Our site can help you find a professional massage girl in Firozpur who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Firozpur that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Firozpur massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Firozpur who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Firozpur massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Firozpur massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Firozpur who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Firozpur employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Firozpur helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Firozpur
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Firozpur at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। Hindi Porn Stories मैंने भी सोचा कि मैं भी अपनी एक कहानी अन्तर्वासना को भेज ही दूँ !
मेरा नाम राज है और मैं सहारनपुर का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र इस वक्त तीस साल है।
सहारनपुर से मेरा गांव चालीस किलोमीटर दूर पड़ता है।
मेरे गाँव की एक लड़की जिसका नाम है चंदा, मैं बहुत पहले से ही उसे चोदने की इच्छा रखता था लेकिन कभी मौका नहीं मिला।
फिर उसकी शादी हो गई और मेरा सपना सपना ही रह गया।
लेकिन दोस्तो, जब ऊपर वाला देता है तो छप्पर फाड़ के देता है.
एक दिन चंदा अपनी ससुराल से अकेली ही गाँव के लिए चली.
तो उसके ट्रेन किसी वजह से लेट हो गई और वो स्टेशन पर फँस गई क्योंकि गाँव के लिए बस से जाना पड़ता है और रात के 8 बजे कोई भी बस गाँव नहीं जाती थी।
इसलिए उसने अपने भाई से पता किया तो उसके भाई ने हमारे घर का एड्रेस और मेरा नंबर उसे दे दिया और बोला कि रात को वहां रुक जाओ।
वो एड्रेस पता करते करते हमारे घर तक आ गई।
इत्तफाक से मेरे सभी घरवाले गाँव में गए हुए थे। घर पे सिर्फ मैं ही अकेला था.
वो मेरे घर पे आ गई और सारी बात बताई।
मैंने कहा- कोई बात नहीं तुम सुबह घर चली जाना!
तो उसने रसोई पूछी और अपने और मेरे लिए खाना बनाया और हम दोनों ने खाना खाया।
थोड़ी देर मेरे साथ बैठ कर उसने टीवी देखा और मैंने उसे माँ वाला कमरा दिखा दिया, जो ड्राइंगरूम के बगल में ही था।
वो उसमें सोने के लिए चली गई।
लेकिन मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था, मैं आज किसी भी तरह से चंदा को चोदना चाहता था।
फिर मैंने जानबूझ कर एक ब्लू मूवी की सी डी लगा दी और आवाज थोड़ी सी तेज़ कर दी ताकि चंदा उन आवाजों को सुन सके।
फिल्म चलते हुए आधा घंटा ही बीता था कि चंदा आकर मुझ से लिपट गई और मेरे होंठ चूसने लगी।
मैं समझ गया कि वो बुरी तरह से चुदासी हो गई है फिल्म की आवाज को सुनकर।
तो मैंने भी उसकी मुंह में अपनी जीभ डाल दी, वो मज़े से चूसने लगी।
मैंने जल्दी से उसको नंगा किया, खुद भी नंगा हो गया और उसको उठाकर अपने बेडरूम में ले आया और बेड पे लिटा दिया.
मैं भी उसके मम्मो से खेलने लगा और वो मेरे लण्ड से खेलने लगी।
मन ही मन मैं बहुत खुश हो रहा था कि ये तो बहुत गरम निकली।
खैर अब उसने मेरा लौड़ा अपने मुंह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी।
वाह क्या सीन था!
मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था.
चूँकि मैं कई दिनों से रुका हुआ था इसलिए मेरे लण्ड से बहुत सारा पानी का धार छुट गया और चंदा का मुंह भर गया.
वो गटागट सारा का सारा रस पी गई.
फिर भी उसने मेरे लौड़े की चुसाई बंद नहीं की, वो चूसती ही जा रही थी।
दो तीन मिनट के बाद मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया.
अब मैंने उसे लिटाया और उसकी टांगों के बीच आ गया, उसकी गुलाबी चूत देख कर मेरा लण्ड और भी कड़क हो गया.
मैंने लण्ड उसके छेद पर रख कर पूरे जोर से धक्का मारा.
पहले ही झटके में मेरा लण्ड चंदा की चूत की गहराइयों में समां गया।
फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी।
इस बीच चंदा कहे जा रही थी- चोदो मुझे … और जोर से चोदो! और जोर से! अ आ आ आह ओह ह ह मैं आई! मैं आई!
अचानक ही उसकी चूत की दीवारें मेरे लण्ड से चिपक गई.
मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है.
लेकिन मैं तो अभी शुरू ही हुआ था, मैंने स्पीड और तेज़ कर दी.
एकदम से चंदा की बाहें मेरी कमर में कस गई.
मैं समझ गया कि वो झड़ गई है.
लेकिन दोस्तो, चूँकि मैं एक बार उसके मुंह में झड़ चुका था इसलिए मेरा अभी बहुत बाकी था।
मैंने झट से उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत मारने लगा।
मैं बहुत जोर जोर से उसे चोदने लगा.
वो फिर से गरम हो गई और अपनी गांड हिला हिला कर मेरा साथ देने लगी और बोले भी जा रही थी- ओ मेरे राजा! बजा दे मेरा बाजा! वाह, क्या चूत मारते हो. कमाल हो गया! आज जैसे मज़े कभी नहीं आये ! मारो !और जोर से मारो !
और मैं उसे चोदे ही जा रहा था।
दोस्तो, इसके बाद मैंने उसे सीधा किया और उसकी टाँगें अपने कंधे पर रख कर उसे आधे घंटे और चोदा।
वो तीन बार और झड़ी, अब मेरे लण्ड ने भी अपना मुंह खोला और मैंने सारा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया।
दोस्तो, उस रात मैंने उसकी कई आसन बदल बदल कर 6 बार उसकी चूत और गांड मारी.
