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Massage Girl in Krishnagiri: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Krishnagiri who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Krishnagiri that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Krishnagiri massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Krishnagiri who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Krishnagiri massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Krishnagiri massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Krishnagiri who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Krishnagiri employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Krishnagiri helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Krishnagiri

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Krishnagiri at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi Porn Stories

मेरा नाम राहुल है. यह Hindi Porn Stories मेरी पहली कहानी है, सच है या झूठ, आप ही बता सकते हैं. मैं अभी हैदराबाद में जॉब करता हूँ.

कहानी उन दिनों की है जब मैं +2 की परीक्षा देकर हॉस्टल से अपने घर गया था. हॉस्टल में तो सेक्स के बारे में हम सभी खूब बात करते थे, पर सही में सेक्स कैसे होता है मुझे मालूम नहीं था. घर पर मेरे पापा, मम्मी, बड़ा भाई और एक छोटी बहन है जो आठवीं में है. मेरे पापा नौकरी करते हैं और मम्मी स्कूल टीचर है. मेरा बड़ा भाई मुझसे तीन साल बड़ा है. घर पर दिन मैं और मेरा बड़ा भाई अकेले ही रहते थे क्योंकि उसका सरकारी कालेज था.

मैंने एक दो दिनों तक गौर किया कि घर पर जब कोई नहीं रहता है तो पास के घर की रानी नाम की लड़की नोटबुक ले कर घर आती है. पहले तो मैं गौर नहीं करता था पर एक दिन जब उसे कमरे से निकल कर उसके कपड़े ठीक करते देखा तो मुझे शक हो गया.

दो दिनों बाद जब वो आई तो मैं रोशनदान से छिप कर देखने लगा. वो आते ही मेरे भाई से चिपक गई, मेरा भाई भी उसके होटों को चूम रहा था. फिर भाई ने उसका कुरता और ब्रा खोल दिया और उसके चूचे चूसने लगा. फिर मैंने रानी को देखा- वो बहुत ही मदहोश हो चुकी थी और सेक्सी सेक्सी आवाजें निकाल रही थी… ऊऊऊह्ह आआअह्ह्ह ह्म्मम्म ऊऊउ स्स्स्स!

फिर भाई ने उसकी सलवार को खोल दिया और उसकी पेंटी के उपर से हाथ घुमा रहा था रानी पागलों की तरह आवाजें निकालने लगी, पूरा कमरा सेक्सी आवाजों से गूंज रहा था. फिर मैंने देखा कि भाई उसकी पेंटी उतार कर खुद भी नंगा हो गया और अपना लंड उसकी चूत में घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा. कुछ देर तक चोदने के बाद वो एक झटके के साथ मेरे भाई से चिपक गई, फिर मेरा भाई भी थोड़ी देर तक उसके शरीर पर पड़ा रहा. फिर रानी ने उठ कर अपने कपड़े पहन लिए और अपने घर चली गई.

मैं वो सीन देख कर सीधा बाथरूम गया और मूठ मार लिया. पर उस रात मैं सो नहीं पाया.उसके बाद एक और दिन चुदाई का कार्यक्रम देखा तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भी रानी को चोदने की ठान ली.

शाम को मैं और भाई जब बाज़ार से घर आ रहे थे तो मैंने हिम्मत कर के भाई को बोल दिया कि तुम और रानी जो करते हो मैंने देख लिया है. मेरे भाई का मुँह देखने लायक था, बेचारा मुझसे कुछ नहीं बोल पा रहा था.

वो इतना बोला कि प्ली़ज मैं यह बात किसी को न बोलूं! तो मैंने भी रानी को चोदने की शर्त रख दी.
वो बोला- कोशिश करूँगा.

दो तीन दिनों के बाद फिर रानी आई तो मैं फिर रोशनदान से छिप कर देखने लगा. आज दोनों कुछ बात कर रहे थे. थोड़ी देर में भाई कमरे से बाहर आने लगा तो मैं भाग कर नीचे आ गया और अपने कमरे में बैठ गया. भाई मेरे पास आया और बोला- रानी मुझे बुला रही है!

मैं डरते डरते कमरे में गया तो रानी चुपचाप खड़ी थी. मैंने भाई के डर से दरवाजा बंद नहीं किया. थोड़ी देर खड़े रहने के बाद रानी ने खुद बात शुरु की और मुझे दरवाजा बंद करने को बोला.

मैंने दरवाजा जैसे ही बंद किया, उसने मुझे बेड पर बैठने को कहा. वो खुद भी बेड पर बैठ चुकी थी. फिर उसी ने बात शुरु की, मुझसे पूछा- तुम छिप-छिप कर क्या देखते थे?

तो मैं बोला- वही जो तुम और भाई करते हो!
तो वोह बोली- क्या वही?
तो मैं बोल बैठा- ‘चुदाई’

फिर वो हंसने लगी और मुझसे पूछा- पहले किसी को किया है?
तो मैं बोला- नहीं!
फिर उसने बोला- आज कुछ करोगे या सिर्फ़ मुझसे बात ही करोगे!

इतनी में वो और करीब आ गई, मुझे समझ नहीं आ रहा था. फिर मैंने हिम्मत करके उसका हाथ पकड़ लिया और उसे गले लगा लिया. उसने भी मुझे पकड़ लिया और मेरी पीठ को सहलाने लगी. फिर मैं उसके होटों को चूमने लगा. मेरा लंड काबू में नहीं हो रहा था. जल्दी-जल्दी मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए और अपने भी खोल दिए. वो मेरा लंड सहला रही थी, पर जैसे ही मैंने उसकी चूत में लंड डाला, वो तिलमिला उठी और बोली- तुम्हारा लंड तो तुम्हारे भाई से लम्बा और मोटा है! धीरे करो!

पर दो-तीन मिनट में ही मेरा माल निकल गया और मुझे शर्मिंदगी लगने लगी तो वो बोली- क्या हुआ?

मैं कुछ नहीं बोला तो वो बोली- पहली बार है ना!
तो मैं बोला- हाँ!
तो वो हंसने लगी और बोली- कोई बात नहीं! एक बार फिर कोशिश कर सकते हो!
इस बार उसने पहल की और बोली- जल्दबाजी मत करना! आराम से म़जा लोगे तो तुम्हें अच्छा लगेगा!

फिर उसने मेरा लंड सहलाना शुरु किया. पाँच मिनट में ही लंड खड़ा हो गया. मैं भी आराम से उसकी चूचियाँ दबा रहा था. इस बार सही में मजा दोगुना हो गया था.

उसने मुझसे कहा- अब जल्दी से ऊपर आ जाओ!

मैंने अपने लण्ड को निशाने पे लगाया और उसकी बूर पे रखकर एक जोरदार झटका मारा, वो दर्द के मारे कराहने लगी. मैं उसके स्तन मसलने लगा. जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने एक और जोरदार शॉट मारा और पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत की गहराई में समां गया. वो एक बार फिर दर्द से चिल्ला उठी और आ आआ आ आह्ह्ह्ह ईईइह्ह्ह्ह ऊऊ ऊ ऊ ऊह्ह्ह्ह की आवाजें करने लगी. मैंने उसके होठों पे अपने होंठ रख दिए.

