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इंडियन भाभी की गांड में लंड गया तो भाभी की गांड फट गयी, उसमें से खून निकलने लगा क्योंकि भाभी ने उतना मोटा लंड पहले कभी गांड में नहीं लिया था.
दोस्तो, मैं अंकिता राठौर एक बार फिर से आपकी सेवा में हाजिर हूं.
मेरी पिछली कहानी
विधवा सहेली की चूत चुदवा कर मजा दिलाया
को आप लोगों ने बहुत प्यार दिया है.
उसके लिए आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया!
आज मैं फिर एक नई कहानी लेकर आई हूं.
अगर आपने मेरी पिछली कहानी नहीं पढ़ी है तो उसे पहले पढ़ लें वरना ये आपको समझ नहीं आयेगी.
तो जैसा आपने मेरी पिछली कहानी में पढ़ा था कि शोभा का बेटा आर्यन मुझको चोद चुका था और मैंने प्लान बना के शोभा को भी आर्यन से चुदवा दिया था।
अब आगे इंडियन भाभी की गांड में लंड:
ऐसे एक दिन मैं घर में फ्री आराम कर रही थी तो सोचा क्यों न आर्यन से बात करूं क्योंकि मेरी भी चूत में बहुत खुजली हो रही थी, काफी दिनों से लौड़ा अंदर नहीं लिया था मैंने भी!
मैंने आपको पिछली कहानी में बताया था कि आर्यन मेरी सबसे अच्छी सहेली शोभा का बेटा है जिसकी उम्र 24 साल है.
तो मैंने झट से फोन उठाया और आर्यन का नंबर डायल किया.
उसने फोन उठाया और बोला- कैसी हो मेरी जान?
मैंने कहा- अपनी जान को भूल गये या मन भर गया है क्या जो अब मिलने नहीं आते?
तो उसने बताया कि उसके एग्जाम थे तो वह व्यस्त था.
मैंने कहा- अच्छा ठीक है. फिर बताओ कब मिल रहे हो?
तो उसने बताया- मम्मी कल परसों में दिल्ली जाने वाली हैं ऑफिस के काम से! तो घर खाली रहेगा. तो फिर हमारे मजे ही मजे हैं मेरी रण्डी!
उसके मुंह से रण्डी सुन कर मेरी चूत में खुजली होने लगी.
मैंने कहा- यार बेटा, बहुत मन कर रहा है. जल्दी मिलो!
उसने बोला कि फोन करेगा वो!
उस दिन मैं चूत में उंगली कर के सो गई।
फिर एक दिन सुबह आर्यन का फोन आया- मम्मी अभी थोड़ी में निकल रही हैं. तो घर आ जाना!
मैंने कहा- ठीक है.
तब मैंने अपने पति को बोल दिया- मुझको मेकअप का ऑर्डर मिला है. एक लड़की का मेकओवर करना है. तो मैं बाहर जा रही हूं.
तो पति ने कहा- ठीक है … लेकिन आराम से जाना!
आप सबको तो पता ही है कि मैं एक ब्यूटी पार्लर चलाती हूं.
फिर आर्यन का फोन आया बोला- कहाँ हो जानेमन? आओ ना … घर में मैं बिल्कुल अकेला हूं!
मैं बोली- बस आ रही हूं यार!
करीब बारह बजे मैं आर्यन के घर पहुंच गई.
उसने दरवाजा खोला, मैं अंदर जाकर सोफे पे टांगें ऊपर कर फैका कर बैठ गई.
आर्यन ने मुझको देखा.
मैं बोली- क्या हुआ?
उसने बोला- कुछ नहीं … आज बहुत खूबसूरत लग रही हो!
मैंने उस दिन काली साड़ी और ब्लैकलेस ब्लाउज पहना था. अंदर ब्रा पहनी नहीं थी. हाँ पैंटी पहनी थी नीले रंग की!
आर्यन मेरे पास बैठ कर मेरी चिकनी टांगें सहलाने लगा.
थोड़ी देर में मैं गर्म हो गई थी.
काफी देर मेरी चूचियों और जांघें सहलाने के बाद आर्यन बोला- यार, एक बात बोलूं … मेरा एक फ्रेंड है. मैंने उसे बताया कि मैंने एक भाभी के साथ मजे लिए. तो वो भी बोलने लगा करने से लिए!
मैंने पूछा- कौन है वो?
तो आर्यन बोला- बबलू!
मैंने पूछा- कौन बबलू?
तो उसने बताया- अरे यार, वो जिसकी चौराहे पे पान शॉप है वही!
तब मुझे पता चला वो बबलू!
दरअसल बबलू की हमारे चौराहे पर शराब के ठेके के पास पान सिगरेट की दुकान है. वहाँ हमेशा भीड़ ही लगी रहती है.
मैंने आर्यन से पूछा- तुमने ऐसे लोगों से दोस्ती कर रखी है?
तो उसने बताया- यार, एक दिन मैं नशे में था बहुत ज्यादा … तो उसी की दुकान पे खड़ा होकर सिगरेट पी रहा था. तो मैंने ऐसे नशे में इसको हमारी बात बता दी.
मैंने उसे कहा- यार, यह क्या कर दिया तुमने? उसने हमारे बारे में सबको बता दिया तो?
आर्यन बोला- वह अब मुझसे बोल रहा था कि सिर्फ एक बार … बस एक बार दिला दो यार! अब तुम बताओ मैं क्या करूं?
उसने मुझसे पूछा तो मैं बोली- अब सबको बता देगा बबलू!
तो आर्यन बोला- ऐसा नहीं है. तुम एक बार बस उसके साथ कर लो ना … फिर ऐसा कुछ नहीं होगा, नहीं बताएगा वह किसी को!
मैं आर्यन से बोली- ऐसे कैसे यार कर लूं उसके साथ?
तो आर्यन बोला- यार और कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है!
फिर मैंने काफी देर सोचने के बाद आर्यन से कहा- बोल तो तुम सही रहे हो! लेकिन तुम भी साथ में रहना!
आर्यन बोला- ठीक है. बताओ अभी बुला लूं बबलू भैया को?
मैंने कहा- अभी?
तो आर्यन बोला- हाँ, वह 5 मिनट में दुकान बंद कर के आ जाएगा.
मैंने कहा- ठीक है, बुला लो!
फिर आर्यन ने बबलू को फोन किया और बोला- भैया, मेरे घर आ जाओ. आपका काम हो गया है.
करीब आधे घंटे बाद घण्टी बजी.
आर्यन मुझसे बोला- तुम अंदर रहना. जब मैं बोलूं तब आना!
मैं अंदर कमरे में चली गई.
आर्यन दरवाजा खोलने चला गया.
मैंने दोनों की आवाज सुनी.
बबलू बोल रहा था- कहाँ हैं भाभी जी?
तो आर्यन बोला- बैठो, अभी बुलाता हूं.
आर्यन ने मुझ को आवाज दी.
मैं बाहर वाले कमरे में गई.
बबलू और आर्यन दोनों बैठे थे.
बबलू ऐसे नजरें फाड़ कर देख रहा था मुझे!
मैंने टेबल पर देखा तो एक बोतल शराब की रखी हुई थी और दो पैकेट सिगरेट थे.
आर्यन बोला- तुम दोनों बैठो, मैं ग्लास लेकर आता हू.
वह अंदर ग्लास लेने चला गया.
तो बबलू मेरे पास आकर बैठ गया और बोला- भाभी, आपको कोई दिक्कत तो नहीं है न? बता दो?
मैं बोली- अगर मैं मना करूंगी तो क्या तुम मान जाओगे?
तो बबलू बोला- भाभी, आप मुझे बहुत मस्त लगती हो. मैं हमेशा आपके पार्लर की तरफ से निकलता हूँ आपको देखने के लिए! यहाँ तक कि कभी कभी राज से भी पूछ लेता था कि ‘मम्मी पापा कैसे हैं’ जब वो मेरी दुकान पे आता था.
आप सबको बता दूँ कि राज मेरे बेटे का नाम है.
मैंने पूछा- वह तुम्हारे वहाँ क्या करने आता है?
तो बबलू बोला- अरे भाभी, अब मेरी जिस चीज की दुकान है, वही सामान लेने आता है … सिगरेट!
अब मुझे पता चला कि मेरा बेटा भी सिगरेट पीता है.
तब तक आर्यन ग्लास लेकर आ चुका था और हमारी बातें सुन रहा था.
आर्यन बोला- चलो, मैं पीछे कमरे में हूँ. आप लोग एंजॉय करो.
तो बबलू बोला- अरे तू कहाँ जा रहा … रुक यहीं … दो पेग ले यार!
