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Massage Girl in Nashik: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Nashik who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Nashik that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Nashik massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Nashik who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Nashik massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Nashik massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Nashik who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Nashik employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Nashik helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Nashik

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Nashik at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Xxx ओरल चूत लिक कहानी में मेरी साली मेरे घर आई हुई थी. एक दिन मैंने उसे चूत में उंगली करती देख लिया. बस मुझे मौक़ा मिल गया. मैंने उसे पकड़ लिया और उसकी चूत चाटी.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम हितेश है. मैं गुजरात से हूँ.

मैं आपके लिए अपनी एक सच्ची घटना लिख रहा हूँ.
मेरी यह पहली कहानी है, उम्मीद करता हूँ कि आपको पसंद आएगी. फर्स्ट टाइम लिख रहा हूँ तो थोड़ा मसाला कम मिलेगा लेकिन सच्ची कहानी है.
साली साहिबा की Xxx ओरल चूत लिक कहानी पांच महीने पहले की है.

चलो दोस्तो, पहले थोड़ा परिचय कर लेते हैं.
हमारे घर में मम्मी – पापा, मेरी पत्नी और मैं!

मैं प्राइवेट जॉब करता हूं तो हम दोनों शहर में रहते है, मेरी आयु 28 साल, मीडियम बॉडी, 5 फुट की हाइट!

मैं और मेरी पत्नी Sex लाइफ को खूब एंजॉय करते हैं.
अकसर मैं कई बार नींद में अपनी पत्नी को चूत को चाटता था.
यह मेरी आदत थी और मजा भी खूब आता था.
मैं चूत चाटने में माहिर था, मेरी बीवी को चटवाने में बड़ा मजा आता था.
अगर कोई एक बार मेरे से चूत चटवा ले तो वह दुबारा चटवाने पुनः से आयेगी.

बात उन दिनों की है जब मेरी साली हमारे यह कुछ दिनों के लिए रहने के लिए आई थी.
उसकी आयु 20 वर्ष थी.

वह काफी सेक्सी है. उसकी पतली कमर है, उसका जिस्म 34-28-32 का है मानो एकदम आलिया भट्ट!

उसके शरीर की खुशबू, उनकी नशीली आंखें, उसके रसीले होंठ, पतली कमर, गोल सुडौल चूचे … देख कर ही कितनों का पानी निकल जाता होगा।

वह अक्सर जीन्स और टीशर्ट पहना करती है और उन कपड़ों में भी मादक लगती है।

पहले अपनी साली को लेकर मेरे मन में कोई गलत ख्याल नहीं थे.
परंतु एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद से सब बदलने लगा.

हमारे घर में 2 कमरे हैं जिनमें एक में हम और दूसरे में साली सोती थी।

मेरी पत्नी कुछ काम से पड़ोस में गई थी तो घर पर मैं और साली अकेले थे.
मैं छत पर घूमने गया और साली कमरे में अकेली थी।

जब मैं अचानक नीचे आया तो साली साहिबा के कमरे में से कुछ आवाज आ रही थी.
तो मैंने नजदीक जाकर देखा.

उसने कमरे के दरवाजे की कुंडी नहीं लगाई थी.
झांक कर देखा तो क्या नजारा था दोस्तो … क्या बताऊं … साली साहिबा मोबाइल में कोई वीडियो चला रही थी और बेड पर लेट कर अपनी जीन्स खोल कर अपने एक हाथ से चूत में उंगली आगे पीछे कर रही थी।

कभी वह उंगली मुंह में डालती, कभी चूत में!
वह अपनी मस्ती में मस्त होकर उस पल का मजा ले रही थी.

क्या चूत थी … एकदम चिकनी कुंवारी चूत … एकदम नई चूत … एक भी बाल नहीं था उसकी चूत पर!
जी कर रहा था कि अभी पूरी चाट लूं और पूरा रस पी लूं।

तभी उसकी नजर मेरे ऊपर पड़ी और वह शर्माती हुई थोड़ी ठीक ठाक हो गई.
वह पूरी गर्म थी.
तो मैंने उसी का फायदा उठाया.

मैं अंदर गया और उसे बेतहाशा चूमने लगा.

वह पहले तो मना करने लगी लेकिन वह भी गर्म थी तो खुद को रोक नई पाई और मुझे चूमने लगी कभी कान के पीछे, कभी गर्दन पर, कभी होठों पर!

वह भी मादक आवाजें निकाल रही थी- ओह जीजाजी, किस मी … आह आह!
मैं भी पूरे जोश में था.

फिर उसने मेरी शर्ट उतारनी चालू कर दी.
बदले में मैंने भी उसका टी शर्ट उतारा और उसे ब्रा में देख कर मेरा दिमाग एकदम पागल हो गया था.
मैं उसके पेट पर उसे चूमने लगा.
उसे काफी गुदगुदी होने लगी थी.

मैं उसके चूचों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा और काफी देर तक दबाने के बाद उसकी ब्रा की हुक खोल दी.

उसके चूचे एकदम से उछल कर मेरे सामने ऐसे आ गए जैसे उन्हें काफी दबा कर जकड़ा हुआ हो.

उन्हें आजाद करके मैं उसके एक चूचे को चूसने लगा और निप्पल पर दांतों से काटने लगा.

साली साहिबा के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह … ओह्ह … स्स्स … आराम से … काटो मत … ऊईई … दर्द हो रहा है … उफ्फ आआआ!
मैं- थोड़ा सा दर्द तो झेल लो मेरी साली साहिबा, इनका दूध पीना है मुझे!

वो सेक्सी हॉट गर्ल भी बहुत मज़े ले रही थी और मेरे बालों में हाथ फेर रही थी.

मैंने उसकी जींस को निकाला और उसके पैरों पर चूमने लगा.
चूमते चूमते उसकी जांघों तक आ गया और पैंटी उतारी.

उसकी चूत का नजारा देखा तो देखता रह गया … ऐसी गुलाबी एकदम साफ चिकनी चूत।
उसकी पैंटी साइड में करके मैं उसकी सील पैक चूत पे उंगली करने लगा.

इससे उसको काफी मजा आ रहा था और वह जोर जोर सांसें लेने लगी थी.

मैंने साली की चूत को हल्का सा होंठ का स्पर्श किया और उसकी चूत पर जीभ फिराने लगा.
वह कामुक आवाजें निकाल रही थी.

फिर मैंने धीरे धीरे पूरे होंठ उसकी चूत पर लगा दिये.
वह फर्स्ट टाइम अपनी चूत चटवाने का आनंद ले रही थी।

फिर मैं पूरे जोश के साथ पूरी जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा.
वह मादक सिसकारी ले रही थी- और चाटो जीजा जी … और जीभ को अंदर घुसाओ … पूरा खा जाओ!
ऐसे बोली जा रही थी.

और मैं यहां रुकने वाला कहाँ था- आज तो तेरी पूरी चूत खाकर ही तुझे जाने दूँगा।

वह बोली- कही नहीं जाना मुझे … बस ऐसे ही मेरी चूत चाटे जाओ!
ऐसे ही काफी देर चूत चाटने के बाद वह झड़ने वाली थी तो बोली- मैं आने वाली हूँ … मेरी चूत के रस की एक भी बूंद बाहर नहीं जानी चाहिए जीजाजी … पूरा पी जाओ!

मैंने भी पूरा मुंह घुसा दिया.
वह अकड़ के झड़ने लगी।

मैंने एक एक कतरा रस पी लिया.
क्या स्वाद था कुंवारी चूत का … एकदम टेस्टफुल!
मैंने पूरी चूत चैट कट साफ कर दी।

तब तक टाइम काफी हो गया था तो मेरी बीवी के आने का डर था, वह कभी भी आ सकती थी तो हम दोनों फटाफट ठीक ठाक होकर फिर नॉर्मल हो गए.

इसके बाद से तो मेरी साली को चूत चटवाने का इतना शौक चढ़ गया कि उसने रात तक अलग अलग तरीके से 2 बार मेरे से चूत चटवाई.

