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Local area of Puducherry (Pondicherry)

Massage Girl in Puducherry (Pondicherry): Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Puducherry (Pondicherry) who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Puducherry (Pondicherry) that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Puducherry (Pondicherry) massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Puducherry (Pondicherry) who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Puducherry (Pondicherry) massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Puducherry (Pondicherry) massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Puducherry (Pondicherry) who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Puducherry (Pondicherry) employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Puducherry (Pondicherry) helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Puducherry (Pondicherry)

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Puducherry (Pondicherry) at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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हाय दोस्तो ! Hindi Porn Stories

मैं एक काल बॉय Hindi Porn Stories, उम्र २४, हाइट ६ फ़ीट, लंड ७” इंच, फिगर ३२-३४-३२, रंग गोरा !

आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ। बात उन दिनों की है जब मैं दिल्ली इंजिनियरिंग कॉलेज के आखिरी वर्ष में था। घर के सभी लोग गर्मियों की छुट्टियों में गाँव (नैनीताल) गये थे। घर की देखभाल और मेरे खाने के लिए मेरी छोटी बहन की विधवा सास घर में रहने आई थी। उसका फिगर ३२-३४-३२, कद में मेरे ही बराबर, उम्र ३९, गदराया बदन उसकी छाती और गाँड दोनो ही मस्त थे। एक बार जो देख ले, उसका लंड एक सेकेंड मे ही घोड़े का लंड बन जावे ! उसके पति को मरे काफ़ी साल हो गये थे, इसलिए वो काफ़ी सालों से लंड के लिए जुगाड़ देख रही थी।

तो दोस्तो, मैं भी काफ़ी दिनों से जिसको चोदने के सपने देख कर मूठ मरता था, आज मेरा सपना सच होगा, यह मुझे मालूम नहीं था। वो किचन में काफ़ी बार मुझसे जानबूझ कर अपनी चुचियाँ या अपनी गोल-मटोल गाँड किसी न किसी बहाने छुआ रही थी पर मैं उसकी इस हरकत को नज़र-अंदाज़ कर रहा था। मुझे सेक्स के बारे में कोई ज्ञान नहीं था।

रात का खाना खा कर हम दोनों अलग-अलग कमरे में सोने के लिए चले गये। एक घंटे तक उसको चोदने के बारे में सोच-सोच कर नींद नहीं आई, सो पेशाब करने के लिए उठा और पेशाब करने के बाद मैं उसके कमरे में गया तो मैंने देखा कि वो पेटिकोट और ब्लाऊज़ में सो रही थी। उन्हें देख कर मेरे शरीर में कम्पन सी होने लगी। मैं धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ने लगा। मैं अपने आपको उसकी तरफ़ जाने से रोक नहीं पा रहा था। वो देखने में बिल्कुल मस्त थी।

मेरा लण्ड उसको देखते ही खड़ा हो गया था। मेरा एक हाथ उसकी टांग पर गया और धीरे धीरे उसके चूतड़ों तक पहुँच गया। मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया, इतने में ही वो जाग गई। जैसी ही वो जगी, मैं वहाँ से भाग लिया और अपने कमरे में आ गया। थोड़ी देर बाद वो मेरे कमरे में आई और आते ही बोली- तुम क्या कर रहे थे?

मैं एकदम डर गया, मेरा चेहरा लाल हो गया। मैं चुप रहा। वो मन ही मन खुश हो रही थी, मैंने हिम्मत करके कहा- आगे से ऐसा नहीं होगा !

इस पर वो बोली- क्या नहीं होगा?

मैंने मुंह नीचे झुका लिया।

वो बोली- अब शरमा रहा हैं ! जब शर्म नहीं आई जब मेरे गाँड मे अंगुल कर रहा था !

मैंने उससे कहा- मैंने जान बूझ कर नहीं किया ! मैं अपने आप को रोक नहीं पाया !

उसको पेटिकोट और ब्लाऊज़ में देख कर मेरा लण्ड फ़िर तन गया था, उसने एक नज़र से ही उसे देख लिया था। वो बोली- अब तूने मुझे गरम कर दिया है, तुझे मेरे को चोदना पड़ेगा।

मैंने कहा- मुझे क्या करना होगा?

उसने कहा- मेरे कपड़े उतार !

मैं डर गया, मैंने कहा- नहीं !

उसने कहा- उतार भोसड़ी के ! नहीं तो तेरी ऐसी तैसी करवा दूंगी !

मैंने फिर डरते डरते पेटिकोट, ब्लाउज व चड्डी उतारी, और फिर उसने अपनी चूची मेरे हाथों में थमा दी और कहा- ले बेटा मज़े कर !

मैं उसकी चुचियों को सहलाने लगा और मसलने लगा। मेरे शरीर में एक अलग सा अनुभव हो रहा था ! उसके मुँह से आहह उह्ह स स स स स की आवाज़ आ रही थी। धीरे-धीरे मैं उसके शरीर को चूमने लगा। मेरा लण्ड एकदम सख्त हो गया था, उसने नीचे कुछ नहीं पहना था, मेरा एक हाथ उसकी चूत में जा रहा था, वो एकदम गरम हो गई थी और गालियाँ दे रही थी- चोद साले ! चोद मुझे !

उसने मेरा लण्ड हाथ में ले लिया और मेरे सारे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों नंगे थे। उसने मुझसे पूछा- तूने पहले कभी चुदाई की हैं?

मैंने कहा- नही !

तब उसने कहा- अपना लण्ड मेरे चूत में डाल !