आर्यन बोला- अरे रहने दो, आपको डिस्टर्ब होगा.
तो बबलू बोला- नहीं होगा मेरे भाई!
तभी बबलू बोला- अंकिता भाभी, एक काम करो … आप बनाओगे हमारा पेग!
मैंने पहले कभी पेग नहीं बनाया था.
तो मैंने उसको बताया- मैंने पहले कभी बनाया है.
बबलू बोला- अरे बस बोतल से थोड़ी थोड़ी शराब ग्लास में डालनी है. इसमें क्या दिक्कत है?
उसने बोतल का ढक्कन खोल कर मुझे दी और मैंने दोनों ग्लास में थोड़ी थोड़ी शराब डाली.
लेकिन दोनों में ज्यादा हो गई.
तो आर्यन बोला- अरे, ये तो पटियाला पेग बना दिया यार!
बबलू बोला- अरे अब भाभी जी ने बना दिया है तो पी लेंगे!
वे दोनों आराम से पीने लगे.
फिर बबलू ने सिगरेट जलाई, आर्यन और बबलू दोनों सिगरेट पीने लगे और मुझे घूर घूर के देखने लगे.
तब बबलू उठा और मेरे पास आकर बैठ गया और मेरी जांघें सहलाने लगा आर्यन के सामने!
आर्यन बोला- चलो बबलू भैया, मैं अंदर जाता हूं.
बबलू बोला- नहीं बे … यहीं रुक … दोनों साथ में मजे लेंगे.
आज तो वैसे अंदर से आग मेरे भी लगी थी.
लेकिन दो लंड एक साथ कभी नहीं लिए मैंने!
फिर बबलू बोला- भाभी, एक पेग ऐसा ही और बनाओ.
मैं फिर पेग बनाने लगी झुक कर!
तो पीछे से बबलू ने मेरे चूतड़ों पर हाथ फेर दिया और दबाने लगा.
फिर आकर उसने पेग खतम किया और मेरी साड़ी उतारने लगा.
मैं अब सिर्फ पेटिकोट ब्लाउज में थी.
आर्यन सब कुछ बैठ कर देख रहा था और अपना लंड सहला रहा रहा था.
मैं देख रही थी कि उसका लंड बिल्कुल खड़ा हो गया था.
बबलू ने अब अपने कपड़े उतार दिए पूरे बस चड्डी में था।
फिर धीरे से बबलू ने मेरा ब्लाउज उतार दिया और मेरे स्तन के साथ खेलने लगा.
बार बार मेरी दोनों चूचियों को काटता तो कहीं दबाता.
मैं बहुत गर्म हो गई थी.
तब तक आर्यन ने मेरा पेटीकोट उतार दिया.
अब मैं सिर्फ पैंटी में थी … दो जवान मर्दों के बीच मैं अबला!
आर्यन मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर जीभ लगा के चाटने लगा.
मैं पैंटी में ही झड़ गई और मेरी चूत का पानी बह कर टांगों से होते हुए बहने लगा.
फिर बबलू उठा, मेरी पैंटी उतारी और बोला- अरे भाभी, अभी तो हमने कुछ किया भी नहीं और आप इतना गर्म गई!
मेरी पैंटी उतार कर वह सारा माल चाटने लगा जिससे मैं और झड़ने लगी और मैंने बबलू के मुंह पर ही मूत दिया.
मेरे मूत की धार सीधे बबलू के मुंह में जा रही थी जिसे बबलू बड़े मजे से पी रहा था.
फिर बबलू बोला- भाभी, अब आप बेड पे लेट जाओ.
मैं अब आराम से अपनी टांगें फैलाकर बेड पे लेट गई.
अब बबलू मेरी चूत को चाटने लगा और आर्यन मेरे मुंह में लंड देने लगा.
आर्यन का लंड भी बहुत मोटा और बड़ा है लेकिन बबलू का लंड लम्बा बहुत है आर्यन से ज्यादा … लेकिन मोटा नहीं है.
थोड़ी देर में बबलू मेरे ऊपर आकर मेरे मुंह में लंड देने लगा जिसे मैं बड़े मजे से चाटने लगी.
आर्यन अब मेरी चूत चाट रहा रहा था.
मैं दोबारा गर्म हो गई थी.
मैंने बबलू से बोला- अब जल्दी से डाल दो यार!
फिर बबलू ने अपने लंड को मेरे मुंह से बाहर निकाला और बोला- भाभी, पलट जाओ!
मैंने पूछा- क्यों?
तो बबलू बोला- मुझे आपकी गांड का छेद चाटना है.
उसके कहने से मैं पलट कर लेट गई.
मैब बेड पर लेटी थी और मेरा मुंह बेड से नीचे लटक रहा था.
अब बबलू मेरी गांड का छेद चाट रहा था और आर्यन मेरे मुंह में अपना लंड डालकर अंदर बाहर कर रहा था.
मैं भी बड़े मजे से उसका लंड चूस रही थी और अपनी गांड चटवा रही थी.
फिर बबलू बोला- भाभी, आप की गांड बहुत गोरी है यार!
बबलू ने दो तीन चांटे मेरी गांड पे लगा दिए जिससे मेरी गांड बिल्कुल लाल टमाटर हो गई थी.
आर्यन बोला- आंटी, अब मैं झड़ने वाला हूँ.
ऐसा बोलते ही वह मेरे मुंह में ही झड़ गया. उसका सारा माल मेरे मुंह से टपक टपक के बेड के नीचे बिछी हुई कार्पेट पर टपकने लगा.
बबलू बोला- भाभी, अब सीधी लेट जाओ मेरे जान!
मैं जैसे ही सीधी लेटी, बबलू ने मेरी चूत पर अपने लंड का टोपा रगड़ कर रखा और बड़े प्यार से हल्का हल्का अंदर डालने लगा.
मुझे और उसको इतना मजा रहा था कि मैं आपको शब्दों में जाहिर भी नहीं कर सकती.
मेरी दोनों टांगें बबलू की गांड पर थी और हाथ बबलू की बांहों में थे.
वह मेरे वक्ष से चिपका हुआ था और मुझे प्यार से चोद रहा था.
काफी देर चोदने के बाद बबलू ने मुझे कुत्ती बनने को बोला.
मैं दोनों टांगें मोड कर कुतिया बन गई.
बबलू ने अब मेरी गांड के गुलाबी छेद पर अपने लंड का टोपा टिकाया और एक झटके में पूरा लंड अंदर कर दिया जिससे मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं बेड पर नीचे गिर गई.
उसका लंड बहुत लंबा था.
मेरी गांड से लहू निकलने लगा और मैं रोने लगी और बब्लू काल्न्द निकलवाकर बैठ गयी.
आर्यन ने मुझे चुप कराया और बोला- आंटी मत रोओ! इसने थूक लगाए बिना डाल दिया!
तब आर्यन ने हमको कुछ देर अपने जिस्म से चिपका के रखा.
बबलू भी बोला- भाभी सॉरी! मैंने बिना बताए गांड में डाल दिया. माफ कर दो!
और वह बोला- बस थोड़ी देर बर्दाश्त कर लो, मेरा निकलने वाला है.
उसके बहुत कहने के बाद मैं फिर से बेड पर कुतिया बन गई.
इस बार बबलू ने अपने लंड पे थूक लगाया, मेरी गांड का सारा लहू साफ करने से बाद उस पर भी थूक लगाया और लंड डाल के अंदर बाहर करने लगा.
आर्यन सब कुछ बैठ कर देख रहा था और अपना लौड़ा हिला रहा था.
मैं भी अब बड़े मजे से अपनी गांड मरवा रही थी.
इस टाइम मुझे जन्नत वाली फील आ रही थी.
मेरी गांड अब पूरी खुल गई थी. इंडियन भाभी की गांड में लंड सही से जा आ रहा था.
थोड़ी देर गांड मारने के बाद बबलू ने मुझे बोला- अब मेरे लंड पे बैठ!
मैं उसके लंड पे बैठ गई और मौज से उछलने लगी.
बबलू बार बार मेरी गांड पर तमाचे लगाता जिससे मुझे और भी जोश चढ़ जाता.
मैं फिर से झड़ चुकी थी और मेरा माल निकलने की वजह से मेरी चूत पूरी गीली हो गई थी और चिकनी भी … जिससे लंड बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था.
बबलू बोला- भाभी, मेरा निकलने वाला है.
और इतना बोलते ही उसका माल मेरी चूत में ही अंदर निकल गया जिसे मैंने अपने अंदर गर्म गर्म महसूस किया.