उसके बाद जब भी मौका मिलता था तो वह Xxx ओरल चूत लिक करवा के अपनी चूत का रस मुझे पिला देती थी.

फिर मैंने भी कहा- मेरा रस कब लोगी?
तो उसने मुझे एक वादा किया कि मेरी एक शर्त पूरी करनी होगी!
मैंने पूछा- वो क्या?
तो उसने कहा- उसी वक्त बताऊंगी.

तो मैंने भी हाँ कर दी।

वह बोली- ठीक है! तो बहन शाम को बाहर जायेगी तब देखेंगे।

शाम हो गई, मेरी बीवी बाजार गई।

तब मेरी साली आंखों पर बाँधने के लिए एक पट्टी ले के आई और मेरी आंखें बन्द कर दी.
गअब मैं कुछ भी नहीं देख पा रहा था।

अब वह पूरी नंगी होकर अपनी चूत फैला कर बिस्तर पर लेट गयी. चूत में उसने बहुत सारी चॉकलेट लगा ली और मुझे नजदीक लाकर मेरा मुंह पकड़ कर सीधा अपनी चूत पर लगा दिया और दबा दिया.
मैं तो सोच में पड़ गया कि यह क्या हुआ!

फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा और वह मजे लेने लगी.
वह बोल रही थी पूरी आवाज के साथ- पूरी चाट लो … पूरी चॉकलेट चाट कर साफ करनी है।

मैंने भी पूरी जोश के साथ उसकी चूत को कहता और सारी चॉकलेट चाट कर साफ कर दी.

उसने फिर दोबारा चूत के अंदर तक लिक्विड चॉकलेट भर ली और बोली- जीभ से निकाल कर खा जाओ!

क्या सीन था … एकदम बड़ा मजे वाला!

मैंने भी पूरी जीभ अंदर तक घुसा दी.
वह भी उछल उछल कर अपनी चूत चटवा रही थी.

और फिर साली झड़ गई और मैंने पूरा रसपान कर लिया।

तो दोस्तो, यह मेरी सच्ची कहानी है जो मैंने पहली बार लिखी है.
कहने कैसी लगी आपको?
Xxx ओरल चूत लिक कहानी पर आपकी राय जरूर देना, मेल जरूर करना.

Antarvasna

शाम गहरी होते ही Antarvasna दोनों साहिल के घर पहुँच चुके थे। साहिल राज के पास आ कर बैठ गया और उनके शराब के जाम चलने लगे। रूपल और अंजलि भी धीरे धीरे बातें करने लगी थी।

‘क्या बातें हो रही है…?’ साहिल ने पूछा।
‘अकेले अकेले पिये जा रहे हो, पूछ भी नहीं नहीं रहे है।’ अंजलि ने शिकायत भरे स्वर में कहा।
‘पहले अपने गिफ़्ट कबूल करो, फिर एक एक जाम!’

दोनों खुशी से उछल पड़ी। साहिल ने दो पैकेट राज को दिये। खुद ने भी दो अलग रख दिये।
‘अब हमारी गोदी में आ जाओ तो मिलेगा!’
अंजलि उठ कर राज की गोदी में बैठ गई।

‘जानू, मेरी गोदी में तो तुम रोज ही बैठती हो , आज साहिल को खुश कर दो!’
अंजलि इठला कर उठी और मुस्कराते हुये तिरछी नजरों से साहिल को देखा, उसका लण्ड खड़ा था। उसने अपनी चूतड़ पीछे उभारी और उसके उभार को देख कर अपने चूतड़ सेट करके धीरे से बैठ गई। रूपल थोड़ा शरमा रही थी, वो बस राज के पास आकर खड़ी हो गई। राज ने अपनी पैन्ट की ज़िप खोल दी और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।
‘आ जाओ, आपकी गद्दी तैयार है।’
‘धत्त, साहिल के सामने ही…’ रूपल शर्मा उठी।

‘गिफ़्ट नहीं लेना क्या…’ राज ने रूपल की साड़ी ऊँची कर दी और उसके नंगे चूतड़ों को अपने कड़क लण्ड पर रख दिया। राज ने अपना लण्ड ठीक से दरार में फ़िट कर लिया।

‘ये आपका गिफ़्ट…’ साहिल ने अंजलि को एक सोने का हार और बालियों का सेट भेंट कर दिया। उसे देखते ही वो उससे लिपट गई और उसे चूमने लगी। राज ने भी वैसा ही सेट रूपल को दे दिया। उसने भी अपनी खुशी राज को चूम कर जाहिर की और उसकी गोदी में उछल सी पड़ी। और… और… लण्ड रूपल की गाण्ड में घुस गया। रूपल की आंखे खुली की खुली रह गई और उसने राज की तरफ़ आश्चर्य से देखा।

‘शैतान…! मेरी!’ और उसके अधर से अधर मिला दिये। साहिल ने भी राज को देखा, अंजलि ने भी इतरा कर कहा- अब मेरी भी मार दो ना, साहिल!’

‘राज, रूपल को छोड़ दे, साला फ़ाऊल कर रहा है’ साहिल ने राज को झिड़की दी।

‘ओह सॉरी…’ उसने धीरे से रूपल की गाण्ड से अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।

‘अब चलो, अपनी जगह बैठ जाओ और एक पैग पी लो, और फिर दूसरा गिफ़्ट।’

दोनों उठ कर सोफ़े पर बैठ गई। चारों ने एक एक पैग पूरा पी लिया। साहिल ने एक पतला लम्बा सा पेकेट राज की ओर उछाल दिया।

‘ये लो…’ दोनों पैकेट दोनों ने आगे झुक कर भेंट कर दिये।

उत्सुकतापूर्वक दोनों ने पैकेट खोला और फिर दोनों चीख उठी- ये क्या… हाय रे! तुम दोनों कितने खराब हो?’

दोनों के हाथ में एक साधारण लम्बाई का पतला सा डिल्डो था। राज और साहिल दोनों ही जोर से हंस पड़े।

अंजलि बोली- अब देखो कमाल!’

‘अरे नहीं अंजलि… मत करो ये… शरम आयेगी।’ रूपल ने उसे रोका।

‘अभी तो राज का लौड़ा खाया था, फिर क्या है?’ अंजलि शराब और वासना में बहक रही थी।

शायद यह एक पैग का भी असर था। उसने अपनी साड़ी उतार दी। मजबूरन रूपल को भी उतारनी पड़ी। यह देख कर राज और सहिल ने एक दूसरे को देखा और उनके कपड़े भी उतर गये। अब चारों नंगे खड़े थे। रूपल राज से जाकर लिपट गई और अंजलि साहिल से चिपक गई। वो सभी धीरे धीरे पास के कमरे में जमीन पड़े बिस्तरों की ओर बढ़ चले। इस कमरे को खाली करके पूरे कमरे में नीचे ही मोटे मोटे गद्दे डाल दिये थे।

रिमोट से उन्होंने एयर कन्डीशन चालू कर दिया। वहाँ पहुँचते ही वो नीचे बिस्तर पर लोट लगाने लगे। राज और साहिल को लगा कि जैसे दो मछलियाँ बिन पानी के तड़पती है, वैसे ही ये चुदने के लिये तड़प रही हैं। दोनों की चूत गीली हो चुकी थी।

‘राज तुम घोड़ी बनो…’ रूपल ने राज को घोड़ी बना दिया और वही डिल्डो लेकर राज की गाण्ड की तरफ़ आ गई। डिल्डो उसने गाण्ड पर सेट किया और अन्दर घुसा दिया। थूक से चिकना डिल्डो उसकी गाण्ड में सरक गया। दूसरी और अंजलि भी यही कर रही थी। रूपल ने डिल्डो गाण्ड में पूरा उतार दिया और अन्दर बाहर करने लगी। रूपल और अंजलि दोनों ऐसा करके बहुत उत्तेजना महसूस कर रही थी।

‘ऐ अंजलि, डिल्डो का मजा आया ना…! ‘ रुपल हंसी में चीखते हुये बोली।

‘इन्हीं से इनकी शुरूआत अच्छी रही…’ अंजलि भी नशे में हंसने लगी।

दोनों का लण्ड मस्ती से फ़ूलने लगा था। बेहद कड़क भी होने लगा था। यह देख कर रूपल ने राज का लौड़ा थाम लिया और उसे घिस कर और उत्तेजित करने लगी। राज का शरीर मीठी सी गुदगुदी के कारण तन सा गया। रूपल ने डिल्डो को गाण्ड में पूरा घुसा दिया और स्वयं उसके शरीर के नीचे घुस गई।

‘ना ना… डिल्डो मत निकालो, बस अपना असली डिल्डो मेरी चूत में गड़ा दो…

देखो, तुम्हारा लौड़ा कैसा फ़ूल रहा है!’