मैंने पूरी कोशिश की लेकिन लण्ड चूत में नहीं घुस रहा था, तब उसने अपनी गांड के नीचे तकिया लगाया, मुझे खड़ा करके लण्ड घुसाने को कहा। इस बार लण्ड का सु्पाड़ा चूत में घुस गया, मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूँ ! उसके बाद एक झटके में ही लण्ड पूरा उसकी चूत में घुस गया ! तीन चार झटको में ही मैं झड़ गया। तब उसने बताया कि पहली बार ऐसा ही होता हैं, तुम सच बोल रहे थे कि तुम ने पहले चुदाई नहीं की हैं।

उस रात उसकी तीन बार चुदाई की, फिर तो जब भी मौका मिलता, मैं उसको चोदता।

मुझे निःसंकोच ई मेल करे- Hindi Porn Stories

Antarvasna

मैं और मेरा एक मित्र एक Antarvasna साथ रहते थे। हम दोनों बहुत घनिष्ट मित्र थे। मेरे मित्र की एक गर्ल फ्रेंड थी। वो आए दिन अपनी और अपनी गर्लफ्रेंड के किस्से सुनाता रहता था। तब एक दिन हम तीन दोस्तों को साथ में ले के एक प्लान बनाया कि अब बहुत कहानियाँ सुन ली, हम तुम्हारी गर्लफ्रेंड की गांड मारेंगे।

दोस्त राजी हो गया।

दोस्त ने अपनी गर्लफ्रेंड को डेट के बहाने बुलवाया और हमने उसके लिए एक कमरा भी बुक कर रखा था। हमने दोस्त की गर्लफ्रेंड को कोल्ड ड्रिंक में बेहोशी की दवा मिला कर पिला दी। जिसे पीने के कुछ मिनट बाद वह बेहोश हो गई। बेहोश होने से पहले ही वह दोस्त से आधा काम करवा चुकी थी, यानि स्तन आदि दबवाना।

जैसे ही वो बेहोश हो गई, हम तीनों ने एक एक कर नम्बर लगा कर दोस्त की गर्लफ्रेंड को कंडोम लगा कर बारी बारी से पेलना शुरु कर दिया।

जैसे ही मेरा नम्बर लगा, मैं मारे खुशी के अपना तनतनाया लिंग हाथ में पकड़े आगे बढ़ा। आखिरकार मैंने लिंग के सुपाड़े को योनि में प्रवेश करा दिया। तो अचानक दोस्त की गर्लफ्रेंड होश में आ गई और सर पर हाथ रख खड़ी होने लगी, मैं डर से छुप गया।

गर्लफ्रेंड ने दोस्त से पूछा- मुझे क्या हुआ था?

दोस्त ने बताया- तुम बेहोश हो गई थी। मेरे ख्याल से तुम्हें कमजोरी हो गई है।

कमरे में हलकी रौशनी थी। दोस्त की गर्लफ्रेंड ने खिड़की खोल दी और अचम्भे में पड़ गई जब उसने देखा कि उसके शरीर पर कोई कपड़े का नामो-निशान भी नहीं है और बोल पड़ी- तुमने यह मेरी क्या हालत बना दी है?

जब उसने कमरे में नजर दौड़ाई तो हम तीनों भी नंगे खड़े थे। और यह सब वाकया होने के बाद हमारे लिंग जहां योनि को देख शान से तने हुए थे, अब शरम से झुके हुए थे।

दोस्त की गर्लफ्रेंड ने कहा,” क्या हुआ? इतनी खामोशी क्यूँ ?”

आओ मेरी चूत मारो ! उसने दोस्त से कहा,”तुम मुझे पहले कहते तो तुम्हें इतना करने की जरुरत न पड़ती। मैं भी ग्रुप सेक्स की शौकीन हूँ!”

“आज मेरा सपना सच होने जा रहा है !” गर्लफ्रेंड ने कहा।

एक बार फिर से उतसाह बढ़ने पर सभी के लिंग फ़िर से तन के खड़े हो गए। अब हम सबने उस लड़की को लिटाया और दोस्त, जिसकी गर्लफ्रेंड थी, वो अपना लिंग पकड़े लड़की

के मुँह के पास मुख-मैथुन में तथा मैं उसकी योनि में अपना लिंग का सुपाड़ा डालने लगा। तीसरा दोस्त उसकी गांड मारने के लिए लड़की के नीचे दब गया। इस प्रकार हम एक एक कर शिफ़्ट बदल बदल कर काम में लगे रहे।

अचानक फ़ोन की घंटी बजने लगी। मैं उठ बैठा और हैरान हो गया क्या सपना था?

वास्तविकता से ज्यादा मजा तो सपने में था! Antarvasna

(Pahli Bar Sex- First Time Sex, First Intercourse)- Antarvasna

पहली बार सम्भोग Antarvasna यानि सेक्स करते वक़्त डर लगना स्वाभाविक है। आखिर उन खूबसूरत पलों को कौन यादगार नहीं बनाना चाहता।

लेकिन अगर ज़रा सी भी चूक हो जाए तो ये खूबसूरत लम्हे ज़िन्दगी के सबसे डरावने अनुभवों में से एक बन जाते हैं। लेकिन अगर कुछ बातों का ख्याल रखा जाए, तो फर्स्ट टाइम सेक्स को बेहद खुशगवार यादगार बना सकते हैं।

सबसे पहले सुरक्षा- ज़्यादातर लोग अपने पहले सम्भोग को लेकर काफी भावुक और अधीर होते हैं। अधीर होना जायज़ भी है। लेकिन दो पल की खुशी के लिए सुरक्षा से समझौता न करें।
यौन सम्बन्धी रोगों और अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कॉन्डम का इस्तेमाल ज़रूर करें। अपने लिए एक भरोसेमंद साथी चुनें जो आपकी कद्र करता हो। मस्ती के लिए सेक्स करने से भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

ज़्यादा उम्मीदें न रखें- हर कोई सोचता है कि उनका पहली बार एक जादुई और यादगार अनुभव हो। लेकिन ऐसा होगा ही, यह ज़रूरी नहीं है। अच्छे से सेक्स करना एक कला है, जो वक़्त के साथ आती है। ज़्यादा उम्मीदें रखने से आपको ही निराशा होगी।

फोरप्ले यानि सेक्स पूर्व क्रीड़ा करना न भूलें- चाहे कितने ही उत्सुक और उत्तेजित क्यों न हों- सीधा वहाँ’ पहुँचने से बचें। समय लें और अपने साथी को भी मुख्य कार्य के लिए गर्म होने, तैयार होने का वक़्त दें। पहली बार में आप जितना ज़्यादा फोरप्ले करेंगे उतना ही अच्छा रहेगा।

