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Massage Girl in Panchkula: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Panchkula who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Panchkula that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Panchkula massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Panchkula who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Panchkula massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Panchkula massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Panchkula who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Panchkula employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Panchkula helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Panchkula

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Panchkula at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

प्रेषक : रणवीर Hindi Sex Stories

मेरा नाम रणवीर, मैं इंदौर का रहने Hindi Sex Stories वाला हूँ। मैंने अपनी सामने रहने वाली रिया से अपने प्यार का इज़हार किया। शायद वो भी मुझे प्यार करती थी, हम दोनों फ़ोन पर ही प्यार की बातें करते थे।

एक दिन उसके घर पर कोई नहीं था, उसका फ़ोन आया और उसने मुझे घर पर आने को कहा। उसके घरवाले तीन दिन के लिए भोपाल गए थे। मैं समझ गया कि आज तो मेरी जिन्दगी का पहला मौका आ ही गया सेक्स करने का !

मैं मस्त नहा कर, दूसरों की नज़रें बचाकर रिया के घर पहुँच गया। रिया भी नहा कर मेरा इंतज़ार कर रही थी। मैं उसके पहुँचने के बाद उसके कमरे में गया। रिया ने पीले रंग का सलवार-कमीज़ पहना था। वो अपने बाल संवार रही थी, उसने मुझे देख कर बैठने को कहा बाहर हॉल में !

मैं उसका इन्तज़ार कर रहा था, रिया मेरे लिए पानी लेकर आई, मैंने पानी पिया। फिर वो मेरे पास बैठ गई, हम दोनों एक दूसरे को देखने लगे। फिर मैंने हिम्मत करके रिया का हाथ पकड़ लिया।

रिया बोली- दूर क्यों बैठे हो ? मेरे पास आकर बैठो !

मैं रिया से बिल्कुल चिपक कर बैठ गया। अचानक रिया से मुझे चूमना चालू कर दिया, मैं भी उसका साथ देना लगा। उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगीं। मैं उसके स्तन ऊपर से ही सहलाने लगा। उसके मुँह से अहह्ह्ह्ह्हह की सिसकरियाँ निकलने लगीं। मैंने अपना हाथ नीचे की तरफ़ खिसकाना शुरू किया, मेरे दिल की धड़कनें बढती ही जा रहीं थीं। मैंने अपना हाथ अब उसकी सलवार के अन्दर घुसा दिया और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा।

रिया अब बिल्कुल गरम हो चुकी थी, वो अब सेक्स के लिए बेकरार थी। मैंने उसका सलवार-कुर्ता उतार दिया। अब रिया केवल ब्रा और पैंटी में ही थी। गुलाबी रंग की ब्रा-पैंटी में वह बहुत ही सेक्सी लग रही थी। उसकी बोबे ब्रा में से निकलने को बेताब हो रहे थे। मैंने उसकी ब्रा को अलग किया। रिया के दोनों दूध अलग हो गए। रिया के बोबे कठोर हो रहे थे। मैंने जैसे ही रिया के बोबे के निप्पल को मुँह में लेकर चूसा, उसकी सिसकारी निकल गई।

रिया ने भी अब अपना हाथ मेरे पैंट के अन्दर डाल दिया। मैं उसकी चुचियों को पागलों की तरह चूस रहा था। उसने अपने हाथ से मेरा लंड मसलना शुरू कर दिया।

मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी योनि का एक चुम्बन लिया, रिया पागलों की तरह चिल्ला उठी। मैंने उसकी पैंटी को उतार दिया। रिया अपनी चूत को अपने हाथों से छुपा रही थी, उसे शरम आ रही थी। मैंने उसके हाथों को हटा कर उसकी चूत को जैसे ही देखा मैं हैरान रह गया। गुलाबी रंग की चूत बिना बालों के बड़ी ही सुंदर लग रही थी। मैंने उसके जिस्म को पैरों से लेकर उसके होठों तक बड़ी ही जोश से चूमा, कोई भी अंग और जगह खाली नहीं बची होगी, जहाँ मैंने उसे नहीं चूमा हो।

अब रिया बोली- प्लीज़ जल्दी करो, मेरे बदन में आग लग रही है !

मैं बोला- मेरी जान ऐसी भी क्या जल्दी है। पहले मुझे तुम्हारी चूत को चूसने तो दो।

और मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया। रिया के मुँह से जोर-जोर की सिसकारियाँ निकल रहीं थीं- हाय ये क्या कर रहे हो ? मेरे तो आआ उस्स्स्स्स्स ………. स्स्स्स्स्स् .. धीरे … प्लीज़… दर्द हो रहाआआआ है… उईए… म्माआआआ…. आआआहह….. रुक्ककक….. जाओ…..

मैं उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा।

रिया बोली- प्लीज़ अब मुझे मत तरसाओ, प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत में घुसा दो।

मैं बोला- अभी नहीं डार्लिंग… अभी तो मज़ा आया है। मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल कर जैसे ही अन्दर बाहर किया, उसने मेरा सिर अपने हाथों से ज़ोर से पकड़ कर अपनी जांघों से जोरों से दबा लिया और उसकी चूत से पानी निकलने लगा, रिया झड़ने वाली थी।

मैं रुक गया और बोला- अब तुम मेरा लंड अपने मुंह में लेकर चूसो।

रिया शरमाने लगी, पर वो मान गई और मुँह में मेरा लंड लेकर चूसने लगी। उसने काफी देर तक मेरा लंड चूसा और मैं अपने एक हाथ की ऊँगली उसकी चूत में करने लगा। उसके मुंह से फुच्च-फुच्च की आवाज़ आ रही थी। अब मैं अपना लंड उसके मुंह से निकाल कर उसके चूत की फाँकों पर रगड़ने लगा, रिया के मुँह से सिसकरियाँ निकल रहीं थीं। रिया पागल हो रही थी चुदने के लिए।

मैंने अपने लंड का टोपा चूत पर रख कर थोड़ा सा धक्का लगाया, उसकी चूत ने पूरा लंड अंदर ले लिया, रिया की चीख निकल गई और वह बोली- हाय मैं मर गई, प्लीज़ बाहर निकालो !

मैं बोला- अभी एक मिनट में दर्द बन्द हो जाएगा और तुम्हें मज़ा आने लगेगा।

अब मैंने थोड़ा सा लंड और अन्दर किया, रिया चिल्लाने लगी, बोली,”प्लीज़ बाहर निकाल लो, नहीं तो मर जाऊँगी ! रुक जाओ प्लीज़ ! दर्द हो रहा है, अभी इतना ही अंदर डाल कर चोदो मुझे।”

उसकी सील टूट चुकी थी और वो अब मेरा लंड अपनी चूत में आराम से अंदर ले रही थी। मैंने उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू कर दिया। दो-तीन मिनटों में उसका दर्द जब कुछ कम हुआ तो उसे मज़ा आने लगा। वो बोली,”थोड़ा और अंदर डाल कर और तेज़ी… से चोदो… मुझे !”

