे थोड़ा वेसलीन लगाया, और 6.5″ लंड को ज़ोर से उसकी चूत में घुसा दिया। लंड उसकी चूत में डालते ही उसकी चूत की सील टूट के खून निकलने लगा, और वो ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी। मैंने आराम से लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला। फिर से थोड़ा वेसलीन लगा के धीरे-धीरे चूत में डाल के चोदना चालू किया। थोड़ी देर उसके ऊपर लेट के चोदने के बाद उसके दोनों पैरों को कंधे पे उठाया, और धका-धक बिना रुके जोर-जोर से चोदने लगा। चूत से खून की बूंदे भी बेड पर गिर रही थी। मैं उसकी कमर पकड़ के जोर-जोर से चोद रहा था। चोद-चोद के उसकी और चूत की हालत खराब हो रही थी। वो मुझे जोर-जोर से चोदो, बोल के चिल्ला रही थी। चोदते-चोदते मेरा वीर्य कब निकल गया पता नहीं चला। वीर्य को बाहर गिराने की कोशिश करते-करते वीर्य उसकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया। जब वीर्य उसके अंदर गया, और उसको गरम-गरम लगने लगा, तभी उसने मुझे धक्का दिया, और उठ के खड़ी हो गयी। लेकिन उसे पता चल गया कि वीर्य उसकी चूत के अंदर चला गया था। फिर दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहने, और बेड पे लेट के एक-दूसरे से बात करने लगे। दोस्तों ये थी मेरी और उर्मि की चुदाई की कहानी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताये ! आपका दोस्त सोनू Rahuluid391@gmail.com

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