सम्भोग से पहले पूरी तरह उत्तेजित हों- इंटरकोर्स तक पहुँचने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आप पूरी तरह उत्तेजित हैं। वरना पहली बार सेक्स में आपको काफी दर्द होगा। लड़की की झिल्ली फ़टने पर और लड़के के लिंग के तन्तु कटने पर दर्द अवश्यभावी है।
यह न सोचें कि वो अनुभवी है- अधिकतर मामलों में, पुरुषों को यह दिखावा करने में बहुत मज़ा आता है कि वे सेक्स के एक्सपर्ट हैं। ऐसा शायद इसलिए कि वह अपनी साथी के सामने अपना भय और अनुभवहीनता व्यक्त करने से डरते हैं। इसलिए, कभी भी यह मान कर न चलें कि वो इसके एक्सपर्ट हैं। अपनी अन्तर्वासना यानि सेक्ष की इच्छा को भी अपने साथी के सामने रखें और कोशिश करें कि हमेशा वो ही लीडिंग न हों।

झूठ न बोलें- कई लोग सिर्फ इसलिए कह देते हैं कि वो संतुष्ट हैं ताकि उनके सहभागी को बुरा न लगे। ऐसा करने से आप असंतुष्ट ही रह जाएँगे और आपका रिश्ता खतरे में पड़ सकता है, इसलिए सच बोलें। और पहली बार सेक्स करने जा रहे लोग तो कतई झूठ का सहारा न लें।

चरमोत्कर्ष परम आनन्द चरमसीमा पर पहुँचने की आशा न रखें- हालांकि चरमोत्कर्ष से काफी सुख मिलता है, लेकिन बिना उसके भी आप सेक्स को इंजॉय कर सकते हैं। पहली बार इसकी आशा न रखें। अगर होता है तो बहुत अच्छा और नहीं होता तो कोई बात नहीं। बस अपने अनुभव का आनंद लें।

दर्द ज़्यादा देने का मतलब प्यार नहीं? जी नहीं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। पहली बार सेक्स करने में थोड़ा ज़्यादा दर्द ज़रूर होता है। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आप अच्छे प्रेमी नहीं हैं। लेकिन अगर आपको दर्द हो तो उसे ज़रूर बताएँ। अगर आपका साथी संवेदनशील हैं तो वह इसे ज़रूर समझेगा और इस बात का ख़्याल रखेगा। Antarvasna

Sex Stories

घर पर खाना खाते खाते शाम के Sex Stories सात बज गये थे। मैने जो से कहा – “जल्दी करो वर्ना रात ज्यादा हो जायेगी…… फिर तुम्हारे पुराने वाले मकान को भी तो देखना है…”

अन्दर से मां बोली…- “उस पुराने मकान में मत जाना… सुबह जाना वहां पर…।”

“बस बस…ठीक है… हो गया…… ये बैग रख लो……”

जो जल्दी से उठा और कुछ सामान पेक किया और बोला,”चलो कामिनी ……”

हम दोनो ने अपना अपना सामान उठाया और नीचे आ गये। कार में सामान रखा और जो ने कार स्टार्ट कर दी।

“पहले समुन्दर के किनारे बीच पर चलते हैं……” मैं खुश थी कि आज बीच की सैर करने को मिलेगी। गाडी बीच की तरफ़ चल दी। मुझे लगा कि शायद बरसात होने वाली है। मैने मायूसी भरे शब्दों में कहा, “यार जो…… बरसात हो जायेगी तो फिर क्या मजा आयेगा………”

“नहीं होगी……यहां तो हमेशा ऐसा ही रहता है।”

लेकिन किस्मत खराब ही थी। बाहर वर्षा की फ़ुहारें पडने लगी थी। अचानक जो ने मुख्य सडक छोड दी। और एक सुनसान सी रोड पर आ गया।

“तुम ठीक कहती हो …… बारिश चढ रही है…… लगता है कुछ ही देर में तेज बरसात होने वाली है………”

एक बडे और सुन्दर मकान के सामने जो ने गाड़ी रोकी…… गेट कीपर अपना छाता लिये भाग कर आया …… करीब 65 साल का वो होगा…… कार में झान्कते हुए बोला…”साहब…किससे मिलना है……।”

“यहां एक पुराना बन्गला था……डा हन्टर का …कितनी दूर है……”

“यही है ………आप कौन है…?” जो ये सुन कर चकरा गया… मै जो को देख रही थी……वो कुछ परेशान सा दिखने लगा।

” मैं डा हण्टर का सबसे छोटा बेटा ……… जो हूं………”

“अरे…… जो बाबा ………आओ…आओ…उसने भाग कर मुख्य फ़ाटक खोल दिया …… बरसात तेज हो चुकी थी…। जो बडी असमन्जस की स्थिति में दिख रहा था। उसने गाड़ी मोड़ी और गेट के अन्दर कार लाकर सीधे पोर्च में छज्जे के नीचे खडी कर दी। बूढा गेट कीपर भी धीरे धीरे भागता हुआ आ गया … वो इतने में ही हांफ़ने लगा था।

“वो पुराना बन्गले का क्या हुआ……”

“वो तो डाक्टर साहब ने मरने से पहले ठीक करवाने को कहा था …… उसके लिये उन्होने जरूरत से ज्यादा पैसा दिया था………”

हम दोनो घर के अन्दर आ गये …… मेरी आंखे उसे देख कर फ़टी रह गयी………

“जो…… तुम यहां क्यों नहीं रहते हो…” गोवा की पुरानी इमारतें जिसे हेरीटेज प्रोपर्टीज कहते है… प्रसिद्ध हैं। पर जो भी उनमें से एक का मालिक है …मुझे नहीं पता था। इतने में मुझे उपर के कमरे में कुछ हलचल दिखाई दी…… बूढा भांप गया था।