‘डिल्डो के मजे से ही तो मेरा लौड़ा तन कर फ़ट रहा है… अब चुदोगी तो मजा आयेगा।’

राज की ग़ाण्ड में पतला सा डिल्डो किसी रॉड की भांति घुसा हुआ था। वो धीरे से रूपल के ऊपर चढ़ गया। रूपल ने चुदने के लिये अपनी दोनों टांगे चौड़ा दी।

उसकी गीली चूत राज ले लण्ड को घुसने का न्यौता दे रही थी। राज और साहिल ने एक दूसरे को देखा, साहिल ने राज को आंख मारी, राज मुस्कुरा दिया। राज ने अपना लण्ड पकड़ कर हिलाया और उसकी चूत पर रगड़ा। उसका लण्ड गीला हो गया।

अब उसने अपना लाल सुपाड़ा उसके उभरे हुये दाने पर रख कर दबा दिया। रूपल सिसक उठी। उसके लाल टोपे से उसका दाना रगड़ने लगा।

‘राज… अब बस करो… पूरा अन्दर घुसेड़ दो ना… हाय रे मेरी मां…’

राज के सुपाड़े की दरार में उसके दाने की मीठी चुभन कहर ढा रही थी। उसने हाथ से पकड़ कर अपने लौड़े को जोर जोर से हिलाया और उसकी चूत के द्वार पर तीन चार बार जोर जोर से मारा… रूपल वासना के मीठे दर्द से तड़प गई। तब राज ने अपना लण्ड हाथ से पकड़ कर उसकी करारी चूत में रख कर अन्दर डाल दिया।

रूपल ने अपनी आंखे बन्द किये उसे जोर से अपनी ओर खींच लिया। वो अपने हाथों के बल पर रूपल पर छा गया। रूपल में अपना हाथ पीछे ले कर उसका डिल्डो पकड़ कर उसकी गाण्ड में भींच दिया। दोनों लौड़े उनकी गहराईयाँ नापने लगे थे।

उधर अंजलि भी साहिल से चिपके जा रही थी। उसकी चूत में भी साहिल का लण्ड गहराई तक घुसा हुआ था। अंजलि की सिसकारियाँ राज तक आ रही थी।

‘अंजू… चुदा लो तबीयत से… साहिल, जरा मस्ती से चोदना मेरी बीवी को…’

‘मेरी बीवी तो तुझसे चुदाने को मरी जा रही थी, साली का चोद चोद कर कचूमर निकाल देना!’ फिर जोर से हंस दिया।

‘राज, उधर मत देखो… वो तो चुदेगी ही, मेरी मारो ना जरा जोर से…’ रूपल ने राज का ध्यान अपनी ओर खींचा। राज के हाथ रूपल के सीने पर चल रहे थे… रूपल ने उसे अपनी तरफ़ खींच कर उसके होंठो से अपने होंठ मिला दिये। कुछ ही देर में साहिल और अंजलि झड़ चुके थे और अब वे दोनों अपने कपड़े पहन रहे थे। वे दोनों राज और रूपल के पास आकर बैठ गये और उन्हें और उत्तेजित करने लगे।

अंजलि को राज के बारे में पता था… इसलिये वो राज की गाण्ड में डिल्डो धीरे धीरे अन्दर बाहर करने करने लगी। राज की उत्तेजना बढ़ने लगी। उसका लण्ड और फ़ूलने लगा। उधर साहिल ने भी रूपल के चुचूकों को हिला हिला कर मसलने लगा। झड़ने के कगार पर दोनों आ चुके थे। उन्होंने मस्ती में जोर से आंखे बन्द कर रखी थी, उनके जबड़े भी कस गये थे। तभी रूपल ने राज का साथ छोड़ दिया और जोर से झड़ने लगी। राज ने भी कस कस कर तीन चार जोर के शॉट मारे और उसका लण्ड पिचकारी मारने को हुआ। अंजलि ने उसका लण्ड तुरन्त रूपल की चूत से बाहर निकाला और एक मुठ मारते ही उसका वीर्य छूट पड़ा।

अंजलि तैयार थी इसके लिये… उसने लण्ड खींच कर अपने मुख में ले लिया और आम चूसने की तरह उसे पीने लगी।

‘आह… राज आज तो तुम्हारा खूब माल निकला…’

‘यह दोनों तरफ़ से आनन्द मिलने के कारण था। रूपल को चोदने में बड़ा मजा आया!’

सभी बहुत खुश थे। कार्यक्रम समाप्ति पर था। सभी ने डिनर किया और राज और अंजलि को विदा किया। दोनों घर आये तो करीब रात के ग्यारह बज रहे थे। घर आते ही राज ने प्यार से अंजलि के मम्मे दबा दिये।

‘कैसा लगा, मेरी जानू, मजा आया ना चुदवा कर…?’
‘तुम कितने अच्छे हो राज! तुम्हारी वजह से मेरी आज मनभावन चुदाई हुई!’
‘चलो, अब किसी ओर का नम्बर लगाना है क्या…?’
‘सुनो राज… वो विपुल कैसा रहेगा?’
‘और तुम वो क्षिप्रा को मेरे लिये पटा दो ना!’

दोनों ठहाके मार कर हंस दिये और प्यार से एक दूसरे को चूमने लगे… हाँ क्षिप्रा का तो पता नहीं पर अगले दिन अंजलि विपुल से लिपट लिपट कर चुदवा रही थी और राज उन्हें छिप छिप कर देख कर मुठ मार रहा था… Antarvasna

वो मेरे घर के साथ वाले घर में ही रहती हैं और काफी सुंदर हैं. उनके मम्मे भी काफी मोटे हैं और उनकी गांड का तो कहना ही क्या है. वो भी काफी मस्त माल हैं.

आंटी की कमर काफी पतली सी है. वो खुद भी पतली हैं, पर उनका फिगर काफी सेक्सी है.
मेरा दिल उनको देखकर काफी मचल उठता है.

आंटी का पति मोटा सा है जो उन्हें किसी प्रकार का सुख नहीं दे सकता है.
वो ना तो उन्हें सेक्स से संतुष्ट कर पाता है और न ही वो प्यार करता है.
उसका पेट काफी बाहर को निकला हुआ है और उसका लंड भी छोटा सा है, ये आपको पोर्न वाइफ फक कहानी में आगे मालूम हो जाएगा.

एक बार मेरे घर पर केबल टीवी साफ नहीं आ रही थी. मैंने सोचा छत पर केबल का जोड़ है, वो खराब हो गया होगा.
यह तार मेरी पड़ोस वाली आंटी की छत पर था.

तो पहले मैं छत पर तार सही करने के लिए आंटी के घर से छत पर जाने की सोचने लगा था.
फिर मन में आया कि चलो, अपनी छत से सीधा ही चला जाऊं.

मैं उनकी छत पर चला गया.
जैसे ही मैं उनकी छत पर गया, तो नीचे से कुछ आवाजें आ रही थीं.

मैं छत पर लगे जाल के पास गया और सुनने लगा कि क्या बात हो रही है.