जब उसका दर्द कम हो गया तो वो कहने लगी- जोर से चोदो मेरे राजा! आज इस चूत का भोंसड़ा बना दो! और जोर से… और जोर से! आज मुझे छोड़ना नहीं मेरे रज्जा!… मुझे आज पेल दो आज…!

मैं जोर-जोर से धक्के लगाने लगा, रानी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और नीचे से गांड उठा-2 कर झटके मार रही थी. करीब बीस मिनट बाद मैंने कहा- अब मैं झड़ने वाला हूँ!
उसने कहा- स्पीड बढ़ा दो!

मैं तेज-तेज़ झटके लगाने लगा और 10-15 झटकों के बाद मेरा लावा उसकी चूत में समां गया.

वो आज शादीशुदा है. और जब मैं घर जाता हूँ उसे फ़ोन कर देता हूँ! वो आ जाती है और हमारा चुदाई का कार्यक्रम एक बार तो होता ही है.

विश्वास के साथ यहीं ख़त्म कर रहा हूँ. कहानी आप लोगों को सच लगा या झूठ, कृपया मेल भेजना न भूलिएगा. Hindi Porn Stories

प्रेषक – राहुल अरोरा Sex Stories

मेरा नाम राहुल अरोरा है। मूल-रूप से Sex Stories मैं लखनऊ से हूँ। मैं २२ साल का हूँ, रोज़ाना जिम करता हूँ इसलिए मेरा ज़िस्म बहुत मज़बूत है। सेक्स के मामले में भी मैं काफ़ी मज़बूत हूँ। अभी करीब १५ दिन पहले की घटना मैं आपको बताने जा रहा हूँ। मैं पंजाब से बी-टेक कर रहा हूँ। शुरूआत से हॉस्टल में रहता था, लेकिन दो सत्रों के बाद मैंने शहर में एक कमरा किराए पर ले लिया था।

उस मकान की मकान मालकिन का नाम मुस्कान कौर था। उसकी फ़िगर क्या बात थी! उसकी चूचियों का तो कोई जवाब ही नहीं था और जब वो चलती तो उसकी पिछाड़ी भी बड़ी सेक्सी लगती थी। उसके चूतड़ दाएँ-बाएँ हिलते थे। मैं तो उसका दीवाना हो गया था। उसकी उम्र लगभग ३५-३६ साल की होगी। उसकी एक लड़की थी, वो भी अपनी माँ पर गई थी।

मकान मालकिन का पति आर्मी में कर्नल था जो कि बहुत कम आया करता था, इसलिए वो प्यासी लगती थी, और जब भी मुझसे मिलती थी या बात करती थी तो वो बड़ी प्यासी नज़रों से देखती थी। मैं उसका इशारा समझता था, लेकिन मैंने कभी कुछ कहा नहीं। एक दिन उसकी लड़की स्कूल गई थी, और मैं उस दिन कॉलेज नहीं गया था तो उसने मुझे आवाज़ दी कि ज़रा यहाँ आना।

मैं जब उसके कमरे में गया तो वो वॉशिंग मशीन में कपड़े धो रही थी। पंजाब में सभी सलवार-सूट पहनते हैं तो उसने भी नीली रंग की सेक्सी सलवार-सूट पहन रखी थी, जिसमें उसकी चूचियाँ बड़ी ही सेक्सी लग रहीं थीं। एक बार मैंने उसे देखकर सोचा कि काश मैं इसे चोद पाता। तभी उसने कहा कि जाओ ज़रा बाज़ार से सामान ले आओ, घर में कोई नहीं है इसलिए तुम्हें कह रही हूँ, मैं भी गीली हूँ। जब भी वह झुकती तो मैं उसकी चूचियाँ देखता रहता और वो भी यह जानती थी।

मैं सामान लेने चला गया, जब सामान लेकर उसे देने गया तो वह नहाने जा रही थी। वह यह कहकर गई कि बैठो, मैं अभी आती हूँ। वो काले रंग की नाईटी में आई, और माँ क़सम, क्या गज़ब ढा रही थी। उसकी चूचियाँ साफ-साफ दिख रहीं थीं, उसने ब्रा नहीं पहनी थी। सामान देकर मैं चला गया।

उसी रात को मैंने अपने कमरे में आहट सुनी, उसने खटखटाया। मैंने दरवाज़ा खोला, उस समय रात के करीब २ बज रहे थे।

वह बोली, “मुझे नींद नहीं आ रही।”

मैंने पूछा – “क्यों?”

तो बोली – “ऐसे ही।” अचानक वह मेरे पास आकर बैठ गई,

फिर पूछती है, “तुम्हारी कोई गर्लफ्रेण्ड है क्या?”

मैंने उत्तर दिया – नहीं।”

उसने फिर पूछा, “आज तक किसी लड़की को नहीं छुआ।”

मैंने कहा, “मन तो करता है, लेकिन अभी तक नहीं।

उसने अचानक मेरा हाथ पकड़ा और किस किया। फिर वो मेरे होठों को अपने होठों से भींचने लगी। मैंने भी अपना हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया, उसने मुझे बढ़ावा दिया, “दबाओ, ज़ोरों से दबाओ।”

दूसरा हाथ मैंने उसकी नाइटी में डाल दिया और ऊपर ले जाने लगा, उसने पैन्टी नहीं पहन रखी थी। उसने फटाफट मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरा ८ इन्च का लण्ड चूसने लगी। उसने भी अपनी नाईटी उतार दी। उस समय क्या लग रही थी वो!

फिर उसने अपनी चूत चाटने को कहा, मैंने उसकी चूत चाट-चाट कर लाल कर दी, वो गर्म हो चुकी थी। उसने कहा कि राहुल अब मुझसे सहा नहीं जाता, चोद दे मुझे, प्लीज़ मुझे चोद दो। फिर मैंने अपना लण्ड उठाकर उसको चोदा। वो चीखती रही… हाय!!!!!! और चोद मेरे राजा…!!!! मैं उसकी चूचियों को खूब दबाता… तो वो और चीखती अ्अअअअ्अअअअआआआआहह्ह्ह्ह्हह्हहहह आआआआआहहहहह… और फिर करीब ३० मिनट के बाद हम दोनों झड़ गए।

उसने मुझे प्यार से गले लगाया और स्मूच्च किया। इसके बाद तो मुझे गिनती भी याद नहीं कि मैंने उसे कितनी बार चोदा।

आगे मैं उसकी लड़की की कहानी बताऊँगा। पहले आप मुझे अपने विचारों के साथ मेल करें Sex Stories

प्रेषक : ओ पी झाकड़ Sex Stories

मैं प्रकाश आपका दोस्त Sex Stories लेकर आ गया आप लोगों के लिए यौन-कथा !

पहले अपने बारे में बताता हूँ मैं प्रकाश इक्कीस साल का जवान जयपुर का रहने वाला हूँ। मैं आज आप लोगो के लिए ऐसी सेक्स स्टोरी लाया हूँ जिसे पढ़ कर लड़कियों की चूत में से ५ बार पानी और लड़के २५ बार मुठ मारेंगे।

चलो, अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ ! हाँ कहानी पढ़ने के बाद मुझे मेल जरूर करना…!

बात करीब पाँच साल पहले की है जब हमारे घर के पास एक भैया रहने आये जिनका नाम सुनील और २२ साल के थे। वो अभी शादीशुदा नहीं थे उनकी न तो सेहत थी न लम्बाई !

