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फ़िर जब मैं भाभी के घर गया तो उस समय लगभग दिन Sex Stories के २ बज रहे थे भाभी ने मुझे देखते ही कहा, कितनी देर से मैं तुम्हारी ही प्रतीक्षा कर रही थी, चलो मेरी आज मालिश करो। ये कह कर भाभी ने एक बोतल निकाली और मुझे दे कर कहा चलो अपना चेहरा घुमा लो, जिससे मैं अपने कपड़े उतार दूँ, मैने भाभी को अपनी तरफ़ खींचते हुए कहा अब किससे शरम कर रही हो? मैं उसके ब्लाउज़ को खोलने लगा। मैने धीरे धीरे उसका ब्लाउज़ को उतारा, भाभी ने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी जो भाभी के गोरे बदन पर काफ़ी जँच रही थी। भाभी ने अपनी आँखें बंद कर दी थी अब मैने उनसे अपने दोनो हाथों को उठाने के लिए कहा, मेरी नजर भाभी की आर्मपिट पर पड़ी वहाँ पर एक भी बाल नहीं थे वो जगह काफ़ी सेक्सी लग रही थी मुझसे रहा नहीं गया मैने भाभी की आर्मपिट पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा भाभी भी सिसकारियां भरने लगी और बोली पहले मालिश कर लो उसके बाद ये सब करेंगे।
मैने भाभी की ब्रा निकाल दी ओह क्या चूचियाँ थी गुलाबी रंग की चूचियों पर गहरे रंग के निप्पल सितम ढा रहे थे, मैने तुरन्त ही अपने हाथों से एक को पकड़ लिया और दूसरी को अपने जीभ से सहलाने लगा। ५ मिनट के बाद भाभी ने कहा चलो लेट जाती हूँ अब तुम मेरी मालिश करो, भाभी ने समझाया कि तेल निकाल कर सीधे चूचिओं पर गिराओ और क्लोकवाइज़ अपनी हथेलियों से मालिश करो, मैं अपनी हथेलियां फ़ैला कर कुछ तेल उस पर डाला और भाभी के बूब्स पर मालिश करने लगा। भाभी लेटी हुई थी और मैं उसकी बगल में बैठा था मेरे लंड में तनाव आने लगा, मैं बूब्स की तेजी से मालिश करने लगा भाभी बोली एक समान दबाव बना कर ठीक तरह से मालिश करो लेकिन थोड़ी देर बाद मैं फ़िर तेजी से मालिश शुरु कर देता, अब भाभी ने कहा मुझे समझ में आ गया है ऐसा क्यों हो रहा है, भाभी ने कहा तुम अपनी पैंट उतार दो मैने तुरन्त ही आज्ञा का पालन किया, भाभी ने मेरे लंड की तरफ़ देखते हुए कहा चलो मैं तुम्हारे लंड की मालिश करती हूँ तुम मेरे बूब्स की करो जिस तेजी से मैं करूंगी उसी तरह तुम भी करना, अब एक हाथ से भाभी मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी और मैं भाभी की चूचियों की मालिश कर रहा था अचानक मुझे लगा कि मेरे लंड से वीर्य निकलने वाला है और जब तक मैं कुछ समझता सारा वीर्य निकल कर भाभी की चूचियों पर फ़ैल गया.
भाभी ने आँखें खोल कर पूछा क्या झड़ गया क्या? मैं कुछ नहीं बोला तो भाभी ने कहा अब इससे भी मालिश कर दो मैने भाभी की चूचियों पर लग भग २५ मिनट तक मालिश की। उसके बाद भाभी ने कहा चलो लेट जाओ मैं जब लेट गया तो भाभी ने अलमारी से एक क्रीम निकाली और मेरे लंड और मेरे बाल्स पर लगा दिया मैने भाभी से कहा ये क्या लगाया है तो उसने कहा अभी थोड़ी देर में पता चल जाएगा करीब आधे घंटे तक भाभी मेरे लंड से खेलती रही उसके बाद उसने मेरे लंड को कपड़े से पोंछ दिया, आश्चर्य, मेरे लंड के चारों तरफ़ के बाल गायब हो गये थे भाभी ने कहा कल ये मेरे मुंह में घुसे जा रहे थे इस लिए मैने इन्हें साफ़ कर दिया है। अब मेरी समझ में आया कि भाभी की चूत पर कोई बाल क्यो नहीं थे।
भाभी ने मेरी नाभि और लंड पर उपर से तैल डाल दिया और मालिश करने लगी भाभी के मुलायम हाथ और जैतून के तैल ने मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ा दी मेरा लंड भाभी को सलामी देने लगा, मैं भी एक हाथ से भाभी की चूत खोजने लगा वातावरण गरम हो चुका था अब भाभी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया, मैं भाभी की चूत को पैंटी के ऊपर से ही चूमने लगा, ओह क्या खुश्बू आ रही थी। साइड से मैने जीभ घुसाने का प्रयास करने लगा तो भाभी ने अपने से ही पैंटी निकाल दी अब मेरे सामने दुनिया की सबसे खूबसूरत सृष्टि थी
भाभी ने कहा इसकी मालिश नहीं करोगे? मैने कहा क्यों नहीं, यह कह कर मैने चूत की मालिश शुरु कर दी चूत के दोनो भाग खोल कर देखे तो उनसे रस बह रहा था मैने उसका स्वाद चखने के लिए अपने होंठों को सही जगह फ़िट कर दिया वाह! क्या स्वाद था दुनिया की किसी चीज में ऐसा नशा नहीं होता जो मुझे मिल रहा था नमकीन स्वाद मेरे मुंह में भर गया और तभी भाभी ने अपने हिप्स को आगे पीछे ढकेलना शुरु कर दिया करीब ७ मिनट बाद भाभी ने मेरे सिर को पीछे ढकेल दिया और निढाल हो गई मैने उनके बूब्स छूने चाहे तो उन्होंने मना कर दिया, कुछ देर तक हम उसी तरह रहे फ़िर भाभी ने कपड़े पहनने शुरु कर दिये मैने भी अपने कपड़े पहन लिए फ़िर मैने कहा मेरा मन तुम्हारी चूत को चोदने को कर रहा है भाभी ने कहा फ़िर किसी दिन करेंगे मैं जब चलने लगा तो भाभी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया हम दोनो एक दूसरे को पकड़ कर काफ़ी देर तक खड़े रहे तभी घड़ी ने ४ बजे की घंटी बजाई तो भाभी ने छूटते हुए कहा अब घर जाओ कल मैं नहीं रहूंगी जब मैं आ जाउंगी तो तुम आना। दूसरे दिन मुझे भाभी की याद आती रही। आगे की कहानी बाद में। Sex Stories
मैं अमृतसर से मनीष, यह Antarvasna बात तीन महीने पुरानी है जब मैं गर्मी की छुट्टी में अपने नाना नानी के घर गया था वहां मेरे मामा मामी रहते थे.
मेरी मामी मस्त माल थी हमेशा बड़े गले का कुरता पहना करती थी उनको देख कर मेरा मन डगमगाता था ऐसा लगता था जैसे वो मुझे अपनी ओर आकर्षित करती थी मैं बार बार उनके झुकने का इन्तज़ार करता रहता था। मेरी मामी का नाम सोनिया है।
मुझे जब भी लगता था कि वो झुकने वाली है तो मैं सामने जाकर खड़ा हो जाता था और तिरछी नज़र से उनके बड़े बड़े गोरे गोरे और चिकने चिकने बूब्स को देखा करता था मुझे उनके बूब्स बेहद पसन्द थे, मुझे उन्हे छूने का बेहद मन करता था कभी कभी जान बूझ कर मैं उनसे सामने से जाकर टकरा जाता था और बड़ी होशियारी से उनके बूब्स को छू लिया करता था।
लेकिन इतने में मेरा मन नहीं भरता था। मैं उन्हे सहलाना चाहता था वो बहुत गोरी है। उनको देख कर मुझे उनको चोदने का मन करता था।
वो बहुत गदराई हुई बदन की है मैं भी वैसा ही हूं।
एक दिन मेरे मामा को कुछ काम से 6 दिन के लिये दुबई जाना पड़ा।
मैं घर के हाल में बैठा ही था तब मेरी मामी हाल में आयी और उन्होने मुझे एक चिट्ठी दी.
उस चिट्ठी में लिखा था “मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं मुझे तुम्हे देखते ही कुछ कुछ होता है मैं तुम्हारे साथ अकेले में कुछ वक्त गुज़ारना चाहती हूं ये बात मैं ने चिट्ठी में इसलिये कहीं क्योंकि मुझे शरम आ रही थी अगर तुम मुझसे मिलोगे तो आज रात ११.०० बजे मेरे कमरे में आ जाना और तुम्हारी ओर से हां है तो चिट्ठी मुझे वापस लौटा देना मैं तुम्हारा इन्तज़ार करुंगी.”
