Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Guntur: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Guntur who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Guntur that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Guntur massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Guntur who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Guntur massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Guntur massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Guntur who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Guntur employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Guntur helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Guntur

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Guntur at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Sex Stories

मैं 26 साल का लड़का हूं. ये मेरी दूसरी Sex Stories कहानी है अन्तर्वासना पर.

उस दिन बारिश में रितु और आरती को चोदने के बाद मैं अपने घर चला गया और अगले दिन रितु का फोन आया. उसने कहा कि मुझे आप के साथ बहुत मजा आया और मेरी भाभी आप से चुदवाना चाहती है. तो क्या आप मेरी भाभी को चोद देंगे तो वो आप को 2000/- रुपये देगी.
मैंने झट से हाँ कर दी और उसके बताये हुए पते पर 2 बजे दोपहर पहुंच गया.

वो भी एक आलीशान कोठी थी. मैंने जैसे ही डोरबेल बजाई पहले रितु ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर बुलाकर सोफ़े पर बिठाया और उसने उसकी भाभी को पानी के लिये आवाज़ लगायी.
तो उसकी भाभी जैसे ही पानी लेके आयी मैं तो उसे देखते ही खड़ा हो गया. क्या मस्त जवान, गोरी, सुन्दर और बड़े बूब्स वाली औरत थी.
फिर रितु ने कहा कि राजेश ये मेरी भाभी मोहना है तो आप दोनों एन्जॉय करो मैं चलती हूं.
और रितु उठकर चली गयी फिर मोना मुझे अपने बेडरूम में ले गयी.

अंदर जाते ही वो मुझ से लिपट गयी और मुझे अपनी बाहों में लेकर मुझे चूमने लगी. वो मेरे लिप्स को बड़ी जोर जोर से किस करने लगी तो मैंने उसे कहा कि आराम से करो तो बहुत मजा आयेगा.

मैंने उसे पूछा कि आप का पति कहाँ है तो उसने कहा कि मेरी शादी दो साल पहले हुई थी. तब से लेकर आज तक मेरे पति ने कभी भी मुझे संतुष्ट किया नहीं. उसका लंड 3′ का है और चूत में जाने से पहले ही झड़ जाता है. मेरी फ़ीगर 38-28-36 होने के बावजूद उसका लंड खड़ा नहीं होता और कल जब मेरी ननद ने मुझे आप के बारे में बताया तो मैंने ही उसे कहा कि मुझे भी एक बार आप से मिलाये ताकि मैं आपसे चुदवा सकूँ.

उसके बाद मैंने धीरे धीरे उसकी साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. उसे देख कर मेरा लंड झट से टाइट हो गया और मैं गर्म होने लगा. अब मैंने उसे धीरे से उसके होंठ को किस करने लगा 10 मिनट के बाद मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसके बूब्स चूसने लगा और वो आह आह आह आअह आह आह करने लगी और उसकी सांसे तेज हो गयी.

फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार के मुझे नंगा कर दिया और वो मेरे लंड को चूसने लगी. 15 मिनट के बाद मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा और अपनी जीभ से चाटने लगा और वो एकदम मस्त होने लगी.

फिर उसने कहा कि अब आप अपना लंड डाल दो तो मैंने उसकी दोनों टांगे उठा के मेरा 7′ का लंड उसकी चूत में डालने लगा लेकिन उसकी चूत टाइट होने के कारण 3′ तक ही गया और वो चीखने लगी. फिर थोड़ी देर बाद मैंने एक जोर का शोट मारा कि मेरा पूरा लंड चूत में चला गया. अब उसको भी बहुत मजा आने लगा और मैं जोर जोर से उसे चोदने लगा और वो मजा लेने लगी. करीब 30 मिनट चोदने के बाद में झड़ गया. इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी. और मैं झड़ने के बाद थोड़ी देर उसके ऊपर लेटा रहा.

बाद में फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया और इस बार मैंने उसे डौगी स्टाइल में चोदा.

फिर मैं अपने कपड़े पहनकर तैयार हो गया. फिर उसने मुझे 2000/- रुपये दिये और मैं चला गया. Sex Stories

Hindi Porn Stories

हाय ! मेरा नाम राज है, मैं अपनी Hindi Porn Stories कहानी लिखने जा रहा हूँ। वैसे मैं आगरा से हूँ। मेरा कद ५’८.३” है, दिखने में भी ठीक हूँ।

एक दिन मैं नेट पर संवाद कर रहा था तो मुझे एक लड़की मिली जिसका नाम था श्रुति (बदला हुआ नाम), हम दोनों रोज बात किया करते थे। करीब एक साल बात करी हम दोनों ने !

एक दिन वो आगरा आई अपना पेपर देने ! तब उसने मुझे मिलने के लिए बुलाया। मैं गया मिलने तो उसे देखा। वो सलवार और सूट में थी। मैंने सोचा- अगर यह लड़की मेरी गर्ल-फ़्रेन्ड बन जाए तो कैसा रहेगा। तब मैं उसे मन ही मन में जीन्स और टॉप पहने हुए सोचने लगा। मुझे सोच कर अच्छा लगा। मैंने उससे करीब १० मिनट ही बात की और वो चली गई। मैं भी घर आ गया और उसे मोबाइल पर ही प्रोपोज़ कर दिया।

शाम तक वो मान गई। ऐसे करते करते काफ़ी समय निकल गया और वो मुझ पर विश्वास करने लगी। तब एक दिन मैंने उसे सेक्स के लिए कहा।

पहले उसने कहा- यह संभव नहीं है।

मेरे मनाने पर वो मान गई।

हाँ ! मैं उसक बारे में बताना ही भूल गया। उसका बदन की क्या कहूँ, एक दम मस्त ३४ २९ ३२ ! तो मैंने एक दिन अपने दोस्त का कमरा ले लिया और उसकी चुदाई का प्रोग्राम बनाया। जब हम कमरे में गये तो मैंने जाते ही उसे चूमना शुरू कर दिया। करीब २० मिनट तक किस करता रहा मैं ! उसकी सांसें तेज होने लगी और मेरा हाथ उसकी चूत तक पहुंच गया।

वो गर्म होती जा रही थी। तब मैंने उसकी जींस और फिर टॉप उतार दिया। माँ कसम, क्या कयामत लग रही थी ! अगर मुर्दा उसे देख ले तो फिर से जिन्दा हो जाये ! चुम्मा-चाटी के बाद मैंने उसकी चूत पर चूसना शुरू किया।

वो बोली- राज ! प्लीज़ मत करो ! कुछ हो रहा है !