फिर मैं आराम से लंड से उठी जिससे बबलू का लंड मेरी चूत से बाहर निकल गया और उसका सारा माल जो मेरी चूत के अंदर निकल गया था, वो बहने लगा.
जैसे मैं खड़ी हुई, मेरी चूत से उसका माल गिरने लगा जो कुछ बबलू के सीने पर और कुछ बूंदें उसके चेहरे, होठों पे गिर गया.
मेरी चूत से माल अभी भी निकल रहा था.
मैं नीचे बबलू के बगल में बैठ कर उसके ऊपर गिरा हुआ सारा माल अपनी जीभ से चाटने लगी और धीरे धीरे करके सारा माल चाट गई.
और फिर आर्यन ने मेरी चूत चाटकर सारा माल साफ किया.
फिर हम तीनों ने एक साथ किस किया और जो भी माल चाटा था, उसे बार बार एक दूसरे के मुंह में दिया, चाटा फिर दिया, फिर चाटा.
बहुत मजा आया.
तो इस तरह मेरी चुदाई एक नए लंड से हुई.
दोस्तो, आपको मेरी यह इंडियन भाभी की गांड में लंड कहानी कैसी लगी?
मेल करके बताना जरूर!
दोस्तों उम्मीद है कि आपको मेरी Sex Stories पहली कहानी ” मेरी आत्मकथा ” पढ़ कर कुछ मज़ा आया होगा। यह मेरी सच्ची कहानी है और आप मुझे अपनी राय जरूर भेजें !
अब आगे…
… तभी देखा कि दरवाज़ा खुला और उसकी सहेली अन्दर आ गई। मैं और सुधा चौंक गए। वो अंदर आ गई और उसका चेहरा एकदम लाल था। हमने पूछा- क्या हुआ?
तो वो कहने लगी कि तुम लोगों की चुदाई की आवाज़ आ रही थी, मैं अपने आप को रोक नहीं पाई और दरवाज़े के पीछे से तुम दोनों को देखने लगी, मुझे मज़ा आ रहा था और मैं अपनी ऊँगली चूत में ड़ाल कर कर रही थी। इतने कहते ही उसने अपनी शर्ट ऊपर उठा दी और फिर ऊँगली करने लगी मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उससे अपनी तरफ़ खींच लिया और उसको किस करने लगा।
सुधा हम लोग को देख रही थी। वो इतना चौंकी हुए थी कि वो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी। उसके बाद उसने सुधा से सोरी बोला और उससे भी हम लोगो के साथ सेक्स करने की प्रार्थना करने लगी। मैं चुप था और सुधा के जवाब का इंतज़ार कर रहा था।
तभी सुधा गुस्से में आगे बड़ी और अपनी सहेली को जोर से पकड़ लिया और उसे किस करने लगी। मैं ये देख कर चौक गया और सोचा चलो एक नए माल की चूत ! आज तो चुदाई का मज़ा ही आ जाएगा।
मैं उन दोनों को किस करते हुए देख रहा था और मेरा लण्ड अब तक फिर मस्ती में आने लगा था. अब सुधा ने करिश्मा के टॉप के ऊपर से उसकी चुचियों को दबाना शुरू कर दिया था। मैंने देख कर अंदाजा लगाया कि करिश्मा की चूची ज्यादा बड़ी नहीं थी।
उसकी चूची दबाते दबाते सुधा ने उसका टॉप उतार दिया और उसकी लाल रंग की ब्रा से खेलने लगी। मैं यह देख रहा था और अपना लण्ड सहला रहा था। तभी सुधा ने कहा वह क्या कर रहे हो? आओ और अपने लण्ड से हमारी चूत की खुजली को शांत कर दो !
मैंने करिश्मा और सुधा को बिस्तर पर लेट जाने को कहा और करिश्मा की चूत को चाटने लगा। सुधा उसकी चुचियों से खेल रही थी। वो उनको चूस रही थी और मस्ती वाली आवाज़ निकाल रही थी. इधर मैं करिश्मा की चूत चाट रहा था और करिश्मा की भी मादक आवाज़ निकल रही थी। वो और जोर जोर से चूसने के लिए कह रही थी।
मैंने उसकी चूत को फ़ैला कर अपनी जीभ से उस की चूत की चुदाई शुरू कर दी। थोड़ी ही देर में में वो सुधा से चिपक गई और अपनी चूत का पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया। तब मैंने यही काम सुधा के साथ किया और वो जल्दी ही झड़ गई।
अब बारी थी करिश्मा की कुँवारी चूत चुदने की ! और इस बार मेरी मदद के लिए सुधा थी। वो करिश्मा से कहने लगी कि शुरू में दर्द होगा, मुझे भी हुआ था, लेकिन थोड़ी देर बाद जब चूत में लण्ड अन्दर बाहर होता है तो मज़ा आने लगेगा।
फिर उसने करिश्मा की चूत में ऊँगली की और जब उसकी चुत गीली को गई तो उसमें तेल लगा दिया और फिर मेरे लण्ड को मुँह में ले कर खूब चूसा। फिर मैंने करिश्मा की चूत पे अपना लण्ड रख दिया और रगड़ने लगा. करिश्मा ने अपने पैर कैंची के तरह क्रॉस कर के रखा था मेरे लण्ड की रगड़ से मस्ती आने लगी और उसने अपने टाँगें फ़ैला दी. अब मैंने उसकी चूत का चुम्मा लिया और लण्ड का सुपारा उसकी चूत के ऊपर रख दिया।
फिर धीरे से अन्दर किया, वो दर्द के मारे चिल्लाने लगी। मैंने अपने लण्ड को फिर थोड़ा सा अन्दर किया और एक झटके से अन्दर पेल दिया आप वो रोने लगी तो सुधा उसके मुंह में अपनी चुचियों को ड़ाल कर चूसाने लगी अब उसे मज़ा आने लगा और वो अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगी। फ़िर मैंने उसे खूब चोदा और मज़े किए।
उस दिन में केवल दोनों की चूत २ बार मारी और खूब मज़े किए. फिर मैंने दोनों की गाण्ड मारने की सोची. लेकिन वो दोनों इसके लिए तैयार नहीं हुई और बाद में करने के लिए कहने लगी. हम तीनो एक साथ नहाए और नहाते वक्त मैं सु्धा की चूची चूस रहा था और करिश्मा की चूत में अपना लण्ड डाल कर अन्दर बाहर कर रहा था।
करिश्मा मस्ती वाली आवाजें निकाल रही थी- पेल दो मेरी चूत को फाड़ डालो फिर मेरी चूत को आ आआआ आअह ऊऊऊऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाँ हाँ जल्दी जल्दी अन्दर बाहर करो, नहाते वक्त एक नहीं चीज़ महसूस हुई कि जब चूत में लण्ड डालो तो जैसे अन्दर आग की भट्टी हो इतना गरम अन्दर और बाहर ठंडा ठंडा पानी !
सुधा भी यह सब देख कर जोश में आ चुकी थी और अपनी चूत को करिश्मा के मुँह के पास कर दिया. करिश्मा उसकी चूत को चाटने लगी और एक ऊँगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगी. इस पल को बताना मुश्किल है केवल महसूस किया जा सकता है पहली बार सेक्स करने का ! उस पर एक साथ दो कुँवारी चूतों को चोदने का मज़ा !
