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Massage Girl in Mamit: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Mamit who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Mamit that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Mamit massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Mamit who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Mamit massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Mamit massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Mamit who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Mamit employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Mamit helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Mamit

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Mamit at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi Sex Stories

हेल्लो दोस्तो ! फ़िर से आपका Hindi Sex Stories पुराना दोस्त अजय, हरयाणा से हाज़िर है आपके लिए एक सेक्स भरी कहानी लेकर !
कहानी शुरू करने से पहले आज मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं कि मुझे स्कूल टाईम से ही सेक्स का बड़ा शौक था इसीलिए मेरे दोस्त मुझे सेक्स-गुरु कहते थे। किसी को भी कोई परेशानी होती थी, किसी लड़की को लेकर, वो मेरे पास आता था और मैं उसकी समस्या हल कर देता था। एक तरह से कहो तो दोस्तों मैंने सेक्स में और प्यार में पी.ऐच.डी. की हुई है ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका मेरे पास हल नहीं।

चलो बहुत देर हुई आपको बोर करते हुए अब आते हैं आज की कहानी पे !

मेरी पिछली कहनी चूत का प्यासा के मुझे बहुत उत्तर मिले। बहुत सी लड़कियों और औरतों की मेल्स मिली मुझे बहुत ही अच्छा लगा।

यह कहानी है मेरे एक पड़ोस की लड़की की जो देखने में कयामत थी उसका नाम था पिंकी। और वो देखने में भी किसी फूल से कम नहीं थी वो। क्या कहूँ, बिल्कुल कैटरिना लगती थी। मैं जब भी उसे देखता मेरा लंड मेरी पैन्ट को फाड़ने लगता था, जिसको कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल होता था।
मैं हमेशा उसे चोदने की तरकीब सोचता और कई बार तो उसके बारे में सोच कर मुठी भी मारता। मैं हर किसी को समस्या का हल देता लेकिन मेरी हिम्मत ही न होती उससे बात करने की।

एक दिन मैं कुछ सामान लेने बाजार जा रहा था वो मुझे रास्ते में मिली और मुझे देख कर मुस्कुरा के निकल गई। उस दिन मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ। फ़िर एक दिन शाम के समय वो अपने घर के बाहर खड़ी थी और मैं जा रहा था तो उसने मुझे रोका और कहा- अजय ! क्या आपके पास ऍम.बी.ए. के नोट्स हैं?

यह सुन कर मैं हैरान था कि उसे कैसे मालूम कि मेरा नाम अजय है और उसे कैसे मालूम कि मैंने ऍम.बी.ए. किया है। फ़िर मैंने उसे नोट्स देने का वादा करके वहाँ से निकल गया। इसी तरह उसकी और मेरी दोस्ती आगे बढ़ी अब तो हम फ़ोन पे भी बात करने लगे। बस मैं तो मौके की तलाश में था कि कब मुझे उसकी चोदने को मिले।

एक दिन वो मेरे घर पे आई उस समय मैं घर पे अकेला था, घर पे कोई नहीं था, और मैं सुबह से ही बड़े ही रोमांटिक मूड में था। उसको देखते ही मेरे लंड ने फ़िर से सलामी दी और मैं मन ही मन बडा खुश हुआ। उसने मुझसे कुछ प्रोबलेम्स समझनी थी. उस दिन वो लॉन्ग स्कर्ट और शोर्ट टॉप पहने हुई थी। दोस्तों क्या कयामत लग रही थी वो। उसका फिगर एक दम परफेक्ट था 36-24-36 जिसे देख कर मैं पागल हो गया।

हम दोनों मेरे बेडरूम में गए और मैं उसके लिए कोल्ड ड्रिंक लाया। फ़िर हम प्रोब्लेम्स हल करने लगे। जब वो झुकती तो उसके बूब्स देख कर मेरा मन उसे चोदने को करता। थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत करके उसकी कमर पे हाथ रखा और मसलने लगा उसने कोई भी आपत्ति नहीं की। मेरी हिम्मत बढ़ गई। धीरे धीरे मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पे रखा और उन्हें दबाने लगा वो फ़िर भी चुप चाप बैठी रही। फ़िर मैंने धीरे से उसकी टी-शर्ट में हाथ डाला तो वो मेरी तरफ देखने लगी और बोली क्या कर रहे हो?

मैंने उसके दोनों होंठ जो गुलाब की पंखुड़ियों की तरह थे अपने होठों में दबा लिए और उसे किस करने लगा। वो भी थोड़ी देर बाद मेरा साथ देने लगी। यह देख कर मैंने उसके बूब्स जोर जोर से दबाने शुरू कर दिए। उसकी आँखों में मस्ती छाने लगी। उसने अपने दोनों हाथ मेरे बालो में डाल लिए और मुझे पागलो की तरह किस करने लगी।

मैंने उसक टी-शर्ट उतार दी उसने काले रंग की ब्रा डाली हुई थी और उसके बूब्स उसमें से बाहर झांक रहे थे। मैंने उसके दोनों कबूतरों को ब्रा की कैद से आजाद करवाया और उन्हें अपने हाथो से दबाने लगा।फ़िर मैंने उसका एक बूब अपने मुँह में लिया और उसे बच्चों की तरह चूसने लगा।

वो ऊऊऊउ… आआआअ… आ आआ आअह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह की तरह सेक्सी आवाजें निकालने लगी। उसका हाथ मेरे लंड पे चला गया और उसने अन्दर हाथ डाल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसके साथ खेलने लगी। फ़िर मैंने उसकी स्कर्ट भी उतार दी। उसने क्रीम रंग की पैंटी डाली हुई थी। मैंने जैसे ही उसकी पैंटी उतारी उसकी चूत देख कर मैं अपने होश गंवा बैठा। ऐसी चूत मैंने अपनी पूरी लाइफ में नहीं देखी थी।

उसके होठों से भी नाजुक और गुलाबी गुलाबी उसकी चूत जिस पे एक भी बाल नहीं था। मैंने उसकी चूत को जैसे ही छुआ, वो चिहुक पड़ी। मैंने उसकी चूत को अपने होठों की कैद में ले लिया वो पागलों की तरह अपने हाथों से अपने बूब्स दबाने लगी और ऊ ऊऊऊऊ आ आआ आआ ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्छ सेक्सी आवाजे निकलने लगी।

मैंने फ़िर उसे अपना लौड़ा मुँह में लेने को कहा। उसने पहले तो मना किया फ़िर मेरे जोर देने पे उसने मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और फ़िर खूब चूसा जैसे एक छोटा बच्चा लोली-पॉप को चूसता है। थोड़ी देर में मैं जब आने वाला था तो मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुँह में दे दिया और वो भी बड़े प्यार से पी गई।

उसके बाद मैंने उसकी टांगें फ़ैलाई और उसकी चूत पे अपना लंड रखकर एक धक्का दिया और वो पागलो की तरह चिल्लाने लगी। उसकी चूत कुँवारी थी। मैंने देखा तो उसकी चूत में से खून निकल रहा था। वो रोने लगी और मुझे कहा कि बाहर निकाल लो। पर मैं उसके होठों को चूसने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा थोडी देर में जब वो शांत हुई तो मैंने एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो जोर से चिल्लाई जैसे पता नहीं क्या हो गया हो।

मैंने उसके होंठ अपने मुँह में ले लिए। उसकी आँखों से आंसू निकल आए। थोडी देर बाद वो सामान्य हुई तो मैं अपना लण्ड अन्दर बाहर करने लगा और वो भी पूरा सहयोग देने लगी और पूरा कमरा ह्ह्ह्हो क्क्क क्छ्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह ऊऊउ आआआअ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह की सेक्सी आवाजों से गूंजने लगा। 10-15 मिनट बाद वो झड़ गई थोडी देर में मैं भी झड़ गया। फ़िर हम दोनों ने उस दिन 3-4 बार सेक्स किया और वो बहुत ही खुश नज़र आ रही थी…और वो घर चली गई…

कुछ दिन बाद उसने मुझे अपने घर बुलाया और उस दिन उसके साथ उसकी एक फ्रेंड भी थी और वो भी बहुत सेक्सी थी। दोनों के साथ सेक्स की कहानी मैं बताऊंगा आपको अगली कहानी में जल्दी ही !

