Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Bargarh: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Bargarh who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Bargarh that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Bargarh massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Bargarh who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Bargarh massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Bargarh massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Bargarh who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Bargarh employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Bargarh helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Bargarh

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Bargarh at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

प्रेषक – राम कुमार Antarvasna stories

राम कुमार (ग्वालियर से) का Antarvasna stories अन्तर्वासना के सभी पाठकों को खड़े लण्ड का सलाम। मैं अपना एक सच्चा अनुभव लेकर हाज़िर हूँ जिस को पढ़कर आँटियाँ, चाचियाँ, मामियाँ, भाभियाँ और लण्ड की प्यासी लड़कियों की चूत गीली हो जाएगी और लंड के लिए तड़प उठेंगीं। और जिन लड़कों के पास चूत की व्यवस्था होगी, वो चूत चोदने लगेंगे और जिनके पास नहीं होगी, वो मूठ मारने लगेंगे।

यह बात मई की है। मेरी मामी जो लगभग ३२ साल की है और दो बच्चों की माँ है, रंग गोरा, शरीर भरा हुआ, न एकदम दुबला न एक दम मोटा-ताज़ा। मतलब बिल्कुल गज़ब की। पर चूचियाँ तो दो-दो किलो के और गाँड कुछ ज़्यादा ही बाहर निकले हैं। मेरे ख़्याल से उसकी फिगर ३८-३२-३९ होगी।

मैं उस मामी को चोदने के चक्कर में दो सालों से लगा था, और उसके नाम से मूठ मारा करता था। मेरे मामा (४०), जो ग्वालियर में ही रहते थे, रेडीमेड कपड़ों के धंधे में थे और अपना माल दिल्ली ख़ुद ही जाकर लेकर आते थे।

एक दिन जब मैं अपने घर पहुँचा तो मामा वहाँ थे, और मम्मी से बातें कर रहे थे। मैंने मामा से पूछा – “अब नये कपड़े कब आ रहे हैं?”

“बस आज ही लाने जा रहा हूँ। पर इस बार माल दिल्ली से नहीं, मुम्बई से लेकर आना है। वहाँ एक नामी कम्पनी से मेरी बात तय हो गई है। मुझे वहाँ से आने में चार-पाँच दिन तो लग ही जाएँगे। तब तक मैं चाहता हूँ कि तुम दिन में एक बार ज़रा दुकान जाकर काम देख लेना और रात में मेरे घर चले जाना।”

“तू कुसुम और बच्चों को यहीं क्यों नहीं छोड़ देता?” मेरी मम्मी ने पूछा।

“मैंने कुसुम से कहा था कि बच्चों के साथ दीदी के यहाँ रह लेना, पर वह कह रही थी कि चार-पाँच दिनों के लिए आप लोगों को क्यों परेशान करना, बस राम को बोल देना, वो तुम्हारे आने तक हमारे यहाँ ही आ जाए और दुकान को भी काम देख ले। नौकरों के भरोसे दुकान छोड़ना ठीक नहीं। तुझे कोई दिक्क़त तो नहीं?” – मामा बोले।

“अभी तो मैं पूरा खाली ही हूँ। परीक्षाएँ भी खत्म हो चुकी हैं। चलिए एक अनुभव के लिए आपकी दुकान को भी सँभाल लेते हैं (और मामी को भी)।”

“आज ८ बजे मेरी ट्रेन है, तू सात बजे घर आ जाना और मुझे स्टेशन छोड़ कर वापिस मेरे घर ही चले जाना।”

“ठीक है मैं ६:३० बजे आ जाऊँगा।”

६:३० बजे मैं मामा के घर पहुँच गया, मामा सफ़र की तैयारी कर रहे थे और मामी पैकिंग में मामा की मदद कर रही थी। पैकिंग के बाद मामी ने मामा को खाना दिया और मुझे भी खाने के लिए पूछा।

“मामा को छोड़कर आता हूँ, फिर खा लूँगा।” मैंने कहा।

७:३० बजे मामा और मैं स्टेशन पहुँच गए। मामा की ट्रेन सही समय पर आ गई, मामा का आरक्षण था, मामा अपनी सीट पर जाकर बैठ गए और पाँच मिनट के बाद ट्रेन मुम्बई के लिए चल पड़ी। चलते-चलते मामा बोले,”मामी और बच्चों का ख्याल रखना।”

“आप यहाँ की फिक्र ना करें, मैं मामी और बच्चों का पूरा ख्याल रखूँगा।”

मैंने स्टैण्ड से अपनी बाईक ली और ८:३० तक घर आ गया। मैंने दरवाज़े की कॉलबेल बजाई तो मामी ने दरवाज़ा खोला और बोली,”हाथ-मुँह धो लो, अब हम खाना खा लेते हैं।”

“आपने अभी तक काना नहीं खाया?” मैंने पूछा।

“बस तुम्हारा ही इन्तज़ार कर रही थी। बिट्टू और सोनू तो खाना खाकर सो गए हैं। तुम भी खाना खा लो।”

मैं और मामी डिनर की टेबल पर एक-दूसरे के आमने-सामने बैठ कर खाना खा रहे थे। जब मामी निवाला खाने के लिए थोड़ा झुकती उनकी चूचियों की गहराईयों के दर्शन होने लगते और मेरा लंड विचलित होने लगता। पर स्वयं को सँभाल कर मैंने खाना खतम किया और टीवी चालू कर लिया। उस समय आई पी एल मैच चल रहे थे, मैं मैच देखने लगा।

कुछ देर बाद मामी बर्तन साफ करने लगी और वह भी मैच देखने लगी। जल्दी ही उसे नींद आने लगी।
“मैं तो सोने जा रही हूँ, तुम भी हमारे कमरे में ही सो जाना, तुम डबल बेड में बच्चों के एक तरफ ही सो जाना” मामी बोली।

“ठीक है, बस एक घन्टे में मैच खत्म होने वाला है। आप सो जाओ, मैं मैच देखकर आता हूँ।”

मामी चली गई और मैं मैच देखने लगा।

कुछ देर बाद बाद ब्रेक हुआ और मैं चैनल बदलने लगा, और एक लोकल चैनल पर रुक गया। डिश वाले एक ब्लू-फिल्म प्रसारित कर रहे थे। अब काहे का मैच, मैं तो उसी चैनल पर रुक गया और वो ब्लू-फिल्म देखने लगा और मेरा लंड हिचकोले मारने लगा।

मेरा साढ़े पाँच इंच का लंड लोहे की तरह सख्त होकर तन गया, मैं अपनी पैंट के ऊपर से ही उसे सहलाने लगा। मेरा लंड चूत के लिए फड़फड़ाने लगा और मेरी आँखों के सामने मामी का नंगा बदन घूमने लगा और मैं मामी के नाम से मूठ मारने लगा। मैं मन ही मन मामी को चोद रहा था, कुछ देर बाद लंड ने एक पिचकारी छोड़ दी। मेरा वीर्य लगभग पाँच फीट दूर छिटका, और यह बस मामी के नाम का कमाल था।

अब मेरा दिमाग मामी को हर हाल में चोदने के बारे में सोचने लगा, तब तक फिल्म भी खत्म हो गई थी। मैंने टीवी बन्द किया और बेडरूम की ओर चल दिया। जैसे ही मैंने कमरे की बत्ती जलाई, मेरी आँखें फटी रह गईं। बिल्लू और सोनू, दोनों दीवार की ओर सो रहे थे, और मामी बीच बिस्तर में। उनकी साड़ी घुटनों के ऊपर तक उठ गई थी और उनकी गोरी-गोरी जाँघें दिख रहीं थीं। उनका पल्लू बिखरा हुआ था, ब्लाउज़ के ऊपर के दो हुक खुले थे और काली ब्रा साफ-साफ दिख रही थी। मामी एकदम बेसुध सो रहीं थीं।

मैंने तुरन्त लाईट बन्द की और अपने लंड को सहलाते हुए सोचा,’क़िस्मत ने साथ दिया तो समझ हो गया तुम्हारा जुगाड़ !’