मैंने थोड़ा और अंदर दबाया तो मेरा लंड उसकी चूत में ४” तक घुस गया। मैं अपनी गति को बढ़ाते हुए उसे चोदने लगा। वो अपना चूतड़ आगे-पीछे करते हुए मेरा साथ दे रही थी। पाँच मिनट तक चोदने के बाद वो बहुत ज्यादा जोश में आ गई। मैंने अपना पूरा लंड एक ही बार में उसकी चूत में धकेल दिया, रिया को बहुत दर्द हुआ और उसकी चूत से खून भी निकल आया। वो डरने लगी पर खून ज़ल्दी ही बंद हो गया।

अब मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए अब रिया को मज़ा आने लगा और वो भी अपने चूतडों को हिला-हिला कर मेरा साथ देने लगी। उसके मुँह से बड़ी ही मादक-मादक आवाजें निकल रहीं थीं। रिया कहने लगी- प्लीज़ ज़ोर से धक्का लगाओ और सारा लंड अन्दर कर दो, बड़ा ही मज़ा आ रहा है।

मैंने अब अपना सारा ६ इंच का लंड उसकी चूत के अन्दर घुसा दिया। रिया के मुंह से स्स्स्स्स्स्स्स आह आह्ह्ह उस्सुसुसू जैसी मादक आवाजें निकाल रही थी। मैंने अब रिया की चूत में से अपना लंड निकाल कर उसको घोड़ी स्टाईल में खड़ा कर उसकी चूत में लंड घुसा दिया और धक्के मारने लगा। उसको और मज़ा आने लगा। उसके चूतड़ मुझे बहुत ही आनंद दे रहे थे। २ मिनट में ही वो अपनी चूतड़ उठा-उठा कर मेरे हर धक्के का जवाब देने लगी। मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी।

रिया बोली- मुझे कुछ हो रहा है। लगता है मेरी चूत से पानी निकलने वाला है। खूब ज़ोर-ज़ोर से धक्का लगाओ।”

मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। मैंने बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी।

वो बोली, “आआआ!!! मैंऽऽऽ आआआऽऽऽ रहीऽऽऽ हूँऽऽऽ और तेज़ ऽऽऽ और तेज़ ऽऽऽ” उसकी चूत से पानी निकलने लगा और मेरा सारा लंड भीग गया। मैं भी बिना रुके उसे आँधी की तरह चोदता रहा। लगभग २० मिनट तक चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। इस दौरान वो भी ३ बार झड़ चुकी थी। लंड का पूरा पानी उसकी चूत में निकल जाने के बाद मैं हट गया।

उस दिन मैंने उसे ६ बार चोदा और जब कभी मौका मिलता उसे चोदता हूँ। Hindi Sex Stories

Antarvasna

ये कहानी मेरी और रिया की है। हम दोनो के नाम इसमें Antarvasna बदले हुए हैं। दरसल, रिया मेरी मौसी की लड़की है।
मेरी मौसी की लड़की यानी मेरी मम्मी की मौसी की लड़की की लड़की। रिया मुझसे दो साल बड़ी है। रिया के परिवार से हमारे बहुत अच्‍छे रिश्तें है।
रिया को मैं बहन ही मानता था। परन्तु, मुझे रिया की बड़ी बहन रानी और उसके बड़े भाई ने ही बिगाड़ा था।

रिया की नानी मेरी नानी के घर के पास ही रहती थी क्योंकि वो बहुत छोटी उम्र में ही विधवा हो गई थी और उनके केवल दो लड़की ही थी। इसीलिए मेरे नाना उनको अपने पास ही लियाऐं थे। और उनको अपना एक घर भी दे दिया था।
रिया की नानी अकेली रहती थी इसीलिए रिया की मम्मी ने गाँव में नानी के पास अपनी बड़ी लड़की रानी को छोड़ दिया था।

हुआ यूँ कि एक बार मैं अपनी मम्मी के साथ नानी के घर गया। शाम को मैं नानी के घर से रिया की नानी के घर चला गया। वहाँ पर मुझे रिया की बड़ी बहन रानी मिली।

रानी ने दरवाज़ा खोला और मुझको अंदर बुला लिया। मैं अंदर पहुँचा और एक खाट पर बैठ गया। वहीँ पर रानी भी मेरे पास बैठ गई। कुछ देर तो उसने मुझसे बात की। फिर थोड़ी देर बाद वो लेट गई और अपनी सलवार में हाथ डालकर हिलाने लगी।

कुछ देर तो मैं भी यूँ ही देखता रहा और फिर मैंने पूछा के ये क्या कर रही हो। उसने कहा के मेरी चूत में खुजली हो रही है। मैं इसको खुज़ा रही हूँ।

मैंने कहा- ये चूत क्या होती है तो वो बोली अभी तू बच्‍चा है बड़ा हो कर जब चूत मारेगा तो सब समझ जाएगा।

मैंने कहा- मारेगा?
तो वो बोली- हाँ तभी तो बच्‍चे पैदा होते हैं।
मैंने कहा- इसे कैसे मारते हैं?
वो बोली- किसी से तू कुछ कहेगा तो नहीं?
मैंने कहा- नहीं।
तो बोली- वादा कर !
मैंने कहा- वादा रहा।

फिर उसने झट से अपनी सलवार उतार दी और मुझसे बिल्कुल चिपक गयी। मुझे कुछ पता ही नही था मेरी समझ में नही आ रहा था कि हो क्या रहा है। फिर मैं बोला- ये क्या कर रही हो?

वो बोली- चूत मारना सीखना है या नहीं?

मैं चुप रहा।

फिर वो बोली- तू मुझको आज खुश कर दे फिर तुझको मैं रिया की चूत भी दिलवा दूँगी.
मैंने कहा- रिया की?

वो बोली- हाँ। रिया को कुछ दिन बाद एक लंड की जररूत होगी और तुझको एक चूत की। इसीलिए, तुम दोनो आपस में कर लेना।
मैंने कहा- अभी क्यों नही तो बोली अभी रिया छोटी है।

मैंने कहा- कितने दिन और लगेंगे उसको वो बोली जब वो बडी होगी जब मैं तेरे से ही उसकी सील तुडवाऊंगी। अब तू चुप हो जा मुझको मज़ा आने लगा है।

फिर मैं चुप हो गया और उसे बस करते हुए देखता रहा उसने धीरे से मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरे लंड को निकालकर अपनी चूत पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी और बीच-बीच में बोल रही थी कि खड़ा कर मुझे पता नही था कि खड़ा कैसे होता है।
फिर उसने मेरे छोटे से लंड को अपनी चूत पर रखकर ज़ोर से झटका मारा पर मेरा लंड हल्का सा ही अंदर गया था वो बोली इसे अंदर डाल ना मैं भी कोशिश करने लगा तो मेरा लंड उसने हाथ से पकड़कर अंदर कर दिया और धीरे धीरे हिलने लगी अब उसका पानी निकलने लगा था।

वो बोली मुझको मज़ा आ रहा है थोड़ी देर और अंदर की तरफ ज़ोर लगा और ऊपर-नीचे हो।

मैंने ऐसे ही किया थोड़ी देर बाद फिर वो बोली अब हट जा मुझको तूने मज़ा दे दिया। और उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया। फिर वो मेरे लंड को पकड़ कर बोली ये अभी छोटा है इसे बड़ा करना पड़ेगा। क्योंकि लंड जितना बडा और मोटा होता है उतना ही लडकी और औरत को मज़ा आता है औरत और लडकी को बार-बार चुदने के ‍लिए कहीं ओर नही जाना पडता और तुझको भी तो बहुत मज़ा आएगा। क्योंकि तेरा लंड भी तो टाईट और सही जायेंगा। जब लंड, चूत और गाँड में टाईट और सही जाता है तो फिर दोनो को खुब मज़ा आता है।

फिर उसने मेरे गीले लंड को अपने मुंह में ङाल लिया और उसे चाटने लगी और उसे आइस्क्रीम की तरह चूस भी रही थी।
फिर दरवाज़े पर कोई आ गया। उसने मेरे लंड को मुंह से निकाला और पैंट के अंदर कर दिया और मुझ से बोली अपनी पैंट बंद कर ले।

फिर वो उठी और सलवार का नाडा बाँधते हुए दरवाज़ा खोलने चली गयी। वहाँ पर एक पड़ोस का आदमी था। उन दोनो में कुछ बात हुई और वो चला गया फिर रानी अंदर आई।

मैं बोला- अब रिया की सील कब तुड़वाओंगी फिर वो बोली अभी तेरा बहुत छोटा है इसे बड़ा कर।
मैंने पूछा- ये बड़ा कैसे होगा।
वो बोली- इसे चुसवाना !
मैंने कहा- तो तुम्ही बड़ा कर दो !