अब आपसे इजाजत चाहूँगा आपका प्यारा अजय और उसका लण्ड।
प्यासी चूत ! मुझे मेल्स भेजना मत भूलना…
म्मूऊआआह Hindi Sex Stories

हैलो ! Sex Stories

मैं हूँ सुशीत। पिछले दो साल Sex Stories से मैं अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। इन दो सालों में मैंने यह महसूस किया है कि यहां अधिकतर, या शायद सभी, कहानियाँ झूठी हैं। फ़िर भी मुझे अन्तर्वासना बहुत पसन्द है क्योंकि यहाँ से आपको आपकी अपनी भाषा में बेहतरीन कामुक कथाएँ मिल जाती हैं।

मैंने सोचा कि अगर अपनी कल्पना से ही कहानी लिखनी है तो क्यों न सच बोल कर ही क्यों न लिखा जाए, इससे पाठकों के साथ धोखा भी नहीं होगा। इसलिए मैं आपको पहले ही बता दूँ कि यह कहानी कपोल-कल्पित है और सिर्फ़ अन्तर्वासना के पाठकों के मनोरंजन के लिए लिखी गई है।

तो प्रस्तुत है मेरी काल्पनिक कथा :

सोनू को कोलेज़ में आए अभी एक हफ़्ता भी नहीं हुआ था कि पूरे कोलेज़ के लड़कों में उसके बड़े बड़े, तने हुए गोल गोल स्तन और मोटे मोटे नितम्बों के चर्चे होने लगे थे।

सोनू ने अभी अभी कैथल के इन्ज़िनियरिन्ग कोलेज़ में आई टी ब्रांच में प्रवेश लिया था। सोनू कोहर वैसे हाँसी से थी पर ए.आई.ई.ई.ई. के कारण उसे यही कोलेज़ मिला था जो कि उसके शहर से काफ़ी दूर है। इसी कारण उसे होस्टल में रहना था।

सोनू अपने माँ-बाप की इकलौती बेटी है और अपने पापा की बहुत लाड़ली है। उसका व्यव्हार बिल्कुल बच्चों जैसा था। उसे सेक्स के बारे में कोई ज्ञान नहीं था। पर ऐसा भी नहीं था कि वो इससे बिल्कुल अनभिज्ञ थी। बस उसे सही जानकारी नहीं मिल पाई थी।

सोनू पहले दिन कक्षा में आई तो सबकी नज़र उसके गोल-गोल स्तनों पर पड़ी। पूरी कक्षा में उसके जैसे तने हुए और सुडौल वक्ष शायद किसी लड़की के नहीं थे।

उसे तंग ब्रा पहनने की आदत थी जिस कारण उसके वक्ष का ऊपरी हिस्सा फ़ूला हुआ रहता था। शायद यह कसी हुई ब्रा ही उसके वक्ष की सुडौलता का राज़ थी। उसका कद होगा कोई ५’ ४” और फ़ीगर होगी ३५-२८-३६, कन्धे तक लम्बे बाल। उसके नयन-नक्श तो साधारण थे, नाक लम्बी थी। जब वो चलती थी तो उसके स्तन उसकी चाल के साथ ही चाल मिला कर उछलते थे।

कोलेज़ में आते ही उसकी सबसे पहली सहेली अभी उसकी होस्टल की रूम-मेट काजल ढींगरा, जो कि दिल्ली से थी और कुछ खास सुन्दर नहीं थी। सोनू के सामने तो वो बदसूरत ही लगती थी।

हालांकि उसके स्तन भी काफ़ी बड़े और तने हुए थे और काजल सोनू से ज्यादा पतली कमर वाली थी, पर सोनू के गोरे रंग और गदराए बदन के सामने काजल की ओर किसी का ध्यान ही नहीं जाता था।

कोलेज़ का हर लड़का सोनू को देखते ही उसके नंगे बदन की कल्पना करने लगता था। जाने कितने लरके उसके बारे में सोच सोच कर मुठ मारते थे।

रितु दिल्ली से होने के कारण सेक्स के ममले में सोनू से कहीं ज्यादा जानती थी। जहाँ एक तरफ़ सोनू ने अपनी चूत में कभी उँगली तक नहीं घुसाई थी तो वहीं दूसरी तरफ़ काजल कई बार सेक्स कर चुकी थी बल्कि केला, बैंगन जैसी चीज़ों का इस्तेमाल भी बखूबी जानती और करती थी।

बस अब क्या होना था, सोनू को एकदम सही लड़की मिल गई थी। धीरे धीरे दोनों काफ़ी अच्छी दोस्त बन गई। अब तो अपने पसन्दीदा लड़कों की बातें करने में भी दोनों को बिल्कुल शरम नहीं आती थी।

फ़िर धीरे धीरे अपनी ड्रेस से लेकर अधोवस्त्रों तक की बातें खुलकर होने लगी। कई बार तो रितु सोनू के सामने नंगी भी हो जाती थी। शुरू में तो सोनू थोड़ी शरमा जाती थी पर फ़िर काजल के बार बार उकसाने पर वो भी कभी कभी काजल के सामने नंगी हो जाया करती थी।

शुरुआत का शरमीलापन आखिरकार खत्म होता गया और दोनों एकदम खुल गई। फ़िर तो दोनों अपनी झाँटे भी एक दूसरे से ही शेव करवाने लगी। इस से एक तो शेव अच्छी तरह हो जाती थी, दूसरा कट लगने का डर कम हो जाता था।

पहली बार तो सोनू काजल से शेव करवाने में शरमा रही थी पर जब काजल ने कई बार उस से अपनी झांटें शेव करवा ली तो सोनू भी काजल से ही अपनी झांटें शेव करवाने के लिए तैयार हो गई।

“वाह यार ! बड़ी नर्म -नर्म और सुलझी हुई झांटें हैं तेरी तो … एक दम इंग्लिश हिरोइनों की तरह … रंग भी ब्राऊन है !” जब पहली बार काजल ने सोनू की झांटें देखी तो उसके मुंह से ये निकला।

सोनू थोड़ा शरमाई पर मन ही मन अपनी झांटों की तारीफ़ सुनकर खुश भी हुई। काजल कई बार सोनू की चूत का मुआयना करने के चक्कर में भी रहती थी पर सोनू की शर्म इतनी भी नहीं खुली थी। इसलिए वो काजल को अपनी झांटों से नीचे नहीं पहुँचने देती थी।

काजल को तो शुरू से ही नंगी होकर सोने की आदत थी, पर अब उसने सोनू को भी यह आदत डालने की कोशिश में लग गई थी।

काजल ने उसे नंगी सोने के ऊपर बहुत बार लंबे -चौड़े भाषण दिए, तब कहीं जाकर सोनू को नंगी होकर सोने के लिए तैयार कर पायी। तो अंततः दोनों हॉस्टल के कमरे में एकदम नंगी होकर सोने लगी थी।

एक रात सोनू की नींद खुली तो उसने महसूस किया कि उसकी टांगों के बीच में हल्की -हल्की गुदगुदी हो रही थी जैसे कि कोई चींटी उसकी टांगों के बीच से चूत की तरफ़ बढ़ रही हो।

पहले तो सोनू ने सोचा कि इस गुदगुदी को जारी रहने दूँ क्यूंकि उसे मज़ा सा आ रहा था पर फ़िर उसने सोचा कहीं कोई और कीड़ा -मकोड़ा न हो इसलिए उसने झट से अपना हाथ गुदगुदी वाली जगह पर लगाया तो पाया कि वो कोई चींटी नहीं बल्कि काजल की ऊँगली थी।

सोनू ने काजल कि तरफ़ देखा तो पाया कि वो उसकी और देखकर मुस्कुरा रही थी।

सोनू भी पहले ज़रा मुस्कुरायी फ़िर बोली -“क्या है यार ? नींद नहीं आ रही क्या ? कम से कम मुझे तो सोने दे ! ”

काजल – मैं क्या कह रही हूँ तुझे? तू सो आराम से। लोग पहले तो कपड़े उतारकर सो जाते हैं फ़िर सोचते हैं कि किसी का हाथ तक न छू जाए।

सोनू- रहने दे, तूने ही आदत डाली है मुझे। नहीं तो मैं तो अच्छी-भली …

काजल – हाँ हाँ, बड़ी आई अच्छी-भली उन कसे तंग कपडों में अपने मोटे -मोटे स्तनों को जकड़कर सोने वाली। अरे भगवान ने ये कोमल सा बदन इसलिए दिया है क्या कि तू इसे उन तंग कपडों में बांधकर इसपर अत्याचार करे?