मैं जाकर मामी के पास लेट गया, मामी एकदम गहरी नींद में थी। मैंने एक हाथ मामी के गले पर रख दिया और हाथ को नीचे खिसकाने लगा। अब मेरा हाथ ब्लाउज़ के हुक तक पहुँच गया। मैं आहिस्ते-आहिस्ते हुक खोलने लगा। तभी मामी बच्चों की ओर पलट गई, इससे मुझे हुक खोलने में और भी आसानी हो गई और मैंने सारे हुक खोल दिए। ब्रा के ऊपर से ही मामी की चूचियों को सहलाने लगा।

मामी के स्तन एकदम मुलायम थे। पर ब्रा ने उन्हें ज़ोरों से दबा रखा था, इस कारण ऊपर पकड़ नहीं बन रही थी। मैं अपना हाथ मामी की ब्लाउज़ के पीछे ले गया और ब्रा के हुक को भी खोल दिया। अब दोनों स्तन एकदम स्वतंत्र थे। मैं उन आज़ाद हो चुके बड़े-बड़े स्तनों को हल्के-हल्के सहलाने लगा, फिर मैं एक हाथ उनकी जाँघ पर ले गया और ऊपर की ओर ले जाने लगा पर एक डर सा भी लग रहा था कि कहीं मामी जाग ना जाए। पर जिसके लंड में आग लगी हो वो हर रिस्क के लिए तैयार रहता है और लंड की आग को सिर्फ चूत का पानी ही बुझा सकता है।

हिम्मत करके मैं अपने हाथ को ऊपर ले जाने लगा। जैसे-जैसे मेरा हाथ चूत के पास जा रहा था, मेरा लंड और तेज़ हिचकोले मार रहा था।

अब मेरा हाथ मामी की पैन्टी तक जा पहुँचा था। पैन्टी के ऊपर से ही मैंने हाथ चूत के ऊपर रख दिया। चूत बहुत गीली थी और भट्टी की तरह तप रही थी। मैंने साड़ी को ऊपर कर दिया और पैन्टी को नीचे खिसकाने लगा। थोड़ी मेहनत के बाद मैं पैन्टी को टाँगों से अलग करने में कामयाब रहा।

अब मैं हाथ को चूत के ऊपर ले गया और चूत को प्यार से सहलाने लगा। मामी अभी तक शायद गहरी नींद में थी। मैंने एक हाथ मामी की कमर पर रखा और उन्हें सीधा करने लगा।

मामी एक ही झटके से सीधी हो गई। मैं अपनी टाँग को मामी की टाँगों के बीच ले गया और मामी की टाँगों को फैला दिया। अब मैं नीचे खिसकने लगा और मैं जैसे ही चूत चाटने के लिए मुँह चूत के पास ले गया, मामी ने हाथ से चूत को ढँक लिया।

मेरी तो गाँड फट गई, रॉड की तरह तना हुआ लौड़ा एकदम मुरझा गया, दिल धाड़-धाड़ धड़कने लगला।

तभी मामी उठी और फुसफुसाकर बोली,”ये सब यहाँ नहीं। बिट्टू और सोनू जाग सकते हैं। अब तक तो मैंने किसी तरह अपनी सिसकियाँ रोक रखीं थीं पर अब नहीं रोक सकूँगी। हम ड्राईंगरूम में चलते हैं।”

इतना सुनते ही मेरा लंड फिर से क़ुतुबमीनार बन गया। मामी जैसे ही बिस्तर पर से उठी, मैंने मामी को अपनी बाँहों में भर लिया और उनके होंठों को चूमने लगा। वह भी मेरे होंठों पर टूट पड़ी। हम एक-दूसरे के होंठों को पागलों की तरह निचोड़ने लगे।

मैं उनके होंठों को चूमते हुए अपने दोनों हाथ उनकी गांड तक ले गया और उन्हें उठा लिया। मामी ने अपने पैर मेरी कमर के गिर्द लपेट दिए। मैं उन्हें चूमते हुए ड्राईंगरूम तक ले आया और मामी को लेकर सोफे पर बैठ गया।

मामी मेरी गोद में थी, ब्लाउज़ और ब्रा अभी भी मामी के कंधों से लटक रहे थे। पहले मैंने ब्लाउज़ को निकाल फेंका, फिर ब्रा और एक चूची को हाथ से मसलने लगा और साथ ही दूसरी चूची को चाटने लगा।

अब साड़ी की बारी थी, मैंने साड़ी भी निकाल फेंकी, अब पेटीकोट बेचारे का भी शरीर पर क्या काम था। अब मामी एकदम नंगी हो चुकी थी। लाल नाईट-बल्ब की रोशनी में मामी का नंगा बदन पूर्णिमा में ताज़ की तरह चमक रहा था और इस वक्त मैं इस ताजमहल का मालिक था।

अब मामी मेरे कपड़े उतारने लगी। मेरे सारे कपड़े उन्होंने उतार दिए और मैं सिर्फ अपनी फ्रेंची अण्डरवियर में रह गया पर वह भी अधिक देर न रह सका। उन्होंने वह भी एक ही झटके में उतार फेंकी और फिर मामी ने मेरे साढ़े पाँच इंच लम्बे विकराल लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।

कभी मामी लंड पर, तो कभी अंडकोष से सुपाड़े तक जीभ फिराती, कभी लंड को हल्के से काटती, सुपाड़े पर थूकती और फिर उसे चाट जाती। मेरा तो बुरा हाल कर दिया और मेरे लंड ने मामी के मुँह पर अपनी पिचकारी मार दी। उनका पूरा चेहरा मेरे वीर्य से सन गया था। मैंने अपने दोनों हाथों से सारा वीर्य उनके चेहरे पर मल दिया।

“दूसरी बार में भी इतना माल? तेरा लंड है या वीर्य का टैंक?” – मामी ने कहा।

मैं यह सुनकर हैरान हो गया, मेरी हैरानी जानकर उन्होंने बताया – “जब तू ब्लू-फिल्म देख रहा था और मेरे नाम से मूठ मार रहा था तब मैं पानी पीने के लिए रसोईघर में आई थी और तेरे लंड की धार को देख कर मेरी कामवासना की प्यास जाग गई और मैं बेडरूम में अपने कपड़ों को जान-बूझ कर अस्त-व्यस्त कर लेट गई थी। वहाँ आने के बाद अगर तू ऐसी हरकतें नहीं करता तो आज मैं ही तेरा जबरन चोदन कर देती।”

“तरबूज़ तलवार पर गिरे या तलवार तरबूज़ पर, कटना तरबूज़ को ही है। अब तो आज रात सचमुच में जोरदार चोदन होगा। आज रात अगर आपसे रहम की भीख न मँगवाई तो मेरा भी नाम राम नहीं।” मैंने कहा।

“चल देखते हैं, कौन रहम की भीख माँगता है !” मामी ने भी ताना सा मारा।

मामी के ऐसा कहते ही मैंने मामी को ज़मीन पर लिटा दिया और उनकी चूत पर टूट पड़ा, अपनी जीभ को चूत में जितना हो सकता था अन्दर डाल दिया और जीभ हिलाने लगा। चूत के गुलाबी दाने को जैसे ही मैं हल्के-हल्के काटता-चूसता, वह तड़प उठती और आआहहहहहह आआहह्ह्हहहह करने लगती।

उसने टाँगों से मेरे सिर को जकड़ लिया और टाँगों से ही सिर को चूत में दबाने लगी और बालों में हाथ फेरने लगी। मैं चूत-अमृत पीते हुए दोनों स्तनों को मसल रहा था… तभी अचानक मामी का शरीर अकड़ने लगा उनकी चूत ज़ोरदार तरीके से झड़ने लगी।

मैंने चूत को चाटकर साफ कर दिया और जैसे ही मैं मामी के ऊपर आने को हुआ, मामी ने मुझे रोका और गेस्ट-रूम की ओर इशारा किया। मैं समझ गया कि वह उस कमरे में चलने को कह रही है। मैंने उन्हें गोद में लिया और चूमते हुए उस कमरे में ले आया। लाईट जलाई तो देखा, वहाँ एक सिंगल बेड था। मैंने पंखा चालू किया और उन्हें बिस्तर पर पटक दिया और उनके ऊपर आ गया। मैंने उनके होंठों को चूमते हुए अपनी टाँगों से उनकी टाँगे चौड़ी कीं।

अब मेरा लंड मामी की चूत के ऊपर था। मैंने अपने हाथों को सीधा किया और धक्के मारने की मुद्रा में आ गया। अब मैं अपनी कमर को नीचे करता और लंड को चूत से स्पर्श करते ही ऊपर कर लेता। कुछ देर ऐसा करने के बाद मामी बोली,”अब मत तड़पाओ, मेरी चूत में आग लग रही है, इसमें अपना लंड अब डाल दो और मेरी चूत की आग को शान्त करो, मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ।

इस बार मैंने लण्ड चूत पर रखा और धीरे-धीरे नीचे होने लगा और लण्ड चूत की गहराईयों में समाने लगा। चूत बिल्कुल गीली थी, एक ही बार में लण्ड जड़ तक चूत में समा गया और हमारी झाँटे आपस में मिल गईं। अब मेरे झटके शुरु हो गए और मामी की सिसकियाँ भी… मामी आआआहहहहह अअआआआआहहहह करने लगी। कमरा उनकी सिसकियों से गूँज रहा था।

जब मेरा लण्ड उनकी चूत में जाता तो फच्च-फच्च और फक्क-फक्क की आवाज़ होती। मेरा लण्ड पूरा निकलता और एक ही झटके मे चूत में पूरा समा जाता। मामी भी गाँड हिला-हिला कर मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी, अब तो खाट भी चरमराने लगी थी। पर मेरी गति बढ़ती जा रही थी। हम दोनों पसीने से नहा रहे थे। पंखे के चलने का कोई भी प्रभाव नहीं था।