ये पढ़ कर तो मेरा मन ही उछल पड़ा, मैं ने तुरन्त वो चिट्ठी उनको वापस लौटा दी और ११ बजने का इन्तज़ार करने लगा।
रात हो चुकी है ११ बज रहे है मैं कमरे में चला गया कमरे के अन्दर घुसते ही मैं ने देखा कि मेरी मामी काले रंग की नाइटी पहनी हुई थी उन्हे देख कर ऐसा लग रहा था कि उन्होने अंदर कुछ भी नहीं पहना है। उनके बड़े बड़े बूब्स मुझे दिख रहे थे।
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं शुरुआत कहां से करुं। तभी अचानक मेरी मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया ये उस हसीन रात की शुरुआत थी।
मैने भी मामी की कमर को पकड़ के अपनी ओर खींच लिया और उन्हे चूमने लगा। उनके गालों को चूमते चूमते मैं उनके होंठों तक पहुंच गया।
जब मैने देखा कि मेरी मामी मेरे चुम्मो का आनंद ले रही है तो मैने अपना हाथ उनके बूब्स पर रख दिया। मेरे हाथों ने जैसे ही उनकी चूचियों को छुआ वो कांप सी गयी मुझे उनके बूब्स छूने में बहुत मज़ा आ रहा था। वो बहुत नरम थे तभी मैने उनकी नाइटी को उनके कंधे से नीचे उतार दिया उनके चिकने बूब्स अब पुरी तरह से मेरे हाथ में थे मैने अपनी उंगलियों से उनके गुलाबी निप्पल को रगड़ना शुरु किया तो वो काफ़ी उत्सुक हो गयी और मेरे लंड को कस कर पकड़ लिया।
मैं अपना चेहरा उनके बूब्स के पास ले गया और अपने गालो और जीभ से उनके बूब्स को सहलाने लगा। मैने अपने हाथ से उनके बूब को पकड़ लिया और छूने लगा ऐसा करते ही मेरी मामी पागल सी हो गयी उन्होने मेरा लंड और कस कर पकड़ लिया और सहलाने लगी फिर मैने अपनी पैंट की ज़िप खोली और अनपे छोटु को निकाल के उनके हाथ में दे दिया।
मेरी मामी बहुत अच्छी तरह से मेरे छोटु को सहला रही थी तभी मैने उन्हे पलंग पर बैठा दिया और उनके सामने जाकर खड़ा हो गया। वो समझ गयी कि मैं चाहता था कि वो मेरे लंड को चूसे उन्होने मेरे लंड को कस कर पकड़ा और चूमने लगी।
मैने उन्हे अपने लंड को मुंह में लेने को कहा उन्होने मेरे छोटु के सामने वाले हिस्से को जिसे हम सुपाड़ा कहते हैं उसे मुंह में ले लिया मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था मैं और मज़ा लेना चाहता था मैने अपनी मामी के सिर को पकड़ा और अपना लंड को और अन्दर घुसाता चला गया देखते ही देखते मेरा पूरा का पूरा लंड उनके मुंह के अन्दर था मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था मुझे लगा कि मेरा लस कहीं उनके मुंह में ही न गिर जाये इसलिये मैने अपने छोटु को निकाल लिया।
उसके बाद पता नहीं मामी को क्या हुआ मामी ने फिर से मेरा लंड चूसना शुरु कर दिया मेरा लंड फ़ुलसाइज़ का हो गया था फिर मैं पूरा नंगा हो गया मामी की नाइटी भी पूरी उतार दी.
उनको नंगा देखकर मेरा लौड़ा पूरा सनसना उठा अब मेरे लौड़े को कुछ चाहिये था तो वो थी मामी की चूत मैं ने मामी को बिस्तर में लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड से उनकी चूत को सहलाने लगा फ़िर थोड़ी देर बाद जैसे ही अपना लंड उनकी चूत में डाला तो मेरी मामी के मुंह से आवाज़ निकली “आऊउ छह्हह” ऐसा लगा जैसे मामा ने उन्हे कभी चोदा ही नहीं।
मैंने कन्डोम भी नहीं लगाया था मैं ने अपनी मामी को कस के पकड़ लिया और अपना लंड और अन्दर घुसाता चला गया मेरी मामी दर्द से सिमट सी गयी थी।
थोड़ी देर बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा मैने जब चोदते हुए अपनी मामी के चेहरे की तरफ़ देखा तो वह आंखें बंद कर के मुस्करा रही थी उन्हे काफ़ी आनंद आ रहा था। फिर मैने अपनी मामी को घोड़ी बनने को कहा वो दोनो घुटनो और हाथो के बल अपनी गांड मेरी तरफ़ करके लेट गयी।
मैने अपने हाथो से उनकी गांड को पकड़ कर पहला दिया मुझे उनकी गांड का छेद नजर आ रहा था। मेरा लौड़ा उसमे घुसने को बिल्कुल तैयार था मैने अपना लौड़ा जैसे उनकी गांड में टिकाया तो मेरी मामी ने मना कर दिया कहने लगी कि गांड में घुसाने में बहुत दर्द करता है।
लेकिन लौड़ा है कि मानता नहीं मैं ज़िद करने लगा तो मामी मान गयी और कहा कि धीरे धीरे घुसाना मैं अपना लौड़ा ले कर तैयार हो गया और घुसाने लगा मैं जानता था कि मामी को दर्द हो रहा है लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था उनकी गांड का छेद बहुत छोटा और टाइत था बहुत मुश्किल से अन्दर घुस रहा था मैने भी पूरा ज़ोर लगा दिया।
धीरे धीरे जगह बनती गयी और छेद फैलने लगा मेरा लंड और अन्दर घुसता चला गया। मैं अपने लंड को अन्दर बाहर करता गया मामी की चिकनी चिकनी गांड में मेरा लंड मज़े कर रहा था फिर मैने अपना लंड उनकी गांड से निकाल लिया और मामी को लिटा दिया और उनके पेट पर बैठ गया और अपने लंड को दोनो बूब्स के बीच सहलाने लगा मैने अपनी मामी से कहा कि क्या चिकनी चूची है तो मामी शरमाने लगी।
मैने अपनी मामी से कहा कि मेरे लंड को चूसो न तो मामी ने मेरे लंड को पकड़ा और अपने गालों से सहलाने लगी और मुझसे पूछा कि कैसा लग रहा है मैने कहा पहले चूसो तो। तब मामी मेरे लंड को अपनी जीभ से चूसने लगी और दातों से काटने लगी मैं तो मज़े में पागल हो रहा था मुझसे सहा नहीं गया और मैने उनके मुंह में ही गिरा दिया मामी मेरे लस को चाटने लगी।
मेरी मामी ने कहा कि ये तूने क्या किया मैं समझ गया कि मामी अभी और चुदवाना चाहती है। मैने कहा कि घबराओ नहीं अभी मैं तुम्हे और चोदुंगा। लेकिन मेरा लंड मुरझा गया था।
मैं अपनी मामी के बूब्स को पकड़ के चूसने लगा और अपनी मामी की चूत को अपनी उंगलियों से सहलाने लगा मामी में अभी भी बहुत जोश बाकी था। उन्होने भी मेरे लंड को सहलाना शुरु कर दिया।
धीरे धीरे मेरा लंड फिर से तनने लगा था जैसे ही मेरा लंड थोड़ा कड़ा हुआ मेरी मामी ने उसे अपने मुंह में ले लिया और कस कस के चूसने लगी वो मुझसे किसी भी हाल में और चुदवाना चाहती थी मेरे लंड को बार बार अपने मुंह में घुसाती और निकालती।
वो मेरे लंड को इतनी जोर से चूस रही थी कि उनके चूसने की आवाज़ आने लगी मेरा लंड भी अब तैयार हो गया था मैं भी उनके चेहरे को हाथ में लेके अपने लंड को अन्दर ठेलने लगी, क्या मज़ा आ रहा था।
मामी ने कहा कि मुझे और चोदो न तभी मैने अपनी मामी को लिटा दिया और उनकी जांघ को चाटने लगा चाटते चाटते मैं उनकी कमर तक पहुंचा तो देखा कि मेरी मामी मज़े में तिलमिला उठी तभी मैने उनकी १ टांग को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड को उनकी चूत में टिका दिया और अन्दर घुसा दिया और फ़िर इतनी रफ़्तार से चोदा उनको मामी बोल रही थी थोड़ा धीरे धीरे करो!
मामी की चूत गीली हो गयी थी चोदने में और मज़ा आ रहा था मेरा लंड चूत में आसानी से फ़िसल रहा था मैं ने मामी की चूत ढीली कर दी थी मुझे डर था कि मामा को पता न चल जाये क्योंकि मामी की चूत बहुत टाइट थी।
और मैंने चोद चोद कर उसे ढीली कर दी थी फिर मैंने मामी को कहा कि चलो कोई और स्टेप करते है.