“मेरा लड़का और बहू हैं………आपके कमरे की सफ़ाई कर रहे हैं…मैं आप के लिये कोफ़ी बना कर लाता हू…” बूढा बाहर चला गया।

जो उठा और ऊपर कमरे की ओर जाने लगा। मैं भी लपक कर जो दे साथ हो ली। सीढियां चढ कर जैसे ही हम खिडकी के पास पहुन्चे…… हमारी नजर खिडकी के अन्दर पडी। एकबारगी हम देखते रह गये। बूढे का लडका और बहू काम-क्रीड़ा में लिप्त थे। लडकी ने अपने दोनो हाथ सर पर रखे थे और अपने नन्गी चूंचियां आगे उभार कर आंखे बन्द करके खडी थी… और लडका उसके उरोजों को दबा रहा था…… मैने जो की बाहें कस कर पकड ली… लडके का लन्ड खडा था। वो लडका कुछ देर तक तो चूंचियों से खेलता रहा फिर उससे लिपट गया और अपने लन्ड को उसकी चूत पर मारने लगा।

नीचे कुछ आहट सुनाई दी… हम तुरन्त बिना किसी आवाज के नीचे आ गये। कोफ़ी आ गयी थी। ऊपर जो देखा था उससे मेरे दिल में वासना जागने लगी थी। बूढा कह रहा था –

“साहब… बाहर तो बरसात ……तेज हो गयी है … रात को यहीं रुक जाईये… कुछ चाहिये तो बेल हर रूम में है…बुला लीजियेगा…।” बूढा वहां से बाहर गेट पर अपने कमरे मे चला गया।

मैं थोडा रंग में आ रही थी… मैने जो का हाथ दबाया …जो ने मुझे अपनी बाहों में ले लिया। उसने अपने होन्ठ मेरे होन्ठों से लगा दिये। मेरे उरोजों को हल्के हल्के दबाने लगा। मुझे लगा कि कोई कमरे में है। मैने जो को अलग किया तो देखा वोही युगल जो कमरे में था मेरे सामने खडा था … मैं शरमा गयी। वो दोनो सामने खडे मुसकरा रहे थे।

“तुम यहां क्या कर रहे हो …… तुम कौन हो…”

” जी…मालिक मैं उनका दामाद हू ये उनकी लड़की है …” मैं समझ नहीं पाई…वो तो बहू और लडके की बात कर रहा था।

लडकी… ने इशारा किया तो वो बोला …

“मालिक… आप आये हैं है तो……ये आपकी सेवा करना चाहती है…और आपकी इच्छा हो हो तो मैं मालकिन कि सेवा कर दूं……” दोनो की मतलबी निगाहें कुछ इशारा कर रही थी।

“साफ़ साफ़ कहो …… हम किसी बात का बुरा नहीं मानते हैं…” मैं उनके इशारों को भांपते हुए बोली…

लडके ने जो के पास आ कर जो के कान मे कुछ कहा। जो ने लड़की को ऊपर से नीचे तक देखा … फिर मेरे से कहा …

“कामिनी ये कह रहा है कि ……ये रोज़ी को मेरे साथ मजे लेना है …… और तुम चाहो तो… सैम के साथ एन्जोय कर सकती हो…”

‘वोऊऽऽऽऽऽऽऽ …जो क्या बात है………पर तुम्हे कोई………”

” कामिनी जिन्दगी के मजे मिल रहे हैं तो ……भरपूर लो… आज की ही तो बात है………कुछ चेन्ज हो जाये…”

मेरे तो शरीर में सनसनी दौड़ गयी। नया माल……नया लन्ड… नई चुदाई…। जो से तो कितनी ही बार चुदा चुकी हूं … मजा आ जायेगा। मैने जो को आंख मार दी……

“तो फिर हो जाये …” इतने में एक आदमी और एक औरत साईड में से निकल कर बाहर चले गये। हमने उस ओर ध्यान नहीं दिया।

हम दोनो ऊपर के कमरे में चले आये। वहां दो शानदार गद्दे वाले बेड थे। हम चारो वहां का खुशनुमा माहौल देख कर फ़ूले नहीं समा रहे थे। मै बाथरूम में गयी और पानी से अपनी चूत और गान्ड साफ़ की और एक बडा तोलिया लपेट कर बाहर आ गयी। मैने देखा तो सैम और रोज़ी अपने पूरे कपडे उतार कर नन्गे खडे थे… सैम का शरीर कसा हुआ था उसका लन्ड भी मोटा और लम्बा था… रोज़ी भी मुझे बहुत सेक्सी लगी… रोज़ी का बदन गुआनी स्टाइल का था … उसके चूतड गोल गोल भरे हुए … पांव थोडे मोटे से छोटा कद ……उसे देख कर किसी भी मर्द का लन्ड खडा हो सकता था। मैं धीरे धीरे सैम के पास आ गयी… उसने मुझे प्यार से किस किया…… मेरा तोलिया उसने उतार कर एक तरफ़ रख दिया। मेरे शरीर फ़िगर देख कर सैम के मुख से आह निकल गयी।

“इतने प्यारे फ़िगर को चोदने को कितना मजा आयेगा…”

मैं तो उसकी ये बात सुनते ही आनन्द से भर गयी… “सेम … तुम भी कुछ कम नहीं हो……”

उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। उसका शरीर बलिष्ठ था…उसके मसल्स कसे हुये थे… इतने में जो भी आ गया। जो ने अपना तोलिया एक तरफ़ रख कर रोज़ी को अपनि गोदी में बैठा लिया। सैम मुझे एक खिलोने की तरह उठा लिया। उसके ताकतवर शरीर का एक अलग ही मजा आ रहा था। मैने उसकी कमर में अपने पांव कस लिये। उसका लन्ड सीधे मेरी गान्ड पर लग रहा था। मैं उससे एक बेल की तरह लिपटी थी…… मेरे शरीर का बोझ उसे शायद बिल्कुल ही नही लग रहा था…वो मुझे उठाने के बाद भी लोहे की तरह तना हुआ था। मैने उसे तन्ग करने लगी……उसके गले में हाथ डाल कर मैने चूत को उसके लन्ड पर मारने लगी कि उसे बोझ लगे और मुझे उतार दे…पर उसके लोहे जैसे श्रीर पर कुछ असर नहीं हुआ। वो उतना ही आरम से खडा रहा और लन्ड को मेरे चूतडों कि दरारों में लगा दिया…… उसने एक हाथ मेरी चूतड पर रख कर मुझे थोडा सहारा दिया। मैं सोच में पड गयी कि इन्सान है या लोहे का पुतला। मेरे होंठ सैम के होंठो से से जुड गये…… उसके होंठ चूसने में गजब का मजा आ रहा था… उसका लोहे जैसा लन्ड मेरी गान्ड के छेद पर था। मुझे पता चल गया था कि वो मेरी गान्ड ही चोदेगा। मैने भी उसके लन्ड को गान्ड दे छेद पर सही तरीके से लगा दिया।

उसने मेरी चूंचियां बडे ही नरम तरीके से सहलायी। उसके हाथों में जादू था। उसके लन्ड का सुपाडा मेरी गान्ड में घुस गया… मेरी आह निकल गयी… पर तकलीफ़ जरा भी नहीं हुई…उसका लोहे जैसा लन्ड…कितना नरम था, गरम था … पर कड़ाई गजब की थी। मैने कहा- “सेम मुझे उतारो…… बिस्तर पर चोदना ना…”

सेम ने मुझे ऐसे ही लन्ड अन्दर डाले बिस्तर पर यूं रख दिया जैसे कोई खिलोना हो…… उसने तकिया ये कर मेरे चूतड के नीचे लगा दिया। मेरी गान्ड थोडी सी ऊंची हो गयी…… और सैम का काम बन गया। उसने हौले से लन्ड गान्ड में सरकाना चालू कर दिया। उसके मस्त लन्ड पर मैं मर मिटी थी। मीठी मीठी सी गुदगुदी करता हुआ अन्दर तक पूरा बैठ गया। उसने मेरी चूंचियां सहलाते हुए धीरे धीरे मसलना चालू कर कर दिया। मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी थी। उसके धक्के बढ्ने लगे……… सैम में जादू था…… उसे चोदने की कला आती थी। उसके धक्के एक ही रफ़्तार से चल रहे थे…… मेरी चूत की हालत खराब हो रही थी…।

“सेम प्लीज़्…… अब मुझे चोद भी दो…।”

सेम मुस्कराया और उसने अपना लन्ड मेरी गान्ड से निकाल लिया……… और चूत के द्वार पर रख दिया। मुझसे रहा नही जा रहा था……

“सेम … घुसेडो ना ………हाय्………जल्दी करो……”

उसने लन्ड अन्दर सरका दिया…… मेरी चूत निहाल हो गयी …… मेरी उत्तेजना बहुत बढ गयी थी …… मुझसे उसका भारी लन्ड नहीं सहा जा रहा था……… मुझे लगा कि मैं झडने वाली हूं ……… और मैं चरम सीमा पर थोडी सी चुदायी के बाद पहुन्च गयी थी……… मेरा पानी छूट पडा…… मै झडने लगी। मैने सुख के मारे अपने होंठ भींच लिया। उसका लन्ड अभी भी लोहे की रोड की तरह कडक था…… वो धीरे धीरे चोदता रहा …… उसे पता था कि मैं झड चुकी हूं। फिर भी उसका जादू भरा लन्ड बहुत धीरे धीरे चुदाई कर रहा था……… कुछ ही देर मैं फिर गर्माने लगी …… चूत फ़िर से फ़डफ़डाने लगी …… मुझ में फ़िर से उत्तेजना भरने लगी……… सैम सब समझ रहा था………कुछ ही देर में धक्को का जवाब धक्को से रही थी। दूसरी ओर ……… जो और रोज़ी का जोश देखते बनता था………।

सेम भी अब उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुंचने वाला था……… उसका लन्ड कडकने लगा था……… मुझे साफ़ मह्सूस हो रहा था …… सैम की सारी पहलवानी मेरी चूत में झडने वाली थी। अचानक उसने मुझे जकड लिया और मेरे से लिपट गया……… मेरी चूत ने भी जोर लगाया…… और मैं एक बार फिर झडने लगी……… इतने में सैम क लन्ड फ़ुफ़कार उठा ……… मेरी चूत में उसकी पिचकारी छूट पडी………… उसका कडक लन्ड पिचकारी मारता रहा और ढीला पड गया…… जो और रोज़ी पहले ही झड चुके थे…… तभी बिजली चली गयी। सारे मकान मेइन अन्धेरा छा गया……… बाहर बरसात जम कर हो रही थी……… हमें वैसे भी लाईट का क्या करना था……… दो बार झडने के बाद मैं थक चुकी थी……… इतनी सुन्दर और मनमोहक चुदाई के बाद पूरी सन्तुष्टी के साथ मैं नीन्द दे आगोश में समाने लगी………

सवेरे मेरी आंख खुली…… मैं नन्गी ही सो गयी थी…… अलसायी सी मैने करवट बदली…… मैने जो देखा तो मैं चीख उठी …… मेरी बगल में और कोई नही बल्कि एक नरकंकाल पडा था। जो भी मेरी चीख सुन कर उठ गया…… वो भी दह्शत के मारे चीख उठा उसकी बगल में भी एक नरकंकाल पडा था। वो उछल कर खडा हो गया…… मै भी घबरा कर बिस्तर से नीचे आ गयी।