और अब भी जब स्वाद बदलने की इच्छा होती है तो मैं उसे उसी की ससुराल में जाकर चोद आता हूँ।
आपको मेरी कहानी अच्छी लगी हो तो कमेंट्स जरूर करें, ताकि मैं आगे भी आपके लिए और सच्ची कहानियां लेकर आता रहूँ! Hindi Porn Stories
मैं अपनी दीदी के यहाँ कुछ दिनों के लिये Indian Sex Stories गई थी। दीदी की नई-नई शादी हुई थी… अभी जीजू में और दीदी में नया-नया जोश भी था। दीदी और जीजू का कमरा ऊपर था। नीचे सिर्फ़ एक बैठक और बैठक थी। मैं बैठक में ही सोती थी।
शाम को हम तीनों ही झील के किनारे घूमने जाया करते थे। मेरे चूतड़ थोड़े से भारी हैं और कुछ पीछे उभरे हुए भी हैं… मेरे सफ़ेद टाईट पैन्ट में चूतड़ बड़े ही सेक्सी लगते हैं। मेरे चूतड़ों की दरार में घुसी पैन्ट देख कर किसी का भी लण्ड खड़ा हो सकता था… फिर जीजू तो मेरे साथ ही रहते थे और कभी-कभी मेरे चूतड़ों पर हाथ मार कर अपनी भड़ास भी निकाल लेते थे। उनकी ये हरकत मेरी शरीर को कँपकँपा देती थी।
झील के किनारे वहीं एक दुकान के बाहर कुर्सियाँ निकाल कर हम बैठ जाते थे और कोल्ड-ड्रिंक के साथ झील की ठंडी हवा का भी आनन्द लेते थे। दीदी की अनुपस्थिति में जीजू मुझसे छेड़छाड़ भी कर लिया करते थे, और मैं भी जीजू को आँखों में इशारा करके मज़ा लेती थी। मुझे ये पता था कि जीजू मुझ पर भी अपनी नजर रखते हैं। मौका मिला तो शायद चोद भी दें। मैं उन्हें जान-बूझ कर के और छेड़ देती थी।
घर आ कर हम डिनर करते थे… फिर जीजू और दीदी जल्दी ही अपने कमरे में चले जाते थे। लगभग दस बजे मैं अकेली हो जाती थी… और कम्प्यूटर पर कुछ-कुछ खेलती रहती थी।
ऐसे ही एक रात को मैं अकेली रूम में बोर हो रही थी… नींद भी नहीं आ रही थी… तो मैं घर की छत पर चली आई। ठन्डी हवा में कुछ देर घूमती रही, फिर सोने के लिये नीचे आई। जैसे ही दीदी के कमरे के पास से निकली मुझे सिसकरियों की आवाज आई। ऐसी सिसकारियाँ मैं पहचानती थी… जाहिर था कि दीदी चुद रही थी… मेरी नज़र अचानक ही खिड़की पर पड़ी… वो थोड़ी सी खुली थी। जिज्ञासा जागने लगी। दबे कदमों से मैं खिड़की की ओर बढ़ गई … मेरा दिल धक से रह गया…
दीदी घोड़ी बनी हुई थी और जीजू पीछे से उसकी गाँड चोद रहे थे। मुझे सिरहन सी उठने लगी। जीजू ने अब दीदी के बोबे मसलने चालू कर दिये थे… मेरे हाथ स्वत: ही मेरे स्तनों पर आ गये… मेरे चेहरे पर पसीना आने लगा… जीजू को दीदी की चुदाई करते पहली बार देखा तो मेरी चूत भी गीली होने लगी थी। इतने में जीजू झड़ने लगे… उसके वीर्य की पिचकारी दीदी के सुन्दर गोल गोल चूतड़ों पर पड़ रही थी…
मैं दबे पाँव वहाँ से हट गई और नीचे की सीढ़ियां उतर गई। मेरी साँसें चढ़ी हुई थीं। धड़कनें भी बढ़ी हुई थीं। दिल के धड़कने की आवाज़ कानों तक आ रही थी।मैं बिस्तर पर आकर लेट गई… पर नींद ही नही आ रही थी। मुझे रह-रह कर चुदाई के सीन याद आ रहे थे। मैं बेचैन हो उठी और अपनी चूत में ऊँगली घुसा दी… और ज़ोर-ज़ोर से अन्दर घुमाने लगी। कुछ ही देर में मैं झड़ गई।
दिल कुछ शान्त हुआ। सुबह मैं उठी तो जीजू दरवाजा खटखटा रहे थे। मैं तुरन्त उठी और कहा,’ दरवाजा खुला है…।’
जीजू चाय ले कर अन्दर आ गये। उनके हाथ में दो प्याले थे। वो वहीं कुर्सी खींच कर बैठ गये।
‘मजा आया क्या…?’
मैं उछल पड़ी… क्या जीजू ने कल रात को देख लिया था
‘जी क्या… किसमें… मैं समझी नहीं…?’ मैं घबरा गई.
‘वो बाद में… आज तुम्हारी दीदी को दो दिन के लिए भोपाल हेड-क्वार्टर जाना है… अब आपको घर सँभालना है…’
‘हम लड़कियाँ यही तो करती हैं ना… फिर और क्या-क्या सँभालना पड़ेगा…?’ मैंने जीजू पर कटाक्ष किया।
‘बस यही है और मैं हूँ… सँभाल लेगी क्या…?’ जीजू भी दुहरी मार वाला मज़ाक कर रहे थे.