दोनों को छोड़ कर मैं कॉलेज आ गया और इस वादे के साथ कि हम जल्दी फिर मिलेंगे और मुझे फिर उनकी गाण्ड भी तो मारनी थी।
यह सब और आगे बहुत कुछ अगली बार ……………. Sex Stories
इस धरती पर शायद Hindi Porn Stories ही ऐसा कोई पुरुष होगा जिसे अपना लंड चुसवाना अच्छा नहीं लगता होगा। ज़्यादातर लोग इसकी कामना ही करके रह जाते हैं क्योंकि उनकी पत्नी या प्रेमिका इस क्रिया में दिलचस्पी नहीं रखतीं। कुछ लड़कियाँ इसे गन्दा समझती हैं और कई ऐसी हैं जिन्हें पता नहीं कि क्या करना होता है।
सबसे ज़रूरी जानने योग्य बात तो यह है कि लंड चूसना एक सुरक्षित क्रिया है जिससे लड़की को कोई भय नहीं होना चाहिए। लंड चूसने से वह गर्भ धारण नहीं कर सकती और अगर वह कुंवारी है तो अपने कुंवारेपन को कायम रखते हुए अपने प्रेमी को अद्भुत आनन्द प्रदान कर सकती है।
पुरुष के लिए यह सम्भोग के समान आनन्द-दायक क्रिया होती है। अगर उसकी प्रेमिका प्यार से उसका लंड चूसती रहे तो उसे सम्भोग की कमी महसूस नहीं होगी। उधर लड़की को भी इसक्रिया में बहुत आनन्द आ सकता है बशर्ते उसे सही तरीका आता हो और उसके मन में इस क्रिया के प्रति कोई गलत धारणाएँ ना हों।
इस लेख के द्वारा मैं लड़कियों के लिए लंड चूसने और लड़कों के लिए लंड चुसवाने की सही विधि बताऊँगा जिससे आप इस अति-सुखदायक क्रिया का पूरा आनन्द उठा सकेंगे।
इस क्रिया में ज्यादा सक्रिय भूमिका लड़की की होती है और लड़के को आनन्द उठाने के अलावा कुछ ज्यादा नहीं करना होता। ठीक इसी प्रकार चूत चुसवाने की क्रिया भी होती है जिसमे लड़का क्रियाशील होता है और लड़की सिर्फ आनन्द उठाती है। चूत चुसवाने और चूसने की विधि अगले लेख में प्रस्तुत करूंगा।
तैयारी- पुरुष की
लंड चुसवाने के लिए यह अत्यंत ज़रूरी है कि लंड और उसके आस-पास का इलाका एकदम साफ़-सुथरा होना चाहिए। यह हर पुरुष की ज़िम्मेदारी है कि अपने लिंग को हर समय साफ़ रखे, ख़ास तौर से यौन-संसर्ग के समय। यह उस समय और भी ज़रूरी हो जाता है जब अपने लिंग को किसी के मुँह में डालने की उम्मीद रखते हों। लंड सफाई को एक मजेदार रूप दिया जा सकता है अगर आप के पास बाथरूम की सहूलियत है या तो अपने लिंग को आप खुद पानी से धो कर साफ़ कर सकते हो या आपकी प्रेमिका यह कर सकती है। वैसे भी मैथुन से पहले साथ-साथ स्नान करना बहुत अच्छा रहता है। स्नान के दौरान एक दूसरे के शरीर के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं और सम्भोग के लिए उत्तेजना पैदा कर सकते हैं। साथ-साथ स्नान एक बहुत ही मज़ेदार रति-क्रिया हो सकती है।
लिंग साफ़ करते वक़्त लंड के सुपारे की ऊपरी परत को अच्छे से खोल कर साफ़ करें और नाभि से नीचे तथा जाँघों से ऊपर के सभी हिस्से साफ़ कर लें। ख़ास तौर से चूतड़ और गांड के छेद को भी धो लें। लड़की को लंड चूसते वक़्त तुम्हारी निम्न शरीर की कोई दुर्गंध नहीं आनी चाहिए। अगर पहली बार में दुर्गंध आएगी तो वह दुबारा कभी लंड चूसने के लिए राज़ी नहीं होगी।
बेहतर होगा अगर लड़के अपने जघन के बालों (अंडकोष के आस-पास के बाल) को क़तर के थोड़ा छोटा कर लें। यह ज़रूरी नहीं है लेकिन ऐसा करने से लड़की को सहूलियत होगी। ध्यान रखें कि बाल ज्यादा छोटे नहीं काटें नहीं तो लड़की के मुँह में चुभेंगे।
तैयारी- लड़की की
पहली बार लंड चूसने के लिए सबसे महत्वपूर्ण तैयारी मानसिक होती है जिसमें लंड के प्रति गलत धारणाओं को मन से निकालना होगा। लंड अगर साफ़ सुथरा हो तो एक अत्यंत प्यारा और रोचक अंग होता है। किसी भी आदमी के लंड के कई रूप होते हैं और यह अलग अलग अवस्थाओं में अपना रूप, आकार और माप बदलता रहता है। यह छोटा और बड़ा हो सकता है, सख्त या मुलायम हो सकता है और लचीला या कठोर हो सकता है। लंड अपना रूप अपने आप बदलता है और इसमें पुरुष की मर्ज़ी नहीं चलती। अच्छा ही है क्योंकि अगर पुरुष अपनी मर्ज़ी से अपने लंड को खडा कर पाता तो लड़कियों के लिए जीवन दूभर हो जाता।
साफ़ सुथरे लंड में कोई दुर्गंध नहीं होती और चूत के मुक़ाबले इसमें से कोई द्रव्य नहीं रिसता जब तक वह वीर्य नहीं उगलता।
लड़कियों को यह भी पता होना चाहिए कि जब एक लंड उत्तेजित हो जाता है (यानि खड़ा हो जाता है) तो उसकी पेशाब की नली बंद हो जाती है और वह मूत्र नहीं कर सकता। कहने का मतलब कि वह तुम्हारे मुँह में पेशाब नहीं कर सकता। उत्तेजना के बाद जब लंड शिथिल पड़ जाता है तो भी पेशाब करने के लिए कुछ समय लगता है। तो यह डर भी लड़कियों को नहीं होना चाहिए।
मानसिक तौर से लड़कियों को लंड से प्यार करना चाहिए क्योंकि शरीर के दूसरे अंगों की माफ़िक़ इसको भी चूमा और चूसा जा सकता है। बहुत सी लड़कियाँ तो लंड चूसने में बहुत मजा लेती हैं। मानसिक तैयारी के अलावा कोई ख़ास तैयारी लड़कियों को नहीं करनी होती। अगर तुम चाहो तो एक अभ्यास कर सकती हो जिससे उत्तेजित लंड को पूरा चूसने में कठिनाई नहीं होगी।
मुँह का अभ्यास
इस अभ्यास का उद्देश्य धीरे धीरे अपने मुँह के आकार को बड़ा करना है जिससे एक पूरा मर्दाना लंड तुम्हारे मुँह में समा जाये और तुम्हें दम घुटने या सांस रुकने की समस्या ना हो। इसके लिए तुम्हें कुछ समय तक अभ्यास करना होगा क्योंकि यह योग्यता अचानक नहीं आ सकती। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तुम अभी से लंड नहीं चूस सकती हो। लंड तो चूस सकती हो लेकिन इसमें महारत हासिल करने के लिए मुँह और गले को इस काबिल बनाना होगा कि 5-7 इंच का तना हुआ लंड मुँह में निगल सको। यह लंड चूसने की उन्नत स्थिति है और हर लड़की को इसे पाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इस कला को पाने के बाद तुम किसी भी मर्द को अपने वश में आसानी से कर सकती हो।
इसके लिए तुम्हें क्रमशः बढ़ते हुए आकार के ऐसे फल या सब्जियाँ चाहिएँ जिन्हें तुम मुँह में ले सकती हो। इनमें केला, खीरा, ककड़ी, लम्बे बैंगन इत्यादि उचित हैं। शुरू में छोटे आकार के फल इस्तेमाल करें और धीरे धीरे एक विकसित लंड के आकार से थोड़े बड़े आकार के फल के साथ अभ्यास करें।
अभ्यास करने के लिए जीभ को बाहर रखते हुए फल को मुँह के जितना अन्दर डाल सकती हो डाल कर अन्दर-बाहर करो। जब एक आकार के फल के साथ मुँह की क्षमता हासिल हो जाए तो उससे थोड़े बड़े आकार के फल के साथ अभ्यास करो। शुरू में मुश्किल होगी लेकिन धीरे-धीरे मुँह आदि हो जायेगा और 6-7 इंच लम्बे और 2-3 इंच चौड़े आकार के केले या खीरे अपने मुँह में ले पाओगी। जब ऐसा हो जाये तो तुम्हारा अभ्यास पूरा हो गया है और तुम अपने आदमी को अपने अधीन करने के लिए तैयार हो। ध्यान में रखने वाली बात यह है कि हमारी जीभ हमारे मुँह में काफी जगह ले लेती है।इसे जितना बाहर रखा जाये तो मुँह में लंड के लिए उतनी ज्यादा जगह बनेगी और लंड उतना ज्यादा अन्दर लिया जा सकता है।