मैं सोचता कि कौन सी लड़की इनसे शादी करेगी .. !

मैं सोलह साल का होता हुआ भी उनसे अच्छा दीखता था। पर स्वभाव उनका बहुत अच्छा था। हम दोनों जल्दी अच्छे दोस्त बन गए। वो मुझ से हर बात शेयर करने लगे। फिर मैंने उनसे पूछा- आपने कभी किसी लड़की को चोदा है?

तो बोले- नहीं !

फिर बात आई गई हो गई। २ साल बाद मुझे पता चला कि उनके घर वालो ने उनके लिए एक लड़की देख ली है, बस भैया को जा कर पसंद करनी है।

वो मुझे भी साथ ले गए। मैं था तो अट्ठारह का पर लग रहा था पूरा नौजवान बीस साल का ….

जब हम लोग लड़की वालों के पहुँचे तो सबने मुझे लड़का समझा।

तो मैंने उन्हें कहा- मैं नहीं, ये हैं जो आपकी लड़की से शादी करना चाहता है !

उन्हें ये पता लगते ही लगा कि वो भैया के साथ अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहते।

पर उनकी कुछ मज़बूरी थी जिस कारण वो कुछ नहीं बोल पाए ……

जैसे ही लड़की आई, हम दोनों उ़से ही देखते रहे- क्या तो लग रही थी ! बिल्कुल परी जैसी थी !

मैं तो बार बार उसके स्तनों और गांड को ही देख रहा था। मुझे तो उसी समय उसे चोदने का मन करने लगा पर मैं शांत ही रहा।

भैया ने शादी के लिए हाँ कह दी।

४० दिन बाद का मुहूर्त निकला शादी का ……

मैं तो दिन-रात मुस्कान ( भैया की होने वाली बीबी ) के बारे में ही सोचता रहता …… तब मुझे मूठ मरना नहीं आता था …..

शादी वाला दिन भी आ ही गया। मैंने अपने लिए नए कपड़े लिए तो जिसे देख भैया बोल उठे- आज तो तू ही दूल्हा लग रहा है..!

मैं भी हंस दिया।

बारात चलने लगी मैंने बारात में खूब डांस किया …. फिर करीब डेढ़ घंटे बाद हम शादी वाली जगह पहुँच गए …

शादी में हमने बहुत मस्ती की और भैया की साली जो मेरे बराबर थी के साथ बहुत मजे किये। बहुत बार उसकी गांड और बूब्स को दबा देता पर वो कुछ नहीं बोली…

शादी अच्छी तरह हो गई।

मुझे तो भाभी और उनकी बहन दोनों को चोदने की इच्छा होने लगी।

लेकिन दो महीने बाद मेरे एग्ज़ाम थे तो मैं उनकी तैयारी में लग गया। कभी कभी भैया के घर जाने लगा …

एग्ज़ाम खत्म होते ही मैं भैया के घर ही दिन भर बिताता …

मुझे भाभी कभी खुश नहीं लगी। मैंने कई बार पूछा, पर वो कुछ नहीं बोली। मैंने भैया को भी बोला कि क्या बात है !

तो भी बोले- कुछ नहीं ! लड़कियों की आदत ही होती है गुमसुम रहने की !

फिर मैंने भी कुछ नहीं कहा ….

२ महीने बाद मैं ऐसे ही रोज की तरह भैया के घर गया …. उनका गेट जो अक्सर बंद ही रहता है, आज खुला था। मैं सीधे अन्दर घुस गया।

सामने का नज़ारा देख कर मैं दंग रह गया।

भाभी ब्लू फिल्म देख रही थी जिसमें आदमी लड़की की चूत में अपनी ऊँगली डाल रहा था, भाभी भी अपनी चूत में ऊँगली डाल रही थी …

मैं जाने लगा तो भाभी ने देख लिया और जल्दी से कपड़े ठीक कर बोली- प्रकाश तुम कब आये?

मैं कुछ नहीं बोला और उनकी चूत की तरफ देखने लगा तो वो बोली- क्या देख रहे हो?

मैं बोला- कुछ नहीं ….!

तो एकदम से बोली- मेरी चूत की तरफ ना !

मैंने कहा- हाँ !

तो बोली- मुझे चोदोगे ?

मैं बोला- क्या????

तो बोली- तुम्हारे भैया तो नामर्द हैं, कभी लंड ही खड़ा नहीं होता। शादी के ९ महीने बाद भी मैं अक्षत-योनि हूँ…..!

मैं बोला- क्या????

वो बोली- प्लीज़ ! मेरी चूत की प्यास मिटाओ !

मैं अटकता अटकता बोला- ठीईई ठीई ठीक है ! चोदता हूँ ! पर भैया को पता चला तो ?

वो बोली- कुछ नहीं बोलेगा वो भैन का लौड़ाऽऽऽ !

मैं मन मन बहुत खुश हुआ, मेरी पहली चुदाई 18 साल की उम्र में ! मज़ा आ जायेगा …!

फिर मैं भाभी को उठा कर बेड पर ले गया और उनके स्तन ब्लाऊज़ के ऊपर से ही दबाने लगा।

वो आहें भरने लगी…अह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह मज़ा आ गया ! तेज़ दबाओ जान्न्न् …

मैं और तेज़ दबाने लगा, उसके बूब्स को उसकी ब्रा से आजाद कर के दबाने लगा वो और तेज़ आहे भरने लगी…अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह या आआआअह्ह् उह्ह्हुहुहू अहः

फिर मैं बूब्स को मुँह में चूमने लगा …..

फिर उनकी साड़ी हटा कर पूरा नंगा करने लगा ……. और उसके बदन पर हाथ फेरने लगा।

वो बोली- जान ! बड़ा मज़ा आ रहा है…

मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया, बस पैंटी नहीं खोली और बोला- मेरा लंड तो बाहर निकालो और तरोताजा करो…..!

तो बोली- अभी निकलती हूँ…..

२ मिनट में मुझे पूरा नंगा कर के मेरे ७.५ इंच के मोटे लंड से खेलने लगी….

मुझे भी काफी मज़ा आ रहा था….. मैं भी आहें भरने लगा..

मेरे लंड ने एक बार करीब २० मिनट बाद पानी छोड़ दिया….

फिर मैं उसकी चूत को पैंटी हटा कर नंगा करने लगा। क्या तो मस्त चूत थी उसकी ….छोटे छोटे बाल और गुलाबी रंग की….

मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो वो आहें भरने लगी- आ आआ आह्ह ऊऊओह्ह्ह्ह माज्ज़ा आआआ राह्हा है जानी….

मैं बोला- अभी तो असली मज़ा आना बाकी है मेरी जान ….. मैं ऊँगली से उसकी चूत को खोलने लगा….

तो वो चिल्लाई- आह्ह्ह दर्द हो रहा है !

तो मैं बोला- फिर मेरा मोटा लंड घुसने पर क्या होगा मेरी जान…..?

कुछ देर बाद बोली- अब सब्र नहीं होता ! चोदो मेरी चूत को….

तो मैंने उसे बेड पर लेटा कर धीरे धीरे उसकी अनछुई चूत में लंड डालने लगा। मुझे पता था कि दर्द होगा, सो मैंने आराम से घुसाना जारी रखा…

उसे थोड़ा दर्द हुआ पर इतना नहीं जितना आमतौर पर लड़कियों को पहली चुदाई में होता है।

थोड़ी देर बाद मैं स्पीड बढ़ाता गया … अब उसे भी मज़ा आ रहा था, बोलने लगी- प्रकाश जान, और तेज्ज़ फाड़ दे मेरी चूत …

मैं और तेज़ हो गया और उसकी चूत को मज़े देने लगा….