तो आंटी चिल्ला रही थीं- नहीं, आज नहीं … कल ही तो किया था. आजकल तुम रोज परेशान करने लग लगे हो. छोड़ो मेरे को!
फिर आंटी जोर से कराहने लगीं.
उनके साथ कुछ और आवाजें भी आ रही थीं जैसे ब्लू-फिल्म चल रही हो.

उसके बाद कुछ थप्पड़ की आवाजें आने लगी थीं.
तभी आंटी बोलीं- आज फाड़ ही डालोगे क्या … आ आआ आह आराम से.

मैंने सोचा कि ये क्या हो रहा.
मैं धीरे से सीढ़ियों के दरवाजे के पास गया और देखा कि सीढ़ियों का दरवाजा तो खुला है.

मैं नीचे चला गया और देखा कि एक कमरे में लाइट जल रही है और दरवाजा बंद है.
बरामदे में काफी अंधेरा था और कमरे के पर्दे हटे हुए थे. वहां से अंकल आंटी साफ नजर आ रहे थे.

अंकल ने आंटी को गोद में बैठा रखा था और उनके मम्मे मसल रहे थे.
आंटी चीख रही थीं और कह रही थीं- आह और जोर से!

अंकल दूसरे हाथ से सलवार के ऊपर से आंटी की फुद्दी को मसल रहे थे.
वो काफी आवाज कर रही थीं.

तभी अंकल ने आंटी को गोद में उठाकर खड़ा किया और अपने सारे कपड़े खोल दिए.

वो सिर्फ अंडरवियर में रह गए.

मैं यह देखकर कर काफी खुश हो गया. मैंने सोचा कि आज तक मैंने काफी ब्लू फिल्म तो देखी हैं, पर आज रियल का सेक्स देख लेता हूं.
यह देखकर मैंने अपने आपको उनके कमरे के पास छुपा लिया और उनका सेक्स देखने लगा.

अंकल आंटी को कुछ मिनट तक तो ऐसे ही किस करते रहे, फिर उनकी फुद्दी पर हाथ फेरने लगे.
आंटी ने भी अब टांगें खोल दी थीं और वो मादक आवाजें भर रही थीं.

मेरा भी पूरा मूड बन गया. लंड खड़ा हो गया था.
अंकल ने आंटी को किस किया.

आंटी अंकल के अंडरवियर पर हाथ फेरने लगीं.
तभी आंटी ने अंडरवियर के अन्दर हाथ डाला और अंकल कराहे- आह.

अंकल ने खींच कर आंटी की गांड पर थप्पड़ मारा.
तभी आंटी हंस कर बेड के दूसरी तरफ चली गईं.

अंकल ने कहा- रुक साली, जाती किधर है … इधर आ.
आंटी ने कहा- क्यों जोर से खड़ा हो गया क्या?

अंकल ने कहा- पास तो आ, तेरी मां की चूत में लंड दे दूँगा.
आंटी ने कहा- मेरी में तो लंड दे दो, फिर मेरी मां की भी मार लेना. वो भी तुझे खुश कर देगी.

ये सुन कर मैं हैरान रह गया कि अंकल और आंटी गंदी बातें भी करते हैं.

अंकल आंटी के पास गए, उन्हें पकड़ कर किस किया और बोले- मेरी रांड, आज मेरे को खुश कर दे.

आंटी ने कहा- रोज ही तो करती हूं, तो आज क्यों नहीं करूंगी.
अंकल ने किस किया और मम्मों को कस कर पकड़ लिया.

आंटी चीखने लगीं.
अंकल- साली मेरे लंड को दबाती है, अब पता लगा कि दर्द क्या होता है?
आंटी ने कहा- आह छोड़ो … दर्द हो रहा है.

अंकल ने आंटी को गोद में उठाया और और बेड पर लुड़का दिया.
वो फिर से चीख उठीं.

अंकल उन पर कूद पड़े और किस करने लगे.
वो एक हाथ से आंटी के मम्मे दबा रहे थे, दूसरे हाथ से उनकी फुद्दी को मसल रहे थे.

आंटी ने भी पूरी टांगें खोल रखी थीं.
तभी आंटी ने कसमसाते हुए कहा- रूको छोड़ो … रूको ना.

आंटी ने अंकल को धक्का दिया और कहा- आज मेरी एक ना सुनना तुम …. मेरी फाड़ ही डालना.

मैंने सोचा कि आंटी ये क्या कह रही हैं अभी तक चुदाई नहीं हुई क्या आंटी जैसे माल की!

अंकल ने कहा- तेरी क्या, आज तो तेरी मां की भी फाड़ दूंगा. तेरी मां के भोसड़े में भी दर्द हो जाएगा.

आंटी ने कहा- मेरे मां के भोसड़े में दर्द हो ना हो, मेरी फुद्दी में कल तक तो दर्द होना चाहिए.
अंकल ने आंटी की कमीज को उतार दिया.

आंटी ने नीचे लेस वाली लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी.
अंकल ने आंटी को लिटाया और उनके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही खाने लगे.

आंटी ने कहा- आह … ये माल तुम्हारा ही तो है राजा … आराम से करो ना!
फिर अंकल ने आंटी की सलवार का नाड़ा खोला और आटी ने अपनी गांड ऊंची कर दी.
अंकल ने सलवार खींच कर उतार दी.

आंटी अब केवल ब्रा और पैंटी में ही थीं. आंटी ने लाल रंग की वैसी लेसदार पैंटी पहनी हुई थी. आंटी का बदन काफी चमक रहा था. उनका बदन बहुत ज्यादा रसीला लग रहा था.

ब्रा और पैंटी आंटी की फुद्दी और मम्मों को छुपाने की कोशिश कर रहे थे पर वो छुप नहीं पा रहे थे.

तभी अंकल ने आंटी की टांगों को चौड़ा किया और उनकी फुद्दी को उसकी पैंटी से ही चूसने लगे.
आंटी तड़फने लगीं- बस अब नहीं रहा जाता. अब पेल दो.

अंकल ने कहा- मेरी रांड, अब तक तूने मेरे लंड को तो चूसा ही नहीं है.
अंकल लेट गए.

आंटी ने अंकल का अंडरवियर उतारा और लंड बाहर निकाल लिया.
ये क्या … अंकल का लंड तो काफी छोटा सा था.

फिर मैंने सोचा कि नहीं यार अंकल का लंड अभी बैठा होगा. क्योंकि मेरा लंड भी बैठने पर इतना ही होता है. उनका मुझसे तो बड़ा ही होगा.
आंटी ने लंड चूसा और लेट गईं.

अंकल ऊपर आ गए.
पहले ब्रा पैंटी को उतारा और आंटी को किस करने लगे.

वो उनकी फुद्दी को चूसते, तो कभी मम्मों को चूसने लगते.
अंकल उस वक्त किसी बन्दर जैसी हरकत कर रहे थे.

तभी आंटी ने कहा- बस करो, अब नहीं रहा जा रहा है.
अंकल ने कहा- ओके.

अब अंकल खड़े हो गए और आंटी की टांगों को फैला कर पोजीशन में आ गए और चूत में लंड लगा दिया.
मैं अंकल का लंड देखकर हैरान रह गया कि ये क्या … इतना छोटा सा अन्दर कैसे जाएगा?

जैसे ही अंकल आंटी के ऊपर लेटे, तो उनका पेट अड़ गया.
फिर भी अंकल ने आंटी की फुद्दी पर अपना दो इंच का लंड लगा दिया.

आंटी आह आह करने लगीं.
मैंने सोचा कि आंटी इतने से टुन्नू से ऐसे आवाज कर रही हैं. अगर आंटी ने मेरा लंड देख लिया, तो वो देखने से ही मर जाएंगी. ये मेरा लंड अपनी फुद्दी में नहीं ले सकेंगी.

आंटी आवाज निकाल रही थीं- आह आह … पेल दो मेरी फाड़ दो. आज मुझे खुश कर दो.
अंकल अभी ऊपर ही लेटे हुए थे और अब वो घस्से मारने लगे थे.