यह बात कहते हुए काजल ने अपनी ऊँगली सोनू के स्तनों से लेकर नीचे उसकी चूत तक हलके से फिर दी। सोनू भी एक बार तो सिहर सी गई।

फ़िर थोड़ा संभलकर बोली -“वो तो ठीक है यार, अब फ़िर से शुरू मत हो। मैंने कब कहा कि तू ग़लत कहती है ! तेरा बस चले तो तू तो दिन भर कॉलेज में भी नंगी ही घूम आए !”

काजल – “हाय … तूने तो मेरे मुंह की बात छीन ली मेरी जान। ला वापिस दे दे …” इतना कहकर काजल ने अचानक सोनू के होठों पर एक हल्की सी पर ज़रा लम्बी चुम्मी कर दी।

सोनू थोड़ा शरमाकर बोली – “हट पागल, ये क्या कर रही है तू?”

काजल – “शायद इसे किस कहते हैं। तू क्या कहती है वैसे ?” काजल अब सोनू के ज़रा करीब खिसक आई थी और उसने ये बात थोड़े नशीले अंदाज़ में कही।

सोनू ज़रा पीछे मुंह खींचते हुए बोली – “मुझे भी पता है इसे किस कहते हैं। पर तू मुझे क्या सोचकर किस कर रही है ? मुझे अपना बॉय फ्रेंड समझा है क्या?

काजल – जो चाहे समझ ले यार, चाहे तो रात को मेरा बॉय फ्रेंड ही बन जाया कर।

सोनू – ऐसा क्या मिलेगा तुझे मुझे बॉय फ्रेंड समझ कर?

काजल – एक लड़की रात को बिस्तर पर अपने बॉय फ्रेंड से क्या चाहती है?

सोनू थोड़ा सोचकर बोली – तेरा मतलब सेक्स …

काजल – वाह मेरी जान ! सामान्य ज्ञान अच्छा है तेरा।

सोनू – क्या ख़ाक सामान्य ज्ञान है? मुझे तो ये तक नहीं पता कि सेक्स में सही-सही होता क्या है ?” सोनू की भी नींद उड़ चुकी थी।

काजल – वो तो मुझे पता है की तू इस मामले में अभी ज़रा कच्ची है।

सोनू – ह्म्म्म … पर यार मैं १८ साल की हो गई हूँ। तुझे नहीं लगता की मुझे सबकुछ पता होना चाहिए?

काजल – हाँ -हाँ, क्यूँ नहीं पता होना चाहिए? अब तक तो तेरे प्रैक्टिकल भी हो जाने चाहिए थे।

सोनू थोड़ा हिचकिचाई फ़िर बोली – शायद तू सही कह रही है। अच्छा तो बता न, क्या होता है सेक्स में?

काजल – ज़ल्दबाजी नहीं माय डीयर, पहले तू बता कि तुझे कितना पता है?

सोनू – वो … बस पहले तो लड़का -लड़की कपड़े उतार लेते हैं, फ़िर एक -दूसरे को किस करते हैं और फ़िर बिल्कुल चिपक कर सो जाते हैं। इतना ही …” सोनू कुछ सोचते हुए बोली।

काजल सोनू के एक स्तन को हाथ से भींचते हुए बोली – “ये जो किस और चिपक के सोने के बीच में जो होता है न, दरअसल वो सेक्स है।”

सोनू एकदम से उसका हाथ पकड़ते हुए बोली – “क्या मतलब ? चिपक कर सोने से सेक्स नहीं होता?” पर सोनू ने उसका हाथ अपने स्तनों पर से हटाया नहीं।

काजल हँसते हुए बोली – “अरे नहीं। सेक्स में तो बहुत -कुछ होता है और चिपक कर सोने से कहीं ज़्यादा मज़ा भी आता है।”

सोनू – “अच्छा ? बता न फ़िर क्या होता है?”

“बताना क्या है ! मैं तुझे करके दिखाती हूँ .” काजल ने सोनू के दोनों स्तनों पर एक -एक किस करते हुए कहा।

सोनू – “तो क्या लड़के के बिना ही …”

काजल – “यार सिर्फ़ सिखा रही हूँ। इस सबसे तुझे थोड़ा आईडिया हो जाएगा न ! फ़िर जब तेरा बॉय फ्रेंड हो तो उसके साथ असली वाला सेक्स कर लेना !”

सोनू – “हाँ। ये सही रहेगा। चल फ़िर हो जा शुरू .” सोनू के लिए इंतजार करना मुश्किल हो रहा था। वो ज़रा नर्वस भी थी पर सेक्स के बारे में जानने की इच्छा उसपर हावी हो रही थी।

सोनू का इतना कहना था कि एकदम से काजल ने उसे अपनी तरफ़ खींच लिया और ख़ुद से कसकर चिपका लिया। फ़िर वो सोनू के होंठों पर अपने होंठ रखकर उसे किस करने लगी। सोनू के मुंह से एक बार सिसकी निकली और फ़िर सिर्फ़ “म्मम्मम्म … म्मम्मम …” की आवाजें आने लगी।

कोई अनजान भी ये बता सकता था कि यह आवाजें पूरी तरह वासना से भरी हुई थी। काजल और सोनू दोनों कि आँखें बंद थी और सोनू को ऐसा आभास हो रहा था जैसे कि वो कोई सपना देख रही हो। अपने होंठों को सोनू के होंठों से चिपकाए हुए ही काजल अपना हाथ धीरे -धीरे सोनू की चूत की तरफ़ बढ़ाने लगी। सोनू को लगा कि आज तो वो उसकी चूत को अच्छे से स्कैन करके ही रहेगी।

पर फिलहाल काजल का ऐसा कोई इरादा नहीं था। काजल अपना हाथ नीचे ले जाकर सोनू की टांगें खोलने की कोशिश करने लगी।

सोनू ने भी समय की नजाकत को समझते हुए टाँगे ज़रा ढीली छोड़ दी। काजल तुंरत सोनू की दोनों टांगों को खोलकर उनके बीच में आ गई। अब काजल ने दोनों हाथों को सोनू की कमर पर ले जाकर उसे पूरी ताकत से भींच लिया और फ़िर धीरे -धीरे कमर पर हाथ फिरने लगी।

सोनू को काफ़ी मज़ा आने लगा। दोनों के चूचुक आपस में टकरा रहे थे और न सिर्फ़ टकरा रहे थे बल्कि पूरी ताकत के साथ एक-दूसरे को दबा रहे थे। आखिरकार काजल ने सोनू के होंठों को छोड़ा और सोनू को साँस लेने के लिए कुछ सेकंड का वक्त दिया। और फ़िर ये कहकर कि “थोड़ा तू भी साथ दे न यार …” फ़िर से उसके होंठों को चूसने लगी।

इस बार सोनू भी काजल के होंठों को चूस रही थी। सोनू को महसूस हो रहा था कि उसकी चूत की अंदरूनी दीवारें धीरे -धीरे नम हो रही थी और फ़िर पूरी तरह गीली हो गई थी।

सोनू को तो ये भी शक था कि कहीं पानी की कुछ बूँदें बेड की चादर पर न टपक गई हों। पर इस सबकी चिंता करने का उसके पास वक्त नहीं था, वो तो जैसे स्वर्ग में तैर रही थी।

अब सोनू को एहसास हो रहा था कि वाकई सेक्स में चिपक कर सोने से कहीं ज़्यादा मज़ा है। हलाँकि उसे अंदाजा नहीं था कि काजल अभी उसके साथ और क्या -क्या करने वाली थी।

दूसरी तरफ़ काजल की भी चूत पूरी तरह से पानी में तर थी। अचानक काजल की चूत से निकली पानी की एक बूँद सोनू की टांग पर गिरी तो सोनू को विश्वास हो गया कि काजल का भी वही हाल हो रहा था जो कि उसका, बस सोनू का ये पहला एहसास था और काजल तो गिनती करना छोड़ चुकी थी।