वो बोली- ठीक है। लेकिन जब तू मुझे मिलेगा तो मैं तेरा ये बड़ा करूंगी और तू मुझे खुश कर देना।
मैंने कहा- ठीक है।

फिर मैं अपनी नानी के घर आया और रात को खाना खाकर सो गया। सुबह हम जल्दी उठे और अपने घर पर आ गये।

अब मेरा रानी से कोई कॉन्टेक्ट नही था। दो साल बाद मैं एक दिन रिया के घर गया वहाँ पर मुझे रिया का बड़ा भाई मिला। वो दिन राखी का दिन था।

रिया की गली की एक लड़की आ‍ई हुयी थी जो रिया की सहेली थी। उसका नाम अंजू था। अंजू का रंग एक दम गोरा बिलोरी आँखें चूची छोटी छोटी बाल लंबे उसने एक महरुन फ्राँक पहन रखा था। फिर कुछ देर बाद रिया के घर पर हम छुपा छुपी का गेम खेलने लगे।

रिया, मैं, रिया का बड़ा भाई, अंजू और गली के कुछ बच्चे। मैं, अंजू और रिया बड़ा भाई एक स्टोर रूम में छुप गये।

वहाँ पर मैंने देखा के रिया का बड़ा भाई अपना लंड निकल कर खड़ा था। उसका लंड बहुत बड़ा था। और वो अंजू को अपनी तरफ खींच रहा था। अंजू मना कर रही थी। और कह रही थी की गॅप सब को बता देगा। फिर रिया के बड़े भाई ने मुझसे पूछा के तू बताऐंगा तो नही।

मैंने कहा- एक शर्त पर, अगर मुझे भी सिख़ाओगे तो !
वो बोला ठीक है। रात को सब कुछ बता दुंगा।

फिर उसने अंजू की फ्राक ऊपर की और उसकी कच्‍छी उतार दी। वो संदूक पर बैठा और अंजू को अपने ऊपर बैठा लिया और अंजू को ऊपर-नीचे करने लगा। कुछ देर बाद मुझे रानी की लंड बड़ा करने की बात याद आ गई।

मैं भी अंजू के मुहूँ में लंड देना चाहता था पर दरवाज़े पर खट खट की आवाज़ हुई अंजू एक दम खड़ी हो गई और अपनी कच्‍छी ऊपर की और हम सब बाहर आ गये।

अब रिया के बड़े भाई की ढूंढने की बारी थी। अब की बार मैं और अंजू उस ही स्टोर में छुप गये। मैंने धीरे से अंजू का हाथ पकड़ लिया।

वो अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी। मैंने उससे पूछा की तुम क्या कर रहे थे। वो बोली तेरा भाई मेरी चूत मार रहा था।

मैंने कहा अच्‍छा तो ये बात है। फिर वो बोली तू भी मेरी चूत मारेगा क्या। मैंने कहा नही मुझे तो अपने लंड को बड़ा कराना है।

वो बोली- अच्‍छा तो लंड चूसवाना चाहता है। चल ठीक है, वो बोली निकाल अपना लंड देखो कितना बड़ा है।
मैं बोला- खुद ही निकाल ले।

उसने मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरा लंड निकाल लिया।

जैसे ही उसने मेरे लंड को छुआ तो मेरा लंड बड़ा हो गया और एक रोड के समान सखत हो गया।

फिर मुझे अच्छा भी लगने लगा तो बोली तेरा लंड तो बड़ा हो गया मैंने कहा इसे और बड़ा कर। तो वो बोली, किसी को मारेगा क्या फिर वो मेरे लंड को चूसने लगी। करीब पाँच मिनट बाद वो बोली क्या पहली बार कर रहा है। तो मैंने उससे रानी के बारे में बता दिया।

तो वो बोली- रानी ने अपने भाई के साथ ही कर लिया।

तो मैंने कहा- तू भी तो भाई को राखी बाँधती है। वो बोली हम सगे तो नही है। मैंने कहा हम भी सगे नही है। फिर वो बोली चल बाहर चल वरना सब को शक हो जाऐगा।

फिर हम बाहर आ गयें और अंजू अपने घर जाने लगी।
अंजू बोली- गॅप घर आ जाना !
मैंने कहा- ठीक है।

रात को मैं और रिया का बड़ा भाई अंजू के घर चले गये। अंजू के घर पर केवल वो और उसकी छोटी बहन ही थी। फिर मैंने भाई से कहा मुझे भी सीखना है।

वो बोला अभी रूक जा उसकी छोटी बहन को सो जाने दे। रात को करीब एक बजे अंजू हुमारे पास आ गई।

अब भाई मुझसे बोला तूने कभी चूत देखी मैंने कहा नही तो अंजू हँस पड़ी। मैं उसकी हँसी का मतलब समझ गया था। क्योंकि मैंने शाम को उसे रानी के बारे में बताया था। फिर भाई ने उसकी फ्राक ऊपर की और मैंने देखा कि अंजू ने फ्राक के नीचे कुछ भी नही पहन रखा था। फिर भाई ने उसे लिटाया और उसकी टांग ऊपर कर के चौडा दी। फिर वो बोला देख ये होती है चूत।

मैने देखा कि अंजू की चूत एक दम गुलाबी थी और उस पर घूघंराले बाल थे। फिर भाई बोला बहन की लोड़ी ! मैंने तुझसे कहा थे के बाल साफ कर लेना।

वो बोली- बहन के लंड ! तूने मुझको टाइम ही कहाँ दिया।
फिर भाई बोला- बहनचोद आज तेरी चूत ना फाडी तो मैं भी मर्द नही।

इतने में अंजू ने मुझे अपनी तरफ खींचा और बोली तेरा लंड बड़ा करूं और उसने मेरी पैंट उतार दी। और अंडर‍वियर के बीच में हाथ डालकर लंड निकाल लिया।

फिर भाई से बोली ओऐं बहन के लौड़े ! जल्दी से चोद। मुझे वापिस अपनी बहन के पास जाना है।
वो बोला- ठीक है।

भाई ने मुझे अपने पास बुलाया और मुझे चूत मारने का तरीका बताने लगा। भाई ने अंजू की चूत की दोनो तरफ की खाल अलग कर दी।

अब उसकी चूत साफ दिख रही थी। भाई ने अपना लंड उसकी गुलाबी चूत के लाल दाने पर रखा और एक ज़ोर से झटका दिया। अंजू को बहुत दर्द हुआ।

उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और अपना सर इधर उधर हिलाने लगी। और उसकी चूत से खून भी निकल रहा था। फिर भा‍ई थोड़ी देर रुका। अंजू भी मुझे देख रही थी और मुझे भी मज़ा देना चाहती थी पर दर्द के कारण कुछ कर नही पा रही थी।

फिर कुछ देर बाद उसका दर्द बंद हुआ। फिर वो बोली कर ना ! जल्दी मुझे जाना है। और वो मेरा लंड पीने लगी अब मुझे और भी अच्छा लग रहा था। फिर भाई उसे चोदने लगा।

कुछ देर बाद अंजू के मुँह से निकाला के ज़ोर से चोद मेरी चूत फाड़ और वो मेरे लंड को जोर से और पागल की तरह चूस रही थी। फिर वो भाई से बोली लंड निकाल मैं झडने वाली हूँ। भाई ने अपना लंड निकाला तो भाई के लंड से सफेद पानी निकला।

मैं बोला- ये क्या है?
तो भाई बोला- इसी से बच्‍चे बनते हैं। इसी तरह का पानी इसकी चूत छोड़ रही है।
फिर मैंने कहा- मुझे देखना है !