अंकल ने कुछ ही घस्से लगाए और चीखने लगे.
इधर से आंटी भी हल्का सा कराहीं.

तभी अंकल शांत हो गए.

अंकल आंटी के ऊपर कुछ देर तक लेटे रहे, फिर अलग हो गए.
वो पास में ही लुढ़क गए और कुछ मिनट तक लेट कर सांसें लेते रहे.

आंटी बैठ गईं और मैंने देखा कि उनके चेहरे पर वो खुशी नहीं थी, जो औरत को चुदने के बाद आती है.
ऐसा लग रहा था, जैसे उन्हें मजा ही ना आया हो.

अंकल का लंड काफी छोटा था, शायद इसलिए ऐसा था.

अंकल ने किया भी कुछ भी नहीं था. पोर्न वाइफ फक में बस पुल्ल पुल्ल करके ठंडे हो गए थे.
फिर आंटी ने अंकल के लंड पर हाथ फेरा.

अंकल ने कहा- क्यों दुबारा चुदाई करनी है क्या?
आंटी ने कहा- हां, मुझको दुबारा चुदना है.

तभी मैं समझ गया कि आंटी को अंकल खुश नहीं कर पाए हैं, नहीं तो औरत दुबारा चुदाई के लिए कभी नहीं कहती है.
मैंने सोचा कि यदि मैं कोशिश करूं, तो शायद मेरी दाल गल जाए और मैं आंटी को चोद सकूं. क्योंकि वो चुदाई में अभी प्यासी हैं.

फिर आंटी बोलीं- मेरा तो अभी छूटा भी नहीं है.
अंकल ने कहा- तू साली पता नहीं क्या खाती है कि मेरा तो तेरे ऊपर चढ़ते ही छूट जाता है … और तेरे होता भी नहीं है.

आंटी ने कहा कि मैं मस्त हूँ ना … काफी गर्मी है मेरे अन्दर!
ये कह कर वो हंसने लगीं.

तब अंकल उनके ऊपर चढ़ गए और आंटी को किस करने लगे.
अंकल का लंड बैठा हुआ था.

आंटी के मम्मों को अंकल ने मसला और फुद्दी को चूसने लगे.
तभी आंटी ने कहा- आज मेरी फुद्दी चूस चूस कर मेरी चूत ठंडी कर दो.

अंकल ने कहा- अच्छा … जब तेरे पास लंड है, तो तेरे को मेरे मुँह से मुठ मरवाने में ज्यादा मजा आता है क्या?
उन्होंने कहा- मुँह से करो ना यार … मुझको अच्छा लगता है. तुम फुद्दी बहुत अच्छे से चूसते हो. साथ में इतनी देर में आपका लंड भी तैयार हो जाएगा.

अंकल ने कहा- ठीक है, पर कल की तरह मत करना, मुकर मत जाना फुद्दी देने से!
आंटी ने कहा- मैं नहीं मुकरूंगी. एक बार मेरी मुठ मार दो, फिर जो चाहे मर्जी कर लेना.

अंकल ने कहा- ठीक है.
आंटी ने अपनी टांगें खोल दीं और अंकल आंटी की फुद्दी को जीभ से चोदने लगे.

आंटी आह आह करके कराहने लगीं.
वो अंकल का सिर अपनी फुद्दी पर दबा रही थीं.

पांच मिनट बाद आंटी जोर से चीखने लगीं- उह उह और करो … आह.
उन्होंने अंकल का सिर जोर से फुद्दी में दबा दिया.
आंटी का काम हो गया था.
अंकल आंटी का सारा माल पी गए.

आंटी अब खुश लग रही थीं.
अंकल फिर से उन्हें किस करने लगे.

वो दोनों बैठ गए.
अंकल ने कहा- मेरी रांड खुश हो गयी ना!
आंटी ने कहा- हां.

अंकल ने उनकी फुद्दी पर हाथ फेरा और कहा- चल अब लेट जा.
आंटी ने कहा- आह … दर्द हो रहा है.

अंकल ने आंटी को धक्का देकर लिटा लिया और उनके ऊपर लेट गए.
आंटी ने कहा- छोड़ो यार, अभी दर्द हो रहा है. कुछ देर बाद में चोद लेना.

अंकल ने कहा- मेरी रांड, मेरा लंड तो अभी तैयार है. इसे छेदा चाहिए.
आंटी ने कहा- नहीं.

अंकल ने आंटी के गाल पर थप्पड़ मारा और उसके बाल खींच दिए.
आंटी चीखने लगीं.

अंकल ने उनके मुँह में लंड डाल दिया और कहा- चूस साली, अब मेरी मुठ मार.
आंटी अंकल का लंड चूसने लगीं और मजे से चूसने लगीं.

अंकल ने भी उनके बाल छोड़ दिए थे.
आंटी अपने आप उनका लंड चूस रही थीं.
अंकल उनके सिर पर हाथ रखकर खड़े थे, उनके बालों को सहला रहे थे.

तभी अंकल ने आंटी का सिर पकड़ा और वहीं रोक दिया.
अंकल का भी रस छूट गया था.

पोर्न वाइफ भी हसबैंड का सारा माल पी गयी थीं.
अंकल और आंटी पास में ही लेट गए.
आंटी अंकल के ऊपर लेट सी गयी थीं.

कुछ देर लेटने के बाद अंकल ने कहा- अब कुछ मूड है?
आंटी ने कहा- बस अब नहीं.

अंकल ने कहा- एक बार करते हैं, फिर सो जाएंगे.

आंटी ने कहा- नहीं, अब कल करेंगे. अगर अब किया, तो मेरी फुद्दी पहले की तरह छिल जाएगी, फिर कल मेरी मां को चोदोगे?
अंकल ने कहा- हां, तेरी मां को चोद लूँगा.
वो हंसने लगे.

आंटी ने कहा- अब सो जाओ, सुबह जल्दी उठना है.
अंकल ने कहा- ठीक है, पेशाब करने चलते हैं, फिर सोते हैं.
आंटी बोलीं- तुम हो आओ.

अंकल खड़े हुए और बाहर आने लगे.
मैं वहां से छत पर आ गया.

अब अगली कहानी में मैं लिखूंगा कि कैसे मैंने आंटी को सैट करके उन्हें चोदा.

वैसे तो मेरे कई सारे सुखद अनुभव रहे हैं और आज मैं आपके सामने उनमें से ही एक सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ।

इस यूनिवर्सिटी प्रोफेसर सेक्स कहानी को मैं अपनी एक प्रशंसिका ऋतु नामक लड़की के आग्रह पर लिख रहा हूँ।
कहानी शुरू करने से पहले मै अपने बारे में आपको बता दूं, मेरा नाम अमित (बदला हुआ) है और मैं एक मार्केटिंग प्रोफेशनल हूं।

मैं 29 वर्ष का अविवाहित युवक हूँ और मेरे लंड का साइज़ भी इतना मस्त है कि ये किसी भी लड़की या भाबी को चुदाई का पूरा मज़ा देता है।

मैं वाराणसी, उत्तर प्रदेश मैं रहता हूं और मेरी यह हॉट टीचर फक़ स्टोरी भी यहीं की है।

मुझे लड़कियों से ज्यादा भाभियों और शादी-शुदा महिलाओं की चुदाई करनें में ज्यादा मजा आता है।
मेरा आपसे यह अनुरोध है कि कृपया कोई भी पाठक मुझसे किसी भाभी या लड़की का नंबर या आइडी ना मांगे।

किसी भी भाभी या लड़की के लिए उसकी प्राइवेसी और गोपनीयता बनाए रखना बहुत ज़रूरी होता है और मैं हमेशा ऐसा ही करता हूं।
इसलिए ये देखते हुए मैंने कहानी में नाम बदल दिए हैं।

पहले मैं आपको अपनी कहानी की नायिका यानि कि उस खूबसूरत प्रोफेसर के बारे में बता देता हूं.
वे इसी शहर की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाती हैं,

मेरी उनसे मुलाकात एक प्रोग्राम के दौरान हुई जिसमें मैं अतिथि बनकर गया हुआ था।

हालांकि उस दिन मेरा ध्यान उन पर ज्यादा नहीं गया लेकिन उनका ध्यान मुझ पर ही था.
और यह मुझे प्रोग्राम खत्म होने के बाद मिले उनके पर्सनल व्हाट्सएप से पता चला जिसमें उन्होंने मेरी स्पीच के साथ-साथ मेरी भी तारीफ की थी।

उसके बाद से जब भी मैं यूनिवर्सिटी में जाता तो उनसे जरूर मिलता था.
और वे भी मुझसे उतनी ही खुशी के साथ मिलती थी.