किस करते करते काजल अपनी जीभ से सोनू के होंठों को खोलने के लिए ज़ोर लगाने लगी तो सोनू ने उसकी इस हरकत पर कुछ कहने के लिए अपने होंठ खोले ही थे कि काजल ने अपनी जीभ सोनू के मुंह में घुसा दी।

अब काजल सोनू के पूरे मुंह का जायजा ले रही थी। सोनू का आनंद अपने चरम पर पहुँचने लगा। इसका असर सीधा उसकी चूत पर पड़ा और उसकी चूत और ज़्यादा गीली होकर ज़ोर ज़ोर से फड़कने लगी।

थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा। फ़िर एकाएक काजल की जीभ सोनू की जीभ से टकराई और उस से खेलने लगी। सोनू पहले तो ज़रा हैरान हुई पर फ़िर वो भी उत्सुकता से अपनी जीभ को काजल की जीभ से रगड़ने लगी।

अब तो दोनों के मुंह से “म्मम्मम … म्मम्मम … म्मम्मम …” की आवाजें आने लगी। ये आवाजें धीरे -धीरे और तेज़ होने लगी।

थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा, फ़िर अचानक सोनू के शरीर में एक सरसर्राहट सी दौड़ गई और उसका अंग -अंग अकड़ने लगा। काजल उसका ये हाल देखकर समझ गई कि सोनू अब झड़ने वाली है। उसका अंदाजा सही था।

सोनू के मुंह से एक लम्बी सी “आः ” निकली और उसकी चूत से एकदम से काफ़ी ज्यादा पानी की फुहार निकली। उसके बाद तो एक के बाद एक कई फुहारें निकलती चली गई। सोनू की चूत से निकला ज्यादातर पानी काजल की चूत से टकराकर नीचे बहने लगा। काजल की चूत और जांघें सोनू की चूत से निकले जूस से नहा गई थी।

इस जूस की गर्माहट काजल भी ज्यादा देर तक सहन नहीं कर पायी और “आआह्ह्ह्ह्छ …. सोनू …. मैं भी बस्स ….. आआह्ह्छ …” कहते हुए वो भी झड़ गई। इस तरह सोनू की चूत से निकले पानी में नहाई हुई काजल की चूत एक बार फिरसे उसके ख़ुद के पानी से नहा गई।

हलाँकि काजल की चूत से निकला पानी सोनू की चूत से निकले पानी से काफी कम था।

आखिरकार दोनों निढाल होकर गिर गई। थोड़ी देर तक वो दोनों एक -दूसरे से चिपक कर लम्बी -लम्बी साँसे लेती रही।

कुछ देर के बाद दोनों सामान्य हुई तो काजल ने कहा – “तो कैसा रहा मैडम ?”

“कमीनी, इतने दिन से तेरे साथ नंगी सो रही हूँ और तू मुझे ये सब आज सिखा रही है?” सोनू की आंखों में वासना साफ़ दिखाई दे रही थी और उसकी आवाज़ भी कामुक लग रही थी।

काजल ने सोनू की चूत पर ऊँगली फिराई और सोनू ने उसे बिल्कुल नहीं रोका। फ़िर वो उसी ऊँगली को चूसते हुए बोली – “हर काम सही समय पर करने में ही मज़ा आता है। अगर मैंने पहले ही दिन तेरे साथ कोई ऐसी वैसी हरकत की होती तो तू दोबारा कभी नंगी सोती क्या?”

पर सोनू का ध्यान काजल की बात पर नहीं था, वो तो उसकी ऊँगली की और ही देखे जा रही थी। आखिरकार जब उस से नहीं रहा गया तो वो बोल उठी – “ये तू मेरी उस में से निकला हुआ पानी क्यूँ चाट रही है ? तुझे घिन्न नहीं आती क्या ?”

“तेरी किस में से?” काजल जानबूझकर अनजान बनते हुए बोली।

सोनू – “मेरी उस में से यार !” सोनू अपनी चूत की और इशारा करते हुए बोली।

“पहले तो मैं तुझे ये बता दूँ की इसे ‘चूत ’ कहते हैं, क्या कहते हैं ?” काजल ‘चूत ’ शब्द पर ज़ोर देते हुए बोली।

सोनू – “चूत। पर तुझे कैसे पता?”

काजल – “मेरा एक बॉय फ्रेंड था १२वीं में, कुशल। उसने बताया था कि सब लड़के इसे चूत ही कहते हैं .”

सोनू – “क्या ? १२वीं में तेरा बॉय फ्रेंड था?”

काजल – “इस में क्या बड़ी बात है ? मैंने तो १२वीं में ही अपनी सील भी तुड़वा ली थी।”

सोनू – “क्या तुड़वा ली थी?”

काजल – “सील। तुझे सील नहीं पता? कभी अपनी चूत में ऊँगली डालने की कोशिश की है?”

सोनू – “हाँ एक बार नहाते हुए … पर ज़्यादा अन्दर नहीं गई।”

काजल – “वो सील की वजह से अन्दर नहीं गई। जब लड़की पहली बार सेक्स करती है तब वो सील टूट जाती है।”

“पर मुझे नहीं लगता कि मेरी सील टूट गई है।” सोनू अपनी चूत में ऊँगली घुसाने की कोशिश करते हुए बोली।

काजल – “अरे मेरी जान, अभी कहाँ सेक्स हुआ है?”

सोनू – “तो वो सब??”

काजल – “वो तो बस मैं तुझे और खुद को गरम कर रही थी, मतलब सेक्स के लिए तैयार कर रही थी।”

सोनू – “ओह्ह … और ये तू मेरी चूत का पानी क्यूँ चाट रही थी?”

काजल – “क्यूंकि मुझे अच्छा लगता है। ये सब सेक्स का ही हिस्सा है। तू भी सीख जायेगी धीरे धीरे। चल अब टाइम ख़राब मत कर। अभी बहुत कुछ बाकी है। कल रविवार है इसलिए हम लेट भी उठ सकते हैं। फ़िर कभी इतना टाइम नहीं मिलेगा। दिखा ज़रा …” कहकर काजल ने सोनू के दोनों स्तन अपने हाथों में जकड़ लिए और उन्हें दबाने लगी।

सोनू को पहले तो थोड़ा दर्द हुआ पर साथ ही साथ अच्छा भी लगा इसलिए उसने काजल को रोका नहीं। सोनू के स्तनों को दबाते -दबाते उसने एक बार सोनू के चुचूक को अपनी उँगलियों के बीच में पकड़ा और ज़ोर से मसल दिया।

सोनू लगभग चीख उठी थी, पर तभी काजल ने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगी। पर उसने सोनू के चुचूक को मसलना और उसके स्तनों को दबाना जारी रखा।

थोड़ी देर बाद सोनू को आदत सी पड़ गई और उसे अब सिर्फ़ मज़ा आ रहा था। सोनू के मुंह से कामुक सिस्कारियां निकलने लगी थी और उसकी चूत अन्दर से गीली होने लगी थी पर अबकी बार सोनू इस एहसास को अच्छे से समझती थी।

थोड़ी देर सोनू के स्तन दबाने के बाद काजल ने उसका एक चुचूक अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी, पर उसने दूसरे चुचूक को मसलना जारी रखा। सोनू की चूत अब और ज्यादा गीली होने लगी थी।

चूत तो काजल की भी सूखी नहीं थी, उसकी चूत भी भीगकर गरम हो गई थी। उसने और ज्यादा तेज़ी से सोनू के चुचूकों को बारी बारी से चूसना शुरू कर दिया। अब तो वो कभी कभी सोनू के चुचूक के आसपास का भूरा हिस्सा भी पूरा मुंह में भर लेती थी और कई बार तो इस से भी ज्यादा।

सोनू तेज़ी से कामुक सिस्कारियां ले रही थी और उसकी चूत से गरम -गरम पानी की बूँदें तापकने लगी थी।

अचानक काजल ने सोनू को पीठ के बल सीधा किया और ख़ुद उसके ऊपर आ गई। अब उसने सोनू के स्तनों को चूसना बंद कर दिया और उनपर हलके हलके किस करने लगी। पर इस से सोनू की साँसे और भी तेज़ होने लगी और उसकी चूत गरम होकर तेज़ी से फड़कने लगी थी।