दोनों के चेहरे एकदम लाल हो रहे थे पर हम रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। झटके अनवरत जारी थे। कभी मैं मामी के ऊपर तो कभी मामी मेरे ऊपर आ जाती। दोनों ही चुदाई का भरपूर मज़ा ले रहे थे। पूरे कमरे में बस कामदेव का राज था। हम दोनों एक-दूसरे की आग को बुझा रहे थे। तभी हमारे शरीर अकड़ने लगे।

दोनों झड़ने वाले थे। मैं लण्ड को बाहर निकालने वाला ही था कि मामी ने रोक दिया और बोली – “अपना सारा माल चूत के अन्दर ही छोड़ दो।”

मैंने भी झटके चालू रखे। हम दोनों ने एक-दूसरे को भींच लिया। मामी ने टाँगों और हाथों को मेरे शरीर पर लपेट दिया। मैंने मामी के कंधों को कसकर पकड़ लिया और एक ज़ोरदार झटका मारा। मैं और मामी एक ही साथ झड़े थे। मामी की चूत मेरे वीर्य से भर गई।

वीर्य चूत से बह रहा था। मेरा मुँह अपने-आप चूत पर पहुँच गया और मैं मामी की चूत को चाट-चाट कर साफ करने लगा।

मामी ने भी मेरे लंड को चूस-चूस कर साफ कर दिया और हम दोनों एक-दूसरे के बगल में लेट गए, पर मामी का हाथ मेरे लंड पर था और मैं मामी के बालों को सहला रहा था।

मामा के आने तक मैं और मामी पति-पत्नी की तरह रहे। मैं सुबह को दुकान का एक चक्कर लगा आता। दिन में हम नींद ले लेते और रात को…

मामा के आने के बाद भी जब भी मौक़ा मिलता, मैं उसको छोड़ता नहीं।

अन्तर्वासना के पाठकों, आपको मेरी यह दास्तान कैसी लगी, मेल कर बताएँ। Antarvasna stories

दोस्तो, मेरा नाम निखिल है और मैं पुणे का रहने वाला हूँ। वैसे मैं अभी 20 साल का हूँ और अमेरिका में पत्रकारिता की स्टडी करने आया हूँ।
वैसे मैं औसत कदकाठी वाला लड़का हूँ.. पर मेरा लंड करीब 8 इंच का है और 2.5 इंच मोटा है।

यह मेरी पहली कहानी है जो मैं आपके सामने रख रहा हूँ।
बात उन दिनों की है.. जब मैं अमेरिका में नया था और हमारे हॉस्टल में काफी लड़कियाँ थीं। मैं उनको देख हैरान था.. उनकी चूचियाँ बहुत बड़ी-बड़ी थीं। मैं कई बार उनकी बारे में सोच कर मुठ्ठ मार लेता था।

जब हमें पत्रकारिता के लिए सब्जेक्ट मिले तो मैंने एक पोर्न स्टार का सब्जेक्ट चुना। तो अब मुझे रायलेनी नामक पोर्न स्टार से मुलाकात करनी थी।
वैसे मैंने उसकी बहुत सी सेक्स मूवीज देखी थीं तो जब मुझे उसका अपॉइंटमेंट मिला.. तो मैं बहुत खुश था।

मुझे उनके ऑफिस से कॉल आया और टाइम दिया गया। मुझे रात दस बजे का टाइम दिया था.. तो मैं तैयार होकर निकला।
उसके ऑफिस पहुँचा.. तो उसकी सेक्रेटरी ने कहा- मैडम बिजी है- आप बैठो..

मैं वहाँ बैठ कर वेट करने लगा और ऐसे ही 11 बज गए। फिर उस सेक्रेटरी को अन्दर से कॉल आया और मुझे अन्दर बुलाया गया।

दोस्तों क्या बताऊँ.. अन्दर जाते ही मेरा लंड इतनी जोर से उछला.. कि मैं अन्दर सब देखता ही रह गया। सभी दीवारों पर रायलेनी की नंगी तस्वीरें लगी हुई थीं। मेरा लंड मेरे पैन्ट की अन्दर ही तम्बू हो गया था। जब मैंने उसकी तस्वीरें देखीं तभी मेरे होश उड़ गए थे।

तभी रायलेनी शायद बाथरूम से बाहर आ गई और अपनी सेक्रेटरी को फ़ोन किया और बोली- तुम अब घर जाओ।
जब मैंने उसे देखा तो देखते ही रह गया.. उसने लो कट वाला टॉप पहना था। उसमें से उसके मम्मे बड़े ही साफ दिख रहे थे।
मेरा यहाँ बहुत बुरा हाल ही रहा था और हम बातें करने लगे।

मैं- हाय
रायलेनी- हैलो..
मैं- मुझे आपके बारे में कुछ जानकारी चाहिए थी..
रायलेनी- हाँ क्यों नहीं.. प्लीज़ पूछिए..

मैं- आपने इस काम की शुरुआत कब की?
रायलेनी- जब मैं 21 साल की हुई..

इसी तरह काफी देर तक उसने मेरे सवालों के उत्तर दिए जिससे मेरा काम बन गया अब सिर्फ कुछ फोटो लेने बाकी थे।

मैं- क्या मैं आप की फोटो ले सकता हूँ?
रायलेनी- क्यों नहीं… ले लो..

मैं जब फोटो लेने के लिए उठा.. तो उसका ध्यान मेरे पैंट पर गया और उसने पूछा- तुम ठीक हो?
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

वो अपनी कुर्सी से उठ कर मेरे पास आई।
वैसे ही मेरा बुरा हाल था.. जैसे ही वो मेरे पास आई मेरे तो पसीने छूटने लगे।
उसने मेरे हाथ पर हाथ रखा और कहने लगी- तुम्हारा लंड काफी बड़ा लगता है।

वो मेरे तरफ देख मुस्कुराने लगी और अपना हाथ मेरी पैंट पर रख दिया और मुझे किस किया।
मुझे बहुत डर लगा और मैं वहाँ से हट गया।
तो उसने कहा- डरो मत.. यहाँ हम दोनों के सिवा और कोई नहीं है।

उसने मेरा हाथ लिया और अपने मम्मों पर रख दिया.. तो मेरा डर भी कम हुआ और मैं धीरे-धीरे उसके मम्मों को दबाने लगा।

वो टेबल पर बैठी थी और मुझे जोर-जोर से किस किए जा रही थी। अब मैं भी उसके मम्मों को जोर-जोर से दबा रहा था और कस कर उसे किस कर रहा था।

मेरा एक हाथ उसके मम्मों पर और दूसरा उसकी चूत को सहला रहा था। वो अब बहुत गर्म हो चुकी थी और उसकी चूत से पानी निकल रहा था। वो अब नीचे आ गई और मेरे पैंट से मेरा लण्ड निकालने लगी। उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.. अब मैं भी पूरे जोश में था।

वो मेरे लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और मैं भी उसकी मुँह की चुदाई करने लगा।
वो इतना जोर-जोर से मेरा लंड अन्दर-बाहर कर रही थी कि दस मिनट में ही मेरा पानी उसके मुँह में निकल गया और वो पूरा पानी पी गई।

थोड़ी देर के बाद मेरे लंड फिर से खड़ा हो गया और रायलेनी ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए।
उसने अपने कूल्हों गाण्ड पर मस्त टैटू बनाया था। मैंने जैसे ही उसे नंगी देखा.. मैं उस पर टूट पड़ा, मैंने उसको टेबल पर लिटाया और उसका पूरा शरीर पागलों की तरह चाटने लगा।

उसकी चूत से बहुत मादक खुशबू आ रही थी। मैं भी बड़े मजे से उसकी चूत चाट रहा था और वो अपने मुँह से आवाज निकाल रही थी ‘ऊऊओह्ह ह्हह्हह ऊओया आअ.. ऊऊऊ ऊऊ ऊऊईई ईईइ..मा..’
वो बोल रही थी- फ़क मी हार्ड..

अब मैंने जरा सा थूक अपने लण्ड पर लगाया और उसकी चूत में अपना लण्ड डाल दिया। मेरे पूरा लौड़ा एक ही बार में अन्दर चला गया। अब मैं बड़े ही मस्त तरीके से उसे चोद रहा था और वो भी काफी कामुक आवाजें निकाल रही थी ‘फक मी हार्ड.. ओह्ह.. यू आर ग्रेट फकर.. योर टूल इस सो लॉन्ग.. फक मी हार्ड..’