लंड चूसने के लिए आसन
लण्ड चूसने के लिए कुछ सामान्य आसन इस प्रकार हैं। जब थोड़ा सामर्थ्य आ जाये तो अपनी मर्ज़ी से नए नए आसन बना सकते हो।
1- लड़का खड़ा हो और लड़की घुटने के बल बैठ कर लंड मुँह में ले।
2- लड़का बिस्तर पर लेटा हो और लड़की उसके पाँव की तरफ बैठी हो और आगे झुक कर लंड मुँह में ले।
3- लड़का बिस्तर पर लेटा हो और लड़की उसके सीने पर उसकी तरफ पीठ करके बैठी हो।
4- लड़की बिस्तर पर लेटी हो और लड़का ऊपर से आ कर उसके मुँह को लंड से चोदने की स्थिति में हो।
5- लड़का लड़की दोनों लेटे हों और दोनों के गुप्तांग परस्पर एक-दूसरे के मुँह के पास हों। (69 अवस्था)
पहली पहली बार लंड चूसने के लिए बताया गया दूसरा या तीसरा आसन बेहतर रहेगा क्योंकि इसमें लड़की अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़ कार्यवाही कर सकती है। पहले और चौथे आसनों में लड़का आक्रामक हो सकता है। अतः इसे थोड़े अभ्यास के बाद और भरोसे वाले लड़के के साथ ही करना चाहिए। पाँचवा आसन तब ग्रहण करना चाहिए जब दोनों परस्पर एक-दूसरे के गुप्तांग चूसना चाहते हों।
लंड से जान-पहचान
अगर तुम लंड को पहली बार इतना नज़दीक से देख रही हो या पहली बार छू रही हो तो इसे बेझिझक हाथ में लेकर इसका निरीक्षण करो। उसको हर तरफ से उठा कर और घुमा कर देखो। अगर लंड खता हुआ नहीं है (कई पुरुषों की शिश्न-मुण्ड के ऊपर की त्वचा कटी होती है, इसे ही खता हुआ कहते हैं) तो उसके सुपारे के ऊपर की चमड़ी पीछे खींच कर सुपारे को उघाड़ कर देखो। सुपारे के शीर्ष पर एक छेद होगा जिसमें से वीर्य और पेशाब दोनों निकलते हैं पर एक समय पर सिर्फ एक ही निकल सकता है। जब लंड खड़ा होता है तो पेशाब नहीं निकल सकता और जब शिथिल होता है तो आम तौर पर वीर्य नहीं निकलता।
लंड का सुपारा सबसे संवेदनशील हिस्सा होता है ख़ास तौर से अगर वह खता हुआ नहीं है तो। खते हुए लंड तुलना में कम संवेदनशील होते हैं। लंड के छड़ की त्वचा मुलायम होती है और सुपारे के मुक़ाबले में कम नाज़ुक होती है।
लंड की जड़ के पास दो अंडकोष होते हैं जिनकी त्वचा खुरदुरी होती है और वे पूरी तरह बालों से ढके होते हैं। अंडकोष में वीर्य रहता है और वे ठण्ड में सिकुड़ कर और गर्मी में फैल कर वीर्य को सही तापमान पर रखते हैं। अंडकोष भी बहुत संवेदनशील होते हैं। हालाँकि लंड के मुक़ाबले इनमें स्पर्श-बोध कम होता है लेकिन ज़ोर से दबाने से या चोट लगने से इनमें बहुत दर्द होता है।
लंड चूसते समय अंडकोष को भी चूसा जा सकता है लेकिन इनको मुँह में लेते वक़्त सावधानी बरतनी चाहिए।
शेष दूसरे भाग में! Hindi Porn Stories
ऑफिस गर्ल चुदाई का मजा मुझे दिया मेरी एक नयी आई सहकर्मी ने! उससे मेरी दोस्ती हो गयी थी तो उसने मुझे अपने जन्मदिन पर घर बुलाया.
मेरा नाम राजवीर है और मैं जयपुर का रहने वाला हूँ.
मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है और मेरी बॉडी भी ठीक-ठाक ही है. मेरे लंड का साइज सामान्य से बड़ा है जो किसी भी औरत के बच्चेदानी तक आराम से पहुंच जाता है.
मैं एक होटल में काम करता हूँ और वहीं की एक लड़की को मैंने चोदा था.
वह सब कैसे हुआ, उसी Xxx ऑफिस गर्ल चुदाई कहानी को आज मैं आप सभी से साझा कर रहा हूँ.
उस लड़की का नाम मनीषा था.
वह मेरी होटल में जॉब के लिए आई और मेरे बॉस ने उसको काम पर रख लिया.
अब वह मेरे साथ काम करने लगी.
जब वह आई, तो मैं उसके पास नहीं बैठता था, उससे दूर ही रहता था.
धीरे धीरे मनीषा मुझे बात करने लगी.
फिर ऑफिस के काम की वजह से उसने मेरा नंबर भी ले लिया और हमारी बात होने लगी.
मैं अब भी मनीषा के पास नहीं बैठता था तो वह मुझे व्हाट्सैप पर मैसेज करती कि क्या हुआ, मेरे पास क्यों नहीं बैठ रहे हो, मुझसे दूर क्यों बैठे हो!
तो मैं उससे कह देता- मुझे अच्छा नहीं लगता, इसलिए दूर रहता हूँ.
मनीषा- अच्छा, मैं आपको अच्छी नहीं लगती?
मैं- नहीं, ऐसी बात नहीं है.
मनीषा- फिर कैसी बात है?
मैं- बस ऐसे ही.
वह मुझसे देर तक बात करना चाहती थी.
लेकिन मैं ही न जाने क्यों उससे अपने आपको दूर रखने की कोशिश करता था.
तब भी उसकी लगातार कोशिशों से धीरे धीरे हमारी बातें होने लगीं और मुझे वह काफी अच्छी लगने लगी.
उसकी आत्मीयता भरी बातें मुझे उसके करीब खींचती ले गईं और हम दोनों काफी अंतरंग होने लगे.
अब हमारा रोज मिलना भी होने लगा.
हालांकि अब तक हम दोनों के बीच प्यार जैसा कुछ भी इजहार नहीं हुआ था.
तब भी हमारे बीच दोस्ती कुछ ऐसी हो गई थी कि देखने वाला यही समझे कि हम दोनों लव कपल हैं.
कभी मनीषा मुझसे कहती कि चाय पिलाओ तो मैं उससे हंस कर कह देता कि नहीं आज तुम पिलाओ.
हम दोनों हंसी मजाक करते हुए एकदम बचपन के दोस्तों की तरह लड़ने लगते.
कभी वह मुझसे कहती कि आज यहां जाना है … आप मेरे साथ चलो.
मैं पहले मना कर देता कि मैं नहीं जा रहा हूँ. मेरे पास टाइम नहीं है.
तो वह मुझसे लड़ कर हक से चलने की कहने लगती.
फिर बस मैं उसको लेकर निकल जाता था.
इसी तरह वह मेरी जरूरत जैसी बन गई थी.
एक दिन उसने कहा- मेरा जन्मदिन है और मैंने पार्टी रखी है. आपको जरूर आना है.
मैं शाम को तैयार होकर उसकी पार्टी में गया.
लेकिन उधर पार्टी में कोई था ही नहीं!
मैंने उससे पूछा- बाकी सब लोग कहां हैं?
उसने कहा- कोई भी नहीं है, बस मैंने आपको ही बुलाया है.
मैंने उससे पूछा- केवल मुझे क्यों?
तो उसने कहा- मेरा यहां कोई नहीं है. मेरी फैमिली वाले सभी बाहर रहते हैं.
मैंने कहा- चलो, कोई बात नहीं. पार्टी करते हैं.
उसने केक के अलावा खाने में और भी बहुत कुछ बनाया था.
हम दोनों ने केक कटिंग की और मैंने उसको गिफ्ट दिया.
उसके बाद खाना खाया और मैं जाने की सोचने लगा.
मैंने उससे कहा- बहुत समय हो गया है, अब मैं चलता हूँ.
उसने कहा- आज यहीं रुक जाओ न!
मैंने कहा- नहीं, कल ऑफिस भी जाना है … और काम भी है.
फिर पता नहीं क्या हुआ, उसने मुझसे कहा- राजवीर, मैं आपसे आज कुछ मांग सकती हूँ … मेरा जन्मदिन है!
मैंने कहा- हां मांगो. मेरे बस में हुआ तो जरूर दूंगा.
उसने कहा- मैं आपको पसंद करती हूँ. इसलिए आज आप मेरे पास यहीं रुक जाओ!
मैंने उसकी आंखों में झाँकते हुए कहा- ठीक है, लेकिन अब से तुम मुझे आप नहीं कहोगी.
वह मेरे गले से लग गई और उसने मुझे किस किया.
मैं भी जवान लड़का हूँ, मुझसे कंट्रोल ही नहीं हुआ और मैंने भी उसको किस कर लिया.
वह मेरे चुंबन के जवाब में चुंबन देने लगी.
हम दोनों एक दूसरे के साथ दो बिछुड़े प्रेमियों की तरह से प्यार करने लगे.
उस दिन उसने मुझसे कहा- तुम कुछ कहना भूल नहीं रहे हो?
मैंने कहा- क्या?
वह हंस दी और बोली- मैं क्यों बताऊं?
मैं उसकी आंखों में झाँकने लगा और वह भी मेरी आंखों में कुछ खोजने लगी.