मैंने कहा- अभी बहुत कुछ होना है डार्लिंग !

मैं नहीं हटा और चूसता रहा। इतने में वो झड़ गई लेकिन मैं अभी तो शुरू ही हुआ था। मैंने अपना लण्ड निकाला।

उसने देखते ही कहा- इसे मत डालना ! मैं मर जाउँगी !

वैसे मेरा लण्ड ज्यादा बड़ा नहीं है, बस ७ इंच का है और ३.४ मोटा है।

मैं कहाँ मानने वाला था ! मैंने उसकी चूत में लण्ड को रखा और थोड़ा अंदर किया। वो बोली- बस रुको यहीं पर !

मैं थोड़ा सा रुका लेकिन माना नहीं और एक दम झटके से लण्ड घुसा दिया।

वो चिल्ला उठी- मर गईईईऽऽऽ माआआआआआ फट गई मेरीऽऽऽ !

मैंने उसके होंटों पर अपने होंट रख दिए और तब मैं बहुत धीरे-धीरे कर रहा था जिससे उसे और दर्द ना हो !

फिर वो बोली- तेज करो राज !

मैं तेज तेज करने लगा। करीब २५ मिनट में दो बार झड़ गई। कुछ देर के बाद मैं भी उसकी चूत में झड़ गया और कुछ देर तक ऐसे ही गिरे पड़े रहे।

जब हम उठे, मैंने कहा- एक बार और डार्लिंग !

उसने कहा- ओके !

लेकिन उसे नहीं पता कि इस बार उसकी गांड की बारी है !

मैंने उसे कहा- घोड़ी बन जाओ !

वो बन गई और बोली- प्लीज़, इस बार धीरे करना !

मैंने कहा- ओके !

लेकिन मुझे कहाँ मानना था। मैंने सीधे उसकी गांड की बारी लगा दी। सिर्फ ३ झटकों में मेरा पूरा अन्दर चला गया।

वो बोली- राआआआआआआज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज !

और मैं रुक गया। कुछ देर बाद जब उसका दर्द बंद हुआ तो बोली- तेज तेज करो !

मैं करता गया, करता गया और इस बार मैं ४५ मिनट तक चोदता रहा। हम दोनों एकदम पसीने में नहा गये थे। ४५ मिनट बाद मेरा पूरा पानी उसकी गांड में था और मैं वैसे ही उसके ऊपर गिर गया और हमारी आंख लग गई। दो घण्टे बाद हम दोनों उठे और नहाये, एक दूसरे को किस किया और होटल में जाकर डिनर किया।

लेकिन श्रुति से चला नहीं जा रहा था।

वो दिन हम दोनों को आज तक याद है ! उसके बाद भी हमने बहुत बार चुदाई की, लेकिन पहली चुदाई तो पहली ही होती है ना !

आप सबको मेरी कहनी कैसी लगी?

अगर कोई गलती हो तो माफ़ करना और अपने विचार मुझे मेल करियेगा। Hindi Porn Stories

फर्स्ट ओरल सक का मजा मैंने तब लिया था जब मैं कॉलेज टूर में गयी थी. वहां मैंने लड़के लड़कियों के ग्रुप को सेक्स का मजा लेते देखा. उन्होंने मुझे भी खींच लिया और मैंने पहली बार लंड चूसा.

कहानी के दूसरे भाग
बेटी को यौन शिक्षा की शुरुआत
में आपने पढ़ा कि मेरी बेटी सेक्स के बारे में जानती तो थी पर उतना नहीं जितना उसे उस उम्र में जानना चाहिए तो मैंने उसे बताना शुरू किया, उसे कंडोम, लंड और चूत के बारे में बताया. उसके साथ लेस्बियन सेक्स करके उसे मजा दिया.

अब आगे फर्स्ट ओरल सक का मजा:

चारू झड़ने के बाद मुझ पर गुस्सा करने लगी- मौसी, आपने जो उंगली डाली थी अभी भी बहुत जलन हो रही है मुझे!
मैंने कंडोम चढ़ा खीरा उठाया और चारू को दिया- लो, तुम अब मेरी चूत मार लो।

चारू की आंखों में चमक आ गई।
उसने झट से खीरा मेरी चूत पर लगाया और एक ही झटके में पेल दिया।

मैं तो बस चिल्ला कर रह गई।
खीरा मेरी बच्चेदानी से जा टकराया था और उसमे ऐसा दर्द उठा कि मेरा बदन ऐंठ गया।

6 इंच तक खीरा मेरी चूत में घुसा मेरी चूत को गहरा करने में लगा था।
चारू बेहद शैतानी अंदाज में मेरी चूत को खीरे से चोद रही थी।

डॉट वाला कंडोम होने की वजह से खुरदरापन इतना ज्यादा था कि मेरी चूत का हर कोना रगड़ खाकर झनझना रहा था।

चारू इतने जोर से मेरी चूत मार रही थी कि मुझे झड़ने में 5 मिनट भी न लगे।

मेरी चूत से झरना निकला तो चारू ने खीरा निकाल लिया.
लेकिन धार इतनी तेज थी कि चारू का बदन भीग गया।

मेरी चूत से कामरस के फव्वारे छूट रहे थे और वह झरने जैसे बह रही थी।
तब मैंने अपनी जीभ से उसका जिस्म चाट कर साफ किया।

इसके बाद हम दोनों ही ठण्डी हो गई थी।

चारू अब मुझसे लिपट गई और हमने चारू की बनियान से ही अपना बदन साफ किया।

फिर नंगे बदन ही एक दूसरे से लिपट कर लेट गई।
मां बेटी के बीच आज सारी दीवारें खत्म हो गई थी।

चारू- मौसी, आज के पहले आपने कभी किसी लड़की के साथ सेक्स किया है?
मैं- लड़की नहीं, लड़कियों के साथ किया है, ग्रुप में, मेरी चारों सहेलियों ने मिलकर मेरी ली थी।

चारू- इसीलिए आप सेक्स में इतनी एक्सपर्ट हो. अगर कोई मर्द आपको आज मिले तो क्या आप उसके साथ मजा करोगी?
मैं- ऐसा क्यों पूछ रही है तू?
चारू- मुझे आपको सेक्स करते हुए देखना है।

मैं- कोई तेरे सामने मेरी लेगा तो तुझे बुरा नहीं लगेगा?
चारू- नहीं, मुझे मजा आयेगा क्यूंकि आप उस मर्द को भी मेरी तरह निचोड़ कर रख दोगी।

मैं- अगर तेरे पापा को पता चला तो वे मुझे घर से निकाल देंगे।
चारू- आप परेशान मत हो मौसी, मैं उनसे कुछ नहीं कहूंगी बल्कि मैं तो चाहती हूं कि आपके साथ साथ मैं भी किसी लड़के को निचोड़ कर अपनी प्यास बुझाऊं!

