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Massage Girl in Mahe: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Mahe who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Mahe that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Mahe massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Mahe who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Mahe massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Mahe massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Mahe who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Mahe employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Mahe helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Mahe

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Mahe at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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प्रेषक : रंजन Sex Stories

दोस्तो, सब कैसे हो !उम्मीद है Sex Stories सब ठीक ठाक होंगे। सभी पाठकों और सबसे पहले आदरणीय गुरूजी को प्रणाम !

आप सबका धन्यवाद जो आप सबने मेरी कहानी ( कैसे बन गया मैं एक चुद्दकड़ गांडू ) को पसंद किया। उसके बाद भी मैंने कुछ कहानिया भेजीं हैं। उम्मीद है कि आपको पंसद आई होंगी।

यह जो कहानी आज लिखने जा रहा हूँ यह आज से ठीक दो महीने पहले की बात है, पापा जी ने घर ऊपर वाला हिस्सा किराये पर देने का फैसला किया और एयरफोर्स में काम करने वाले मद्रास के रहने वाले एक युगल को दिया। बीवी एयरफोर्स स्कूल में टीचर है। बीवी पर तो नहीं मियां पर मेरी नज़र थी, ऊपर जाने के लिए सीढ़ियाँ अन्दर से ही निकलतीं थीं।

जैसे कि आप सब तो जानते ही हैं कि मुझे लौड़ों से कितनी चाहत है !

एक दिन दोपहर की बात है, मैं कॉलेज से घर आया। बहुत गर्मी थी, मैं बाथरूम में नहाने के लिए जाने लगा, दिमाग में आया कि तौलिया तो ऊपर तार पर ही सूख रहा होगा। मैं ऊपर गया, उनका कमरा बंद था, अन्दर से बहसने की आवाजें आ रही थी।

वो बोला- साली ना तेरे में गर्मी है, न सुन्दर ! ऊपर से नखरे हज़ार ! चल मुँह में लेकर इसको चूस !

वो नहीं मानी। मैं चला आया। शाम को ऊपर किसी काम से गया तो अंकल नहा रहे थे, पानी से उनका अंडरवियर चिपका हुआ था और फूले हुए भाग से मालूम हुआ कि लौड़ा मस्त है। मेरी नज़र वहाँ पड़ती देख अंकल ने अन्दर हाथ डाल साबुन लगाने के बहाने साइड से लौड़ा दिखा ही दिया।

क्या मस्त लौड़ा था !

आजकल उनकी रात की शिफ्ट थी, वो नहा कर तैयार होकर चले गए। सुबह वो आठ बजे आते थे और आंटी नौ बजे जातीं थी। घर में कोई नहीं था, मैं अकेला था, कॉलेज ११ बजे जाना था। आंटी चाभी देकर चली गई। अंकल आज लेट थे।

जैसे ही वो आये, झट से कपड़े उतार बाथरूम में घुस गए। उन्होंने आवाज़ दी- मैं नहा रहा हूँ, आया !

मैं भी सिर्फ अंडरवियर पहन बाहर आया। उनकी नज़र मेरे चिकने और लड़की जैसे जिस्म पर थी- वाह बेटा ! चिकने हो ! देखूँ छाती ! कोमल !

बोले- अकेला है ?

जी हाँ ! अकेला ही हूँ !

ऊपर आजा ! मैं भी अकेला हूँ, मिलकर नहाते हैं !

मैं उनके पास गया और एक हाथ से चाबी देते हुए नीचे से लौड़े को मसलते हुए कहा- आप नीचे क्यूँ नहीं आ जाते ! ए.सी में मजा भी आयेगा !

हाय मेरी जान अभी आया !

मेन गेट बंद करते हुए आना !

सोचा- अबे ओ सनी ! तेरी गांड को तो मौज लग जायेगी ! वो भी घर में ही !

मैं शावर के नीचे नहाने लगा, अंकल भी आ गए। मैं उनसे चिपक गया, वो मेरे होंठ चूसने लगे। मैं हाथ में लौड़ा लेकर सहलाने लगा। पानी में और भी आनंद मिलने लगा।वाह मेरे गांडू !

वो मेरे चूतडों को पकड़ कर मसलने लगे। बेटा ! कितनी गांड मरवाता है कितने मस्त चूतड़ हैं !

मार के देख लेना जान ! कितने मस्त हैं ! आपका लौड़ा रात को जबसे देखा है चूसने को दिल कर रहा है।

हाँ हाँ चूस न !

मुझे पता है आंटी नहीं चूसती !

भोसड़ी की बहुत हरामी है !

ऐसे ही है अंकल ! मैंने उनका कच्छा उतार दिया और नीचे झुक कर मुँह में डाल लिया। मुँह में जाते ही उनका खड़ा होने लगा, देखते ही तन कर खड़ा हो गया।

आह मेरे लाल ! चूसता जा !

६९ में होकर मेरी गांड चाटने लगे, साबुन गांड पर लगा ऊँगली डालते हुए मुझे पूरा मजा देने लगे।

आह अह अह ! अंकल आई लव योउर लौड़ा !

चूस बेटा ! अच्छा लगा, बहुत अच्छा !

आह आह ! बिस्तर में चले अंकल?

ज़रूर !

तौलिए से पोंछ कर उठा मेरे ही कमरे में मेरे ही बिस्तर पर डाल दिया। अंकल ने दिल खोल कर चुसवाया, मैंने भी दिल से चूसा ऐसा लौड़ा।

मुझे घोड़ी बना पीछे से लौड़ा गांड पर रख दिया, मैंने पकड़ ठिकाने पर लगा दिया। पहले धक्के से थोड़ा सा घुसा, दो चार धक्कों से पूरा अन्दर घुस गया।

आह अंकल ! अब गांड मारो !

आह ओह !मेरे बेटा ! बहुत मस्त निकला ! तेरी गांड रोज़ मारूँगा ! क्या माल है ! ऐसा मजा तो मेरी औरत ने नहीं दिया !

आह अंकल ! फाड़ डालो मेरी गांड !

उनका लौड़ा ज़बरदस्त तरीके से मेरी गांड के अंदर बाहर हो रहा था।

चल ऊपर बैठ जा ! देखूँ कैसे उछल उछल कर इस पर बैठेगा ! तुझे भी मजा आ जायेगा ! वैसे भी तेरी पोली पोली गांड जब जांघों से घिसेगी तो मजे का आलम छा जायेगा मेरी जान !

लो अंकल आ गया ऊपर !

चल इस पे बैठता जा साले, नाटक मत कर, बहनचोद, सब जाने तू !

संभालो अंकल ! मैं अपने तरीके से आराम से पूरा लौड़ा निगल गया।

औ अह मेरी जान ! उछल ! अह ओह अह ओह ! बेटा मजेदार माल है ! फाड़ दूंगा तेरी ! आज से तू मेरी औरत ! क्या मुझे रोज़ मरवाया करेगा?

ज़रूर अंकल ! बाहर मुँह मारने से अच्छा है यहीं मरवाया करूँगा बिना किसी डर से !

अंकल ने एकदम मुझे पलटा और मेरे ऊपर आ गए दोनों टांगें कन्धों पर रखवा कर बीच से मोर्चा फतह किया। अब वो झड़ने वाले थे, वो फाड़ देने पर उतर आये थे। यह अंदाज़ मुझे स्वर्ग दिखा रहा था।

ओह बेटा !