कुछ ही देर तक उसकी आंखों में झाँकने से मैं एकदम से सिहर सा उठा और मुझे मानो उसकी आंखों ने ही वह बता दिया था कि मैंने अब तक मनीषा से अपने प्यार का इजहार नहीं किया है.
अगले ही पल मैं अपने घुटनों के बल बैठ गया और मैंने उसके हाथ को अपने होंठों से लगा कर चूमते हुए उससे पूछा- मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूँ मनीषा, क्या तुम मेरे प्यार को कुबूल करोगी!
उसने मुझे खींच कर उठाया और मेरे सीने से लिपट गई.
हम दोनों एक दूसरे में खोने लगे थे.
धीरे धीरे मैंने उसके और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
उसका बदन देखने लायक था.
तने हुए 34 इंच के दूध और 28 इंच की पतली कमर और 36 इंच की उठी हुई गांड देख कर मेरा दिल खुश हो गया था.
मैंने मन में सोचा कि आज यहां रुकना सफल हो गया. Xxx ऑफिस गर्ल चुदाई का मजा मिलेगा.
हम दोनों ने खूब चूमाचाटी की और बहुत देर देर तक एक दूसरे के मुँह में अपनी जीभ डालकर स्मूच किया.
मैं एक हाथ से उसके मम्मों को धीरे धीरे दबा रहा था और दूसरा हाथ उसकी चूत पर चल रहा था.
उसका भी एक हाथ मेरे बालों में था, जिससे वह मुझे अपनी ओर खींचे हुई थी और दूसरे हाथ से मेरे लंड की मालिश कर रही थी.
हम दोनों बिस्तर पर आ गए और हम दोनों ने 69 की पोजीशन ले ली.
वह मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था.
दस मिनट की चुसाई के बाद मेरा पानी उसके मुँह में गिर गया और उसका पानी मैंने चाट कर साफ कर दिया.
हम दोनों ऐसे ही बिस्तर पर लेटे रहे.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत में उंगली करना शुरू किया और उसने मेरे लंड को उपर नीचे, जिससे मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया.
मैंने उसको नीचे लिटाया और उसकी चूत पर अपना लंड रख कर अन्दर डालने लगा.
लेकिन मेरा लंड उसकी चूत में गया ही नहीं.
उसकी चूत एकदम कसी हुई थी.
मैंने उसकी चूत पर थोड़ा सा थूक लगाया और अब लंड लगा कर दबाव डाला तो इस बार मेरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया.
वह आह आह करती हुई दर्द से कराहने लगी.
पर मैं लगा रहा और उसके मुँह से ज्यादा तेज आवाज न निकले इसलिए मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ जमा दिए थे.
अब मैंने पोजीशन सैट करते हुए एक और जोरदार धक्का लगाया तो इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में धँसता चला गया और सीधा बच्चेदानी के मुँह पर जा लगा.
अब चुदाई का खेल शुरू हो गया था.
पहले तो मैं कुछ देर तक ऐसे ही रुका रहा और उसके मम्मों को सहलाता रहा, उसके मुँह में जीभ डाल कर उसकी लार को पीता रहा.
इससे उसकी पीड़ा खत्म हो गई और उसकी चूत ने लंड से हार मान कर उसे अपनी गहराई में समा लिया.
लंड ने अपनी जगह हासिल कर ली थी तो मेरी कमर ने हिल कर लौड़े को सही से चूत में स्थापित कर दिया था.
कुछ पल बाद मैंने फिर से धक्के देना शुरू किये और उसको ताबड़तोड़ चोदने लगा.
कुछ ही देर में मैं पूरी ताकत से जोर जोर धक्के लगाना लगा.
अब उसको भी मजा आने लगा था और वह भी नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर मेरे धक्कों का जवाब देने लगी थी.
कुछ बीस मिनट की घमासान चुदाई के बाद मैंने उससे घोड़ी बनने को कहा.
वह बन भी गई.
मैं उसकी सवारी करने लगा.
पूरे आधा घंटा की चुदाई के बाद मेरा लंड फूलने लगा और उसकी चूत में टाइट चलने लगा.
वह भी समझ गई थी कि मेरे लंड से लावा फूटने वाला है, तो वह भी जोर जोर से धक्के खाने लगी थी.
कुछ ही पल बाद मैंने उसकी चूत में ही अपना वीर्य छोड़ दिया.
बाद में उसने बताया कि वह पूरी चुदाई के दौरान तीन बार झड़ चुकी थी.
फिर मैंने टाइम देखा, तो रात के 12 बज गए थे.
कुछ देर आराम करने के बाद मैंने उसको एक बार और चोदा.
फिर हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.
सुबह मेरी आंख 5 बजे खुली, तो वह मेरी बांहों में दबी हुई नंगी सो रही थी.
मैंने उसके पैर फैला दिए और उसकी चूत में एक बार फिर से लंड पेल दिया.
वह भी जाग गई और लंड से लोहा लेने लगी.
मैंने उसको बहुत देर तक खूब तेज तेज चोदा और उसकी चूत में ही अपना वीर्य टपका दिया.
उसके बाद मैं तैयार होकर ऑफिस चला गया और कुछ देर बाद वह भी ऑफिस आ गई.
हम दोनों का ऑफिस का काम पूरे दिन चला.
शाम को 6 बजे बॉस को जानकारी हुई कि मनीषा का जन्मदिन कल निकल गया है तो उन्होंने उसके लिए केक मंगवाया और उसने केक कटिंग की और सबको खिलाया.
फिर सब अपने अपने घर चले गए.
वह वहीं थी.
मैंने उससे कहा- अब तुम भी जाओ और मैं भी निकलता हूँ.
उसने कहा- नहीं अभी रुको.
वह मुझे अपने साथ कमरे में ले गई और बोली- मैंने आपको सही से केक नहीं खिलाया है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, कल पार्टी दी थी न तुमने, तो बस हो गया.
लेकिन वह नहीं मानी.
उसने रूम का दरवाजा बंद करके अपने कपड़े उतार दिए और उसने अपने हाथों से अपने होंठों पर, अपने बूब्स पर और अपनी चूत पर केक लगा कर कहा- मैं तुमको ऐसे केक खिलाना चाहती थी.
मैंने उसको किस किया और उसके होंठों को चाटते हुए केक को खाया.
उसके बाद उसके बूब्स का केक खाया, फिर उसकी चूत का केक खाया.
अब मैंने उससे कहा कि मैं भी तुमको केक खिलाना चाहता हूँ.
वह भी समझ गई थी.
मैंने भी अपने लौड़े पर केक लगा कर उसके मुँह में दे दिया और उसके मुँह को चोदने लगा.
कुछ मिनट की लंड चुसाई के बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया.
वापस कुछ मिनट की चुसाई के बाद मैंने उसको होटल के कमरे में चोदा और हमारी यह चुदाई 25 मिनट तक चली.
उसके बाद हम दोनों बाथरूम में एक साथ नहाए और मैंने उसको वहां पुनः चोदा.
उसके बाद हम दोनों कपड़े पहन कर बाहर आ गए.
इसके बाद मैंने उसको बहुत बार चोदा. कभी होटल में, तो कभी उसके रूम पर.
एक दिन मुझे पता चला कि वह अपने मामा से चुदाई करवाती है.
इसलिए मैंने उसको छोड़ दिया.
उसके बाद से मैंने अभी किसी को चोदा नहीं, मेरा लंड आज भी चूत के लिए प्यासा है.