उसकी बात सुनकर मुझे हंसी आ गई।
मैं- चारू अभी तुम छोटी हो, अगर इस उम्र में सेक्स करोगी तो बहुत सी परेशानियां सामने आ जायेंगी, जैसे वजन बढ़ना, इन्फेक्शन, योनि का ढीलापन, मुंहासे वगैरह। तुम थोड़ा और सब्र कर लो फिर जी भर के जिंदगी के मजे लेना।

चारू ने कहा- ठीक है मौसी … लेकिन याद रखियेगा, आपने आज मुझे निचोड़ दिया है, अब मैं आपकी बेटी के साथ साथ लौड़ी भी हूं, इसलिए मैं आपके दूध निचोड़ूंगी भी और चूसूंगी भी!
यह कहकर उसने मेरे निप्पल पर काट लिया।

मैं आह भरी सिसकी लेकर उसका मुलायम बदन सहलाने लगी।
उसके नितम्बों के बीच के छेद पर उंगली फेर कर मैंने उसे आराम दिया.

और फिर चारू मेरे ऊपर चिपक कर लेट गई।

उसका नंगा बदन इतना मुलायम और रसभरा था कि कोई भी उसे छूकर उत्तेजित हो जाता, उसके गोलाकार नितंब मेरी हथेलियों से मालिश का मजा ले रहे थे।

चारू- वासू मौसी, आपने पहली बार सेक्स किसके साथ किया था?
मैं- एक लड़का था मेरे कॉलेज के पास का, उसके साथ प्रेम शुरू किया था, उसने ही मेरी सील तोड़ी थी। लेकिन तुम्हारे पापा से मुझे शादी करनी पड़ी और हम दोनों अलग हो गए।
चारू- सच! लेकिन सब कैसे हुआ, प्लीज बताइए।

मैंने उसे अपनी आप बीती सुनानी शुरू की।

चारू, बात तब की है जब मैं 12वीं में स्कूल में थी।
तब मैं तेरे जैसी थी, इतनी की उम्र की जितनी कि तुम अब हो.

मैं पढ़ाई में ज्यादा अच्छी नहीं थी लेकिन मार्क्स ठीक आ जाते थे।
देखने में तो मैं बला की खूबसूरत हूँ ही।

मेरे हल्के नींबू जैसे स्तन अभी विकसित होना शुरू ही हुए थे, मेरे शरीर पर मांस पर्याप्त मात्रा में था और मेरे नितम्ब गोलाई लिए हुए मेरे रूप को आकर्षक बनाते थे।

बोर्ड एग्जाम हो चुके थे और सभी लोग छुट्टियां काट रहे थे।

एक दिन स्कूल की तरफ से टूर पर जाने की योजना बनाई गई।
टूर में हमें सिर्फ राजनगर के किले और जंगल में जाना था और टूर एक ही दिन का था।
मुझे भी जाने का अवसर मिला।

अगले दिन मैं अपने कपड़े और बाकी समान लेकर स्कूल के लिए निकल गई।

धीरज सर और मोनिका मैम को छात्रों को संभालने की जिम्मेदारी दी गई।
हमारे साथ हमारे सीनियर क्लास के लड़के लड़की भी आए थे।
कुल 30 बच्चों का ग्रुप था।

धीरज सर और मोनिका मैम का चक्कर पूरे कॉलेज को पता था।

हमारे ग्रुप में कुछ तेज तर्रार लड़कियां थीं।
उनमें से एक लड़की थी रचना जो सबसे हॉट और सेक्सी थी।

उसकी दो सहेलियां थी रुचि और नेहा।
वे भी उसी के जैसी थी और उन तीनों के पीछे लड़कों की लाइन लगी रहती थी।

हम सभी बस में सवार हो गए।
फिर बस राजनगर के किले की तरफ़ चल दी।

बस में मेरी ही क्लास का एक लड़का भी था, रोहित जो चोरी छुपे मुझे देखता था लेकिन कुछ कहता नहीं था।

टूर एक दिन और एक रात का था।

बस राजनगर के किले के पास पहुंच गई तो हम सब लोग अपनी अपनी टीम में बंट गए।

लड़के धीरज सर के साथ थे और मेरी टीम मोनिका मैडम के साथ थी।
हम सखियां रचना को ही देख रहे थे।

उसका लम्बा गोरा मांसल जिस्म बहुत आकर्षक लग रहा था।
इंटर के लड़के उसी को ताड़ रहे थे, रचना भी उनको खूब लाइन दे रही थी।

घूमते घूमते शाम हो गई और हम लोग राजनगर के जंगल में आ गए।

धीरज सर और मोनिका मैम के बीच कुछ इशारा हुआ तो धीरज सर बोले- बच्चो, मोनिका मैम की तबीयत ठीक नहीं है, मैं इनको दवा दिलाकर लाता हूं, तब तक आप लोग यहीं रहिएगा और मेरे आने तक इधर उधर मत जाइएगा।

यह कहकर वह मोनिका मैम के साथ चले गए।

अब टीचर थे नहीं इसलिए सबको खुलकर नैन मटक्का करने का मौका मिल गया।
रचना ने कुछ लड़कों को इशारा किया और फिर पहले 5 लड़के और फिर कुछ देर बाद रचना और उसकी सहेलियां नेहा और रुचि भी जंगल में अंदर की तरफ चली गई।

मैंने अपनी सखियों से कहा- चलो हम लोग भी चलते हैं जंगल में, देखो रचना गई है। बहुत मजा आयेगा।
लेकिन मेरी सहेलियों ने मना कर दिया।