धीरे-धीरे हमारी बात व्हाट्सएप पर होने लगी.
और कई बार मैं बिना काम के भी उनसे बातें करने लगा.
वे भी मुझसे सहर्ष बातें करती थी.
जिससे मुझे यह समझ में आने लगा कि वे भी मुझ में रूचि ले रही हैं।

बातों ही बातों में उन्होंने मुझे बताया था कि यहां पर स्टाफ क्वार्टर में वे अकेली ही रहती हैं. उनके पति और बच्चे दूसरे शहर में रहते हैं।

तो बस मैंने एक योजना बनाई और फिर एक दिन बातों ही बातों में मैंने उनसे कहा- कभी अपने घर चाय पर बुलाइए!
पहले तो उन्होंने मना किया.
लेकिन फिर मैंने कहा- यूनिवर्सिटी में तो साथ में चाय नहीं पी सकते. तो अच्छा होगा कि आपके घर पर ही चाय पी जाए!

इस पर वे मान गईं … शायद उनका भी मन मुझसे मिलने का था।

लेकिन अब अगली समस्या यह थी कि उनके घर किस समय जाया जाए क्योंकि स्टाफ क्वार्टर की बिल्डिंग में और भी लोग रहते थे.
और वे नहीं चाहती थी कि मुझे उनके यहां आते हुए लोग देखें.
नहीं तो बातें बनना शुरू हो जाएंगी।

गर्मी का मौसम का और सभी लोग सुबह 9:00 बजे तक अपने ऑफिस चले जाते थे.
इसलिए उन्होंने मुझे अपने घर 9:15 बजे तक बुलाया क्योंकि वे 11:00 बजे तक अपने ऑफिस जाती थी.

बस फिर क्या था … मुझसे भी इंतजार नहीं हो रहा था और मैं सुबह 9:00 बजे ही उनकी कॉलोनी के बाहर पहुंच गया.

फिर उनका फोन आया तो उन्होंने बताया कि दरवाजा खुला रहेगा.

9:15 बजते ही तुरंत मैं उनकी बिल्डिंग में दाखिल हुआ और उनके घर में घुस कर दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.

पहले तो उन्होंने मुझे पानी, फिर चाय ऑफर की.
फिर हम बैठकर बातें करने लगे.

अब क्योंकि हम इस तरह पहली बार मिल रहे थे तो दोनों ही थोड़ा शर्मा रहे थे.

लेकिन मेरी नजर उनके मस्त गोरे बदन और चूचों पर थी.
उनके मस्त फिगर की बात करूं तो गोरा कसा हुआ बदन, चूचे 32″, कमर 30″, और गांड 32″ रही होगी.

उन्होंने स्लीवलेस टॉप पहना हुआ था जिसमें से झांकती उनकी ब्रा मेरा तापमान बढ़ा रही थी.

उनको देखकर बातों ही बातों में मैं उन्हें चोद चुका था.
लेकिन अब असल में चुदाई होनी थी।

जब घड़ी में 10:00 बजे तो मैंने उनसे कहा- मुझे थोड़ा पानी चाहिए.
जिसके लिए वे रसोई में गई.

मैं यही चाहता था। मैं भी उनके पीछे किचन में गया और जाकर उनको पीछे से पकड़ लिया.
पहले तो वह थोड़ा शर्माई और मना करने लगी.
लेकिन मैंने उनकी बात नहीं सुनी और पीछे से ही उनकी गर्दन और गालों पर किस करने लगा और मेरे हाथ उतनी ही तेजी से उनके मम्मों और पेट पर चलने लगे।

मैंने उनके कानों पर किस किया और धीरे से अपनी गर्म सांस उनके कानों में छोड़ी जिससे वे और उत्तेजित हो गई और मेरी तरफ को घूम कर मुझे किस करने लगी.

किचन का तापमान अब हमारी गर्मी से बढ़ने लगा था.

वे मेरे होठों को चूसती और मैं उसके चूचों को दबाता.

इसी बीच मैंने अपना हाथ उनकी पैंटी में डाला तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि उन्होंने पहले से अपनी चूत के बाल साफ कर रखे थे.

मेरा हाथ एक नर्म मुलायम सी चूत पर चलने लगा.

फिर धीरे से मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाली तो वे अचानक से सिहर उठी और मेरे होठों को और जोर जोर से चूसने लगी.
उन्होंने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और हाथ रखते ही बोली- हाय राम, कितना बड़ा है … तुम्हारा जल्दी से दिखाओ मुझे!

कहते ही कहते मेरी बेल्ट खोलकर मेरी पैंट भी खोल दी और फिर मेरा अंडरवियर निकालकर मेरा लंड अपने हाथ में लेकर खेलने लगी।

अब हम किचन से निकलकर ड्राइंग रूम में आ गए थे.

रूम में चल रहा AC मानो कह रहा था कि कमरे का तापमान थोड़ा बढ़ाया जाए और हमने भी वैसा ही किया.

अब मैंने उनकी ब्रा उतार कर उनके चूचों को अपने हाथों में ले लिया और आहिस्ता आहिस्ता सहलाने लगा.
उनके चूचुक सहलाने से वे और उत्तेजित हो उठी.
उसकी उत्तेजना मेरे होठों पर साफ पता चलती।

देर ना करते हुए मैंने तुरंत उनके चूचों को चूसना शुरू कर दिया; कभी बायां तो कभी दायां!
एक अलग ही मजा था उनके चूचों को चूसने में!

और फिर बेड पर बैठ कर मैंने उनके सर को अपने लंड के ऊपर रखा और उसे इशारे से उसे चूसने को कहा.

पहले तो वे थोड़ा डरी कि कैसे मैं इतना बड़ा लंड चूस पाऊंगी.
लेकिन फिर अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए उन्होंने चूसना शुरू किया.

और सच बताऊं दोस्तो, ऐसा लंड चूसा उम्होंने कि मुझे लगा जैसे मैं जन्नत में हूं.

10 मिनट के बाद वे बेड पर लेट गई और अपने पैर फैला कर कहने लगी- डाल दो अंदर, अब रहा नहीं जाता, जल्दी से डालो जान!

मैंने भी लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर उसे गीला किया क्योंकि वह कॉन्डम इस्तेमाल नहीं करना चाहती थी.
फिर मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा.

पर वे उतनी ही तेज मचल रही थी- जल्दी से डालो मेरी चूत में!
फिर मैंने झटका दिया तो लंड थोड़ा साइड में हो गया.

उसने अपने हाथ से पकड़ कर लंड सेट किया और धक्का लगाने को कहा.
मैंने भी उसकी हां मिलते ही पहले अपने होंठ उसके होंठों पर रखे क्योंकि मुझे पता था कि वे चिल्लायेंगी.

फिर पूरी ताकत से मैंने उनकी चूत में अपना लंड पेल दिया.
वे बहुत जोर से चिल्लाई.
लेकिन उसके होंठ मेरे होंठो से दबे हुए थे जिससे उनकी आवाज बाहर नहीं आई।

वे मुझे नाखून गड़ाने लगी और गालियां देने लगी.

मैं भी और तेज उसे चोदता गया और कोई 5 मिनट बाद वो थोड़ा नॉर्मल हुई और कहने लगी- तुमने तो फाड़ दी पूरी चूत मेरी! बहुत बड़ा है तुम्हारा!