दोस्तो, मैं यहाँ पहली Antarvasna बार लिख रही हूँ और हिंदी में भी पहली बार ! अगर कोई गलती हो जाए तो माफ़ कर देना।
आज मैं आपको अपना पहला अनुभव बताना चाहती हूँ कि कैसे मैंने अपने बॉय-फ्रेंड के साथ दिन में सुहागरात ओहऽऽ सुहागदिन मनाया।
मैं और वो दोनों अलग अलग शहर में रहते हैं। उसका नाम माणिक है, दिखने में लम्बा, गेहुंआ रंग, मुस्कुराते होंठ, नशीली आँखें जिसमें कोई भी देखे तो डूब जाये ! बहुत ही गठीला बदन और बांहें ऐसी जिसमे कोई भी लड़की आकर मर जाये ! मुझे उसकी बहुत याद सताती थी जब मैं अपनी सहेलियों को उनके बॉय-फ्रेंड से मिलते और घूमते-फिरते देखती थी। मेरा भी बहुत मन करता था कि मैं भी अपने माणिक के साथ घूमूं और उसे बहुत प्यार करूँ। उसके स्पर्श को तरस जाती थी मैं ! पर क्या कर सकती थी, वो और मैं दोनों ही अपनी पढ़ाई में लगे थे तो ऐसे मिल भी नहीं सकते थे। वो रहता था मुम्बई में और मैं दिल्ली में। मैं कभी-कभी उस पर इस बात को लेकर नाराज़ हो जाया करती थी कि सब मिल सकते हैं और हम नहीं। तब एक बार उसने वादा किया कि वो मुझसे मिलने आएगा। मैं बहुत खुश हुई और इंतज़ार करने लगी उस दिन का जब मैं अपनी सैंय्या से मिलूंगी।
खैर एक दिन मैंने उससे कहा कि मेरे जन्मदिन पर मैं उससे मिलना चाहती हूँ क्यूँकि मैं अपना जन्मदिन उसके साथ मानना चाहती थी।
उसने कहा कि वो एक दिन बाद बताएगा आने का।
मैंने कहा कि नहीं उसे आना ही पड़ेगा, हर बार अपनी सहेलियों के साथ मानती थी और इस बार उसके साथ मानना चाहती हूँ।
आखिर काफी जिद करने के बाद वो मान गया और उसने आने का वादा भी किया। मेरी ख़ुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था, मैं दिन-रात बस उसके आने का इंतज़ार करने लगी।
एक दिन मैं टीवी पर पिक्चर देख रही थी ”मर्डर”। उसमें इमरान हाश्मी और मल्लिका शेरावत के गरम सीन देखकर मुझे भी कुछ होने लगा। मैं उन दोनों में खुद को और माणिक को देखने लगी। यह सोचकर ही मेरी चूत गरम हो गई और उसमें से पानी निकल गया। मैंने देखा तो कुछ सफ़ेद सफ़ेद सा पानी था। मैंने उसे चखा तो नमकीन सा था। मेरा भी माणिक के साथ चुदाई करने का मन हुआ और सोच लिया कि उसके साथ यह करके रहूंगी, लेकिन उसे यह बात नहीं कही।
आखिर वो दिन भी आ गया जब वो मुझसे मिलने आया, मैं तो उसे देखकर इतनी खुश हुई कि क्या बताऊँ। मैं उसे बस-स्टैंड पर लेने गई थी। उसे देखकर जाने क्या हुआ कि दिमाग पर रात का सीन छा गया और उसे वहीं चूम लिया सबके सामने !
वो सकपका गया और शरारती मुस्कान लाते हुआ बोला- सब देख रहे हैं !
उसके यह कहते ही मैंने आस-पास देखा और शरमा कर दूर हो गई।
उसने कहा- बहुत मीठा चुम्मा था !
यह सुनकर मैं और शरमा गई क्योंकि सब देख रहे थे। उसने पूछा कि मेरे रहने का क्या किया। वैसे तो मैंने उसके रहने का इंतजाम अपने एक फ्रेंड के यहाँ किया था पर तभी एक शरारत सूझी और मैंने उसे कहा कि मेरा फ्रेंड ज़रूरी काम से बाहर गया है और उसे होटल में रुकना होगा। मेरी आँखों की चमक को देखकर वो शरारत से मुस्काया और कहा- चलो !
मैं भी खुश हो गई अपना काम बनते देख और ”मर्डर” होने और करने का इंतज़ार करने लगी, लेकिन उसके सामने भोली ही बनी रही।
उसने कहा- चल सकोगी होटल मेरे साथ? और अगर किसी ने देखा तो क्या करोगी?
एक बार को तो मैंने भी सोचा कि अगर किसी ने देख लिया तो मैं तो गई काम से, लेकिन दिमाग में जो चल रहा था वो ज्यादा पागल कर रहा था। मैंने उसे कहा- कोई बात नहीं, हम यहीं मिल लेंगे !
फिर हम होटल में गए। वहाँ उसने एक कमरा लिया और फिर हम कमरे में चले गए। उसका साथ पाकर मैं तो पागल हुई जा रही थी।
कमरे में आते ही उसने मुझे चूम लिया और बाहों में ले लिया। मैं तो ख़ुशी से पागल हो रही थी उसकी बाहों में आकर। फिर उसने मुझे जन्मदिन की शुभकामनाएँ दी और मुझे एक गुलाब दिया। उसका प्यार देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा। फिर उसने कहा कि वो लम्बे सफ़र से थक गया है और दस मिनट में नहाकर आ रहा है। तब तक मैं टीवी देख लूँ।
मैंने कहा- ठीक है !
फिर वो नहाने चला गया लेकिन उसने बाथरूम का दरवाज़ा बंद नही किया। शॉवर की आवाज़ आने पर मुझे पता नहीं मुझे क्या सूझी, मैं चुपके से दरवाज़े के पास जाकर खड़ी हो गई और अन्दर देखने की कोशिश करने लगी। उसे बाथरूम में लगे दर्पण में नंगा नहाते देख मैं बहुत रोमांचित हो गई और मेरे हाथ पैर मचलने लगे उसे छूने को।
उसका लिंग मैंने पहली बार देखा उस दिन ! इतना लम्बा और मोटा ! यह देखकर मेरी चूत में खुजली होने लगी और मैं उसे लेने को तड़प उठी। पर यह सोचकर कि वो क्या सोचेगा कि कैसी लड़की है, मैं चुपचाप पलंग पर आकर टीवी देखने लगी। पर टीवी में मन कहाँ लग रहा था, मन कर रहा था कि बस जाकर चिपक जाऊँ उसके नंगे बदन से ! यह सोचकर फिर मेरी चूत गीली हो गई।
इतने में वो नहाकर आ गया, उसके गीले बदन को देख मेरे बदन में तो आग ही लग गई। मन किया बस टूट पडूं अपने शिकार पर ! उसके गीले बालों का पानी मुझ पर पड़ा तो ऐसा लगा जैसे जलते बदन में ठंडक पड़ गई। उसने बस तौलिया लपेट रखा था। फिर उसने पैंट पहनी और पलंग पर आ गया। उसके बाद उसने मुझे अपने पास खिसकाया और मुझे माथे पर चूमा और पूछा- कैसी हो?
मैंने कहा- अब तुम आ गए तो बहुत खुश हूँ और अब हम जन्मदिन साथ मना पाएँगे।
मेरे यह कहते ही उसमे मुझे प्यार से देखा और मेरे गुलाबी होठों को चूम लिया। मैं तो जैसे शर्म से मर ही गई।
उसने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं ! बस शर्म आ गई।
फिर उसने मेरा मुँह ऊपर उठाया और कहा- बाथरूम में मुझे नहाते देख मुझे शर्म नहीं आई?
यह सुनकर मैं तो चौंक गई और शर्म से और लाल हो गई और कुछ कहते नहीं बना और उससे थोड़ा दूर हो गई। उसने फिर मुझे पास खींच लिया और लगा चूमने ! मेरी तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गई मानो। उसके सामने सीधी बनने का नाटक करती रही और मन में बुलबुले उठते रहे।
उसने मुझे कहाँ कहाँ नहीं चूमा- होंठ पर, कान पर, हाथ पर, वक्ष पर ! इतने में मैंने फिर उसे दूर कर दिया और उसे तड़पाने लगी।
उसने कहा- क्या तुम ये नहीं चाहती थी जो दूर जा रही हो?
और कहा कि वो आज तो मुझे बहुत प्यार करेगा क्यूंकि मेरा जन्मदिन जो है।
मैंने कहा- कोई ज़बरदस्ती है क्या?
तो बोला- मैं सब जानता हूँ कि तुम्हारे मन में क्या है !
यह सुनकर ऐसा लगा कि बोलूँ- आजा मेरे राजा, मैं भी यही चाहती हूँ जो तुम चाहते हो ! पर फिर चुप हो गई और उसके सामने शर्माने का ढोंग करने लगी।
वो मुझे पकड़ने की कोशिश करता रहा और मैं उससे दूर भागने की। उसने कहा कि चुपचाप उसके पास खुद आ जाऊँ वरना वो मुझे नंगा कर देगा। यह सुनकर मेरी आँखें चमक उठी और लगी उसे और परेशान करने। आखिर कुछ देर परेशान होने के बाद उसने मुझे पकड़ ही लिया और मुझे बेइंतहा चूमने लगा और मैं भी उसकी मस्ती में खोने लगी।
काफ़ी देर चूमने के बाद उसने मुझे कहा कि वो तभी समझ गया था जब मैंने उसे बीच बाज़ार चूम लिया था कि मैं क्या चाहती हूँ और जब उसने बाथरूम में चोरी छुपे देखते हुए मुझे देखा। मैंने कहा- बस आज बहुत प्यार करने को मन चाह रहा है और जब भी मैं दूसरी लड़कियों को उनके बॉय-फ्रेंड के साथ देखती हूँ तब मेरा भी मन करता है कि मैं भी उसके साथ घूमूँ और प्यार करूँ !