मैने कमरे को देखा…हम रात भर यहां थे ? … एक पुराना सा कमरा जगह जगह जाले…… धूल से भरा कमरा…… बिस्तर पर मिट्टी…… और… हमने जैसे तैसे कपडे पहने और बाहर भागे…… कमरे से बाहर निकलते ही …… हम सन्न रह गये ……… जो बोल उठा।-” हे भगवान ………ये क्या है…कबाडखाना……चमगादड़ की गन्दगी…… एक अजीब सी बदबू … हम दोनो के चेहरे पर हवाईयां उडने लगी। हम दोनो तेजी से बाहर भागे …… जो फ़ुर्तीला था … मैं पीछे रह गयी…… जो बाहर आते ही कार में बैठा और स्टार्ट कर दी…… उसने दूसरा कार का दरवाजा खोल दिया मैं भागते हुए आयी और कार में बैठ गयी। जो ने गाडी मोडी और बंगले से बाहर आ गया…… मैन रोड पर जो ने कार रोकी …हमने कार से उतर कर देखा …… वो चमचमाता हुआ बंगला कहां गया… उजाड वीराना…… काला…काई से भरा … टूटा फूटा घर ………बडे बडे जन्गली पेड्…झाडियां …… लगता था उसमे बरसों से कोई नही आया …… मैं डर के मारे सिहर उठी ……

“जो… चलो यहां से … मैं लगभग रो पडी…… मैने रात को किसके साथ चुदाई की थी और जो ने…… सैम और रोज़ी कौन थे……… जो स्तब्ध खडा था।

तभी पास से एक आदमी साईकल से निकला …

” भाई साब … ये डाक्टर साब का बंगला है ना……”

” हां… सही पहचाना ………डाक्टर साब ने यहा नौकर की लडकी और उसके हसबेन्ड को मरवा डाला था … उनका दिल नौकर की बेटी पर था…।”

” शट अप … साले कुछ भी बोलने लग जाते है…” पर जो अन्दर ही अन्दर सब समझ गया था…… अनमने मन से वो कार में बैठा और गाडी स्टार्ट कर दी…

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Antarvasna

मैं पूना की एक Antarvasna बड़ी कंपनी में इंजिनियर हूँ। मेरी आयु 51 वर्ष, कद 5’10″, रंग गोरा और बॉडी सुडौल है।

मेरी पत्नी का नाम गीता है, वो 50 वर्ष की 5’3″ लम्बी, भरे बदन की है।

हमारे दो बेटे हैं, बड़ा आकाश 25 वर्ष का है और बंगलौर में जॉब करता है, छोटा अम्बर 23 वर्ष का है और बंगलौर में ही एम बी ए कर रहा है।
दोनों भाई इकट्ठे अपने 3 बेडरूम के फ्लैट में रहते हैं, जो मैंने दो वर्ष पहले खरीदा था।

जब तक बेटे हमारे साथ पूना में रहते थे, तब तक मेरी पत्नी का दिन आसानी से कट जाता था।
दोनों बेटों के जाने के बाद उसके लिए दिन काटना भी भारी लगने लगा तो हमने सोचा कोई कि पेइंग-गेस्ट रख लें जिससे कुछ पैसा भी आएगा और गीता का मन भी लगा रहेगा।

जब पेइंग-गेस्ट रखने की बात चली तो मैंने और गीता ने तय किया कि हम लोग सिर्फ दो लड़कियों को रखेंगे क्योंकि लड़कों के साथ तो हम 25 वर्ष से रह ही रहे थे और चूँकि हमारी कोई बेटी नहीं थी इसलिए भी हमें लड़कियाँ रखने में ज्यादा रूचि थी।

खैर जहाँ चाह वहाँ राह!

जल्दी ही दो लड़कियाँ पेइंग-गेस्ट के रूप में हमारे घर में आ गईं।
एक का नाम राधिका और दूसरी का नाम मनमीत था।
राधिका आगरा और मनमीत लखनऊ की रहने वाली थी।

दोनों एम बी ए कर रही थीं लेकिन अलग अलग कॉलेज से। दोनों के कॉलेज आने जाने का समय अलग अलग था पर इससे हमें कोई दिक्कत नहीं थी।
अब गीता को घर में रौनक दिखने लगी थी।

देखते देखते छः महीने कैसे गुज़र गए, पता ही नहीं चला।

कहते हैं कि ऊपरवाले को जो करना होता है, वो वैसे हालात पैदा कर देता है।

हमारे यहाँ सब कुछ सामान्य चल रहा था कि राधिका के कॉलेज में एक महीने की छुट्टियाँ हो गईं और वो अपने घर आगरा चली गई।

इसके दो दिन बाद ही बंगलौर से आकाश का फ़ोन आया कि अम्बर की तबियत खराब है अगर हो सके तो मम्मी को भेज दीजिये ताकि उसकी देखभाल हो सके।

अगले दिन की पहली फ्लाईट से गीता बंगलौर चली गई.
अब घर में रह गए मैं और मनमीत।

हमारे घर के मुख्य द्वार की दो चाबियाँ हैं, एक मैंने अपने पास रखी और एक मनमीत को दे दी। इससे घर वापस आने जाने में कोई दिक्कत रही नहीं।

खाने के लिए मैंने टिफिन सर्विस वाले से कह दिया।
इस तरह गीता के न रहने पर भी मैंने सब व्यवस्था कर ली।

गीता को गए हुए दो दिन बीते थे कि रात को दो बजे मैं पेशाब करने के लिए उठा तो मनमीत के कमरे से बातें करने की आवाज आ रही थी।

चूँकि राधिका यहाँ थी नहीं इसलिए मैंने सोचा देखूं किस से बातें कर रही है।

मनमीत के कमरे के पास जाकर ध्यान से सुना तो पता चला कि अपनी किसी सहेली के साथ मोबाइल पर बात कर रही थी.
बात का सारांश यह था कि मनमीत की सहेली हमारे घर के खालीपन का लाभ उठाकर अपने बॉयफ्रेंड को हमारे घर लाकर चुदवाना चाहती थी, जिसका मनमीत यह कहकर विरोध कर रही थी कि मेरे आंटी-अंकल मुझ पर इतना विश्वास करते हैं कि पूरा घर मेरे हवाले कर देते हैं, मैं उनके साथ धोखा नहीं कर सकती।

यह सब सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा लेकिन उनकी बातों का सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ था।

मनमीत के उत्तर सुनकर यह अंदाज़ हो जाता था कि उसकी सहेली ने क्या कहा होगा। मनमीत की बातों को ध्यान से पढ़िये आप भी समझ जायेंगे।

“नहीं यार मैंने कह दिया न कि मैं तुम्हें अपने घर नहीं ला सकती!”