अब काजल जरा ऊपर की ओर गई और सोनू के होंठों पर हल्के से किस किया। फ़िर वो ऐसे ही किस पे किस करते हुए धीरे धीरे नीचे की ओर आने लगी। पहले गर्दन पर, फ़िर दोनों चुचूकों पर, फ़िर दोनों स्तनों के बीच में, फ़िर नाभि में और फ़िर सोनू की चूत से जरा ऊपर काजल ने हल्की हल्की किस की। फ़िर काजल ने सोनू की चूत को ध्यान से देखा। एकदम सफ़ाचट गुलाबी गुलाबी चूत देख कर एक बार तो काजल को सोनू से ईर्ष्या होने लगी क्योंकि खुद उसकी चूत का रंग काला पड़ चुका था। सोनू की चूत से निकले पानी से भीगे होने के कारण उसकी चूत चमक रही थी।

फ़िर उसने सोनू की शिश्निका को देखा जो कि हल्के हल्के से फ़ड़फ़ड़ाने लगी थी। काजल ने सोनू की तांगों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर खोला और धीरे से उस पर झुकी तो उसकी गरम सांसें सोनू की शिश्निका से जा टकराई। इस से सोनू की चूत से पानी की २-४ बूंदें टपक गई और उसकी क्लिट और तेज़ी से फ़ड़कने लगी।

काजल ने अपनी जीभ के ऊपरी हिस्से को हल्के से सोनू की क्लिट पर छुआ दिया तो उसे भी पता लग गया कि उसकी क्लिट काफ़ी गर्म थी। काजल कि इस अचनक हरकत से सोनू एक बार तो उछल पड़ी और उसके गले से एक ज़ोर की सिसकी निकली। फ़िर काजल ने धीरे धीरे अपनी जीभ को सोनू कि क्लिट पर फ़िराना चालू किया तो सोनू ने भी अपने नितम्ब ऊपर उठा लिए।

उसका मन कर रहा था कि अपनी चूत को काजल के मुँह में घुसेड़ दे जिस से उसे कुछ राहत मिल सके। काजल भी सोनू की हालत को समझ गई और उसने सोनू की टांगों को थोड़ा और चौड़ा किया और उसकी क्लिट को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगी।

सोनू तो जैसे आनन्द के महासागर में गोते लगा रही थी। उसके मुँह से “आह ह आऽऽह उह म्म्म आह्म्म…” की आवाज़ें आनी बंद ही नहीं हो रही थी ।

थोड़ी देर तक यही चलता रहा। फ़िर काजल ने अपनी जीभ को सोनू की चूत में लगा दिया और ज़ोर से अन्दर घुसाने का प्रयास करने लगी। उसकी जीभ थोड़ी सी ही अन्दर जा पाई।

काजल ने सोनू की टांगों को और चौड़ा किया और उसकी चूत को अपने दोनों हाथों की उँगलियों से थोड़ा और चौड़ा किया और फ़िर अपनी जीभ तेज़ी से अन्दर -बाहर करने लग।

सोनू को और भी मज़ा आने लगा और वो “आह्ह … अआछ … आःह्छ …” करने लगी। काजल ने पहले एक ऊँगली, फ़िर दो और फ़िर तीन उँगलियाँ अपनी चूत में घुसा ली और तेज़ी से अन्दर -बाहर करने लगी।

सोनू लगातार अपने नितम्ब उछाल रही थी। काजल ने स्पीड और तेज़ कर दी। बस अब सोनू के लिए और सह पाना नामुमकिन था। सोनू के मुंह से एक बार ज़ोर की “आया … आआआअह्ह्ह … आःह्ह्ह्छ ….” निकली और सोनू ने पूरा ज़ोर लगाकर अपने नितम्ब ऊपर उठा लिए। आखिरकार सोनू बड़ी ज़ोर से काजल के मुंह में झड़ी।

सोनू के पानी की फुहार से काजल का पूरा मुंह भर गया और उसका पूरा चेहरा भी गीला हो गया। काजल ने अपनी ऊँगली की स्पीड भी बढ़ा दी और कुछ ही सेकंड में वो भी झड़ गई।

उसने सोनू की ओर देखा तो उसका मुंह लाल हो चुका था और वो आँखें बंद करके लेटी हुई थी। ऐसा लग रहा था जैसे वो एक लम्बी रेस लगाकर आई हो। मुंह लाल होने के कारण सोनू और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी। वैसे भी सोनू का शरीर इतना नाज़ुक था कि अगर कोई उसका हाथ भी कसकर पकड़ लेता था तो वो लाल हो जाता था, फिर इतना कुछ करने के बाद मुंह तो लाल होना ही था।

थोड़ी देर तक सोनू और काजल यूँ ही लेटी रही। फ़िर सोनू ने काजल से पूछा – “क्या अब मेरी सील टूट गई है?”

काजल ने मुस्कुराते हुए कहा – “नहीं यार ! जब कोई लड़का अपना लण्ड तेरी चूत में घुसायेगा तभी वो सील टूटेगी।”

सोनू – “तो इसका मतलब तू …”

ऋतू – “हाँ ! मैं तो बहुत से लड़कों का लण्ड अपनी चूत मैं घुसवा चुकी हूँ।”

“और ये लंड क्या होता है?” सोनू ने भोली सी सूरत बनाकर पूछा तो काजल भी उसके भोलेपन पर मुस्कुराये बिना न रह सकी। कहाँ एक तरफ़ थी सोनू जिसने लण्ड देखना तो दूर उसका नाम भी पहली बार सुना था और कहाँ दूसरी तरफ़ थी काजल जो न जाने कितने लड़कों के तरह तरह के लण्ड अपनी चूत में ले चुकी थी, कई बार तो २-२ एक साथ।

आखिरकार काजल ने एक लम्बी साँस ली और बोली – “चलो मैडम, अब मैं आपको लण्ड का पाठ पढाती हूँ।” और फ़िर काजल ने सोनू को विस्तार से लण्ड के बारे में बताया .

उस दिन के बाद तो जैसे यह मस्तियाँ काजल और सोनू कि दिनचर्या का हिस्सा बन गई। अब तो सोनू को २-३ बार झड़े बिना नींद नहीं आती थी। दिन में मौका मिल जाता तो सोनू कभी खाली नहीं जाने देती थी।

काजल भी अब समझने लगी थी कि सोनू अब ज़्यादा दिन लण्ड के बिना नहीं रह सकती, इसलिए उसने सोनू को उनके क्लास के दोस्तों में से ही किसी लड़के को अपना बॉय फ्रेंड बनाने की सलाह दी। लेकिन सोनू के लिए अपने दोस्तों में से चुनाव करना इतना आसान नहीं था। हलाँकि सोनू के हुस्न के जलवे देखने के बाद कई लड़के उसे प्रोपोज कर चुके थे। पर उनपर विश्वास करना सोनू के लिए मुमकिन नहीं था। इसलिए सोनू अनजान लड़कों को हमेशा मना कर दिया करती थी चाहे कोई कितना भी स्मार्ट क्यूँ न लगे। उसे कैसे पता चलता कि कौन सा लड़का उसकी इच्छाओं को सही तरह समझ पायेगा और कॉलेज में उसकी छवि ख़राब नहीं करेगा !

आख़िर में इस समस्या का हल भी काजल ने ही निकाला।

शेष अगली बार …

दोस्तों , आप अपनी प्रतिक्रिया मुझे ज़रूर भेजें।

इससे मुझे कहानी के अगले भाग को और अच्छा लिखने में बहुत मदद मिलेगी।

कहानी का अगला भाग ज़ल्द ही लिखूंगा।

तब तक के लिए गुड बाय ! Sex Stories

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मेरा नाम अनिल है मैं Hindi Porn Stories कानून का छात्र हूँ। मेरी उम्र 23 साल है। अन्तर्वासना पर मैं एक अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। यह कहानी ऐसी है जो आज तक मैंने अपने दिल में दबा कर रखी है और जिसे पढ़ कर सभी चूत और लंड पानी छोड़ देंगे! जब बच्चे यह भी नहीं जानते कि मुठ मारना क्या होता है, मैं तब से और आज तक मुठ मारता आ रहा हूँ। जिससे मेरा लंड भी टेढ़ा हो गया है, तो तुम अंदाजा लगा सकते हो कि मैं कितना गुंडा हूँ!

