Our site can help you find a professional massage girl in Daman who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Daman that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Daman massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Daman who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Daman massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Daman massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Daman who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Daman employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Daman helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Daman
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Daman at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
मेरा नाम नरेश, उमर Sex Stories बाईस साल, मैं अबोहर, पंजाब का रहने वाला हूँ।
मैं अपनी कहानी आप सभी को बताना चाहता हूँ। यह कहानी मेरी पहली सच्ची कहानी है।
आज चार साल पहले अपने पड़ोस में रहने वाले परिवार के घर आता जाता था उस परिवार में पति, पत्नी और उनके चार बच्चे रहते थे।
पति मजदूरी करता था, उसकी पत्नी का नाम नीरजा था।
नीरजा की उमर तीस साल थी। मेरी उमर अट्ठारह साल की थी।
धीरे धीरे मैं उनके घर ज्यादा आने जाने लगा मैं उनकी छोटी बच्ची खिलाता रहता था।
नीरजा मुझे पसन्द करने लगी थी। मैं भी उसे पसन्द करने लगा था।
नीरजा से बातें करते करते काफी खुल चुका था और उससे सेक्स के बारे में भी बातें करने लगा था।
एक दिन ऐसा हुआ, नीरजा ने कुछ सामान मंगवाने के लिए बुलाया, वह सन्दूक में से पैसे निकालने लगी और मैं पलंग पर बैठ गया।
अचानक नीरजा ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया।
मैं हक्का बक्का रह गया, नीरजा ने मुझसे कहा- मैं तुमसे प्यार करती हूँ।
उस समय मैं कुछ नहीं बोला पर जब मैं सामान लेकर वापस आया तो उसने मुझे फिर से गले से लगा लिया।
इस बार मैंने उसकी चूचियों को सहलाना शुरु कर दिया। पर कोई देख न ले, इस डर से मैं उस समय वहाँ से चला गया।
हम सदा सेक्स करने के लिए मौका ढूंढते रहते थे।
एक दिन हमें मौका मिल ही गया।
हमारे घर मेरे दोस्त आए हुए थे इसलिए हम छत पर सोने के लिए गए।
नीरजा भी छत पर सोने के लिए आ गई।
उस समय नीरजा का पति शहर से बाहर गया हुआ था।
मैंने उससे इशारे कह दिया आज मैं आऊँगा।
वह समझ गई।
जब मेरे दोस्त सो गये, तब मैं तीन फुट की दीवार पार करके उसके पास गया।
वो मेरा इंतजार कर रही थी।
मैं धीरे से उसकी चारपाई पर लेट गया उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया।
नीरजा मुझे ज़ोर ज़ोर से चूमने लगी मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया और चूसने लगा।
नीरजा भी पूरी मस्ती में थी, उसने मेरा लंड सहलाना शुरु कर दिया।
मेरा लंड अब पूरा तन चुका था, नीरजा ने मेरा लंड पैन्ट में से बाहर निकाल लिया।
नीरजा ने मुझसे कहा- मैं तो तुमको बच्चा समझती थी, तुम्हारा लंड तो पूरा जवान हो चुका है।
मैंने उसके कुर्ते को उतार दिया और उसको बूब्स चूसने लगा, नीरजा के मुंह से अहहहा अहहहा की आवाज़ निकलने लगी।
नीरजा पूरी मस्ती में थी, उसने अपनी सलवार भी उतार दी।
मैंने उसकी ब्रा पैंटी भी उतार दी और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा। उसने चूत के बाल साफ किये हुए थे, उसका शरीर काफी सुन्दर और फिट था।
नीरजा मुझे चूम रही थी, वो बोली- मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा है, जल्दी अपना लंड मेरी चूत में डालो अब मेरे से रहा नहीं जा रहा!
मैं नीरजा के ऊपर हो गया और अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया, मैंने एक जोर से झटका मारा मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया।
नीरजा ने मेरी पीठ के ऊपर से हाथ डाल कर अपनी छाती से लगा लिया, बोली- और डालो!
मैंने एक झटका और मारा अब मेरा लंड पूरा उसकी चूत के अन्दर चला गया।
मैं अपनी कमर हिला हिला कर अपना लंड उसकी चूत में आगे पीछे करने लगा।
नीरजा मजे से अहहहा अहहह हहा हायय हाययय कर रही थी, मैं उसकी चूत का पूरा मजा ले रहा था।
जिन्दगी में पहली बार किसी को चोद रहा था।
15 मिनट बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया।
नीरजा एक बार स्खलित हो चुकी थी लेकिन मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला, धीरे धीरे चूत चोदता रहा, दो मिनट बाद मैं फिर से मस्ती में आ गया, दोबारा नीरजा को चोदने लगा।
नीरजा मुझसे बोली- जान बहुत मजा आ रहा है जितनी जोर से चोदते हो उतना ज्यादा मजा आता है!
कहकर वो अपनी कमर नीचे से जोर जोर हिलाने लगी।
नीरजा भी पहली बार चुदाई का इतना मज़ा ले रही थी क्योंकि उसका पति जल्दी ही स्खलित हो जाता था, नीरजा तरसती रहती थी।
मैं उसे धीरे धीरे चोदता रहा मैंने उसे तीन घण्टे में कई बार चोदा।
उसके बाद हम इकट्ठे लेटे रहे और उसके बाद वहां से उठ के धीरे अपनी छत पर चला गया।
यह कहानी सच्ची है मुझे विश्वास है कि आप मेरी इस कहानी को जरुर पसन्द करेंगे।
यह कहानी अन्तर्वासना पर पूर्व प्रकाशित पीडीऍफ़ कहानी है। इसे दोबारा प्रकाशित किया गया है। Sex Stories
मेरा नाम आतिश है, मैं Antarvasna दिल्ली में रहता हूँ। मैं हमेशा यह सोचा करता था कि क्या मैं भी कभी अपनी ज़िन्दगी में किसी के साथ सेक्स कर पाऊँगा! मुझे ब्लू-फिल्म देखने की आदत है लेकिन क़िस्मत देखिए कि कभी भी मैं किसी के साथ सेक्स नहीं कर पाया था। मेरी उम्र 23 साल और कद 5 फीट 9 इंच है। वैसे लोग कहते हैं कि मैं स्मार्ट भी हूँ, ख़ैर छोड़िये।
लेकिन मैं आप को अपनी एक ऐसी हक़ीकत से वाक़िफ कराना चाहता हूँ जो मेरे साथ पहले कभी नहीं हुई। ये होने के बाद मैं मन ही मन बड़ा खुश होता रहता था क्योंकि जो मैं इतनी कोशिश करने के बाद भी नहीं कर पाया वो अचानक हो गया।
हुआ ये कि मेरे घर के सामने एक घर है जिसमें एक परिवार रहता है जो बिहार से है, उस परिवार में 4 सदस्य हैं जिनमें से 2 बच्चे और दो बड़े हैं
जून 2004 की बात है जब मेरा परिवार स्कूल की छुट्टियों की वज़ह से गाँव गई हुई थी तो बस मैं ही घर पर अकेला था। शनिवार की बात है उस दिन मेरे ऑफिस में छुट्टी होती है तो थोड़ा देर से सोया और देर से जागा। उसके बाद मैं फ्रेश हुआ और बिस्किट खरीदने के लिए दुकान पर गया।
वह दुकान बहुत ही छोटी थी और वहाँ भीड़ बहुत ज्यादा रहती थी। जहाँ मैं खड़ा था उसके एकदम आगे मेरे सामने वाली आंटी खड़ी थी वो भी कुछ सामान ले रही थी और भीड़भाड़ होने की वज़ह से हम एक-दूसरे से बिल्कुल चिपके हुए थे। पहले तो मैंने ध्यान नहीं दिया फिर मैंने महसूस किया कि मेरा लण्ड आंटी की गाँड पर लग रहा है। मेरा लण्ड एकदम तन गया, मुझे बहुत मज़ा आने लगा।
फिर आंटी सामान लेकर जाने लगी, जाते हुए आंटी ने मेरी तरफ देखा, उनका चेहरा गुस्से से लाल था। मुझे पता नहीं क्यों, बहुत शर्म सी आई और फिर मैं भी उनके जाने के करीब 10-15 मिनटों के बाद घर आ गया।
मैंने पहले तो चाय पी, फिर अपने दरवाज़े के सामने खड़ा हो गया। अचानक आंटी ने अपना दरवाज़ा खोला और मुझे देखकर आंटी ने मुझे कहा ‘बेटा, क्या तुम हमारा एक काम कर दोगे?’