मामी ने मुझे पलंग में लेटने को कहा और मेरे ऊपर चढ़ गयी वो अपने बूब्स के निप्पल को मेरे होंठों के पास लाने लगी मैं उनके निप्पल काटने लगा फ़िर वो मेरे लंड को पकड़ के मेरे लंड से अपने चूत को सहलाने लगी फ़िर धीरे धीरे अन्दर घुसाने लगी मामी मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी और हिलने लगी.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था जब वो मेरे ऊपर बैठ कर हिल रही थी तब उनके बड़े बड़े बूब्स हिल रहे थे वो नाज़ारा मैं कभी नहीं भूल सकता मामी के गोरे गोरे दूध और गुलाबी गुलाबी निप्पल मामी अपने हाथ से अपने बूब्स को सहला रही थी और अपने निप्पल को दबा रही थी
मैने फ़िर मामी की गांड को कस कर पकड़ा और निकोटने लगा फ़िर मैं ने मामी को नीचे लिटा दिया और मेंढक की तरह चढ़ गया फ़िर मैं मामी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा मामी अपने दोनो हाथो से मेरी गांड को पकड़ने और मारने लगी मैने चोदना और तेज़ कर दिया मामी की चूत से पानी छूट गया और मैं ने भी अपना लस अन्दर ही गिरा दिया मामी ने कहा कि मुझे ऐसा कभी किसी ने नहीं चोदा है मैं एकदम ही लस्त पड़ गया था कुछ करने की हालत में ही नहीं था।
घड़ी की तरफ़ देखा तो ४ बज रहा था।
ये चुदाई मैं ने पूरे 6 दिन की और जब भी मैं वहां जाता हूं तब तब मामी को किसी न किसी बहाने से होटल ले जा कर चोदता हूं। Antarvasna
शाम के सात बज रहे थे, मौसी Oral Sex ने मुझे बगल में बुला कर बिठा लिया, मैं मौसी के पास जाकर बैठ गई। रंडियों का नाच चालू था, कोठे पर भीड़ बढ़ गई थी।
मौसी बोली- 30 लड़कियाँ चुदने जा चुकी हैं। 25-30 और बच रही हैं, आठ बजे तक सब बिक जाएँगी। उसके बाद तो दूसरा राउंड शुरू हो जाएगा, नाच-वालियाँ 10 बजे तक नाचती हैं, उसके बाद इनको चुदवाती हूँ।’
तभी एक ग्राहक आकार सोना नाम की रंडी का दाम पूछने लगा। सोना, मौसी के पीछे ही बैठी थी। मौसी बोली- 5000 हैं, चूत और गाँड दोनों चुदवाएगी।’
‘3000 दूँगा, पुराना ग्राहक हूँ।’
‘हरामी तुझे बहुत अच्छी तरह जानती हूँ, 8 इंच लंबा लंड है तेरा, गाँड फाड़ कर रख देता है। पिछली बार रेशमा को चोदा था साली एक घंटे तक उठ नहीं पाई थी, चल 4000 दे और ले जा इसे। सोना, गाण्ड में क्रीम लगा लियो… वरना रोएगी, यह बहुत बड़ा चोदू है। और तू जरा आदमी की तरह चोदियो, वरना घुसने नही दूँगी कोठे पर… हरामी। सोना के अभी मुझे दो राउंड और कराने हैं’
मौसी मुस्कुराई, ग्राहक भी मुस्कुराते हुई सोना को लेकर चला गया। सस्ती रंडियों ( 100 से 300 वालियों) की बिक्री राजू मुस्टंडा देख रहा था। मौसी ने उसे बुला कर पूछा- ‘कितने जमा हो गए?’
‘सस्ती वालियों में से 20 धंधे पे बैठी हैं मौसी। 30 मर्दों को निपटा चुकी हैं, 15 से चुदवा रहीं हैं। 5 उधर बैठी हुई हैं, 2 बीमार हैं। कुल 14,000 रुपये जमा हुए हैं’- राजू ने जानकारी दी।
‘टॉप पर कौन चल रही है?’
‘अंगूरी टॉप पर है, 2 बार चुदवा चुकी, 1 को निपटाने में लगी हुई है। 1200 रुपये उसी के नाम के हैं।’
‘ठीक है, आज 30000 से कम की रक़म जमा नहीं होनी चाहिए। जा धंधा देख।’
पप्पू 500 से 1000 वालियों की दलाली कर रहा था। मौसी ने उस से पूछा- धंधा कैसा चल रहा है?’
‘मौसी, 24 लौंडियाँ धंधे पे हैं, 20 बार बिक चुकी हैं, 19 अन्दर लगवा रही हैं, 5 चुदने का इंतज़ार कर रही हैं। कुल 16000 रूपये जमा हुए हैं।’- पप्पू ने उत्तर दिया।
मौसी ने नज़र लड़कियों की तरफ़ घुमा कर देखी और कहा- यह रेखा और सीमा आजकल कम बिक रही हैं। कल भी सालियों ने एक-एक बार ही चुदवाया था। कम से कम साली 3-4 बार तो चुदें। ये रंडीबाज़ी ठीक से नहीं कर रही हैं। कल से सस्ती वालियों में बैठाती हूँ, जब रिक्शे वाले चोदेंगे तब मज़ा आएगा इन्हें। तू आज 50000 रुपये कलेक्ट कर दियो, कुत्तियों को चाहे 8-8 बार चुदवाना पड़े।’
मौसी के पास बैठी 12 रंडियों में से 8 चुदने जा चुकी थीं। मुझे मिला कर 4 रंडियाँ बची थीं तभी वहाँ दो लड़के मौसी की तरफ़ आए और मुझे देख कर बोले- ‘मौसी नया माल लग रहा है, कितने में दोगी?’
‘तू बता कितने में चोदेगा? पुराना ग्राहक है’- मौसी बोली
‘दो-दो हज़ार ले लेना, इसके और मोनी के!’
‘चोदू चोद तो बहुत चुका, लेकिन माल की समझ नहीं है तुझे, इसके संतरे देख ज़रा’- यह कहकर मौसी ने मेरे ब्लाउज़ का एकमात्र हुक खोल दिया।
मेरी गोल-गोल चूचियाँ फरफरा कर निकल पड़ीं। मैं एक दम से शर्मा गई, मैंने दोनों चूचियाँ अपने हाथों से छिपा लीं। मौसी डपट कर बोली- ‘हरामिन, ज्यादा नखरे किए तो यहीं सबके सामने चुदवा दूँगी मुस्टंडों से, चल हाथ हटा और मौसी ने मेरे हाथ को हटा दिया।’
अब मेरी चूचियों के दर्शन वो लड़के कर रहे थे, लड़कों के मुँह से निकल गया- ‘मौसी वाह, इसके संतरे तो बड़े लाजवाब हैं।’
मेरी चूत में खुजली बढ़ गई थी, मेरा मन अब चुदने का ज़ोरों से करने लगा था। मैं मन ही मन सोच रही थी की मौसी मुझे चुदने भेज दे इन लड़कों के साथ।
लड़के बोले- मौसी हम तो 5000 रुपये लाये हैं, इसे दे दो दो घंटे को 5000 में। हम-दोनों एक से ही काम चला लेंगे।
मौसी बोली- 10000 रुपये से कम में नहीं उठेगी। नयी रंडी है, तू कल चोद लियो इसे। तेरे बाप ने तो 20-20,000 में रंडियों को चोदा है, ज़रा चूचियाँ मसल कर तो देख इसकी! ख़ुद ही कहेगा भाव अधिक नहीं है।’
मौसी ने मुझसे कहा- जरा खड़ी हो कर चूची मसलवाने का मज़ा ले, पुराने ग्राहक हैं, यहाँ की हर बढ़िया रंडी चोद चुके हैं।
मैं खड़ी हो गई, मेरी चूत पानी-पानी हो रही थी। एक लड़के ने मेरी दोनों चूचियों को हाथ में पकड़ कर कस-कस कर मसल दिया। मेरे मुँह से आह… ऊह… की आवाज़ निकल गई, इसके बाद वहाँ खड़े मुस्टंडे ने उसे हटा दिया। अब दूसरे वाले ने एक हाथ से मेरी एक चूची मसली और दूसरे से मेरी दूसरी चूची की घुंडी कस कर घुमा दी, मेरी चूत पानी-पानी हो गई।
मौसी ने मुझे हाथ पकड़ कर नीचे बैठा लिया। लौण्डों के लंड टनक चुके थे, मौसी ने बगल में बैठी दोनों लड़कियाँ उनकी तरफ़ बढ़ा दीं और बोली- कल तेरे लिए इसे बुक करती हूँ, अभी तू इन दोनों की चूत फाड़’- और मौसी ने वे दो रंडियाँ उन्हें सौंप दीं।
अब मैं और मोनी, दो ही लड़कियाँ मौसी के पास रह गईं थीं। मौसी मेरी तरफ़ देखते हुए मुस्कुरा कर बोली- मज़ा आया? देख तेरी चूचियाँ दिखा कर दोनों 2-2 हज़ार में उठा दीं, वरना साली आज 1000 में भी नही उठ रहीं थीं।
मैंने कहा- मौसी मस्ती तो बहुत आई।
डर नही मज़े कर, अभी तो तूने लौड़ा पकड़ कर भी नही देखा। फुल्ल मस्ती कर। चूत और गाँड तो तेरी तभी चुदेगी, जब तू ख़ुद कहेगी कि मौसी मुझे चुदवाओ।’ मौसी ने मेरे चूतङों पे हाथ फिरा कर कहा
मौसी बोली- 6 बजे से धंधा शुरू करवाती हूँ। पहला राउंड 6-9 चलता है, दूसरा 9-11 चलता है, तीसरा 11-2 चलता है। सस्ती वालियों को छोड़, बाकी सब 1-1, 2-2 घंटे के लिये उठतीं हैं। कुछ रंडियाँ एक राउंड में 2-3 बार भी चुद लेती हैं, वरना एक-एक बार तो सबको चुदना ही पड़ता है। अगर कोई रात भर में तीन बार नहीं चुदती हैं तो उसको दिन में पेलवाती हूँ। दूसरे राउंड में 7-8 रंडियों को नंगा करा के मुस्टंडों और ग्राहकों की गोद में बिठाती हूँ। मुस्टंडे और ग्राहक उनकी चूचियों और चूत की मसलाई करते हैं और रंडियाँ उनके लौड़े निकाल कर मुट्ठ मारतीं हैं, जिन्हें दूसरे ग्राहक बड़े मस्त होकर देखते हैं। आज मोनी और तुझे ग्राहकों की गोद में उनके लौ़ड़ों पर बिठाऊँगी। जब वो तेरी चूचियाँ और चूत मसलेंगे, तो तुझे बड़ा मज़ा आएगा। आधे घंटे में यह मसलाई वाला शो कराती हूँ, ताकि ग्राहकों के लंड टनटनाएँ और सारी रंडियाँ जल्दी-जल्दी बिकें।’