वह जोर जोर से झटके लगाने लगे। कुछ मुझे दर्द भी हुआ, लेकिन सब भूल कर मैं चुदवाता रहा। फ़िर अंकल एकदम मुझ पर गिर गए और सारा माल अन्दर डाल दिया।

दोस्तो, मेरी तो गांड को मौज लग गई। वो ड्यूटी से आते और मुझे चोदने के बाद ही कॉलेज जाने देते। वह पूरे मजे लूट रहे हैं।

अब तो आंटी का पेट बाहर आने लगा है, उनका भाई कुछ दिनों में उनको लेने आने वाला है ताकि बच्चे की और माँ की देख रेख किसी घर की सयानी की देख रेख में हो।

मैं और अंकल बहुत खुश हैं। बोलते हैं- अब से तू मेरी पत्नी है ! तू घबरा मत, तुझे मैं नए लौड़े दिलवाता रहूँगा। किसी दिन हम उसके एक दोस्त के घर जाकर चुदाई करेंगे, उसके बारे में जल्दी लिखूंगा। Sex Stories

हाय दोस्तो, Antarvasna

खासकर प्यारी-प्यारी महिलाओ, आज Antarvasna मैं अपने जीवन के एक यादगार हसीन दिन की दास्तान सुना रहा हूँ … आशा ही नहीं पूरा विश्वास है कि आप सब गीले और मस्त हो जायेंगे।

यह बात सन 1996 के दिसम्बर के पहले सप्ताह की है। मैं उन दिनों लख्ननऊ में रहता था और अक्सर बनारस के पास अपने गाँव जाया करता था, वहाँ मेरा लंगोटिया यार डी पी रहता था। हम जब भी मिलते खाने-पीने का दौर चलता।

उस रात को उसने बताया कि कुछ दिन पहले वह और उसके गाँव का एक लड़का चंदौली की नीलम नाम की एक लड़की को अपने फ़्लैट पर स्कूटर से ले आये थे और दिन भर में दोनों ने 3-3 बार चुदाई की थी। लड़की मस्त थी और जम के चुदवाई कराई थी। अगर मैं चाहूँ तो वो कोशिश करके उसको ला सकता है, पर इसके लिये हमें अपनी मारुति कार से चन्दौली चलना पड़ेगा, कार देखकर वह आसानी से तैयार हो जायेगी। (उन दिनो मारुति का क्रेज़ था)।

डी पी ने बताया कि लौण्डिया बहुत ही चुदक्कड़ है तथा थोड़ा बहुत व्हिस्की भी पीती है, थोड़ी व्हिस्की पीकर बहुत ही मज़ा देगी। यह सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अगले दिन हम दोनों चन्दौली गये और मुझे गली में छोड़कर वह नीलम से मिलने उसके घर चला गया। किसी तरह मौका पाकर उसने मेरे बारे में बताया और साथ में बनारस चलने को कहा। उसने अगले दिन सुबह चलने को कहा तो हम लोग पास ही स्थित अपने गाँव चले गये। नीलम को मैं देख तो पाया नहीं था पर अगले दिन उसके साथ मस्ती की कल्पना से ही मुझे रात भर नींद नहीं आई और रात भर लण्ड महाराज तने ही रहे। दरअसल कई सालों से बीबी के अलावा कोई दूसरी लड़की या औरत मिली ही नहीं थी … स्वाद बदलने की कल्पना से ही मैं बेचैन था।

खैर अगले दिन हम दोनों दोस्त चन्दौली गये और पिछले शाम की तरह मैं गली में अपनी कार में बैठा रहा और डी पी उसके घर में चला गया। करीब आधे घण्टे बाद वह बाहर आया और बोला कि एक समस्या आ गई है। दरअसल नीलम को कुछ बहाना बना के घर से जाना था तो उसका छोटा भाई जो दसवीं में पढ़ता था वह भी कार देखकर साथ चलने की जिद करने लगा तो घर वालों ने कहा उसको भी लेती जाओ। नीलम ने डी पी को इशारा किया कि लेते चलो कोई रास्ता निकल आयेगा ।

उसने कहा कि थोड़ा रिस्क तो है पर चलते हैं कोई न कोई रास्ता तो निकलेगा ही।

कुछ देर बाद हम चारों चल दिये। डी पी नीलम के साथ कार में पीछे बैठा और रास्ते में ही उसने मेरे बारे में बताकर साथ रात गुजारने की पेशकश की तो वह झट तैयार हो गई (बाद में उसने बताया कि मेरा भव्य व्यक्तित्व देखकर उसका मन खुद ही मुझसे चुदवाने को मचलने लगा था) वैसे वह तो जान ही रही थी कि डी पी इसी काम के लिये बनारस ले जा रहा है। हाँ उसने साफ़ कह दिया कि उस दिन की तरह दोनों को नहीं झेल पायेगी, दरअसल वह मुझसे पूरी मस्ती के मूड में थी। डी पी ने भी उसे बता दिया कि मैं काफ़ी शौकीन हूँ तथा किसी अच्छे होटल में ही रात गुजारूँगा, अच्छा खाना … अच्छी शराब और नीलम का शबाब … बस मस्ती ही मस्ती … ।

उन दोनों ने योजना बनाई कि डी पी अपनी दुकान पर पाण्डेपुर उतर जायेगा और हम तीनों दिन भर सारनाथ घूमेंगे तथा शाम को डी पी नीलम के भाई को अपने फ़्लैट पर यह कह कर लेता जायेगा कि मुझे नीलम को किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति से किसी जरूरी काम के सिलसिले में मिलाना है। दरअसल नीलम उन दिनों थोड़ी-2 राजनीति और समाजसेवा में शुरुआत कर रही थी तथा उसके अभिभावक भी उसके बाहर आने-जाने तथा कभी-2 रात में भी बाहर रुक जाने पर आपत्ति नहीं करते थे। रात बाहर रुकने के लिये वह कोई न कोई बहाना बना देती थी और हम दोनों उन्हें छोड़ कर किसी होटल में जाकर रात गुजारेंगे, उसके भाई को डी पी कुछ बहाना बना कर हमारे फ़्लैट पर न लौटने का कारण बता कर फ़ुसला लेगा।

नीलम करीब 22 साल की दुबली पतली सी गोरी लड़की थी, उसका चेहरा मोहरा औसत ही था वह देखने में कोई खास तो नहीं लग रही थी पर बुरे काम के लिये बुरी नहीं थी … और डी पी ने उसके चुदवाने की जो तारीफ़ की थी तथा जिस बाँकी नज़र से वो मुझे देख रही थी … आ … ह … ह … ह … मेरा दिल तो बल्ले-बल्ले कर रहा था।इधर कई सालों से बस अपनी धर्मपत्नी के साथ धर्म की चुदाई ही करता रहा, कभी स्वाद बदलने का मौका ही नहीं मिला, इसलिये भी मैं अत्यन्त उत्तेजित था … बस अब मन्जिल कुछ घण्टों की दूरी पर थी … बस एक काँटा नीलम का भाई था, डी पी के बनाये प्लान के मुताबिक शाम को वह सेट हो जाये तो रात अपनी थी।

हम तीनों दिन भर सारनाथ घूमते रहे। बीच-2 में उसके भाई को कहीं किसी बहाने से भेजकर हम सम्भावित मस्ती की बातें भी कर ले रहे थे। दोनों का ही इन्तज़ार में बुरा हाल था। एक बार तो उसको कहीं भेज कर हम दोनों कार लेकर फ़ुर्र हो गये और करीब आधे घण्टे बाद लौटे और बहाना बना दिया कि आशापुर चले गये थे सर दर्द की दवा लेने।

नीलम ने बड़ी ही बेबाकी से बताया कि उसे सेक्स की बड़ी प्यास रहती है परन्तु अच्छे साथी तथा मौका नहीं मिल पाता। मेरे यह कहने पर कि तने लण्ड के कारण मेरा बुरा हाल है, वह बोली कि मेरी भी तो पैण्टी गीली हो रही है, क्या करूँ?