‘कहिए आंटी जी- मैंने डरते हुए कहा।
उन्होंने कहा- बेटा, मेरा हाथ नहीं पहुँच रहा है, तुम मेरा एक डिब्बा उतार दो।’
मैंने कहा- ठीक है। फिर मैं उनके घर चला गया, वहाँ ऊँचाई पर एक डिब्बा रखा हुआ था, आंटी ने बताकर कहा- बेटा यही डिब्बा उतारना है।’
मैंने डिब्बा उतार दिया। तभी आंटी ने गेट बन्द कर लिया।
मैंने कहा- आंटी! मैं जाता हूँ, तो उसने मुझे बुलाया- इधर आओ-
यह सुनकर मेरी तो हवा ही खिसक गई, लेकिन फिर मैं भी हिम्मत करके चला गया। मैंने कहा ‘कहो आंटी, क्या कोई और कोई काम है?’
‘नहीं, एक बात पूछनी थी।’ आंटी ने कहा।
मैं डर गया, डरते-डरते मैंने कहा- कहिए आंटी जी!’
आंटी ने पूछा- तुम्हारी उम्र कितनी है?’
मैंने जवाब दिया- आंटी जी, 23 साल!’
फिर आंटी ने कहा कि मेरी उम्र 40 साल है और मैंने तुम्हारी माँ के उम्र की हूँ, तुम्हें शर्म नहीं आई दुकान पर ऐसी हरक़त करते हुए?
मैंने गर्दन नीचे किये हुए उनसे माफी माँगी- आंटी मुझे माफ कर दो, आज के बाद ऐसा नहीं होगा- मैं उनके सामने हाथ जोड़ने लगा।
‘अरे कोई बात नहीं, ऐसी उमर में ऐसा होता है। पहले भी किसी के साथ ऐसा या कोई और गलत काम किया है?’
मैं कुछ नहीं बोला।
फिर आंटी ने कहा- अरे शरमाओ मत, बताओ।’
‘नहीं आंटी! अभी तक नहीं।’
‘शादी से पहले कम से कम 2-3 बार ज़रूर करना चाहिए।’
मैंने हिम्मत करके कहा- क्यों आंटी?’
‘क्योंकि हर काम से पहले ट्रेनिंग ज़रूरी है, जैसे आर्मी वालों को दी जाती है। क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेण्ड है?’
‘नहीं आंटी जी, मेरी कोई भी गर्लफ्रेण्ड नहीं है।’
‘ये तो बड़े ही दुःख की बात है।’ आंटी ने कहा।
‘अगर तुम इजाज़त दो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूँ।’ आंटी ने आगे कहा।
‘कैसे?’ मैंने प्रश्न किया।
उन्होंने कहा- मैं तुम्हें ट्रेनिंग दूँगी ताकि तुम अपनी बीवी को ज़्यादा खुश रख सको। क्या तुम तैयार हो?’
‘जी हाँ आंटी, जैसा आप कहें।’
मैं सोच रहा था कि ये मेरे साथ ऐसी बातें कैसे कर रही हैं, वो भी पहली बार। मुझे लगा शायद दुकान वाली हरकत की वज़ह से वह मुझसे ऐसी बातें कर रही है।
आंटी ने मेरे हाथ अपने चेहरे पर लगाये और मुझे कहा कि मेरे गालों को सहलाते रहो। मैं ऐसा ही करता रहा। फिर आंटी ने मेरा हाथ अपनी टाँग पर रखा और मुझसे कहा- मेरी टाँग पर अपना हाथ फेरते रहो।
मैं ऐसा ही करता रहा। मुझे भी मज़ा आने लगा। आंटी बहुत गरम होने लगी और मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरी गाँड पर हाथ फेरने लगी।
मैंने अपना हाथ टाँग से हटाकर आंटी के मोटे-मोटे बूब्स पर रखा, वैसे तो उन्होंने कपड़े नहीं उतारे थे, पर फिर भी मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। आंटी कहने लगी कि तुम तो इंटेलीजेन्ट हो, अपने आप ही हाथ रख लिया।
फिर मैं ज़ोर-ज़ोर से बूब्स दबाने लगा, आंटी एकदम पागल सी हो गई। मैं भी होश खो बैठा और अपना हाथ आंटी के पेटीकोट में अन्दर उनकी प्यारी सी चूत पर रखा, वो एकदम मुझसे चिपक गई।
फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उनकी चूत में डाली और बार-बार अन्दर-बाहर करने लगा। आंटी को बड़ा मज़ा आने लगा। मज़े की वज़ह से वो सिसकियाँ लेने लगी। उनके मुँह से आवाज़ें आ रहीं थीं… हाय! मैं मर गईईईई…! ओओओ…! ह्ह्ह्ह।
फिर अचानक आंटी ने कहा कि मैं तुम्हें इस ट्रेनिंग का आखिरी पाठ सिखाती हूँ और फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे अपने बेड पर लेटने के लिए कहा। मैं लेट गया। उन्होंने भी अपने कपड़े उतार दिये।
अब वो मेरे सामने एकदम नंगी थी। वो उतनी ख़ूबसूरत तो नहीं थी, पर उसकी फिगर लाजवाब थी। फिर वो मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़कर अपने हाथ को ऊपर-नीचे करने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर उन्होंने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और फिर अपने मुँह को ऊपर-नीचे करने लगी। मेरा लण्ड एकदम तन गया और करीब 7-7.5 इंच का हो गया।
फिर उन्होंने फिर मुझे कहा कि अब तुम उठो और मैं लेटती हूँ। मैं सोच रहा था कि यार, कहीं इसका दिमाग तो खराब नहीं हो रहा है, लेकिन फिर ये सोचकर कि कहीं बना-बनाया काम न बिगड़ जाये, मैंने कुछ नहीं कहा। फिर वो लेट गई और मुझे कहा अपना मुँह मेरी दोनों टाँगों के बीच में रखकर मेरी चूत को चाटो!
मैंने कहा, आंटी ये गन्दी है। आंटी ने पूछा- क्या तुम अपनी बीवी को खुश नहीं रखना चाहते?’
मैंने उत्तर दिया ‘हाँ’।
‘तो फिर चलो, जल्दी करो।’
मैंने चाटना शुरू कर दिया।
मैंने देखा कि आंटी की आँखें बन्द हैं और वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ ले रहीं हैं। थोड़ी देर ऐसा ही करने के बाद आंटी ने कहा ‘रूको!’