अब मैंने अपनी पोजीशन बदली और उसकी कुर्सी पर बैठ गया और उसे अपने लंड पर बैठने को कहा।
वो जैसे ही लंड पर बैठी.. उसके मम्मे मेरे मुँह के सामने आ गए और मैं उन्हें मुँह में लेकर चूसने लगा। मैं चूचियाँ चूसते-चूसते बीच में ही हल्के से काट भी लेता.. तो वो मेरे सर को अपने मम्मों के बीच दबा लेती।

उसकी काफ़ी लम्बी चुदाई के बाद वो थक गई और मेरे ऊपर से हट गई।
मैंने उससे कहा- मुझे तुम्हारी गदराई गाण्ड मारनी है।

तो वो अपनी अलमारी से एक तेल लाई और टेबल पर लेट गई। उसने वो तेल मेरे लण्ड पर और अपनी गाण्ड में लगाया और मेरे लंड अपनी गाण्ड में डालने लगी। थोड़ी दिक्कत के बाद मेरा पूरा लण्ड आराम से उसकी गाण्ड में चला गया। अब वो सीधे मेरे लंड पर बैठ गई और चुदने लगी।

थोड़ी देर बाद मेरा लंड गाण्ड से निकाल कर फिर से अपनी चूत में डाल लिया और अपनी उंगलियों से अपनी चूत सहलाने लगी और आवाजें निकालने लगी।

‘आआहह.. आआअ ऊऊहह..’

अचानक उसकी चीख निकल पड़ी और उसने अपना सारा पानी छोड़ दिया।
इधर मैं भी अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुका था.. तो मैंने उसे उठाकर टेबल पर बैठा दिया और अपना पूरा लावा उसके मम्मों और मुँह पर छोड़ दिया।
उसने मेरा लंड चाट कर साफ़ किया और खुद भी बाथरूम से साफ़ होकर आ गई।
फिर हमने कपड़े पहने।

जाते वक़्त उसने मुझे अपना कार्ड दिया और फ़ोन करने को कहा।
जाते-जाते उसने फिर एक लम्बा चुम्बन किया और चली गई।

फिर अमरीका से वापिस के बाद अब मैं पुणे में ही हूँ।

Indian Sex Stories

हेलो! मेरा नाम निक है और मैं मुंबई के Indian Sex Stories बांद्रा में रहता हूँ। यह मेरी पहली कहानी है जो कि एक हकीक़त भी है। मैं मुंबई में पिछले 3 साल से रह रहा हूँ। मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ यहाँ काम की तलाश में आया था। ( सुनने में शायद यह थोड़ा फ़िल्मी लगता है) लेकिन यह सच है।

मुझे मुंबई आये अभी कुछ दिन ही हुए थे कि मुझे मेरे एक स्थानीय मित्र ने बताया कि मुंबई में कई लड़के “ज़िगोलो” या पुरुष-वेश्या बन कर अपनी ज़िन्दगी गुजार रहे हैं। पहले तो मुझे उसकी बात पर कोई विश्वास नहीं हुआ लेकिन एक दिन ” मुंबई मिरर “(एक पत्रिका) में ज़िगोलो’ज़ पर एक लेख पढ़ कर मुझे यकीन हो गया कि यह एक हकीक़त है।

लेकिन यह बात वहीं आई गई हो गई और मैं फिर से नौकरी की तलाश में जुट गया।

कुछ दिन बाद की बात है, मैं रात घर पर बिस्तर में लेटा था। मेरे कमरे में मेरे सभी साथी सो रहे थे, रात का शायद 1 बजा होगा, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैंने सोचा- थोड़ा घूम कर आता हूँ, शायद अच्छा लगे।

यही सोच कर मैंने कपड़े पहने और स्टेशन की ओर निकल गया। स्टेशन रात के समय कुछ अजीब सा लग रहा था। कुछ सेक्स-वर्कर लड़कियां, कुछ नशेड़ी और बहुत सारे अपराधी किस्म के लोग वहां थे। मेरे मन में झिजक पैदा हुई, लेकिन मैंने सीधा जाकर चर्चगेट की टिकट ले ली। मैं जल्दी जल्दी प्लेटफ़ार्म पर पहुंचा और मैं चर्चगेट जाने वाली ट्रेन में चढ़ गया।

कुछ 20-25 मिनट में मैं चर्चगेट स्टेशन पहुँच गया। वहां काफी चहल-पहल थी। जिसे देख कर मेरा डर थोड़ा कम हुआ, आखिर एक 23 साल का लड़का जो कि शहर में नया और अनजान हो, रात में अकेलेपन से डरता ही है।

फ़िर भी मैं पता नहीं क्यूँ वहाँ आस-पास घूमता रहा, यह सोच कर कि कोई मुझे ज़िगोलो समझ कर अपने साथ ही ले जाए, क्योंकि मैं दिखने में काफ़ी अच्छा हूँ और कई लड़कियों ने मुझे अपना साथ भी दिया है।

बहरहाल, घूमते घूमते अभी कुछ मिनट ही हुए थे कि मैंने देखा कि कहीं से बहुत सारी कारें आ रही थी, शायद किसी डिस्को में पार्टी खत्म हुई थी। मैं उस तरफ़ से मुड़ गया और फ़िर से स्टेशन की तरफ़ चलने लगा। तभी मैंने देखा कि मुझे कोई कार में से इशारे कर रहा है। मैं बहुत घबरा गया क्योंकि वो औरत नहीं मर्द था। मुझे लगा कोई समलिंगी पुरुष होगा, इसलिए मैं तेज़ी से आगे बढ़ गया।

लेकिन इस बार उसने मुझे “हैलो सफ़ेद कमीज़!” कह कर आवाज़ लगाई। मैंने हिम्मत जुटा कर उसकी तरफ़ देखा, उसने मुझे कार के पास बुलाया और मैं डरते हुए कार के पास गया।

वहाँ मैंने देखा कि वो एक ड्राईवर था। मुझे लगा कि वो कोई जगह पूछेगा, लेकिन उसने कहा- मैडम ने बात करनी है, कार में बैठो!

यह सुनते ही मैं हक्का-बक्का रह गया। रात के ढाई बज़े एक “ब्लैक कैमरी” में सफ़र करने वाली औरत मुझसे कर में बात करना चाहती है। मैं कुछ समझ पाता, इससे पहले वो गाड़ी आगे बढ़ने लगी। पता नहीं मुझे क्या हुआ और मैं जल्दी से कार में बैठ गया।

कार में बैठते ही मेरी खुशी को जैसे पर लग गए, एक 30-32 साल की औरत जिसकी सूरत देख कर यूँ लगे मानो कोई सिनेमा की हिरोईन हो, मेरे पास बैठी थी। वो काले रंग के ईवनिंग गाऊन में यूँ लग रही थी जैसे स्ट्राबेरी को चॉकलेट में डूबो कर रखा हो।

मेरे मुँह से छोटे से ‘हाय’ के अलावा कुछ नहीं निकला। इतने में गाड़ी चलने लगी और मैं थोड़ा सम्भल कर बैठ गया। 2-3 मिनट तक कोई बात नहीं हुई, ड्राईवर की नज़र पीछे देखने वाले शीशे में से मेरे ऊपर ही थी। शायद उसके लिए यह रोज़ की बात थी। थोड़ी देर में उस औरत ने मुझे बोला- हाय! मेरा नाम हिया है।

मैंने भी अपना नाम बताया। मेरा नाम सुनकर वो मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी। ऐसा लग रहा था मानो वो रात के पौने तीन बज़े मेरा इन्टरव्यू ले रही हो। मैं तोते की तरह जवाब देता गया। बातों बातों में मैंने उसका फ़ीगर देखना शुरू किया। उसका फ़ीगर इतना अच्छा नहीं था , उसके स्तन छोटे थे और पेट भी बाहर था लेकिन फ़िर भी उसके चेहरे ने सभी कमियाँ छुपा ली थी। उसकी नज़र शायद मेरे चेहरे पर थी और एक पल बाद उसका हाथ मेरी कमर पर। जैसे ही उसने मुझे छुआ यूँ लगा जैसे 440 वाट का करंट लगा हो, क्योंकि पहली बार किसी नारी ने पहल की थी मेरे साथ। खैर, हिया ने ड्राईवर से कहा कि गाड़ी रोक कर वो उतर जाये और टैक्सी लेकर घर चला जाये और उसे कुछ पैकेट दिए, जिसे लेकर वो बिना पीछे देखे चला गया। अब हम दोनों गाड़ी में अकेले थे, उसने मुझसे पूछा “क्या तुम गाड़ी चलाओगे?”

हाँ में सर हिला दिया मैंने। तब उसने मुझे अपनी गाड़ी की चाबी दी और बोली- चलो!

मैं पागल हो रहा था कि एक अनजान औरत बिना कुछ जाने मुझे अपने साथ रात में ले जाने को तैयार है, क्या मेरी किस्मत इतनी अच्छी है?

लेकिन शायद किस्मत नाम ही है अप्रत्याशित का!

मैं ड्राईवर सीट पर आ गया और वो अगली सीट पर! मैं कार चलने लगा, उसने मेरे बालों में हाथ डाला और कहने लगी,”काफी घबराए हुए लग रहे हो!”

मैंने डर के कहा- नहीं तो! मैं ठीक हूँ!
तो हंसते हुए बोली- ठीक है! चिन्ता मत करो मैं तुम्हें खा नहीं जाऊँगी!
मैंने सर हिला दिया और वो मुझे रास्ता बताने लगी।

एक घण्टे चलने के बाद हम मुम्बई के मड आईलैण्ड इलाके में थे, वहाँ पहुंचते ही मैं समझ गया कि हिया किसी बड़े उद्योगपति की पत्नी है क्यूंकि या तो वहाँ ऐसे बंगले हैं जहाँ फ़िल्मों की शूटिंग होती है या धनकुबेरों के फ़ार्म हाऊस!