‘जीजू… मजाक अच्छा करते हो…!’ मैंने अपनी चाय पी कर प्याला मेज़ पर रख दिया। मैंने उठने के लिए बिस्तर पर से जैसे ही पाँव उठाए, मेरी स्कर्ट ऊपर उठ गई और मेरी नंगी चूत उन्हें नज़र आ गई।
मैंने जान-बूझ कर जीजू को एक झटका दे दिया। मुझे लगा कि आज ही इसकी ज़रूरत है। जीजू एकटक मुझे देखने लगे… मुझे एक नज़र में पता चल गया कि मेरा जादू चल गया। मैंने कहा,’जीजू… मुझे ऐसे क्या देख रहे हो…’
‘कुछ नही… सवेरे-सवेरे अच्छी चीजों के दर्शन करना शुभ होता है…!’ मैन तुरंत जीजू का इशारा समझ गई… और मन ही मन मुस्कुरा उठी।
‘आपने सवेरे-सवेरे किसके दर्शन किये थे?’ मैंने अंजान बनते हुए पूछा… लगा कि थोड़ी कोशिश से काम बन जायेगा। पर मुझे क्या पता था कि कोशिश तो जीजू खुद ही कर रहे थे।
दीदी दफ्तर से आकर दौरे पर जाने की तैयारी करने लगी… डिनर जल्दी ही कर लिया… फिर जीजू दीदी को छोड़ने स्टेशन चले गये। मैंने अपनी टाईट जीन्स पहन ली और मेक अप कर लिया। जीजू के आते ही मैंने झील के किनारे घूमने की फ़रमाईश कर दी।
वो फ़िर से कार में बैठ गये… मैं भी उनके साथ वाली सीट पर बैठ गई। जीजू मेरे साथ बहुत खुश लग रहे थे। कार उन्होंने उसी दुकान पर रोकी, जहाँ हम रोज़ कोल्ड-ड्रिंक लेते थे। आज कोल्ड-ड्रिंक जीजू ने कार में ही मंगा ली।
‘हाँ तो मैं कह रहा था कि मजा आया था क्या?’ मुझे अब तो यकीन हो गया था कि जीजू ने मुझे रात को देख लिया था।
‘हां… मुझे बहुत मज़ा आया था…’ मैंने प्रतिक्रिया जानने के लिए तीर मारा…
जीजू ने तिरछी निगाहों से देखा… और हँस पड़े- ‘अच्छा… फिर क्या किया…’
‘आप बताओ कि अच्छा लगने के बाद क्या करते हैं…’ जीजू का हाथ धीरे धीरे सरकता हुआ मेरे हाथों पर आ गया। मैंने कुछ नही कहा… लगा कि बात बन रही है।
‘मैं बताऊँगा तो कहोगी कि अच्छा लगने के बाद आईस-क्रीम खाते हैं…’ और हँस पड़े और मेरा हाथ पकड़ लिया। मैं जीजू को तिरछी नजरों से घूरती रही कि ये आगे क्या करेंगे। मैंने भी हाथ दबा कर इज़हार का इशारा किया।
हम दोनों मुस्कुरा पड़े। आँखों आँखों में हम दोनों सब समझ गये थे… पर एक झिझक अभी बाकी थी। हम घर वापस आ गये।
जीजू अपने कमरे में जा चुके थे… मैं निराश हो गई… सब मज़ाक में ही रह गया। मैं अनमने मन से बिस्तर पर लेट गई। रोज की तरह आज भी मैंने बिना पैन्टी के एक छोटी सी स्कर्ट पहन रखी थी… मैंने करवट ली और पता नही कब नींद आ गई… रात को अचानक मेरी नींद खुल गई… जीजू हौले से मेरे बोबे सहला रहे थे… मैं रोमांचित हो उठी… मन ने कहा… हाय! काम अपने आप ही बन गया… मैं चुपचाप अनजान बन कर लेटी रही…
जीजू ने मेरी स्कर्ट ऊंची कर दी और नीचे से नंगी कर दिया। पंखे की हवा मेरे चूतड़ों पर लग रही थी। जीजू के हाथ मेरे चिकने चूतड़ों पर फ़िसलने लगे… जीजू धीरे से मेरी पीठ से चिपक कर लेट गये… उनका लण्ड खड़ा था… उसका स्पर्श मेरी चूतड़ों की दरार पर लग रहा था… उसके सुपाड़े का चिकनापन मुझे बड़ा प्यारा लग रहा था।
उसने मेरे बोबे जोर से पकड़ लिए और लण्ड मेरी गाँड पर दबा दिया। मैंने लण्ड को गाँड ढीली कर के रास्ता दे दिया… और सुपाड़ा एक झटके में छेद के अन्दर था।
‘जीजू… हाय रे… मार दी ना… मेरी पिछाड़ी को…’ मेरे मुख से सिसकारी निकल पड़ी। उसका लण्ड गाँड़ की गहराईयों में मेरी सिसकारियों के साथ उतरता ही जा रहा था।
‘रीता… जो बात तुझमें है… तेरी दीदी में नहीं है…’ जीजू ने आह भरते हुए कहा।
लण्ड एक बार बाहर निकल कर फिर से अन्दर घुसा जा रहा था। हल्का सा दर्द हो रहा था। पर पहले भी मैं गाँड चुदवा चुकी थी। अब जीजू ने अपनी ऊँगली मेरी चूत में घुसा दी थी… और दाने के साथ मेरी चूत को भी मसल रहे थे… मैं आनन्द से सराबोर हो गई। मेरी मन की इच्छा पूरी हो रही थी… जीजू पर दिल था… और मुझे अब जीजू ही चोद रहे थे।
‘मत बोलो जीजू बस चोदे जाओ… हाय कितना चिकना सुपाड़ा है… चोद दो आपकी साली की गाँड को…’ मैं बेशर्मी पर उतर आई थी…
उसका मोटा लण्ड तेजी से मेरी गाँड में उतराता जा रहा था… अब जीजू ने बिना लण्ड बाहर निकाले मुझे उल्टी लेटा कर मेरी भारी चूतड़ों पर सवार हो गये। और हाथों के बल पर शरीर को ऊँचा उठा लिया और अपना लण्ड मेरी गाँड पर तेजी से मारने लगे… उनका ये फ्री-स्टाईल चोदना मुझे बहुत भाया।
‘राजू… मेरी चूत का भी तो ख्याल करो… या बस मेरी गाँड ही मारोगे…’ मैंने जीजू को घर के नाम से बुलाया।
‘रीता… मेरी तो शुरू से ही तुम्हारी गाँड पर नजर थी… इतनी प्यारी गाँड… उभरी हुई और इतनी गहरी… हाय मेरी जान…’
जीजू ने लण्ड बाहर निकाल लिया और चूत को अपना निशाना बनाया…
‘जान… चूत तैयार है ना… लो… ये गया… हाय इतनी चिकनी और गीली…’ और उसका लण्ड पीछे से ही मेरी चूत में घुस पड़ा… एक तेज मीठी सी टीस चूत में उठी… चूत की दीवारों पर रगड़ से मेरे मुख से आनन्द की सीत्कार निकल गई।
‘हाय रे… जीजू मर गई… मज़ा आ गया… और करो…।’ जीजू का लण्ड गाँड मारने से बहुत ही कड़ा हो रहा था… जीजू के चूतड़ खूब उछल-उछल कर मेरी चूत चोद रहे थे। मेरी चूचियाँ भी बहुत कठोर हो गईं थीं।