मैंने पूछा ‘क्या हुआ?’
आंटी ने कहा- कुछ नहीं हुआ, अब मैं तुम्हें सबसे मज़ेदार, और सबसे आख़िरी स्टेप सिखाती हूँ।
फिर आंटी ने अपनी टाँगें ऊपर कीं और मुझे कहा कि अपना लण्ड मेरी चूत पर रखो और अपने हाथ मेरे कंधे के पास। मैंने ऐसा ही किया। फिर आंटी ने मेरा गरम लण्ड अपनी गरम चूत पर रखा और मुझे कहा कि अब धीरे-धीरे इसे अन्दर करते रहो। मैंने ऐसा ही किया। जब मेरा आधा लण्ड अन्दर जा चुका था तो मुझे बड़ा मज़ा आने लगा।
आंटी कह रही थी कि तुम्हारा लण्ड कितना मोटा है। बड़ा दर्द हो रहा है।
मैंने कहा- अगर आप कहती हैं तो मैं निकाल लेता हूँ।
आंटी ने कहा, नहीं मेरी जान, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है, और दर्द तो ज़रूर होता है और जितना दर्द होगा, बाद में मज़ा भी उतना ही आयेगा।
मैंने फिर एकदम से अपना सारा का सारा लण्ड उसकी गरम चूत में पेल दिया। वो चिल्लाने लगी, कहने लगी कि इसे फाड़ेगा क्या। उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े।
मैंने पूछा- बहुत दर्द हो रहा है क्या?’
‘जानवर की तरह करेगा तो दर्द नहीं होगा?’
‘सॉरी आंटी…!’
आंटी बोली- कोई बात नहीं, तुम लगे रहो, धीरे-धीरे दर्द कम हो जाएगा।’
चार-पाँच मिनट बाद शायद उसका दर्द कम हो गया, क्योंकि वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी- आज इसे फाड़ दो… मैं तुम्हारी हूँ… ज़ोर-ज़ोर से पेलो मेरी जा..आआआन… आआआआह ईईईईईईई ऊऊऊऊऊ आआआआआह मैं मर गईईईईई।
तकरीबन 15 मिनट के बाद आंटी ने कहा मेरी जान अब दूसरा स्टेप करते हैं और वो फिर उठी और डॉगी स्टाईल में हो गई और मुझे कहा अब दुबारा अपना काम शुरू करो।
मैंने फिर उसकी गरम चूत में अपना सात इंच का मोटा लण्ड पेल डाला। वो फिर सिसकियाँ लेने लगी, और चिल्लाने लगी- मैं मर गई… आज मेरी चूत को फाड़ डालो मेरी जान…’
और मैं भी मज़े से पागल हो रहा था। हम दोनों की आवाज़ें पूरे कमरे में गूँज रहीं थीं।
तकरीबन 10 मिनट बाद आंटी ने कहा ‘ज़रा हटो।’
‘क्यों आंटी?’
‘अब मैं तुम्हें वो स्टेप सिखाऊँगी जो अन्त में करना चाहिए, जब तुम्हारी गाड़ी मंज़िल पर पहुँचने वाली हो।’
‘ठीक है आंटी।’
वो पिर उसी पोज़ीशन में आ गई जैसे कि शुरू में थी, अपने दोनों पैर ऊपर उठा लिये और फिर कहा कि अब दुबारा इसमें डाल दो, और चाहे जो कुछ भी हो, अपना लण्ड अन्दर ही रहने देना।
मैंने सोचा कि यार क्या होगा, फिर मैंने अपना लण्ड घुसेड़ दिया और तकरीबन 6-7 मिनटों के बाद मुझे और आंटी को बड़ा जोश आने लगा। हम दोनों ज़ोर-ज़ोर से सिसकने लगे… आहहहह ओययययय आआ आआह हहह।
मैंने फिर आंटी से कहा कि आंटी लगता है मेरे लण्ड से कुछ निकलने वाला है।
‘मेरी भी चूत से निकलने वाला है, लेकिन तुम अन्दर ही रखना और अन्दर ही डाल देना जो भी निकलेगा।’
मैंने कहा- ठीक है।’
आंटी फिर शायद झड़ने वाली थी क्योंकि उसने मुझे बहुत कसकर पकड़ रखा था और आंटी कहने लगी मेरी जान… मैं मर गई… मैं झड़ने वाली हूँ। फिर वह झड़ गई।
दो मिनट बाद मेरा भी काम हो गया। आंटी पहले भी 1 बार बीच में झड़ चुकी थी, फिर हम दोनों थोड़ी देर तक एक-दूसरे से लिपटे रहे और फिर आंटी ने कहा- लो ये कपड़ा और इसे साफ कर लो।’ आंटी ने भी अपनी चूत साफ कर ली और फिर पूछा- कुछ सीखा?’
‘हाँ आंटी, मैं सीख गया।’
‘मेरी जान अब मैं तुम्हारी हो चुकी हूँ। अगर तुम्हें मेरी क्लास अच्छी लगी हो तो तुम रोज़ आ सकते हो।’
‘ठीक है आंटी जी मैं रोज़ सीखने आया करूँगा।’ मैंने उत्तर दिया।
आंटी ने मुझे एक लम्बी पप्पी दी और कहा कि अब तुम जाओ मेरी जान।
फिर मैंने कपड़े पहने और अपने घर वापस आ गया।
उसके बाद मैं आंटी को चोदने रोज उसके घर जाने लगा।
1 महीने तक हमने खूब मस्ती की। और अब भी जब मौका हाथ लगता है हम दोनों सेक्स करते हैं, खूब मज़े लेते हैं… अब मैं एक दूसरी औरत पर लाईन मार रहा हूँ जिसकी शादी अभी-अभी हुई है। अगर हमारी बात वहाँ तक पहुँचती है तो मैं आपको ज़रूर लिखूँगा… बाययय
प्लीज़ आप मुझे बतायें कि आपको मेरी ये सच्ची कहानी कैसी लगी।
मुझे मेल करें! मैं आपके मेल का इन्तज़ार करूँगा! Antarvasna
बात उन दिनों की है Antarvasna Stories जब मैं 12वीं की बोर्ड की परीक्षा देकर फ़्री हुआ था और रिजल्ट आने में तीन महीने का समय था।
ये वो समय होता है जब हर लड़का अपने बढ़े हुए लंड के प्रति आकार्षित रहता है साथ-साथ बढ़ती हुई काली-काली घुंघराली झांटे उसका मन जल्दी से किसी नशीली चूत का रस पान करने को प्रेरित करती हैं।
मैंने फ़्री टाइम को सही इस्तेमाल करने के लिये एक इंगलिश स्पीकिंग कोर्स ज्वाइन कर लिया।
हमारे घर से थोड़ी दूर पर एक नये इंगलिश कोचिंग सेंटर खुला था जहां मैं अपना एडमीशन लेने पहुंच गया।
मेरे लौड़े की किस्मत अच्छी थी वहां जाते ही मेरा सामना एक कमसिन, अल्हड़, मदमस्त, जवान, औरत से हुआ जो पता चला वहां की टीचर है।
उसके गोरे-गोरे तन बदन को देखते ही मेरा तो लौड़ा चड्डी में ही उचकने लगा।
उसकी खुशबूदार सांसो ने मन मे तूफ़ान पैदा कर डाला था।
मन तो उसके तुरंत चोदने को कर रहा था पर क्या करता वहां तो पढ़ने गया था।
एडमीशन देते हुए वो भी मुझे आंखों ही आंखों में तौल रही थी।
वो 27 साल की भरे बदन वाली मैडम थी।
शादी-शुदा, उसकी दोनो बूब्स (चूचियां) आधा किलो की थी और उसके गद्देदार मोटे चूतड़ (गांड) उभार लिये संगमरमर की मूरत से तराशे हुए हिलते ऐसे लगते थे जैसे कह रहे हो- ‘आजा राजा इस गांड को बजा जा’
मैंने एडमीशन लेकर पूछा- कितने बजे आना है मैडम?