उसकी चूत को चोदते हुए इतना मज़ा आ रहा था कि मुझे लगा कि मैं हमेशा ऐसे जीवन भर चोदता रहूँ…

१५ मिनट बाद वो झड़ गई और बोलने लगी- अब प्लीज़ ! रुक जाओ !

पर मैं कहाँ रुकने वाला था, मैं अपनी स्पीड पर उसे चोदता रहा…..

दस मिनट बाद मैं भी झड़ गया और सारा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया…..

वो बोली- जान आज तो मुझे मज़ा आ गया !

मैं बोला- जान ! तुमने मुझे जो मज़ा दिया उसे मैं कभी नहीं भूलूंगा….

उस दिन हमने करीब ५ बार चुदाई की।

अब हम रोज चुदाई करने लगे। मैंने ही उसे बच्चा दिया।

मैंने मुस्कान की छोटी बहन की मीनाक्षी को भी खूब चोदा ……

पर यह कहानी बाद में !

मुझे मेल जरूर करना दोस्तों … मुझे आपके मेल कर इन्तज़ार रहेगा.. Sex Stories

मेरा नाम रेखा है, मैं नासिक (महाराष्ट्र ) कालवन के पास नाभा में रहती हूँ।

मैं गयारहवीं क्लास की छात्रा हूँ, पढ़ाई में ठीक ठाक हूँ मगर सेक्स के मामले में बहुत तेज़ हूँ।

जब से जवानी ने मेरे बदन में बदलाव लाने शुरू किए, तब से मैं इस बात को लेकर बहुत उत्सुक रही हूँ।

मैं अक्सर घर में शीशे के सामने नंगी होकर खड़ी हो जाया करती थी यह देखने के लिए कि मेरे स्तन कैसे धीरे धीरे आकार ले रहे हैं, कैसे मेरे निप्पल बन रहे हैं और कैसे मेरी चूत पर उगने वाले मुलायम रेशमी बाल गुच्छे में तब्दील होते जा रहे हैं।

और जब मुझे मासिक धर्म यानि के डेट आनी शुरू हुई तो उसके बाद तो जैसे मेरी ज़िंदगी ही बदल गई।

मुझे तभी से ऐसे लगने लगा कि जैसे मैं तो पूरी जवान हो गई।

और जब मौसी की लड़की ने यह बताया कि डेट आने का मतलब कि अब तू बच्चा पैदा कर सकती है तो मुझे बड़ी उत्सुकता हुई यह जानने के लिए कि अगर बच्चा औरत के पेट से निकलता है तो अंदर कब और कैसे जाता है।

खैर ये तो मेरे बचपन की बातें है।

जब मैं 10+1 में हुई तो पापा ने ट्यूशन पढ़ने के लिए घर पर ही इंतजाम कर दिया।

एक सर हर रोज़ मुझे शाम 6 से 7 बजे तक ट्यूशन पढ़ाने के लिए घर पर ही आते थे।

थोड़े दिनों बाद पड़ोस की कपूर आंटी का बेटा अमित जो 10+1 में था पर किसी दूसरे स्कूल में था, वो भी मेरे ही सर से ट्यूशन पढ़ने हमारे ही घर आने लगा।

पहले तो हम बहुत कम बात करते थे, पर धीरे धीरे हम दोस्त बन गए और हौले हौले आपस में बहुत खुल कर बात करने लगे।

ट्यूशन के दौरान मम्मी हमें चाय देकर जाती थी और सर की आदत थी कि वो चाय से पहले एक सिगरेट पीते थे, तो जब माँ चाय देकर जाती, सर चाय लेकर बालकनी में चले जाते, वहीं पर पहले एक सिगरेट और फिर चाय पीते।

इसी दौरान हम दोनों को आपस में खुसर फुसर करने का मौका मिल जाता।

एक दिन ऐसे ही चाय के समय किसी बात पर छीना झपटी के दौरान अमित का हाथ मेरी चूची पर ज़ोर से लगा।

अमित ने तभी मेरे से माफी मांगी- सॉरी रुचि यार, गलती से लग गया।

मैंने उसका बुरा नहीं माना और कहा- कोई बात नहीं, मुझे बुरा नहीं लगा।

‘क्या बुरा नहीं लगा, मेरा हाथ लगना?’ उसने पूछा।

‘नहीं, कुछ भी नहीं…’ मैंने भी कह दिया।

‘क्यों तुम्हें चोट नहीं लगी, मेरा हाथ तो बहुत ज़ोर से लगा था?’

‘नहीं, कोई बात नहीं!’ मैंने कहा।
हालांकि उसके हाथ के छूने से मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई थी।

‘हाँ, शायद नर्म चीजों पर चोट कम लगती हो?’ उसने कहा।

मैंने देखा उसकी आँखों में शरारत थी।

मैंने कहा- अच्छा, तो फिर एक दिन मैं भी बदला लूँगी, और तुम्हारी भी किसी नर्म चीज़ पे मारूँगी।

और हम दोनों हंस दिये।

इतने में सर आ गए और हमारी बातचीत बंद हो गई।

उसके बात तो अगले दो तीन दिनो में ही अमित ने जान बूझ के मेरे वक्ष के उन्नत उभारों को छूआ, मगर मैंने कभी भी बुरा नहीं माना।
इससे उसकी हिम्मत बढ़ गई और एक दिन जब सर बाहर खड़े चाय पी रहे थे तो अमित ने बड़े आराम और इतमीनान से सरेआम ही मेरे चूचों को पकड़ लिया।

‘अमित ?!’ मैंने बड़े हैरान हो कर कहा- हाऊ डेयर यू?

पर मैंने उसका हाथ अपने स्तनों से हटाने की कोई कोशिश नहीं की।

‘बस यार… दिल किया छू कर देखने को, तो छू लिया।’

‘और अगर सर देख लें तो या मम्मी आ जाएँ तो?’ मैंने कहा।

‘तो जब सर या तुम्हारी मम्मी न हों तो तब छू के देख लिया करूँ?’ उसने मुस्कुरा के कहा।

मेरी तो हंसी निकल गई।

बस मेरे हंसने की देर थी और उसने झट मेरे दोनों बूब्स पकड़ के दबा दिये।

मुझे भी अच्छा लगा।

उसके बाद तो यह सिलसिला ही चल निकला।

2-4 दिनों बाद अमित ने मुझे किस करने की इच्छा जताई।

मैंने कहा- मगर करेंगे कहाँ?’

तो वो बोला- ऐसा करते हैं, सर के जाने के बाद भी आधा घंटा रिवीजन किया करेंगे, उस दौरान अगर मौका मिल गया तो किस कर लेंगे’

मुझे आइडिया पसंद आ गया।

अगले ही दिन हमने आधा घंटा और रिवीजन की, मगर मौका नहीं मिला क्योंकि सर के जाने के बाद मम्मी आ कर बैठ गई थी।

मगर उससे अगले दिन करीब सात बज कर बीस पच्चीस मिनट पर दूध वाला आ गया, और जैसे ही मम्मी दूध लेने गई, अमित ने मुझे आँख से इशारा किया तो मैंने भी अपना चेहरा उसके पास कर दिया।

अमित ने बड़े ही प्यार से मेरे होंठों से अपने होंठ लगा दिये और मेरे नीचे वाले होंठ को अपने दोनों होंठों में दबाया।

यह एक बहुत ही अलौकिक एहसास था, मेरे जीवन का पहला चुम्बन था, और अमित का भी !