तो भाई ने अंजू की टांग ऊपर की और उसकी चूत फाड़कर दिखाने लगा। तो अंजू की चूत से खून और सफेद पानी निकल रहा था। वो बोला आज इसकी सील टूटी है। इसी लिए इसकी चूत से खून निकल रहा है।

फिर मैं अंजू के पास गया और अंजू अपने आप ही मेरे लंड पकड़ कर चूसने लगी कुछ देर बाद मुझे अंदर कुछ अच्छा महसूस हुआ और मेरा सारा पानी अंजू के मुँह में निकल गया।

वो बोली ये क्या किया गंदा ना हो तो। मैंने कहा मुझे पता ही नही चला। फिर वो उठी और अपने आप को साफ करके और अपने कपडे सही करके चली गई।

अब मुझे रिया के बारे में ख्याल आने लगा कि मैं भी उसकी सील तोड़ूंगा। क्योंकि मुझे रिया की बड़ी बहन ने वादा किया था।

फिर उस रात मैंने भाई से सारा गुप्त ज्ञान ले लिया। और उसके बाद उसकी बहन रिया को और रानी को, अपनी बुआ को, पडोस की तीनो बहुओं को, अपनी सग़ी चाची को, अपने मामा की लड़की को, अपनी दो मेडम को, अंजू को, अपने गुरु की तीसरे नंबर की लडकी को चोदा और इनके अलावा भी कईयों को चोदा है। Antarvasna

Antarvasna

अभी तक आपने पहले भागों में पढ़ा Antarvasna कि प्रिया की मैंने पहली बार कैसे चुदाई की थी। वो पूरी तरह से संतुष्ट होकर मेरे घर से गयी थी। अब आगे की कहानी और जानें कि आगे की चुदाई कैसे हुई।

प्रिया ने मुझसे लंड को पकड़ कर लेट जाने को कहा मैंने वैसा ही किया तो प्रिया ने खड़े खड़े ही अपनी नंगी गोरी टांगें, चमकती हुई गोरी गुलाबी जांघें, मस्त चूतड़ और उनकी जांघों के बीच से झांकती हुइ उसकी मस्त गंजी चूत देखकर मैं तो पागल हो गया।

मेरा लंड तो और भी खींचा जा रहा था और मेरे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा था कि उसकी चूत का रस चूसते हुए उसके जांघों को खा जाऊँ।

प्रिया के गुलाबी बूब मुझको बेचैन कर रहे थे, इसी बीच उसने अपने दोनों हाथ ऊपर को कर दिये तो उसके बूब्स और बगल मुझे और उत्तेजित करने लगे।

मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और उसके बूब्स देखकर तो मैं एकदम बेचैन सा हो गया और मैंने प्रिया के बूब्स को मुंह में लेकर उनको चूमना और चाटना शुरु कर दिया। प्रिया कभी अपने बूब्स को ज़ोर से दबाने को कहती और जब मैं ज़ोर से दबाता तो कहती अरे धीरे से क्या मार डालोगे मुझे।

प्रिया के चूचियों पर मालिश करने में बड़ा मज़ा आ रहा था पर मैं आज उसे इतनी जल्दी छोड़ने वाला नहीं था आज मैं उसके बदन का एक एक पुर्ज़ा मसल देना चाहता था जिससे साली प्रिया मेरी चुदाई को याद रखे।

मैं साइए में उसकी बगल और कंधे पर भी मालिश कर रहा था।

फ़िर मेरा ध्यान प्रिया की पतली कमर पर गया वह इतनी पतली थी कि जितनी शायद 15 साल की कन्या की भी नहीं होगी। मैंने प्रिया के नाभि के नीचे के हिस्से में मसाज करने लगा।

इस एरिआ में मासाज करने पर प्रिया की उत्तेजना बढ़ गयी थी और वह जोर से अपने पैर पटकने लगी तो मुझे अपने लंड को कंट्रोल करना पड़ रहा था जो मेरे लिये थोड़ा मुश्किल हो रहा था।

मैंने उसकी चूत के आस पास अब्दोमेन का एरिया तक जब उसकी नंगी थाईस पर जोर से मसाज किया तो उसने अपनी दोनों थाईज़ को बंद करके चिपका दिया।

मैंने भी जल्दी से उसकी चूत पर हाथ डालकर वहाँ पर ऊँगली करने लगा तो प्रिया का तो बुरा हाल हो गया था वह मस्ती में छटपटाने लगी और उसने अपनी दोनों थाईज को खोल दिया तो मेरे तो मज़े ही आ गये अब मैं उसकी चूत, थाईज़ या अबदोमेन जहाँ चाहे वहाँ मसलने लगा।

मेरी ऊँगलियों के हमले से प्रिया की हालत अब खराब हो गयी थी वह अब मेरे एक्शन का विरोध नहीं कर पा रही थी।
मैं जैसे मर्जी आये उसके हर पार्ट को मसलता, रगड़ता और मसाज कर रहा था। जब मेरी मस्ती और बढ़ी तो मैंने प्रिया की चूत पर ऊँगली डालकर अंदर तक ऊँगली से उसकी चूत के छेद के अंदर तक मसाज करने लगा।

मेरे इस एक्शन से तो प्रिया पूरी तरह से चित हो गयी और बोली राजू प्लीज़ अब बस करो और एकदम से पलट गयी।

अब प्रिया के नंगे चूतड़ मेरे सामने थे जिसके बीच में उसका गांड तो नज़र नहीं आ रहा था पर पीचे से भी प्रिया की चूत मुझको फ़िर नज़र आने लगी तो मैं फ़िर अपनी ऊँगली से उसकी चूत पर हमला कर दिया और दूसरे हाथ से उसकी जांघों को पीछे से मसलने लगा।

जब प्रिया की चूत मेरी ऊँगलियों के हमले को नहीं बरदाश्त कर पायी तो प्रिया बोली- राज प्लीज़ ऐसा मत करो मुझे ऐसे ही गीली कर दोगे क्या?

मैं उसके बड़े बड़े चूतड़ और उसके नीचे मोटी मोटी जांघों को सारा का सारा एक बार में ही मसल देना चाहता था पर मेरे दोनों हाथों में इनता एरिया एक बार में कवर नहीं हो रहा था।

प्रिया एकदम नंगी थी तो मेरे को अपने लंड पर कंट्रोल नहीं हो रहा था, मैंने अपना ध्यान प्रिया के चूचियों पर दिया पर वह उल्टी लेटी हुई थी और उसके बूब्स साइड से ही नज़र आ रहे थे।

फ़िर भी मैंने साइड से ही उसके दोनों बूब्स को जोर से दबाया और सहलाना शुरु कर दिया। प्रिया को तो मेरा हर एक्शन एंजोयमेंट दे रहा था और अब वह मेरे हर एक्शन पर बस आहें भर रही थी।

मैं प्रिया के चूतड़ पर मसाज करने लगा तो उसके चूतड़ बहुत बड़े बड़े थे और उनको दबाने में बड़ा मज़ा आ रहा था।

पर मैं और मज़ा लेने के लिये उसके चूतडों पर जोर से स्लाप भी कर देता जिससे चटाक! की आवाज आती और प्रिया को बड़ा मज़ा आता था और वह अपने चूतड़ ऊपर उठा कर जैसे और स्लाप करने को कहती।

प्रिया की जांघें मुझे सबसे ज्यादा उत्तेजित कर रही थी, मैं वहाँ पर प्रेस, मसाज, किस, रब कर सकता था। और मैं ये सोच रहा था कि जब मैं उसकी चुदाई करुंगा तो उसकी थाईज़ जब मेरी थाई के साथ रब होंगी तो कितना मज़ा आयेगा।

अगर प्रिया की जैसी स्मूथ बॉडी हो तो ऐसा लगता है कि जैसे लिनेन पर स्लिप हो रहा हो। जब मैं उसके चूतडों पर मसाज कर रहा था तो मुझे बिल्कुल ऐसा ही लग रहा था।

प्रिया को डबल मज़ा आ रहा था एक तो उसकी मसाज हो रही थी दूसरा एक मर्द के हाथों उसके बॉडी के पार्ट्स का स्पर्श दे रहा था और जिसे वह फुल्ली एन्जॉय कर रही थी।

मैंने प्रिया के दोनों चूतड़ को चोडा करके उसकी गांड को देखने लगा और मुझे प्रिया की चूत पीछे से दिखायी देने लगी और मेरा लंड फ़िर जोर मारने लगा।

इधर मेरा लंड अब पूरी तरह बेकाबू हो गया था और उसको कंट्रोल करना मेरे लिये पोस्सिब्ल नहीं था। वह अब प्रिया की चूत में जाये बगैर मानने वाला नहीं था।

प्रिया की चूत का बुरा हाल हो गया था। मैंने अपने अंगूठे से को प्रिया की चूत के आस पास रब करना शुरु कर दिया और मौका पाते ही उसकी चूत के अंदर पूरा अंगूठा डाल दिया। मेरा अंगूठा पूरा उसकी चूत में गया तो प्रिया की खुजली जरा कम हुई और वह अब थोड़ा मज़ा लेने लगी।

मेरा अंगूठा लंड की तरह प्रिया की चूत में अंदर बाहर फ़िसलने लगा, प्रिया को मज़ा तो आ रहा था पर उसकी चूत की खुजली पूरी तरह से दूर नहीं हो रही थी। वह मस्ती मेरे से चिपट गयी जैसे कहना चाहती हो कि कब चोदोगे पर वह बोली कुछ नहीं।