मैंने जीजू से कहा,’जीजू… मेरी चूचियाँ जोर से मसलो ना… खींच डालो…!’ जीजू तो चूचियाँ पहले से ही पकड़े हुए थे… पर हौले-हौले से दबा रहे थे… मेरे कहते ही उन्हें तो मज़ा आ गया… जीजू ने मेरी दोनो चूचियाँ मसल के, रगड़ के चोदना शुरू कर दिया। मेरी दोनों चूतड़ों की गोलाईयाँ उसके पेडू से टकरा रहीं थीं… लण्ड चूत में गहराई तक जा रहा था… घोड़े की तरह उसके चूतड़ धक्के मार-मार कर मुझे चोद रहे थे।
मेरे पूरे बदन में मीठी-मीठी लहरें उठ रहीं थीं… मैं अपनी आँखों को बन्द करके चुदाई का भरपूर आनन्द ले रही थी। मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी… जीजू के भी चोदने से लग रहा था कि मंज़िल अब दूर नहीं है। उसकी तेजी और आहें तेज होती जा रही थी… उसने मेरी चूचक जोर से खींचने चालू कर दिये थे…
मैं भी अब चरम सीमा पर पहुँच रही थी। मेरी चूत ने जवाब देना शुरू कर दिया था… मेरे शरीर में रह-रह कर झड़ने जैसी मिठास आने लगी थी। अब मैं अपने आप को रोक ना सकी और अपनी चूत और ऊपर दी… बस उसके दो भरपूर लण्ड के झटके पड़े कि चूत बोल उठी कि बस बस… हो गया।
‘जीजूऽऽऽऽऽ बस…बस… मेरा माल निकला… मै गई… आऽऽईऽऽऽअऽ अऽऽऽआ…’ मैंने ज़ोर लगा कर अपनी चूचियाँ उससे छुड़ा ली… और बिस्तर पर अपना सर रख लिया… और झड़ने का मज़ा लेने लगी… उसका लण्ड भी आखिरी झटके लगा रहा था। फिर…… आह्… उसका कसाव मेरे शरीर पर बढ़ता गया और उन्होंने अपना लण्ड बाहर खींच लिया।
झड़ने के बाद मुझे चोट लगने लगी थी… थोड़ी राहत मिली… अचानक मेरे चूतड़ और मेरी पीठ उसके लण्ड की फ़ुहारों से भीग उठी… जीजू झड़ने लगे थे… रह-रह कर कभी पीठ पर वीर्य की पिचकारी पड़ रही थी और अब मेरे चूतड़ों पर पड़ रही थी। जीजू लण्ड को मसल-मसल कर अपना पूरा वीर्य निकाल रहे थे।
जब पूरा वीर्य निकल गया तो जीजू ने पास पड़ा तौलिया उठाया और मेरी पीठ को पौंछने लगे…’
रीता… तुमने तो आज मुझे मस्त कर दिया’ जीजू ने मेरे चेहरे को किस करते हुए कहा… मैं चुदने की खुशी में कुछ नहीं बोली… पर धन्यवाद के रूप में उन्हें फिर से बिस्तर पर खींच लिया… मुझे अभी और चुदना था…
इतनी जल्दी कैसे छोड़ देती… दो तीन दौर तो पूरा करती… सो जीजू के ऊपर चढ़ गई… जीजू को लगा कि पूरी रात मज़े करेंगे… जीजू अपना प्यार का इकरार करने लगे…
‘मेरी रानी… तुम प्यारी हो… मैं तो तुम पर मर मिटा हूँ… जी भर कर चुदवा लो… अब तो मैं तुम्हारा ही हूँ…’ और दुगुने जोश से उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में कस लिया…
मैं आज तो रात-भर स्वर्ग की सैर करने वाली थी… Indian Sex Stories
देखिये मैं कोई कहानी Antarvasna आपको नहीं बता रहा हूँ, यह मेरा पहला अनुभव था जो मैं आपको बताना चाहता हूँ जब मुझे जिंदगी के सबसे हसीन पल नसीब हुए।
शुरू से ही मेरी दिलचस्पी बड़ी उम्र की महिलाओं में मतलब कि शादीशुदा महिलाओं में रही है क्यूंकि शादी के बाद उनके यौवन में जो निखर आता है उसका कोई जवाब ही नहीं होता! चेहरे पर जो लाली होती है, शरीर में जो भराव होता है वो बात एक कुंवारी लड़की में नहीं होती।
यही वजह है कि मुझे शादीशुदा महिलाएं ज्यादा आकर्षक लगती हैं।
बात अभी पिछले साल की है जब हमारे घर पर नए किरायेदार आये थे। वो एक शादीशुदा जोड़ा था जिनकी शादी को अभी एक साल ही हुआ था!
पति रमेश एक दवाइयों की कंपनी में मैनेजर थे और पत्नी स्कूल टीचर जो पास के ही एक स्कूल में जाती थी, उनका नाम साक्षी था!
साक्षी के हुस्न की मैं क्या कहूँ! एक दम गोरा बदन, शरीर भरा हुआ, दोनों चूचियाँ इतनी मोटी कि देखते ही लण्ड खड़ा हो जाये!
मैं तो उन्हें देखते ही पागल हो गया था! एक आग सी लग गई अन्दर कि काश इनके यौवन का मजा मैं भी ले सकता!
बस फिर क्या था मैं बस एक मौके की तलाश में रहने लगा!
पहले धीरे धीरे मैंने साक्षी से बात करनी शुरू की! बातों बातों में पता चला कि उनके पति अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहते है कई दिनों तक!
बस यह सुनते ही मेरा दिल खुश हो गया क्यूंकि अब कुछ हो सकता था!
मैं अक्सर रात को उनकी खिड़की में झाँका करता था यह सोच कर कि कभी साक्षी के भरे हुए शरीर का नजारा मिल जाये!
एक रात तो मैंने साक्षी को सेक्स करते हुए उसके पति के साथ देखा! तबसे मेरे तन बदन में आग लग गई कि अब तो मुझे कैसे भी करके साक्षी को चोदना है!
कुछ दिनों बाद साक्षी का पति बाहर चला गया और जिस दिन का मुझे इन्तज़ार था वो अब करीब था।
एक रात मैं साक्षी के कमरे में झांक रहा था तो जो देखा उस से मेरे रोंगटे खड़े हो गए! साक्षी टीवी पर ब्लू फिल्म देख कर अपनी चूत को जोर जोर से अपने हाथों से रगड़ रही थी! मेरा सात इंच का लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया! मुझसे रहा न गया और मैंने वहीं खड़े खड़े मुठ मार कर उसे शांत किया!
अगले दिन मैं कॉलेज से दोपहर में ही वापिस आ गया! मेरे घरवाले ताला लगा कर बाहर गए हुए थे! मैं बाहर सीढ़ियों पर बैठ गया!
तभी देखा कि सामने से साक्षी आ रही थी! उनके स्कूल की छुट्टी हो गई थी!
मुझे बाहर बैठा देख कर वो मुझसे बोली- क्या बात है आशु दोपहर में बाहर क्यों बैठे हो!