मौसी की बात सुनकर मेरी चूत बुरी तरह सनसना गई और मेरी चूत में से पानी निकल गया। मौसी बोली- अब तू एक काम कर, जा ज़रा कोठा घूम कर आ…’ मोनी की तरफ़ इशारा करते हुई मौसी ने कहा- मोनी, अब तो कोठे पे चुदाई का माहौल होगा। ज़रा हमारी नई रंडी रानी को कोठे की चुदाई तो दिखा के ला।’ मेरी तरफ़ देखते हुआ मौसी ने कहा- जा ज़रा चुदाई देख कर आ, अभी 7:30 बज रहे हैं, 8:30 बजे तक आ जाना। तुम दोनों की चूत और चूची का मुज़रा भी तो करना है मुझे।’ और इतना कह कर मौसी मुस्कुरा दी
मोनी ने मुझे साथ लिया और बोली- ‘चल घुमा कर लाती हूँ।’
सबसे पहले हम एक बड़े से हॉल में पहुँचे- वहाँ सस्ती वाली रंडियों की चुदाई हो रही थी
बग़ल में बहुत से गद्दे पड़े थे, जिन पर रंडियाँ लेटी हुईं थीं। सब मोटी और भद्दी सी थीं और कुछ रिक्शे वाले जैसे लोग उनके ऊपर चढ़े हुए थे। मोनी बोली- ‘सब की चूत भोंसड़ा हो रहीं हैं। 20-20 साल से चुदवा रहीं हैं, मौसी तो इन्हें भोंसड़ी वाली कह कर बुलाती हैं। सालियाँ एक दिन में 10-10 को निपटा देतीं हैं। आ पास से दिखाती हूँ।’
मैंने पास जाकर दखा तो एक भैंस जैसी मोटी औरत पर एक 50 साल का कमज़ोर सा बुड्ढा चढ़ा हुआ था, औरत की चूचियाँ पेट से चिपक रहीं थीं, बुड्ढा धक्के लगा रहा था। मोनी ने कहा- ‘जरा इस रसिया का लौड़ा तो देख, झड़ा पड़ा है, फिर भी यह साला चूत पर चढ़ा पड़ा है।’
हम दोनों हँसते हुए आगे बढ़ गए। सब जगह एक सा ही हाल था। मोनी बोली- ‘इनमें से कई तो ऐसी हैं, अगर 10 मिनट से ज्यादा अगर कोई चोदे, तो यह एक झपकी नींद की भी मार लेतीं हैं।’ हम दोनों खिलखिला कर हँस पड़े।
अब मोनी मुझे ऊपर वाली मंजिल पर ले गई। वहाँ कई कोठरी जैसे कमरे बने हुए थे।
इस मंजिल पर 500 से 1000 वाली चुदती थीं।
मोनी ने कहा- जितने कमरे बंद हैं, वहाँ लड़कियाँ चुद रहीं हैं, जो खुले हैं वो खाली हैं। एक कमरे में दो या दो से अधिक भी चुद सकती हैं।
मोनी बोली- हर कमरे के दरवाज़े पर एक छेद बना हुआ है, अंदर का नज़ारा देखने के लिए। आ… ज़रा झाँक कर लड़कियों की चुदाई देखते हैं।
मोनी एक-एक छेद में झाँक-झाँक कर देखती जा रही थी। एक जगह उसने कहा- यहाँ झाँक कर देख, मज़ा आएगा।
मैंने जब झाँक कर देखा तो मैं देख कर दंग रह गई। अंदर एक लड़की मुँह में लौड़ा लेकर बड़ी मस्ती से लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी और लड़का उसके चूतड़ दबा रहा था। कुछ देर बाद लड़के ने लौड़ा मुँह से निकलवा दिया और बोला रानी ज़रा घोड़ी बनो, तुम्हारी चूत पीछे से चोदता हूँ। उसने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी चूत में अपना लंड एक झटके में घुसा दिया। लड़की के मुँह से ‘आह मर गई…’ की तेज़ आवाज़ निकली। लड़के ने कमर से पकड़ कर उसकी चूत में तेज़-तेज़ धक्के मारने जारी रखे। लड़की ज़ोरों से चिल्ला रही थी। कुछ देर बाद लड़के ने धक्के मारना धीमा कर दिया और उस पर झुक कर उसकी चूचियाँ बेदर्दी से मसलने लगा। लेकिन रंडी चिल्लाये जा रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे उसे बहुत दर्द हो रहा हो।
मोनी बोली- यह 1000 वाली रंडियाँ ऐक्टिंग करने में बहुत तेज़ होतीं हैं। साले का 5 इंच का ही लौड़ा है और यह कुतिया ऐसे चिल्ला रही है जैसे चूत में से बच्चा निकल रहा हो।
फिर एक और कमरे में मैंने झाँका। अंदर दो लड़के एक लड़की पर चढ़े हुए थे। लड़की सीधी लेटी हुई थी, एक लड़की की जाँघें पकड़ कर फैलाए हुए था और उसकी चूत में सटासट लंड आगे-पीछे कर उसे चोद रहा था, तो दूसरा बगल से रंडी का मुँह तिरछा कर अपना लौड़ा चुसवा रहा था। क़रीब 2 मिनट तक लगातार लड़की की चूत चुदती रही। फिर चूत में से लड़के ने लंड खींच लिया उसका लंड झड़ने वाला था। लौण्डे ने कंडोम उतार कर दो झटके लंड पर मारे और ढेर सारा वीर्य लड़की की चूचियों पर गिरा दिया। फिर उसने अपने हाथों से लड़की की चूचियाँ कस-कस कर मसली और अपने गाढ़े लंड-रस से लड़की की मालिश कर दी। दूसरे वाले ने रंडी के मुँह से लंड निकाल लिया था। रंडी बोली तू भी चोद राजा कब तक लंड खड़ा रखेगा। दूसरे वाले का लंड काफ़ी अच्छा था, मेरा मन भी उसके लंड से चुदवाने का करने लग रहा था। दूसरे वाले ने रंडी को घोड़ी बना दिया और उसकी गाण्ड पर ढेर सारा थूक डाल दिया था। रंडी घबरा गई बोली- ‘राजा गाँड रहने दो, चूत मार लो, बहुत दर्द होगा। आपका लौड़ा बहुत बड़ा है।’ लड़का बोला- ‘गाँड थोड़े ही न मार रहा हूँ, थोड़ा चेक कर रहा हूँ।’ कह कर उसने अपनी ऊँगली उसकी गाँड में डाल दी और कस-कस उसे घुमाने लगा।
मुझे यह सब देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर में लड़के ने ऊँगली निकाल कर एक झटके में उसकी गाँड में अपना लंड घुसा दिया… लड़की एक दम से चिल्ला पड़ी… ऊही… मर गई…, मर गई…। लड़के ने सटासट उसकी गाँड मारनी जारी रखी। रंडी के चिल्लाने की आवाज़ बाहर तक आ रही थी। मोनी ने पीछे से मेरा पेटीकोट उठा कर मेरी गाँड में अपनी पूरी ऊँगली घुसा दी। मेरे मुँह से एक दम से ‘उई… मर गई’ की आवाज़ निकल गई।
मोनी बोली- दूसरे की गाँड चुदाई देखने में बड़े मज़े आ रहे हैं। रात को जब तेरी मारी जाएगी, तब देखती हूँ।
मैंने शरमाते हुए एक मुस्कान भरी… मैंने कहा- मोनी, चुदने का अब बहुत मन कर रहा है।
मोनी बोली- चुदेगी, तू भी चुदेगी… और आज रात ही चुदेगी… और मोटे लंड से चुदेगी। मौसी तुझे ऐसे ही नही छोड़ेगी।
मोनी ने आगे बताया- ये सब रंडियाँ ठेके पर 20-20 दिनों के लिए आतीं हैं। 20 दिनों के बाद यह दूसरे कोठे पर चली जाएँगी। इनकी जगह नई आ जाएँगी, ताकि कोठों की रौनक बनी रहे। केवल 5-6 ही यहाँ की परमानेंट रंडियाँ हैं। चल, अब सबसे ऊपर की मंजिल पर चलते हैं, जहाँ मँहगी वाली लड़कियाँ चुदती हैं।
ऊपर वाली मंजिल पर भी कमरे बने हुऐ थे। मोनी ने बताया कि यहाँ मँहगी वाली रंडियाँ चुदतीं हैं। यहाँ कुछ वातानुकूलित कमरे भी हैं, हर कमरे में वीडियो और टीवी है। ग्राहक xxx देखते हुए चोदते हैं। मैं अभी तक हर बार यहीं चुदी हूँ। तू भी इन्ही में से किसी एक कमरे में चुदेगी। अंदर एक कमरे में मैंने झाँक कर देखा तो एक आदमी रंडी को गोद में बिठाए हुए था और उसका लौड़ा उसकी चूत में घुसा हुआ था। दारू का गिलास लड़की के हाथ में था जिससे वह हल्की-हल्की चुस्कियाँ ले रहा था और लड़की के चूची की घुंडियों को नोच रहा था। शायद कोई xxx देख रहा था। बाकी कमरों के छेदों से कुछ लोगो की गाँड के सिवा कुछ नही दिखा।
यह सब देख मैं काफ़ी गरम हो गई थी। राजू और कालू वहाँ चौकीदारी कर रहे थे। मुझे देखकर राजू बोला- जब से तु्म्हें देखा है, मेरा लंड तो नीचे बैठ ही नहीं रहा है रानी। चूत नही तो एक बार चूचियों का दूध तो पिला दो। इस कालू ने तो फिर भी एक बार तुम्हारी दबा रक्खी हैं।’
राजू की बात सुन कर मैं और मोनी हल्के से मुस्कुरा दिए। मोनी बोली- क्यों मैडम एक बार इन्हें दूध पिला दें?