मैंने पूछा कि गरम होने पर कैसे शान्त होती हो तो वो बोली- जब कोई उपाय नहीं होता तो काफ़ी देर तक ठण्डे पानी से नहाती हूँ तो तन की गरमी शान्त हो जाती है।

लन्च के समय वह मेरे बगल में बैठी तथा अपनी जाँघों से मेरी जाँघ रगड़ती रही तथा मौका पाकर पैण्ट के उपर से मेरे लण्ड को सहला देती। उसकी हरकतों से मैं तो पागल हो रहा था और शाम होने का इन्तज़ार बहुत खल रहा था। यही हाल कमोबेश नीलम का भी था। मन तो कर रहा था कि नीलम को लेकर सारनाथ के आस पास के किसी अरहर या गन्ने के खेत में घुस जाँऊ … और …

तो भैया किसी तरह दिन ढला और शाम हुई और हम वापस पाण्डेपुर पहुँचे और डी पी उसके भाई को लेकर अपने फ़्लैट पर चला गया और मैं नीलम को लेकर होटल की तलाश में। चूँकि शाम हो चुकी थी अतः 2-3 होटलों में जगह नहीं मिलने के बाद कैन्टोमेन्ट के एक अच्छे होटल में अपने बज़ट में कमरा मिल गया। तकरीबन आठ बजे हम कमरे में चेक-इन किया और दरवाजा बन्द करते ही नीलम मुझसे जोर से चिपट गई और लगी मुझे चूमने … वाह क्या चीज थी नीलम भी … क्या प्यास था उसकी आँखों में … क्या उत्तेजना थी … मैं तो एकदम गरमा गया और उसे जोर से अपने सीने में भींच कर उसके गालों पर चुम्बनों की बौछार कर दी।

वह भी दोगुने जोश से पलटवार कर रही थी … यानि मेरे गालों पर और होठों पर अपने चुम्बनों की बौछार शुरू कर दी … खड़े-खड़े ही हम दोनों गुत्थम-गुत्था होकर एक दूसरे के होंठ चूसने लगे … दोनों मानो एक दूजे के होंठों को खा जाना चाहते हों। होठों का ज्वार कुछ कम हुआ तो दोनों बिस्तर पर आये और मैंने उसकी चूँचियों को ऊपर से दबाना शुरू किया। नीलम की चूँचियाँ छोटी-2 थी, पर उत्तेजना से कड़ी हो गई थी। मैंने उसकी शमीज उतार दी, अन्दर वह किशोरियों वाली अन्डर-शमीज पहने थी … कोई जवान की तरह ब्रा नहीं पहने थी, यह देख कर मुझे हँसी आ गई तो उसने पूछा- हँस क्यों रहे हो ?

मैंने कहा- तुम्हारी अन्डर-शमीज देख कर मुझे लग रहा है कोई स्कूल की छोकरी को फ़ुसला कर गलत काम कर रहा हूँ।

इस पर नीलम बोली- चूँचियाँ छोटी-2 हैं, अतः ब्रा नहीं पहनती, परन्तु आपको मुझसे पूरी मस्ती मिलेगी ! मैं कोई कुवाँरी नहीं हूँ, खेली-खाई हूँ, चूँचियों की कसर मेरे निप्पल चूस-2 कर निकाल लीजिये … चाहे जितने जोर से चूसिये, मैं उफ़्फ़ नहीं करूँगी … चाहो तो निप्पल काट लो मेरे राजा … अब देर मत करो मेरे ठाकुर साहब ..

यह कह कर उसने अपना निप्पल मेरे मुँह में घुसा दिया … और मैं लगा चूसने ! उसकी घुण्डियों को दाँतो से हौले-2 काटता हुआ !

और नीलम उत्तेजना से पागल हो के मेरा पैण्ट खोल के अण्डरवीयर से लण्ड बाहर निकाल कर हाथों से सहलाने लगी … मैं भी सलवार के ऊपर से उसकी पैण्टी के अन्दर उसके गरम होती चूत को सहलाने लगा … ओफ़्फ़् … सहलाते ही नीलम मचल उठी और जोर-2 से मेरे लण्ड को दबाने लगी और मेरे कपड़े उतरने लगी। और बोली- अब नहीं सहा जाता ! जल्दी से मेरी बुर में अपना लण्ड पेल कर मेरी बुर की प्यास बुझाइये मेरे सरकार … अब और नहीं सहा जाता !

मैंने उसकी सलवार और पैन्टी उतार के उसे पूरा नंगा किया और उसको सीधा लिटा कर दोनों टाँगें उठा कर बुर को ऊपर उठा कर उसकी बुर के मुँह पर अपना टनटनाया लण्ड रगड़ने लगा … नीलम तो जैसे पागल हो गई … मेरे गले में बाँहें डालकर जोर से मेरा एक चुम्मा लेकर बोली … अब पेलो नाऽऽऽऽ आऽऽऽऽआ … क्यों तड़पा रहे हो राजाऽआऽआऽआ …

मैंने उसकी चूत के मुँह पर लण्ड रखा और लण्ड को घुसाया …

सुपाड़ा जाते ही वो सिसकारी मारते हुए बोली … आआ आआहह हहह … रुको मत मेरे दोस्त ,पूरा लौड़ा पेल दो एक साथ … ओह … ह … ह … ह … चिन्ता मत करो राजा मैं देखने में बच्ची जरूर लगती हूँ पर कोरी नहीं हूँ, पेल दो जोर से … भले ही फ़ट जाये नीलम की बुर … बस क्या था, मैं तो बौखला गया और एक ही धक्के में पूरा लण्ड उसकी चूत में पेल दिया …

उसने उफ़्फ़ करके मुझे जकड़ लिया और मेरे सीने से चिपट गई और मेरे निप्पल को चाटने लगी। मैं थोड़ी देर वैसे ही लण्ड देव को चूत की गुफ़ा में डालकर विश्राम करने लगा, जब एकाध मिनट तक कोई हरकत नहीं हुई तो नीलम खुद ही अपनी चूत को हिलाने लगी और मेरे गालों को सहलाते हुए कान में बोली- राजा जी, अब और ना तड़पाओ … अब चोद डालो नीलम को … मारो धक्का … अब मत रुको जानू …

बस भैय्या, मैं तो शुरू हो गया और दे दनादन धक्का लगा कर नीलम की बुर को चोदने … हचा … हच् … हच् … हच् … हच् … फ़च् … फ़च् … फ़चा … फ़च् … फ़च् … फ़च् … सटा-सट् … सट … पूरा कमरा फ़च-फ़च और नीलम की सिसकरियों से गूंज उठा … वो जोर-2 से अपने चूतड़ उठा कर मुझे जकड़ कर मेरे होंठ चूसने लगी और मुझे ललकारते हुए अपनी बुर को फ़ाड़ देने के लिये उकसाने लगी।

बड़ी देर तक मैं नीलम की बुर की चुदाई करता रहा। कमरे में बस हमारे साँसो तथा फ़चा-फ़च … और बीच-2 में उसकी सिसकारियों की आवाज आ रही थी। ज्यादा गीली होने पर मैंने तौलिये से अपना लण्ड और उसकी चूत साफ़ की और फ़िर से चोदना शुरू किया..