उसने कहा कि वो मेरी यह इच्छा ज़रूर पूरी करेगा और ऐसे करेगा कि मैं कभी अकेला नहीं महसूस करुँगी।
मैंने कहा- सच ! और मैं उससे लिपट गई। उसने मुझे कस के बाहों में भर लिया और मेरे होंठ चूसने लगा। फिर उसने मेरे बाल कान पर से हटाये और कानों के आस-पास चूसने लगा और उन्हें किस करता रहा। इससे मेरे बदन में एक अजीब सी खुमारी छा गई और मैं अपना आपा खोने लगी। वो मुझे चूमता रहा और मैं बेहोश सी होने लगी। मन करता रहा कि बस वो मुझे चूमता रहे और मैं जन्नत में चली जाऊँ।
फिर उसने धीरे से अपने हाथ मेरे वक्ष पर रखे और उन्हें दबाया…आआआआआह्ह्ह्ह्ह ऽऽ क्या स्पर्श था वो ! उसने फिर थोड़ा और जोर से दबाया और म्म्म्म्म्म्म्म्म्म बस पागल सी होने लगी मैं। फिर उसने दूसरे स्तन के साथ भी यही किया और अब तो मैं बस और खोना चाहती थी।
फिर उसने मुझे पलंग पर लेटाया, मेरे ऊपर आ गया, मेरी आँखों में देखने लगा और कहा- तुम्हारी आँखें इतनी सेक्सी क्यों हो रही हैं?
मैंने कहा- बस तुम्हारे प्यार का नशा चढ़ा हुआ है !
यह सुनते ही उसने मेरे होंठ फिर चूम लिए और दोनों दूध को दबा दिया- ऊऊऊऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्हह क्या बताऊँ कि कैसा लगा ! ऐसा लगा कि हाँ, बस आजा राजा और मार दे मुझे ! मैं इसी दिन के लिए तड़प रही थी। फिर वो मुझे चूमता रहा- चूमता रहा और धीरे धीरे नीचे जाने लगा। मैं तो बस रंगीन दुनिया में खोई हुई थी, उसने धीरे से मेरा कुरता उठाया और पेट पर चूम लिया….. हाय क्या बताऊँ – क्या हुआ- एक करंट सा दौड़ गया पूरे बदन में ४४० वाल्ट का !
फिर उसने मेरा कुरता ही उतार दिया और मैं आधी नंगी हो गई। उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और खड़े होकर मुझे देखने लगा। मैंने कहा- क्या कर रहे हो, ऐसे मत देखो ! शर्म आ रही है.. उसने कहा- मेरी जान, आज शर्म छोड़ दे और मेरा साथ दे !
मैंने कहा- दूंगी मेरे बच्चा…. बहुत साथ दूंगी !
उसने फिर मेरे दूध को जोर से दबाया और कहा- कितने मस्त हैं गोरे-गोरे और गोल-गोल ! मन कर रहा है कि नोच लूँ !
मैंने कहा- नोचने की क्या ज़रूरत, तुम्हारे लिए ही एक महीने से रोज़ मालिश कर रही हूँ कड़ा करने के लिए !
वो बोला- हाय मेरी जान, आज तूने दिल खुश कर दिया।
मैंने कहा- अब तुम मुझे मेरा उपहार दो मुझे खुश करके !
बस फिर क्या था, फिर जो नहीं होना था वो सब होने लगा। उसने झट से मेरे पजामे को उतार दिया और मेरी चड्डी भी फेंक दी। मैं अब पूरी नंगी थी उसके सामने। बहुत शर्म आ रही थी। मैंने दोनों हाथों से दूध छुपा लिए और पैरों को क्रॉस कर लिया।
उसने कहा कि अब क्यों शरमा रही है और मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए और मेरे ऊपर चढ़ गया और पैरों को भी खुद के पैरों से अलग कर लिया। फिर उसने मेरे दूध को चूसना शुरू किया और तब तक चूसता और खाता रहा जब तक वो लाल नहीं हो गए। बीच बीच में साले ने इतना काटा कि जान निकल गई पर मीठा सा एहसास भी हुआ मन को, लगा बस ऐसे ही ज़िन्दगी भर हम एक दूसरे के साथ रहें।
फिर उसने पैंट उतार दी और चड्डी भी और मुझे लण्ड चूसने को कहा। मैंने यह कभी नहीं किया था तो मुझे अजीब सा लगा और मैंने कहा- मैं नहीं कर पाऊँगी।
उसने कहा- एक बार कर तो, बहुत अच्छा लगेगा।
मैंने उसकी बात मान ली और उसके लण्ड को हाथ में ले लिया, वो ८ इंच का लण्ड पकड़ के ऐसा लगा जैसे लोहा हो। फिर उसे पहले चारों तरफ से जीभ से चाटा और लगी चूसने धीरे धीरे। कितना मीठा था वो। मन करा बस ऐसे ही इस आइसक्रीम को खाती रहूँ।
अचानक मैंने देखा कि वो बड़ा और मोटा हो गया है। मैं घबरा गई क्यूँकि मैंने इतना मोटा कभी नहीं देखा था।
उसने कहा- क्या हुआ?
मैंने कहा- यह इतना मोटा कैसे हो गया?
उसने कहा- यह चोदने को तैयार है बस !
मैं शरमा गई।
फिर उसने मेरी टाँगें फैलाई और मेरी चूत में ऊँगली डाल दी। उईईईईईईईइ ये क्या करा? मेरी जान निकल गई- मैंने कहा।
उसने कहा- क्या हुआ? अभी तो गिफ्ट भी नहीं मिला और पहले ही यह हाल ?
मैंने कहा- जालिम हो तुम, मैंने कभी किया नहीं है यह सब !
उसने कहा- तभी तो वो चोदना चाहता है क्यूँकि कुंवारी चूत का मज़ा अलग ही होता है।
और फिर वो मेरी चूत को खोलने लगा और उसे जीभ से चाटने लगा। उह्ह्ह्ह् आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह क्या कहूँ दोस्तो कि कितना अच्छा लगा। मैंने उसका सर पकड़ के चूत में गाड़ दिया। वो मुझे बहुत देर तक ऐसे ही मेरी चूत के अन्दर चूसता रहा और इस दौरान मेरा दो बार पानी भी निकल गया जिसे वो पी गया। फिर उसने अपने लौड़े को मेरी चूत के छेद पर रखा और अन्दर डालने लगा, लेकिन नहीं डाल पाया क्यूँकि मेरा छेद बहुत ज्यादा टाइट था। उसने फिर कोशिश पर फिर वही हाल।
मैंने कहा- मत करो न राजा ! बहुत दर्द होगा !
उसने कहा- अगर आज उपहार नहीं दिया तो जन्मदिन कैसे मनेगा?
मैं भी चाहती तो यही थी पर दर्द का सोचकर डर भी लग रहा था। उसने फिर क्रीम ली और मेरी चूत पर लगाई और फिर अन्दर धक्का देने लगा और इस बार तो वो आआ आआऽऽ आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् माँ ! थोड़ा सफल भी हो गया लेकिन मेरी नानी याद आ गई मुझे।
मैंने कहा- नहीं ! निकालो इसे ! मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाउंगी ! प्लीज़ !उसने कहा- नहीं अब वो नहीं रुकेगा ! और फिर एक धक्का दिया और पूरा का पूरा लण्ड अन्दर !
मैं तो जैसे जन्नत से नीचे गिर गई, मुझे रोना आ गया और मेरी चूत से खून भी आने लगा। उसने मुझे चुप कराया और कहा- कुछ नहीं होता जान ! ये सब होता है शुरू शुरू में ! और अब मज़ा आएगा।
और सच में कुछ देर के दर्द के बाद मैं फिर जन्नत में पहुंच गई। उसके बाद उसने मेरी गांड भी मारी और बहुत देर तक हम यही खेल खेलते रहे।
मुझे मेरा बर्थडे गिफ्ट भी मिल गया …।
इस तरह मना मेरा पहला सुहाग-दिन मेरे बॉय-फ्रेंड के साथ।
दो दिन ऐसे ही मिलने के बाद उसने मुझे फिर आने का वादा किया और मैं अब फिर उसका इंतज़ार कर रही हूँ जो शायद जल्दी ही ख़त्म हो जायेगा।
तो दोस्तो …. कैसी लगी आपको मेरी कहानी, ज़रूर बताना !
आपकी दोस्त Antarvasna
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