मैंने कहा- चल, थोड़ा सा दूध इन्हें पिला देते हैं।
हमलोग एक खाली कमरे में आ गए। मेरी चूत चुदने को चुनमुना रही थी। मैंने अपनी ब्लाउज़ का हुक खोल दिया। अब मेरे दोनों संतरे बाहर थे। मैं बोली- लो राजू, दूध पियो, तुम भी क्या याद रखोगे।
राजू ने कस-कस कर मेरी दोनों चूचियाँ एक-दूसरे से चिपका दीं और मेरी घुँडियाँ ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। मुझे गज़ब की मस्ती छाने लगी थी। राजू कस-कस कर मेरे दूध दबा रहा था और मेरी घुँडियाँ जम कर चूसे जा रहा था। मेरी चूत से बुरी तरह से पानी बहने लगा था।
मैंने कहा- राजू डार्लिंग, मेरी चूत फाड़ो, मेरे होंठ चूस डालो… मुझे आज तुम चोद कर ही छोडना।
राजू ने मेरी चूचियाँ छोड़ कर, मुझे कस कर अपने से भींच लिया और मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी और मेरे होंठों को चूसने लगा। राजू का मोटा लंड मेरी चूत से चिपक रहा था, उसने मुझे जोरों से भींच रखा था। मेरे होंठ ज़बर्दस्त तरीके से वो चूस रहा था। तभी मौसी उधर आ गईं और मेरे चूतड़ों पर कस कर हाथ मारती हुई बोली- अरे मेरे रंडी रानी तुम तो यहाँ रंडीबाज़ी कर रही हो!’
मैं और राजू अब हट गए थे। मोनी मुस्कुरा रही थी। मुझसे रहा नहीं गया, मैंने कहा- मौसी… अब मुझे चुदवाओ, मैं चुदना चाहती हूँ। मेरी चूत चुदने के लिए फड़क रही है।’
राजू मुस्कुरा रहा था, मौसी ने कहा- अभी थोड़ी रंडीबाज़ी तो सीख। लंड से तो तू खेली भी नही है> अभी तूने ढंग से लंड देखा भी नहीं है। पहले तू लंड से तो थोड़ा खेलना सीख, चुदवा तो मैं तुझे एक मिनट में दूँगी।’ राजू मुस्कुराए जा रहा था।
मौसी बोली- ‘राजू, पहले तू इसे अपना लंड दिखा।’ राजू ने एक झटके से अपना पाजामा उतार दिया। राजू का 8 इंच लंबा और मोटा लंड मेरे सामने था। मैं अपने होठों पर जीभ फिरने लगी थी। मैं इतना मोटा-नंगा लंड इतने क़रीब से आज पहली बार देख रही थी। मौसी पलंग पर बैठ गईं और मुझे भी बगल में बिठा लिया।
राजू को मौसी ने बुलाया और कहा- ‘जरा इसकी चुचियों पर लंड फिरा।’
मैं पलंग पर बैठी थी और राजू अब मेरी चूचियों पर अपना लंड हाथ से पकड़ कर फिराने लगा। उसने मेरी घुंडियों पर लंड का सुपाड़ा दबा-दबा कर फिराया। मैं पूरी मस्ती में आ गई थी।
मौसी ने राजू का लंड अपने हाथ से पकड़ कर मेरे हाथ में पकड़ा दिया और बोली- ले जरा इसे मसल और जरा मुट्ठ मार।’
जैसे ही मैंने लौड़ा हाथ में पकड़ा, मैं सनसना गई। लौड़ा बहुत गरम था, मेरी बुर पनिया रही थी। मैं कस-कस कर लौड़ा मसलने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। राजू मेरे बालों को सहला रहा था।
थोड़ी देर बाद राजू ने मुझे खड़ा कर दिया। मुझे लग रहा था शायद राजू मुझे अब चोद देगा, लेकिन राजू ने एक बार मुझे फिर भींच लिया। अब वह और कस-कस कर मेरे होंठों के बीच से अपनी जीभ डाल कर चूसे जा रहा था।
तभी राजू ने मुझे पीछे की तरफ़ मोड़ दिया, अब मेरा मुँह मौसी की तरफ़ था। राजू ने जोर से मेरी घुँडी नोच ली और मेरी चूचियाँ दबाईं। पीछे से राजू का मोटा लंड कस कर मेरी गाँड दबा रहा था। मौसी आगे बढीं और मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। राजू ने मुझे ढीला छोड़ दिया। मेरी पेटीकोट अब ज़मीन पर थी।
नंगी गाँड पर राजू का नंगा लंड लगते ही मैं उचक पड़ी। अब मैं चुदवाने की उत्तेजना की चरम सीमा का अनुभव करने लगी थी। दो मिनट बाद मौसी के इशारे पर राजू हट गया। मेरी बुर का पानी जाँघों तक आ रहा था। मैं चिल्ला सी पड़ी- मौसी मुझे चुदवाओ ना… मेरी चूत में आग लगी पड़ी है, राजू से कहो मेरी चूत चोदे और मेरी प्यास बुझाए।’
मौसी बोली- गाँड मरवाएगी… तो तुझे चुदवाऊँ?