पहले प्रिया के नंगे बदन की गर्मी से मेरा लंड तो तना हुआ था मैंने जल्दी से प्रिया को दाब लिया। प्रिया की चूत में तो पहले से ही खुजली थी पर वह झूठा गुस्सा दिखा रही थी और मना कर रही थी।

मैंने उसको कमर से पकड़ा और उसके चूचियों को अपने लिप्स से किस करने लगा जैसे ही प्रिया ने मुंह खोला तो मैंने उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिया और नीचे से दूसरे हाथ को उसकी थाईज़ पर मसाज करने लगा।

उसकी थाईज़ बड़ी टाइट थी, बच्चों वाली औरतों की तरह ढीली नहीं थी। मैं थाई पर हाथ फ़ेरते हुए उसकी चूत की तरफ़ बढ़ना चाह रहा था। प्रिया के बूब्स भी एकदम टाइट हो गये थे जिसका मतलब था कि उसको पूरी उत्तेजना हो रही थी।

मैंने कइ बर प्रिया के बूब्स के निप्पल को लिप्स में लेकर जोर से प्रेस किया जिससे दोनों को बड़ा मज़ा आया।

जब मुझे ज्यादा मज़ा आने लगा तो मैंने एक दो बार प्रिया के निप्पल को अपने दांत से हल्का सा काट भी दिया जिससे प्रिया चीख पड़ी और मुझे बड़ा मज़ा आया।
नीचे से मेरा हाथ प्रिया की थाईज़ से होता हुआ उसके चूतडों और रानो पर मसाज करने लगा।
ऊपर से मैंने प्रिया की बैक, नेक, वेस्ट और नाभि के आस पास लिप्स और जीभ से किस और लिक करना चालु रखा था।

जब मेरा एक हाथ प्रिया की रानो पर फ़िसल रहा था तो प्रिया की मस्ती कंट्रोल से बाहर हो गयी तब मैंने प्रिया को बेड पर लिटा दिया और अपने आप भी साइड बी साइड लेट गया।

मैं आराम से अपने दोनों हाथों और लिप्स से प्रिया के पूरे बदन से खेलने लगा।
अब दोनों एकदम गर्म हो गये थे प्रिया की भी सारी शरम दूर हो गयी थी और उसका बदन की एक एक हरकत मुझे महसूस हो रही थी उसकी गर्म सांसें मुझे बेचैन कर रही थी।

मैंने प्रिया की चूत के ठीक पास अपनी ऊँगली से रब करना शुरु कर दिया जिससे मस्ती के मारे प्रिया ने अपनी दोनों टांगें फ़ैला दी और मुझे उसकी चूत पर अटैक का एक मौका मिल गया। Antarvasna

शेष अगले भाग में…

प्रेषक : अनिल Antarvasna

इससे पहले कि Antarvasna मैं आगे की कहानी बताऊँ, मैं आपको अपने बारे में बताती हूँ।

मेरी उम्र 18 साल है और कद 5 फ़ुट 5 इंच है। रंग भी काफी गोरा है, मेरे वक्ष भी कसे हुए हैं, इतने बड़े नहीं पर बिल्कुल गोल हैं और मेरे चुचूक काफी लम्बे हैं। गोरी चूचियों पर सांवले रंग के चुचूक बहुत खूबसूरत दिखते हैं। मुझे देख कर लोग कहते हैं कि मैं मॉडल बन सकती हूँ।

मेरे भैया भी खूब लम्बे और सुन्दर हैं। उन पर तो मेरी सारी सहेलियाँ मरती हैं। मैं भी उनको अंदर से चाहती हूँ पर यह तो भाई बहन का प्यार है। मुझे मालूम न था कि यह चाहत और भाई बहन का प्यार उस दिन बाथरूम में किस रूप में बदलेगा।

भैया ने मेरी पेशाब वाली जगह से अपना मुँह हटाया और मेरी तरफ देखा। मुझे तो बेहोशी सी आई हुई थी। मेरी टांगों में जैसे कोई दम ही नहीं था, मेरे सारे जिस्म में खुमारी सी छा गई थी।

इतने में भैया ने लेटे-लेटे ही अपने हाथ मेरी टी-शर्ट के नीचे डाले और मेरे मम्मों को सहलाना शुरू कर दिया।

मैंने महसूस किया कि उनके छूने से मेरे चुचूक एकदम तन गए हैं और मीठा मीठा सा दर्द हो रहा है।

भैया बोले- क्या मैं तेरी टी-शर्ट भी उतार दूँ?

मैंने कहा- भैया, मैं तो फिर बिल्कुल नंगी हो जाऊंगी !

भैया बोले- तू कहती हो तो मैं भी अपने कपड़े उतार देता हूँ।

मैंने कहा- भैया मुझे जिंदगी में इतना मज़ा कभी नहीं आया ! आप जो बोलेंगे मैं कर दूँगी।

फिर भैया ने मेरी टी-शर्ट भी उतार दी। मैंने नीचे कोई ब्रा नहीं पहनी थी, मैं अब भैया के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी।

फिर भैया ने भी अपने बाकी के कपड़े उतार दिए।

हम एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे खड़े थे।

कुछ देर हमने एक दूसरे को ऐसे ही देखा और फिर भैया मेरी तरफ बढ़े और मेरे नंगे जिस्म को अपने नंगे जिस्म से चिपका लिया। उनके होंठ मेरे होंठों से जुड़ गए। उनकी पेशाब वाली चीज़ मेरी पेशाब वाली जगह को छूने लगी।

मेरे जिस्म में फिर से आग सी लग गई, मैंने कहा- भैया, तुम्हारी पेशाब वाली चीज़ फिर बड़ी हो रही है !

भैया बोले- पगली, इसे पेशाब वाली चीज़ नहीं कहते।

फिर क्या कहते हैं भैया? मैंने पूछा।

मेरे भैया अपना मुँह मेरे कान के पास लाये और बोले- इसे लंड कहते हैं।

अपनी जीभ मेरे मुँह में डालते हुए फुसफुसाए- बोल न मेरी बहन, एक बार ! क्या कहते हैं इसे?

मैंने कहा- ओह भैया, यह तुम्हरा लंड फिर कितना मोटा हो गया है और मेरी पेशाब वाली जगह पर मस्ती कर रहा है।

भैया बोले- पगली तेरी पेशाब वाली जगह को चूत कहते हैं।

भैया, तुम्हारा लंड मेरी चूत में घुसने की कोशिश कर रहा है।

क्या तुझे मेरा लंड अच्छा लगा?

हाँ ! मैंने अपनी नज़र नीचे करके बोला।

तो ले ले ना हाथ में !

मैने उनका लंड हाथ में ले लिया जो अब तक फिर से इतने मोटा और लम्बा हो गया था, कम से कम नौ इंच का होगा।

चल अब बिस्तर पर चलते हैं ! और मेरे कुछ कहने से पहले ही मेरे भैया ने अपना हाथ मेरी नंगी कमर में डाला और मुझे अपने बेडरूम की तरफ ले गए। मैंने अभी भी उनका मोटा लंड अपने दायें हाथ से पकड़ा हुआ था।

बिस्तर पर जा कर मेरे भैया ने पूछा- तुझे अब तक सबसे अच्छा क्या लगा?

मैंने अपनी आंखे नीचे करके कहा- जब मेरी चूत से वो पानी जैसी लेस निकल रही थी तो मैं तो जैसे जन्नत में थी और तुम्हारे लंड से जब पिचकारी छुटी तो उस लेस का स्वाद भी मुझे बहुत अच्छा लगा।

तब भैया बोले- तो पिएगी और मेरे लंड की पिचकारी?

मैंने फिर आंखे नीचे कर के अपनी गर्दन हाँ में हिलाई।

मेरे भैया बोले- तो ले ले मेरे लंड को अपने मुँह में और इसे लॉलीपोप जैसे चूस !

मैंने कहा- भैया, पर यह तो गन्दा होता है, मैं इसे कैसे मुँह में ले लूँ?