बात उस समय की है जब मेरी जवानी पूरे जोश पर थी मेरा वीर्य निकलना शुरू ही हुआ था और कोमल-कोमल झांट आई थी और चूत मारने का इतंना मन करता था कि बस चूत हो! कैसे ही हो!

मेरे बड़े भाई की शादी हुई, बड़ी सुंदर भाभी आई, नाम है मनोरमा, जिसके गोल-गोल चूचे, उठी हुई गांड है!

शुरू से ही मैं अपनी भाभी से एक हद तक मजाक करता था पर मैंने कभी उसके बारे में गलत नहीं सोचा। पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था! भाई की रात की ड्यूटी लगी हुई थी, मम्मी और पापा भैंसों के प्लाट में सोते थे।

अब मम्मी बोलने लगी- अनिल बेटा, तेरे भाई की रात की ड्यूटी है, तू अपने कमरे में सोने की बजाय अपनी भाभी के साथ सो जाना, कभी वो अकेली डर जाये!

एक बार तो मैंने मना किया पर मम्मी के कहने पर तैयार हो गया। तब तक मेरा मन बिल्कुल शुद्ध था और सोच रहा था कि डबल बेड है, एक तरफ मैं सो जाऊँगा और एक तरफ भाभी!

बस एक अजीब सी खुशी थी कि भाभी के बेड पर सोऊँगा!

अब भाभी ने सारा घर का काम खत्म कर लिया और आ गई सोने के लिए अपने बेड पर। मैं पहले से ही बेड पर था, भाभी बोली- अनिल, सो जाओ!

हमने लाइट बुझाई और सो गए, डबल बेड पर एक तरफ मैं और एक तरफ भाभी थी।

रात को लगभग बारह बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरा एक हाथ भाभी के चूतड़ पर था और मुँह भाभी के पैरों के तरफ था। बस वो पल मेरे लिए तूफान बनकर आया जिसने मेरी माँ समान भाभी मुझसे चुदवा दी।

अब मेरी नींद उड़ गई और मुझे अपनी भाभी एक लंड की प्यास बुझाने का जुगाड़ दिखने लगी। पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि कहाँ से शुरुआत करूँ!

कम से कम एक घंटा मैं एक अवस्था में ही लेटा रहा, जब तक भाभी गहरी नींद में थी।

अब मेरा सबर का बांध टूट गया, मैंने भाभी की तरफ करवट ली और अपना ग्यारह इंच का लंड भाभी की गांड क़ी दरार में धीरे से भिड़ा दिया। उस समय मैं बहुत डरा हुआ था, फिर धीरे से पैरों पर एक चुम्बन लिया! उसके बाद मेरा कुछ होंसला बढ़ा कि भाभी कुछ नहीं बोल रही! मेरे हिसाब से भाभी जग गई थी और आराम से मजा ले रही थी।

फिर मैं भाभी क़ी गांड से हाथ हटाकर पेट पर हाथ ले गया, पर मेरी गांड फट रही थी!

मैंने धीरे से कमीज़ ऊपर कर दिया और धीरे-धीरे सलवार के अन्दर हाथ ले गया, फिर कच्छी क़ी इलास्टिक ऊपर क़ी और भाभी क़ी चूत पर हाथ रख दिया। लगता था कि भाभी ने सात-आठ दिन पहले ही झांट काटी होंगी क्योंकि छोटे-छोटे बाल आ रहे थे जो मेरे हाथ में चुभ रहे थे!

भाभी ने एक अंगड़ाई ली और सीधी हो गई। मेरी गांड फट कर हंडिया हो गई, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और सोने का नाटक करने लगी। मेरा लंड तन कर पूरा लक्कड़ हो रहा था। अब मेरा डर दूर था, मैंने भाभी का नाड़ा खोलकर सलवार और कच्छी उतार दी।

भाभी जग गई और बोलने लगी- अनिल, यह क्या बद्तमीजी है?
मैं बोला- भाभी, एक बार मुझे अपनी चूत में अपना लण्ड घुसाने दे! यह बात किसी को नहीं पता चलेगी।
वो कहने लगी- अनिल, यह गलत है!

मैं भाभी क़ी अनसुनी करते हुए भाभी के होंठ चूसने लगा, अब भाभी भी गर्म हो गई थी और मेरा विरोध नहीं किया, इसलिए मैंने देर नहीं क़ी और भाभी क़ी चूत में उंगली डाल दी। चूत कुंवारी जैसी थी क्योंकि अभी मेरी भाभी एक बार भी गर्भवती नहीं हुई थी।

अब भाभी तड़प गई और कहने लगी- अनिल जल्दी कर!

मैंने अपना टेढ़ा लंड भाभी क़ी कोमल चूत पर रख कर जोर से धक्का मारा, एक ही धक्के में लंड तो अन्दर चला गया पर भाभी दर्द से तड़प गई और बोली- अनिल, तेरे टेढ़े लंड ने तो मेरी जान ले ली!

मैंने भाभी को जोर-जोर से धक्के मारे, भाभी तड़पती रही और अपनी गांड हिला कर मेरा साथ देती रही।

पंद्रह-बीस मिनट में पहले भाभी झड़ गई और फिर मैं!

उस रात मैंने भाभी को तीन बार चोदा!

भाभी सुबह जल्दी उठ गई और बोली- अनिल, यह बात मेरे और तुम्हारे बीच रहनी चाहिए!
मैंने कहा- ठीक है भाभी!

दोस्तो, अन्तर्वासना पर मेरी पहली और सच्ची कहानी कैसी लगी?
अगली कहानी में बताऊँगा कि किस तरह मेरी भाभी ने मुझे फंसवा दिया! Hindi Porn Stories

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मैं आज अपने मायके आ Hindi Sex Stories गई, सोचा कि कुछ समय अपने भाई और माता पिता के साथ गुजार लूँ। मेरी माँ और पिता एक सरकरी विभाग में काम करते हैं, भैया कॉलेज में पढ़ता है। आप जानते हैं ना चुदाई एक ऐसी चीज़ है जिसके बिना हम लड़कियाँ तो बिल्कुल नहीं रह पाती। यहां मायके में भी यही हाल हुआ। ये चूत है कि लण्ड मांगे मोर…। बोबे भी फ़ड़क उठते हैं… गांड भी लण्ड दिखते ही लचकदार होकर अदाएँ दिखाने लगती है… चाल ही बदल जाती है। देखने वाला भी समझ जाता है कि अब ये लण्ड की भूखी है। बाहर से हम चाहे जितनी भी गम्भीर लगें, सोबर लगें पर हमारी नजरें तो पैन्ट के अन्दर लण्ड तक उतर जाती हैं। लड़कों का खड़ा लण्ड नजर आने लगता है।

मैं खिड़की पर खड़ी सब्जी काट रही थी की भैया आया और बिना इधर उधर देखे बाहर ही दीवार पर अपना लण्ड निकाल कर पेशाब करने लगा। मेरा दिल धक से रह गया। इतना बड़ा और मोटा लण्ड… भैया ने पेशाब किया और लण्ड को झटका और पेण्ट में घुसा लिया। मैं तुरन्त एक तरफ़ हो गयी। भैया अन्दर आ गया और मुझे रसोई में देख कर थोड़ा विचलित हो गया … उसे लगा को शायद मैने उसे पेशाब करते हुये देख लिया है।

“ये खिड़की क्या खुली हुई थी…”

“हां क्यो, क्या बात है…”

“नहीं यू ही बस …।”

“हां… तुम वहा पेशाब कर रहे थे न…” मैं मुस्कराई और उसकी पेन्ट की तरफ़ देखा

भैया शर्मा गया।

“धत्त , तुझे शरम नही मुझे देखते हुये”

“शरम कैसी… ये तो सबके होता है ना, बस तेरा थोड़ा सा बड़ा है…”

“दीदी…” वो शरमा कर बाहर चला गया। मुझे हंसी आ गयी। हां, मेरा दिल जरूर मचल गया हा। पर भैया भी चालू निकला, वो जब भी खिड़की खुली देखता तो वहा पेशाब करने खड़ा हो जाता था… और मुझे अब वो जान करके अपना लण्ड दिखाता था। मेरा मन विचलित होता गया। एक बार मैने उससे कह ही दिया…