लेकिन मैं नहीं मानी और 10 मिनट बाद मैं भी जंगल में चली गई।

जंगल में बड़ी चट्टाने थी और मुझे कुछ आहट मिली तो मैं उन्ही की ओट में छिपकर सब देखने लगी।

देखा तो आंखें फटी रह गई।
रचना 3 लड़कों के साथ चुम्मा चाटी कर रही थी और उसकी सहेलियां नेहा और रुचि भी यही कर रही थी।

नेहा अपनी टांगें खोल कर चट्टान पर बैठी हुई थी और एक लड़का उसकी योनि को चाट रहा था।
रुचि भी एक लड़के को किस कर रही थी और वह लड़का रुचि के नितम्ब सहला रहा था।

सबसे ज्यादा तो रचना लगी थी इन सब कामों में!
उसने अपनी शर्ट के बटन खोल रखे थे और उसकी ब्रा नीचे सरकी हुई थी।
एक लड़का पीछे से उसके दोनों संतरे जैसे स्तनों को मसल रहा था और दो लड़के अगल बगल खड़े हो कर उसे किस कर रहे थे।

रचना के दोनों हाथों में दोनों लड़कों के लंड थे और वह उन्हें सहला रही थी।

वहां बिलकुल कामसूत्र का लाइव टेलीकास्ट चल रहा था।
तभी एक लड़के ने रचना और रुचि की पैंटी निकाल दी।
स्कर्ट पहने हुए वह लड़कियां अपनी ब्रा नीचे किए लड़कों से मजे ले रही थी।

तभी एक लड़के ने रचना को छोड़ा और जाकर नेहा के पास खड़ा हो गया।
नेहा इशारा समझ गई।
उसने लपक कर उस लड़के का लिंग अपने मुंह में भर लिया।
चारू, ये सीन देखकर तो मेरे तन बदन में आग लग गई।
मेरी सांसें तेज हो गई और मैं अब गीली होने लगी।

तभी एक और करतब हुआ।
एक लड़के ने रचना को उठा लिया और सर के बल कर दिया।
रचना का सर उस लड़के के लिंग के सामने आ गया।

तभी एक और लड़के ने रचना को सहारा दिया और फिर दोनों ने रचना के गुप्तांगों पर अपनी जीभ चलानी शुरू कर दी।

रचना भी एक एक कर के उस दोनो का लिंग चूस रही थी।

उधर एक लड़का रुचि के स्तन पी रहा था और उसकी योनि सहला रहा था.
वहीं दूसरी तरफ दो लड़के नेहा पर लगे थे।

उनमें से एक नेहा का मुंह चोदन कर रहा था और एक लड़का नेहा की योनि को चूस रहा था।

इन गर्मागर्म नजारों को देखकर मुझे भी गर्मी लगने लगी।
हाथ पांव कांपने लगे और दिल की धड़कन आसमान छूने लगी।

तभी मुझे छींक आ गई और लोगों की नजर मुझपे गई।

मैं वहां जड़ खड़ी थी, कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं।

सबने मुझे देखा तो मुस्कुरा कर एक दूसरे से धीरे धीरे कुछ कहने लगे।

फिर रचना, नेहा और रुचि मेरे पास आई।
उनके स्तन अभी भी खुले हुए थे।

जब रचना मेरे पास आई तो अहसास हुआ कि उसके स्तन कितने रस भरे हैं।

रचना- यहां क्या कर रही है वासु?
मैं हकलाती हुई बोली- मुझे माफ कर दो दीदी, मैं बस यहां से गुजर रही थी।
रचना- अच्छा, आ फिर तुझे सैर कराती हूं।

ये कहकर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अपने साथ उस चट्टान के पास ले आई।

सारे लड़के मुझे देखकर आनन्दित थे।

अभी कच्ची कली थी मैं इसलिए शरीर ज्यादा विकसित नहीं हुआ था।

रचना ने मेरी शर्ट खोली तो बनियान में मेरे स्तन आधे नींबू की तरह उभार लिए सामने आ गए।

एक लड़का बोला- इसकी तो चूचियां भी नहीं निकली अभी, इसमें मजा नहीं आयेगा।
तो रचना बोली- रुक जाओ जानेमन, चूत तो है ही, चलो देखते हैं।

यह कहकर उसने मेरी पैंटी सहलाई तो मुझे करंट सा लगा।

नेहा उन लड़कियों ने मेरी पैंटी निकाल दी और मैं कुछ न कह सकी।

मेरी योनि पर हल्के हल्के बाल आ गए थे।

रचना ने मेरी चूत का मुआयना किया और कहा- अभी सील पैक माल है ये!
यह बोलकर उसने जीभ निकाली और मेरी चूत को चाटने लगी।

उफ्फ पहली बार किसी की जुबान मेरी चूत से टकराई थी।
मैं आँखें बंद कर के इस लम्हे का मजा लेने लगी।

अब नेहा ने मेरी बनियान भी उठा दी और मेरे स्तन को बाहर कर दिया।

लड़कों ने मेरे नींबू दबा दिए तो मुझे दर्द हुआ।
मैं चिल्लाई- आह दीदी, दर्द हो रहा है।

रचना ने मेरी चूत छोड़ी और अपने होंठ मेरे होंठों से टिका दिए।
पहली बार किसी ने मुझे किस किया था वह भी एक लड़की ने!
मैं भी मजे लेकर उसे चूसने लगी।

सच कहूं तो वह चुम्बन मुझे आज भी याद है चारू!