“हट, मैं क्यूँ चुदवाऊँ तेरे यार से?”

“होती है, लेकिन चूत में खुजली होने का मतलब ये तो नहीं कि मैं ऐरे गैरे नत्थू खैरे किसी से भी चुदवा लूँ?”

“तुम्हारी सोच गन्दी है तान्या, मैंने आज तक चुदवाना तो दूर किसी को अपनी चूत की झलक भी नहीं दिखाई है!”

“अमित अंकल ऐसे आदमी नहीं हैं, वो मुझे अपनी बेटी की तरह मानते हैं!”

“अमित अंकल अगर मेरे अंकल नहीं होते तो मैं उनसे शादी जरूर कर लेती।”

“वो मुझसे 25 साल बड़े हैं तो क्या हुआ, 50 साल भी बड़े होते तो भी कर लेती, तुम क्या जानो, वो बाहर से जितने सुन्दर हैं अन्दर से उससे भी ज्यादा सुन्दर हैं।”

“अरे यार मैंने कह दिया न मैं तुम्हें अपने घर नहीं ला सकती, तू समझती क्यूँ नहीं ?”

“तू कहे तो मैं अभी चली जाऊं अंकल के कमरे में, राधिका भी नहीं है और आंटी भी नहीं, बस मैं और अंकल दो ही लोग हैं घर में!”

“तू आ जा! अंकल से चुदवा कर देख ले कि वो चोद पाते हैं या नहीं!”

“तू फ़ोन रख यार, अपना भी मूड ख़राब कर रही है और मेरा भी, चूत भी पूरी तरह गीली हो गई है, उंगली मांग रही है।”

इतना कहकर मनमीत ने फ़ोन काट दिया और उठकर बाथरूम चली गई।

मैं लौटकर अपने कमरे में आया तो नींद मुझसे कोसों दूर जा चुकी थी, जिस मनमीत को मैं अपनी बेटी जैसी मानता था उसकी बातें सुनकर मेरा दिमाग घूम चुका था और मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा।

मैं सुबह नौ बजे घर छोड़ देता था जबकि मनमीत 11 बजे निकलती थी।
वो उठकर मेरे कमरे में आती, अखबार ले जाती और पढ़कर वापस मेरे कमरे में रख जाती।

आज मैं जानबूझ कर आठ बजे घर से निकल गया जब वो सो रही थी।

मैंने अपने तकिये पर 60 पेज की एक किताब रख दी थी, जिसमें चुदाई की कहानियाँ थीं, मैं मनमीत को यह बताना चाहता था कि मैं उतना सीधा नहीं हूँ जितना वो समझती है।

दोपहर को दो बजे मैं घर आया तो न्यूज़ पेपर और किताब दोनों अपनी अपनी जगह पर रखे हुए थे लेकिन उनकी प्लेसमेंट बदल गई थी।

मनमीत उस किताब को पढ़कर भी शायद यह दिखाना चाहती थी कि उसने वो किताब नहीं देखी है।

शाम को पांच बजे जब वो कॉलेज से लौटी, चाबी से दरवाजा खोलकर अन्दर आई तो मुझे घर में देखकर हैरान होते हुए बोली- आप आज जल्दी आ गए?

फिर उसने मुझसे चाय के लिए पूछा और चाय बनाने लगी।

एक बात मैंने नोटिस की कि वो मुझे बार बार आप कहकर संबोधित कर रही थी, आज उसने एक बार भी अंकल शब्द का प्रयोग नहीं किया था।

चाय पीने के बाद हम लोग टी वी पर क्रिकेट मैच देखने लगे।
मैं सोफे पर बैठा था और वो सोफे की साइड चेयर पर!

उससे मैंने अपने बगल में बैठने को कहा तो वो मेरे बगल में आकर बैठ गई।

मैंने उससे कहा- मनमीत, जब से तुम इस घर में आई हो मैं तुमसे एक बात करना चाहता हूँ लेकिन कभी मौका ही नहीं मिला, अगर तुम कहो तो कह दूं।
मनमीत बोली- कह दीजिये!

मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और कहना शुरू किया- यह बात लगभग 25 वर्ष पहले की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था, मेरे साथ एक लड़की पढ़ती थी उसका नाम मनमीत था, वो भी तुम्हारी तरह लम्बी, गोरी और दुबली पतली सरदारनी थी। मैं उसे प्यार से मनु कहता था। हम दोनों घंटों इसी तरह हाथ पकड़ कर बातें करते रहते थे, कभी कभी मैं अपनी बांह इस तरह उसके गले में डालता तो वो अपना सिर इस तरह मेरे सीने से लगा देती थी।

इतना कहते कहते मैंने अपनी बांह उसके गले में डालकर उसका सिर अपने सीने से लगा दिया और फिर बोला- हम लोग थोड़ी बहुत शरारत भी कर लेते थे। मैं उसके स्तन दबाता तो वो उछल जाती थी।

यह कहते कहते मैंने उसका बायाँ स्तन दबा दिया और पूछा- तुम्हें बुरा तो नहीं लगा ना?

उसके उत्तर का इंतज़ार ना करते हुए मैंने उसके सिर पर चुम्बन किया और बोला- उसके सिर से भी मेहँदी की ऐसी ही खुशबू आती थी।

इतना कहकर मैं शांत हो गया जैसे मैं किन्हीं यादों में खो गया हूँ।

कुछ देर बाद वो बोली- फिर क्या हुआ?