भैया बोले- मेरी प्यारी छोटी बहन ! यह गन्दा नहीं होता, यह तो ऐसी चीज़ है जिसके बगैर आदमी और औरत रह ही नहीं सकते।

मेरे भैया ने फिर अपना हाथ मेरे सर पर रखा और उसे अपने लंड की ओर ले गए।

उनका लंड अब मेरे मुँह के पास था। लंड का आगे का मोटा वाला भाग चमक रहा था, उसमें से फिर से लेस जैसा कुछ निकल रहा था। मुझ से रहा नहीं गया और मैंने उसको अपनी जीभ से चाट लिया। उस लेस को चाटते ही मालूम नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने एकदम सो वो मोटा लंड अपने मुँह में डाल लिया और उसे चूसने लगी।

मेरे भैया तो जैसे पागल हो गए और बोले- हाँ मेरी जान हाँ ! प्लीज़ चाट इसे और निकाल ले मेरा जूस और पी जा इसे ! ओह मेरी बहन ..मेरी रंडी बन जा और चूसती रह इसे उम्र भर !

अपने भैया के मुँह से ऐसी बात सुनकर मैं और भी गर्म हो गई और जोर से उनके लंड को चूसने लगी।

मेरे भैया बोले- ओह मेरी जान ! अपनी एक ऊँगली मेरी गांड के छेद में डाल दे !

मैंने वैसा ही किया। अब भैया का लंड मेरे मुँह में था और मेरी एक ऊँगली उनकी टट्टी वाली जगह में थी।

उनके हाथ मेरे दोनों मम्में दबा रहे थे, मेरे टांगों के बीच से भी पानी जैसी लेस निकल रही थी।

अचानक भैया एकदम से अकड़ गए और बोले- ओह मेरी जान, मेरी बहन, मेरी रंडी ! मेरा छुटने वाला है !

और मैंने ऊँगली उनकी टट्टी वाली जगह में और जोर घुसाई तो वो बोले- हाँ मेरी जान, घुसा दे अपनी ऊँगली मेरी गांड में !(तब मुझे पता चला कि टट्टी वाली जगह को गांड कहते हैं)

उसी वक्त भैया ने अपने लंड को मेरे मुँह में एक झटका दिया और बहुत तेज़ पिचकारी छोड़ी। गर्म गर्म लेस उनके लंड से निकला और मेरे मुँह में गया। वो इतनी तेज़ी से आया था कि मुँह से बाहर भी निकल गया।

पर मैं तो एक एक एक बूंद को चाटने लगी, जो लेस मेरे मुँह से बाहर निकला था उसे मैं अपनी ऊँगली से अपने मुँह में डालने लगी और मेरे भैया का लंड मेरे मुँह में छोटा होने लगा पर मैंने उसे मुँह में ही रखा और धीरे धीरे चूसती रही जब तक कि आखरी बून्द उसमें से नहीं निकल चुकी थी। अब तक मेरी चूत से भी दो बार लेस छुट चुकी थी।

आगे की कहानी बाद में ! Antarvasna

प्यासी भाभी की गर्मी यानि अन्तर्वासना ने उसे गैर मर्द की तरफ जाने को मजबूर कर दिया क्योंकि उसके पति में उसे खुश करने की ताकत नहीं बची थी. भाभी ने अपने पति के दोस्त की ओर कदम बढ़ाया.

‘आह उफ्फ जान … तेज आहहह और तेज.’
दीपिका के मुँह से मादक सिसकारियां निकल रही थीं.

अचानक सुभाष का शरीर ढीला पड़ गया.
तो दीपिका बोली- क्या हुआ?
सुभाष झिझकते हुए बोला- मेरा पानी निकल गया.
दीपिका गुस्से से बोली- अभी तो मजा आना शुरू हुआ था और आपका निकल गया!

सुभाष उदास हो गया और दीपिका की चूत से सुभाष का सिकुड़ा हुआ लंड बाहर निकल गया.

सुभाष लंड का पानी निकल जाने पर सुस्त होकर सो गया.
दीपिका अभी भी वासना की आग में जल रही थी. प्यासी भाभी की गर्मी अभी ठण्डी नहीं हुई थी.

उसकी चूत को‌ कम से कम 15 मिनट चुदाई चाहिए होती थी और सुभाष ज्यादा से ज्यादा दो या तीन मिनट तक ही चूत में लंड रख पाता था.
रोज रात को यही होता.

आईए अब सेक्स कहानी की तरफ़ चलते हैं.

पंजाब के एक छोटे से शहर के रहने वाले सुभाष की उम्र लगभग 50 साल की है और दीपिका की उम्र 39 साल.
शादी के समय तो कुछ महसूस नहीं हुआ पर समय के साथ उम्र की ये असमानता दीपिका और सुभाष दोनों को महसूस होने लगी.

हालांकि दोनों की शादी को 21 साल हो गए थे और दोनों बच्चे भी काफी बड़े थे.
पर उम्र के मुताबिक दीपिका की शरीर की जरूरत को सुभाष अब अपनी उम्र के चलते पूरी नहीं कर सकता था.

खैर … रोज रात की तरह सुभाष लंड का पानी निकल जाने पर सो गया और दीपिका भी अपनी गर्म चूत को सहलाती हुई कब सो गई, उसको भी पता नहीं चला.

सुबह दोनों बच्चे स्कूल चले गए और सुभाष अपनी दुकान पर जाने के लिए तैयार हो गया.

जाते जाते सुभाष ने दीपिका को जल्दी दुकान आने को कहा क्योंकि उसको किसी जरूरी काम से जाना था.

सुभाष की शहर के प्रमुख चौराहे पर दवाईयों की दुकान थी.
अकेले होने के कारण दीपिका को भी दुकान पर बैठना पड़ता था.

करीब दो घंटे रोज दीपिका अकेले दुकान संभालती थी.
दीपिका ने घर के काम निपटाए और नाश्ता करने के बाद वह दुकान की तरफ़ चल दी.

दुकान पर जाने के बाद सुभाष अपने काम से निकल गया और दीपिका को बता गया कि उसे आने में देर लग सकती है.
सुभाष के जाने के बाद दीपिका के दिमाग में रात वाली बात चल पड़ी और वह बेचैन हो गई.

तभी दुकान पर सुभाष का दोस्त अनिल खन्ना आ गया और दीपिका उसके साथ बातचीत करने लगी.
रोजाना यही होता … अनिल खन्ना सुभाष का खास दोस्त था इसलिए दीपिका भी उसके साथ खुलकर हंसी मजाक कर लेती थी.

अनिल भी करीब 50 साल की उम्र का बंदा था.
उसके दो बेटे दूसरे शहरों में नौकरी करते थे और अनिल खन्ना को काफी पैसा खर्च के लिए भेजा करते थे. इस वजह से अनिल खन्ना को कोई काम करने की जरूरत नहीं थी.

दीपिका अनिल की तरफ़ आकर्षित हो गई थी.

दीपिका के दिल की बात अनिल समझता था पर वह ये भी समझ सकता था कि ये आकर्षण किस कारण से है.
वह खुद को इस लायक नहीं समझता था कि दीपिका की जरूरत पूरी कर सके इसलिए वह दीपिका से दूरी बना कर रखता था.

उस दिन अनिल ने दीपिका को उदास देख पूछा कि क्या हुआ उदास क्यों हो?
तो दीपिका बोली- ऐसा कुछ नहीं!

खन्ना ने कहा कि नहीं, कुछ तो बात है?
दीपिका बोली- अनिल जी, सच में कोई बात नहीं है.

अनिल ने कहा- नहीं बताना चाहती हो, तो जोर नहीं दूंगा. पर बताने से ही समस्या का समाधान निकाला जा सकता है.
दीपिका बोली- समस्या ही ऐसी है कि जिसका कोई समाधान नहीं है.

अनिल बोला- दीपिका, दुनिया में हर समस्या का समाधान हो सकता है, बस जरूरत होती है सही सलाह लेने की. तुम अपनी समस्या मुझे बताओ, मैं समाधान करने की कोशिश करूंगा.