उसने मुझे गाड़ी रोक कर पीछे बैठने को कहा और खुद गाड़ी चला कर बंगले के अन्दर ले गई।

मैं और हिया एक साथ जैसे ही कमरे में पहुंचे, उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख लिया और मैं आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसकी बात मानता रहा।

मैं उसके स्तनों से खेलता रहा और वो मेरे शर्ट के बटन खोलती रही. हम लोग यही करते करते उसके शयनकक्ष की ओर बढ़ने लगे और बीच में पड़े म्यूज़िक सिस्टम को उसने ओन कर दिया। मैं प्रफ़ुल्लित हो रहा था और मैं उसे चूमने लगा। तब तक मेरे हाथ उसकी ब्रा को अन्दर से खोल चुके थे और उसके हाथ मेरे शर्ट को।

अब हम एल आलीशान बंगले के शयनकक्ष में थे और वहाँ एक विशालाकार पलंग था। उसने मुझे वहाँ बैठने को कहा और चली गई। मुझे लगा शायद उसे लू जाना था।

दस मिनट बाद जब वो आई तो मैं हैरान था, उसने अर्ध-पारदर्शी अन्तःवस्त्र पहने थे जिसमें उसकी शेव की हुई चूत और प्यारे से स्तन साफ़ साफ़ दिख रहे थे, मैं तो पहले से ही अपने सारे कपड़े उतार कर कम्बल के अन्दर घुसा हुआ था। मेरे कपड़े ज़मीन पर देख कर वो हंसी और रोशनी कम करके वो मेरे पास आ कर बैठ गई।

अब तो मैं पागल हो चुका था इसलिए उस पर टूट पड़ा। मैं उसे एक कुत्ते की तरह चूसने चाटने लगा और वो मुझे बिल्ली की तरह नाखून मारने लगी। मैंने उसके होंटों पे अपने होंट ऐसे चिपका दिए जैसे फ़ैवीक्विक लगा हो। वो मुझे ले कर करवटें बदलती रही और र्मैं उसके पूरे शरीर का मानो नाप ले रहा था। थोड़ी देर में उसकी ब्रा और पैन्टी जमीन पर पड़े मेरे कपड़ों को चूम रही थी।

मेरे सामने थी एक उच्च वर्ग की तथाकथित आधुनिक महिला!
मैंने कम्बल को दूर फ़ेंका और उसे अपनी गोद में उठा कर खड़ा कर दिया।

मैं उसके नर्म नर्म स्तन दबाता रहा और वो मेरे बालों को खींचती रही। मैंने उसके सारे बदन पर अपने होंटों की निशानी लगा दी थी।

मेरा लण्ड आज पहली बार इतना उतावला था, शायद इसलिए कि अज उसे पहली बार एक आँटी मिलने वाली थी जो उससे कहीं ज्यादा अनुभवी थी। मेरा लौड़ा हाथ में ले कर वो बोली- थोड़ा छोटा है, पर प्यारा सा है, बहुत स्वादिष्ट लगता है!

मैंने उसकी बात काटी और बोला-अगर खाना चाहती हो तो चख कर देखो ना!

मेरा इतना बोलना ही था कि मेरा लण्ड उसके मुँह में था। मैं पागल हो रहा था और वो मुझे पागल कर रही थी। सुबह के पाँच बज रहे थे और मुझे लग रहा था कि यह सुबह कभी आए ही ना!

वो कभी मेरे लौड़े को चूसती तो कभी मेरे अण्डकोषों को! और अपनी उंगलियों से मेरे छोटे छोटे चूचुकों को मसल रही थी। मेरा पूरा बदन जल रहा था, मैंने उसे एक झटके में उठाया और पलंग पर लिटा दिया। अब मैं उसे चूमने लगा और उसकी प्यारी सी चूत तक पहुंच गया। मैं तो पागलों की तरह उसकी फ़ुद्दी चाटने और सहलाने लगा और वो मेरा मुँह उसमें घुसवाती रही।

काफ़ी देर ऐसा ही चलता रहा। फ़िर उसने मुझे कहा- हमें जल्दी करना पड़ेगा क्योंकि मुझे जाना भी है।
सुन कर मानो मेरे खड़े लण्ड पर चोट हो गई।
तब वो हंस के बोली- अरे मूर्ख! अभी भी मेरे पास एक घण्टा है, परेशान मत हो!

यह सुनते ही मैं उस पर कूद पड़ा क्योंकि मैं एक पल भी व्यर्थ गंवाना नहीं चाहता था। मैंने उसके दोनों पांव अपने कन्धे पर रखे और एक ही झटके में अपना छः इन्च ला लन्ड उसकी चूत में प्रविष्ट करा दिया। मुझे लगा वो चीखेगी, लेकिन वो तो सिर्फ़ यह बोली- बुरा नहीं है!

और मैं जोर जोर से उसे चोदने लगा, थोड़ी देर में मैं चरम सीमा पर पहुंचने लगा तो मैंने अपना लण्ड निकाल लिया और उसे कहा- मेरे ऊपर आ जाओ!

वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी सवारी करने लगी। दस मिनट में वो अपने चर्मोत्कर्ष पर थी और वो जंगली बिल्ली की तरह चीखी। मैं उसकी चीख सुनकर पागल हो गया और जोर जोर से धक्के मारने लगा। दो मिनट बाद मैं भी अपने को रोकने में असमर्थ पा रहा था तो मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत से निकाला और उसके मुंह के पास ले गया। उसने मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और पालतू कुतिया की तरह चाट चाट कर मेरा सारा वीर्य ऐसे गटक गई मानो कोई स्वास्थ्य पेय हो।

मैंने उसके गालों को चूम लिया और उसे अपने बगल में लिटा लिया। उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया, मेरे सिकुड़ चुके लण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगी।

थोड़ी देर में उसने मुझे कहा- मेरे ख्यल से अब हमें चलना चाहिए। यह कह कर वो बाथरूम में चली गई। मैंने भी उठ कर अपने कपड़े पहने और दरवज़े के पास उसका इन्तज़ार करने लगा।

वो एक आकर्षक शर्ट और जीन्स पहन कर बाहर आई और मुझसे कहा- चलो चलें! तुम्हें नींद भी आ रही होगी। चलो मैं तु्म्हें छोड़ आती हूँ।

बाहर आते हुए उसने मुझे 1000 रुपए के कुछ नोट देने चाहे लेकिन मैंने मना कर दिया उअर यह कह दिया कि मुझे आपका साथ अच्छा लगा! मैं वो नहीं हूँ जो आप सोच रही हैं!

यह सुन कर वो हंसने लगी और मेरी कमर पकड़ कर मुझे कार में बिठा कर बांद्रा तक छोड़ दिया, जाते जाते मुझे कहने लगी- मैं भी बांद्रा में रहती हूँ।

सुन कर मुझे झटका सा लगा और खुशी भी हुई। पर मुझे अचानक याद आया कि मैंने हिया का ना तो फ़ोन नम्बर लिय और ना ही कोई पता वगैरह। और अपने पर ही क्रोधित होने लगा।

घर जाकर अचानक मुझे लगा कि मेरी पैन्ट की जेब में कुछ है तो मैंने देखा कि उसमें 1000 के 5 नोट और हिया का कार्ड था।

मुझे नहीं पता कि कब उसने ये सब मेरी जेब में रखा! Indian Sex Stories

(Sex : Jeewan Ki Liye Labhdayak) Antarvasna stories

नमस्कार मित्रो,
सबसे पहले Antarvasna के सभी पाठकों का धन्यवाद जो सभी को मेरी कहानी पसंद आ रही है। मेरी अब तीन रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं :

पहला आनन्दमयी एहसास, सुहागरात और सपनों से हकीकत का सफर !