मैंने कहा- घरवाले ताला लगा कर बाहर चले गए हैं और चाबी नहीं छोड़ कर गए!
साक्षी- तो कोई बात नहीं बाहर मत बैठो मेरे कमरे में आ जाओ नहीं तो बीमार पड़ जाओगे धूप में!
मैं उनके कमरे मैं चला गया!
साक्षी- कुछ भी चाहिए हो तो बता देना, संकोच मत करना।
मैं मन ही मन सोचने लगा कि जो चाहिए वो कैसे बताऊँ!
साक्षी- तुम यहीं बैठो, मैं कपड़े बदल कर आती हूँ!
जब वो कपड़े बदल कर आई तो जो गाउन वो पहन कर आई उसमें उन्हें देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया!
वो मेरे सामने बैठ गई और मुझसे बात करने लगी!
साक्षी- तो कॉलेज में सिर्फ पढ़ाई ही करते हो या कोई मस्ती भी! कोई गर्ल फ्रेंड है या नहीं?
मैं उसकी पहली ही बात से हैरान हो गया कि इतना खुल के बात कर रही है!
मैंने कहा- नहीं, कोई नहीं है!
साक्षी- क्या तुम आजकल के लड़के एक लड़की नहीं सेट कर सकते! पता नहीं जवानी के मजे कब लोगे।
मैं हैरान हो कर उसे देखता रहा!
तभी उसने अपनी एक टांग दूसरी टांग के ऊपर रख ली, जिससे उसकी जांघें दिखने लगी- एकदम गोरी गोरी, एक भी बाल नहीं एक दम चिकनी!
मेरी नज़र वहाँ जाकर टिक गई!
साक्षी- वैसे कल तुम मेरी खिड़की में झांक कर जो कर रहे थे वो ठीक नहीं!
इसका मतलब उसने मुझे मुठ मारते हुए देख लिया था! अब मैंने तय किया कि जो भी होगा देखा जायेगा और मैंने उनकी जांघ पर हाथ रख दिया!
मैंने कहा- क्या करूँ जबसे तुम्हें देखा है तबसे अन्दर एक आग सी लग गई है! मैं बस एक बार तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ!
साक्षी- तो यह बात है!
मैंने धीरे धीरे हाथ अन्दर बढ़ाना शुरू कर दिया!
साक्षी- शर्म आनी चाहिए तुम्हें जो एक शादीशुदा औरत पर नज़र रखते हो!
मैंने घबरा कर हाथ वापिस खींच लिया और जाने के लिए खड़ा हो गया! मेरा लण्ड तो खड़ा ही था और वो पैंट से बाहर आने के लिए तड़प रहा था!
तभी साक्षी ने मेरी पैंट के बाहर से ही लण्ड पकड़ कर कहा- सिर्फ नज़र रखने से ही कुछ नहीं होता, कुछ करने की हिम्मत भी होनी चाहिए!
मैंने कहा- आप एक मौका तो दो, फिर मैं दिखाता हूँ कि क्या कर सकता हूँ!
साक्षी- तो फिर देर किस बात की है! आ जाओ और हो जाओ शुरू! शादी के बाद ये अकेलापन काटने को दौड़ता है पर इन्हें तो अपने काम से ही फुर्सत नहीं!
मैंने कुछ न कहते हुए हुए सीधे उनके रसीले गुलाबी होंटों को चूमना शुरू कर दिया! धीरे धीरे मेरा हाथ उनकी गाउन के अन्दर उनकी मोटे मोटे मम्मों की तरफ बढ़ने लगा! उसके मम्मे कस गए और मैंने उन्हें खूब जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया!
साक्षी ने मेरी पेंट की जिप खोल दी और मेरे लण्ड को पकड़ लिया और अंडरवीयर से बाहर निकल दिया और जोर जोर से हिलाने लगी!
हम दोनों एक दूसरे को चूमते हुए धीरे धीरे उनके बेडरूम में चले गए. साक्षी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी पैंट और अंडरवीयर उतार दी!
साक्षी- अरे बाप रे! इतना बड़ा लण्ड! ऐसा तो मैंने ब्लू फिल्म में भी आज तक नहीं देखा कभी!
मैंने कहा- सात इंच का है! अच्छे अच्छों का नहीं होता इतना मोटा और बड़ा!
साक्षी- पता है मुझे लण्ड के साथ क्या करना पसंद है!
मैंने पूछा- क्या?
उसने कुछ नहीं कहा और सीधे मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया!
मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा!
वो बड़ी जोर जोर से मेरा लण्ड चूस रही थी! और मेरा लण्ड और कसता जा रहा था!
पंद्रह मिनट तक वो मेरा लण्ड चूसती रही और मेरी साँसें तेज होने लगी!
वो और तेज होती जा रही थी! और एक दम से उसने अपना मुँह हटा लिया और मेरा सारा वीर्य चस चस करता हुआ तेज धार से उसकी गाउन पर जा गिरा!
साक्षी- क्या हुआ बस इतने में ही झड़ गए!
मैंने कहा- आज तो दस बार भी झड़ जाये तो भी ये लण्ड बैठने वाला नहीं! मेरा लण्ड अभी भी पहले से ज्यादा तना हुआ था!
मैंने कहा- अब देखो मैं तुम्हें स्त्री जीवन के चरम सुख का आनंद दिलाता हूँ!
मैंने उसके गाउन को उतार दिया, उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था!
उसको बेड पर लिटा कर मैंने उसके मोटे मोटे मम्मो को मुँह में ले लिया और दबा दबा कर चूसने लगा! उसके मुँह से जोर जोर से सिसकियाँ निकलने लगी! मैंने जी भर कर पहले उसके मम्मों को चूसा, उसके लाल लाल चुचूकों को चूसा और चूस चूस कर उन्हें सुजा दिया।
साक्षी- बस इन्हें ही चूसोगे या कुछ और भी करोगे!
मैंने थोड़ा ऊपर उठ कर सीधे उसके होंठों को होंठों से चूमा और जी भर कर चूमा।
साक्षी- आह! मेरे होंठों को काटने में बड़ा मजा आ रहा है क्या ?
मैंने कहा- बस देखती जाओ अब मैं कहाँ कहाँ काटता हूँ!