में पगला सी रही थी। मैंने कहा- ‘गाँड, चूत एक से नहीं 6-6 से मरवा लूँगी… प्लीज़ मौसी मुझे चुदवाओ, जल्दी चुदवाओ। राजू से बोलो कि वो अपना लंड जल्दी से मेरी चूत में डाल दे।’
मौसी मुस्कुराई- ‘ले ज़रा इसे पहले कंडोम पहना अपने हाथ से।’
मैंने कंडोम लेकर राजू के सुपाड़े पर लगाया। एक बड़ा रोमांचकारी अनुभव था।
मौसी बोली- ‘नीचे तो सरका दे।’
नीचे सरकाने के लिए मुझे एक हाथ से नीचे उसका लंड पकड़ना पड़ा और दूसरे हाथ से मैंने उसे नीचे सरका दिया। मेरी चूत की जलन बढ़ती जा रही थी, मुझे अब लग रहा था कि मेरी चुदाई शुरू होने वाली है।
मौसी राजू से बोली- ‘जरा इसकी चूत पर दो तीन बार लंड फिरा दे, फिर जरा नीचे चल के इसकी चूत के दर्शन ग्राहकों को कराते हैं।’
राजू ने मुझे पलंग पर लिटा दिया और कस-कस कर मेरी चूत पर अपना लंड फिरा दिया। एक बार उसने आधा इंच लौड़ा मेरी चूत में घुसाया लेकिन मौसी ने उसे डपट कर लौड़ा हटवा दिया।
मौसी ने राजू को हटा दिया और बोली- ‘चलो अब नीचे चलते हैं, वहाँ इसे ग्राहकों की गोदी में उनके लौड़े पर बिठाती हूँ।’
मैं चुदने को पागल हुई जा रही थी… मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने कहा- ‘मौसी मुझे चुदवाओ, मेरी चूत में जलन हो रही है, मैं पगला सी रही थी।’
मौसी ने मेरी तरफ़ देखा और बोली- ‘चूत में तो इसके वाक़ई आग लगी हुई है, राजू तू एक काम कर, इसकी चूत को चूस। 2-3 मिनट में यह पानी छोड़ देगी फिर इसे थोड़ी सी शान्ति मिलेगी।’
राजू ने अब मेरी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और कस-कस कर मेरी चूत चूसने लगा। मौसी के इशारे पर कालू ने मेरा सिर अपनी गोद में रख लिया और मेरी चूचियाँ ज़ोरों से दबाने लगा। राजू कुत्ते की तरह मेरी चूत चाट रहा था। उसने बुरी तरह से मेरी चूत के मुहाने को चाटना जारी रखा।
कुछ देर बाद उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी और उसकी 1 इंच लम्बी जीभ अब मेरी चूत में फिर रही थी। मेरी मस्ती से कमरा उह… आह… उह… आह… ऊह… आह… से गूँज उठा। थोड़ी देर में मेरी चूत से बड़ी तेजी से चूत-रस निकला जिसे राजू लपालप पीने लगा।
मुझे चूत में कुछ शान्ति सी लगी। मौसी ने इसके बाद राजू और कालू को नीचे भेज दिया और बोली- ‘चल इधर बहुत मस्ती ले ली अब नीचे मस्ती करियो। ये मेरा वादा है कि 12 बजे तक तेरी चूत के अंदर मोटा लंड मैं घुसवा दूँगी और आज रात तेरी गाँड भी ठुकवा दूँगी।’
मैं उठ गई थी, मोनी ने मुझे पेटीकोट और ब्लाउज़ पहना दिया। ९ बजने वाले थे, मौसी ने कहा- ‘आओ मेरी रंडियों, अब तुम नीचे चलो और थोड़ा धंधा शुरू करो। Oral Sex
हाय Antarvasna , मेरा नाम राजेश है। मैं कोलेज में लास्ट ईयर में पड़ता था। मेरी उम्र 24 है। मैं बीच की छुट्टियों में मेरे गांव गया।
गांव में हमारा बड़ा घर है। वहाँ मेरी मां और पापा रहते हैं। मेरे पापा एक बिल्डर है। मेरी मां हाउसवाइफ़, हम बहुत अमीर घराने से हैं हमारे घर में नौकर-चाकर बहुत हैं।
मैं अपने गांव गया। दोपहर में मेरे घर पहुंचा। खाना हुआ और थोड़ी देर सोया, शाम को मां के साथ थोड़ी बातें की और गांव घूमने चला गया। रात करीब मैं 8 बजे घर आया।
मेरी माँ का मूड ठीक नहीं था, मैंने मां को पूछा- मां, पापा कहाँ है?
मां ने कुछ जवाब नहीं दिया।
मेरी मां बहुत गुस्से वाली हैं, वो जब गुस्सा में होती है तब वो गंदी गालियाँ भी देती है, लेकिन वो नौकरों के साथ ऐसा नहीं करती, गालियाँ नहीं देती।
मां ने कहा- चल, तू खाना खा ले… आज अपना बेटा आया, फ़िर भी ये घर नहीं आये। तू खा… हम बाद में फ़ार्म हाउस पर जायेंगे। वहाँ पर तेरे पापा का काम चल रहा है।
मैंने खाना खाया और हम निकले।
पापा ने मेरी मां को स्कूटर दी थी, हमारा फ़ार्म हाउस हमारे घर से एक घंटे पर ही था। मां ने स्कूटर निकाला, मैं मां के पीछे बैठ गया।
हाँ… मेरे मां का नाम प्रिया है उसकी उम्र 45 है लेकिन वो सुंदर है, वो टिपीकल हाउस वाइफ़ है, सेहत से परफ़ेक्ट, थोड़ी मोटी।
“आओ वहाँ चलें!” मां ने पंजाबी ड्रेस पहना था।
मैं मां के पीछे था, हम चल दिये, मैंने मेरे हाथ स्कूटर के पीछे टायर पर पकड़े थे।
मां बीच-बीच में कुछ बोल रही थी लेकिन कुछ सुनाई नहीं दे रहा था, शायद वो बहुत गुस्से में थी।
एक घंटे में हम फ़ार्म हाउस पर पहुंच गये.
फ़ार्म हाउस के गेट पर वाचमैन था.
उसने मां को सलाम ठोका और कहा- साहब यहाँ नहीं हैं, वो शहर में गये हैं.
वो हमें गेट में आने नहीं दे रहा था।
मां ने ‘ठीक है’ बोला और स्कूटर स्टार्ट की।
हम थोड़े ही आगे गये और मां ने स्कूटर रोक दिया, उसे कुछ शक हुआ, उसने मुझे कहा- तू यहाँ रुक, मैं आती हूं!
माँ बंगले की तरफ चलने लगी और वाचमैन का ध्यान नहीं… ये देख कर अंदर चली गई और बंगले की खिड़कियों से ताक-झांक करने लगी।
मैंने देखा कि मां क्यों नहीं आ रही है और मैं भी वहाँ चला गया।
मैंने देखा मां बहुत देर वहाँ खड़ी थी और खिड़की से अंदर देख रही थी। वो करीब 10-15 मिनट यहाँ खड़ी थी।
मैं थोड़ा आगे गया और मां आई और कहा- साले, तुझे वहाँ रुकने को बोला तो आगे क्यो आया? चल बैठ हमें घर जाना है!
मां को इतना गुस्से में नहीं देखा था।
मैं बैठा, रास्ते में बारिश चालू हुई, मेरे हाथ पीछे टायर पर थे गांव में रास्ते में लाइट नहीं थी.
तभी मां की गांड मेरे लंड को लगने लगी. मैं थोड़ा पीछे आया लेकिन मां भी थोड़ा पीछे आई और कहा- ऐ, ऐसा क्यों बैठा है, ठीक से मुझे पकड़ कर बैठ!
मैंने मेरे दोनों हाथ मां के कंधे पर रखे लेकिन खराब रास्ते की वजह से ठीक से बैठ नहीं रहे थे।
मां ने कहा- अरे, पकड़ मेरी कमर को, और आराम से बैठ…
मैंने मां की कमर पर पकड़ा, लेकिन धीरे धीरे मेरा हाथ मेरे मां के बूब्स पर लगने लगे, वो उसके बूब्स… क्या नर्म-नर्म मखमल की तरह लग रहे थे और मेरा लंड भी 90 डिग्री तक गया… वो मेरी मां के गांड को चिपकने लगा।
मां भी थोड़ी पीछे आयी। ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड मां के गांड में घुस रहा है।
हमारा घर नजदीक आया, हम उतर गये। करीब रात 11.45 को हम घर आये।
मां ने कहा- तू ऊपर जा, मैं आती हूं।
मां ऊपर आयी, वो अभी भी गुस्से में लग रही थी। मालूम नहीं, क्यों वो बीच बीच में कुछ गालियाँ भी दे रही थी लेकिन वो सुनाई नहीं दे रहा था।
मां के कहा- आ, मैं तेरा बिस्तर लगा दूं।
उसने उसकी चुन्नी निकाली और वो मेरे लिये बिस्तर लगाने लगी.
मैं सामने खड़ा था वो मेरे सामने झुकी… और मैं वहीं ढेर हो गया उसके बूब्स इतने दिख रहे थे कि मेरी आंखें बाहर आने लगी, उसके वो बूब देख कर मैं पागल हुआ जा रहा था.
उसने काला ब्रा पहना था उसका सेंटर हुक भी आसानी से दिख रहा था.
तभी मां ने अचानक देखा और बोला- तू यहाँ सो जा!
लेकिन मेरा ध्यान नहीं था, वो मेरे सामने झुकी और मेरा ध्यान उसके बूब्स पर था.
ये बात समझ गयी और वो ज़ोर से चिल्लाई- राजेश, मैंने क्या कहा सुनाई नहीं दिया क्या? तेरा ध्यान किधर है… साले मेरे बाल देख रहा है?
यह सुन कर मैं डर गया लेकिन मैं समझ गया कि मां को लड़कों की भाषा मालूम है।
उसने बिस्तर लगाया और कहा- मैं आती हूं अभी!
वो नीचे गई, मैंने देखा उसने हमारे बंगले के वाचमैन को कुछ कहा और ऊपर मेरे रूम में आ गई।
हम दोनों अभी भी बारिश के वजह से गीले थे।
मां मेरे रूम में आई, दरवाजे की कड़ी लगाई और उसने अपनी पंजाबी ड्रेस की सलवार निकाल कर बेड पर रख दी.
मैं मेरा शर्ट निकाल ही रहा था इतने में मां मेरे सामने खड़ी हो गई।
मां ने मेरी शर्ट की कोलर पकड़ी और मुझे घसीट कर मुझे बाथरूम में ले गयी।
मेरे कमरे में एक ही प्राइवेट बाथरूम था।
मां फ़िर बाहर गयी और मेरे कमरे की लाइट बंद करके मेरे सामने आ के खड़ी हो गयी।
उसने मेरी तरफ देखा, कपड़ा लिया और मेरे बाथरूम के खिड़की के शीशे पर लगा दिया ताकि बाथरूम में लाइट थी और बाहर से कोई अंदर ना देखे इस लिये शायद।
फ़िर से उसने मेरी तरफ देखा… वो अभी भी गुस्से में लग रही थी, तुरंत ही उसने मेरे गालों पर एक जोर का तमाचा मारा.