इसके बाद नेहा और रुचि नीचे बैठ गई।

एक एक लड़का उन दोनों के पास गया और दोनों ने उनके लंड अपने मुंह में भर लिए।

उधर रचना दो लड़कों का लंड चूस रही थी।
यह नजारा ही ऐसा था कि कोई भी गीला हो जाए।

इसके बाद एक लड़का मेरे पास आया और बोला- तू भी चूस मेरा!
मैं डर के बोली- नहीं, मैं नहीं कर पाऊंगी।

तो उस लड़के ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लिंग पर रख दिया।
उसका गर्म लिंग पकड़ कर मुझे बेहद झटका सा लगा।

मैंने धीरे धीरे उसे सहलाना शुरु किया और फिर उसने मुझे भी घुटनों के बल बिठा दिया।

मेरे बाल पकड़ कर उसने अपना लिंग मेरे मुंह में डाल दिया।
उसका नमकीन स्वाद मेरे मुंह में घुल गया।

वह अब धीरे धीरे मेरे मुंह का चोदन करने लगा।
मेरे मुंह पर धक्के लगाते हुए उसने गले तक अपना लिंग मेरे मुंह में घुसेड़ना शुरू कर दिया।

उसका 5 इंच का काला लिंग मेरे मुंह में घुसता और निकालकर दोबारा अंदर घुस जाता।
उसका लिंग मेरी लार से अच्छी तरह भीग गया।

फर्स्ट ओरल सक का ये क्रम 5 मिनट तक चला फिर उसका बदन अकड़ने लगा।
उसने मेरे सर पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली और फिर मेरे मुंह में झड़ गया।

एक गर्म तेल सा मेरे मुंह में गिरा और मुझे उसका नमकीन स्वाद मिल गया।

उस लड़के ने मेरा सर ऊपर उठा दिया और मेरे मुंह का वीर्य मेरे गले से अंदर उतर गया।

झड़ने के बाद वह लड़का ढीला हो कर मुझसे अलग हो गया।

मैंने देखा तो दोनों लड़के रचना के मुंह पर लंड रगड़ रहे थे और कुछ ही देर बाद झटकों के साथ उनका वीर्य रचना के चेहरे पर जा गिरा।

उधर नेहा और रुचि भी लंड को चूस चूस कर खाली कर चुकी थी।

रचना मेरे पास आई और अपने चेहरे पर लगा वीर्य मेरे स्तनों पर मल दिया और कहा- इसे लगा रहने देना बेबी, तुझे बहुत मजा आयेगा।

लड़के झड़ कर ठंडे हो गए थे इसलिए अब हमने चलने का फैसला किया।
अपने कपड़े पहनकर हम सब वापस बस में आ गए।

प्रेषक : आदि Antarvasna

दोस्तो, मैं आदि, मेरी उम्र २० साल है Antarvasna और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरा लण्ड छः इंच का है, मैं 6’1″ लम्बा हूँ।

बात आज से लगभग एक साल पहले की है, मेरी मम्मी की तबीयत ख़राब होने के कारण हम लोगों ने एक आंटी को खाना पकाने के लिए रखा। वैसे वो काम वाली नहीं थी पर उनके घर की खराब हालत की वजह से वो हमारे घर काम करने आई।

वो बिलकुल गोरी चिट्टी थी, बड़े-बड़े मम्मे और मोटी गांड एक दम कातिल बदन था उनका। उनके घर में आते ही मुझे मस्ती चढ़ जाती थी। मैं उन दिनों छुट्टियों की वजह से घर पर ही रहता था और मेरे घर वाले सुबह ही काम पर चले जाते थे, मम्मी दो बजे से पहले नहीं आती थी।

तो अब बात पर आते हैं असली बात पर !

आंटी मुझे वासना की निगाह से देखती है, यह मुझे पता नहीं था। लेकिन वो दिन का खाना बनाने आधा घंटे पहले ही आ जाती थी। तो मुझे कुछ कुछ महसूस हुआ क्योंकि वो मुझे कुछ-कुछ काम बताती रहती थी और उसी बहाने मैं उसे छू लिया करता था। उसे छूते ही मेरे बदन में करंट सा दौड़ने लगता था। मन करता था उसे वहीं दबोच लूँ पर हिम्मत कभी नहीं होती थी।

धीरे धीरे हमारी दोस्ती बढ़ी और मैं उन्हें किसी न किसी बहाने से छू लिया करता था और वो भी कभी ऐतराज़ नहीं करती थी। आग दोनों तरफ बराबर लगी थी। मेरा लौड़ा तो उसे देखते ही खड़ा हो जाता था, वो भी उसे देखती रहती और नीचे झुक कर अपनी चूचियों के दर्शन कराती थी।

एक दिन अंजू ने मुझसे कहा- आदि, तू मुझे उठा सकता है क्या ?

मैंने कहा- आराम से।

वो बोली- नहीं उठा सकता !

मैंने कहा- तो आओ, उठा कर दिखता हूँ।

और वो घड़ी आ गई जिसका मुझे और अंजू दोनों को इंतज़ार था। मेरा लौड़ा तो पहले से ही खड़ा था। मैंने अंजू को उठाया, मेरा एक हाथ उसकी चूची के ऊपर था और उसके चेहरा बिल्कुल मेरे करीब था। मैंने हिम्मत करके अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए, उसने भी मेरा साथ दिया।

फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया। मैं उसका कुरता उतारने लगा तो बोली- अपनी अंकल की जगह पर मत जा !

मैंने कहा- सब जगह अब मेरी है !

और मैंने जोर से उसके होंठ चूम लिये। वो गर्म हो गई थी। मैंने उसका कुरता उतार दिया और सलवार भी। अब वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी। मैं उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूचियाँ मसलने लगा। वो आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह की आवाजें निकालने लगी। उन सिसकारियों ने मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर दिया और मैं उसकी चूचियाँ बहुत बुरी तरह चूसने लगा और चूसते-चूसते मैंने उसकी पैंटी उतार दी।

अब वो पूरी नंगी थी। फिर उसने पहले मेरी शर्ट उतारी और मुझे चूमने लगी। फिर उसने मेरी पैंट उतारकर मेरा लौड़ा चूसने लगी। क्या लंड चूसा उसने, वो मज़ा आ गया।

मैंने भी उसके मुँह में ही धक्के मारने शुरू कर दिये। करीब 15 मिनट बाद वो मेरा सारा माल पी गई।

फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी। मैंने उसके बाल पकड़ कर उसके होंठ दुबारा चूमे और मैं क्या देखता हूँ- मेरा लण्ड दुबारा खड़ा हो गया है।

मैंने उसकी टाँगें फैलाई और एक झटके में उसकी चूत में घुसेड़ दिया। वो तड़प उठी और मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया। मैं पूरे जोश में था और सच बताऊँ दोस्तो, मुझसे कण्ट्रोल भी नहीं हो रहा था। मैं बहुत तगड़े-तगड़े धक्के मारने लगा, वो बोली- धीरे धीरे मार ! फाड़नी है क्या मेरी चूत तुझे?