मैं धीरे धीरे, प्यार से चूमते हुए होंठो से नीचे की ओर गर्दन को चूमते हुए मम्मों को चूमते हुए और नीचे जाता गया! अब प्यार से मैं उसके पेट को चूमते हुए धीरे धीरे नीचे की ओर जाने लगा! मैंने पहले कभी चूत नहीं देखी थी तो मैंने अपने हाथों से पहले उसकी चूत को थोड़ा सहलाया! धीरे धीरे मैंने उसे अपनी ऊँगली से रगड़ना शुरू किया! साक्षी गरम होने लगी!
वो अस्स्स्स अस्स्स् अस्स्स्स करके सिहरने लगी!
मैंने रगड़ते हुए कहा- आज तक आपका कभी झड़ा है?
साक्षी- ये क्या कह रहे हो! झड़ता तो आदमियों का है औरतों का नहीं!
मैंने कहा- यही तो! यह बात कितनी औरतो को अपनी पूरी यौन-जीवन में पता नहीं चलती कि उनका भी झड़ता है और मर्दों से कहीं ज्यादा और तेज जिसे फीमेल एजकुलेशन कहते हैं! और जो आनंद इस से मिलता है वो बयां नहीं किया जा सकता!
साक्षी- बोलो मत और करके दिखाओ!
मैंने धीरे धीरे उनकी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया! रगड़ बढ़ने से साक्षी के बदन की गर्मी बढ़ने लगी! उसके मुँह से अह्ह्छ अह्ह्ह स्स्स्स स्स्स्स ऊउम्मम ऊऊम्म की आवाजें आने लगी! फिर मैंने अपनी एक ऊँगली को चूत के अन्दर डाल कर उसके “जी स्पॉट” को ( जो चूत के अन्दर होता है ) को रगड़ना शुरू कर दिया! साथ साथ मैं उसके मम्मों को मुँह में लेकर चूसता रहा!
मैंने ऊँगली की रगड़ को तेज कर दिया! और साक्षी और ज्यादा आग की तरह भड़कने लगी। आवाजें बढ़ती जा रही थी! ऊऊह्ह्ह ऊऊउह्हह स्स्स्स स्स्स्स्
साक्षी- और जोर से, और जोर से आआऽसऽऽ आआअह्ह्हऽऽ अब बर्दाश्त नहीं होता! डाल दो अपना लण्ड अन्दर और फाड़ दो मेरी चूत को, फाड़ दो! आआह्ह आआह्ह्ह चोद चोद कर लाल कर दो मेरी चूत को, फाड़ दो!
जब मुझे लगा कि इसका “जी स्पॉट” पूरी तरह गरम हो चुका है तो मैंने अपना अपना लण्ड उसकी चूत पर सटा दिया और हल्का हल्का बाहर से ही रगड़ने लगा!
साक्षी- और कितना तड़पाओगे! ये सात इंच का हथोड़े जैसा लण्ड मार कर फाड़ दो मेरी चूत को!
मैंने हल्के-हल्के रगड़ते हुए एकदम से जोर का झटका मारा और एक ही बार में पूरा लण्ड उसकी चूत के अन्दर डाल दिया!
साक्षी के मुँह से जोर से आवाज़ आई- हे माँ! मार डाला! आआअह्ह्ह! तार तार कर दो आज मेरी चूत को फाड़ कर!
मैंने धीरे धीरे लण्ड को चूत में अन्दर बाहर करना शुरू किया! उसकी सिसकियाँ बढ़ने लगी! वो जोर जोर से आवाज़ निकालने लगी- आईई आह्ह्ह स्स्स्स म्मम्म
मैंने उसके होंठों को होंठों से सील करते हुए लण्ड के झटके तेज कर दिए! अब मेरा लण्ड पूरे उफान पर था और साक्षी का बदन पूरे जोश में आग से धधक रहा था! आआह्छ अह्ह्ह् अह्ह ह्ह्ह्छ
और मैं पूरी तेजी के साथ झटके दे रहा था! फच फच फच की आवाजें आ रही थी जब मैं पूरे जोर से झटके लगा रहा था!
इतने में साक्षी का बदन अकड़ने लगा मुझे अहसास हो गया कि अब साक्षी झड़ने वाली है!
मैंने और जोर से झटके देने शुरू कर दिए! इतने में साक्षी ने मुझे जोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया और चिल्लायी- हाय आशु! मैं मर गई … आआह्ह्ह्ह्छ …
और एक दम तेज धार से उसकी चूत से पानी झड़ने लगा!
मैं रुका नहीं और मैंने झटके चालू रखे! मैं चरम सीमा पर पहुँच चुका था और मेरा झड़ने वाला था!
मैंने और जोर से लण्ड चूत में हिलाते हुए उसको जकड़ लिया! मेरा लण्ड चस चस करता हुआ एकदम कस कर उसकी चूत में झड़ गया! और मैंने उसको कसकर जकड़ लिया!
हम दोनों शांत हो चुके थे! जो आग अन्दर थी वो कुछ कुछ ठंडी हो चुकी थी!
हम दोनों कुछ देर बेड पर ही एक दूसरे को लिपट कर लेटे रहे और एक दूसरे को चूमते रहे!
साक्षी- यह सुख जो आज मिला है शायद ही जिंदगी भर कभी भूल पाऊँगी! आज तक तो मैं बस सेक्स करती थी पर आज मेरा झड़ने के बाद उसका सही मतलब पता चला! पर यही सुख मुझे आगे भी चाहिए!
हमने कई दिनों तक कई कई बार प्यार के हसीं पलों का मज़ा लिया!
कुछ महीने बाद उसके पति का ट्रान्सफर किसी और जगह हो गया और उन्होंने घर बदल लिया!
उसके बाद से मैं अकेला पड़ गया! आज भी मुझे किसी शादीशुदा भरी हुई औरत की तलाश है!