काफ़ी देर बाद हम दोनों ही लगभग एक साथ झड़े और उसने मुझे जकड़ लिया और हम दोनों लस्त-पस्त होकर सो गये।

शेष अगले भाग में ! Antarvasna

Sex Stories

फ़िर जब मैं भाभी के घर गया तो उस समय लगभग दिन Sex Stories के २ बज रहे थे भाभी ने मुझे देखते ही कहा, कितनी देर से मैं तुम्हारी ही प्रतीक्षा कर रही थी, चलो मेरी आज मालिश करो। ये कह कर भाभी ने एक बोतल निकाली और मुझे दे कर कहा चलो अपना चेहरा घुमा लो, जिससे मैं अपने कपड़े उतार दूँ, मैने भाभी को अपनी तरफ़ खींचते हुए कहा अब किससे शरम कर रही हो? मैं उसके ब्लाउज़ को खोलने लगा। मैने धीरे धीरे उसका ब्लाउज़ को उतारा, भाभी ने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी जो भाभी के गोरे बदन पर काफ़ी जँच रही थी। भाभी ने अपनी आँखें बंद कर दी थी अब मैने उनसे अपने दोनो हाथों को उठाने के लिए कहा, मेरी नजर भाभी की आर्मपिट पर पड़ी वहाँ पर एक भी बाल नहीं थे वो जगह काफ़ी सेक्सी लग रही थी मुझसे रहा नहीं गया मैने भाभी की आर्मपिट पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा भाभी भी सिसकारियां भरने लगी और बोली पहले मालिश कर लो उसके बाद ये सब करेंगे।

मैने भाभी की ब्रा निकाल दी ओह क्या चूचियाँ थी गुलाबी रंग की चूचियों पर गहरे रंग के निप्पल सितम ढा रहे थे, मैने तुरन्त ही अपने हाथों से एक को पकड़ लिया और दूसरी को अपने जीभ से सहलाने लगा। ५ मिनट के बाद भाभी ने कहा चलो लेट जाती हूँ अब तुम मेरी मालिश करो, भाभी ने समझाया कि तेल निकाल कर सीधे चूचिओं पर गिराओ और क्लोकवाइज़ अपनी हथेलियों से मालिश करो, मैं अपनी हथेलियां फ़ैला कर कुछ तेल उस पर डाला और भाभी के बूब्स पर मालिश करने लगा। भाभी लेटी हुई थी और मैं उसकी बगल में बैठा था मेरे लंड में तनाव आने लगा, मैं बूब्स की तेजी से मालिश करने लगा भाभी बोली एक समान दबाव बना कर ठीक तरह से मालिश करो लेकिन थोड़ी देर बाद मैं फ़िर तेजी से मालिश शुरु कर देता, अब भाभी ने कहा मुझे समझ में आ गया है ऐसा क्यों हो रहा है, भाभी ने कहा तुम अपनी पैंट उतार दो मैने तुरन्त ही आज्ञा का पालन किया, भाभी ने मेरे लंड की तरफ़ देखते हुए कहा चलो मैं तुम्हारे लंड की मालिश करती हूँ तुम मेरे बूब्स की करो जिस तेजी से मैं करूंगी उसी तरह तुम भी करना, अब एक हाथ से भाभी मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी और मैं भाभी की चूचियों की मालिश कर रहा था अचानक मुझे लगा कि मेरे लंड से वीर्य निकलने वाला है और जब तक मैं कुछ समझता सारा वीर्य निकल कर भाभी की चूचियों पर फ़ैल गया.

भाभी ने आँखें खोल कर पूछा क्या झड़ गया क्या? मैं कुछ नहीं बोला तो भाभी ने कहा अब इससे भी मालिश कर दो मैने भाभी की चूचियों पर लग भग २५ मिनट तक मालिश की। उसके बाद भाभी ने कहा चलो लेट जाओ मैं जब लेट गया तो भाभी ने अलमारी से एक क्रीम निकाली और मेरे लंड और मेरे बाल्स पर लगा दिया मैने भाभी से कहा ये क्या लगाया है तो उसने कहा अभी थोड़ी देर में पता चल जाएगा करीब आधे घंटे तक भाभी मेरे लंड से खेलती रही उसके बाद उसने मेरे लंड को कपड़े से पोंछ दिया, आश्चर्य, मेरे लंड के चारों तरफ़ के बाल गायब हो गये थे भाभी ने कहा कल ये मेरे मुंह में घुसे जा रहे थे इस लिए मैने इन्हें साफ़ कर दिया है। अब मेरी समझ में आया कि भाभी की चूत पर कोई बाल क्यो नहीं थे।

भाभी ने मेरी नाभि और लंड पर उपर से तैल डाल दिया और मालिश करने लगी भाभी के मुलायम हाथ और जैतून के तैल ने मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ा दी मेरा लंड भाभी को सलामी देने लगा, मैं भी एक हाथ से भाभी की चूत खोजने लगा वातावरण गरम हो चुका था अब भाभी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया, मैं भाभी की चूत को पैंटी के ऊपर से ही चूमने लगा, ओह क्या खुश्बू आ रही थी। साइड से मैने जीभ घुसाने का प्रयास करने लगा तो भाभी ने अपने से ही पैंटी निकाल दी अब मेरे सामने दुनिया की सबसे खूबसूरत सृष्टि थी

भाभी ने कहा इसकी मालिश नहीं करोगे? मैने कहा क्यों नहीं, यह कह कर मैने चूत की मालिश शुरु कर दी चूत के दोनो भाग खोल कर देखे तो उनसे रस बह रहा था मैने उसका स्वाद चखने के लिए अपने होंठों को सही जगह फ़िट कर दिया वाह! क्या स्वाद था दुनिया की किसी चीज में ऐसा नशा नहीं होता जो मुझे मिल रहा था नमकीन स्वाद मेरे मुंह में भर गया और तभी भाभी ने अपने हिप्स को आगे पीछे ढकेलना शुरु कर दिया करीब ७ मिनट बाद भाभी ने मेरे सिर को पीछे ढकेल दिया और निढाल हो गई मैने उनके बूब्स छूने चाहे तो उन्होंने मना कर दिया, कुछ देर तक हम उसी तरह रहे फ़िर भाभी ने कपड़े पहनने शुरु कर दिये मैने भी अपने कपड़े पहन लिए फ़िर मैने कहा मेरा मन तुम्हारी चूत को चोदने को कर रहा है भाभी ने कहा फ़िर किसी दिन करेंगे मैं जब चलने लगा तो भाभी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया हम दोनो एक दूसरे को पकड़ कर काफ़ी देर तक खड़े रहे तभी घड़ी ने ४ बजे की घंटी बजाई तो भाभी ने छूटते हुए कहा अब घर जाओ कल मैं नहीं रहूंगी जब मैं आ जाउंगी तो तुम आना। दूसरे दिन मुझे भाभी की याद आती रही। आगे की कहानी बाद में। Sex Stories

Sex Stories

अभी तक आप ने पढ़ा Sex stoies कि मैंने कैसे अपने दोस्त की बीवी को चोदने के लिये तैयार किया। अब आगे क्या होता है, ये जानने के लिये आगे पढ़ें।

वैसे तो मैं तो आराम से मस्ती के साथ मज़ा लेने वाला हूं पर सोफ़े में कम्फर्टेबल न होने के कारण ऐसा नहीं कर पाया।
मैंने जल्दी से प्रिया की कमीज़ उतार दी और अब वह सोफ़े के बीच काली ब्रा और लाल पैंटी में आधी नंगी खड़ी थी।

फ़िर मैंने उसे कमर से पकड़ कर उसकी ब्रा के बाहर से ही उसके बूब्स पर किस करना शुरु कर दिया वह चिल्लाने वाली थी पर मैंने उसे डराते हुए कहा की किसी ने सुन लिया तो तुम्हारी बहुत बे-इज़्ज़ती होगी इसलिये जैसे मैं करता हूं मुझे करने दो।

मैं तो उसकी सारे शरीर पर मस्ती से मसलना, दबाना, रब करना और किस करना जारी रखा।
फ़िर मैंने उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया और उसके बूब्स को रब करने लगा.