वे यही सब बोले जा रही थी और मैं मस्त चुदाई में व्यस्त था।

अब थोड़ी देर बाद हमने पोजिशन बदली और अब वे मेरे ऊपर आ कर बैठ गई.
उन्हें लंड पर बैठ कर चुदना बहुत पसंद था तो मैंने उन्हें इस तरह भी खूब चोदा।

और फिर थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें लेटा कर जोर जोर से चोदना शुरू किया.
चुदाई के दौरान वे गंदी गालियां भी देती जा रही थी.

बातों ही बातों में उन्होंने बोला- और किसे चोदना चाहते हो?
तो मैंने उनकी पड़ोसन रश्मि ( बदला हुआ नाम) का नाम बताया.

वे बोली- उसकी तो चूत ही फट जायेगी तुम्हारे लंड से!

रश्मि की बातें करते करते मैं उन्हें चोदता रहा और इस बीच वो दो बार अपने चूत का पानी निकल चुकी थी और उसका तीसरी बार निकलने वाला था.

अब मेरा माल भी निकलने वाला था तो मैंने पूछा उनसे- कहां निकालूं?
तो बोली- अंदर नहीं!

मैं मान गया.

फिर उन्होंने कहा- पहले मेरा पानी निकल जाए तो फिर तुम निकालना!
मैंने कहा- ठीक है.

और फिर वे दोबारा से मेरे ऊपर आकर मुझे पेलने लगी.
यह उनकी फेवरेट पोजिशन थी।

फिर मैंने अपने दिमाग को थोड़ा इधर उधर किया ताकि मेरा माल तुरंत न निकल जाए.
दोस्तो, यह ट्रिक होती है जल्दी झड़ने से रोकने की।

फिर अचानक से उन्होंने बहुत जोर से मुझे पकड़ा और चिल्लाते हुए 5-6 जोरदार झटके मारते हुए मेरे ऊपर ही लेट गई.
तो मैं समझ गया कि इन्होंने अपने चरम सुख को प्राप्त कर लिया है.

अब बारी मेरी थी।

मैंने तुरंत उनकी गांड को हाथ लगा कर हल्के से उठाया और उनकी पोजिशन में जोर जोर से पेलने लगा.
वे बोली- बस करो!

लेकिन मैं कहां रुकने वाला था, मैंने पेलना जारी रखा और कुछ मिनटों में मेरा माल बाहर आ गया जो मैंने उसके बिस्तर पर गिरा दिया.

और फिर उसे अपने ऊपर ही लिटाए हुए धीरे धीरे चूमता रहा।

ऐसा लग रहा था मानो मेरे शरीर से पूरा मैं खुद बाहर आ गया हूं.

हॉट टीचर फक़ के बाद मैं एकदम निढाल हो चुका था.
हमारी यह चुदाई का खेल लगभग 40 मिनट चला था जिसके बाद हम दोनों ही एकदम से ढीले हो चुके थे.

लेकिन फिर भी उसकी चूचियों को देख कर मेरा मन नहीं माना, मैं उन्हें पीने लगा.
वे मेरा सर सहलाने लगी.

फिर उन्होंने मुझसे वादा किया- अगली बार मैं रश्मि की चुदाई का भी जुगाड़ करने की कोशिश करूंगी जिससे हम तीनों ही चुदाई का मजा ले पाएं।

दोस्तो, यह तो थी मेरी और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर की चुदाई की कहानी.
उम्मीद करता हूं कि मेरा पहला लेख आपको पसंद आया होगा और मैं आग्रह करता हूं कि कॉमेंट में आप अपने विचार बताएं इस हॉट टीचर फक़ स्टोरी पर.

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दोस्तो ! सबसे पहले गुरु जी Hindi Sex Stories को कोटि-कोटि प्रणाम, जिनकी दया दृष्टि से मुझ जैसे नाचीज़ की चुदाई के किस्से अन्तर्वासना में छपे और मुझे लोगों का इतना प्यार प्राप्त हुआ ! चैट पर मुझे कई लौड़ों ने संपर्क किया और मुझे से कई प्रश्न पूछे गए ! सो दोस्तों और सभी पाठकों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत प्यार ! सभी कह रहे हैं,”सनी यार ! अपनी किसी और चुदाई के बारे लिखो !” मुझे पाठकों को निराश नहीं करना है क्यूंकि मैं गांड तो खूब मरवाता हूँ लेकिन हर किस्सा तो नहीं बताया जा सकता ! फिर भी मैं आपको नवीनतम चुदाई के बारे में अब बताने जा रहा हूँ !

मुझे शिक्षा बोर्ड में किसी काम से अपने नाम को दरुस्त करवाने जाना पड़ा ! मुझे अपना काम निपटाते हुए मोहाली में ही शाम के पांच बज गए ! मैं बस स्टैंड पहुंचा तो कुछ राहत मिली कि रात्रि सेवा के तहत रात की सर्विस थी ! मैंने विडियो कोच का टिकेट लिया और बस में बैठ गया ! वहां से बस पूरी भर कर चली ! मैंने टू सीटर सीट ली! मेरे साथ एक अच्छा खासा मर्द बैठा ! मेरी नज़र बार बार उस पे जा रही थी, उसके लौड़े वाले स्थान पर !

थोडा अँधेरा सा हुआ ! मैं बहुत चिकना हूँ और मुझे वो मर्द बहुत पसंद आया ! अब उसने भी नोट किया कि मेरी निगाहें उसके फूले हुए हिस्से पर जा रुकती हैं ! अब मुझे लगा कि वक़्त आ गया है अपना जाल बिछाने का !

मैंने कहा,”आप कहाँ जा रहे हो? क्या करते हो?”

ऐसे ही उसने भी मुझ से कुछ सवाल पूछें ! मेरे बोलने का स्टाइल और चेहरा वो पढ़ रहा था ! जैसे ही बस नवां शहर पहुंची, काफी बस खाली हो गई और इस बस में रास्ते की सवारी नहीं लेते थे ! मैंने देखा कि अब सामने वाली सीट खाली है ! किसी की नज़र अब मेरे पर नहीं पड़ने वाली ! मैंने उसके साथ फिर से बातें करनी शुरू की ! अब बाहर पूरा अँधेरा छा गया था ! इस बार मैंने कुछ और ही विषय चुना !

मैंने कहा,”आप बहुत हैण्डसम हो ! आपकी बीवी भाग्यशाली होगी !”

वो बोला,”अच्छा ???”

मैंने कहा,”बिलकुल !”

फिर मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रखते हुए कहा,” और नहीं तो क्या ! इतनी बरदस्त बॉडी है, मजबूत जांघें हैं ! और क्या चाहिए किसी को ?”

वो कुछ नहीं बोला ! मैंने अपना हाथ उसके फूले हुए स्थान पर रखते हुए कहा,”आपका तो यह भी बहुत कड़क लगता है ! और क्या चाहिए किसी को ??”

मैंने पैंट के ऊपर से ही उसको सहलाना शुरू किया ! अब उसने अपना हाथ मेरे गले में डाल दिया ! मैंने अब आराम से उसके लौड़े को सहलाते हुए पूछा,” कैसा लग रहा है?”

उसने कहा,”बहुत अच्छा !”

मैंने उसकी जिप खोल कर अपना हाथ अन्दर डाल दिया और लौड़े के सर पर हाथ फेरते हुए जड़ तक उसका मुआयना किया ! मैंने कहा,”बहुत सॉलिड पीस है आपका ! “

उसने पूछा,”अच्छा लगा ?”

मैंने कहा,” बहुत अच्छा ! “

हम आगे बढ़ने लगे, तभी लुधियाना आ गया ! बस रुकी और कंडक्टर ने सबको कहा,” अगर किसी ने खाना वगैरा खाना है तो खा लो ! बस ३० मिनट रुकेगी ! “

सभी यात्री उतर गए ! न वो उठा न मैं ! अचानक वो सबसे पिछली सीट पे जाने के लिए उठा ! बोला,”यह पैसे पकड़ और नीचे से कोल्ड ड्रिंक के साथ प्लास्टिक ग्लास ले कर आ !”