तो हम दोनों के जैसे बदन में बिजलियाँ कौंध गई, हमारे रोंगटे खड़े हो गए, चेहरे से गर्मी निकलने लगी और न जाने क्या क्या हो गया।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

खैर अब जब बूब्स दबाना और चूमाचाटी करना रोज़ की बात हो गई तो हम यह सोचने लगे कि अब आगे कब, क्या और कैसे किया जाए।

फिर एक दिन अमित अपने मोबाइल में एक फिल्म लेकर आया और उसे मेरे मोबाइल में डाल कर बोला- रात को देखना, बहुत बढ़िया चीज़ है।

रात को सोने से पहले मैंने अपने कमरे में बेड पे लेट कर वो वीडियो देखी।

वो एक ब्लू फिल्म थी जिसने मेरी सारी शंकाएँ दूर कर दी।
अब मुझे सब पता चल गया कि रात को मम्मी और पापा क्या करते हैं।

मैंने वो वीडियो 4-5 बार देखी और अपनी चूत को बहुत मसला, मगर जो कुछ मेरी हालत हो रही थी वो मेरे बस से बाहर थी।

मैं ये सब कुछ अमित के साथ करना चाहती थी।

अगले दिन अमित ने मुझसे उस वीडियो के बारे में पूछा तो मैंने बता दिया कि मुझे वीडियो बहुत अच्छी लगी।

‘जो वीडियो में देखा, मेरे साथ करोगी?’ अमित ने पूछा।

‘सच कहूँ अमित , मैं तो हर पल वो सब करना चाहती हूँ, जब से वो वीडियो देखी है, मुझे हर पल बेचैनी सी लगी रहती है, मुझे समझ में नहीं आता मैं क्या करूँ?’ मैंने अपनी हालत बताई।

‘मेरा लण्ड देखेगी?’ अमित ने पूछा।

‘हाँ, पर कैसे?’ मैंने बड़ी उत्सुकता से पूछा।

‘जब तेरी मम्मी दूध लेने जाएगी न, तब मैं बाथरूम में घुस जाऊँगा और अंदर जाकर निकाल लूँगा, जब मम्मी दूध वाले के पास होगी तो तुम बाथरूम का दरवाजा खटखटा कर खुलवा लेना और देख लेना!’ अमित ने प्लान बताया।

वैसे तो मैंने उसकी पैंट के ऊपर से ही उसका लण्ड कई बार पकड़ के देखा था, पर बिल्कुल सामने देखना और बात थी।

प्लान के मुताबिक जब मम्मी दूध का बर्तन लेने रसोई में गई तो अमित झट से बाथरूम में घुस गया और जब मम्मी बर्तन लेकर घर से बाहर निकली तो मैंने झट से जाकर बाथरूम का दरवाजा खोला, और अंदर का नज़ारा देख कर तो मैं दंग ही रह गई।

अमित बिल्कुल नंगा हो कर खड़ा अपना लण्ड हिला रहा था।

उसने मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा और कहा- आओ, और इसे छू कर देखो।

मैं आगे बढ़ी और मैंने उसका लण्ड अपने हाथ में पकड़ा।

अमित ने मुझे बाहों में जकड़ लिया और हम दोनों ने एक दूसरे के मुँह से मुँह जोड़ दिये।

हम दोनों ने आँखें बंद कर ली, अमित का लण्ड पूरा सख्त हो चुका था।

अमित ने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी जिसे मैं बड़े मज़े से चूस रही थी कि तभी ड्राइंगरूम के दरवाजे के खुलने की आवाज़ आई।

मतलब मम्मी दूध लेके आ चुकी थी।

मैं बिजली की तेज़ी से अमित से अलग हुई और जाकर अपना बैग समेटने लगी।

दूध को फ्रिज में रख कर मम्मी हमारे कमरे में आ गई।

मेरे तो होश उड़े पड़े थे, जैसे दिमाग सुन्न हो गया हो।
मगर किसी को कुछ पता नहीं चला।

अगले दिन अमित ने मुझसे कहा- तूने तो मुझे नंगा देख लिया है, अब तू मुझे किस दिन नंगी हो कर दिखाएगी?

मैंने कहा- कल को, मगर मैं पूरी नंगी नहीं हो सकती, अगर सिर्फ अपनी स्कर्ट उठा कर दिखा दूँ तो चलेगा?
‘नहीं मैं तुझे पूरी नंगी देखना चाहता हूँ, जैसे मैंने किया वैसे ही तू कर दे।’ उसने स्कीम बताई।

मैंने कहा- ठीक है।

मगर उस दिन दूध वाला लेट हो गया और अमित को मन मसोस कर जाना पड़ा।

उससे अगले दिन मैं स्कर्ट पहन के बैठी थी और मैंने नीचे से कच्छी नहीं पहनी थी।

जब सर सिगरेट पीने बालकनी में गए, तो मैंने बिना कोई देर किया अमित के सामने अपनी स्कर्ट उठा दी। अमित ने बड़े प्यार से मेरी जांघों हाथ फेरते हुये, बिना पलक झपकाए मेरी चूत को देखा और अपने हाथ की उँगलियों से मेरी चूत के होंठों को सहलाया।

मुझे बहुत मज़ा आया और मैं चाह रही थी कि अमित ऐसे ही करता रहे पर उसने थोड़ा सा सहलाने के बाद छोड़ दिया और मेरी स्कर्ट नीचे कर दी।

हम फिर पढ़ने बैठ गए।

मगर अब ये सब हम दोनों की बर्दाश्त से बाहर होने लगा था।
हम दोनों सेक्स का आनन्द लेना चाहते थे।

अमित रोज़ ही कोई न कोई नई वीडियो दे जाता और मैं उसे देख के रात रात भर तड़पती रहती।

करीब दस दिन बाद हमें एक ऐसा मौका मिला जिसने हमारे सारे अरमान पूरे कर दिये।

जब हमारे तिमाही पेपर शुरू हो गए तो उन दिनों तो वैसे ही पढ़ाई का ज़ोर बहुत ज़्यादा था।

उन दिनों में ही हमारे पड़ोस के अंकल घर जगराता आ गया।

मतलब यह था कि सारे मोहल्ले वाले जाएँगे।

मैंने तो बहाना बना दिया कि मैं नहीं जाऊँगी, मैं तो घर बैठ कर पढ़ूँगी।

अमित ने भी मम्मी से कहा कि वो हमारे घर बैठ कर ही पढ़ेगा और जाते वक़्त अपनी मम्मी पापा के साथ अपने घर चला जाएगा।