वह मुस्करा कर बोली- सुबह 7 बजे आना।
‘साथ क्या लाना है?’
वो बोली- एक कोपी बस!
मैं घर वापस आ गया पर सारी रात सुबह होने के इंतज़ार में सो न सका।
रात भर मैडम की हसीन मुस्कान और चेहरा सामने था।
मैं बार-बार उनके ब्लाउज़ में कैद उन दो कबूतरों का ध्यान कर रहा था जो बाहर आने को बेताब थे।
उनकी चूत कैसी होगी?
गुलाबी चूत पे काला सिंघाड़ा होगा, उनकी चूत का लहसुन मोटा होगा या पतला, मुलायम मीठा या नमकीन, कितना नशा होगा उनके चूत के रस में?
उनकी बुर की फांकें गुलाब की पत्तियों सी फैला दूं तो क्या हो?
यह कल्पना और मदहोश कर रही थी जिससे मेरे लंड फूल कर लम्बा और मोटा हो गया था और मेरी चड्डी में उसने गीला पानी छोड़ दिया।
अगले दिन सुबह, जल्दी से नहा कर मैं इंगलिश की कोचिंग में टाइम से पहुंच गया।
उस क्लास में और भी कुछ हसीन लड़कियाँ थीं। कुछ खूबसूरत शादी-शुदा औरतें भी थी जो हाई क्लास सोसाइटी में अपनी धाक जमाने के लिये इंगलिश सीखना चाह रही थीं ताकि हाई क्लास की रंगीनियों का मज़ा उठाया जा सके।
मैं पीछे की सीट पर बैठ गया।
थोड़ी देर में मैडम वहां आयी और गुड मोर्निंग के साथ मुझ पर नज़र पड़ते ही बोली- तुम आगे आकर बैठो।
उनके कहने पर मैं आगे की सीट पर बैठ गया।
वो सबको अपना परिचय हुए बोली- हाय मै निशा हूँ। अब आप लोग अपना परिचय दीजिये।
हम सबने अपना-अपना परिचय दिया।
फिर वो ब्लैक बोर्ड की तरफ़ मुड़कर लिखने लगी।
जैसे ही वो मुड़ी उनकी गांड मेरे सामने थी और मन फिर उनकी गांड मारने के ख्याल में खो गया। क्या करुं जवानी 18 साल की कहां शांत रहती।
वो बहुत सुंदर लाइट कलर की साड़ी पहने थी। लाइट पिंक ब्लाउज़ के नीचे उनका काला ब्रा साफ़ दिख रहा था।
साड़ी के पल्लु से उनकी चूची का बोर्डर ज़बान पे पानी ला रहा था।
लालच मन में जगा रहा था।
दोनों चूचियों के बीच की गहरी लाइन ब्रा के ऊपर से लंड को मस्ती दिला रही थी।
वो मुड़ कर वापस क्लास को बोलने लगी ग्रामर के बारे में और मेरे एकदम पास चली आयी।
मैं बैठा था और वो मेरे इतने करीब खड़ी थी कि उनका खुला पेट वाला हिस्सा मेरे मुंह के पास आ चुका था जिसमें से उनकी गोल-गोल गहरी टोंडी (नाभि) की महक मेरे नथुनों में मीठा ज़हर घोल रही थी।
फिर उनका पेन हाथ से गिरकर मेरे सामने टपक गया जिसे लेने वो नीचे झुकी तो दोनों चुचियाँ मेरे मुंह के सामने परस गये।
उस दिन क्लास ऐसे ही चलता रहा।
फिर जब क्लास खत्म हुआ तो जब सब चलने लगे तो मैडम ने मुझे रुकने को कहा।
मैं अपनी कुरसी पर बैठा रहा।
सबके चले जाने के बाद मैडम मेरे पास आयी और बोली-हेंडसम लग रहे हो!
मैंने कहा- थैंक यू।
“तुम अभी क्या करते हो?”
मैं बोला- अभी 12वीं का एक्साम दिया है अब मैं फ़्री हूं।
मैडम बोली- मतलब अब तुम बालिग (एडल्ट) हो गये हो।
“यस मैडम!” मैं बोला।
“हऊ ऊउम…”
वो कुछ सोच कर बोली- तुम्हारा केला तो काफ़ी बड़ा है।
“केला???” मैं समझ तो गया था कि मैडम मेरे लंड की तरफ़ इशारा कर रही हैं पर मैं अंजान बना रहा।
मैंने पूछा- किस केले की बात कर रही हैं आप?
“अरे अब इतने अंजान मत बनो मेरे राजा, तुम्हारा लौड़ा जो काफ़ी बड़ा है और जो इस पैंट के नीचे से फूल कर बाहर हवा खाने को बेताब है। शायद इसने अभी तक गुझिया (चूत) का स्वाद नहीं चखा।”
असल में मैं क्लास जल्दी पहुंचने के चक्कर में नहा कर पैंट के नीचे अंडरवेअर पहनना भूल गया था जिससे मोटा लौड़ा तन कर पैंट में अपनी छाप दिखा रहा था।
मैडम को फ़्री और फ़्रेंक होता देख कर मैंने भी कह दिया- हां मैडम, अभी तक किसी की चूत का स्वाद नहीं चखा है।
वो बोली- शनिवार की सुबह 6 बजे मेरे घर आ सकते हो, मैं अकेली रहती हूं। दर असल मेरे पति नेवी में हैं और हमारे कोई औलाद नहीं हैं। तुम आजाओगे तो मुझे कम्पनी हो जायेगी।
मैंने फ़ौरन हामी भर दी।
मैं जानता तो था कि मैडम को मेरी कम्पनी क्यों चाहिये थी।
उनको अपनी बुर की खुजली मिटानी थी और फिर जब पति नेवी में गांड मराये तो पत्नी दिन भर जब टीचिंग से लौट कर आये तो चूत चोदने को कोई लौड़ा तो चाहिये ही। इसमे कुछ गलत नहीं हैं। हर औरत की, हर लौंडिया की चूत में गर्मी चढ़ती है और उसकी चूत की आग सिर्फ़ और सिर्फ़ लंड ही शांत कर सकता है।
सारी रात मैडम का ध्यान कर मैं सो न सका।
सुबह घड़ी में अलार्म लगा दिया 5 बजे का।
मम्मी भी सुबह अलार्म की आवाज़ से उठ गयी और बोली- इतने सुबह कहां जा रहे हो?