उसके पास विस्की का पौवा था ! ज्यादा लोग नहीं थे बस में ! उसने दो पैग डाले और दोनों ने डकार लिए ! मैंने अब दिल खोल कर उसके पप्पू को निकाला और देखता रह गया ! सांवला लौड़ा मेरी कमजोरी है ! मैंने लौड़े को सहलाते हुए चेहरा झुकाया और चूसने लगा ! वो मस्त होने लगा ! तभी सीटी की आवाज़ सुन हम सीधे हो गए ! बस चल पड़ी ! सिर्फ दस के करीब सवारी बचीं थी ! उनमें से ४ तो शादीशुदा जोड़े थे ! सभी बैठ गए ! कंडक्टर आगे ड्राईवर के पास बैठ चुका था ! उसका काम अब ख़त्म था ! सभी जोड़े एक दूसरे से चिपक रहे थे ! हम अन्तिम सीट पे थे ! पूरी लम्बी की लम्बी सीट !

नशे के सरूर ने मुझे पागल कर दिया ! मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसका लौड़ा निकाल कर चूसने लगा ! सफ़र की वजह से मैंने सिर्फ लोअर डाला था ! उसने मेरा लोअर नीचे खिसकाते हुए मेरी गांड पे हाथ फेरा तो मेरी प्यास बढ़ गई ! उसने अपनी ऊँगली गीली करके मेरी गांड में डाल दी और वो ऊँगली-बाज़ी करने लगा ! मैं उसका लौड़ा चूसने लगा ! इतने में जालंधर आ गया !

वो बोला,”तू मेरे साथ चल ! मुझे तेरी गांड मारनी है !”

“लेकिन कहाँ ?” मैंने पूछा !

वो बोला,”यहीं पास ही मेरे दोस्त ने कमरा लिया हुआ है ! वो दिल्ली से यहाँ पढ़ने आया है ! अकेला रहता है, चलो चलते हैं !”

मैंने कहा,”ठीक है !”

हमने रिक्शा किया और पहुँच गए उसके दोस्त के घर ! बाहर रुक कर उसको मोबाइल किया और मेरे बारे में बताया ! उसका दोस्त भी बहुत हैण्डसम था ! मेरे साथ आया व्यक्ति बोला,”यह सनी है ! बस में इसके साथ दोस्ती हुई है और इसको खुश करना है !”

वो बोला,”ओह ! समझ गया दोस्त ! आ जाओ, घर में दारू पड़ी है !”

हमने दो दो पैग लगाये ! नशा आते ही मैं बेशर्म बन गया और उसका एक एक कपड़ा उतार दिया ! मैं उसका लौड़ा चूसने लगा ! दूसरे वाले ने मेरा लोअर खींच दिया और मेरा अंडरवियर नीचे खिसका कर मेरी गांड सहलाने लगा ! पहले वाले ने खींच कर मेरी शर्ट उतार दी ! मेरे लड़की जैसे मम्मे देख दोनों दंग रह गए ! वो सीधा लेट गया ! मैं उसके लौड़े पर बैठा हुआ उसको पूरा अंपनी गांड की गहराई तक पहुंचा लिया और खुद आगे पीछे हो चुदने लगा ! वो साथ में मेरा मम्मा मुँह में डाल कर चूस रहा था !

उसका दोस्त मेरे पास आया ! मैंने उसका लौड़ा निकाल लिया! क्या सॉलिड था वो भी ? गुलाबी लौड़ा ????? मेरे तो मुँह में पानी आ गया और मैंने झट से उसके लौड़े को चूसना चालू किया ! पहला वाला धनाधन मेरी गांड पे वार करने लगा ! मैं घोड़ी बन गया ! मैंने उनकी ओर अपनी गांड घुमाई! पहले वाले ने थूक लगा के अपना लौड़ा फिर से अन्दर डाल दिया ! उसका दोस्त मेरे सामने घुटनों के बल खड़ा अपना लौड़ा चुसवा रहा था ! दो-दो लौड़े देख कर मुझे सेक्स चढ़ने लगता !

वो बोले,” साले ! तू तो लड़की जैसा है ! कितना नाज़ुक और चिकना है तेरा बदन ?? ऊपर से यह मम्मे ? कोई १७ साल की लड़की जितने होंगे !”

“सालो ! दबवा -दबवा कर हुये हैं ! चोदो बस मुझे !” मैंने कहा !

“अभी ले साले ! दो लौड़े एक साथ डालेंगे तो फट जायेगी तेरी ! देखता जा बस ! ” उनमें से एक बोला !

वो गया और फ्रिज में से काफी मोटा खीरा ले कर आया ! उसने अपने दोस्त को दिया और पास में पड़ी बियर की बोतलें उठाई ! उसने अपना लौड़ा निकाला और पहले बियर की बोतलें घुसा दीं और मुझे उसी से चोदने लगा ! मैंने दोनों के लौड़े बारी-बारी चूस रहा था ! उसने बोतलें दूसरी तरफ रख कर खीरा मेरी गांड में घुसा दिया ! काफी मोटा था ! थोड़ा सा तेल लगा कर करीब ५ मिनट दोनों ने खीरे से मुझे चोदा ! देखते ही देखते मैंने पूरा खीरा अन्दर डलवा लिया !

एक दम से दोनों ने कंडोम अपने लौड़ों पर डाल लिए ! वो सीधा लेट गया और मैं उसके लौड़े पर बैठ गया ! पूरे का पूरा लौड़ा मेरी गांड में घुस गया ! साथ में उसने अपनी दो ऊँगली भी डाल ली ! पूरा घुसने पर उसने मुझे अपने साथ चिपका लिया ! अब पीछे से मेरी गांड चौड़ी हो गई ! दूसरा व्यक्ति मेरे पीछे बैठ गया और ऊँगली निकाल उसकी जगह अपना लौड़ा रखते ही दबाया ! दूसरे का लंड-मुंड भी मेरी गांड में घुस गया !

मेरी चीख निकल गई,”छोड़ दो, पलीज़……….! ” मैंने कहा,” एक- एक करके लो !”

किन्तु वो नहीं माना और आधे से ज्यादा लौड़ा मेरी गांड में घुसा कर रगड़ने लगा ! मेरा बुरा हाल था ! धीरे धीरे मुझे सुकून मिला और वो धक्के लगाने लगे !

एक बार दोनों ने मेरी गांड में दो लौड़े डाल कर दिखा दिया ! फिर एक ने निकाल लिया और दूसरे ने तेजी से गांड मारते हुए अपना माल कंडोम में छोड़ दिया ! दूसरा मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने भी कुछ देर मेरी गांड फाड़ने के बाद एक दम कंडोम उतार दिया और पेल दिया ! तीनों हांफने लगे ! दोनों मुझे चूमा-चाटी करते रहे और मैं उनके लौड़े सहलाता रहा ! उन दोनों के लौड़े आधे घंटे में फिर से तन गए और फिर शुरू हुआ दूसरा राउंड !

दो-दो बार चोदने के बाद हम नंगे वहीं सो गए ! सुबह ११ बजे मेरी आंख खुली ! मैं झट से उठा लेकिन उसके दोस्त ने मेरी बाजू पकड़ कर रोक लिया ! बोला,”छोड़ ! कितनी गर्मी है बाहर ! कल सुबह-सुबह निकल जाना ! एक रात और रुक जा ! रात को तुझे और मजे दिलवाऊंगा अपने दो नए दोस्तों के साथ ! “

मुझे ग्रुप सेक्स का शौक था ! वो बोले,” पास में दो और गांडू रहते हैं ! साथ-साथ करेंगे ! “

मैं मान गया और फिर हम मिल कर नहाने लगे ! बाथरूम में फिर से ठुकाई हुई मेरी !!!

उसके बाद क्या हुआ रात को यह अगली बार लिखूंगा ! बाय !!! Hindi Sex Stories

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