आप सभी के ढेरों मेल मिल रहे हैं, पढ़ कर और लिखने का मन करता है। नए पाठकों के लिए मेरा परिचय- मेरा नाम बाबा है और अभी मैं 27 साल का नौजवान हूँ। मैं जयपुर, राजस्थान का रहने वाला हूँ।

आज आप सभी के लिए सेक्स से होने वाले फायदे के बारे में अवगत करवा रहा हूँ और आप सभी पाठक अगर मुझसे सहमत हैं तो मुझे अपनी प्रतिक्रिया जरूर भेजें।

सेक्स क्या है? और कैसे होता है इसके बारे में सब के सब जानते हैं, आज छोटे बच्चों को भी इसका ज्ञान होने लगा है पर सेक्स करने से क्या फायदा हो सकता है इसका ज्ञान शायद ही हर किसी को होता है।

सेक्स के बारे में जानने की जिज्ञासा बहुत से लोगों में होती है पर हर कोई सेक्स के बारे में जान नहीं पाता। खासकर महिलाएँ, क्यूंकि वो जानने की इच्छुक तो रहती हैं पर समाज का डर और अपने परिवार की बदनामी का डर उन्हें ये सब जानने के लिए रोक देता है।

बेहतर सेक्स आत्मसम्मान से शुरू होता है और यह आत्मसम्मान को बढ़ाता भी है। जिनके अंदर आत्मसम्मान पहले से ही होता है उन्हें सेक्स के बाद अलग किस्म की खुशी महसूस होती है।

काफी लोग ऐसे हैं जो अच्छा महसूस करने के लिए सेक्स करते हैं। सेक्स शारीरिक और भावनात्माक लाभ भी देता है।

सेक्स करने से पहले खुद को भ्रमित ना करें। सेक्स न केवल आनन्ददायक हैं बल्कि रिश्तों को भी मज़बूत बनाने वाला होता है। सेक्स हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है क्यूंकि सेक्स एक तरह योगा है। अगर सेक्स को सही रूप से किया जाए तो आप शरीर निरोगी काया रहेगा। यही नहीं, सेक्स की गिनती सबसे उपयुक्त व्यायामों में भी की जाती है।

सेक्स अब एक ऐसा विषय हो गया है जिस पर लोग खुलकर बात करने लगे हैं। पहले लोग इस विषय पर बात करने से कतराते थे विशेष तौर पर महिलाएँ, लेकिन अब महिलाएँ भी इस विषय पर खुलकर बात करने लगी हैं।

सेक्स को लेकर अभी भी कई तरह की भ्रांतियाँ फैली हुई है लेकिन असल में सेक्स हर लिहाज से फायदेमंद ही साबित होता है। सेक्स के ऊपर कई तरह के शोध और अध्ययन हो चुके हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि सेक्स फायदेमंद होता है।

दोस्तो, सेक्स किस तरह से हमारे लिए फायदेमंद है यह जानना शायद आपके लिए आश्चर्य भरा हो सकता है।

क्यूंकि जो सेक्स को नहीं समझते कि यह सम्पूर्ण जीवन तथा सम्बन्धों की गुणवत्ता के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है उनके लिए सेक्स परेशानी और घृणा का विषय होता है।

इसलिए सेक्स करने से पहले खुद को सेक्स के लिए तैयार करे और कोशिश करे जानने की सेक्स करने से हमें क्या क्या फायदा हो सकता है पर एक जरूरी बात सेक्स को मजाक के रूप में ना लेकर रिश्तों को मजबूत और खुद के स्वास्थ्य को अच्छा बना सके इस तरह की सोच के साथ सेक्स करे। हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना पर !

सेक्स जैसे विषय में हर कोई अपने आप ही जुड़ जाता है और ज्यादातर लोग जताना भी नहीं चाहते हैं। सेक्स को लेकर कई गलतफहमियाँ भी मौजूद हैं। लेकिन असल में सेक्स हर लिहाज से फायदेमंद ही साबित होता है। सेक्स से हेल्थ पर काफी असर पड़ता है। देखते हैं कि सेक्स करने के फायदे क्या हैं !

  1. सेक्स- तनाव से मुक्त करवाता हैं या यूँ कहूँ तनाव से मुक्त होने की दवा है।

नियमित सेक्स करने से आपका शरीर तनावपूर्ण दशाओं का बेहतर सामना करने के लिए तैयार होता है। सेक्स रक्तचाप में मस्तिष्क और शरीर का तनाव घटाने में मदद करता है। और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ने नहीं देता।

तनाव का सामना करने के लिए सेक्स क्रिया का प्रवेश (योनि में लिंग का प्रवेश) होना ज़रूरी नहीं है। सेक्स के अलावा जैसे आलिंगन और अंतरंग गर्माहट के पल भी बहुत सहयोग देते हैं। सेक्स से आपको रोजमर्रा के जीवन में स्थितियों का बेहतर ढंग से सामना करने में मदद मिलती है।

24 महिलाओं और 22 पुरुषों पर की गई स्टडी में पाया गया कि जो लोग नियमित सेक्स करते रहे, तनाव के प्रति उनका रिस्पॉन्स बेहतर रहा।

  1. सेक्स– व्यायाम के रूप में सहयोग करता है या हूँ कहूँ एक तरह का योगा है।

सेक्स के दौरान आपके शरीर की सभी मांसपेशियाँ खिंचती और खुलती हैं। सेक्स से मोटापा घटाने में भी मदद मिलती है। सेक्स आपकी अतिरिक्त कैलोरी घटाने में मदद करता है और यह व्यायाम करने का सबसे आनन्ददायक तरीका है।

पूरी क्षमता से की गई एक बार सेक्स क्रिया से उतनी कैलोरी घट जाती है जितनी कैलोरी पन्द्रह मिनटों तक ट्रेड मिल पर ब्रिस्क वॉक करने पर खर्च होगी। आधे घंटे के सेक्स से 85 कैलरीज बर्न होती हैं। हालांकि 85 कैलरीज ज्यादा नजर नहीं आती हैं।

  1. सेक्स से रिश्तों की मजबूती का एहसास

प्यार करने वाले साथी की निकटता और चरमसुख की ओर बढने का आनन्द दोनों मिलकर प्यार के हॉर्मोन ‘ऑक्सीटोसिन’ का स्तर ब्ढ़ा देते हैं जिससे आपसी सम्बन्ध और रिश्ते मजबूत होते हैं।

सेक्स के सही तरीकों से आपके पार्टनर से आपके रिश्तों में मजबूती आती है, इस प्रकार से सेक्स के सही तरीकों से आप न सिर्फ अपने साथी के साथ अपने रिश्तों में मजबूती ला सकते हैं बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ भी रह सकते हैं।

कल्पनाशील बनिए ! शरारती बनिए ! कुछ नया करने की सोचिए ! देखिए आपकी जिंदगी किस तरह से उमंगों से भर जाती है और आपके साथी में आपके लिए कैसी दीवानगी और कैसा जुनून पैदा करती है और आपके रिश्तों में भी मजबूती प्रदान होगी। सेक्स उन्मुक्ति को बढ़ाता है और एक अलग ही आनन्द का अनुभव कराता है।

  1. सेक्स – दर्द निवारक के रूप में असरकारी

सेक्स एक योग है अगर सही रूप और सही तरीके से अगर सेक्स किया जाए तो यह एक दवा के रूप में भी असर करता है। सेक्स ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन का स्तर बढ़ाता है जिससे सिरदर्द, जोड़ों के दर्द और यहाँ तक कि मासिकधर्म पूर्व लक्षणों में भी राहत मिलती है।

सेक्स रक्त संचार को कन्ट्रोल करने में मदद करता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर ठीक करता है। सेक्स क्रिया के दौरान हृदय तेज गति से धड़कता है और ज्यादा मात्रा में रक्त को पम्प करता है जिससे रक्त संचार तेज होता है। सप्ताह में दो या तीन बार सेक्स करने से हार्टअटैक से पीड़ित होने का खतरा कम हो जाता है।

  1. सेक्स– शारीरक रूप से लाभदायक

अगर आप पारिवारिक समस्या या दफ्तर के तनाव से जूझ रहे हैं तो सेक्स दवा की तरह काम करता है। न केवल यह मूड ठीक करता है बल्कि आपके सही फैसले लेने की क्षमता भी बढ़ाता है।

सेक्स करने के ढ़ेरों फायदे हैं तो आगे से सेक्स को महज़ आनन्द देने वाली क्रिया ही ना समझें बल्कि यह सेहत से सीधे तौर पर जुड़ा मसला है अगर आप जिम जाने में आलस्य महसूस कर रहे हैं और आधे घंटे की ब्रिस्क वॉकिंग से भी बचना चाहते हैं तो सेक्स से बेहतर विकल्प कुछ भी नहीं है।

यौन संबंध बनाने की क्रिया से कमर की चर्बी घटती है। रिसर्च के मुताबिक अंतरंग क्षणों में बिताए आधे घंटे से 80 कैलोरी उर्जा का निकास होता है। एक नए रिसर्च के मुताबिक रोजाना सेक्स सेहत के लिए फायदेमंद है।

हर रोज सेक्स से न केवल नींद अच्छी आती है बल्कि यह तनाव घटाता है और कैलोरी या कहें मोटापा कम करने में मददगार है। रोजाना सेक्स महिलाओं और पुरूषों दोनों की त्वचा को तरोताजा रखने में मदद करता है, झुर्रियाँ कम बनती हैं। त्वचा को प्राकृतिक चमक इससे मिल सकती है।

  1. सेक्स – रोग दूर करने में लाभदायक

सेक्स एक तरफ जहाँ वैवाहिक संबंधों को दृढ़ता प्रदान करता है वहीं यह कई बीमारियों को कम करता है। इनमें संक्रमण से होने वाली बीमारियाँ शामिल हैं। निरंतर सेक्स से गठिया, सिर दर्द जैसे अनेको बीमारियों से राहत मिल सकती है।