मैंने कहा- आंटी, आज मत रोको ! आज बस भोंसडा बना दूंगा तेरी चूत का।

जैसे-जैसे मैंने जोर से धक्के मारे, वो बोलती- आआ आ आ आअह्हह्ह आदि, धीरे ! मर जाउंगी ! आह आ…..आआ……हय मर गई मैं ! आ……अह।

थोड़ी देर में वो अपनी गांड उठा-उठा कर चुदने लगी। वो एक बार झड़ चुकी थी। मेरा माल निकलने वाला था, मैंने धक्के और तेज़ कर दिए। पूरे कमरे में कच कच और सिसकारियों की आवाजें गूंजने लगी।

वो बोली- आदि, आ आअह्ह्ह ह्ह्ह् ! और जोर से फाड़ दे आह आ अह आह आअह आह आह आह ऊह।

मेरा भी निकलने वाला था, हम दोनों पसीने पसीने हो गये थे और तभी आंटी फ़िर झड़ गई और उसके मुँह से संतुष्टि भरी आवाज़ निकली अअआआ………आआह्ह्ह ह्ह्ह

तभी मैं भी झड़ गया।

थोड़ी देर तो हम ऐसे ही लेटे रहे और फिर हम अलग हो गए।

सच बताऊं दोस्तो, उस दिन को कभी नहीं भूल सकता क्योंकि वो मेरी पहली चुदाई थी।

मेरी और कहानियों के लिए थोड़ा इंतज़ार कीजिये। मेरी कहानी आपको कैसी लगी ज़रुर बताइयेगा। Antarvasna

Antarvasna

पाठको, आपके साथ-साथ Antarvasna मैं भी अन्तर्वासना की कहानियों का लुत्फ़ उठाता हूँ। एक कहानी मेरी ओर से भी आपको अर्पित है। इसकी प्रेरणा एक काल्पनिक पात्र ‘रति कन्या’ पर आधारित है। कहानी एक माला के सामान है, जिसके फूल सदियों से चले आ रही ‘नारी-पुरुष वासना’ या काम-मय सृष्टि की वास्तविकता है। बस नाम वगैरह बदल दिए जाते हैं। आशा है, अर्पित दो भाग, जो अपने आप में भी पूरी कहानी है, आपका मन बहलायेगें। यदि आपने इन्हें पसंद किया, तो आगे और शृंखला-बद्ध कहानियाँ भेजूंगा।

भोलेनाथ शांत हैं, फिर भला क्यों विश्व में युद्ध के बादल मंडराने लगे। उनका पिछला तांडव हुए अब पूरे सौ वर्ष हो गए हैं। उस बार, द्वितीय विश्व युद्ध में उन्होंने जम कर नर-संहार किया था। इस बार तो सृष्टि लुप्त होती नजर आती है, लेकिन ऐसा होगा नहीं। अन्तर्वासना के पात्र जीवित रहेंगे। सदियों से चले आ रही मानव-शृंखला की प्रारंभिक आवश्यकताओं को, या यूँ कहें कि उस शृंखला के बीज को, युद्ध उपरांत युग तक पहुँचायेंगे। फिर एक बार कोमल अंकुरों की हरियाली छायेगी, नए-नए पंख निकल आएंगे।

सन 2050 के आधुनिक युग में भी, जब सिंगल-मॉम होना आम बात हो चली है, रति अभी भी अपनी माँ के कड़े अनुशासन में रह रही है यहाँ तक की जींस-टॉप मत पहनो, हाई हील्स मत पहनो, गहरी लिपिस्टिक मत लगाओ। लड़कों से बात करना तो दूर की बात है, नजरें मिला कर भी वह किसी पुरुष से बात नहीं कर सकती।

जूनियर कालेज में आकर उसने माँ से कहा- मम्मी मेरी सारी फ्रेंड्स के पास पता नहीं कब से ब्लैक-बैरी हैं, कम से कम अब तो मुझे भी एक दिला दो।

बस इतनी सी बात पर माँ गुस्सा झाड़ने लगी- अभी से मोबाइल का तू क्या करेगी, तेरा कोई बॉय-फ्रेंड है जो तुझे अब यह खिलौना चाहिए? ख़बरदार जो कभी लड़कों को मुँह लगाया। हमारे घराने की लड़कियाँ शादी तक किसी अनजाने लड़के को हाथ नहीं लगाने देती।

इन्हीं लताड़नाओं के साथ उसकी माँ जल्दी जल्दी तैयार हो कर काम के लिए निकल गई। उसकी माँ स्वयं, स्वछन्द विचारों वाली, अविवाहित सिंगल-मॉम थी और अपेक्षा करती थी कि बेटी लड़कों से मित्रता भी न करे।

रति उदास होकर कालेज जाने के लिए तैयार होने लगी। वह व उसकी सहेलियाँ लगभग सभी साथ-साथ बालिग हो गई थी। उसकी सहेलियों के पास एक से एक बढ़ कर, पता नहीं क्या क्या सेक्स-खिलोने थे। बालिग होते ही उन सबके ‘पर’ निकल आये थे। सब लड़कियाँ टाईट ड्रेस पहनती, अपने कामुक फिगर की नुमाइश में लगी रहती। वह केवल रति ही थी, जिसकी ड्रेस ढीला-ढाला ब्लाउस और घुटनों तक की स्कर्ट होती।

आज जूनियर कालेज में फ्री-डे था। अर्थात, रति की कई सहेलियाँ रंग बिरंगी, मिनी-वस्त्रों में आने वाली थी। सबको अपनी नुमाइश में सेक्सी-किक मिलता था। इस मामले में रति इतनी भोली थी, जैसे सहेली न होकर, वह उनकी छोटी बहन हो।

रति के वार्डरोब में कोई भड़काऊ ड्रेस थी ही नहीं। मन ममोस कर उसने पिछले साल का, स्कूल के दिनों का, एक टू-पीस सूट निकाला। इस बीच रति के स्तन तेजी से बढ़ गए थे। ब्लाउस थोड़ा तंग हो गया था और प्लेट-दार स्कर्ट लम्बाई में थोड़ी छोटी भी। चोली की जगह उसने पारदर्शी-सिल्क की हाफ-शमीज डाल ली, जो केवल नाभि के ऊपर तक पहुँच पाई।