मैं मां के ही तरफ गाल पर हाथ रख कर देख रहा था लेकिन तुरंत ही उसने मेरे गालों को चूमा और अचानक उसने उसके होंठ मेरे होंठों पर लगा कर मुझे चूमना चालू किया.
मैं थोड़ा हैरान था लेकिन मैंने भी मां के वो बड़े-बड़े बूब्स ढके थे और मां के बारे में सेक्स का सोचने लगा था।
चूमते चूमते उसने फ़िर से मेरी तरफ देखा, वो रुक गई और पूरी ताकत लगा के उसने अपना ही ड्रेस फ़ाड़ डाला और मेरा भी शर्ट खोल दिया जब उसने ड्रेस फ़ाड़ा।
ऊऊ मय… मय… मय… मय… मैं सोच भी नहीं सकता था कि मां के बूब्स इतने बड़े होंगे वो तो उसके ब्रा से भी बाहर आने की तैयारी में थे फ़िर वो मुझे चूमने, चाटने लगी।
उसने मुझे चड्डी उतारने को कहाँ- साले, अपनी चड्डी तो उतार!
अपनी चड्डी उतारी मैंने और मैं अपनी मां पे चढ़ गया, मैं भी उसके बूब्स को चाटने लगा, चूमने लगा और जोर से दबाने लगा.
मैंने भी मां का ब्रा फ़ाड़ डाली… मैं भी एकदम पागलों की तरह मां के बूब्स दबाने लगा। मैं उन्हे दबाने लगा.
मां की मुंह से आवाजें निकलने लगी- आआऊ ऊओ ईइम्म ऊऊओ… सलीए आआअ… ऊऊआयी ईईइ’
इतने में उसने मुझे धक्का दिया और एक कोने में छोटी बोतल पड़ी थी उसमें उसने साबुन का पानी बनाया, और शोवर चालू किया और कहा- मैं जैसा बोलती हूं वैसा कर!
वो पूरी तरह जमीन पर झुकी और दोनों हाथों से अपनी गांड को फ़ैलाया और कहा- वो पानी मेरी गांड में डाल!
मैंने वैसा किया, साबुन का पानी मां के गांड में डाला।
मां उठी और मेरे लंड को पकड़ा और साबुन लगाया दीवार की तरफ मुंह कर के खड़ी हुई और कहा- साले, भड़वे चल तेरा लंड अब मेरी गांड में घुसा!
जैसा कि मैंने कहा था कि मेरी माँ कभी-कभी गालियाँ भी देती है।
मैंने मेरा लंड मां के गांड पर रखा और ज़ोर का झटका दिया।
मां चिल्लाई- आआअ म्मम्मू ऊऊउ आआअ, साले भड़वे बता तो सही तो डाल रहा है!
साबुन की वजह से मेरा लंड पहले ही आधे से ज्यादा घुस गया, और मैं भी मां को जोर के झटके देने लगा।
मां चिल्लाई- साले, भड़वे ईई… आआअ… ऊऊउ.. आअ’
मैं भी थोड़ा रुक गया।
मां बोली- दर्द होता है, इस का मतलब ये नहीं के मजा नहीं अता आआअ… मार और जोर से मार बहुत मजा आता है… भड़वे बहुत्तत्तत सालों के बाद मैईई आज चुदवा रही हूं।
‘आअम्मी आआईई अऊऊ… मार मार मार आआ’ वो भी जोर से कमर हिला के मुझे साथ दे रही थी और मेरे झटके एकदम तूफ़ानी हो रहे थे…
मेरी हाइट 5’5″ और मां की 5′
हम खड़े-खड़े ही चोद रहे थे, उसकी गांड मेरी तरफ, मैं उसकी गांड मार रहा था उसका मुंह उस तरफ और हाथ दीवार पर थे मेरा एक हाथ से उसकी बुर में उंगली डाल रहा था और एक तरफ उसके बाल दबा रहा था.
इतने में उसने मेरी तरफ साइड में मुंह किया और एक हाथ से मेरे गाल पकड़े और मेरे होंठों पर उसके होंठ लगाये हम एक ‘कामसूत्र’ के पोज़ में खड़े थे…
वो भी मेरे होंठों को चूम कर बोली- तूऊऊ… थोड़ी देर पहले मेरे बोल देख रहा था ना… मादरचओद है रे तूऊऊ मैं अभी तुझे पुराआआ मादरचोद बना ऊऊउ गीईई… आआ…
तभी मैं मां को बोला- आज इतने गुस्से मैं क्यों हो?
मां बोली- साले सब मर्द एक जैसे ही होते हैईईइं… आआईईइ ऊऊउ… जानता है… हम जब फ़ार्महाउस पर गये तब आ…आऐईईइ मैंने क्या देखा आ… खिड़की ईईए…ईइ से?
मैं एक तरफ झटके दे रहा था इसलिये मां बीच-बीच में आवाजें निकाल रही थी।
मैंने पूछा- क्या देखा तूने?
मां ने कहा- तेरा बाप… किसी और औरत को चोद रहा था आआ ईई ऊऊ आआअ मैं हमेशा इंतज़ार करती थी… अब मुझे समझ में आया, वो बाहर चोदता है आआ… ईई… ऊऊओ…
मैं रुक गया, तभी वो बोली- तू रुक मत आआऐ ईईऊओ… चोद मुझे भड़वे अपनी मां को चोद। आज से तेरी मां हमेशा के लिये तेरी हो गई… अज्ज आआअ तू ही मेरा सनम हैईई… आऊऊ ओइम्मम्म… अच्छा लगता है
तभी मैंने मां के गांड में और ज़ोर का झटका दिया, वो भी उसकी गांड ज़ोरो से आगे पीछे हिला रही थी।
आखिर में मैंने ज़ोर का झटका दिया और मेरे लंड का पानी मां की गांड में डाल दिया।
मां चिल्लाई- आअ ऊ ऊ ऊओ ऊ ऊ म्मम्मीईईइ… कितना पानी है तेरे में… खतम ही नहीं हो रहा है आआऔ ऊऊ… क्या म्मस्त लग रहा हैईइ… सालाआआ मादर चोद… सही चोदा तूने मुझे ईईए।
थोड़ी देर हम एक-दूसरे को ऐसे ही चिपकाये रहे और हम पलंग चले पर गये और सो गये…
थोड़ी देर के बाद मेरी नींद खुली, मां मेरे पास ही सोई थी, हम दोनों अभी भी नंगे ही थे.
मैं मां के बुर में उंगली डालने लगा तभी मां की नींद खुली और वो बोली- क्या फ़िर से चोदेगा?
मैंने बोला- मुझे तेरी बुर चाहिये! तेरी गांड तो मिल गयी लेकिन तेरी बुर चाहिये!
और मां की बुर में उंगली डालने लगा उसे सहलाने लगा.
मुझे कंट्रोल नहीं हुआ, मैंने मां के दोनों पैर ऊपर किये और मेरा लंड मां के बुर पर रखा और ज़ोर से धक्का मारने लगा।
मैंने झटके देना चालू किया.
तभी मां भी कमर हिला के मुझे साथ देने लगी मेरे झटके बढ़ने लगे.
मां चिल्लाने लगी- आआअ… छह्हहद और्रर… चओद… फ़ाड़ डाल मेरी बुर, तेरे बाप ने तो कभी चोदा नहीं लेकिन तू चओद और चोद, मजे ले मेरीईई बुर के आआअऊऊ औऊऊउ ईई… और तेज़्ज़, और तेज़ज़ आआईइ मिओआआ… आआअ ऊऊओ…
मां भी ज़ोर से कमर हिलाने लगी और मैं मां के बोल और ज़ोरो से दबा रहा था.
मां बोली- चोद रे, मादरचोद और चोद्द, दबा मेरे बोल्ल और दबाआआअ और चाट और काट… मेरे बोल को… और उन्हे बड़ी कर दे ताकि मेरा ब्लाउज़ से वो बाहर आये दबा और दबा चल डाल पानी अब… भर डाल अपनी मां की बुर पानी से आआऊओ… तेरे गर्म्मम पानी से आआऊऊओ!
तभी मैंने ज़ोर का झटका दिया और मेरा लंड का पानी मां के बुर में डाल दिया.
मां चिल्लाई- आआअ… ईईइ क्याआअ… गर्म पानी हैईई… ये है असली जवानीईईइ… आज से तू मेरा बेटा नहीं मेर… ठोक्या है, आज से तू मुझे ठोकेगा। आअऊऊ ओईई… क्या पानी है सालों बाद मिल्ला आआअ… आज एक बात अच्छी हो गयी, तेरे पापा उस रंडी के साथ सो गये लेकिन उनकी ही वजह से मुझे मेरा ठोक्या मिल गया… आज से तू ही मुझे ठोकेगा।
थोड़े ही दिन में मैं शहर चला गया और मेरे कोलेज में चला गया, छुट्टियों में मां मेरा और मैं मां का इंतज़ार करने लगा।
बाद में हम हमेशा एक दूसरे को चोदने लगे. Antarvasna
मेरी पिछली कहानी “माला की चुदाई” पर बहुत से Hindi Porn Stories पत्र मिले। मेरे कई पाठकों ने अपने दिमाग का इस्तेमाल किया और मुझसे जानकारी मांगी कि मैं नर हूं या नारी?