जगराते वाली रात सब करीब 9 बजे चले गए।

घर में मैं, अमित और मेरा छोटा भाई ही थे।

पहले तो हम पढ़ते रहे और इन्तज़ार करते रहे कि कब मेरा भाई सोये।

जब वो सो गया तो हम दोनों मेरे कमरे में आ गए।

आते ही अमित ने मुझे बेड पे गिरा दिया और खुद मेरे ऊपर लेट गया।

हम दोनों एक दूसरे खा जाना चाहते थे।

चूमा चाटी करते करते हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिये।

अमित का सख्त लण्ड मेरे पेट पे मुझे महसूस हो रहा था।

उसने बड़ी बेदर्दी से मेरे बूब्स दबाये, उन्हें चूमा चूसा, चाटा, दाँतों से काटा।

मैं तो बस चाहती थी कि अमित मुझमें समा जाए।

बस थोड़ा सा प्यार करने के बाद ही अमित ने मेरी टाँगें चौड़ी की। मैंने अमित का लण्ड अपने हाथ में पकड़ा और अपनी चूत पर रखा, जो न जाने क्यों इतनी गीली हो रही थी।

अमित ने थोड़ा सा ज़ोर लगाया और हम दोनों दर्द से तड़प उठे, क्योंकि अमित और मैं दोनों कुँवारे थे।
मगर यह एक ऐसा मौका था जो शायद दोबारा हमे न मिलता।

थोड़ा सा सहने के बाद अमित बोला- फिर से डालूँ?

मैंने अमित के दोनों कंधो पे अपने हाथ रखे और अपनी टाँगों को उसकी कमर के गिर्द लिपटा कर बोली- आराम आराम से, धीरे धीरे से डालो, मुझे दर्द हो रहा है।

‘दर्द तो मुझे भी हो रहा है।’

उसने फिर कोशिश के मगर जैसे ही अंदर डाला, मेरी तो चीख निकल गई, मेरी आँखों में आँसू आ गए।

हमने कई बार कोशिश की पर अमित का लण्ड मेरी चूत में नहीं जा पा रहा था।
फिर अमित बोला- ऐसा कर किचन से कोई तेल ले कर आ।

मैं किचन में गई और सरसों का तेल लेकर आई।

अमित ने काफी सारा तेल अपने लण्ड पर लगाया और मेरी चूत में भी लगाया।

उसके बाद मैंने अपने हाथ से उसका लण्ड अपनी चूत पर सेट किया और अमित से कहा- ऐसा कर, एक ही झटके में अंदर डाल, बार बार के दर्द सहने से अच्छा है कि एक बार ही दर्द हो जाए।

अमित थोड़ा नीचे झुका, उसने मेरे होंठों से अपने होंठ लगाए और अपनी ताकत लगा कर अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ना शुरू कर दिया।

मैं तो फूट फूट के रो पड़ी।

अमित के चेहरे पर भी दर्द के भाव थे, मगर तेल लगाने से यह ज़रूर हुआ कि उसका पूरा लण्ड फिसलता हुआ सा मेरे बदन में समा गया।

उसके बाद हम कितनी देर वैसे ही लेटे रहे।

अमित मुझे चुप कराता रहा।

जब मैं थोड़ा सयंत हुई तो अमित ने अपना लण्ड बाहर निकाला, उसके लण्ड के ऊपर से खून निकल रहा था और मेरी चूत के अंदर से।
अमित मुझे उठा कर बाथरूम में ले गया।
वहाँ हमने अपने आप को पानी से अच्छी तरह से धोया।
साफ़ होकर हम बाहर निकले और आकर फिर बेड पर लेट गए।
मगर अभी हमारी संतुष्टि नहीं हुई थी, उसने फिर से वही चूमना चाटना शुरू कर दिया।

दो मिनट बाद हम फिर से तैयार थे।

अबकि बार अमित ने दोबारा वैसे ही तेल लगाया और जब डाला तो बड़े आराम से उसका लण्ड मेरी चूत में समा गया।

‘अब ठीक है?’ अमित ने पूछा।

‘हाँ, अब दर्द भी कम है।’
उसके बाद तो अमित पूरे जोश में आ गया।
मैंने भी उसका भरपूर साथ दिया।

हम एक दूसरे के होंठ, गाल, ठुड्डी, कान, गला, छाती और न जाने कहाँ कहाँ हम एक दूसरे को चाटते, काटते रहे।

बेशक हम दोनों को अभी भी दर्द हो रहा था पर आज तो हमने अपनी मंज़िल को पाना ही था।

मैंने अपनी पूरी ताक़त से अमित को अपनी बाहों में जकड़ा हुआ था और वो पूरी ताक़त से अपना लण्ड मेरी चूत में अंदर बाहर कर रहा था।

मेरा सारा मुँह उसने चाट चाट कर अपने थूक से गीला कर दिया था, पर मुझे वो भी अच्छा लग रहा था।

मेरे सारे बदन में एक अजीब सी बिजली दौड़ रही थी, मेरी आँखें बंद होने लगी, मुझे लगा जैसे आज मेरी जान मेरी चूत के रास्ते से बाहर निकाल जाएगी।

अमित का बदन पसीने से भीग गया था और उसका पसीना मेरे बदन पे टपक रहा था।

मैं भी पसीने से तर बतर थी, क्योंकि मैं भी नीचे से अपना ज़ोर लगा रही थी।

अमित के हर शॉट के साथ मैं अपनी कमर ऊपर उठती जा रही थी, जैसे मैं चाहती थी कि सारा अमित मेरी चूत में घुस जाए और उसके बाद मैंने अमित के होंठ को काट खाया- आआहहहहह राहूऊल मैं मर जाऊँगी।

यह कह कर मैं तो अकड़ गई।

अमित ने मेरे बाएँ बूब पर बड़े ज़ोर से काटा मगर मेरी तो जान निकाल दी उसने।

उसके बाद मैं तो बेड पे धड़ाम से गिरी, अमित का लण्ड बाहर निकल गया, उसने फिर से डाला और फिर चुदाई करने लगा।

मैं तो जैसे सातवें आसमान में उड़ रही थी।
‘ओ मेरी जान, मज़ा आ गया, मदरचोद, साली क्या दमदार चूत है तेरी, तेरी क्या मैं तो तेरी माँ की चूत में चोद दूँ, साली कुतिया, बोल अपनी माँ चोदने देगी, साली के कितने बड़े बड़े बोबे हैं, भैण की लोड़ी साली हिला हिला के दिखाती है अपने यार को, मादरचोद आज तेरी बेटी चोद दी कल को तुझे भी ऐसे ही चोदूँगा।’

अमित पता नहीं क्या क्या बड़बड़ा रहा था और मैं उसकी हर बात में हाँ में हाँ मिलती जा रही थी।

उसके बाद तो उसने बहुत ही बेदर्दी से मुझे चोदा।
हम दोनों के फिर से खून निकलने लगा।
मगर अब खून की परवाह किसे थी।

फिर अमित ने अपना गरम गरम वीर्य मेरी चूत में छुड़वाया।
वो मेरे ऊपर ही गिर गया।
मैं उसकी बेहद तेज़ दिल की धड़कन अपने सीने पे महसूस कर रही थी, जैसे उसका दिल बाहर ही निकल आया हो।

न जाने कितनी देर हम ऐसे ही लेटे रहे।
जब हम थोड़ा संभले तो मैंने अमित से पूछा- यह बता तू मेरी मम्मी के बारे में क्या कह रहा था?

अमित बोला- सॉरी यार, जोश में पता नहीं क्या क्या कह दिया। पर एक बात तो तू मानेगी, कि तेरी मम्मी है बड़ी मस्त, गजब की सेक्सी औरत है, या नहीं?