अब प्रिया मस्ती में आने लगी और उसको मेरा ऐसा करना अच्छा लगने लगा वो मुझे बीच में प्यार से मना करती और कभी कभी चूमने लगती पर उसे इस बात का डर लगता था कि कहीं राकेश आ न जाये।

थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया तो वह परेशान हो गयी और उसने जल्दी में अपनी पैंटी अपने आप उतार दी।
वाह, उसकी चूत बड़ी मस्त थी एकदम गुलाबी और उसके चारों ओर छोटे छोटे से भूरे बाल, मुझे लगता है उसने अपनी चूत एक दो दिन पहले ही साफ़ की थी।
उसकी चूत के बाल एकदम नर्म नर्म थे शायद उनको कल परसों ही काटा गया था वह ज्यादा लम्बे भी नहीं थे ज्यादा से ज्यादा 1-2 मिलीमीटर तक होंगे।

उसकी चूत देखकर तो वह 18-20 साल की सी लगती थी उसे बूब्स भी एकदम टाइट और छोटे छोटे थे।

पर जहाँ तक चूत की बात थी शायद राकेश तो कभी कभी ही उसकी चूत तक हाथ फ़ेर पाता था, उसकी चूत देखकर लगता नहीं था कि वह अभी तक एक बच्चा निकाल चुकी थी और कई बार एक 6 फुटे मर्द के लंड की मार झेलती थी।
वह एकदम नर्म गुलाबी मस्त गुदगुदी मक्खन जैसी थी।

उसकी ऐसी अनछुई चूत देखकर मैं अपने आप को रोके नहीं सका और मैं समझ गया कि ऐसी चूत दुबारा चोदने को शायद कब मिल पाये।

फ़िर मैंने उसे सोफ़े पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया मैंने अपने कपड़े नहीं उतारे केवल पैंट की ज़िप खोलकर पैंट नीचे कर दी और अपना लंड बाहर निकाल कर प्रिया के ऊपर चढ़ गया।

मेरे लंड के टच से तो प्रिया पागल हो गयी और उसकी बोडी के टच से मेरा लंड भी टाइट होता चला गया मैं अपने लंड से उसकी पूरी बोडी पर रब करने लगा और वह शरमाते हुए चीखने लगी पर वह मस्ती में ये सब कर रही थी।

अचानक मुझे एक मस्ती सूझी और मैंने उसके दोनों बूब्स को दोनों हाथों में लेकर उसके बीच अपना लंड रख दिया।

मेरा लंड देखकर शरमाते हुए प्रिया ने अपनी आंखें बंद कर ली और फ़िर मैं उसके दोनों बूब्स के बीच लंड को फ़िट कर के चुदाई वाली स्टाइल में उसके बूब्स से लंड को रगड़ने लगा।

इससे मेरा लंड और प्रिया के बूब्स टाइट होते चले गये और दोनों इसे एन्जॉय करने लगे।

प्रिया तो मेरे इस एक्शन से मचल उठी थी वह 27-28 साल की औरत थी उसके मुकाबले मेरा चुदाई का कोई ज्यादा अनुभव नहीं था। थोड़ी देर में मेरा लंड इतना टाइट हो गया कि उसे हिलाना भी मुश्किल लग रहा था। अब मुझे लगा कि यह प्रिया की चूत में जाने के लिये बिल्कुल फ़िट है।

प्रिया ने अपनी आंखें अभी भी बंद किये हुई थी। वह मेरा लंड देखकर घबराने का बहाना कर रही थी जबकि उसका पति पूरे 6′ का था और उसका लंड तो कम से कम 7-8′ का होगा।

फ़िर मैंने बिना दर किये प्रिया की दोनों टांगों को फ़ैलाया और एक धक्के के साथ प्रिया की चूत को दोनों ओर से फ़ैलाकर अपना खड़ा लंड उसकी चूत में ठोंक दिया और एक झटके में ही पूरा अंदर तक घुसेड़ दिया।

प्रिया की चूत बड़ी टाइट थी किसी 18 साल की लड़की जितनी टाइट और अनछूई थी और मुझे उसकी चुदाई की शुरुआत में ही इतनी मेहनत करनी पड़ रही थी।

प्रिया तो मेरे एक्शन से मस्त होती जा रही थी और उसकी भूख बढ़ती जा रही थी और वह मुझे और अंदर डालने के लिये कह रही थी।
मैंने भी फ़िर और एक धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और प्रिया अपनी गांड उठाकर और अपनी तरफ़ से धक्का लगा कर चुदवाने को बेताब थी इससे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था पर प्रिया के धक्के से मैं पूरा ही हिल रहा था और मेरा लंड उसकी चूत में फ़ंस गया था।

क्योंकि मेरी चुदायी का अनुभव भी ज्यादा नहीं था पर मैंने अपनी मर्दानगी दिखाने के लिये प्रिया को पकड़ लिया और एक जोर का धक्का आगे पीछे लगाया तो प्रिया तो मस्ती में उछल पड़ी और दर्द के बावजूद मुझसे बोली राज, दिस इस वाट आइ वांट अह्ह्ह! बस ऐसे ही आगे पीछे करो, दर्द की परवाह मत करो चाहे मैं कितना चिल्लाऊँ। चाहे फाड़ ही डालो पर यार बड़ा मज़ा आ रहा है ऐसा पहली बार है जब दर्द में भी मज़ा आ रहा है।

मेरी हालत भी खराब हो गयी थी और मैंने उसका मुंह बंद कर दिया था जिससे वह चीख न पड़े।

पर लंड के अंदर जाते ही प्रिया की मस्ती बढ़ गयी अब मुझे दर्द हो रहा था पर वह दर्द के साथ मस्ती में मोअन कर रही थी और मुझे धक्का लगाने को कह रही थी।
एक तरफ़ वह चिल्ला रही थी और दूसरी तरफ़ मुझसे धक्का लगाने को कह रही थी- राज जोर से धक्का लगाओ न आअह्हह तेज़, और जूर्रर सीए प्पहफाड़ दो इसे आज मज़ा आ रहा है दर्द की परवाह नहीं पर धक्का लगाओ जल्दी। राज प्लीज़ तेजी से धक्के लगाओ न म्मम्म। आआह्हह्ह औअर जूओर र्र सीए आउरुर तेज़ म्मम्मम म्ममाज़्ज़ा आअ रहाअ हैई।