तो दोस्तो- हकीकत यह है कि मैं नर हूं, मेरा नाम सुनील है और राजस्थान के अजमेर ज़िले का रहने वाला हूं। आज मैं आपको नई कहानी बत रहा हूं जो करीब चार माह पुरानी है।
मैं शार्टकट के चक्कर से पुलिया पार करता हुआ बाईक से कालोनी में जाने वाला था मगर उससे पहले ही मुझे एक शानदार २६-२७ साल की नई शादीशुदा युवती नज़र आई जो अपने आप में बहुत ही खूबसूरत थी। उसके बूब्स तो माशा अल्लाह बहुत ही नज़ाकत लिए हुए थे। उसने मुझे आवाज़ लगाते हुए कहा कि क्या आप मुझे आगे कालोनी तक लिफ़्ट देंगे? मुझे तो मानो बिन मांगे मुराद मिल गई। मैंने बड़े सलीके से जवाब दिया- जी बैठिए ! मैं आपको आपके घर तक छोड़ दूंगा। वो मेरी बाईक पर बैठ गई।
अब मैं बाईक चलाता और हल्के से भी ब्रेक लगने से वो मुझसे जैसे ही स्पर्श करती, कसम से बहुत गहरा झटका लगता, क्योंकि हए झटके के साथ उसके बड़े बड़े बूब मेरी कमर से टकरा जाते और मेरी हालत खराब हो जाती। खैर जैसे तैसे मैं उसके घर पहुंच कर उसे घर के बाहर छोड़ कर जाने लगा तो उसने मुझे बड़े प्यार से अन्दर बुलाया तो मैं इंकार ना कर सका, चूंकि दोपहर का समय था और गर्मी का मौसम भी, शरीर से पसीना चू रहा था।
मैं अन्दर गया तो वहां मात्र एक उसकी नौकरानी थी, मुझे पानी पिलाने के बाद उसे भी घर भेज दिया। अब घर में हम दोनों ही थे। बातों बातों में मैं उससे पूरी तरह खुल गया था क्योंकि मुझे आए करीब एक घण्टा हो गया था। उसने बताया कि उसका नाम स्वीटी है और उसके पति की मार्बल की तीन चार फ़ैक्ट्रियाँ हैं जिसमें वह इतने व्यस्त रहते हैं कि सवेरे सात बजे के निकले रात दस ग्यारह बजे आते हैं और आते ही सो जाते हैं।
देर हो जाने के कारण उसने मुझे अपना सैल नम्बर देकर फ़िर आने को कहा और जैसे ही मैं जाने लगा, वह मेरे पीछे गेट पर आई और मुझे पीछे से पकर कर किस किया और मैं कुछ समझता इससे पहले ही उसका एक हाथ मेरी पैन्ट पर रेंग गया। मगर वह ज्यादा कुछ करती और मैं ज्यादा कुछ समझता, उससे पहले कालबेल चिंघाड़ उठी, और मेरा मूड बनता उससे पहले ही बिगड़ गया। खैर स्वीटी ने मुझे फ़िर आने को कहा और मैं चला आया।
दो तीन दिन बाद सुबह अचानक स्वीटी का फ़ोन आया और मुझे घर बुलाया। मैं गया तो उसी नौकरानी ने दरवाज़ा खोला और मुझे सोफ़े पर बैठा कर पानी पिलाया और चली गई। मैं स्वीटी का इन्तज़ार करने लगा। थोड़ी देर में स्वीटी आई, मुझे अन्दर अपने बेडरूम में ले गई। दरवाज़ा बंद करने के बाद स्वीटी ने मुझे कस के पकड़ लिया और ऊपर से नीचे तक चूमती रही। मुझे लगा कि आज मेरा देह शोषण होना है। मगर नहीं, उसने मुझे १५-२० मिनट चूमने के बाद अपने बेड पर बिठाया और फ़्रिज़ से बीयर निकाल कर लाई, दो ग्लास बनाए, एक उसने मुझे दिया और मेरे पास बैठ कर दूसरा खुद पीने लगी।
धीरे धीरे मैंने अपना हाथ बढ़ाया और उसके बूब्स को सहलाने लगा। उसका मुंह अपनी ओर करके मैंने एक लम्बा किस लिया और एक हाथ से उसका ब्लाऊज़ उतारा। ब्लाऊज़ के अन्दर उसने काली ब्रा पहन रखी थी जो मेरी एक खास पसन्द है। काली ब्रा में कैद दोनों कबूतर कब आज़ाद हो गए पता ही नहीं चला। इधर स्वीटी ने मेरी पैन्ट की ज़िप खोल कर मेरा लण्ड पने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी। फ़िए बड़े प्यार से मेरे लण्ड को चूमने, चूसने लगी। उसके चूसने से मेरा लण्ड एक दम सख्त हो गया और उसके बाल पकड़ कर उसके मुंह में ही चुदाई करने लगा। थोड़ी देर में ही मेरे लण्ड ने उसके मुंह में रुक रुक कर फ़व्वारा छोड़ दिया जिसे स्वीटी ने बड़े प्यार से गटक लिया और अपनी जीभ से दीवानों की तरह मेरे पूरे लण्ड को चाटने लगी।
इधर मैंने उसके चूतड़ों में अपनी उंगलियों से चुदाई कर कर के उसको भी झाड़ दिया। अब मैंने उसको बेड पर पीठ के बल लिटाया और उसकी टांगों को चौड़ी करके रसीली चूत को चाटने लगा। हकीकत में, दोस्तो, जितना आनन्द चूत चटाई में आता है उतना आनन्द तो ओर कहीं नहीं मिल सकता। चूत चटाई के दौर में स्वीटी दो बार झड़ चुकी थी। उसने मेरे बाल कस के पकड़ लिए और उसके मुंह से लगातार आवाज़ें आ रही थी… आह्… संजू… चाटो आज जी भर कर चाटो ! मैं भी स्वर्ग का आनन्द प्राप्त कर रहा था। उसकी चूत गोरी-चिट्टी व चिकनी थी और साथ ही मामूली बालों का भी पहरा था जिससे चूत चटाई का आनन्द दुगना हो गया।
अब मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रख लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत के दरवाज़े पर रखा, सुपाड़ा अपने आप फ़िसल कर आधा अन्दर चला गया क्योंकि मेरी चूत चटाई से उसकी बुर एकदम गीली और चिकनी हो गई थी। स्वीटी डार्लिंग इतनी गर्म हो चुकी थी कि उसके मुंह से अनाप शनाप आवाज़ें आ रही थी कि संजू डार्लिंग ! मैंने तुम्हें चुन कर गलत नहीं किया, वाकय में तुम्हारा लण्ड माशाअल्लाह है।
मैंने अपने लण्ड को एक धक्का दिया तो वह चिल्ला उठी- आह ! मार डालोगे क्या ! मेरी चूत का सत्यानाश कर दोगे, मुझे नहीं चुदवाना, मुझे छोड़ो, मगर अब संजू यानि आपका चोदू दोस्त कहां रुकने वाला था। मैं उसके दोनों उरोज़ों को सहलाने लगा और अपने होठों से उसके रसीले होठों को चूसने लगा जिससे वो थोड़ी शांत हुई।
मैं लण्ड को स्वीटी की चूत में धीरे धीरे पेल रहा था। अब वो भी जोश में आ गयी थी और नीचे से अपने चूतड़ हिला हिला कर मेरा साथ दे रही थी। स्वीटी बके जा रही थी- चोदू ! आज मुझे पूरी कर दो संजू, आज फ़ाड़ दो मेरी चूत को…वगैरह वगैरह्। जिस पर मेरा हौंसला और बुलन्द हुए जा रहा था और मैं अपनी चोदने की गति को बढ़ाए जा रहा था।
अब स्वीटी चिल्लाने लगी- संजू ! मैं गई ! मैं गई संजू !
और वह झड़ गई। मैं दस पन्द्रह धक्कों के बाद आह्…आह की आवाज़ करता उसकी चूत में ही झड़ गया।
हमने पहला दौर ही करीब २०-२५ मिनट में पूरा किया। फ़िर दूसरे, तीसरे, चौथे दौर में देर नहीं लगाई क्योंकि स्वीटी थी ही इतनी शानदार चीज़ ! हमारा चुदाई का दौर शाम तक चलता रहा।
स्वीटी को कभी कुतिया बना कर चोदा तो कभी सोफ़े पर तो कभी अपनी खुद की चुदाइ कराता। मैंने जाते जाते स्वीटी की गाण्ड मारने के लिए उसकी गाण्ड में उंगली की तो वह समझ गयी। उसने कहा- अभी नहीं ! अगली बार।
सच ! स्वीटी को चोदने का मज़ा किसी भी नायाब हीरे मिलने की खुशी से कम नहीं था क्योंकि जब मैं जाने लगा तो उसने मुझे ५००० रूपए दिए और मुझे लेने पड़े।
तो कैसी लगी मेरी स्वीटी संग चुदाई की कहानी Hindi Porn Stories
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