मैंने कहा- हाँ तेरे पापा कौन से कम है, बहुत ही शानदार मर्द हैं।

कह कर हम दोनों हंस दिये।

कुछ देर आराम करने के बाद हमने अपने अपने कपड़े पहने।

मैंने एक विस्पर पैड लगा लिया और थोड़ी सी काटन और दवा अमित को लगाने को दी।

फिर हम बाहर आकार ड्राइंग रूम में बैठ के टीवी देखने लगे और अपने मम्मी पापा का इंतज़ार करने लगे।

बेशक अमित और मुझे दोनों को गुप्तांगों में दर्द हो रहा था पर दोनों के चेहरे पे एक संतुष्टि भी थी कि आज हम दोनों पूर्ण मर्द और औरत बन गए थे।

हॉट मौसी सेक्सी कहानी में मैंने रात को अपनी मौसी को पापा के साथ जाती देखा तो मुझे लगा कि दोनों चुदाई करने जा रहे हैं. बाद में जब मौसी ने मुझसे भी सेक्स किया तो …

मेरा नाम प्रशांत है.
मेरे पापा का नाम रमेश है.

पापा की उम्र 45 साल है.
मेरे मौसा की उम्र 50 साल है क्योंकि मेरे मौसा जी ने दो शादी की हैं.

पहली मौसी शांति जो कि बड़ी है और दूसरी मौसी का नाम रीतिका है, मेरी छोटी मौसी की उम्र 33 साल है.
छोटी मौसी अभी बहुत जवान है इसलिए उनके अंदर गर्मी बहुत है.

यह हॉट मौसी सेक्सी कहानी तब की है जब मैं 22 साल का था और वाराणसी में रहकर पढ़ाई करता था.

एक बार 2 दिन की छुट्टी हुई तो मैं घर गया.
घर पर मौसी भी आई थी.

हम सबसे मिले उसके बाद खेत में काम करने चले गए.
जब शाम हुई तो सब लोगों ने खाना खा लिया.

उसके बाद मैं खेत में बने कमरे में सोने चला गया.

कुछ देर बाद पापा भी आए सोने के लिए, मेरे पास लेट गए.

उनको लगा होगा कि मैं सो रहा हूं तो वे मुझसे कुछ नहीं बोले.

उसके आधा घंटा बाद छोटी मौसी आई पानी लेकर!
तो पापा बोले- तुम क्या करने आ गई यहां पर?
मौसी बोली- पानी लेकर आई हूं आपके पास!

तो पापा बोले- पानी पिलाओगी या कुछ और भी पिलाओगी?
तब मौसी बोली- और क्या पिएंगे? साथ में बेटा लेटा हुआ है!
तो पापा बोले- यह तो सो गया.

तब पापा ने मुझे आवाज दी, मैं कुछ नहीं बोला.
तो उनको लगा कि मैं सो गया हूं.

उसके बाद मौसी पानी रख कर चल दी.
तो पापा भी उसके पीछे पीछे गए.

तो मैंने सोचा कि पता नहीं ये दोनों कहां जा रहे हैं.
थोड़ी दूर तक तो मैंने देखा, वे ज्यादा दूर निकल गये, अंधेरा होने कारण मैं कुछ देख नहीं पाया.

उसके बाद पापा कब आये पता नहीं … मैं सो चुका था.
बीच्ग रात मेरी नींद खुली तो पापा मेरे पास थे, मौसी नहीं थी, मेरे ख्याल से मौसी घर चली गई थी सोने उसके बाद!

सुबह हुई तो मेरे दिमाग में वही बात घूम रही थी.
मुझे लगा कि पापा ने मौसी को रात में जरूर चोदा होगा.
लेकिन मुझे पक्का तो पता था नहीं!

उसके बाद शाम तक मैं निकल आया वाराणसी फिर पढ़ाई करने के लिए!

तो मेरे मन में मौसी और पापा की चुदाई देखने का मन हुआ.
परंतु कैसे … यह तो संभव नहीं था क्योंकि क्योंकि मैं वाराणसी में था.
मैं सोच रहा था कि कैसे करूं … क्या करूं!
तो कुछ समझ में नहीं आया.

2 दिन बाद पापा का फोन आया.
पापा बोले- तुम्हारे मौसा घर बनवा रहे हैं तो उसमें उनको कुछ हेल्प चाहिए; उनका फोन आया था.
तो मैं बोला- अच्छा!
उन्होंने बोला- घर में काम है इसलिए हम लोग जा नहीं पाएंगे.
तो मैंने बोला- ठीक है, मैं कोशिश करता हूं.

दूसरे दिन मैं तैयार हुआ और मौसी के घर पहुंचा.
सब लोग घर पर थे.

मैं बड़ी मौसी से मिला, उनके पैर छुइ.
उसके बाद मौसा मिल गए, उनके पैर छुइ.
फिर छोटी मौसी रीतिका मिल गई.
उसके पैर छूने का मेरा मन नहीं कर रहा था क्योंकि उसके लिए मेरे दिमाग में बहुत गलत विचार बन गया था.

फिर खाना पीना हुआ शाम को!
खाने के बाद सोने की व्यवस्था कम थी तो मौसा जी वहां चले गए सोने जहां पर मकान बन रहा था.

और अब बड़ी मौसी अपनी बेटी को लेकर बाहर सो रही थी.
उसके बाद छोटी मौसी और उनका लड़का कमरे में चले गए सोने!

तभी छोटी मौसी ने बोला- कमरे में दो बैड हैं, वही तुम भी सो जाओ!
मैंने कहा- ठीक है!
तो मेरे मन में तो खुशी के लड्डू फूटे.

मैं गया.
गर्मी का मौसम था तो लेट गया.
कुछ देर बाद देखा तो मौसी की साड़ी ऊपर उठी हुई थी, उसकी जांघें दिख रही थी और दूध भी आधे आधे दिख रहे थे.

मेरा लन्ड खड़ा हो गया तुरंत!
पर मेरे मन में डर था.

कुछ देर बाद जब मौसी गहरी नींद में सो गई तो मैंने उनकी साड़ी उठाकर देखी.
पेंटी नहीं पहनी थी मौसी ने!
मुझे कुछ शक हुआ.
पर उसके बाद मैं सो गया.

सुबह हुई तो हम सब नाश्ता कर रहे थे.
मैंने देखा कि रीतिका मौसी नहा कर आ रही थी.
जब वह कपड़े रस्सी पर डालने गई तो उनमें पेंटी भी थी.

मैंने सोचा कि रात में तो पेंटी नहीं थी, अभी कैसे आ गई?
पर मैंने ज्यादा कुछ नहीं सोचा.

हम लोग काम पर लग गए.

फिर रात हुई तो फिर सोने गए.
तो जब मौसी सो गई तो मैंने उसकी साड़ी के अंदर अपना पैर डाल दिया और हॉट मौसी की सेक्सी चूत को हल्के से सहलाया.
मुझे लगा कि मौसी सो गई हैं.

तो फिर मैंने और जोर से सहलाया तो मौसी ने हल्के से आह आह की.
उसके बाद मेरी गांड फटी तो मैंने अपना पैर अपने बेड पर कर लिया.

लेकिन मौसी अब गर्म हो चुकी थी क्योंकि मेरे मौसा चोदते नहीं है क्योंकि वो अब बुड्ढे हो चुके हैं लेकिन मौसी तो अभी जवान है.