सेक्स महिलाओं में कैंसर, सिस्टस जैसी बीमारियों के भी खतरे को भी कम करता है। सेक्स महिलाओं की पैल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाता है क्योंकि इससे पैल्विक मांसपेशियों का व्यायाम होता है, जिससे महिलाओं में असंयम का जोखिम कम हो जाता है।

खुशहाल सेक्सुल जीवन से तनाव कम होता है और व्यक्ति को खुश रखने में मदद करता है। सेक्स प्रक्रिया से रक्तचाप भी कम होता है, सेक्स से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और कई प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है। सेक्स हृदय को भी मजबूत बनाता है।

इससे दिल से जुड़ी बीमारियों की संभावना कम होती है। इसलिए एक सप्ताह में दो बार या दो से अधिक बार सेक्स करने से महिलाओं में घातक दिल के दौरे की संभावना कम हो जाती है।

  1. सेक्स – सुबह किया गया सेक्स अत्यंत लाभदायक

वैसे तो फिट रहने के लिए मॉर्निंग एक्सरसाइज़ के अलावा अगर आप मॉर्निंग सेक्स करें तो आप फिट और फाइन रहेंगे। मॉर्निंग में सेक्स आपको एक स्वस्थ हृदय देता है। वैसे मॉर्निंग सेक्स के और भी कई फायदे हैं, जो आपके स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रख सकता है। त्वचा को प्राकृतिक चमक इससे मिल सकती है।

माइग्रेन के दर्द से छुटकारा मिलता है। मॉर्निंग सेक्स शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है। जोड़ों का दर्द, खासकर आर्थ्राइटिस जैसी समस्या को कम कर सकता है।

सेक्स आपके शरीर से कुछ ऐसे हॉर्मोन्स रिलीज़ करता है, जो बालों को चमकदार और सिल्की बनाता है। सुबह उठने और खुद को एनर्जी से भरपूर रखने का सबसे बढ़िया तरीका यही हैं।

और अधिक जानकारी चाहिए सेक्स के विषय पर तो आप मुझसे मेल करके पूछ सकते हैं, आपको हर तरीके के सेक्स की जानकारी में जरूर उपलब्ध करवाऊँगा।

पर उन पाठकों को मेरी तरफ से एक छोटी सी प्रार्थना है कि कृपा करके मुझे फालतू की मेल ना करें जैसे कि ‘मेरा भी जुगाड़ करवा दो या किसी की दिलवा दो’ ये सब भेज कर आप मेरा समय ना बर्बाद करें, क्यूंकि अभी में भी अपने जीवन में अकेला ही सफर कर रहा हूँ।

हाँ, आपको कुछ भी Antarvasna जानना हो तो जरूर मुझसे सम्पर्क करें, आपको हर तरह की सम्पूर्ण जानकारी देने की जरुर कोशिश रहेगी। धन्यवाद।

Hindi Sex Stories

मैं जब हॉस्टल में आई तो मैंने देखा वहाँ पर रूम बड़े अच्छे और सभी सामान के साथ थे. एम ए की पढाई करने वालों के लिए सिंगल रूम था. रूम देख कर मैं बहुत खुश थी. हॉस्टल में आते ही जो अनुभव मुझे हुआ वो मैं आपको बताती हूँ।

शाम को हॉस्टल में सभी नए और पुराने स्टुडेंट डिनर के लिए मेस में जा रहे थे. रूम के बाहर ही मुझे तीन सिनियर लड़कियां टकरा गयी. उन्होंने मुझे देखा. मैंने उन्हें गुड इवेनिंग कहा. वो आगे निकल गयी, उनमे से एक मुड़कर वापस आयी और कहा – “क्या नाम है…”

“अंजू शर्मा ..”

“डिनर के बाद 10 बजे रूम नम्बर 20 में मिलो…”

“कोई काम है दीदी ..”

“नई आयी हो… सभी को तुम्हारा स्वागत करना है ..”

“जी…अच्छा…”

वो मेस में चली गयी. मुझे पसीना छूटने लग गया. मैं समझ गयी थी की अब मेरी रागिंग होगी .

मेस में मुझसे खाना भी ठीक से खाया नही गया .जैसे तैसे मैंने खाना पूरा किया और अपने रूम में आ गयी. घबराहट में मुझे कुछ सूझ नही रहा था कि मैं क्या करूं। समय देखा तो रात के 10 बजने वाले थे. मन मजबूत करके 10 बजे में उठी और रूम नम्बर 20 के आगे जाकर खड़ी हो गयी. मैं दरवाजा खटखटाने ही वाली थी की वो सीनियर लड़की मेस से आती हुयी दिखायी दी. आते ही बोली- “आ गई… कामिनी…”

“जी हाँ…” मैंने सर झुकाए कहा .

“मेरा नाम सोनाली है…पर तुम मुझे दीदी कहोगी “उसने दरवाजा खोलते हुए कहा -“आ जाओ अन्दर ..”

मैं उसके कमरे में आ गयी. उसने मुझे बैठने को कहा .

“पहली बात सुनो…जब कोई सीनियर तुम्हे नज़र आए तो तुम उसे विश करोगी…”वो मुझे नियम समझती रही. फिर बोली- “अच्छा अब तुम स्वागत के लिए तैयार हो ..”

मैं चुप ही रही…पर पसीना आने लग गया था ..

“घबराओ मत… सिर्फ़ स्वागत ही है…”

“…जी. ..”

“खड़े हो जाओ…और अपना सीना आगे को उभारो ”

मैंने अपना हाथ पीछे करके अपना सीना आगे उभार दिया ..

“शाबाश… अच्छे है… अब अपना टॉप उतार दो ..”

“नही दीदी…शर्म आती है…”

“वोही तो दूर करना है ”

“कोई देख लेगा…दीदी… और सीनियर भी तो आने वाली है…”

“अब उतारती हो या मैं उतारूं ”

मैंने अपना टॉप उतार दिया. उसने ब्रा भी उतारने को कहा. थोड़ा झिझकते हुए मैंने ब्रा भी उतार दी .

“यहाँ पास आओ ”

मैं दीदी के पास गयी. सोनाली ने खड़े हो कर पहले मुझे पास से देखा. फिर मेरे स्तनों पर हाथ लगाते हुए कहा -“सुंदर है…” फिर मेरी छातियों को सहलाना शुरू कर दिया. मुझे सिरहन होने लगी. उसने मेरी चुन्चियों को हौले से दबा कर घुमाया .. मेरी सिसकारी निकल गयी. वो जो कुछ कर रही थी…मुझे डर तो लग रहा था… पर उसकी हरकतों से मजा भी आ रहा था. फिर वो पीछे गयी और मेरे चूतड़ों को निहारा. अपने हाथों से उसे सहलाने लगी और दबा दिया.

“किस करना आता है…”

मैंने कहा- “जी हाँ ..आता है ”

“मेरे होंट पर किस करो ..”

मैंने धीरे से किस कर दिया. वो बोली – “किस ऐसे नही करते हैं ”. उसने मेरे नरम होंट अपने होंट से भींच कर चूसना चालू कर दिया .बोली- “ऐसे समझी… अब अपनी स्लैक्स उतारो ”

” दीदी ऐसे तो मैं नंगी हो जाऊँगी…”

“वो तो स्वागत में सबको नंगी होना पड़ता है ..”

मैंने अपनी स्लेक्स उतार दी और सीधी खड़ी हो गयी ..”

सोनाली ने पास आकर मेरा बदन सहलाया ..और मेरी चूत पर हाथ फेरना चालू कर दिया. बीच बीच में वो मेरे चुतड़ भी सहलाती और दबाती जा रही थी…

“दीदी अब कपड़े पहन लूँ…दूसरे सीनियर्स आ जायेंगे ..”

“वो देर से आयेंगे… अब तुम मेरे कपड़े उतारो ” सोनाली थोड़ा मुस्कराते हुए बोली .

मैंने उसका कुरता उतार दिया. उसने ब्रा नही पहनी थी. उसके बूब्स उछल कर बाहर आ गए .

“…हाँ अब मेरा पजामा भी उतार दो…और मुझे अपने जैसी नंगी कर दो .”

मैंने सोनाली को पूरी नंगी कर दिया .

“अब तो खुश हो न… अब तुम्हे शर्म तो नही आ रही है…”

मैंने सर झुका कर मुस्करा कर कहा- “नही दीदी… अब तो आप भी ..”

” अच्छा अब बताओ…इसे क्या कहते हैं…”

“स्तन या बोबे ..”

“देसी भाषा में बताओ ..”

“जी…चूचियां…”

“गुड…अब बताओ नीचे इसे क्या कहते हैं…”

“जी…चूत…” मैं शरमा कर बोली .

“वाह तुम तो सब जानती हो…आओ गले लग जाओ ..”

सोनाली ने मुझे गले लगा लिया… उसका हाथ मेरी चूतडों पर चला गया…और उन्हें मसलने लगा. अब मुझे लग रहा था कि रैगिंग तो बहाना था…वो मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी. सोनाली गरम होने लगी थी. उसने कहा-

“कामिनी…तुम भी ऐसे ही कुछ करो…”

मैंने उसके बूब्स सहलाने चालू कर दिए. उसके मुंह से सिस्कारियां निकलने लगी ..