मैंने कहा सुबह रोज़ अब मैं जल्दी उठ कर जोगिंग करने जाउंगा और फिर वहीं से क्लास अटेंड कर वापस आऊंगा।
अब उनसे क्या कहता कि मैडम की चूत की खुजली शांत करने जा रहा हूं।
सुबह चाय पीकर मैं तुरंत टैक्सी कर मैडम के पते पर कोपी लिये पहुंच गया।
डोरबेल की घंटी बजायी तो थोड़ी देर बाद मैडम ब्लैक नाइटी पहने मुस्करा कर दरवाजा खोलती नज़र आयी।
उनकी नाइटी के दो बटन ऊपर के खुले थे और ब्रा नहीं पहने होने के कारण दोनों चूचियाँ मुझे साफ़ दिख रहीं थीं।
नीचे पेटीकोट भी नहीं था क्योंकि उन्होंने मेरा हाथ कमर पे रख मुझे अंदर बुलाया जिससे उनका बदन मेरे हाथ में आ गया था।
सामने खुला हुआ सीना मेरे दिल की धड़कन बढ़ा रहा था।
वो मुस्कुरा कर बोली- अब ऐसे ही खड़े-खड़े मेरी सूरत देखते रहोगे या मुझे अपनी बाहों में उठा कर बिस्तर पे भी ले चलोगे। मेरी जवानी कबसे मोटे लंड की आग में जल रही है, मेरी जवानी के मज़े नहीं लूटोगे?
मैंने तुरंत कोपी पास पड़ी टेबल पर फेंक दी और मैडम को झट से अपनी बाहों में उठा लिया।
उनके खुले बाल मेरे हाथ पर थे और उन्होंने मेरे होंठों को अपने लिप्स में कैद कर लिया।
उनका बेडरूम सामने ही था।
मौसम थोड़ा गर्म था इसलिये मैं उनको पहले बाथरूम में ले आया जहां उनको थोड़ा नहला कर मालिश कर गर्म कर सकूं।
मैंने मैडम को बाथरूम में खड़ा कर दिया और फिर उनकी काली नाइटी के ऊपर से पूरा मांसल बदन दबाया, फिर सहलाया।
उनके हाथ ऊपर कर उनकी काली नाइटी धीरे से उतार दी।
अब वो पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी थी।
दूधिया बदन गोरी गोरी मोटी चूचियाँ और हल्के काले घुंघराले बालों के बीच गुलाबी मुलायम चूत!
मैंने शोवर चालु कर दिया पानी ऊपर से नीचे हर अंग को भिगो रहा था। मैंने उनको चूमना चाटना शुरु कर दिया। होंठों से होंठ फिर गाल सब पर ज़बान फेर कर मज़ा देता गया। दोनो चूचियाँ बार बार दबा कर निप्पलों को मुंह में भर लिया।
उनके पिंक निप्पल मोटे और बहुत सोफ़्ट थे।
ज़बान निकाल कर गोल-गोल निप्पल पर घुमा कर चाट कर पिया।
वो बोली- आअ हह … उह हह… ईईस्स सस… मज़ा आ गया … और पियो ये निप्पल कब से तरस रहे थे कि कोई इनको पिये।
मैंने कस कर चूची मर्दन किया दबा दबा कर निप्पलों उकेर कर दोनो निप्पलों पर जबान से खूब खुजली की।
मैडम भी अपनी ज़बान निकाल कर मेरे ज़बान के साथ अपने निप्पलों चाट रहीं थी।
उनकी चूचियाँ फूल कर बड़ी हो गयी थी और मैं नीचे उनके नाभि पर आ गया था।
गोल नाभि की गहरायी नापने में 2 मिनट लगा, इससे पहले चूचियों का मसाज और निप्पलों को चूस कर 10 मिनट तक उनको प्यार के नशे में डुबाता चला गया।
इस क्रिया से मेरा लौड़ा भी नागराज की तरह फुंकारता हुआ खड़ा हो कर 7इंच का हो चुका था जिस पर मैडम का हाथ पहुंच गया था।
मैंने धीरे से मैडम को बाथरूम के फ़र्श पर लिटाया ताकि उनकी चूत खुल कर मेरे सामने आ सके और मैं उनकी गुलाबी गुझिया में उंगली डाल सकूँ।
मैं धीरे से उनकी चूत का रस पीने के इरादे से नीचे गया।
उनकी झांटों पर पड़ी पानी की बूंदों ने मुझे उनके झांटों पर चांदी की तरह चमकती बूंदों को पीने की चाह जगा दी।
मैं उनकी काली, मुलायम घुंघराली झांटों को अपने होंठों में कैद कर अपने लिप्स से पीने लगा।
उनकी जब झांटें खिंचती तो वो अह्ह्ह हह्ह … ऊऊह ह्हह … ह्हहा ईईइ … ज्जज्ज जाआ अनन्नन्न … स्सस्सस … करती जिससे मेरा लंड और कड़क हो जाता।
उनकी झांटों से पानी साफ़ करने के बाद मैंने दोनो उंगलियों से उनकी चूत की गहरायी को नापा मतलब दोनो उंगलियाँ अंदर गुलाबी छेद में डाल दी गहरायी तक।
फिर ज़बान पास लाकर उनके चूत का सिंघाड़ा अपने मुंह में कैद कर लिया।
करीब 10 मिनट तक उनकी नशीली चूत का रस अपनी ज़बान से पीता रहा और उनकी गर्म चूत में अपनी ज़बान चलाता रहा। ऊपर से नीचे फिर नीचे से ऊपर और फिर ज़बान को कड़ा कर अंदर बाहर भी।
ज़बान से चूत रस चाटते वक्त मैंने एक उंगली नीचे खूबसूरत से दिख रहे गांड के छेद पे लगा दी।
उनको तैयार कर मैंने अपना अंडरवीअर उतारा जिससे मैडम बाथरूम के फ़र्श पर उठ कर मेरे ऊपर मेरी तरफ़ गांड कर 69 की पोजीशन में लेट गयी और मेरा लंड अपने मुंह में डाल लिया।
मैं मैडम की चूत मैं नीचे से पीछे से ज़बान डाल कर उनका रस चाटे जा रहा था और मैडम को मेरा गुलाबी सुपाड़ा बहुत मज़ा दे रहा था।
वो बच्चों की तरह उसे चूसे जा रहीं थी क्योंकि उनको लंड बहुत दिन बाद नसीब हुआ था।
मेरा तना लंड उनको बहुत मज़ा दे रहा था.
वो 5 मिनट तक मेरा लौड़ा अपने होंठों में कैद कर चूसती रहीं ज़बान से लंड के सुपाड़े को चाट-चाट कर लाल कर दिया था.
और लंड तन कर रोड की तरह पूरा कड़ा हो गया था.
पर मैडम छोड़ ही नहीं रहीं थी।
मैंने बोला- मैडम, मैं झड़ने वाला हूं!