जन्म-दिन पर शरारत करते हुए कुछ दिन पहले एक सहेली ने उसे लाल रंग की, उत्तेजक पेंटी भेंट की थी। आज पहली बार रति ने वो वाली पेंटी पहन ली। सामने दर्पण में आपने आप को निहारा तो एक शर्म भरी मुस्कराहट के साथ आँखें नीची हो गईं। सोचने लगी, पता नहीं वह किसके सामने रेशमी शमीज व सेक्सी पेंटी में यूँ खड़ी होकर अपना लुभावन अंग दिखा पायेगी।

बचपन से ही, रति को अपने अंग प्रदर्शन से मीठी-मीठी गुलगुली होती थी। शायद उसे पुरुषों की वासना भरी नजरों से कोई किक मिलता था। लेकिन घर के कड़े अंकुश की वजह से उसकी प्यास दबी की दबी रह गई थी।

कसे ब्लाउज़ में रति के बी-कप मम्मे, एक लचक लिए कैद हो गए। उसी तरह तंग-स्कर्ट में उसके अर्ध-गोलार्ध भी उभर आये। स्कर्ट, या यों कहें, मिनी-लहंगे का छोर रति की जांघों के मध्य तक ही पहुँचा। पीछे से लहंगा और ऊपर को उठ गया था। अपने आपको शीशे में देख कर रति को सेक्स और लज्जा की मिली-जुली अनुभूति हुई। वह अपनी उम्र से काफी कम की लग रही थी। फिर हल्का सा मेक-अप, श्रृंगार किया। उसके अधर, रसीले चेरी की तरह लाल थे। उन्हें किसी लिपस्टिक की जरूरत थी नहीं। फिर भी, ग्लॉस लगा कर वह कोई स्वर्ग से आई अप्सरा-कन्या लग रही थी।

पर्स लेकर वह निकलने ही वाली थी कि सामने दरवाजे की घंटी बजी। रति घबरा गई। सोचने लगी कि इस वक्त कौन आया है, और इन भड़काऊ वस्त्रों में उसे देख, क्या सोचेगा। दरवाजे तक पहुँचने में उसे सामान्य से ज्यादा वक्त लग गया।

तनिक कांपती हुई आवाज में उसने पूछा- कौन है?
‘रति, मैं हूँ!’ जानी पहचानी आवाज आई।

रति ने राहत की साँस ली। रोहित, उसकी माँ से काफी छोटा, दूर का रिश्तेदार था; जिससे रति की अच्छी पटती थी। माँ ने केवल ‘रोहित मामा’ से मिलने जुलने की छूट दे रखी थी। तनिक संकोच करके, रति ने दरवाजा खोल दिया, लेकिन स्वयं थोड़ा आड़ में छुप गई।
रोहित अंदर आ गया।
‘दीदी कहाँ है?’ पूछते हुए उसकी नजर रति पर पड़ी।

मामा की नजरों से रति जान गई कि वे उसे ताक रहे हैं। कुछ घबरा कर, कुछ शरमा कर उसने कहा- मम्मी आज जल्दी निकल गई। कुछ काम था क्या?

रोहित बोला- हाँ, काम तो था, लेकिन वो फिर हो जायेगा!
वह अब रति को ऊपर से नीचे ऐसे देख रहा था मानो स्कैनिंग कर रहा हो। रति लज्जा से सिमट रही थी।

बाहर हवा के झोंके चल रहे थे। अधखुला दरवाजा रह रह कर फ्रेम से ठोकर खा रहा था। कुछ सोच कर रोहित ने दरवाजा बंद नहीं किया, बस भिड़ा कर छोड़ दिया।

‘तू कहीं जा रही थी क्या?’ रोहित ने पूछा।
‘जी मामाजी, आज कालेज में फ्री डे है’। मामा के चेहरे में एक मुस्कराहट खिल आई।
सकपका कर रति ने सफाई देनी चाही- आज सब लड़कियाँ तनिक माडर्न ड्रेस में आयेंगी।

मामा की चुप्पी उसे खल रही थी। वह आगे बोली- मेरे पास कोई नई ड्रेस तो थी नहीं, इसलिए स्कूल की.., मेरा मतलब, इसलिए पिछले साल की ही पहन ली।

उदासी, लज्जा व ग्लानि से रति के चहरे पर ऐसे भाव छा गए, मानो किसी बच्ची को रसोई से लोली चोरी करते हुए मामा ने पकड़ लिया हो।

उधर रोहित की स्थिति खराब हो रही थी। उसने रति को सदैव अपनी छोटी सी भांजी ही समझा था, लेकिन आज वो मानो अचानक बड़ी हो गई थी। ढीले-ढाले कपड़ों में रति की कामुक तनाकृति पर कभी उसका ध्यान ही नहीं गया था। आज उसके कसे ब्लाउज़, आम के आकार वाली चूचियाँ और मिनी-स्कर्ट से उभरे चूतड़ देख कर रोहित का लंड खड़ा हो रहा था।
रोहित के होंठ सुर्ख हो उठे, उसने जीभ फिरा कर उन्हें गीला किया। उसे कुछ सूझ नहीं रहा था कि आगे क्या बोले। रोहित की आँखों में शुद्ध-अशुद्ध भाव आ जा रहे थे।

रति, मामा की आँखों के भाव समझ न सकी। आज वे खिलखिला नहीं रहे थे, तनिक गंभीर थे। कहीं नाराज तो नहीं हैं, मम्मी को शिकायत तो नहीं कर देंगे। किसी जाल में फंसी हिरणी की नजरों से मामा को ताका।
गंभीर आवाज में मामा ने पूछा- तूने अपने आप को शीशे में देखा कि कैसी लग रही है?

बस इतना सुनना था, रति रुआंसी हो गई। आँखों की कोर पर आंसू आ आये- अंदर जाकर मैं कपड़े बदल लेती हूँ।’
इसी के साथ सिसकते हुए बोली- प्लीज़! मम्मी से कुछ मत कहना!

डर भरा, अबोध चेहरा देख कर रोहित के कठोर होते लिंग पर सनसनाहट हुई। रति की परवाह न करके, उसने एक हाथ पैन्ट के अंदर डाल, मुन्ने-राम को व्यवस्थित किया और दो तीन झटके भी दे दिए।

फिर कहा- पहले जरा घूम कर दिखा, मैं भी तो देखूं कैसी लग रही है!