मैं लंड की रफ़्तार से प्रिया की चूत में पेलने लगा और वह भी चूतड़ उठा उठा कर चुदवा रही थी।

मैं उसके बूब्स को भी मसलता जाता था, कभी कभी तो जोश में मैंने उसके चूचियों को पूरी ताकत से दबा कर मसल दिया। पर उसके बूब्स उत्तेजना में इतने टाइट हो गये थे कि एकदम पत्थर से लगते थे पर मैंने भी उनको ऐसा मसला कि साली की हालत खराब हो गयी।

एक तो उसकी चूत वैसे ही फ़ट रही थी और ऊपर से मैंने उसके निप्पल भी पूरे जोर से मसल दिये तो प्रिया की मस्ती के साथ दर्द के मारे इतनी जोर से चीख निकली कि मैं डर गया कि कहीं पड़ोस में किसी को पता न चल जाये, अगर कोई और वहाँ होता तो वह भी समझ गया होगा कि उसकी जबरदस्त ठुकाई चल रही है।

पर प्रिया की ये चुदायी ज्यादा देर न चल सकी मेरी थकान से हालत खराब होने लगी और मैंने अपनी रफ़्तार थोड़ा कम कर दी।

इसी बीच मेरे लंड में लंड का प्रेसर लेवल से ऊपर पहुंच गया और उसमे सरसराहट सी होने लगी। मैं समझ गया कि अब मैं झड़ने वाला हूं तो मैंने प्रिया के दोनों चूतड़ पकड़ कर अपने लंड को उसकी चूत के अंदर पूरा घुसाकर रोका तो प्रिया भी समझ गयी कि मैं झड़ने वाला हूं।

प्रिया बोली- राज प्लीज़ पुल इट आउट जल्दी से!

मैंने वैसा ही किया और जैसे ही मैंने लंड को बाहर निकाला प्रिया ने झपट कर उसे अपने मुंह के अंदर ले लिया।

फ़िर मेरे लंड का सारा माल प्रिया के मुंह में चला गया और एक ही झटके में उसने पूरा माल पी लिया और मेरे लंड को ऐसे चूसने लगी जैसे मैं उसके निप्पल को कर रहा था।

मेरे लंड को पूरी तरह से चूसने और चाटने के बाद प्रिया अपने कपड़े पहन लिये पर जब लास्त में वह अपनी सलवार पहन रही थी तो एकदम से फ़टाफ़ट अपने कपड़े ठीक करने लगी वह बड़ा घबरायी हुई थी।

मैंने भी जल्दी से अपनी पैंट और कमीज़ ठीक की, मैं समझ गया था कि अब वह एम्बरास फील कर रही थी।

उसने कुछ बोला पर जैसी उसकी हालत थी उसमे उसका इतनी बेरुखी सा दिखना मुझसे समझ नहीं आया।

प्रिया ने मुझे दूर की तरफ़ इशारा सा किया और वह जल्दी से अपनी सलवार का नाड़ा बांधते हुए फ़टाफ़ट अपने कपड़े ठीक करके दूर की तरफ़ चली गयी। तभी बेल बजी और प्रिया ने नोर्मल होकर दरवाजा खोल दिया तो बाहर राकेश था।

अब मेरी समझ में प्रिया की घबराहट का मतलब समझ में आया। राकेश कुछ ज्यादा पिये लग रहा था पर वह बोला देर हो गयी है घर पर सब इंतज़ार कर रहे होंगे।

मैं एक बार राकेश की हालत देखकर उनको घर तक छोड़ना चाहता था पर में जानता था कि राकेश के लिये ऐसे में ड्राइव करना कोई मुश्किल नहीं था।

रात भर मैं इस घटना के बारे में सोचता रहा कि क्या ये ठीक हुआ और क्या ये गलत तो नहीं और काफ़ी देर बाद मुझे नींद आयी।
सुबह तक मैं पहले शाम वाली बात भूल गया और फ़िर मुझे प्रिया के बदन के बारे में सोचकर उत्तेजना होने लगी और मैं सोचने लगा कि प्रिया को अब और चोदने का मौका कैसे मिलेगा।

दिन में ओफ़िस में प्रिया का फोन आया तो मैंने सोचा शायद वह राकेश से बात करना चाहती है पर वह मुझसे ही बात करने लगी तो मैंने प्रिया को सोरी बोला पहली शाम के लिये।

वह बोली- राज, मैंने कल वाली बात के बारे में सोचा तो ऐसा लगता है कि इसमे हमारी कोई गलती नहीं। तुम इस बारे में परेशान मत होना मैं तुमसे नाराज़ नहीं हूं, अरे मुझे तो तुम्हारा शुक्रिया करना चाहिये कि इतने दिनो बाद मुझे सचमुच प्यार और सेक्स का एक साथ अनुभव हुआ।

प्रिया कह रही थी- यह एक भूख की तरह है और भूख लगने पर हर कोई जो उसे मिलता हो उसका ही मज़ा लेता है। मैं तो चाहती हूं कि ये मौका मुझे और मिले वैसे मैंने फोन इसलिये भी किया है कि आज तुम घर पर ही रहना मुझे आज तुमसे 3 पेपर टाइप करवाने हैं। राकेश का तो पता नहीं वह कुछ मदद करें या न पर तुमसे उम्मीद है।

मैं अब काफ़ी नोर्मल हो गया था और मैंने मज़ाक में कहा- एक पेपर की ट्रीट तो तुमको पता ही है तो तीन के बारे में सोच लो तुमको मुझे तीन ट्रीट देनी होंगी।

प्रिया बोली- राज इसे मज़ाक समझो या सीरियसली लो पर मुझे भी तुम्हारी ट्रीट से उतना ही मज़ा आया जितना तुमको। इसलिये ट्रीट के लिये जगह का इंतज़ाम होना चाहिये और मेरे को मौका मिले तो मैं तो और ज्यादा ट्रीट लेना चाहुंगी।

मैंने कहा- आशा है तुम अपने शब्द याद रखोगी। Sex stoies

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मैं अब बड़ी हो Hindi Sex Stories गई हूँ। मेरी माहवारी चालू हुए भी चार साल हो चुके हैं। मेरी चूंचियाँ भी उभर कर काफ़ी बड़ी बड़ी हो गई हैं। मेरी चूत में अब पहले से अधिक खुजली हुआ करती है। उसकी गहराई अधिक हो गई है। मेरे चूतड़ अब और सुडौल हो गये हैं। मेरी गर्दन भी अब सुराहीदार और खूबसूरत हो गई है।

मेरा भाई मुझसे बस डेढ़ वर्ष ही छोटा है।

उसका लण्ड तो बहुत ही सोलिड जान पड़ता था। जब वो सोता था तो उसका लण्ड कभी कभी खड़ा हो जाता था। छोटी सी चड्डी में से वो खम्बे की भांति खड़ा नजर आता था। उसे देख कर मेरा दिल भी बेईमान हो उठता था। दिल में खलबली मच जाती थी। कई बार तो मैं अपनी चूत को हाथ से दबा लेती थी। शायद यह उम्र भी बेईमान होती है। उसे भाई बहन के रिश्तों का भी ध्यान नहीं रहता है।

मेरा भाई भी कम नहीं है, वो भी मेरे अंगों को अब घूरने लगा था। मेरे अकेलेपन का फ़ायदा वो उठाने लगा था। वो हंसी हंसी में कितनी ही बार मेरे चूतड़ों पर हाथ मार देता था। छुप-छुप कर स्नान के समय वो मुझे झांक कर देखता था। उसकी इस हरकत से मुझे रोमांच हो उठता था। अब मैं भी उसको स्नान करते समय झांक कर देखती थी। जब वो लण्ड पर साबुन मलता, तो मेरे शरीर के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