थोड़ी देर बाद जब मौसी को लगा कि मैं डर गया हूँ और अब कोई हरकत नहीं करूंगा तो मौसी ने खुद कहा- बेटा, तू मेरे पास आ जा, मुझे तुमसे बातें करनी हैं.

मैं मौसी के पास गया तो मौसी और मैं इधर उधर यहाँ वहाँ की बात करने लगे.

मौसी का हाथ मेरे लंड के एकदम पास था. मैं कुछ नहीं कर रहा था.

तभी मौसी का हाथ मेरे लंड से टकरा गया और वे हल्के हलके मेरे लंड को सहलाने लगी.

इतने से ही मेरा लंड में खड़ा होना शुरू हो गया था.

मैं अभी भी दारा हुआ था तो मैं पीछे हटने लगा.

पर तभी सेक्सी मौसी ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और बोली- प्रशांत बेटा, मेरी एक बात मानेगा क्या तू?
इस पर मैंने कहा- मौसी, आप बोलिए, मैं जरूर मानूँगा!

‘तो बेटा, तू मेरी प्यास बुझा दे बेटा … अपनी मौसी को इस्ल्न्द से चोद दे … तेरा लंड बहुत लम्बा है. तेरा लंड बहुत मजा देगा मुझे!

तभी मौसी ने मेरे लंड को हाथ से जोर से दबाया.
मैंने हटना चाहा तो मौसी मुझ से लिपटकर मेरे लबों को चूमने लगी.

मौसी के स्तन मेरी छाती पर रगड़ रहे थे.
मुझे इसमें बहुत अच्छा लग रहा था.

तब मैं अपना हाथ मौसी की गांड पर ले गया और मौसी के चूतड़ दबाने लगा.
उसके मुख से कामुक सीत्कारें निकलने लगी.

तब मैंने मौसी से पूछा- मौसी, ज़रा बताओ कि मेरा लंड आपने कब देखा? जो बोल रही हो तुम्हारा लंड बहुत बढ़िया है?
मौसी- जब तुम्हारे घर गई थी और तुम खेत में सोये थे, तब!

मैं हैरान हो गया कि उस समय मुझको तो पता ही नहीं चला.
मौसी बोली- पहले प्यास बुझाओ, बाद में सब बताऊंगी.
मैं बोला- ओके!

फिर मैंने मौसी के चूचे दबाना शुरू किया, वे काफी बड़े थे.

मैंने मौसी की साड़ी निकाली और उसके ऊपर लेट गया.
तो मौसी ने कहा- बेटा, मेरे चूचों को चूस ले. बहुत समय से किसी ने इनको नहीं चूसा है बस एक मर्द को छोड़कर! वे भी जब मौका मिलता है तो सिर्फ चोद लेते हैं. क्योंकि उनके पास इतना टाइम नहीं होता!
मैं- किस मर्द को छोड़कर?
मौसी- तेरा बाप!

मैं चकित नहीं हुआ क्योंकि शक तो मुझे पहले ही था.
तो मैं बोला- बताओ कैसे तुम चुदी पापा से?
मौसी- बाद में बताऊंगी.

मैं मौसी के चूचे ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
मौसी के चूचे और फूलने लगे थे.

फिर मैंने मौसी का साया उतार कर उसकी चूत को ज़ोर से मसल दिया.
तब मौसी ने चड्डी नहीं पहनी हुई थी.

मौसी बोलेन लगी- आआह ऊह ऊओ … और ज़ोर से मसल … फाड़ दे इसको!
तब मैंने अपनी मध्यमा उंगली उसकी चूत में घुसा दी.
तो उसके मुंह से गर्म सीत्कारें निकलने लगी.

मौसी ने कहा- बेटा जल्दी कर … चोद दे मुझे!
तो मैं बोला- अरे मौसी जल्दी क्यों करती हो, पूरी रात है हमारे पास!
मौसी ने हाथ में मेरा लंड पकड़ लिया.

मैंने कहा- यार मौसी, इसे अपने मुंह में लेकर चूस ना!
मौसी मेरा लंड चाटने लगी.

इससे मैं बहुत गरम हो गया तो मैंने अपना लंड सीधे मौसी की चूत में घुसा दिया.

तब मौसी के मुख से चीख की आवाज़ निकली- आआ ईई ईई उम्म्हां … अह … हांह… ओ!

मैं मौसी के उरोज मसलने लगा और थोड़ी देर बाद मौसी सामान्य हो गई.

मैं अविरत छोटी मौसी की चुदाई में लगा था.
और मैं झाड़ें लगा तो मुझसे रुका नहीं गया, मैंने अपना सारा रस मौसी की गर्म फुद्दी में डाल दिया.
मौसी बोली- यार प्रशांत, तू तो बड़ा चोदू निकला रे … मेरी जवानी की आग एक बार में ही ठण्डी कर दी.

लेकिन मौसी नहीं जानती थी कि यह मेरा प्रथम यौन सम्बन्ध अनुभव है.

उसके बाद मैंने कहा- पहले बताओ तुम पापा कब और कैसे चुदी? और मेरा लन्ड कब देखा? उसके बाद मैं तुम्हारी गान्ड मारूंगा.

मौसी- जब मैं तुम्हारे घर गई थी, तब तुम खेत में सो रहे थे. मैंने तुम्हारी चड्डी उतार कर तुम्हारा लंड देखा था.
मैं बोला- जब मैं और पापा सो रहे थे तब?
मौसी- हाँ!

मैं बोला- मैं जान नहीं पाया था.
मौसी- मैं पानी लेकर आई थी. तब मैं तुम्हारे पापा के साथ वहां से दूर दूसरे खेत में चुदवाने गयी थी.

मैं- अच्छा मतलब तुम उसी दिन पापा से चुदाई करवाने गई थी.
मौसी- तुम जानते हो क्या?
मैं- मैं जग रहा था जब तुम आई थी.
मौसी- अच्छा!

मैं- मुझे पता चला होता तो उसी दिन मैं आपको चोद लेता!
मौसी- तेरे पापा से चुदवा कर भी मेरी प्यास नहीं बुझी थी क्योंकि तुम्हारे पापा भी बुड्ढे हो रहे हैं. उस वक्त मैंने तुम्हारे पापा के सामने तुम्हारा लंड देखा था. फिर तुम्हारे पापा बोले थे कि इसे भी लेने का इरादा है क्या?
मैं- अच्छा?
मौसी ने कहा- तो मैंने तुम्हारे पापा को तुम्हारे लंड से चुदाई की इच्छा बताई थी.

इस तरह से मौसी ने ये सब कहानी मुझे बताई.

फिर मैं बोला- मुझे पापा और आपकी चुदाई देखनी है.
मौसी- चलो, अब जब तुम्हारे घर आऊंगी तो तुम्हें फोन कर दूंगी. तुम भी घर आ जाना. फिर हम साथ में चुदाई करेंगे.
मैं बोला- साथ में कैसे?
मौसी- वो मैं सब जुगाड़ कर लूंगी.

उसके बाद मैं 3 दिन मौसी के यहां रुका और उसकी खूब चुदाई की.
अगले दिन तो मैंने मौसी की गांड भी मारी.
लेकिन वो बोल रही थी- मैंने आज तक गान्ड नहीं मराई थी.

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