दीपिका बोली- मेरी और सुभाष की उम्र में असमानता को अब मैं महसूस करने लगी हूं.
अनिल ने कहा- तो इसमें क्या समस्या है …. कोई हम उम्र दोस्त बना लो. जो तुझसे तेरे मुताबिक प्यार की बातें कर सकता हो और कभी कभी बिस्तर पर भी तुम्हारे अरमान पूरे कर दे.

दीपिका ने अनिल की तरफ़ हैरान होकर देखा.
तो अनिल बोला- दीपिका, इसमें गलत क्या है … और आजकल तो पति खुद पत्नी की मदद करता है!

तब दीपिका हंसती हुई बोली- तो आप बन जाओ ना मेरे दोस्त!
अनिल ने कहा- दीपिका, तुमसे प्यार करने वाला दोस्त तो मैं बन‌ने के लिए तैयार हूं … पर बिस्तर पर मैं भी सुभाष की तरह कामयाब नहीं हो सकता क्योंकि इस उम्र में तुम्हारी छलकती हुई जवानी के उफान को मैं शायद नहीं सम्भाल सकता.

दीपिका बोली- अनिल जी, आपने तो मुझे दोराहे पर खड़ा कर दिया. मैं तो आपको पसंद करने लगी हूं.
तब अनिल ने कहा- दीपिका, मैं झूठ नहीं बोल सकता. जो बात सच है, मैं वही कह रहा हूँ.

दीपिका बोली- आपकी इस सच्चाई ने तो मेरे दिल में आपके लिए इज्जत पहले से भी ज्यादा हो गई. अब आप ही कहो मुझे क्या करना चाहिए. मैं आपको भी नहीं खोना चाहती पर …
अपनी बात को अधूरा कहकर दीपिका चुप हो गई.

अनिल ने कहा- दीपिका इसका एक और तरीका भी है.
दीपिका ने कहा- क्या तरीका है?

अनिल बोला- तुम बिस्तर पर संतुष्टि के लिए एक और दोस्त बना लो.
दीपिका थोड़े गुस्से में बोली- क्या मुझे हर बात के लिए अलग अलग दोस्त बनाने होंगे?

अनिल ने मुस्कुरा कर कहा- एक इंसान में सभी गुण नहीं होते मेरी जान … और तुम्हारी दो अलग-अलग इच्छाओं के लिए दो दोस्त बनते हैं, तो इसमें कोई बुराई नहीं है.

दीपिका कुछ सोच कर बोली- अब जब मैंने आपके सामने अपने दिल की बात खुलकर बता दी, तो अब आप ही मेरी मदद भी करो.
अनिल मुस्कुरा कर बोला- जब बंदा आपसे प्यार करने लगा है, तो मैं आपकी हर इच्छा पूरी करने की कोशिश करूंगा मेरी जान. मैं सोच कर बताता हूं कि कौन हमारे लिए ठीक रहेगा!

दीपिका मुस्कुरा कर बोली- हां, अब ये आपकी ही जिम्मेदारी है.

तभी सुभाष को आते देख कर दोनों चुप हो गए.
अनिल कुछ समय सुभाष के साथ बातचीत करने के बाद दुकान से चला गया.

दीपिका खुश हो गई कि उसकी चिंता करने वाला एक अच्छा दोस्त मिल गया.

तभी दीपिका के मोबाइल पर अनिल का मैसेज आया कि मुझसे मिलो.
दीपिका ने रिप्लाई किया- कहां?

‘चिमन दर्जी की दुकान पर.’
दीपिका ने रिप्लाई किया कि वह 10 मिनट में पहुंच जाएगी.

दीपिका सुभाष से घर जाने के लिए कहकर दुकान से चल पड़ी और चिमन दर्जी की दुकान पर पहुंच गई.

वहां अनिल और चिमन दर्जी ही थे.
उन दोनों के अलावा ना कोई ग्राहक था और ना चिमन की दुकान पर काम करने वाले कारीगर थे.

अनिल दीपिका को देख कर कहा- लो चिमन भाई, आप नाप ले लो.
दीपिका मुस्कुरा कर बोली- नाप किस लिए?
अनिल बोला- आपके लिए कपड़े सिलवाने हैं.
दीपिका मुस्कुरा दी.

चिमन दर्जी ने दीपिका को एक भरपूर नजर से देखा और दीपिका का नाप लेने लगा.

दीपिका का सपाट पेट और कमर को देख चिमन दर्जी बोला- भाभी जी आप अपने शरीर पर बहुत अच्छे से ध्यान देती हो. आपका शरीर देखकर तो आपकी उम्र का अंदाजा लगाया नहीं जा सकता है.

ये सुनकर दीपिका खुश हो गई.

नाप लेने के बाद चिमन ने अनिल से कहा- हो जाएगा अनिल जी.
अनिल बोला- ठीक है, मैं बात करके बताता हूं. कब तक काम हो सकता है?

चिमन बोला- आप जब कहोगे.
अनिल बोला- ठीक है.

ये कहकर अनिल दीपिका को चलने के लिए बोला.

दीपिका और अनिल दुकान से बाहर निकल घर की तरफ़ चल पड़े.
अनिल ने अब दीपिका से पूछा- कब का प्रोग्राम बनाना है?

दीपिका ने पूछा- किस बात का प्रोग्राम?
तो अनिल बोला- तेरी चुदाई का!

दीपिका हैरान होकर बोली किस के साथ?
अनिल ने कहा- चिमन के साथ.

दीपिका अचकचा कर बोली- नहीं नहीं … चिमन के साथ कैसे कर सकती हूं?
अनिल ने कहा- क्यों नहीं कर सकती हो?

दीपिका बोली- अरे चिमन को मैं जानती भी नहीं. उसके साथ ये सब कैसे कर सकती हूं?
तब अनिल मुस्कुरा कर बोला- तब तुम कोई अपना कोई जानकार बताओ जो तुझे चोद ले!

दीपिका बोली- क्या चिमन पर भरोसा किया जा सकता है?
अनिल बोला- तुम मेरे पर विश्वास कर सकती हो या नहीं?

दीपिका बोली- आप पर तो पूरा यकीन है मुझे!
अनिल बोला- ठीक है. मुझे उन लोगों पर यकीन है कि ना केवल वे तुम्हें अच्छी तरह से चोद कर संतुष्ट कर सकते हैं बल्कि उनके माध्यम से किसी दूसरे को ये बात कभी भी पता नहीं चलेगी.

दीपिका बोली- उन लोगों का क्या मतलब?
अनिल ने मुस्कुरा कर बताया- चिमन दर्जी और जुम्मन कसाई.

दीपिका ये सुनकर बहुत हैरानी से अनिल की तरफ़ देख कर बोली- ये आप क्या कह रहे हैं. मैं दो लोगों से कैसे कर सकती हूं.
अनिल बोला- क्यों नहीं कर सकती हो. तुम्हारी सोच जैसे दोस्त मिल जाएं तो दोनों को दोस्त बनाने में क्या समस्या है?

दीपिका के पास अनिल की बात का फिर से कोई जवाब नहीं था.

तो दीपिका बोली- मैं दो दोस्तों के लिए समय कैसे निकाल सकती हूं?
अनिल मुस्कुरा कर बोला- जैसे एक के लिए निकालोगी वैसे ही.

दीपिका बोली- वह कैसे?
अनिल बोला- एक बार मैं, जुम्मन और चिमन दर्जी दिल्ली गए थे. वहां हमारा दिल चूत चोदने का हुआ. हम तीनों ने एक कालगर्ल को बुलाया. उसके लिए 7000 तय हुए.

दीपिका- फिर?
‘फिर पहले मैंने उसको चोदा और बाहर आ गया. उसके बाद चिमन अन्दर गया. थोड़ी देर बाद जुम्मन के मोबाइल पर फोन आया और जुम्मन भी अन्दर चला गया.’

एक पल के लिए अनिल ने रुक कर दीपिका को देखा.
फिर उसने आगे कहना शुरू किया- करीब दो घंटे बाद दोनों बाहर आकर मेरे पैसे जो मैंने अपने हिस्से के दिए हुए थे, वो उसने मुझे वापस दे दिए.

मैंने पूछा- ये कैसे हुआ?
तब जुम्मन कसाई बोला- हमारी चुदाई से खुश होकर कालगर्ल ने सारे पैसे वापस कर दिए.