“हाँ जोर से मसलो… चुचियों को खेंचो…”

मैं उसकी चुन्चियों को खीचने मसलने लगी. अचानक मैंने महसूस किया कि उसने एक उंगली मेरी चूत में घुसा दी है. मैं चिहुक उठी.

“हाय…दीदी… मैं मर गयी…”

“अच्छा लग रहा है ना…”

“हाँ दीदी…”

मैं भी उसकी चूत में अपनी उंगली और अन्दर घुमाने लगी…

“अब…बस…” कह कर सोनाली दूर हट गयी .”कपड़े पहन लो ..”

हम दोनों ने कपड़े पहन लिए… वो अलमारी में से मिठाई निकाल कर लाई… और मेरे मुंह में एक टुकडा डालते हुए कहा -“मुंह मीठा करो…तुम्हारा स्वागत पूरा हो गया… स्वागत से डर नही लगा ना…”

“नहीं दीदी…मुझे बहुत मजा आया…”

“धन्यवाद कामिनी… मजा मुझे भी आया .”

मैं अचानक सोनाली से लिपट गयी ..- “दीदी आज रात में तुम्हारे साथ रह जाऊँ ”

दीदी ने प्यार से मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा- “क्यों… क्या इरादा है…”

” दीदी अब मैं रात भर सो नहीं सकती… मुझे शांत कर दो. ..”

“तुम्हे जाने कौन देगा… मुझे भी तो पानी निकलना है…”

हम दोनों फिर से कपड़े उतार कर अब बिस्तर पर आ गये .

लेटे लेटे मैंने सोनाली से पूछा –“वो और सीनियर लड़कियां अभी आएँगी तो…”

“कोई नहीं आयेगा…”

“पर आप तो कह रही थी…कि सभी आएँगी ”

उसने मेरे मुंह पर उंगली रख दी.

“मैंने तुम्हे देखा था तो मुझे लगा था कि तुम्हें पटाया जा सकता है…इसलिए मैं वापिस आयी और तुम्हें बुलाया…उन लड़कियों को नहीं मालूम है .”

कहते हुए उसने अपनी नंगी जांघ मेरी कमर में डाल दी. और अपने होंट मेरे होटों पर रख दिए. धीरे से उसने मेरा एक बूब सहलाना चालू कर दिया। मैंने भी उत्तर में उसे अपने ऊपर खींच लिया. मेरी उत्तेजना बढ़ रही थी. उसके होंट मैंने अपने होटों में दबा लिए. वो मेरे ऊपर चढ़ कर मुझसे जोर से लिपट गयी. और मेरे होटों को चूसने लगी. मैं उसके स्तनों को दबाने, मसलने लगी. उसके मुंह से सिसकारी निकल पड़ी. हम दोनों मस्ती में डूब गए थे. उसने अब अपनी चूत मेरे चूत से मिला दी और लड़कों की तरह मेरी चूत पर अपनी चूत पटकने लगी .

“ हाय रे…कितना मज़ा आ रहा है ..” सोनाली सिसक के बोली .

“ हाँ दीदी बहुत मज़ा आ रहा है…मेरी चूत तो गीली हो गयी है ..” मैंने कहा

“मेरे चुतड पकड़ के दबा दे…हाय ..” अपनी चूत घिसती हुयी बोली. मैं उसकी गोलाईयां दोनों हाथो से दबाने लगी… उसका एक हाथ मेरी चूत पर पहुँच गया और सोनाली ने दो उंगलियाँ मेरी चूत में घुसा दी. मैं सिस्कारियां भरने लगी…

“दीदी और जोर से उंगली घुमाओ… ”हाय…मजा आ रहा है… दीदी लंड होता तो कितना मज़ा आता…”

“ हाँ… लंड तो लंड होता है… सुन मेरे पास है…तुझे उस से चोदुं ..”

मैं उस से लिपट गयी… “हाँ…हाँ सोनाली जल्दी से लाओ ..

सोनाली ने तकिये के नीचे से चुपचाप लंड निकाल लिया. मुझे पता ही नहीं चलने दिया कि उसके हाथ में लंड है ..

बोली – “अपनी टाँगे ऊपर कर लो… ”

“पहले लंड लाओ तो सही…”

“नहीं पहले टाँगे ऊपर उठा लो…मुझे तुम्हारी चूत देखनी है…”

मैंने अपनी दोनों टाँगे ऊपर कर ली. दीदी ने प्यार से चूत सहलाई और लंड को चूत पर रख दिया और धीरे से अन्दर घुसा दिया .

“हाय दीदी…ये क्या…लंड अन्दर कर दिया ..” मुझे मोटा लंड, अपनी चूत में घुसता महसूस हुआ. “दीदी अब देर नहीं करो… हाथ चलाओ… चोद दो दीदी ..”

सोनाली धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगी…

“हाय रे दीदी…मज़ा आ गया… लगा ..और लगा ..”

वो अपना हाथ तेजी से चलाने लगी. मैं भी आनंद के मारे इधर उधर लोटने लगी… करवटें बदलने लगी. पर सोनाली भी मेरी करवटों के साथ साथ कस कस के अन्दर बाहर लंड को चलने लगी. उसने चोदना चालू रखा. मैं जोश के मारे करवटें बदल कर उलटी हो गयी। पर सोनाली ने लंड नहीं निकलने दिया और अपने दूसरे हाथ का सहारा लेकर लंड को अन्दर बाहर करती रही. मैं आनंद के मारे घोडी बन गयी. अपने चूतडों को दीदी के सामने कर दिया. पर उसने लंड नहीं छोड़ा और हाथ चलता ही गया.

“हाय दीदी… मेरा निकाल जाएगा…अब लंड निकाल दो ..”

“झड़ने वाली है तो झड़ जा…अब निकल जाने दे…छोड़ दे अपना पानी…चल निकाल दे…”

“दीदी अभी तो इस से मुझे गांड भी चुदवानी है ना…फिर मज़ा नहीं आयेगा…”

“अच्छा तो ये ले…” उसने मेरी चूत से लंड निकाल दिया. और अब मेरी चूतडों की दोनों फाकें सहलाने लगी और उसे खींच कर फैला दी. मेरा गांड का छेद खुल गया. मेरी गांड के छेद में उसने थूक लगाया और फिर उस पर लंड रख दिया. सोनाली बोली – “अब चालू करें…”

“ हाँ दीदी… घुसा दो ..”

दीदी ने लंड को अन्दर ठेल दिया. फिर और अन्दर घुसाया. फिर हलके से बाहर निकाल कर अन्दर डाल दिया. मुझे मीठा मीठा सा मज़ा आने लगा। सोनाली की स्पीड बढती गयी. मुझे मज़ा आने लगा… उसी समय दीदी ने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी और अन्दर घुमाने लगी. चूत से पानी तो पहले ही निकल रहा था. अब दोनों तरफ़ से डबल मज़ा आने लगा. अब मेरे से सहन नहीं हो रहा था…

“दीदी क्या कर रही…आह्ह ह्ह्ह…मज़ा आ रहा आया है… दीदी… हाय रे… मुझे ये क्या हो रहा है…दीदी…मैं मर जाऊँगी…ऊओई एई…सी…सी… अरे…अरे…मैं गयी… निकला… निकला… दीदी…गयी मैं तो दीदी… हाय…हाय… ऊऊह ह्ह्छ…अआया आई ईई .”

कहते हुए मैं बिस्तर पर घोडी बनी हुयी एक तरफ़ लुढ़क गई. मैं हाँफ रही थी .

सोनाली कह रही थी – “कैसा लगा… मज़ा आया ना…”मैंने आँख बंद किए ही सर हाँ में हिलाया. फिर मैं उठी .

सोनाली ने कहा – “अब मेरी बारी है…हाथ चलते ही रहना मैं चाहे कितना ही करवटें बदलूं या उछल कूद मचाऊँ. लंड बाहर नहीं निकलना चाहिए…जैसे कि मैंने नहीं निकलने दिया था…ऐसे में पूरा मजा आता है .”

“दीदी तुम्हें तो बहुत अच्छा अनुभव हो गया है…इस लंड से चोदने का ..”

“अच्छा तो चालू हो जाओ…”

मैंने भी उसकी लंड से चुदाई चालू कर दी… वो भी तरह तरह से चुदवाती रही…फिर उसका भी पानी निकाल दिया. हम दोनों फिर दूर हो गयी और टांगे फैला कर नंगी ही लेट गयी. जाने कब धीरे से नींद ने आ घेरा और मैं गहरी नींद में सो गयी. सवेरे उठी तो देखा दीदी ने मुझे एक चादर ओढा दी थी. उसने मुझे मुस्करा कर देखा और झुक कर किस किया. और कहा – “कामिनी…थंक यू ..”

ये मेरा हॉस्टल का अनुभव है जो मैं आप तक पहुँचा रही हूँ. अपने कमेन्ट जरूर भेजे. Hindi Sex Stories

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