मुझे मेल करें! Antarvasna
मेरी कहानी का Sex Stories अगला भाग : मैडम के साथ आखिरी बार जो हुआ वो मुझे बड़ा अजीब लगा, मुझे देखने की उनकी नज़र बदलने लगी थी, शायद वो मुझे सही में चाहने लगी थी।
यह शायद मेरा वहम था मगर अगर यह सच होता तो मेरे लिए बहुत बड़ी परेशानी हो सकती थी क्योंकि वो एक शादीशुदा औरत थी और समाज में इस रिश्ते को बड़ी ही गन्दी नज़र से देखा जाता और मेरी बदनामी होती सो अलग।
कुछ लोगों ने बातें बनानी चालू तो कर भी दी थी, इसीलिए मैंने उनसे किनारा करने का सोच लिया, मगर वो शायद मुझे भुला नहीं पा रही थी, रोज़ उनके फ़ोन मेरे पास आते थे, और जैसे ही उनके पति चले जाते थे वो मुझे बुला लेती थी, मेरे लाख मना करने पर भी नहीं मानती थी।
मुझे घर बुला के मेरी गोद में बैठ कर मुझे उन्हें प्यार करने को कहती थी, शरीर की ऐसी भूख मैंने अभी तक मैंने किसी लड़की या औरत में नहीं देखी थी, मैंने हर कोशिश की कि मैं उन्हें नाराज़ किये बिना उनसे किनारा कर लूँ मगर ऐसा होने में वक़्त लगना लाज़मी था, तो मुझे थोड़ा इंतज़ार करना पड़ा और मुझे उसका मौका जल्दी ही मिल गया।
कुछ समय बाद एक दिन उन्होंने मुझसे कहा- मैं और मेरे पति लखनऊ जा रहे हैं चार दिन के लिए, तुम मुझे वहाँ मिलो!
पहले तो मैंने मना कर दिया, आखिर इन्सान हूँ, मेरा भी मन करता है। मगर वो नहीं मानी और मैंने उनसे कहा- बस यह आखिरी बार बार होगा!
वो बोली- ठीक है!
पाँच दिन बाद मैं और वो लोग अलग अलग लखनऊ पहुँच गए। वो अपने बच्चे को किसी रिश्तेदार के घर छोड़ आये थे क्योंकि उनके पति का मूड भी काम के बाद कुछ और करने का ही था।
मैंने उनके होटल के पास ही एक होटल ले लिया। उनके पति को उसी दिन सुबह अपने काम से जाकर अगले दिन दोपहर में वापस आना था, तो हमारे पास पूरा दिन और पूरी रात थी।
उनके पति के निकलने के बाद मेरे पास उनका फ़ोन आया और मैं उनके होटल में उनके कमरे में चला गया। चूंकि वो एक पंच-तारा होटल था तो इसीलिए कोई किसी से मतलब नहीं रखता था, हमने कमरा अन्दर से लॉक कर लिया।
वो मुझे बिस्तर पर बैठने के लिए बोलकर बाथरूम चली गई और अन्दर शावर में नहाने लगी।
दस मिनट के बाद वो नाईटी में बाहर आई और मेरे पास आकर बैठ गई।
उस वक़्त वो औरत क़यामत लग रही थी, गीले बाल, होठों पे लाली, रंग ऐसा लग रहा था कि एकदम दूध जैसा! उनकी नाईटी गीली थी और उसमें से उनके शरीर के उभार एक दम साफ झलक रहे थे।
उसके बाद उन्होंने मेरा एक हाथ अपनी टांग के नीचे दबा लिया और दूसरा हाथ अपने होठों पर फिराने लगी। और फिर धीरे धीरे मेरा हाथ वो अपनी छाती के पास ले जाने लगी, मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे, मेरा लंड तन गया था।
उन्होंने मेरे हाथों से अपने मम्मे सहलाये और फिर अपना हाथ अपनी चूत के छेद में दे दिया, उन्होंने पैंटी नहीं पहनी थी और उन्होंने अपनी चूत शेव कर रखी थी। उनकी चूत पूरी तरह से गीली थी।
उसके बाद उन्होंने मेरा हाथ अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। उस वक़्त वो मुझसे अपने मन की करवाना चाहती थी।
और मैं उनकी हरकतें देख के यह भी जान चुका था कि उन्होंने अभी अभी कोई इंग्लिश ब्लू फिल्म देखी है और उनका मन उसे कॉपी करने का है।
और जैसा कि मैं पहले भी बता चुका कि किसी औरत की तरफ मैं सिर्फ उसके होंठ और मम्मे देख कर ही आकर्षित होता हूँ, मुझे उकसाने के लिए किसी भी औरत के पास ये दोनों चीज़ें बड़ी और सुन्दर होनी बहुत ज़रूरी है। फिर चाहे उसकी शकल ठीक ठाक ही हो।
मैंने तुरंत उनकी नाईटी का एक भाग उतार दिया, उनके कंधे पर चूम किया और फिर धीरे उनकी गर्दन पर चूमना चालू किया और उसका कान काट लिया।
उन्होंने मुझे अपने से लपेट लिया और मैं उन्हें लिटा के उनके ऊपर लेट गया। धीरे हम दोनों एक दूसरे के आगोश में जाते चले गए। फिर थोड़ी देर उन्हें चूमने के बाद मैंने उनकी नाईटी कमर तक उतारी और उनके मम्मे चूसने चालू किये जो कि मेरी कमजोरी हैं।
मैं उनके मम्मे चूस रहा था और वो मेरा सर और जोर से अपने मम्मों में दबा रही थी। मुझे जन्नत का एहसास हो रहा था मगर उस समय तक मैंने कई बार नीचे जाने की कोशिश की मगर वो मुझे जाने ही नहीं दे रही थी।
थोड़ी देर बाद मैं उठा और मुझे ध्यान आया कि मैं अपना कैमरा लाया था। मैंने उनसे पूछा कि मैं अपने इन हसीं पलों की कुछ यादगार अपने साथ रख लूँ क्योंकि यह हमारा आखिरी बार था। थोड़ी न-नुकुर के बाद वो मान गई और मैंने उनकी कई नग्न तस्वीरें निकाली।
तस्वीरें लेने के बाद मैंने अपनी पैन्ट और फ्रेंची उतारी, फिर मैंने उन्हें पकड़ के मेज पर टिका दिया और उनकी गांड मारने की तैयारी करने लगा क्योंकि वो अभी आगे का काम नहीं करवाना चाह रही थी।
मैंने थोड़ा तेल लगाया अपने लंड पर और उनकी गांड के छेद पर टिकाया, धीरे धीरे अपना लंड उनकी गांड में घुसाया। वो दर्द से कराहने लगी और मुझे इसी चीज़ को देख के मज़ा आने लगा। 2-3 झटकों बाद वो ज्यादा चिल्लाने लगी तो मैंने उनके मुँह अपनी में अपनी फ्रेंची ठूस दी ताकि शोर बाहर न जा सके।
फिर बहुत सारे धक्के मारने के बाद जब मुझे लगा कि कहीं अब यह बिदक न जाये, मैंने उन्हें थोड़ा विराम दिया और उनकी गांड से लंड बाहर निकाल लिया। उनका मुँह एकदम लाल हो गया था।
मैं बाथरूम गया और अपना पसीना साफ़ करने के लिए शावर लेने लगा। जब मैं बाहर निकला तो देखा की मैडम बिस्तर पर पड़ी हैं अपनी चूत में खुजली कर रही थी बड़े जोर से। उस औरत की अन्तर्वासना उस समय एकदम चरम पर थी।
मैंने तुरंत उनके पास जाकर उनके हाथ हटा के अपनी ज़बान उनकी चूत पर लगा दी और उसे चूसने लगा। उस समय उनकी चूत का स्वाद किसी गर्म आइस क्रीम से कम नहीं लग रहा था, मैं अपनी जीभ उनकी चूत में फिराता रहा और वो सिसकियाँ लेती रही।
मैं हैरान था कि अब तक उनके मुँह से सिसकियों के अलावा एक भी शब्द नहीं निकला था, मगर तभी वो बोली- बस अब नहीं रुक सकती मैं! फक मी नाओ!