आज मैंने बाथरूम के अन्दर कपड़ों में छुपा हुआ मोबाईल देखा। उसके कैमरे का कोण मेरी वीडियो लेने के हिसाब से लगाया था। मेरे मन में वासना जाग उठी…

सोचा आज भैया को सब कुछ दिखा ही दूं, शायद भैया पिघल ही जाये और हमारे बीच शर्म की दीवार टूट जाये। मैंने बड़ी अदा से एक एक कपड़ा उताड़ा और चूतड़ मटकाते हुये मैं अपने आपको मोबाइल में कैद करवाने लगी। चूत को और चूतड़ों को साबुन से मल मल कर और चूंचियों को सेक्सी तरीके से मल मल कर उसे दिखाने लगी। फिर अपने चूतड़ों को उभार कर और उसके दोनों पट खोल कर अपना चूतड़ों के मध्य केन्द्र बिन्दु भी दर्शा दिया। फिर अपनी चूत सामने करके चूत को सहलाते हुये अन्दर अपनी अंगुली भी डाल कर उसे बताई। अन्त में अपना मटर जैसा दाना भी हिला कर बताया। फिर साधारण तरीके से कपड़े पहने और बाहर निकल आई।

मेरे बाहर निकलते कुछ ही देर बाद भैया ने बाथरूम में जाकर अपना मोबाइल ले लिया। मेरे किचन में जाते ही वो वीडियो देखने लगा।

मैने छुप कर उसे देखा तो वो वीडियो देख देख कर अपना लण्ड मसले जा रहा था। उसे शायद ये मालूम हो गया था कि ये तस्वीरें मैंने जान करके खिंचवाई हैं।

मुझे लगा कि बबलू बड़ा बेताब हो चुका है। उसकी बेचैनी उसके चेहरे से झलक पड़ती थी। शाम ढलते ढलते तो शायद उसने दो बार तो मुठ मार लिया था। शायद अब वो मुझसे खुलना चाहता था। पर मैं उससे बड़ी जो थी … उसकी हिम्मत कैसे हो।

शाम को मैं अपनी चड्डी उतार कर बस शमीज में आ गई थी। मुझे लगा कि आज ही उसे बस में कर लेना चाहिये … लोहा गरम था। मैं कमरे के बाहर ठण्डी हवा का आनन्द ले रही थी। भैया भी वहीं आ गया। उसके चेहरे पर तनाव स्पष्ट नजर आ रहा था। वो मुझसे बे-मानी की, यहां वहां की बातें कर रहा था। मैं सब कुछ भांप चुकी थी। उसका लण्ड खड़ा था। उसने भी चड्डी नहीं पहन रखी थी। ट्यूब लाईट की तेज रोशनी में उसके सुपाड़े तक का आकार साफ़ नजर आ रहा था। उसे देख कर मुझे झुरझुरी सी होने लगी।

“भैया, क्या बात है… तू कुछ परेशान है… ?”

“नहीं तो … ! मुझे एक बात बात पूछनी थी !”

मैंने अपनी गाण्ड उसके लण्ड के नजदीक लाते हुये जैसे बेफ़िक्री से पूछा,”मुझे पता है तेरी बात … यही ना कि आशा को कैसे पटाना है?”

वो बुरी तरह से चौंक गया।

“तुझे आशा के बारे में कैसे मालूम… ?”

“बस, मालूम है ! ऐसा कर, धीरे से उसकी कमर पकड़ लेना और उसके पीछे चिपक जाना… और कह देना… !”

“कैसे दीदी … हिम्मत ही नहीं होती… “

“देख ऐसे … अपना हाथ बढ़ा और मुझे पीछे से पकड़ कर अपने से चिपका ले !”

मैने मुस्करा कर उसे देखा। उसने ज्योंही मुझे जकड़ा, उसका उठा हुआ लण्ड मेरे चूतड़ों से टकरा गया। मेरे तन बदन में जैसे बिजली सी कौंध गई। पर देर हो चुकी थी। बबलू ने मेरी कमर में हाथ डाल कर अपने लण्ड को चूतड़ों की दरार के बीच घुसा दिया था। मैंने तुरन्त ही उसे दूर करने की कोशिश की। तब तक उसका दूसरा हाथ मेरे सीने पर आ चुका था।

“दीदी ऐसे ही ना… ?”

“अरे बस, मुझे तो छोड़ ना… “

पर भैया में बहुत ताकत थी। उसने मुझे ऐसे ही उठा लिया और कमरे में आ गया।

मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरी पीठ पर सवार हो गया। मेरी शमीज कमर से ऊपर तक उठ गई थी और मेरे चूतड़ नीचे से नंगे हो गये थे।

“बस यशोदा, चुप हो जा… मेरी गर्ल-फ़्रेन्ड तू ही तो है … मैं तेरे ही कारण तो पागल हुआ जा रहा था।”

उसने पजामा जाने कब नीचे कर लिया था उसने ! उसका नंगा लण्ड का स्पर्श महसूस हो रहा था। मुझे ये सब शायद पहले से मालूम था कि वो कुछ ना कुछ तो करेगा ही। मुझे दिल ही दिल में खुशी हो रही थी कि मैंने आखिर इस मोड़ तक तो ला ही दिया था।

“बबलू… देख ! मैं तो तेरी बहन हू… छोड़ दे … चल दूर हट जा !”

“तेरे ये मस्त चूतड़, ये मस्त चूचियाँ … ! साली तेरी तो गाण्ड मार कर ही रहूंगा !”

“देख मैं मम्मी को बुलाऊंगी … आह अरे रे रे … ना कर … हाय लण्ड घुसा ही दिया ना… !”

मेरी गाण्ड में जैसे लोहा घुसता हुआ सा लगा। वो थोड़ा रुका… फिर जोर लगाया।

“यशोदा … प्लीज चुप हो जा ना … देख ना … मेरा लण्ड तेरे नाम की कितनी बार पिचकारियाँ छोड़ चुका है… तू नहीं जानती … तू तो एक दम कड़क माल है … !”

“आईईईई … बहुत मोटा है भैया, धीरे से… !” मेरे मुख से आह निकल गई।

उसका लण्ड भीतर तक घुस चुका था। मुझे भी अपनी इस सफ़लता पर गर्व हो रहा था।

उसने अपना लण्ड बाहर खींचा और फिर से अन्दर घुसा डाला। अब मुझे भी धीरे धीरे मजा आने लगा था। उसके हाथ मेरी छोटी छोटी चूंचियों पर कस गये थे।

मैं आनन्द से सराबोर हो उठी। मैंने अपने पैर पूरे पसार दिये और उसे गाण्ड मारने में सहायता करने लगी।

“देख, दीदी … मुझे बहुत मजा आ रहा है … किसी को कहना मत यह बात… “

“मैं तुझसे कभी बात नहीं करूंगी … देखना, हाय रे ! तूने तो मेरी गाण्ड कितनी जोर से मार दी !”

उसे तो असीम मजा आ रहा था। उसका लण्ड अब सटासट चल रहा था। कुछ ही देर में उसका वीर्य निकल पड़ा। उसने मेरे चूतड़ के गोलों पर अपना माल निकाल दिया और हाथ से मलने लगा।

“छीः, ये क्या कर रहा है… ?”