तो उन्होंने मुझे खड़ा कर दिया और खुद भी मेरे ऊपर से हट गयी।
बोली-आओ राजा मेरी ज़बान पर गिरा दो।
वो मेरे लंड के पास मुंह खोल कर ज़बान निकाल कर बैठ गयीं।
मैंने अपने हाथ से हिला कर जल्दी से अपना सारा गर्म गर्म शहद उनकी ज़बान पे गिराया जिसे उन्होंने अपनी आंखे बंद कर जन्नत का मज़ा लिया।
वो मेरे गर्म वीर्य की आखिरी बूंद तक चाट गयी।
फिर उन्होंने अपना मुंह धोया और मुझे बोली- अब मुझको बेडरूम में ले चलो राजा।
मैं भी उनकी चूत चोदने को बेताब था।
मैंने उनको उठा लिया और बेड पर चित लिटा दिया।
उनकी दोनों गोरी टांगों को मैंने खूब फैला दिया ताकि उनकी गुलाबी चूत मेरे सामने खुल जाये और मुझे उनकी चूत को चाटने में ज़रा भी कठिनाई न हो।
वो फिर से मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर आगे पीछे हिलाने लगी।
उनके ये करने से मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा।
मैंने उनकी नशीली चूत को चाट कर अपने थूक से चिकना किया।
वैसे उनकी चूत बहुत मक्खन सी मुलायम और मलमल सी चिकनी थी। वो गर्म-गर्म मलाई से भरपूर चूत मुझे अब जन्नत सी लग रही थी जिसको अब चोदना बहुत ज़रूरी हो गया था।
मेरे लप-लप कर उनकी चूत को चाटने से वो अपने मुंह से सी … सी … ऊऊओ … अह्ह्ह ह्ह कर रही थी।
बोली- मेरे राजा, जल्दी से अपना 7 इंच का शेर मेरी प्यार की गुफ़ा में घुसा दो। जल्दी से इस चूत की खुजली शांत करो। बहुत तड़प रही हूं।
मैंने जल्दी से उनकी गोरी मांसल जांघों को दूर दूर किया और लौड़ा पकड़ कर अपना सुपाड़ा चूत के मुंह पे टिका कर सहलाया।
फिर एक धीरे से ज़ोर लगाया जिससे लंड खच की आवाज़ से अंदर गर्म गर्म चूत में अंदर तक समा गया।
वो आंखें बंद कर मस्त होने लगी।
मैं बोला- निशा तुम बहुत मस्त हो।
वो मुस्कुरा दी।
मैंने अपने लंड का वेग बढ़ा दिया; लंड जल्दी जल्दी अंदर बाहर चलने लगा।
लंड पूरे ज़ोर से अंदर बाहर आ जा रहा था जिससे निशा की चूचियाँ भी हिल रही थीं।
दोनों बूब्स को मैंने हाथ में भर कर मसलना शुरु कर दिया था और उनके निप्पल भी अपने होंठों में चूसने लगा।
निशा की जवानी लूट कर 10 मिनट तक गर्म लंड रोड सा उसकी बुर को फाड़ता रहा।
फिर मैंने उसकी चूत से लंड बाहर निकाला और अपना गर्म वीर्य उसकी चूत के ऊपर और टोंढी के छेद में डाल दिया।
अब वो शांत हो चुकी थीं और मेरा पहला प्यार का क्लास 1 घंटे में खत्म हुआ था।
सेक्स की इस क्लास में मुझको मज़ा मिला था।
अनोखा मज़ा। Antarvasna Stories
आज स्कूल में Antarvasna अचानक जल्दी छुट्टी हो गई तो मैं घर आ गया। जैसे ही दरवाजे के पास पहुँचा कि मैंने सुना:
आई … ई … मान जाओ न … यह दीदी की आवाज थी।
मैं चौंक पड़ा … मैंने दरवाजा खटखटाने का इरादा त्याग दिया और दबे पाँव दरवाजे तक पहुँच गया और सुनने लगा।
अन्दर दीदी और किसी मर्द की आवाज आ रही थी- उचक क्यों रही है … कोई पहली बार दबा रहा हूँ क्या … पुच्च पुच्च पुच्च!
“इतना जोर से क्यों दबाते हो? मुझे दर्द नहीं होता क्या?”
“इतने समय के बाद मिलेगी तो सब्र कैसे होगा!”
“आप ही तो एक साल के बाद आये हो!”
“आह्ह्ह … मेरी जान् … याद है … पिछली बार कैसे छत पर तेरी चूत चोदी थी! पुच्च पुच्च!”
“सब याद है … कुछ बिछाया भी नहीं था … पूरी छिल गई थी पीछे से!”
“सच … पुच्च् पुच्च … पर बहुत मजा आया था! सच पूछे तो तुझे चोदने बाद तेरी बहन को चोदने में बिल्कुल भी मजा नहीं आता! तुझे भी तो मजा आता है न?”
“हाँ … पर थोड़ा धीरे दबाओ … आईइ … लगती है!”
“चुदते समय तो नहीं होता दर्द तुझे?”
“उस समय तो मैं दूसरी दुनिया में होती हूँ!”
फ़िर कुछ देर शान्ति रही.
“चल अब बैडरूम में चलें!”
“अभी नहीं … भाई आने वाला होगा.”
“अभी तो दो ही बजे हैं … वो तो चार बजे आयेगा.”
“जल्दी भी आ सकता है … रात को सबके सोने के बाद आऊंगी.”
“ज्यादा नखरे मत कर!”
“मान जाओ … पूरी रात चोदना फिर!”
“तो एक जल्दी वाला राउंड कर लेते हैं … लंड भरा हुआ है … आह्ह आह्ह!”
“बीच में मत छोड़ देना मुझे!”
“आज तक छोड़ा है क्या … बहन की लौड़ी … हमेशा तेरी चूत खाली करके झड़ा है.”
फ़िर उनके जाने की आवाज आई तो मैं दौड़कर घर के पीछे पहुँच गया जहाँ की खिड़की से बैडरूम के अन्दर सब दिखता था।
दोनों एक दूसरे की कमर में हाथ डाले कमरे में आये।
ओह … ये तो समीर जीजाजी हैं … मामा की बेटी के पति … तो दीदी इनसे भी?
हे भगवान … इस लड़की ने कोई लंड छोड़ा भी है क्या!
और आते ही जीजाजी ने उसे बाँहों में भींच लिया और फ़िर उनके होठ चिपक गये।
वे हाथों से उसकी चूची, कमर व गांड को जोर जोर से भींच रहे थे।
वह बिलबिला रही थी- आह्ह्ह … ऐसे क्यों अकुला रहे हो … मैं कहीं भागी जा रही हूँ क्या?
दीदी हाँफ़ते हुए बोली।
और फ़िर जब जीजाजी ने उसे नंगी करना शुरू किया तो दीदी बोली- पूरे कपड़े नहीं … अभी तो ऐसे ही चोद लो … रात में चाहे जैसे चोदना!
“ज्यादा नखरे मत कर बहनचोद … अभी काफ़ी वक्त है!”
और फ़िर आनन फ़ानन दोनों नंगे हुए और कस कर फ़िर लिपट गये।
लिपटे लिपटे जीजू ने उसे पलंग पर पटक लिया और उसके ऊपर आ गये!
फ़िर रगड़ना शुरू कर दिया।
मेरी बहन भी बराबर सहयोग कर रही थी।
सात इंच का लंड चूत की गहराई नापने के लिये बेताब था तो चूत भी उसका घमंड तोड़ने के लिये आतुर थी।
“कैसे चुदवायेगी मेरी जान?”
“शुरूआत तो सीधे ही करो!”
और दीदी ने टांगें फ़ैला दी.
तो जीजू ने लंड चूत पर टिका दिया और फ़िर होठों पर होंठ जमाकर चूसना शुरू किया तो सीमा ने भी हाथ से लंड को पकड़ कर चूत पर सैट किया और चूतड़ उचकाए.
चूत ने लंड को अपने भीतर समा लिया.
फिर सीमा ने अपनी टांगों में जीजू को लपेट लिया … लंड जड़ तक समा गया।
थोड़ी देर प्यार करने के बाद जीजू ने पोजीशन ली और दनादन ठोकना शुरू कर दिया।
वह आह्ह्ह आह्ह्ह करती रही और चूत ठुकती रही.
बीच बीच में जीजू उसे चूम भी रहे थे।
दीदी भी अब गर्म हो चुकी थी।
फ़िर वे अलग हुए और उन्होंने दीदी को हाथ पकड़ कर खड़ा किया और पलंग की ओर मुँह करके झुका दिया।
दीदी ने हाथ पलंग पर जमा दिये।
उसकी चूत मेरी तरफ़ थी।
जीजाजी उसकी पैंटी से पहले चूत पौंछी और फ़िर अपने सात इंच के लंड को पीछे से चूत पर टिकाया और एक जोरदार धक्का दिया।
दीदी बिस्तर पर गिर गई.