ये छोटी सी घटना सुनने के बाद दीपिका हैरानी से अनिल का मुँह देखने लगी.

अनिल बोला- दीपिका मैं चाहता हूं कि दोनों की जोड़ी तुझे एक साथ चोदे. ताकि तुम पूरी तरह से संतुष्ट हो जाओ.

दीपिका बोली- कोई समस्या तो नहीं होगी ना?
अनिल बोला- कोई समस्या नहीं होगी मेरी जान, मुझे पर यकीन करो.

तभी अनिल के मोबाइल पर चिमन दर्जी की कॉल आई.
अनिल ने फोन पर ‘हां, ठीक है. मैं बात करके बताता हूं.’ कहकर फोन काट दिया.

दीपिका ने पूछा- क्या हुआ कुछ बात हुई चिमन दर्जी से?
अनिल बोला- जुम्मन तुम्हें देखना और मिलना चाहता है.

दीपिका बोली- आप उन्हें शाम को दुकान पर बुला लो.
तो अनिल ने कहा- नहीं, दुकान पर ठीक नहीं होगा. तुम्हारे घर पर ठीक रहेगा.

तो दीपिका बोली- ऐसे सबके सामने कैसे घर पर बुला सकती हूं?
अनिल बोला- उसका भी एक उपाय है मेरे पास!

दीपिका बोली- क्या उपाय है?
अनिल बोला- जुम्मन कबाड़ का काम भी करता है. तुम घर का कुछ कबाड़ निकाल कर रखो, बाकी काम मेरा है.

दीपिका समझ गई कि क्या करना होगा.
उसके पास चुदाई का ये बेहतरीन मौका था क्योंकि उसके दोनों बच्चे गर्मी की छुट्टियों में अपने मामा के घर गए हुए थे और मकान मालिक का बेटा बहू भी बाहर घूमने गए थे.

घर पर मकान मालिक और उनकी पत्नी ही थे जो काफी बूढ़े थे.
ये मकान मालिक दरअसल अनिल खन्ना के बड़े भाई और भाभी ही थे.

इधर एक बात और बता दूँ कि अनिल का मकान भी बाजू में ही लगा हुआ था, दोनों घरों की छतें आपस में मिली हुई थीं.
दीपिका मकान के ऊपर वाले हिस्से में किराए पर रहती थी.

तब दीपिका ने अनिल से कहा- मैं घर जा रही हूँ. आप शाम को दुकान पर पहुंच जाना.
अनिल हंसते हुए बोला- ठीक है मेरी जान.

फिर दीपिका घर पर आकर सीधे स्टोर में गई और काफी कबाड़ निकाल कर बाहर रख लिया.
शाम को दीपिका जब दुकान पर पहुंची तो देखा अनिल आया हुआ था.

दीपिका अपने पति सुभाष से बोली- जी, घर पर काफी कबाड़ इकट्ठा हो गया है, आप कोई कबाड़ी को बुला लो तो सारे कबाड़ को बेच देते हैं.
सुभाष बोला- अब एकदम से कबाड़ी को कैसे बुलाऊं?

उसी वक्त अनिल बोला- अरे यार क्यों चिंता करते हो, जुम्मन कबाड़ी मेरा ख़ास दोस्त है. उसको कहे देता हूं, वह घर पर आकर सारा सामान देख लेगा.
सुभाष बोला- हां ये बात ठीक है. तुम उसको फोन कर दो … वह कल सुबह आकर सब देख लेगा.

अनिल ने तुरंत जेब से फोन निकाला और जुम्मन को फोन करके कहा- जुम्मन भाई, हमारे भाई सुभाष के घर पर आपके लिए कुछ सामान है, कल सुबह आकर आप देख लो.
जुम्मन कसाई ने जवाब दिया- हां ठीक है कल सुबह 8 बजे आ जाता हूं.

अनिल ने सोचा कि 8 बजे तो सुभाष भी घर पर होता है. उसने फोन पर ही बात को सम्भालते हुए कहा- ठीक है जुम्मन भाई, आप कल 11 बजे आ जाना … पक्का!
जुम्मन बात को समझते हुए बोला- ठीक है, मैं 11 बजे आ जाऊंगा.

अनिल ने फोन काट दिया और दीपिका से कहा- भाभी, वह 11 बजे आ जाएगा. आप सारा सामान निकाल कर रखना.

सुभाष दीपिका और अनिल की बातों से अनजान सरल भाव से बोला- मैं तो उस समय दुकान पर रहूँगा दीपिका. तुम ही दिखा देना.
अनिल बोला- सुभाष यार भाभी अकेली क्यों‌ होंगी … मैं साथ रहूंगा ना!

फिर कुछ देर बातचीत करने के बाद अनिल सुभाष की दुकान से चला गया.
अगले दिन सुबह सुभाष अपनी दुकान पर चला गया और दीपिका उसके जाने के बाद सारे काम निपटा कर नाश्ता कर नहाने जाने लगी.

उसके दिमाग में ख्याल आया कि क्या कपड़े पहनना चाहिए.
उसने सोचते हुए अपनी अल्मारी खोली और उसमें कपड़े देखने लगी.

तभी उसके सामने एक हल्के हरे रंग की चिकन कपड़े की कुर्ती आई, जिसको पहली बार पहनने पर ही सुभाष ने दीपिका को ये पहनने से मना कर दिया था क्योंकि ये कुर्ती काफी पारदर्शी कपड़े की थी.

इस कुर्ती में आगे की तरफ 3 बटन लगे थे और बटन के दोनों तरफ और कन्धे वाली जगह पर हल्की कशीदाकारी ने कुर्ती को काफी आकर्षक बना दिया था.

दीपिका ने उसी कुर्ती को पहनने का सोच लिया और उसके साथ एक काले रंग की सिल्क की पजामी अलमारी से बाहर निकाल ली.
साथ पहनने के लिए दीपिका ने एक गुलाबी रंग की ब्रा और कच्छी निकाल ली.

तभी कुछ सोच कर दीपिका के होंठों पर एक मुस्कान आई और दीपिका ने गुलाबी ब्रा वापस रख एक सफेद रंग की ब्रा निकाल ली.
ये ब्रा आगे हुक वाली थी.

दीपिका मन ही मन खुश हो बाथरूम में जाकर नहाने लगी.
आगे होने वाले घटनाक्रम के सुखद विचार आने से दीपिका की चूत रसीली होकर पानी पानी हो रही थी.

दीपिका ने खुद को खुशबूदार साबुन से खूब रगड़ कर साफ किया और नहाकर एक तौलिया लपेट कर बाहर आ गई.
कमरे का दरवाजा बंद कर आईने के सामने खड़ी होकर उसने तौलिया हटा दिया.

उफ्फ … क्या मदमस्त जवानी है दीपिका की … सपाट पेट के कुछ ऊपर 36 साईज की नुकीली चूचियां, बलखाती पतली कमर और 38 साइज़ के बड़े बड़े चूतड़.
हल्की सांवली, लेकिन खुद की रसभरी जवानी को देख दीपिका खुद शर्मा गई.

तभी उसके मोबाइल की घंटी बजी, तो दीपिका जैसे नींद से जागी.
उसने फोन देखा तो अनिल का फोन आया था.

फोन उठाने पर अनिल ने पूछा- क्या कर रही हो?
दीपिका खुद को शीशे में देख शर्मा गई और बोली- बस तैयार हो रही थी.

अनिल बोला कि जुम्मन कसाई और चिमन थोड़ी देर में आने वाले हैं. मैं साथ आऊंगा. उनके सामने आराम से आना, घबराने की कोई बात नहीं है.
दीपिका बोली- आप साथ रहोगे तो घबराहट नहीं होगी.

अनिल बोला- तुम कहो तो उन्हें अभी बुला लेता हूं. उनका तो फोन आया था … आने को कह रहे थे. मैंने सोचा पहले तुमसे पूछ लूं!
दीपिका बोली- हां बुला लो आप!

अनिल बोला- ठीक है, हम सब 15 मिनट में आते हैं.
दीपिका बोली- ठीक है जी.

ये सुनकर अनिल ने फोन काट दिया और दीपिका जल्दी से कपड़े पहनने लगी.

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