“फ़िल्म में तो ऐसे ही दिखाते हैं ना दीदी… ” अब वो मेरे ऊपर से उतर गया।

उसके लण्ड से पूर्ण स्खलन हो चुका था। वो बस हाथी की सूंड की तरह झूल रहा था।

“अभी मम्मी यहां आ जाती तो … ?”

“मम्मी तो नहा रही है अभी… उन्हें तो एक घण्टा लगता है।”

“साला, मरवाने के काम करता है … मुझे तो डरा ही दिया था।”

“डरने की क्या बात है दीदी, कोई चोट थोड़े ही लगती है … बस मजा ही आता है ना… ” उसने अपना पजामा पहन लिया था।

“पर तेरा मोटा कितना है … और ये भी कोई घुसाने की जगह है ?”

“पर दीदी, बुरा मत मानना, मुझे पता है तू भी तो इतने से कम कपड़े पहन कर मुझे चिढ़ा रही थी ना?”

मुझसे कुछ कहते ना बना, शायद उसने भांप लिया था कि मैं चुदासी हूं। पर क्या करती मैं ! यह जवानी तो मुझ पर कहर बन कर टूटी पड़ रही थी, और देखो ना, मेरी चूत अभी भी लण्ड मांग रही थी। घर पर मर्द नाम का तो बस बबलू ही था।

अब यूं ही हर किसी से थोड़ी ना चुदा सकती हूं, क्या पता कब, कैसा बवाल खड़ा हो जाये। पर हां, अब मेरी और भैया की दोस्ती और पक्की हो गई थी। दिन भर हम साथ ही साथ चिपके रहे। इसी बीच उसने मुझे वो वीडियो दिखाया कि कैसे उसने चालाकी से मेरा नहाते समय वीडियो बनाया। मैंने उसे देखा तो सच में बहुत उत्तेजक वीडियो था वो। मैं ही तो उसकी हीरोइन थी। यूँ तो मैंने उसे ऊपरी मन से खूब डांटा। पर वो बता रहा था कि जिसमें हीरो का लण्ड इन होता है वो हीरोइन होती है। हम खूब मस्ती और मजाक कर रहे थे। शाम को भैया मुझे अपनी मोटर साईकल पर घुमाने भी ले गया। हम दोनों ने बाजार में खूब मस्ती भी की। रास्ते भर मैंने अपने स्तन उसकी पीठ से खूब रगड़े।

रात का खाना खाकर हम दोनों कमरे में आ गये थे। पापा और मम्मी सो चुके थे।

पर यहां नींद कहां थी। मैंने लाईट जलाई और भैया के पास आ गई। भैया अपना पजामा उतार कर नंगा ही सो रहा था। मैंने भी अपनी शमीज उतारी और उसके पास लेट गई। उसका लण्ड पहले से ही खड़ा था। मैंने उसका लण्ड हाथ में ले लिया और आगे पीछे मुठ को चलाने लगी। इतने में भैया ने मुझे अपनी बाहों में कस लिया और मेरे ऊपर चढ़ गया।

“श्… श… श्… चुप रहना… ” उसका लण्ड मेरे शरीर में कूल्हों के पास यहाँ-वहाँ गड़ने लगा। मुझे लगा कि बस अब तो चुद गई मैं।

“भैया, बस ऊपर ही ऊपर से करना … बहुत मजा आयेगा देखना ! ” मैंने फ़ुसफ़ुसाते हुये कहा।

“नहीं दीदी, आज बस एक बार चुद ले … देखना मस्त हो जायेगी… ” वो जैसे गिड़गिड़ाया।

“नहीं रे … मुझे पता है चुदने से बच्चा हो जाता है… बस चोदना मत … ऊपर से ही मस्ती मारते हैं ना !”

“अच्छा, जैसी तेरी मरजी… ” वो अपने लण्ड को मेरी चूत में घिसने लगा और आहें भरने लगा। मेरी चूंचियाँ मलने लगा। उसकी सांसे तेज हो गई। मेरा दिल भी धाड़-धाड़ करके धड़क रहा था। मैं आनन्द से अंखियां बंद किये स्वर्ग में विचरण कर रही थी। मेरी चूत पानी से गीली हो गई थी, बहुत चिकनी हो चुकी थी। मेरे चेहरे पर पसीने की बूंदे छलक आई थी। वो भी पसीने में तरबतर था।

वो मेरे से लिपट पड़ा था। जाने कब उसका लण्ड मेरी चूत में उतर गया। हम दोनों के ही मुख से एक आनन्द भरी सिसकारी निकल गई। पर ये सब कब हो गया, मस्ती में पता ही नहीं चला। हम दोनों के शरीर जाने कब एक हो गये, बस हमारी कमर तेजी से चल रही थी। मेरी चूत उसके लण्ड को गपागप ले रही थी। वो भी उछल-उछल कर लण्ड पेल रहा था। मेरी चूंचियों की शामत आई हुई थी। उसने खींच-खींच कर उन्हें लाल कर दी थी।

“दीदी… आह कितनी चिकनी है रे तू … तू तो बहुत मस्त है… “

“भैया … बस चोद दे… कुछ मत कह … मस्त लण्ड है रे !”

“दीदी … ” और मुझ पर और जोर से पिल पड़ा।

“बबलू… और जोर से मार… हाय दैय्या … मेरी मार दी भैया… ” सच में भैया का लण्ड जैसे मेरी चूत के लिये बना था। अच्छी चुदाई कर रहा था। हम दोनों इस बात से बेखबर थे कि हम के जिस्म के साथ क्या हो रहा है। शायद इसी को स्वर्ग सा आनन्द कहते हैं।

तभी मेरे शरीर में जैसे आनन्द की लहरें उठने लगी … नहीं चूत में … नहीं शायद …

“आह्… बबलू … मेरा तो निकला … उफ़्फ़्फ़्फ़्… मुझे सम्भाल रे… उईईईईई… “

और मेर रति-रस जैसे बाहर को उबल पड़ा। मैं झड़ने लगी … मैंने उसे कस कर भींच लिया। तभी उसने अपने चूतड़ उठाये और लण्ड बाहर निकाल लिया और मेरे पेट परदबा दिया। उसका गरम वीर्य मेरी नाभि के आस पास निकल पड़ा। उसने भी मुझे कसकर लिपटा लिया। दोनों ही झड़ते रहे और जब तन्द्रा टूटी तो हम एक दूसरे से नजर तक नहीं मिला पा रहे थे। मैं उठ कर अपने बिस्तर पर चली आई। मुझे आज पहली बार तृप्ति का अहसास हुआ। मेरे चूत की झिल्ली शायद पहले ही टूट चुकी थी, जाने कब। पहली चुदाई मेरी तो असीम आनन्द से भरी हुई थी। इन्हीं ख्यालों में मैं डूबी हुई थी कि तभी मेरी चादर भैया ने खींच ली। उसका लण्ड तो ऐसे तना हुआ था कि जैसे अभी कुछ हुआ नहीं था। मैंने आनन्द से वशीभूत हो कर उसका लण्ड पकड़ लिया और अपनी तरफ़ खींच लिया। वो मेरे बिस्तर में मेरे साथ गुत्थमगुत्था हो गया। कुछ ही देर के बाद मैं उसके ऊपर बैठी हुई उसका लण्ड चूत के अन्दर बाहर कर रही थी। भैया नीचे दबा हुआ चुद रहा था… Hindi Sex Stories

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