“थोड़ा आराम से डालो ना जीजू राजा!”
उन्होंने उसे फ़िर उठाया और इस बार थोड़ा आराम से लंड चूत में घुसेड़ा और फ़िर चोदने लगे।
वह भी चूतड़ हिला हिला कर धक्के मार रही थी- आह्ह मेरे प्यारे जीजू … और जोर से!
“ले मेरी जान! तेरी मस्त चूत को फ़ाड डालूँगा आज!”
और इस तरह उसने पहले उसकी चूत पीछे से खूब ठोकी और फ़िर उसे सीधे लिटा कर खूब पटक पटक के चोदा।
काफ़ी देर बाद वे झड़े और फ़िर लंड डाले ही उसके ऊपर लेट गये।
मैं वापस लौट गया और फ़िर काफ़ी देर बाद आया। Antarvasna
दोस्तों आपको ये तो पता ही होगा Antarvasna कि मैं इन्दौर में रहता हूँ। आपने मेरी इस कहानी का पहला भाग पढ़ा, उसके शीर्षक में थोड़ी गलती हो गई थी, मेरी कहानी का शीर्षक “शबनम और उसकी दो बेटियाँ” हैं।
मेरी कहानी की पात्र शबनम की दो बेटियाँ हैं, बड़ी बेटी शमीम और छोटी बानो। शमीम के साथ मेरी चुदाई का सिनेमा हॉल का किस्सा आपको बता चुका हूँ, उस दिन के बाद मेरा नज़रिया उस परिवार के प्रति बदल चुका था। मैं अब बानो जो छोटी लड़की थी, की चुदाई के बारे में सोचा करता था, क्योंकि उसे बूब्स बहुत बड़े-बड़े थे। मैं अब भी उस परिवार में कभी-कभी ही जाया करता था। इस बीच मैं शमीम की २-३ बार उसके घर में ही चुदाई कर चुका था, जब वह घर पर अकेली थी। पर इस चुदाई में ज्यादा मज़ा नहीं आता था क्योंकि ये डर लगा रहता था कि कहीं कोई आ न जाये। ख़ैर अब आपको छोटी लड़की बानो की चुदाई के बारे में बताता हूँ।
एक बार मैं गर्मी की दोपहर में उनके घर गया, दरवाजा बानो ने खोला, वो उस दिन कुछ ज़्यादा ही सेक्सी लग रही थी, उसको शायद यह भी मालूम हो गया था कि मैं उसकी बड़ी बहन के साथ कुछ कर चुका हूँ। मैं घर में अन्दर गया, उसने दरवाज़ा बन्द कर दिया। मैंने उससे पूछा कि बड़ी बहन कहाँ पर हैं तो उसने कहा कि सब लोग पास के गाँव में गये हुए हैं और करीब ९ बजे तक लौटेंगे। मेरी नीयत उसके ऊपर बिगड़ी तो थी ही, मैंनो सोचा क्यों ना आज इसके ऊपर भी ट्राई किया जाये।
मैं कुर्सी पर बैठ गया और उसे पानी पिलाने को बोला। वो पानी लेकर आई तो जान-बूझकर मैं इस तरह से खड़ा हुआ कि पानी का गिलास उसके हाथ से छूटकर नीचे गिर गया। उसने सॉरी बोला और दूसरा गिलास लेने चली गई, दूसरा गिलास लेकर उसने मुझे दिया और फर्श पर गिरा पानी साफ करने लगी। जब वह नीचे झुकी तो उसके कुर्ते में से उसके बड़े-बड़े मम्मे दिखने लगे, उसको शायद महसूस हो गया कि मेरी निगाहें उसके बूब्स पर हैं, फिर भी वो लापरवाही से पानी साफ करती रही, इससे मेरी हिम्मत कुछ बढ़ गई। एक तो अकेलापन और गर्मी की आलस भरी दुपहरी, इससे शायद उसमें भी सेक्स के प्रति कुछ भाव पैदा होने लगा था।
मैंने उससे पूछा कि तुम क्या कर रही थी, तो उसने बताया कि वह अभी कपड़े धोकर आई है, अभी उसको नहाना है। मैंने उसे बताया कि मुझे अभी २-३ घण्टे कोई काम नहीं है, इसलिए मैं यहीं बैठता हूँ, तुम नहा लो। ऐसा कहकर मैं पलंग पर बैठ गया और वो नहाने चली गई, बाथरूम उसी कमरे से अटैच्ड था।
थोड़ी देर में बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़ आने लगी, मैं समझ गया कि वो नहा रही है। मैंने धीरे से बाथरूम की किवाड़ में एक छेद से देखा तो वो क्या गज़ब लग रही थी! एकदम नंगी चिकना और गोरा बदन, कभी अपने बूब्स मसलती और कभी चूत पर पानी की धार गिराती। मेरा तो लण्ड तनकर खड़ा हो गया और मैं उसकी चूत में लण्ड डालने के बारे में सोचने लगा। मैंने उसे नंगी नहाते हुए करीब बीस मिनट तक देखा।
फिर उसने पानी बन्द कर अपना बन्द तौलिये से पोंछना शुरू कर दिया। वह अपने बूब्स और चूत को ज़्यादा ही मसल रही थी, उसको ऐसा करते देख कर मेरे लण्ड का तो बुरा हाल हो गया पर कुछ तरकीब समझ नहीं आ रही थी कि उसे कैसे चोदूँ। लेकिन आज की तरह मौका फिर नहीं मिलेगा यह सोचकर मैं उपाय खोजने लगा। जब उसने कपड़े पहनने शुरू कर दिये तो मैं बाथरूम से हटकर पलंग पर लेट गया। करीब ३ मिनट के बाद वो आई, उसने मुझे लेटे हुए देखा तो मुझसे पूछा कि क्या हुआ आप लेटे हुए क्यों हो? मैंने कहा कि मेरा सिर दर्द कर रहा है। तो उसने कहा कि मैं आपके लिए चाय बना लाती हूँ, मैंने कहा अगर तुम नहा चुकी हो तो चाय मत बनाओ, यहाँ मेरे पास बैठे और मेरा सिर दबा दो, थोड़ी देर में सिरदर्द कम हो जायेगा तब चाय बना लाना।
उसने मेरी बात मान ली और पलंग के किनारे पर बैठ कर मेरा सिर दबाने लगी। एक तो वो नहाकर आई थी, और उसकी मादक गंध और तनहाई ने मुझे बहुत उतावला बना दिया था, जिससे मेरा लण्ड भयंकर रूप से मुझे परेशान करने लगा था। मैंने उससे कहा कि वो ऊपर पलंग पर बैठ जाये और मेरे सिर को अपने गोद में रख ले, उसने मेरी बात मान ली और पलंग के ऊपर बैठकर मेरा सिर उपनी गोद में रख लिया। अब मुझे लगने लगा था कि मैं इसको आज चोद लूँगा। उसने मेरे सिर पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। मैं धीरे-धीरे उसकी गोद में समाने लगा, जिससे मेरा सिर उसके बूब्स से छूने लगा, उसे भी शायद अच्छा लग रहा था।
थोड़ी देर सिर दबाने के बाद मैंने उससे पूछा कि उसका मेरा सिर दबाना कैसा लग रहा है तो उसने कहा कि अच्छा लग रहा है। मैंने उससे कहा कि अब तुम लेटो, मैं तुम्हारा सिर दबा देता हूँ। वो बोली, मेरा तो सिर नहीं दुख रहा है। पर मैंने कहा कि तुमने मेरा सिर दबाया, इसलिए मेरा भी फर्ज़ बनता है कि मैं अब तुम्हारा सिर दबाऊँ। मैंने ज़ोर दिया तो वह लेट गई। मैंने उससे कहा कि तुम मेरी गोद में अपना सिर रख लो, मुझे भी अच्छा लगेगा, उसने वैसा ही किया। मैं उसका सिर दबाने लगा, और धीरे-धीरे उसके गालों को भी सहलाने लगा, वह कुछ नहीं बोली। मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैंने उसका एक हाथ मेरे हाथ में ले लिया। ५ मिनट तक सर दबाने और हाथ सहलाने के बाद, मैंने उसके कंधों पर भी अपने हाथ फेरने शुरू कर दिये, उसे अच्छा लग रहा था, इसलिए वह चुपचाप रही, मेरी हिम्मत और भी बढ़ी, और मेरे हाथ अब उसके कंधे से हटकर उसके बूब्स को भी छूने लगे। वो भी चुपचाप मेरे सहलाने का मज़ा लेने लगी।