“बबलू… तू रोज़ ही वहा पेशाब क्यो करता है रे…”

“मुझे अच्छा लगता है वहां”

“… या मुझे दिखाता है…अपना वो…”

“दीदी, आप भी तो देखती हो ना… फिर ये तो सबका एक सा होता है ना…”

” जा रे… तू दिखायेगा तो मैं देखूंगी ही ना… फिर…” मैं शर्मा सी उठी

“दीदी… तेरी तो शादी हो गई है…तुझे क्या…”

“अच्छा छोड़, मैं स्टूल पर चढ कर वो समान उतारती हू, तू मेरा ध्यान रखना…मैं कही गिर ना जाऊ”

मैं स्टूल पर चढी, और कहा “बबलू… मेरी कमर थाम ले…और ध्यान रखना…”

समान उतार कर मैं ज्योही स्टूल पर से उतरी बबलू ने मुझे उतरते हुये अपनी तरफ़ खींच लिया।

“धीरे धीरे दीदी…”और उसने मुझे ऐसे उतारना चालू किया कि मेरे बोबे तक दबा डाले धीरे धीरे सरकते हुए वो मुझे नीचे उतारने लगा और मेरे चूतड़ उससे चिपकते हुए उसके लण्ड तक पहुंच गये। अब हाल ये था की मेरे दोनो बोबे उसके कब्जे में थे और उसका लण्ड मेरे पटीकोट को दबाते हुए गाण्ड में घुस गया था। उसके मोटे लण्ड का स्पर्श मैं अपने दोनो चुतड़ो के बीच महसूस कर रही थी। मैने उसे देखा तो उसकी आंखे बंद थी… और मुझे वो कस कर जकड़ा था। शायद उसे मजा आ रहा था। मुझे बहुत ही मजा आने लगा था। पर शराफ़त का तकाजा था कि एक बार तो कह ही दू…”अरे छोड़ ना…क्या कर रहा है…”

“ओह दीदी… मुझे ना क्या हो गया था… सॉरी…”

“बड़े प्यार से सॉरी कह दिया… “मैने उसकी हिम्मत बढाई।

“दीदी क्या करू बस आपको देख कर प्यार उमड़ पड़ता है…”

“और वो जो खड़ा हो जाता है… उसका क्या”

“दीदी… वो तो पता नही , बस हो गया था” और मुस्कराता हुआ बाहर चला गया।

रात को सब सो गये तब मन में वासना जाग उठी। भैया के अन्दर का शैतान जाग उठा और मेरी अन्तर्वासना जाग उठी। जवान जिस्मो को अब खेल चाहिये था। दोनो के तन बदन में आग लगी हुई थी। कैसे शैतान ने काम किया कि हम दोनो को एक दूसरे की जरुरत महसूस होने लगी । हम दोनो लेटे हुये एक दूसरे को देख रहे थे… आंखो ही आंखो में वासना भरे इशारे हो रहे थे। भैया ने तो अपना लण्ड ही दबाना शुरू कर दिया, मैने भी उसे देख कर अपने होंठ दांतो से काट लिये। मैने उसे अपने बोबे अपना ब्लाऊज नीचे खींच कर दिखा दिये और दबा भी दिये। अब मैने चादर के अन्दर ही अपनी पेण्टी उतार दी और ब्रा खींच कर खोल दी। पेटीकोट को ऊपर उठा लिया… और अपनी चूत सहलाने लगी। ऊपर साफ़ दिख रहा था मेरा चूत का मसलना…

“दीदी, आप यही क्यो नही आ जाती , अपन बाते करेंगे”

“क्या बात करेंगे… मुझे पता है… तुझे भी पता है…आजा मेरे भैया…”

हम दोनो बिस्तर से उतर कर खड़े हो गये। धीरे धीरे एक दूसरे के समीप आ गये और फिर हम दोनो आपस में लिपट पड़े। मेरा अस्त व्यस्त ब्लाऊज और पेटीकोट धीले हो कर जाने कब नीचे खिसक गये, उसका पजामा भी नीचे उतर गया। हम नंगे खड़े थे। हम दोनो अब एक दूसरे को चूमने लगे। उसका लण्ड मेरी नगी चूत पर ठोकरे मारने लगा।

मैं भी निशाना लगा कर लण्ड को लपकने की कोशिश करने लगी कि उसे अन्दर ले लूं। हम दोनो के नगे और चिकने जिस्म रगड़ खाने लगे। जाने हम दोनो के होंठ कब एक दूसरे से चिपक गये। बबलू ने खुद को नीचे करते हुए मेरी गीली चूत में लण्ड घुसाने कोशिश करने लगा। उसका लण्ड मुझे यहा वहा रगड़ खा कर मस्ती दे रहा था। मेरी चूत अब लप लप करने लगी थी। तभी लगा की लण्ड ने चूत में प्रवेश कर लिया है। मैने अपनी एक टांग कुर्सी पर रख ली और चूत का द्वार और खोल दिया। लण्ड अन्दर घुस पड़ा। मीठा मीठा सा मजा आने लगा … मैने भी अपनी चूत उसके लण्ड पर दबा दी , उसका लण्ड पूरा अन्दर तक उतर गया।

अब मैने अपनी टांग नीचे कर ली। और भैया को जकड़ लिया। हम एक दूसरे से चिपके हुये कमर को हौले हौले चलाने लग गये। गीली और चिकनी चूत में लण्ड अन्दर बाहर फ़िसलने लगा। मुझे चुदाई का नशा सा आने लगा। बबलू का मोटा लण्ड मुझे भरपूर मजा दे रहा था। हम काफ़ी देर तक यू ही वासना की कसक भरी मस्ती लेते रहे। वो धीरे धीरे मुझे चोदता रहा… अब मुझे लगा कि कही मैं झड़ ना जाऊ… पर देर हो चुकी थी…मेरी चूत में पानी उतरने लगा था, सब्र टूट रहा था… मेरी सांसे जोर से चलने लगी और मेरा पानी छूट पड़ा। पर मैं उससे चिपकी रही। भैया मुझे हौले हौले चोदता ही रहा। धीरे धीरे मुझे फिर से चुदने का मजा आने लगा। मैं फिर से उसे पकड़ कर चिपट गयी। वो मेरे बोबे दबाता रहा और चोदता रहा, उसमें दम था…

“दीदी … अब उल्टी हो जाओ दूसरा मजा भी लू क्या ?”

“मेरे प्यारे भैया … हाय रे गान्ड चोदेगा क्या…” उसने हां में सर हिलाया। मैं उसकी तरफ़ पीठ करके खड़ी हो गयी। उसने मुझे घोड़ी जैसा झुकाया और झुक कर देखा, पास में पड़ी शीशी से क्रीम निकाली और गाण्ड में भर दी।

“क्रीम मत लगा, मेरी गाण्ड तो वैसे ही खुली हुई है… खूब लण्ड खा लेती है…” मैने उसे बताया पर तब तक उसका लौड़ा मेरी गाण्ड में घुस चुका था। लण्ड गाण्ड में कसता हुआ जा रहा था पर दर्द नही हुआ। बस एक मीठी सी सुरसुरी होने लगी। उसका लौड़ा मेरी गाण्ड में पूरा अन्दर तक बैठ गया था।

मैने फ़्री स्टाईल में कमर हिलानी शुरू कर दी पर भैया को मजा चाहिये था, सो उसने मुझे सीधा खड़ा कर दिया और और मेरी पीठ अपने से चिपका ली । मेरे बड़े बड़े बोबे थाम कर उसे मसलना चालू कर दिया और लण्ड को हौले हौले गाण्ड में चलाने लगा। लण्ड का पूरा मजा आ रहा था। उसका साईज़ मेरे चूतड़ो तक को महसूस हो रहा था मुझे अब थोड़ी सी इस पोज में तकलीफ़ होने लगी थी सो मैं अब झुकने लगी और घोड़ी बनने लगी चुदते चुदते ही मैने अपने अपने हाथ कुर्सी पर टिका दिये और अपने पांव खोल दिये। उसका लण्ड अब अच्छी तरह से तेज चलने लगा। मैने भी चूतड़ो कि ताल में हिला कर गाण्ड मरवाने लगी। अब मुझे भी मस्ती आने लगी थी। भैया गाण्ड मारने में माहिर था। अब तो मेरी चूत भी फिर से तैयार थी, भैया ने मेरा इशारा समझा और लण्ड को गाण्ड में से निकाल कर फिर से चूत में पिरो दिया। मेरी चूत में मजे की तरावट आ गयी। खूब गुदगुदी भरी मिठास उठने लगी।