मैंने कहा- कुछ नहीं! हमारे प्यार का आखिरी दिन आ गया, कॉलेज बस से हम लोग पिकनिक पर जा रहे थे, हमारी बस एक टैंकर से टकरा गई और 6 विद्यार्थी मर गए जिनमें मनमीत भी थी। जब तुम यहाँ आई और अपना नाम मनमीत बताया तो मुझे लगा मेरी मनमीत आ गई! वही नाम, वही रंग, वही रूप, वही सदा मुस्कुराता चेहरा। तुमसे और राधिका से जो पैसा अभी तक मैंने लिया है, उसमें से राधिका का पैसा तो मैंने खर्च कर लिया, तुम्हारे पैसे पहले दिन से यह सोचकर अलग रखता रहा कि जब तुम जाओगी तो तुम्हारे ही पैसों से तुम्हें कोई गिफ्ट ले दूंगा ताकि तुम मुझे याद रख सको।

भावुक होकर बोली- आपने यह कैसे समझ लिया कि एक मनमीत आपकी ज़िन्दगी से चली गई तो दूसरी भी चली जायेगी।

मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और चुम्बनों की बौछार कर दी।

शाम के सात बज चुके थे, मैंने मनमीत से कहा- चलो, बाहर खाना खाकर आते हैं।

रात को 9.30 पर खाना खाकर हम वापस आये तो मैंने गीता की अलमारी से उसका वो लाल सूट निकाला जो उसने अपनी शादी के दिन पहना था और अब इसलिए सम्भालकर रखा था कि आकाश की दुल्हन पहनेगी।

मैंने वो लाल सूट मनमीत को देते हुए कहा- मनु यह सूट पहन कर आओ! देखूं कैसी लगती हो!
जब सूट पहन कर मनमीत लौटी तो मुझ पर बिजली गिर गई।

बोली- कैसी लग रही हूँ?
मैंने कहा- बहुत सुन्दर! बस एक कमी है!
उसने पूछा- क्या?

तो मैं उसे पकड़कर घर में बने मंदिर में ले गया और चुटकी भर सिंदूर उसकी मांग में भर दिया और उसे गोद में उठाकर अपने बेडरूम में ले आया और अपने पलंग पर बैठा दिया।

मैंने अपनी टी-शर्ट और पैंट उतार दी, अब मेरे शरीर पर सिर्फ छोटा सा अंडरवियर था, बनियान मैं पहनता ही नहीं।
मनमीत के पास जाकर मैंने उसे खड़ा किया और अपने सीने से लगा लिया।

मेरे नंगे सीने में में वो समा गई, उसके माथे पर एक चुम्बन देकर मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को दबाने लगा, वो मुझसे लिपटती जा रही थी।
उसका लाल रंग का दुपट्टा उतारकर मैंने कुर्सी पर फेंका तो देखा कि उसकी धड़कनों की वजह से उसके मम्मे उछल रहे थे।

धीरे धीरे उसका कुरता उतारा और फिर ब्रा के हुक खोल कर उसके मम्मे आज़ाद कर दिए।

उसके मम्मे जब मेरे सीने से लगे तो ऐसा लगा जैसे धरती पर स्वर्ग उतर आया हो।

अब मैं पलंग पर बैठ गया और मनमीत का एक चुचूक अपने मुंह में ले लिया और उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया, जरीदार सलवार अपने आप उतर गई।

अब मनमीत के शरीर पर सिर्फ मैरून रंग की पैंटी थी, वो भी मैंने उतार दी।

मनमीत का नंगा जिस्म मुझमें जवानी का जोश भर रहा था, इतना जोश शायद पहली बार गीता को चोदते समय भी नहीं रहा होगा। मनमीत की चूत के होठों पर अपनी ऊँगली फेरी तो देखा चूत बुरी तरह से गीली हो चुकी थी।

मैंने कमरे में आने से आधा घंटा पहले सेक्स की गोली खाई थी जो अपना पूरा असर दिखा रही थी, मेरा लंड तनकर लम्बा और 3 इंच मोटा हो चुका था।

अब ज्यादा देर करना मुनासिब नहीं था इसलिए मैंने मनमीत को पलंग पर लिटाया और तकिये पर एक पुराना टॉवेल बिछाकर तकिया मनमीत की गांड के नीचे रख दिया।
मनमीत की दोनों टांगें घुटनों से मोड़कर मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया और अपने लंड का सुपारा मनमीत की चूत के मुंह पर रख दिया।

लंड के सुपारे को थोड़ी देर तक मनमीत की चूत पर रगड़ने के बाद मैंने पूछा- जान, डाल दूं?

मुंह से तो मनमीत कुछ नहीं बोली लेकिन आँखों से इशारा कर दिया कि हाँ डाल दो।

अब क्या हुआ कि पहले झटके में आधा और दूसरे झटके में पूरा लंड मनमीत की चूत के अन्दर हो गया, कल तक जो लंड गीता का था, आज मनमीत का हो चुका था।

लगभग बीस मिनट तक मनमीत की चुदाई करने के बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला, मनमीत की चूत फटने से जो खून निकला था उस से मेरा लंड सराबोर था।

पुराने तौलिए से लंड को पोंछकर उस पर कंडोम चढ़ाया क्योंकि मनमीत की चूत में डिस्चार्ज करना ठीक नहीं था।

लंड पर कंडोम चढ़ाकर मैं फिर से मनमीत पर चढ़ गया।

यकीन मानिए गीता को चोदने में कभी भी ये मज़ा नहीं मिला था।
आधे घंटे की चुदाई के बाद भी डिस्चार्ज नहीं हुआ था, वाह री गोली!

खैर चोदते चोदते धक्के मारते मारते वो पल भी आ गया जब मेरे लंड से पिचकारी छूटी और पूरा कंडोम मेरे वीर्य से भर गया।

उस रात में मैंने मनमीत को चार बार चोदा और हर बार चुदाई का समय बढ़ता गया।

अगले दिन हम दोनों ने छुट्टी की और दिन भर चुदाई का मजा लिया।

इसके बाद मैंने गीता को बंगलौर में बेटों के पास सेटल कर दिया और मनमीत आज मेरी पत्नी की हैसियत से मेरे साथ रह रही है। Antarvasna

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