मैं तो इसी पल का इंतज़ार कर रहा था, एकदम उनके ऊपर चढ़ गया, उनकी टाँगें अपने कंधे पर रखी और सुपारा चूत पर लगाकर एक बार में पूरा अन्दर दे दिया।
(मैंने कंडोम पहना था, इसमें शर्म नहीं करनी चाहिए)
वो आहें भरने लगी और मैं अपनी गति बढ़ाता चला गया, कई धक्के मारने के बाद मैं थोड़ा रुका, और फिर उनकी टांगे नीचे छोड़ के उनके ऊपर से उनकी चूत में लंड डाला और उसके होठों पे अपने होंठ रख दिए। मैडम ने मुझे जकड़ लिया और मेरे कंधे पर जोर के काट लिया।
मैंने उनके जिस्म का भरपूर आनंद लिया और उस औरत के साथ हर वो चीज़ की जिसके बारे में मैं अपने सपने में सोचता था। मैंने उसको हर तरीके से चोदा, हर चीज़ करवाई उससे, अपने अंड चुसवाए, अपनी गांड चटवाई, कम से एक बार तो सब कर ही लिया उसके साथ।
रात होने वाली थी और हम काफी थक चुके थे तो मैंने थोड़ा ब्रेक लेने का सोचा, मैंने उससे कहा- चलो कहीं घूम आते हैं!
मगर उसने मना कर दिया और फिर रंजना मैडम बोली- जानू, एक काम करते हैं, एक ब्लू फिल्म देखते हैं तुम्हारी पसंद की!
मैंने कहा- यह भी ठीक है!
मैंने अपना लैपटॉप खोला और उसमें एक ब्लू फिल्म चला दी। उसमें लड़के ने लड़की की गज़ब तरीके से ली है। उसमें हिंसा बहुत थी, लड़की के हाथ बांध कर उस लड़की को खूब मारा और उसकी चूत लगभग फाड़ ही दी।
मैंने वो दृश्य रंजना को दिखाया और उससे ऐसा करने में मेरा साथ देने को कहा।
वो डर गई और मना करना लगी।
मगर मैंने उससे कहा- तुम्हारा पति तो कुछ करेगा नहीं, खाली लोटे में डंडी घुमाता रहेगा! मेरे साथ ही कुछ नया कर लो!
वो मान गई मगर मुझे सावधान रहने को कहा। मगर वो जानती नहीं थी कि मैं उसका क्या हाल करने वाला था।
मैंने उसके हाथ बिस्तर से बांध दिए और उसके मुँह में अपनी फ़्रेन्ची ठूंस दी। फ़िर फिर मैंने फ्रिज से बर्फ के कुछ टुकड़े निकाले और एक उसकी चूत के अन्दर घुसा दिया ताकि वो थोड़ा तड़पे और उसकी चूत कस जाये।
वही हुआ, वो छटपटा गई। मगर मैंने उसे पहले ही बोला था कि यह आसान नहीं होगा।
फिर मैंने बर्फ का एक टुकड़ा उसके मम्मों पर फिराया जिससे उसके चुचूक एक दम सख्त हो गए और फिर मैंने उसके मुँह पर 3-4 थप्पड़ रसीद कर दिए जिससे उसका मुँह एक दम लाल हो गया।
यही हाल मैंने उसके चूचों का भी किया। मैं उसे बेहाल और बेबस कर देना चाहता था। उसकी आँखों में डर दिखने लगा था कि अब उसके साथ पता नहीं क्या होने वाला है।
मैंने फिर उसके चूचे चूसने चालू किये और उन पर जोर से काट लिया और फिर उसके मम्मों पर मैंने अपने दांतों के निशान बनाये जिससे वो तड़प सी गई।
बीच बीच में मैं उसको थोड़ा सहलाता भी जा रहा था ताकि वो शांत रहे।
मैंने फिर उसकी चूत में अपना हाथ देना चालू किया। मेरा हाथ बहुत बड़ा था उसके छेद के सामने। वो तड़पने लगी मगर मैंने अपना पूरा हाथ धीरे-धीरे रंजना की चूत के अन्दर दे दिया। वो मचलती रही और मैं उसकी चूत में अपना हाथ हिलाता रहा।
मैंने अचानक देखा कि उसकी चूत के टाँके टूट गए थे मेरे हाथ के ज्यादा अन्दर जाने से! मैंने एकदम घबरा कर अपना हाथ उसकी चूत से बाहर निकाल लिया।
मैंने सोचा- अब बस!
मैंने पहले उसके हाथ खोले तो वो एकदम से तड़प के अपनी चूत को देखने लगी और सहलाने लगी। मैंने उससे सॉरी बोला और उसे बताया कि ऐसा तो होना ही था।
उसने अपने मुँह से कपड़ा निकाला और कराहने लगी।
मैंने उसका मुँह पकड़ा और उसके होठों पर अपने होंठ लगा दिए और बीच में 2-3 बार सॉरी कह दिया।
थोड़ी देर में वो भी मान गई। फिर मैंने उसे सोने को कहा और मैं उसे सुला के होटल से निकल गया।
मगर जो भी हुआ, एक बात तो पक्की थी कि अगली बार वो मुझे बुलाने से पहले सौ बार सोचेगी। मैं जो चाहता था अनजाने में वही हो गया और उस मैडम से मेरा पीछा छूट गया। अभी तक तो उन मैडम का फ़ोन आया नहीं है, आएगा तो ज़रूर बताऊँगा आपको अगली कहानी में! Sex Stories
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.