मैने भी चूत को गाण्ड के साथ नचाना शुरू कर दिया और मजा तेजआने लगा। चूत के पानी का चिकनापन से चोदते समय फ़च फ़च की आवाज आने लगी थी। सारी दुनिया मेरी चूत में सिमट कर रह गई थी। मस्ती सर पर चढ चुकी थी। चुदाई जोरो पर थी। भैया तूफ़ानी गति से कस कर धक्के मार रहा था। मेरी चूत बेहाल हो उठी थी। अब लग रहा था कि मेरा माल निकलने वाला है… उत्तेजना चरम दौर पर थी… चूत पर लण्ड की चोट मुझे मस्त किये दे रही थी। अचानक भैया ने लण्ड मेरी चूत में दबा दिया और मेरी कमर कस कर भींच दी ।

“दीदी… दीदी… हाय… आह्ह्ह … मेरा लण्ड गया… दीदी… मेरा निकला…ऊईईईईई…ऐह्ह्ह्ह्ह्ह्…”

तभी मेरी भी सारी नसे जैसे खिंच उठी और मैं तड़प उठी। मेरा भी पानी जैसे अन्दर से उबल पड़ा और मैं झड़ने लगी। तभी भैया के लण्ड ने भी पिचकारी छोड़ दी। लण्ड बाहर निकाल कर सारा वीर्य छोड़ दिया। उसका लण्ड रह रह कर रस बरसा रहा था। मेरी गाण्ड पूरी वीर्य से तर हो चुकी थी। वो लगता था थक गया था। उसने पास पड़े कपड़े से मेरे चूतड़ साफ़ कर दिये और अपना लण्ड भी पोंछ डाला। हम दोनो फिर से आपस में लिपट गये और प्यार करने लगे।

अब हम एक ही बिस्तर में लेटे थे और एक दूसरे के साथ खेल खेलने लगे थे। मुझे तो उसे फिर से उत्तेजित करना था। मेरा तो रात भर का कार्यक्रम था… कुछ देर में भैया फिर से तैयार था … उसका लण्ड कड़क हो चुका था… मैं भी चुदने को तैयार थी… उसने मेरे ऊपर चढ कर मुझे दबा डाला… और उसका लण्ड एक बार फिर से मेरी चूत में घुसता चला गया… मेरी सिसकारिया मुख से फ़ूट उठी… लण्ड और चूत का घमासान युद्ध होने लगा… Hindi Sex Stories

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हेलो दोस्तो! मैं अपने दोस्त सूरज के Sex Stories यहाँ घूमने गया था। उसके परिवार में वो, उसकी बहन सिया और मम्मी डैडी हैं। मेरा पहला यौन-सम्बंध सिया संग हुआ था।

रात के करीब नौ बजे खाना खाने के बाद सूरज, सिया और मैं रज़ाई औढ़े अंताक्षरी खेल रहे थे। मेरी बगल में सूरज और सामने सिया बैठी थी। आध घण्टे से मेरे पैर मुड़े होने के कारण दर्द करने लगे थे तो मैंने अपने पैर सीधे कर लिए।

मुझे महसूस हुआ कि मेरा पैर किसी मुलायम चीज़ से छू रहा है। मैंने अपने पैर के अंगूठे को धीरे धीरे हिलाया तो समझ गया कि वो मुलायम चीज़ सिया की चूत है, परन्तु सिया मुझे कुछ कह नहीं रही थी, चुपचाप अन्ताक्षरी खेल रही थी। एक घण्टे बाद हम तीनों एक साथ सो गए। बीच में सूरज सोया था। मेरी आंखों से नींद गायब थी। मैं कैसे भी सिया को चोदना चाहता था।

रात के करीब दो बजे सिया बिस्तर से उठ कर बाथरूम जा रही थी, मैं भी उठा, उसके पीछे पीछे बाथरूम में घुस गया और उसे पीछे से अपनी बाहों में ले लिया।
पहले तो वो घबराई, ऐसे दिखाने लगी कि रात वाली घटना से अन्जान हो, लेकिन मैं पूरे जोश में था, जैसे ही उसकी चूत पर हाथ रखा, वो चिहुंक गई और अपनी आंखें बंद कर ली- प्लीज़ रंजन भैया मत करो! मुझे कुछ होता है!’

‘क्या होता है?’
‘पता नहीं लेकिन बहुत अच्छा लगता है!’
‘अब और मज़ा आएगा मेरी प्यारी सिया! साथ दोगी?’
‘हाँ! लेकिन मैं गर्भवती तो नहीं हो जाऊँगी?’
‘नहीं’

मैंने उसकी चूची पर हाथ रखा ओर आहिस्ते से सहलाने लगा। मैं उसके कमसिन होठों का रस पीने लगा- कैसा लग रहा है?’

‘शऽऽऽ मत पूछिए बस करते रहिए आहऽऽऽ’

मैंने उसकी कमीज़ को ऊपर से खोल दिया, अन्दर उसने गंजी पहनी थी। गंजी के ऊपर से मैं सिया की चूची मसलने लगा।

सिया भी अपना हाथ मेरे लण्ड के ऊपर रख कर लण्ड को मसलने लगी। थोड़ी देर बाद उसने मेरा पायज़ामा खोल दिया। मेरे लण्ड को अन्डरवीयर से निकाल कर अपने हाथ से मुठ मारने लगी। मैं भी ताव में आ गया और उसकी गंजी उतार कर उसकी चूचियों को आज़ाद कर दिया और मुंह में ले कर चूसने लगा।

‘हायऽऽऽ जरा जोर से दबाईए ना! बहुत मज़ा आ रहा है!’

‘तुमने पहले किसी से…’

‘नहीं भाई, लेकिन ब्लू फ़िल्म देखती हूं!’
‘अच्छा! ‘
‘क्या आप मेरी बुर को चूसना पसन्द करेंगे?’
‘क्यों नहीं.. लेकिन पहले तुम मेरे लण्ड को चूस लो… उसके बाद…’

सिया नीचे झुकी और मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी। मैंने उसकी सलवार उतार कर उसे पूरी तरह नंगी कर दिया। मेरे शरीर पर भी कोई कपड़ा नहीं था, हम दोनों बिल्कुल नंगे थे।

‘क्या हम एक दूसरे का बुर और लण्ड चूसें?’
‘हाँ बिल्कुल!’

वो जमीन पर लेट गई, मैंने अपना लण्ड उसके मुंह में डाल दिया और अपना चेहरा उसकी बुर पे ले गया। सिया की बुर की खुशबू मुझे पागल कर रही थी। मैं अपनी जीभ से उसकी बुर का रस पीने लगा।
‘अब प्लीज़ मुझे चोदिए!’

मैं खड़ा हो गया, उसने लेटे हुए अपने पांव ऊपर किए। मैंने अपना लण्ड जैसे ही उसकी बुर पर रखा, सिया की बुर भट्टी की तरह जल रही थी। उसके चूसने से मेरा लण्ड गीला था। मैंने जोर से लण्ड को उसकी बुर में डाला- प्लीज़ निकाल लो! बहुत दर्द हो रहा है’

मैंने देखा मेरे लण्ड का आधा सुपारा उसकी बुर में है और बुर से खून निकल रहा है। मैं उसके होंठ चूसने लगा ओर जोर जोर से चूचियों को मसलने लगा, धीरे से लण्ड को भी अन्दर करता रहा।

थोड़ी देर में सिया कमर हिलाने लगी। मैं भी अब पूरे जोर से उसकी बुर को चोदने लगा.’आ आ अई आहऽऽऽ और तेज़ऽऽ…’

‘उफ़्फ़’
‘आआह्हऽऽ’
‘मेरा गिरने वाला हैऽऽऽ प्लीज़ और तेज़ऽऽ!’
सिया मुझसे चिपकने लगी। इस तरह हम दोनों एक साथ झड़ गए और काफ़ी देर तक एक दूसरे के साथ चिपके रहे।

उसके बाद हम बिस्तर पर आकर सो गए। Sex Stories

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