रति घूम कर रोहित की ओर पीठ कर खड़ी हो गई। पीछे से उठा हुआ मिनी-लहंगा ऐसा लग रहा था कि मानो नग्न चूतड़ दिखाने का निमंत्रण दे रहा हो। रोहित की नजरें रति की पीठ पर अन्वेषण कर कुछ खोज रही थी। उसे ब्रा-स्ट्रेप नहीं दिखा।

‘तूने ब्रा भी नहीं पहनी है क्या?’ यह कहते हुए रोहित ने रति की पीठ पर हाथ फेरा, मानो स्ट्रेप ढूंढ रहा हो।

मामा का हाथ पीठ पर सरकते ही रति की रुलाई फ़ूट गई। सिसकती आवाज में उसने उत्तर दिया- जी मैं अभी तक शमीज ही पहनती आई हूँ।
फिर कहा- आप कहेंगे तो अब से ब्रा पहन लिया करुँगी।

रोहित अब रति के पीछे चिपक गया। मानो कुछ समझाना चाहता हो- जरा देखें तो सही, तेरी चूचियों को अभी सहारे की जरूरत है भी या नहीं?

इन्ही शब्दों के साथ रोहित के हाथ रति की बाँहों के नीचे से निकल कर सामने पहुँच गए।

रति घबराई हुई थी, जल्दबाजी से वह बिदक सकती थी। यह सोच रोहित ने पहले रति की संकरी कमर घेरते हुए उसके पेट पर हाथ फिराया। इस आलिंगन में वह पूरा का पूरा रति के पीछे चिपक गया। उसका चेहरा रति के घुंघराले बालों के इर्द गिर्द मचलते हुए, नव-बालिग, कमसिन, कोमल त्वचा को सूंघने लगा। उसका पैंट में तना हुआ टट्टू, मिनी-लहंगे से छुपी गाण्ड की दरार में जा लगा।

रोहित ने अपने सीने को थोड़ा आगे कर दबाव डाला। रति को कुछ सामने झुकना पड़ा। उसके अर्थ-गोलार्ध पीछे हुए तो आभास हुआ कि एक अनजाना, गुदगुदा, तंतु उसकी पृष्ठ-घाटी में रगड़ रहा है।
इसी बीच रोहित ने हाथ ऊपर सरकाते हुए रति की अम्बियों को नीचे से तौल लिया। नई-नई पनपी अम्बियों में कोई लटकन नहीं था, केवल कामुक लचक थी। रोहित आगे-पीछे होकर अम्बियों की लचक तोलता रहा।

वह बोला- सच में, तुझे अभी कोई चोली की जरूरत नहीं।

यह सुन कर रति को थोड़ी राहत मिली। कम से कम मामा इस बात से तो नाराज नहीं होंगे कि उसने ब्रा क्यों नहीं पहनी। रोहित का हाथ और ऊपर खिसक आया, मानो वह अब रति के उभरते मम्मों के आकार का अनुमान लगा रहा हो।

अचानक रति की दाईं गर्दन में एक गहरा चुम्बन देकर वह बोला- तेरे स्तन आम के समान बन रहे हैं। बहुत कम लड़कियों के होते हैं ऐसे!

फिर जैसे मजाक कर रहा हो, बोला- कालेज में लड़कों की नजरों से इन्हें छुपाये रखना, नहीं तो कोई उन्हें चूस खायेगा।

यह कहते हुए, रोहित ने रति के चुचूक टटोल लिए। चुचूकों पर रोहित की अंगुलियाँ ऐसे फिरने लगी मानो कोई निपुण सितारवादक टंकार दे रहा हो।

रति के शरीर में बिजली का करेंट सा दौड़ गया। गले में गीला चुम्बन, गांड की दरार में किसी अनजाने अंग का स्पर्श और कुंवारी चूचियों पर पहला-पहला पुरुष-मर्दन!

इतना सब इतने कम समय में सहन कर पाना मुश्किल था। नव-युवाकांशाओं को प्राप्त करने को अग्रसित हो रहे, वासना से ओत-प्रोत, कामुक-शारीर को रोहित का आलिंगन मनमोहक लग रहा था। लेकिन माँ के अंकुशों की याद ताजा थी। उसकी अंतरात्मा कचोट रही थी कि वह कहीं कुछ गलत तो नहीं कर रही।

वह जन्म से अपने अंग-प्रदर्शन की प्यासी थी। मन की गहराई में यह कामना थी कि हर पुरुष उसे भूखी नजरों से ताके। रोहित के माध्यम से उसकी यह तृष्णा संतुष्ट हो रही थी। उसकी अंतरात्मा में मिश्रित रंग बदल-बदल कर आ जा रहे थे। वह भयभीत थी और लज्जित भी कि मामा उसका उपभोग कर रहे हैं। साथ ही साथ उसके शरीर से मीठी-मीठी धाराएं बह रही थी, जिनका उसने पहले कभी अनुभव नहीं किया था। उसकी वर्षों की दबी ज्वाला प्रज्वलित हो रही थी।

हिम्मत करके कोमल हाथ रोहित के हाथों पर भींच कर रति बोली- अब मुझे छोड़िये, यह सब ठीक नहीं है।

कुछ रुक कर बोली- माँ को पता चल गया तो बहुत नाराज होगी।

यह सुन रोहित की उत्तेजना बढ़ गई। पुरूष की काम-वासना आलिंगन में फंसी नारी की विवशता देखकर भड़क जाती है। उसने रति की गरदन पर दूसरी तरफ भी गहरा चुम्मा दे दिया। साथ ही साथ उसके कठोर होते चुचूकों को अपनी अंगुली व अंगूठे में भींच कर मसल दिया।

रति के शरीर से काम-उत्तेजना का दूसरा करेंट गुजरा। उसके कंठ से वासना भरी कराह निकली, मानो आलिंगन में फंसी नारी अपनी विवशता से प्रज्वलित हो रही हो। वक्ष और गर्दन का भाग पीछे को मुड़ गया। लज्जा एवं आनन्द से आंखें मुंद गई। उसकी दशा देख रोहित का वज्र सामान लिंग, चूतड़-खाई के अंदर ही अंदर उचकने लगा।

शेष अगले भाग में! Antarvasna

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