अब मुझे अपनी मेहनत सफल होती दिख रही थी, मैंने उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिया और उसकी बगल में लेट गया। धीरे से उसे अपनी ओर किया और उसके होठों पर किस किया। उसने मेरा हाथ झटक दिया, पर वो वहाँ से हटी नहीं। मैंने फिर उसको ज़बर्दस्ती पकड़ा और अपनी बाँहों में कस लिया। दोस्तों स्वर्ग का अनुभव हो रहा था। उसने फिर ज्यादा कसमसाहट नहीं की और मेरी बाँहों में समा गई, बोली आई लव यू।
फिर क्या था, मैं उसके ऊपर सवार हो गया और उसको किस करने लगा। मैंने उसके कपड़े उतार दिये और उसको ब्रा-चड्डी मे ले आया। फिर चड्डी छोड़कर मैंने मेरे कपड़े भी उतार दिये। अब हम एक दूसरे को किस करने लगे। उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया, मैं उसकी चूत में ऊँगली डालने लगा, तो वह चीखने लगी और आआआहहह… ओओओहह करने लगी। मैंने उसकी ब्रा और चड्डी भी उतार दी और खुद भी नंगा हो गया। वो नंगी क्या लग रही थी, उसके बूब्स इतने बड़े-बड़े थे कि देखने में ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
मैंने उसे पलंग पर लिटा दिया और उसके मम्मे पीने लगा, वो मेरे लण्ड से खेलने लगी। काफी देर तक मैं उसके दोनों बूब्स दबाता और पीता रहा, थोड़ी देर बाद उसने मेरे लण्ड को अपनी चूत की तरफ खींचना शूरू कर दिया, मैं समझ गया कि इसको अब मेरा लण्ड चाहिए। मैं उठकर उसके घुटनों के पास बैठ गया और उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाल दी, क्या चूत थी, बिल्कुल मुलायम बालों से घिरी हुई। अन्दर से शहद जैसा माल बाहर आ रहा था। जी करता था कि खा जाऊँ, पर उसको मेरा लण्ड लेने की जल्दी लगी हुई थी। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया और उसके ऊपर लेट गया और धक्के लगाने शुरू कर दिये।
दो नंगे बदन एक दूसरे में गुँथे हुए थे। उसकी सिसकारी की आवाज़ आ रही थी, मैंने धक्के की स्पीड बढ़ा दी, कुछ ही देर में लगा कि मेरा माल निकल जाएगा तो मैं रूक गया। उसने पूछा कि क्या हुआ, क्यों रूक गये तो मैंने उससे कहा कि अभी तेरे बूब्स दबाने बाकी हैं। मैंने उसे किस्स करना फिर से शुरू कर दिया और दोनों को ऐसे दबाया जैसे कि मैं उनका कचूमर बनाना चाहता हूँ। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने उसको बताया कि मैंने उसे बाथरूम में नंगी नहाते हुए देखा है, तो वो हँसने लगी, बोली- तुम्हारी नियत तो पहले से ही मुझपर खराब है।
दोस्तों, मैं ऐसे आनन्द में था कि उससे निकलने की इच्छा ही नहीं हो रही थी, पर ऐसा होता नहीं। सेक्स की चरम सीमा अपना माल निकल जाने पर ही होती है। मैंने फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिये। वो भी नीचे से कमर उछाल कर मेरा साथ दे रही थी। चूत और लण्ड का संघर्ष चल रहा था। उसकी चूत से निकले पानी से मेरा लण्ड सराबोर था। फच्च-फच्च की आवाजें आ रहीं थीं। ५ मिनट धक्के लगाने के बाद उसने मुझे कुछ ज्यादा जोर से कस लिया, मैं समझ गया कि ये अब जाने वाली है। मैंने भी धक्कों की गति तेज़ कर दी और १५-२० धक्कों के बाद इधर मेरे लण्ड ने अपना माल निकाल और उधर नीचे उसकी चूत भी पानी छोड़ने लगी।
क्या आनन्द था! काफी देर तक हम एक दूसरे की बाहों में समाये किस करते हुए नंगे ही पड़े रहे। उसकी चूचियाँ पीते हुए एक बार फिर मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैंने उससे कहा कि तुम मेरा लण्ड चूसो, मैं तुम्हारी चूत चूसता हूँ। हम ६९ की पोज़ीशन में आ गये। मैं नीचे और वो ऊपर। उसकी इच्छा फिर से होने लगी, वो मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर उसको लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी और मेरे मुँह पर अपनी चूत ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगी।
५ मिनटों तक एक-दूसरे के लण्ड-चूत का स्वाद लेने के बाद वो लेट गई, और बोली कि फिर डाल दो। मैंने पूछा क्या, तो बोली लण्ड डाल दो। फिर मैंने पूछा, किसमें, तो बोली कि मेरी चूत में। मैंने उसकी टाँगें चौड़ी कीं और अपना लण्ड फिर उसकी चूत में डाल दिया। अबकी बार मुझे मेरा माल निकल जाने की बिल्कुल भी टेन्शन नहीं थी। मैंने तेज़-तेज़ धक्के देने शुरू कर दिये, वो अजीब सी आवाज़ें निकालने लगी। करीब २० मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी चूत में ही छोड़ दिया। उस दौरान उसकी चूत ने दो बार पानी छोड़ा।
हमने थोड़ी देर तक पलंग पर लेटे रहने के बाद, अपने-अपने कपड़े पहने। फिर एक दूसरे की बाहों में काफी देर तक बैठे रहे, चाय भी पी, उसके बाद करीब पाँच बजे मैं उससे फिर आने का वादा करके और एक चुदाई और करके वहाँ से निकला।
तो दोस्तों, कैसा लगा आपको मेरा ये किस्सा? पर ये हकीक़त है और वासना का ऐसा मायाजाल जिसको आप सुनकर ताज्जुब करेंगे। आपको अगली बार बताऊँगा कि कैसा मैंने इन दोनों बेटियों और इनकी माँ शबनम को एक ही बिस्तर पर पूरी रात चोदा। आपके मेल का इन्तज़ार रहेगा। मुझे आज भी नई चुदाई का शौक है। मेरा मेल आई-डी है: Antarvasna
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.